नए पड़ोसी complete

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Rishu
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Re: नए पड़ोसी

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दिव्या शरारत से बोली "अरे नहाना तो मुझे भी है. चलो हम दोनों साथ में नहाते है."

मुझे आईडिया अच्छा लगा तो मैंने दिव्या से कहा "ये किचन का काम बंद करो और चलो मेरे साथ." और उसको लेकर छत के रास्ते मैं वापस अपने घर आ गया. दिव्या को दीवार कूदने में दिक्कत होती थी तो मैंने छत की दीवार एक जगह से तुडवा कर आने जाने का रास्ता बनवा दिया था. उसी से हम दोनों नीचे आ गए. बाथरूम से शावर की आवाज आ रही थी. मैंने फ़ौरन अपने कपडे उतारे और दिव्या को भी कपडे उतारने का इशारा करके बाथरूम का दरवाजा खोल कर अंदर घुस गया. शावर के नीचे रश्मि दीदी पूरी नंगी होकर नहा रही थी और उन्होंने पूरी बॉडी पे साबुन लगा रखा था. उनके चेहरे पे भी साबुन लगा था वो अपने शरीर पर साबुन मल रही थी. दीदी का फिगर शादी के बाद और कातिल हो गया था. अचानक दीदी साबुन धोकर घूमी तो मुझे देखकर उनकी चीख निकल गई. इतने में दिव्या भी बाथरूम में घुस गई एकदम नंगी.

दीदी मुझसे बोली "अरे सबर नहीं है. बोला तो था की आ रही हूँ और तुम दोनों सीधे बाथरूम में घुस गए. खामखा डरा दिया."

तो दिव्या बोली "मनीष ने सोचा तुम्हे सरप्राइज दे"

दीदी मेरे करीब आई और मेरे सीने पर उंगली घुमाते हुए बोली "आज कल बड़ा सरप्राइज देने लगा है तू. पर दिव्या हम दोनों नंगी खड़ी हैं और ये कमीना चड्डी में. इसको कितनी बार बताया कि बाथरूम में पूरा नंगे होकर नहाते हैं. चलो निकालो इसकी चड्डी" और दोनों ने मिलकर मेरी चड्डी भी उतार दी.

मेरा लंड दीदी को देख कर पूरा लंड खड़ा था. उसको दोनों हाथों से सहलाते हुए दीदी बोली "आज तो इसका पूरा जूस पी जाऊंगी"

दिव्या बोली "थोडा मेरे लिए भी छोड़ देना"

रश्मि दीदी हसी और फिर दोनों नीचे बैठ गई और जीभ निकाल कर लंड को ऐसे चाटने लगी जैसे कोन आइसक्रीम खा रही हो.

थोड़ी देर बाद दिव्या खड़ी हुई और मुझे किस करने लगी मैंने उसके मुँह में जीभ घुसा दी और वो मेरी जीभ चूसने लगी. नीचे रश्मि दीदी लंड को चूस रही थी. और मैं दोनों हाथों से कभी दिव्या के बूब्स दबाता कभी उसकी बड़ी गांड को सहलाता.

दिव्या बोली "रश्मि एक काम करते है. मनीष तुम नीचे लेटो."

मैं नीचे लेट गया तो दिव्या बोली "रश्मि अब हम दोनों लंड चूसेंगे और मनीष हम दोनों की चूत"
Rishu
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Re: नए पड़ोसी

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दोनों मेरे मुँह की तरह चूत करके झुक गई. दोनों की पाव रोटी जैसी क्लीन शेव और चिकनी चूत पीछे को उभर आई. सबसे पहले दिव्या ने रश्मि दीदी को मेरे मुँह पर चूत रखने को कहा और रश्मि दीदी ने मेरे कंधों के दोनों तरफ घुटने रख कर चूत मेरे मुँह पर रख कर दिव्या के साथ मेरा लंड चूसने लगी. मैंने अपनी जीभ निकाली और रश्मि दीदी की चूत के होंठों को चाटने लगा, फिर जीभ को होंठों के भीतर घुस कर चाटने लगा फिर चूत के दाने को चाटने लगा और चूसने लगा.

मैं दीदी की चूत चूसता हुआ एक हाथ से उनके मम्मे दबा रहा था और दूसरे हाथ से दिव्या की चूत सहला रहा था. दिव्या की चूत भी दीदी की चूत की तरह पानी छोड़ रही थी जिससे मेरी उंगली भीग गई जिनको मैं मुंह में लेकर चाट गया और अब दिव्या की चूत में दो उंगली डाल कर उसकी चूत उंगलियों से चोदने लगा और रश्मि दीदी की चूत को जीभ से चोदने लगा.
थोड़ी देर में दीदी का शरीर अकड़ा और उसने मुँह में लंड को भी दबा लिया और उसकी चूत ने मेरे मुँह में पानी की बौछार कर दी. नमकीन चूत रस मेरे मुँह में भर गया और दीदी मेरे ऊपर ही लेट गई तो दिव्या ने उनको साइड किया और खुद मेरे साथ 69 हो गई.

अब दिव्या लंड चूस रही थी और मैं दिव्या की चूत. दिव्या की चूत का टेस्ट तो मुझे बहुत ही पसंद था. थोड़ी देर बाद दीदी भी दिव्या के साथ लण्ड चूसने लगी. अब मैं दिव्या की चूत चूसते हुए एक हाथ से उसके मम्मे दबा रहा था और एक हाथ से दीदी की चूत सहला रहा था.

रश्मि दुबारा से रेडी हो रही थी. शावर का पानी भी दिव्या की गांड से होता हुआ मेरे मुँह पर आ रहा था. थोड़ी देर बाद दिव्या उठी और मेरे खड़े लंड पर बैठ कर उसे अपनी रसीली चूत में लेते हुए दीदी को बोली "तुम अपने भाई के मुँह पर बैठो. जब तक मैं लंड की सवारी करती हूँ तुम इसकी जीभ से चूत चुदाई का आनन्द लो."

अब हमारी पोजीशन ये थी कि मैं फर्श पर पीठ के बल लेटा था. मेरे ऊपर दीदी ऐसे बैठी थी कि उनकी पीठ मेरी टांगों की तरफ थी और वो घुटनों के बल मेरे मुंह पर बैठ थी और हाथों से उसने दीवार पर लगा टॉवल स्टैंड पकड़ा हुआ था. दिव्या का मुँह मेरे मुँह की तरफ था और वो मेरे लंड पर सवार थी. मेरे हाथ दिव्या की चूचियों पर थे और दिव्या ने रश्मि दीदी की चूचियों को पकड़ा हुआ था.

मेरे ऊपर एक साथ दो चूत सवार थी. एक मेरे मुँह पर और दूसरी मेरे लंड पर. मैं रश्मि दीदी की चूत को जीभ से चोद रहा था और दिव्या मेरे लंड से खुद चुदवा रही थी और दीदी की चुची भी दबा रही थी. ऊपर से ठंडा पानी हमारी चुदाई और वासना की आग को और भड़का रहा था.

दिव्या बोली "आहह… रश्मि उम्म्म… मनीष का लंड तुझे देख कर ज्यादा मोटा हो गया है तभी तो मेरी चूत में कस कर घुसा लग रहा है उम्म्म… ओहह… लगता है चूत फट जायेगी. बहुत मस्त हो गया है इसका लौड़ा अपनी बहिन को नंगा देखकर. आज इसको जी भर कर चोदेंगे और चुदवायेंगे भी.
Rishu
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Re: नए पड़ोसी

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रश्मि दीदी "ओहह… हाँ दिव्या पहले आप कर लो लंड की सवारी उम्म्म… फिर मैं भी करुँगी. अभी तो ये कमीना मेरी चूत को जीभ से ही ऐसे चोद रहा है जिसका कि मैं बता नहीं सकती आहहह… ऐसे ही चूस बहन के लौड़े!"

दिव्या ने रश्मि दीदी के मुँह को पीछे किया और एक दूसरे को किस करते हुए मेरे लंड पर उछलने लगी. अब रश्मि दीदी टॉवल स्टैंड को पकड़ के पीछे को झूल गई जिससे दिव्या रश्मि दीदी की चुची भी चूसने लगी अभी किस करती कभी चुची दबाती कभी चुचियों को चूसती.

फिर 5 मिनट बाद दिव्या ने रश्मि दीदी को छोड़ा और मेरे सीने पर हाथ रखकर जोर जोर से लंड पर उछलने लगी. मैंने भी नीचे से लंड की स्पीड बढ़ा दी तो दिव्या बकने लगी "बहनचोद साले, फाड़ दे मेरी इस चूत को! बहुत आग लगी हुई है इसमें आहह… ओह्ह… मादरचोद साले आज एक हफ्ते से तेरे लंड के लिए तड़प रही हूँ. आज बुझा दे इस कमीनी चूत की आग…
ओह्ह हाँ ऐसे ही आहह… आहह… ओह्ह… मैं जाने वाली हूँ… आहह… मेरी चूत बहन की लौड़ी निगोड़ी छिनाल चूत अहःहःहः मेरी चूत ओह्ह मेरी कमीनी चूत आहह गई."

और उसने मेरे सीने को अपनी मुठ्ठियों में भींच लिया और मैंने रश्मि दीदी की चूत को मुँह में दबा लिया तो दीदी की भी चीख निकल गई और दिव्या मेरे ऊपर ही गिर गई.
दो तीन मिनट बाद दिव्या एक साइड हुई और लंड को किस किया और फिर दीदी से बोली "चलो डार्लिंग, अब अपने भाई के लौड़े का मजा दे तेरी इस कमीनी चुदक्कड़ चूत को!"

और रश्मि मेरे मुँह से खड़ी होकर मेरे लंड पर चढ़ गई. मैं भी बाथरूम की दीवार का सहारा लेकर बैठ गया और दीदी के बूब्स चूसने लगा. अब दीदी मेरे लंड पे जोर से उछलने लगी तो मैं दीदी की बड़ी गांड पर दोनों हाथों से जोर जोर से थपकी देने लगा.

फिर मैंने दीदी को खड़ा किया घोड़ी बनाया तो दिव्या फर्श पर टाँगें फैलाकर लेट गई और मैं दीदी को घोड़ी बना कर चोदने लगा. रश्मि दिव्या की चूत में उंगली करने लगी और थोड़ी देर बाद दीदी घुटनों के बल बैठ गई. मैं भी दीदी की बड़ी बड़ी चुचियों को दबाते हुए कभी उसकी गांड पर थपकी मारते हुए चोदने लगा. रश्मि अब दिव्या की चूत चूसने लगी.
थोड़ी देर में दीदी की गांड की स्पीड पीछे की ओर बढ़ गई और उसने दिव्या की चुचियाँ पकड़ के जोर से दबाते हुए उसकी चूत चूसने लगी. फिर दीदी दिव्या के ऊपर लेट गई पर मैंने स्पीड बढ़ा दी तो रश्मि बोली "साले कमीने, जलन हो रही है चूत में! रुक जा, थोड़ी देर फिर चोद लेना!"

लेकिन मेरी स्पीड बढ़ती गई, आखिर रश्मि पलट गई और लंड चूत से बाहर आ गया पर तुरंत ही दिव्या ने मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया और शॉवर बन्द कर दिया. अब रश्मि भी दिव्या के साथ चूसने लगी. थोड़ी देर में लंड ने अपनी गाढ़ी मलाई फेंकना शुरू किया जिसे दिव्या और रश्मि दीदी ने अपने मुँह में ले लिया कुछ उनके मुँह पर भी फैल गया. जिसे बाद में उन दोनों ने एक दूसरे के मुँह को चाट कर साफ़ किया.

फिर हम अच्छे से नहाये और बाहर आये.
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Re: नए पड़ोसी

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रश्मि दीदी बोली "सच बहुत दिनों बाद आज इतना मजा आया है."

दिव्या ने कहा चलो घर चलते है. खाना भी तो खाना है. रात हो ही चुकी थी तो हम तीनो नंगे ही छत से दिव्या के घर वापस आ गये. हम सभी किचन में आ गए. किचन में दिव्या और रश्मि ने मिल कर कुछ खाना बनाया और मैं उन दोनों के बदन से खेलता रहा.

मैंने कहा- "रोटी बाद में बना लेंगे. पहले कुछ मस्ती हो जाये! खाने के समय गर्म गर्म रोटी बना लेना."

किचन में दीदी को काफी गर्मी लग रही थी तो दीदी बोली "यार यहाँ भी दिल्ली की तरह बहुत गर्मी है, बीयर है क्या ठंडी?"

दिव्या "यार फ्रीज़ में होगी बीयर देखो मनीष. राजेश ही रख गए थे तो काफी ठंडी होगी वरना तो आइस क्यूब भी हैं फ्रीज़र में, ट्रे में निकाल ले!"

वो किचन काफी बड़ी थी. किचन के बीच में बड़ा स्लैब बना था. रश्मि दीदी बीयर और आइस क्यूब ले आई. दिव्या ने तीन बीयर मग निकाले और उसमें रश्मि दीदी ने बीयर डाली. दिव्या और रश्मि दीदी ने लंड से मग टकरा कर मुझे बर्थडे विश किया और हम तीनों एक दूसरे के मग से बीयर पीने लगे.

मैंने रश्मि दीदी को बीयर की बोतल दी और उसको अपनी चुचियों पर बीयर डालने को कहा. दीदी ने अपनी चुचियों पर बीयर डाली और मैं चुचियों और पेट से होते हुए चूत पर आई बियर को मुह लगा कर पीने लगा.

अब दिव्या को भी स्लैब पर बिठा दिया और उसको भी एक बीयर की बोतल दे दी. अब मैं कभी रश्मि दीदी की चूत से तो कभी दिव्या की चूत से बीयर का मजा लेने लगा.

उन दोनों को भी चूत चूसवाने में बड़ा मजा आ रहा था, दोनों अब साथ में बैठी थी तो एक दूसरे को भी किस कर रही थी. अब मैं दीदी की चूत को चाट रहा था और बहती बीयर का मजा ले रहा था कि अचानक दिव्या नीचे उतर कर मेरे साथ आ बैठी और मुझे उसने खुद रश्मि दीदी की चूत चाटने का इशारा किया.

मैं अब खड़ा हो गया और ऊपर स्लैब पर चढ़ गया और दीदी के दोनों और पैर रख कर खड़ा हो गया. रश्मि दीदी के मुँह के ठीक ऊपर लण्ड करके बीयर डालते हुए दीदी को बोला "डार्लिंग अब तेरी बारी अब तुम लंड से बीयर पीओ और दिव्या तेरी चूत से बीयर पीयेगी.आह कितना मस्त मजा आ रहा है चिल्ड बीयर से लंड को… कितनी ठंडक मिल रही है. आहह चाटो मेरे अण्डों को, मेरी गोलियों को चूसो और बीयर का मजा लो."

रश्मि दीदी "अःहः दिव्या ऐसे ही चाटो. क्या चाट रही हो… बहुत चुदक्कड़ हो साली… आज चूत का रस और बीयर दोनों का मजा लो. बहन के लौड़े मनीष. जरा आराम से बीयर डाल ना लंड पर आधी पी रही हूँ और आधी मेरे ऊपर बह रही है.
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Re: नए पड़ोसी

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मैं "कुतिया बीयर ज्यादा इसलिए डाल रहा हूँ कि इस कमीनी दिव्या को लंड की भी बीयर तेरी चूत के साथ पीने को मिले."

अचानक दीदी जोर जोर से मेरे लंड और मेरी गोलियों को चूसने लगी और थोड़ी उछलने लगी शायद वो झड़ने वाली थी और अचानक से शांत हो गई. दीदी ने ढेर सारा चूत रस दिव्या के मुँह में छोड़ दिया जो बीयर के साथ मिलकर दिव्या के पेट में चला गया.

अब दिव्या अच्छे से रश्मि दीदी की चूत चाट कर खड़ी हुई और उनको अपनी जगह बिठा कर खुद दीदी की जगह बैठ कर मेरे लंड से बीयर चाटने लगी. वो कभी लंड चाटती. कभी मेरी गोलियों को चूसती और नीचे अब रश्मि दीदी भी दिव्या की चूत से बियर पीने लगी.

दिव्या मेरे हाथ से बीयर की बोतल खुद लेकर खुद कभी बियर डालती तो कभी बीयर की घूँट लेकर लंड पर उगल देती. दिव्या लंड को जोर जोर से चूसने लगी और काफी देर से शांत लंड ने अपनी मलाई फेंकनी शुरू की जो कुछ तो बीयर के साथ दिव्या के मुँह में गई कुछ पिचकारी उसकी चुचियों पर गिरी जो बीयर के साथ बह कर दिव्या की चूत से होते हुए रश्मि दीदी के मुंह से पेट में चली गई.

अब रश्मि दीदी और दिव्या ने मुझको चाट कर बीयर साफ़ की फिर मैंने उन दोनों के शरीर को चाट कर साफ़ किया और किचन में ही दोनों एक साथ फिर मेरे लंड को चूस चूस कर खड़ा करने लगी.

कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से लोहे की रॉड जैसा सख्त हो गया तो मैंने दीदी को स्लैब पर बिठा कर दिव्या को उसकी चूत चूसने को कहा और मैंने दिव्या की चूत में लंड पेल दिया. दिव्या रश्मि दीदी की चूत चाटते और चूसते हुए मुझसे चुदवाने लगी.

15 मिनट में दिव्या की चूत ने पानी छोड़ दिया. मैं और दिव्या खड़ी चुदाई से थक गए तो रश्मि दीदी को साइड में खिसक कर मैं स्लैब पर लेट गया. मेरी कमर स्लैब के कोने पर थी और दीदी मेरे लंड पर सवार हो गई और दिव्या नीचे जमीन पर घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड और रश्मि दीदी की चूत चाटने लगी. कभी दिव्या मेरी गोलियों को चूसती तो कभी मेरे लंड को चाटने लगती जब लंड दीदी की चूत के अंदर बाहर होता.

मैं दीदी की चुचियों को मसल भी रहा था और चूस भी रहा था. 5-6 मिनट बाद ही रश्मि दीदी और मेरी दोनों की स्पीड बढ़ गई और रश्मि दीदी "आह मेरी चूत, ओह्ह मेरी कमीनी चूत साली कुतिया आहह दिव्या ओह्ह भैया आः फाड़ ही दोगे आज मेरी निगोड़ी चूत को… आह और जोर से चोदो मुझे… आह और जोर से चाट साली रंडी दिव्या मेरी चूत को… ओहह मर गई… आह मैं गई…" बडबडाने लगी और झड गयी.

झड़ते ही लंड से उतर कर दीदी मेरे ऊपर 69 में होकर लंड को चूसने लगी और नीचे से दिव्या मेरी गोलियों को चूसने लगी. रश्मि दीदी मेरे मुँह पर अपनी चूत को रगड़ते हुए जोर जोर से चूसने लगी.

मैं रश्मि दीदी की चूत रस चाटते हुए उसको चूसने लगा. थोड़ी देर में मेरे लंड की नसें फूलने लगी और मेरे लंड से जोर से पिचकारी मारी जो सीधे रश्मि दीदी के गले में गिरी. रश्मि दीदी को खाँसी सी आई पर उसने लंड को मुँह से नहीं निकाला. उस समय मेरे लंड से खूब मलाई निकली जो दीदी के मुँह से बाहर बहने लगी. रश्मि दीदी ने लंड को मुँह निकाला और साँस लेने लगी.
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