"क्या मतलब है की कल गांड मारकर चला जाऊँगा?" दीदी गुस्से से चीखी और रुबेन को हटाते हुए मुझसे बोली "जा जरा उस कमीने लाला को बुला कर ला."
तब तक घर की घंटी फिर से बज उठी. मैंने देखा तो लाला ही था. वो मुझसे पूछने लगा "क्यों मजा आया न रश्मि को. वैसे रुबेन का लंड देखकर बड़ी बड़ी रंडिया डर जाती है फिर तुम्हारी बहन क्या चीज़ है पर जब एक बार चोद देता है तो बस बार बार चुद्वाती है..."
मैंने कहा "चलो अन्दर. दीदी तुम्हारा ही वेट कर रही है." और मैं उसे लेकर अन्दर आ गया. दीदी उसपर बहुत नाराज़ हुई. कहने लगी "मैं क्या रस्ते की कुतिया हूँ क्या जो तुम किसी को भी लाकर मेरे ऊपर चढ़ा दे रहे हो. समझा लो अपने दोस्त को की इसी वक़्त यहाँ से चला जाए वरना आगे से कभी तुम लोगो को घर में नहीं घुसने दूँगी. चलो निकलो यहाँ से."
दीदी का रौद्र रूप देखकर मैं समझ गया की अब वो किसी भी हाल में रुबेन को बर्दाश्त नहीं करेंगी. मैं लाला और रुबेन को बाहर ले आया और समझाया "देखो लाला भाई आज दीदी का मूड बहुत ख़राब है. तुम रुबेन से कहो की आज चला जाए."
रुबेन बोला "आज मूड ख़राब है तभी तो कह रहा हूँ न की कल गांड मारूंगा." मैंने रुबेन की फिर समझाया की वो जिद न करें. लाला ने पुछा "आखिर हुआ क्या?" तब मैंने बताया की कैसे रुबेन की चुदाई से दीदी की चूत से ख़ून निकल आया था. रुबेन बोला "तो क्या हुआ. वो तो बहुत लड़कियों के निकल आता है. लाला याद है न की रुची के भी निकला था."
लाला ने कहा "हाँ ओम ने बताया तो था पर यार तुमको थोडा ध्यान रखना चाहिए था. अब देखो लौंडिया बिदक गई न. एक काम करो तुम फार्म हाउस पर चले जाओ. वहाँ रुची रात तक रहेगी. अभी वही जाकर अपनी हसरतें निकालो. रही बात रश्मि की गांड की तो वो तुम्हे जल्दी ही दिलवा दी जाएगी."
रुबेन बड़ी मुश्किल से माना और लाला के साथ गया. मैंने दरवाजा बंद किया और वापस दीदी के पास आ गया. दीदी ने पुछा "क्या हुआ? चला गया." मैंने कहा "हां. फार्म हाउस गया है. पता नहीं आज रुची का क्या हाल होगा."
दीदी बोली "वैसे आज ये ख्याल आया की अगर मैंने पहले ही तेरी बात मान ली होती तो इन लोगो के चक्कर में नहीं फसती. सालों ने बुरी हालत कर दी मेरी." दीदी की ये बात सुनकर मुझे काफी ख़ुशी हुई क्योंकि ये साफ़ था की आज के बाद दीदी की चुदाई का रास्ता मेरे लिए बिलकुल साफ़ हो गया है. उधर फार्म हाउस पर रुची ओम और मयंक से बेतरह चुद रही थी और मयंक और ओम उसको चोद चोद कर काफी थक गए थे... आज काफी दिनों बाद उसे थ्रीसम का मौका मिला था पर उसे मालूम नहीं था की थोड़ी ही देर में उस पर क्या क़यामत आने वाली है. और थोड़ी ही देर में रुबेन ने सलमान के साथ बेडरूम में एंट्री मारी और देखा की मयंक घोड़ी बनाकर रुची चूत मार रहा है. सलमान और रुबेन ने अपने कपडे भी उतार दिए और लाइन में शामिल हो गए.
जैसे ही मयंक झडा वैसे ही रुबेन ने अपना हलब्बी लंड रुची की चूत में घुसेड दिया. हालाँकि रुची की चूत मयंक के माल से एक दम चिकनी थी फिर भी दर्द से उसकी जान निकल गयी. उसने घबरा कर आँखे खोली तो देखा की रुबेन ने उसकी चूत में अपना लंड पैवस्त किया हुआ था और सलमान अपना मोटा लंड हाथ में लेकर हिला रहा था. ओम और मयंक थक कर किनारे बैठ कर रुची की ताबड़तोड़ चुदाई को देखने को बेचैन हो रहे थे.
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Re: नए पड़ोसी
रुची जोर से चिल्लाई "आहा मर गई… ह्ह्ह्ह्ह् क्या मोटा लंड है तेरा कुत्ते! अरे सलमान तू भी तो अपना लंड पकड़वा, सबका चख लिया तेरा कैसा है तू भी चखा ना!"
सलमान ने अपना लंड रुची के मुह में ठूंस दिया तो रुची उसका लंड चूसने लगी तभी मयंक बोला "इसको ऐसे मजा नहीं आएगा. हमे सब लंड एक साथ डालने चाहिए अलग अलग नहीं" रुची ने जब अपने भाई की ये बात सुनी तो पूरे जोश से बोली "जिस लड़की के तेरे जैसे भाई हो उसे दुश्मनों की क्या जरूरत. सुन ले कुतिया बन रही हूँ, जिसको जहाँ जो छेद मिले वहीं अपना लंड घुसा दो जल्दी"
रुची कुतिया की तरह पोज़ लेकर उन चारों के बीच में आ गई। ओम उसके नीचे आ गया और रुची को अपने ऊपर ले लिया और उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया। रुबेन पहले ही उसकी गांड के पीछे था और अब जब ओम उसकी चूत चूसने लगा तो उसने अपना लंड रुची की गांड में धीरे से रख कर अन्दर फंसा दिया. सलमान ने भी अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया।
अब मयंक बचा था, मयंक का लंड रुची ने अपने हाथ में ले लिया और कहा- कोई बात नहीं भैया आज तुम्हारी मुठ मैं ही मारूंगी, इन तीनों में से जो भी पहले झड़ेगा उसके बाद तूम आ जाना!
चारों जब एक साथ शुरू हो गए तो रुची के होश ही उड़ गए. रुबेन ने धीरे धीरे अपना हलब्बी लंड रुची की गांड में धीरे धीरे घुसा दिया. रुची भूल ही गयी की किस छेद में किसका लंड है. वो जोर जोर से चिल्लाने लगी "अआः अह्ह्ह्छा मर गई सालो! कमीनो! मार डाला आज तुमने रुची को उईईइ उईईई अहा आ या क्या बात है चार चार लण्डों के बीच में अकेली चूत अह्ह्ह! फाड़ दे ओम आज चूत को जी भर के फाड़ सलमान गांड को आज बिल्कुल मत छोड़ना गांड का कुआं बना दे आज! आ जाओ! आ जाओ! रुबेन मयंक! तुम्हारी लंड की खुजली को ख़तम करूँ बारी बारी से चूस कर!"
बड़ी देर तक चारों बदल बदल कर रुची की चूत गांड को फाड़े जा रहे थे। चारों जब झड़ गए तब भी थोड़ी देर रुकने के बाद एक एक पैग लगा कर फिर से मैदान में आ जाते और क्यों न आते आज उन्हें रुची की चुदाई का सुख जो मिल रहा था फिर न जाने कब तक वो चुदाई करते रहे पर रुची का जी नहीं भरा पर टाइम की पाबन्दी थी तो उसने अगली बार के लिए सबसे वादा लिया कि वो अगली बार फिर से एक साथ उसे चोदेंगे।
सलमान ने अपना लंड रुची के मुह में ठूंस दिया तो रुची उसका लंड चूसने लगी तभी मयंक बोला "इसको ऐसे मजा नहीं आएगा. हमे सब लंड एक साथ डालने चाहिए अलग अलग नहीं" रुची ने जब अपने भाई की ये बात सुनी तो पूरे जोश से बोली "जिस लड़की के तेरे जैसे भाई हो उसे दुश्मनों की क्या जरूरत. सुन ले कुतिया बन रही हूँ, जिसको जहाँ जो छेद मिले वहीं अपना लंड घुसा दो जल्दी"
रुची कुतिया की तरह पोज़ लेकर उन चारों के बीच में आ गई। ओम उसके नीचे आ गया और रुची को अपने ऊपर ले लिया और उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया। रुबेन पहले ही उसकी गांड के पीछे था और अब जब ओम उसकी चूत चूसने लगा तो उसने अपना लंड रुची की गांड में धीरे से रख कर अन्दर फंसा दिया. सलमान ने भी अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया।
अब मयंक बचा था, मयंक का लंड रुची ने अपने हाथ में ले लिया और कहा- कोई बात नहीं भैया आज तुम्हारी मुठ मैं ही मारूंगी, इन तीनों में से जो भी पहले झड़ेगा उसके बाद तूम आ जाना!
चारों जब एक साथ शुरू हो गए तो रुची के होश ही उड़ गए. रुबेन ने धीरे धीरे अपना हलब्बी लंड रुची की गांड में धीरे धीरे घुसा दिया. रुची भूल ही गयी की किस छेद में किसका लंड है. वो जोर जोर से चिल्लाने लगी "अआः अह्ह्ह्छा मर गई सालो! कमीनो! मार डाला आज तुमने रुची को उईईइ उईईई अहा आ या क्या बात है चार चार लण्डों के बीच में अकेली चूत अह्ह्ह! फाड़ दे ओम आज चूत को जी भर के फाड़ सलमान गांड को आज बिल्कुल मत छोड़ना गांड का कुआं बना दे आज! आ जाओ! आ जाओ! रुबेन मयंक! तुम्हारी लंड की खुजली को ख़तम करूँ बारी बारी से चूस कर!"
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- Ankit
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Re: नए पड़ोसी
Superb update
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Re: नए पड़ोसी
nice update bhai
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