मजबूरी का फैसला complete
- pongapandit
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Re: मजबूरी का फैसला
aaj ka update kahan hai mitr
- rangila
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Re: मजबूरी का फैसला
update,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
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Re: मजबूरी का फैसला
इस दौरान ज़ाकिया का ज्यादा तर वक़्त उसके अपने कमरे में ही गुजरने लगा | इसकी वजह यह थी कि एक दो दिन से वो अपने आप को कुछ थकी थकी सी महसूस करने लगी थी | इसीलिए उस का कहीं आने जाने को दिल नही चाह रहा था |
अपनी थकावट के साथ साथ ज़ाकिया को याद आया कि उसका लास्ट पीरियड आए हुए एक महीना होने वाला था मगर अभी तक उसका पीरियड स्टार्ट नहीं हुआ था |
लेकिन ज़ाकिया इस बात से जयादा परेशान ना हुई क्योंकि इससे पहले भी एक अध दफा उसके हारमोन इनबैलेंस होने की वजह से उसके पीरियड की डेट ऊपर निचे हो गई थी |
उधर वकास जो सिर्फ दो हफ्ते के लिए पाकिस्तान आया था और उसके यह दो हफ्ते पलक झपकते में ही गुज़र गये और उसकी वापसी का दिन आन पंहुचा |
वकास की न्यू यॉर्क वापसी से एक दिन पहले की बात है कि ज़ाकिया अपने कमरे में पड़े बैग में अपना अमेरिकन पासपोर्ट तलाश कर रही थी कि उसे याद आया कि उसका पासपोर्ट तो वकास के पास है जिसको लेने के लिए वो अपने भाई के कमरे की तरफ चली आई |
वकास के कमरे में दाखिल होने के लिए ज्यों ही ज़ाकिया ने कमरे के बंद दरवाज़े को हल्का सा धक्का दिया तो दरवाज़ा बगैर कोई आवाज़ पैदा किए थोडा सा खुल गया |
ज़ाकिया की नज़र जैसे ही रूम के अन्दर पड़ी तो अन्दर का मंज़र देखकर जाकिया बस देखती ही रह गयी |
अन्दर कमरे में उसका भाई वकास अपने सारे कपडे उतार कर ना सिर्फ बिलकुल नंगा खड़ा था बल्कि वो साथ ही अपने तने हुए लंड को हाथ में लिए जोर जोर से अपने लंड के साथ खेल भी रहा था |
अपने भाई को इस हाल में देख कर तो ज़ाकिया , आँखें झपकाना ही भूल गई |
उसके सीने की धड़कन बढ़ गई | ज़ाकिया के सामने उसका भाई अपने हाथ में अपना तना हुआ लंड लेकर मुठ मारने में मशरूफ था |
ज़ाकिया ने अपने भाई को इस हालत में देखा तो एक शर्मो ह्या वाली मश्रकी लड़की होने की वजह से ज़ाकिया के दिमाग ने उसे वहां से हटने को कहा |
मगर लगता था कि जैसे ज़ाकिया के क़दमों को ज़मीन ने जैसे जकड लिया हो और वो ना चाहते हुए भी उस जगह से हिल ना पायी और दम बा खुद होकर अपने भाई की हरकतों को देखती रही |
ज़ाकिया इससे पहले भी वेगास में सरसरी तौर पर अपने भाई के लंड को एक दफा देख चुकी थी | मगर आज पहली दफा वो अपने भाई को अपने ही लंड से इस तरह खेलते देख रही थी |
ज़ाकिया ने आज से पहले सिर्फ अपने मशरूम शोहर अकरम को ही पूरी नंगी हालत में देखा था | अकरम का बुढा बदन तो वक़्त के साथ साथ ढीला पड गया था |
ज़ाकिया ने अपनी सहेलियों से मर्दों की मरदाना वजाहत के बारे में सुन तो रखा था लेकिन आज पहली बार वो एक मर्द की जवानी को अपनी आँखों से देख रही थी जोकि उसका अपना ही भाई था |
ओह , क्या सीन था !!! पूरी जवानी में आया हुआ , कसरती बदन वाला एक जवान, उसके सामने नंगा खड़ा था | वकास का खुला और चौड़ा सीना किसी भी लड़की को पागल बनाने के लिए काफी था |
वकास की टांगें बहुत मज़बूत नज़र आ रही थी और उन मज़बूत टांगों के दरमियाँ में पूरा जोर से उठा हुआ उसका गधे जैसा लौड़ा !!!!!!!!
जिसको देखकर ज़ाकिया के सीने की धडकन तेज़ हो गई और उसके जिस्म में एक हलचल मच गई |
जाकिया की नज़रें अपने भाई के तने हुए लौड़े पर जमी हुई थी | यह वोही ही लंड था जो रात के अँधेरे में एक दफा उसकी चूत की गहराईओं में घुस कर उसकी चूत की गर्मी को दूर कर चूका था |
वकास कमरे में अपने काम में मगन था और जोर जोर से मुठ लगा रहा था | अपने गधे जैसे लंड की मुठ मारते हुए वकास अपने हाथों को तेज़ी से चला रहा था |
यूं यूं वकास मुठ लगाता जा रहा था त्यों त्यों उसके लंड की रगों में मजीद तनाव आता जा रहा था | जिस वजह से वकास का लंड और मोटा और सख्त होते जा रहा था |
और फिर थोड़ी देर में अपने लंड से खेलते खेलते वकास के मुंह से एक हलकी सी सिसकरी के साथ ज़ाकियाआआआ का नाम निकला और साथ उसके लंड से पानी छूट गया |
वकास के लंड की पिचकारी कमरे में पड़े बेड की चादर को गिला कर गए |
उसकी पिचकारी की धार इतनी लम्बी थी कि उसकी मणि की छीटें कमरे की दीवार तक भी जा पहुंचे |
भाई को इस तरह अपने नाम की मुठ लगाते और फिर फारिग होते देखने के बाद ज़ाकिया के पैर कांपने लगे और उसका वहाँ पर खड़ा रहना उसके लिए मुश्किल हो गया और वो चुपचाप वहां से चली आई |
जब जाकिया वापिस अपने कमरे में पहुंची तो उसे अपनी चूत वाली जगह में गिलापन महसूस हुआ | जब जाकिया ने अपनी फुद्दी पर हाथ लगाया तो उसे समझ आई कि उसकी चूत भी अपने भाई को मुठ लगाते देख कर गीली हो चुकी थी |
ज़ाकिया ने बाथरूम में जाकर अपने कपडे बदल लिए | मगर अपने भाई की “मुठजनी” वाला नज़ारा उसके दिमाग में जैसे नकश हो गया | जिस वजह से ज़ाकिया सारा दिन अपनी चूत में गर्मी महसूस करती रही |
अपनी थकावट के साथ साथ ज़ाकिया को याद आया कि उसका लास्ट पीरियड आए हुए एक महीना होने वाला था मगर अभी तक उसका पीरियड स्टार्ट नहीं हुआ था |
लेकिन ज़ाकिया इस बात से जयादा परेशान ना हुई क्योंकि इससे पहले भी एक अध दफा उसके हारमोन इनबैलेंस होने की वजह से उसके पीरियड की डेट ऊपर निचे हो गई थी |
उधर वकास जो सिर्फ दो हफ्ते के लिए पाकिस्तान आया था और उसके यह दो हफ्ते पलक झपकते में ही गुज़र गये और उसकी वापसी का दिन आन पंहुचा |
वकास की न्यू यॉर्क वापसी से एक दिन पहले की बात है कि ज़ाकिया अपने कमरे में पड़े बैग में अपना अमेरिकन पासपोर्ट तलाश कर रही थी कि उसे याद आया कि उसका पासपोर्ट तो वकास के पास है जिसको लेने के लिए वो अपने भाई के कमरे की तरफ चली आई |
वकास के कमरे में दाखिल होने के लिए ज्यों ही ज़ाकिया ने कमरे के बंद दरवाज़े को हल्का सा धक्का दिया तो दरवाज़ा बगैर कोई आवाज़ पैदा किए थोडा सा खुल गया |
ज़ाकिया की नज़र जैसे ही रूम के अन्दर पड़ी तो अन्दर का मंज़र देखकर जाकिया बस देखती ही रह गयी |
अन्दर कमरे में उसका भाई वकास अपने सारे कपडे उतार कर ना सिर्फ बिलकुल नंगा खड़ा था बल्कि वो साथ ही अपने तने हुए लंड को हाथ में लिए जोर जोर से अपने लंड के साथ खेल भी रहा था |
अपने भाई को इस हाल में देख कर तो ज़ाकिया , आँखें झपकाना ही भूल गई |
उसके सीने की धड़कन बढ़ गई | ज़ाकिया के सामने उसका भाई अपने हाथ में अपना तना हुआ लंड लेकर मुठ मारने में मशरूफ था |
ज़ाकिया ने अपने भाई को इस हालत में देखा तो एक शर्मो ह्या वाली मश्रकी लड़की होने की वजह से ज़ाकिया के दिमाग ने उसे वहां से हटने को कहा |
मगर लगता था कि जैसे ज़ाकिया के क़दमों को ज़मीन ने जैसे जकड लिया हो और वो ना चाहते हुए भी उस जगह से हिल ना पायी और दम बा खुद होकर अपने भाई की हरकतों को देखती रही |
ज़ाकिया इससे पहले भी वेगास में सरसरी तौर पर अपने भाई के लंड को एक दफा देख चुकी थी | मगर आज पहली दफा वो अपने भाई को अपने ही लंड से इस तरह खेलते देख रही थी |
ज़ाकिया ने आज से पहले सिर्फ अपने मशरूम शोहर अकरम को ही पूरी नंगी हालत में देखा था | अकरम का बुढा बदन तो वक़्त के साथ साथ ढीला पड गया था |
ज़ाकिया ने अपनी सहेलियों से मर्दों की मरदाना वजाहत के बारे में सुन तो रखा था लेकिन आज पहली बार वो एक मर्द की जवानी को अपनी आँखों से देख रही थी जोकि उसका अपना ही भाई था |
ओह , क्या सीन था !!! पूरी जवानी में आया हुआ , कसरती बदन वाला एक जवान, उसके सामने नंगा खड़ा था | वकास का खुला और चौड़ा सीना किसी भी लड़की को पागल बनाने के लिए काफी था |
वकास की टांगें बहुत मज़बूत नज़र आ रही थी और उन मज़बूत टांगों के दरमियाँ में पूरा जोर से उठा हुआ उसका गधे जैसा लौड़ा !!!!!!!!
जिसको देखकर ज़ाकिया के सीने की धडकन तेज़ हो गई और उसके जिस्म में एक हलचल मच गई |
जाकिया की नज़रें अपने भाई के तने हुए लौड़े पर जमी हुई थी | यह वोही ही लंड था जो रात के अँधेरे में एक दफा उसकी चूत की गहराईओं में घुस कर उसकी चूत की गर्मी को दूर कर चूका था |
वकास कमरे में अपने काम में मगन था और जोर जोर से मुठ लगा रहा था | अपने गधे जैसे लंड की मुठ मारते हुए वकास अपने हाथों को तेज़ी से चला रहा था |
यूं यूं वकास मुठ लगाता जा रहा था त्यों त्यों उसके लंड की रगों में मजीद तनाव आता जा रहा था | जिस वजह से वकास का लंड और मोटा और सख्त होते जा रहा था |
और फिर थोड़ी देर में अपने लंड से खेलते खेलते वकास के मुंह से एक हलकी सी सिसकरी के साथ ज़ाकियाआआआ का नाम निकला और साथ उसके लंड से पानी छूट गया |
वकास के लंड की पिचकारी कमरे में पड़े बेड की चादर को गिला कर गए |
उसकी पिचकारी की धार इतनी लम्बी थी कि उसकी मणि की छीटें कमरे की दीवार तक भी जा पहुंचे |
भाई को इस तरह अपने नाम की मुठ लगाते और फिर फारिग होते देखने के बाद ज़ाकिया के पैर कांपने लगे और उसका वहाँ पर खड़ा रहना उसके लिए मुश्किल हो गया और वो चुपचाप वहां से चली आई |
जब जाकिया वापिस अपने कमरे में पहुंची तो उसे अपनी चूत वाली जगह में गिलापन महसूस हुआ | जब जाकिया ने अपनी फुद्दी पर हाथ लगाया तो उसे समझ आई कि उसकी चूत भी अपने भाई को मुठ लगाते देख कर गीली हो चुकी थी |
ज़ाकिया ने बाथरूम में जाकर अपने कपडे बदल लिए | मगर अपने भाई की “मुठजनी” वाला नज़ारा उसके दिमाग में जैसे नकश हो गया | जिस वजह से ज़ाकिया सारा दिन अपनी चूत में गर्मी महसूस करती रही |
अगर आपको यह कहानी पसंद आये तो कमेंट जरुर दीजिएगा ...........
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- rajaarkey
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Re: मजबूरी का फैसला
मस्ती की ऊँचाइयों को छूती हुई कहानी है अपडेट करते रहो
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