महिला क्यों बनाती है गैर मर्द से संबंध?
वैवाहिक जीवन में प्यार के साथ-साथ शारीरिक संबंधों की जरूरत मर्द और औरत दोनों को ही होती है हालांकि सैक्स से जुड़ी किसी भी बात को पुरुष बड़े आराम से शेयर कर लेते हैं जबकि महिलाएं शर्म और हिचकिचाहट महसूस करती हैं।
यही कारण है कि स्त्री सैक्स का चरम सुख और पूर्ण आनन्द प्राप्त करने के बारे में स्वयं कुछ नहीं कहती लेकिन सैक्स एक ऐसी आग है जो भड़कने के बाद आसानी से शांत नहीं होती। इसी चक्कर में वह अन्य पुरुष की तरफ आकर्षित होती हैं लेकिन महिला का किसी अन्य पुरुष के साथ संबंध बनाने के ओर भी कई कारण हो सकते हैं।
चलिए आज इन्हीं कारणों की तरफ गौर करते हैंः
सैक्स में अंसतुष्टि
कई बार महिला अपने पति के साथ संबंधों से संतुष्ट नहीं होती। इस बात को वह खुलकर कह नहीं पाती, जिसकी वजह से बाहर की ओर भागती है।
सैक्स के बारे में अल्प ज्ञान
सैक्स के मामले में पुरुषों की मानसिकता अजीब होती है। पुरुष अक्सर स्त्री के साथ सेक्स करते समय स्वयं सैक्स का पूरा आनन्द लेना तो चाहता है जबकि वह कभी यह जानने कि कोशिश नहीं करता, जिसकी वजह से वह खुश नहीं रह पाती और अन्य पुरुष से यह संतुष्टि पाना चाहती हैं।
अकेलापन
कई बार पति के साथ न होने की वजह से वह अकेलापन महसूस करती हैं। कई बार पार्टनर काम के सिलसिले में देश से बाहर होते हैं। पार्टनर के अकेलेपन को दूर करने के लिए वह बाहर सहारा ढूंढती हैं।
आपसी अनबन
लड़ाई हर पति-पत्नी में होती है लेकिन जरूरत से ज्यादा लड़ाई रिश्ते को खराब करती है। अगर दोनों की आपस में बिलकुल नहीं बनती तो जाहिर सी बात है कि दोनों संबंध बनाने से भी कतराते होंगे। ऐसे में कुछ महिलाएं बाहर रिश्ता बना लेती हैं।
अयोग्य लड़का-लड़की का विवाह
आज भी बहुत से गांव में छोटी उम्र की लड़की की शादी बड़े उम्र के आदमी से कर दी जाती है। मां-बाप लड़की की शादी करके सोचते हैं कि उसके सिर का बोझ उतर गया लेकिन वे यह नहीं जानते की इस तरह की शादी किसी लड़की के लिए कितना घातक है, शादी के बाद वह ऐसे मर्द के साथ खुश नहीं रह पाती क्योंकि वह उसकी मंशाओं को संतुष्ट नहीं कर पाता न ही दोनों की सोच मिलती हैं ऐसे में महिला का किसी और पुरुष की ओर आकर्षित होना लाजमी है।
शादी समान उम्र में न होना
किसी भी लड़की की शादी समान उम्र के लड़के से न करना एक बहुत बड़ी समस्या है। लड़की की शादी चाहे छोटे उम्र के लड़के से हो या अधिक बड़े उम्र के लड़के से दोनों ही स्थिति में लड़की ही परेशान होती है। अयोग्य शादी के कारण पुरुष को तो सैक्स से संतुष्टि मिल जाती है लेकिन स्त्री को सैक्स से संतुष्टि नहीं मिलती। स्त्री को सेक्स संतुष्टि न मिलने के कारण स्त्री दूसरे पुरुष के साथ सेक्स संबंध बनाने पर मजबूर हो जाती है।
पैसे की ललक और चाह
पैसे की ललक औऱ चाह में भी महिलाएं किसी अमीर शख्स से नाजायज संबंध बनाने के लिए तैयार हो जाती हैं। पति द्वारा उनकी इच्छाएं पूरी न कर पाना, कम आय की वजह से ऐशों आराम की जिंदगी न दे पाने की वजह से महिलाएं बाहर किसी अन्य पुरुष के साथ संबंध बनाने को भी तैयार हो जाती हैं।
गर्भ निरोधक गोलियां
गर्भ निरोधक योजनाओं के कारण स्त्रियों के लिए नाजायज संबंध बनाना आसान हो गया है। इसका कारण यह है कि पहले जब गर्भ निरोधक साधन उपलब्ध नहीं थे तो स्त्री गर्भ ठहरने के डर से नाजायज संबंध बनाने से डरती थी लेकिन अब तो प्रैग्नेंसी रोकने के लिए बाजार में ऐसी बहुत सारी चीजें मौजूद हैं। ऐसे में वह निसंकोच बाहर संबंध बनाने के लिए आजाद होती हैं।
पश्चिमी सभ्यताओं का प्रभाव
लोग अक्सर यह सोचते हैं कि इस देश में यदि पश्चिमी देशों की तरह नियम होते तो कितना मजा होता और सैक्स संबंध पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं होती। पश्चिमी देशों में अधिकांश युवक-युवती सैक्स आनन्द प्राप्त कर चुके होते हैं। वहां स्त्री-पुरुष एक को छोड़कर दूसरे के साथ शादी कर लेते हैं। उनके वैवाहिक संबंध भी थोड़े दिनों में ही टूट जाते हैं। फर्क इतना है कि वे लोग इस तरह के नाजायज संबंध को उछालते नहीं हैं। इस तरह के संबंधों का भारत जैसे देशों में आना अपने आप में स्त्री को दूसरे पुरुष के पास जाने के लिए उत्साहित करता है।
पति का किसी और से अफेयर
कई बार पति का अफेयर किसी ओर महिला के साथ होता है जिसकी वजह से वह उसे कभी भी उस नजर से असेप्ट नहीं करता, जिसकी वजह से महिला खुद को टूटा हुआ महसूस करती है, जिससे वह भी किसी ओर से प्यार की उम्मीद करती हैं और रिश्ता बनाती है।
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- jay
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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महिलाएँ क्या चाहती हैं जानिए ये टिप्स
महिलाएँ क्या चाहती हैं जानिए ये टिप्स
सेक्स संबंध बनाते वक्तत महिलाएं किसी पुरुष से क्याह चाहती हैं, यह हमेशा से ही शोध का विषय रहा है. इस पर पहले भी काफी कुछ लिखा जा चुका है. इसी मुद्दे पर ताजातरीन रिसर्च के नतीजे सामने आए हैं. सेक्स से जुड़े विषय के एक्सापर्ट्स के अलावा 700 से ज्याादा महिलाओं ने खुलकर अपने विचार व्यहक्तस किए हैं. महिलाएं बिस्तकर पर क्याज चाहती हैं मर्द से, जानिए वो 12 राज...
1. सिर्फ कामक्रीड़ा पर ही हो पूरा ध्या्न
बिस्तकर पर महिला पार्टनर की यौन-इच्छाा को तृप्ति करने के लिए सबसे जरूरी चीज है- ‘जज्बा ’. सर्वे में शामिल करीब 42 फीसदी महिलाओं ने यह बात स्वीयकार की है. महिलाएं कई तरीके से पुरुषों के प्याार को महसूस करती हैं, जिनमें सबसे ज्याबदा इनका ध्याकन खींचता है आपके मुंह से की गईं ‘शरारतें’. आंखों में आंखें डालकर प्यासर जताना, होठों को संवेदनशील अंगों पर फिराना, किसी और तरीके से देह को छूना महिलाओं को भाता है. जीभ के अगले भाग से नाजुक अंगों का स्पदर्श भी महिलाओं का मन मचलने के लिए काफी होता है.
2. फोरप्लेे की अहमियत सबसे ज्यादा
कामक्रीड़ा का असली मजा सिर्फ चरम तक पहुंचने पर ही नहीं है, बल्कि इसके हर पल का भरपूर आनंद लेना चाहिए. फोरप्लेअ भी इसका अहम पार्ट है, जिसका अपना मजा है. सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि फोरप्लेर के दौरान होने वाली उत्तेजना एकदम अलग तरह की होती है. महिलाओं ने कहा कि पुरुषों को सेक्सम के मामले में थोड़ा ‘क्रिएटिव’ होना चाहिए. कुछ नया और एकदम अलग अंदाज में किया जाना महिलाओं को खूब भाता है.
3. ‘आनंद’ व ‘संतुष्टि’ में फर्क है
किंसले इंस्टिट्यूट के शोध में यह पाया गया कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी यह माना कि उन्हेंो कंडोम के बिना यौन संबंध ज्या्दा अच्छा लगता है. पर महिलाओं ने यह भी माना कि दरअसल संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेयमाल किए जाने पर उन्हेंत ज्यांदा सुकून मिलता है. यह सुकून 'प्रोटेक्शोन' को लेकर होता है. सर्वे में शामिल महिलाओं ने कहा कि कंडोम यौन रोगों से बचाव का यह कारगर तरीका है. इसके इस्तेामाल से महिलाएं खुलकर सेक्सओ का भरपूर मजा ले पाती हैं.
4. धीरे-धीरे, आराम से...
सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि उसके बेहद कोमल अंगों को शुरुआती दौर में ज्या दा तकलीफ न दी जाए. महिलाएं पुरुषों से चाहती हैं कि वे उसके सेंसिटिव अंगों के साथ संवेदनशीलता से ही पेश आएं. मतलब यह कि संभोग के दौरान वे चाहे तो जीभ व उंगलियों का इस्तेोमाल करके जरूरी उत्तेजना पैदा करें, पर कष्टम देने से बाज आएं.
5. वातावरण का भी पड़ता है असर
शोध के दौरान 50 फीसदी महिलाओं ने स्वींकार किया कि संभोग के दौरान अनुकूल मौसम व वातावरण न होने की वजह से वे चरम तक न पहुंच सकीं. महिलाओं ने माना कि दरअसल पुरुषों के ठंडे पांव की वजह से उन्हें ज्याजदा तकलीफ होती है. डॉ. होल्सीटेज ने कहा कि सेक्स के दौरान वातावरण भी काफी मायने रखता है. अगर कमरे का तापमान अनुकूल रहता है, तो यह सेक्स का मजा बढ़ा देता है.
6. सेक्सन के दौरान पोजिशन का भी रखें खयाल
सेक्सक संबंध बनाने के दौरान पोजिशन का भी खयाल रखना बेहद जरूरी होता है. स्त्रीौ के निचले भाग को अगर दो-तीन तकियों के सहारे थोड़ा-सा और ऊपर उठाकर संभोग किया जाए, तो इससे संसर्ग ठीक से हो पाता है. वह स्थिति भी बेहतर होती है, जब स्त्री लेटे हुए पुरुष के ऊपर आकर संभोग करती है. इससे स्त्रियां ‘उन’ अंगों में ज्यातदा उत्तेजना महसूस करती हैं.
एक और पोजिशन महिलाओं व पुरुषों को अच्छा लगता है, वह है ‘डॉगी स्टासइल’. मतलब, जिसमें स्त्री घुटनों और हाथों के बल खुद को संतुलित किए रहती है और पुरुष उसके ठीक पीछे जाकर संभोग करता है.
7. तरीके तो और भी हैं...
ऑस्रेथोंलियन सेक्स रिसर्चर जूलियट रिचटर्स कहती हैं कि सर्वे में शामिल पांच में से केवल एक महिला ने माना कि वे केवल एकदम नॉर्मल तरीके से किए गए संभोग से ही चरम तक पहुंच जाती हैं. ज्याेदातर युवा महिलाओं का मानना था कि वे अपने पार्टनर से चाहती है कि वे सेक्स के दौरान अपने हाथ और मुंह का भी ज्या दा इस्ते माल करें. उन्हेंी अपनी किताब के लिए 19 हजार लोगों पर किए गए सर्वे के दौरान इस तथ्यक का पता चला.
90 फीसदी से ज्या दा महिलाओं ने माना कि वे केवल सेक्सो के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मुख का भी इस्तेकमाल किए जाने के बाद चरम तक पहुंचती हैं.
रिसर्च में पाया गया कि जब कामक्रीड़ा आरामदायक तरीके से, धीरे-धीरे, पर लगातार किया जाता है, तो जोड़े चरम तक जल्दीि पहुंच जाते हैं.
8. जल्द बाजी की, तो गए ‘काम’ से
सर्वे में शामिल महिलाओं में से केवल पचास फीसदी ने कहा कि वे 10 मिनट या इससे कम वक्तज में ही चरम तक पहुंच जाती हैं. सेक्स मेडिसिन के एक जर्नल में प्रकाशित स्ट डी के मुताबिक, सेक्स में जल्दुबाजी दिखलाने पर पुरुष तो संतुष्टह हो जाते हैं, पर महिलाएं चरम तक नहीं पहुंच पाती हैं. ऐसे में पुरुषों की जिम्मे दारी होती है कि वे बिना हड़बड़ी दिखलाए अपनी पार्टनर को लंबे गेम में साथ लेकर चलें.
9. संवेदनशील अन्यि अंगों को पहचानें
सेक्सन पर शोध करने वालों ने पाया है कि केवल G-स्पॉरट ही आनंद देने के लिए पर्याप्तप नहीं है, बल्कि महिलाओं के शरीर में और भी ऐसे भाग हैं, जहां संवेदना ज्या-दा होती है. इसमें A- स्पॉट भी शामिल है, जहां सहलाने से महिलाओं का शरीर यौन क्रिया के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो पाता है. इस काम में उंगलियों की कारस्तायनी काम आती है.
10. तैयारी को ठीक से परखें
कोई स्त्रीठ संभोग के लिए तैयार है या नहीं, यह परखने में भी कई बार भूल हो जाती है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में लेक्चैरर बरबरा कीसलिंग का मानना है कि सिर्फ बाहरी लक्षण से ही इसकी पहचान संभव नहीं है. इनकी नजर में ‘बटरफ्लाई पोजिशन’ सबसे ज्यारदा बेहतर है.
11. ‘कीमत’ तो अदा करनी ही पड़ती है...
अगर महिला अपने थकाऊ काम या नींद की कमी की वजह से परेशान है, तो इसक स्थिति में वह मुश्किल से उत्तेजित होती है. ऐसे में पुरुषों की जिम्मेमदारी बढ़ जाती है. पुरुषों को चाहिए कि वे व्यंतजन पकाने या कपड़े धोने आदि काम में इनकी मदद करें. सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि ऐसी स्थिति में जब पुरुष उनके काम में मदद करते हैं कि उन्हेंक बेहतर एहसास होता है.
12. जरूरी नहीं कि हर बार चरम तक पहुंचा ही जाए
महिला हर बार चरम तक पहुंच ही जाए, यह कोई जरूरी नहीं है. कई बार तनाव व थकान की वजह से ऐसा नहीं हो पाता. ऐसे में जबरन आधे घंटे तक ‘खेल’ जारी रखने की बजाए इसे खत्म करना बेहतर रहता है. चरम तक न ले जाने के लिए हर बार पुरुष ही जिम्मेहदार नहीं होता. फिर भी अगर महिला चाहे, तो आप अपने हाथों और उंगलियों से उसे संतुष्टन कर सकते हैं. कुल मिलाकर इस क्रीड़ा का आनंद ही मायने रखता है.
सेक्स संबंध बनाते वक्तत महिलाएं किसी पुरुष से क्याह चाहती हैं, यह हमेशा से ही शोध का विषय रहा है. इस पर पहले भी काफी कुछ लिखा जा चुका है. इसी मुद्दे पर ताजातरीन रिसर्च के नतीजे सामने आए हैं. सेक्स से जुड़े विषय के एक्सापर्ट्स के अलावा 700 से ज्याादा महिलाओं ने खुलकर अपने विचार व्यहक्तस किए हैं. महिलाएं बिस्तकर पर क्याज चाहती हैं मर्द से, जानिए वो 12 राज...
1. सिर्फ कामक्रीड़ा पर ही हो पूरा ध्या्न
बिस्तकर पर महिला पार्टनर की यौन-इच्छाा को तृप्ति करने के लिए सबसे जरूरी चीज है- ‘जज्बा ’. सर्वे में शामिल करीब 42 फीसदी महिलाओं ने यह बात स्वीयकार की है. महिलाएं कई तरीके से पुरुषों के प्याार को महसूस करती हैं, जिनमें सबसे ज्याबदा इनका ध्याकन खींचता है आपके मुंह से की गईं ‘शरारतें’. आंखों में आंखें डालकर प्यासर जताना, होठों को संवेदनशील अंगों पर फिराना, किसी और तरीके से देह को छूना महिलाओं को भाता है. जीभ के अगले भाग से नाजुक अंगों का स्पदर्श भी महिलाओं का मन मचलने के लिए काफी होता है.
2. फोरप्लेे की अहमियत सबसे ज्यादा
कामक्रीड़ा का असली मजा सिर्फ चरम तक पहुंचने पर ही नहीं है, बल्कि इसके हर पल का भरपूर आनंद लेना चाहिए. फोरप्लेअ भी इसका अहम पार्ट है, जिसका अपना मजा है. सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि फोरप्लेर के दौरान होने वाली उत्तेजना एकदम अलग तरह की होती है. महिलाओं ने कहा कि पुरुषों को सेक्सम के मामले में थोड़ा ‘क्रिएटिव’ होना चाहिए. कुछ नया और एकदम अलग अंदाज में किया जाना महिलाओं को खूब भाता है.
3. ‘आनंद’ व ‘संतुष्टि’ में फर्क है
किंसले इंस्टिट्यूट के शोध में यह पाया गया कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी यह माना कि उन्हेंो कंडोम के बिना यौन संबंध ज्या्दा अच्छा लगता है. पर महिलाओं ने यह भी माना कि दरअसल संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेयमाल किए जाने पर उन्हेंत ज्यांदा सुकून मिलता है. यह सुकून 'प्रोटेक्शोन' को लेकर होता है. सर्वे में शामिल महिलाओं ने कहा कि कंडोम यौन रोगों से बचाव का यह कारगर तरीका है. इसके इस्तेामाल से महिलाएं खुलकर सेक्सओ का भरपूर मजा ले पाती हैं.
4. धीरे-धीरे, आराम से...
सभी महिलाएं यही चाहती हैं कि उसके बेहद कोमल अंगों को शुरुआती दौर में ज्या दा तकलीफ न दी जाए. महिलाएं पुरुषों से चाहती हैं कि वे उसके सेंसिटिव अंगों के साथ संवेदनशीलता से ही पेश आएं. मतलब यह कि संभोग के दौरान वे चाहे तो जीभ व उंगलियों का इस्तेोमाल करके जरूरी उत्तेजना पैदा करें, पर कष्टम देने से बाज आएं.
5. वातावरण का भी पड़ता है असर
शोध के दौरान 50 फीसदी महिलाओं ने स्वींकार किया कि संभोग के दौरान अनुकूल मौसम व वातावरण न होने की वजह से वे चरम तक न पहुंच सकीं. महिलाओं ने माना कि दरअसल पुरुषों के ठंडे पांव की वजह से उन्हें ज्याजदा तकलीफ होती है. डॉ. होल्सीटेज ने कहा कि सेक्स के दौरान वातावरण भी काफी मायने रखता है. अगर कमरे का तापमान अनुकूल रहता है, तो यह सेक्स का मजा बढ़ा देता है.
6. सेक्सन के दौरान पोजिशन का भी रखें खयाल
सेक्सक संबंध बनाने के दौरान पोजिशन का भी खयाल रखना बेहद जरूरी होता है. स्त्रीौ के निचले भाग को अगर दो-तीन तकियों के सहारे थोड़ा-सा और ऊपर उठाकर संभोग किया जाए, तो इससे संसर्ग ठीक से हो पाता है. वह स्थिति भी बेहतर होती है, जब स्त्री लेटे हुए पुरुष के ऊपर आकर संभोग करती है. इससे स्त्रियां ‘उन’ अंगों में ज्यातदा उत्तेजना महसूस करती हैं.
एक और पोजिशन महिलाओं व पुरुषों को अच्छा लगता है, वह है ‘डॉगी स्टासइल’. मतलब, जिसमें स्त्री घुटनों और हाथों के बल खुद को संतुलित किए रहती है और पुरुष उसके ठीक पीछे जाकर संभोग करता है.
7. तरीके तो और भी हैं...
ऑस्रेथोंलियन सेक्स रिसर्चर जूलियट रिचटर्स कहती हैं कि सर्वे में शामिल पांच में से केवल एक महिला ने माना कि वे केवल एकदम नॉर्मल तरीके से किए गए संभोग से ही चरम तक पहुंच जाती हैं. ज्याेदातर युवा महिलाओं का मानना था कि वे अपने पार्टनर से चाहती है कि वे सेक्स के दौरान अपने हाथ और मुंह का भी ज्या दा इस्ते माल करें. उन्हेंी अपनी किताब के लिए 19 हजार लोगों पर किए गए सर्वे के दौरान इस तथ्यक का पता चला.
90 फीसदी से ज्या दा महिलाओं ने माना कि वे केवल सेक्सो के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मुख का भी इस्तेकमाल किए जाने के बाद चरम तक पहुंचती हैं.
रिसर्च में पाया गया कि जब कामक्रीड़ा आरामदायक तरीके से, धीरे-धीरे, पर लगातार किया जाता है, तो जोड़े चरम तक जल्दीि पहुंच जाते हैं.
8. जल्द बाजी की, तो गए ‘काम’ से
सर्वे में शामिल महिलाओं में से केवल पचास फीसदी ने कहा कि वे 10 मिनट या इससे कम वक्तज में ही चरम तक पहुंच जाती हैं. सेक्स मेडिसिन के एक जर्नल में प्रकाशित स्ट डी के मुताबिक, सेक्स में जल्दुबाजी दिखलाने पर पुरुष तो संतुष्टह हो जाते हैं, पर महिलाएं चरम तक नहीं पहुंच पाती हैं. ऐसे में पुरुषों की जिम्मे दारी होती है कि वे बिना हड़बड़ी दिखलाए अपनी पार्टनर को लंबे गेम में साथ लेकर चलें.
9. संवेदनशील अन्यि अंगों को पहचानें
सेक्सन पर शोध करने वालों ने पाया है कि केवल G-स्पॉरट ही आनंद देने के लिए पर्याप्तप नहीं है, बल्कि महिलाओं के शरीर में और भी ऐसे भाग हैं, जहां संवेदना ज्या-दा होती है. इसमें A- स्पॉट भी शामिल है, जहां सहलाने से महिलाओं का शरीर यौन क्रिया के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो पाता है. इस काम में उंगलियों की कारस्तायनी काम आती है.
10. तैयारी को ठीक से परखें
कोई स्त्रीठ संभोग के लिए तैयार है या नहीं, यह परखने में भी कई बार भूल हो जाती है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में लेक्चैरर बरबरा कीसलिंग का मानना है कि सिर्फ बाहरी लक्षण से ही इसकी पहचान संभव नहीं है. इनकी नजर में ‘बटरफ्लाई पोजिशन’ सबसे ज्यारदा बेहतर है.
11. ‘कीमत’ तो अदा करनी ही पड़ती है...
अगर महिला अपने थकाऊ काम या नींद की कमी की वजह से परेशान है, तो इसक स्थिति में वह मुश्किल से उत्तेजित होती है. ऐसे में पुरुषों की जिम्मेमदारी बढ़ जाती है. पुरुषों को चाहिए कि वे व्यंतजन पकाने या कपड़े धोने आदि काम में इनकी मदद करें. सर्वे में शामिल महिलाओं ने माना कि ऐसी स्थिति में जब पुरुष उनके काम में मदद करते हैं कि उन्हेंक बेहतर एहसास होता है.
12. जरूरी नहीं कि हर बार चरम तक पहुंचा ही जाए
महिला हर बार चरम तक पहुंच ही जाए, यह कोई जरूरी नहीं है. कई बार तनाव व थकान की वजह से ऐसा नहीं हो पाता. ऐसे में जबरन आधे घंटे तक ‘खेल’ जारी रखने की बजाए इसे खत्म करना बेहतर रहता है. चरम तक न ले जाने के लिए हर बार पुरुष ही जिम्मेहदार नहीं होता. फिर भी अगर महिला चाहे, तो आप अपने हाथों और उंगलियों से उसे संतुष्टन कर सकते हैं. कुल मिलाकर इस क्रीड़ा का आनंद ही मायने रखता है.
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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- shubhs
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Re: महिला क्यों बनाती है गैर मर्द से संबंध?
जानकारी विशेष है
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