नए पड़ोसी complete

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Vinay86731
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Joined: 12 Apr 2017 22:29

Re: नए पड़ोसी

Post by Vinay86731 »

Very hot
vk64
Posts: 28
Joined: 18 Apr 2017 15:35

Re: नए पड़ोसी

Post by vk64 »

Now waiting for more
mini

Re: नए पड़ोसी

Post by mini »

super hot story,,,,,,,,,sabse alag,,,,,,,,,
Rishu
Novice User
Posts: 872
Joined: 21 Mar 2016 02:07

Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

मैं लेटे लेटे सोच रहा था की मुझे मयंक की जगह रुची से भी बात करनी चाहिए थी. वो पक्का रश्मि दीदी को मेरे साथ चुदने के लिए राजी कर लेती क्योंकि उसकी दीदी से अच्छी पटती थी और वो खुद भी अपने सगे भाई से चुदवाती थी. मैं यही सोच रहा था की अचानक रुची बोली "आज सच में बहुत मजा आया. अच्छा अब हटो." मैंने पुछा "क्या हुआ, ऐसी भी क्या जल्दी है. एक राउंड और लगा लेते है". वो बोली "जल्दी तो कुछ नहीं है पर तुम जो अपना सर मेरी चूंची पर रखे हो वो तो हटाओ, दर्द हो रहा है."
मैंने अपना सर उसकी चूंची से हटाया और अपना हाथ उसकी चूंची पर रख कर सहलाने लगा. रुची के निप्पल फिर उत्तेजना से कड़े होने लगे. मैंने रुची से कहा "रुची आज हम दोनों को इतना मजा आया लेकिन सोचो अगर रश्मि दीदी भी हमारे साथ होती तो कितना मज़ा आता." रुची हँसते हुए बोली "भाई थ्रीसम की तो मैं भी बहुत बड़ी फैन हूँ पर क्या करूं तेरी बहन मानती ही नहीं." मैंने बोला "इसीलिए तो तुमसे कह रहा हूँ तुम मनाओ न दीदी को".
वो बोली "तेरी बहन बड़ी दकियानूसी है वो नहीं मानने वाली."
"यार कोशिश तो करो और वैसे भी अब मयंक जाने वाला है तो दीदी के जिस्म की प्यास जब भड़केगी तब वो क्या करेगी? कब तक ऊँगली से काम चलाएगी. तुम उसको समझाओ की घर में ही उसकी प्यास बुझाने का इंतज़ाम हो जायेगा." मैंने रुची से रिक्वेस्ट की.
मेरी बात सुन कर रुची हँसने लगी और बोली "साला अपनी बहन चोदने के लिए मरा जा रहा है. मतलब तुमको पता ही नहीं की तेरी बेहेन ने पहले ही अपना इन्तेजाम कर लिया है."
"इन्तेजाम कर लिया है क्या मतलब?" मैंने रुची से पुछा.
"अजीब भाई बहन हो आपस में बातें छुपाते हो." रुची ने कहा.
"साफ़ साफ़ बताओ न क्या बात है." मैंने थोडा नाराज़ होते हुए पुछा.
Rishu
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Posts: 872
Joined: 21 Mar 2016 02:07

Re: नए पड़ोसी

Post by Rishu »

"अरे नाराज मत हो. मेरी बात सुनो. देखो ओम को पता चल गया था की मयंक रश्मि को चोदता है तो उसने मयंक को बोला था की उसको भी रश्मि की दिलवा दे. अब जब मयंक बाहर जा रहा है तो ओम उसके पीछे ही पड़ गया. मयंक ने ये बात रश्मि को बताई भी थी. जब मयंक ने तुमसे चुदवाने के लिए रश्मि को बोला तो रश्मि ने साफ़ मना कर दिया और बोला की वो ओम से चुदवा लेगी इसमें कोई रिस्क नहीं रहेगा." रुची ने बोला.
ये सुन कर मुझे काफी शाक लगा की दीदी ओम से चुदवाने को तैयार हो गयी और मुझसे नहीं. मैंने रुची को बोला "उसको कैसे पता चला. जरूर मयंक ने ही बताया होगा. सुनो हम दोनों को मिल कर दीदी को समझाना होगा की ओम कितना हरामी आदमी है. उससे सेक्स करके दीदी बड़ी मुसीबत में फंस सकती है. मैं उसे अच्छी तरह से जानता हूँ. मयंक को ये बात मुझसे बतानी चाहिए थी."
रुची बोली "अरे ओम कोई हरामी आदमी नहीं है बस चूत का भूत है पर वो तो हर आदमी होता है."
"अरे तुम्हे पता भी है की वो तुम्हारी माँ को भी चोदता है" मेरे मुह से न चाहते हुए भी निकल गया.
"पहले तो हमें सिर्फ शक था लेकिन फिर एक दिन मयंक और मैंने अपनी आँखों से देख लिया तो कन्फर्म भी हो गया की वो मम्मी को भी चोदता है. वैसे एक बात तो है की वो बहुत अच्छे से चुदाई करता है. मजा आ जाता है." रुची ने ये कह कर मुझ पर बम फोड़ दिया.
"क्या? तुम्हे पता भी है फिर भी..." मेरी बात रुची ने पूरी कर दी. "फिर भी क्या? अरे जैसे मेरा चुदवाने का मन होता है वैसे ही मम्मी का भी तो होता होगा तो मुझे तो कोई फरक नहीं पड़ा. हां मयंक थोडा नाराज हुआ था पर ओम ने मयंक की मोहल्ले की २-३ मस्त मालों से सेटिंग करवा दी जिनको ओम पहले से ही चोद रहा था तो मयंक भी शांत हो गया "
मैं समझ गया की ये दोनों भाई बहन ओम से मिले हुए है और इन्होने ही दीदी को उससे चुदवाने के लिए कहा होगा. बड़ी बात नहीं की रुची भी ओम से मरवाती होगी तभी तो कह रही है की ओम बहुत अच्छी चुदाई करता है. ये सोच कर मेरा गुस्सा और भड़क गया. मैं बोला "देखो मेरी बहन उस हरामखोर ओम के साथ सेक्स नहीं कर सकती. आने दो दीदी को मैं उसे ये नहीं करने दूंगा."
"अब कुछ नहीं हो सकता क्योंकि जब मैं घर से चली थी तब तेरी दीदी पूरी नंगी होकर ओम की गोद में बैठी थी. तो अब तक तो ओम ने आगे पीछे दोनों तरफ से तेरी बहन को बजा डाला होगा." रुची ने कहा.
"क्या? दीदी तुम्हारे घर पर है.मुझे तो बोल कर गयी की अपने फ्रेंड के यहाँ जा रही है है." मैंने फौरन कपडे पहनने शुरू किये.
"हाँ तो मेरा घर उसकी फ्रेंड का घर ही तो है. रश्मि और मयंक ने कल ही ये प्रोग्राम फिक्स कर लिया था. इसीलिए तो आज मयंक भी पेट दर्द का बहाना बना कर गाँव नहीं गया और मुझे भी अपनी देखभाल करने के लिए रोक लिया. रश्मि ने ओम से चुदने के लिए हाँ कर दी इसी ख़ुशी में तो तुम्हे कोल्डड्रिंक पिला रहा था ओम."
रुची की बाते सुनकर मेरा दिमाग भन्ना गया था. मैं कपडे पहन चूका था और तेज़ी से दौड़ते हुए छत के रस्ते मयंक के घर पहुच गया पर कोई फायदा नहीं हुआ. रुची सही कह रही थी. मयंक के कमरे से दीदी की मस्ती भरी आवाजे आ रही थी. दरवाजा खुला हुआ था. मैंने धीरे से झांक कर देखा की अन्दर बेड पर रश्मि दीदी मयंक और ओम के बीच में सैंडविच बनी हुई थी. मयंक ने दीदी की चूत में अपना लंड डाल रखा था और ओम ने गांड में. दोनों पूरी रफ़्तार से दीदी की चुदाई कर रहे थे और रश्मि दीदी मस्ती में चीख रही थी. "आआह्ह्ह्ह हाया ओम्म्म उफ्फ्फफ्फ्फ़ अराआअम्म्म सेईईईइ गांडद्द्दद्द्द फत्त्तत्त्त्त गैईईईईईईईई उफ्फ्फफ्फ्फ़ मायांक्क्क्कक धीरीईईईईए अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह"
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