लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस) complete

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Ankit
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Ankit »

मोहिनी ने हिकारत भरी आवाज़ में उसे जबाब देते हुए कहा – एक बार तो तुझे जिंदा देख कर मुझे आश्चर्य के साथ साथ खुशी भी हुई कि चलो तू जिंदा है..,

लेकिन ये जानकर बड़ा दुख हुआ कामिनी कि तू आज भी रिश्तों की एहमियत को नही समझ पाई.., अरे कम से कम नया जीवन मिला है तुझे.., इसे तो कम से कम अच्छे कामों में लगाती…!

लेकिन सच ही कहा है किसी ने.., नागिन बस जहर ही उगलना जानती है.., मे तो कहती हूँ.., अभी भी वक़्त है.., सुधर जा और इस भाग्यबस मिले जीवन को अच्छे कामों में लगा…!

हमेशा ही इत्तेफ़ाक़ नही होते.., किसी दिन या तो जैल में पड़ी सड़ रही होगी या तेरी लाश किसी गटर में पड़ी सड़ रही होगी.., और उसमें कीड़े बिज-बिजा रहे होंगे…!

मोहिनी की ऐसी जैल-कटी बातें सुनकर भी कामिनी पर कोई असर नही हुआ.., वो उसके यौवन का मर्दन करते हुए बोली…

मेरा तो जो होगा सो होगा मोहिनी पर इस समय तू अपनी और अपनी इस कच्ची कचनार की कली का ख़याल कर..,

क्योंकि मेरे एक इशारा पाते ही मेरे ये आदमी तुम दोनो माँ बेटी को भूखे भेड़ियों की तरह भनभॉड़ देंगे..,

यही नही…उसके बाद तुम दोनो को किसी रंडी खाने में डाल दिया जाएगा.., जहाँ रोज़ अनगिनत ग्राहक तुम दोनो की जवानियों से खेलेंगे..,

मरना चाहोगी.., लेकिन मर नही सकोगी.., तुम्हारी पिक्चर बनाकर तेरे घर वालों को परोसी जाएगी…

हाहाहा…क्या देखने लायक सीन होगा जब तेरा वो लाड़ला देवर अपनी माँ समान भाभी और प्यारी भतीजी को नये नये मर्दों से चुदते हुए देखेगा…!

शर्म कर कमीनी…, ये तेरी बेटी जैसी है.., क्या तेरे अंदर इंसानियत का ज़रा सा भी कतरा नही बचा है..लगभग रोते हुए मोहिनी ने उसे धिक्कार्ते हुए कहा…!

कामिनी - हाहाहा…इंसानियत.., ये किस चिड़िया का नाम है.., मेरे सब कुछ पैसा है.., आज मे इस शहर पर राज करती हूँ समझी.., और कल दूसरे शहर..फिर तीसरे..!

और फिर तू किस रिस्ते की बात कर रही है हां…, तेरे देवर ने मुझे किस तरह से दुतकार दिया था याद है..?

मेरे सीने पर गोली दागते हुए उसके हाथ ज़रा भी नही काँपे.., तब कोई रिस्ता नही था उसका मेरे साथ…बात करती है रिश्तों की…!

उधर पीछा करते हुए संजू और निर्मला भी वहाँ जा पहुँचे थे.., जो इस समय छुप्कर ये सब देख और सुन रहे थे…!

निर्मला की आँखों में नमी तैर आई थी.., जिसे वो संजू से छुपाकर अपने आप को किसी तरह संभालते हुए फुसफुसा कर बोली…

कितना घिनौना रूप है इस मेडम का.., औरत होकर दूसरी औरत के लिया ज़रा भी सम्मान नही है इसके दिल में…, औरत के नाम पर कलंक है ये…!

संजू ने निर्मला की बात सुनकर उसकी तरफ गौर से देखा.., उसे यूँ अपनी तरफ देखते पाकर एक पल को तो वो सकपका गयी.., लेकिन फिर जल्दी ही अपने आप पर काबू करते हुए बोली…

ऐसे क्यों देख रहे हो भाई.., क्या कुछ ग़लत कह दिया मेने..?

संजू – नही वो बात नही है.., बस सोच रहा था.., कि तुम क्या सोचकर इस धंधे में चली आई.., तुम्हारे विचार इस काम से कतयि मैल नही खाते..!

निर्मला – तो क्या ऐसे धंधे वालों में इंसानियत का जज़्बा होगा ग़लत है..?

ना जाने निर्मला की बातों में कैसा जादू था.., उसकी बातें उसे दिल की गहराई तक असर कर गयी.., उसने बड़े दुलार से उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसका माथा चूमते हुए बोला…,

बिल्कुल नही.., धंधा कैसा भी हो इंसानियत हमेशा कायम रहनी चाहिए.., मेरी नज़र में ये लीना..ओह्ह्ह्ह…नही..अब तो ये कोई और ही निकली..निहायत ही गिरी हुई औरत है…!

शायद मुझमें इंसान को परखने की काबिलियत ही नही है.., तभी तो एक झूठी मक्कार औरत के झाँसे में पड़ा रहा…!

निर्मला – तो कुछ करो भाई.. वरना हमारे होते हुए एक इज़्ज़तदार औरत की इज़्ज़त दागदार हो जाएगी…!

संजू निर्मला के ये वाक्य सुनकर कुछ देर असंजस की स्थिति में पड़ गया…, अचानक से हुए इस घटनाक्रम से वो अभी तक ये डिसाइड नही कर पाया कि इतने दिन से जिस औरत का साथ देता आ रहा था..,

अचानक उसके विरोध में कैसे खड़ा हो.., और फिर यहाँ उसका साथ देने वाला सिवाय निर्मला के और कोई भी नही था…, जो थी तो एक लड़की ही ना…!
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Ankit
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Ankit »

निर्मला अभी संजू के चेहरे पर बदल रहे भावों को पढ़ने की कोशिश कर ही रही थी कि तभी उसके कानों में कामिनी की अट्टहास लगाती आवाज़ सुनाई दी…!

जाओ भानु.., तुम्हें खुली छूट है.., कर लो अपनी मन मानी.., रौंद डालो इस मोहिनी की मन मोहिनी कंचन काया को.., जी भरके इसका रस निकालो…,

उसके बाद इसकी बेटी को इसके सामने खूब जमके रौंदना.., याद रहे जब इसकी सील टूटे तो उसकी चीखें इस पूरे फार्म हाउस में गूँजनी चाहिए…!

भानु खुश होते हुए बोला – आप चिंता मत करो मेडम.., जैसा आप चाहती है वैसा ही होगा..ये कहते हुए उसने बड़ी फुर्ती के साथ अपने कदम मोहिनी की तरफ बढ़ा दिए…!

भानु को मोहिनी की तरफ बढ़ते देख निर्मला की धड़कनें तेज हो उठी.., उसने एक लंबी साँस लेकर मन ही मन कुछ निर्णय लिया..,

जैसे ही भानु ने अपना हाथ मोहिनी के यौवन पर रखा.., अंधेरे से एक गोली चली जो सीधी उसके उस कंधे को चीरती हुई चली गयी…!

चीख मारते हुए भानु अपना कंधा पकड़ कर ज़मीन पर बैठता चला गया.., कामिनी दहाड़ते हुए बोली – कॉन है वहाँ..? पकड़ लो हरजादे को…!

एक मिनट के सौबे हिस्से में ना जाने कहाँ कहाँ से निकल कर कामिनी के गुर्गों ने निर्मला को अपने घेरे में ले लिया…!

तभी संजू दहाडा – छोड़ दो उसे.. वरना ठीक नही होगा…!

इस नमक हराम को भी पकड़ लो.. कामिनी ने आदेश देते हुए कहा – जिस थाली में ख़ाता रहा है उसी में छेद करना चाहता है हरामज़ादे…!

अब नज़ारा ये था कि कामिनी के आदमियों ने निर्मला और संजू को भी अपनी बंदूकों के निशाने पर ले लिया.., और उन्हें धकियाते हुए वहीं बीच हॉल में ले आए….!

निर्मला पर नज़र पड़ते ही मोहिनी आश्चर्य के सागर में गोते लगाने लगी.., वो उसकी तरफ हाथ उठाकर कुछ कहने ही वाली थी कि तभी निर्मला ने उसे चुप रहने का इशारा किया….!

उधर भानु दर्द से बुरी तरह तड़प रहा था.., फिर भी अपने दर्द पर काबू करते हुए बोला – अब जल्दी से कोई फ़ैसला लो मेडम…!

कामिनी – तुम जल्दी से यहाँ से निकलो भानु.., अपनी गोली निकलवाने का इन्तेजाम करो.., फिर अपने आदमियों को आदेश देते हुए बोली…!

ये जगह सेफ नही है, इन दोनो औरतों के साथ इन नमक हरामों को भी बाँध लो और फ़ौरन ये जगह खाली करो…!

कामिनी का आदेश पाते ही उसके आदमी उन दोनो को भी बंधनों में जकड़ने के लिए आगे बढ़े.., तभी वहाँ एक गरजदार आवाज़ गूँज उठी….!


भागने की इतनी जल्दी भी क्या है कामिनी देवी…, ज़रा हमसे भी तो मुलाकात करती जाओ.., फिर मौका मिला ना मिला…!

एक थम्ब के पीछे से आती इस आवाज़ को सुनकर जहाँ कामिनी के रोंगटे खड़े हो गये वहीं मोहिनी के मूह से एक खुशी से भरी किल्कारी निकली…

ले कमीनी औरत…, आ गया मेरा लाड़ला.., बच सकती है तो बच ले…!

कामिनी हक्की बक्की सी चारों तरफ घूम घूम कर अपने आदमियों के उपर दहाड़ते हुए बोली – हरामज़ादो पकडो उसे.., यहीं कहीं होगा…, भून डालो..साले को, बचने ना पाए…!

उसके आदमियों ने उस थम्ब की तरफ गोलियाँ दाग दी.., लेकिन कोई फ़ायदा नही.., फिर किसी नयी जगह से गोलियों की बाढ़ सी उनपर झपटी और पलक झपकते ही वहाँ कामिनी के सभी आदमियों की लाशें हॉल में नज़र आने लगी…!
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Viraj raj
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)

Post by Viraj raj »

Mast update...... Mitra 👌👌👌👌💐💐💐👍👍💝💞💖
😇 😜😜 😇
मैं वो बुरी चीज हूं जो अक्सर अच्छे लोगों के साथ होती है।
😇 😜😜 😇

** Viraj Raj **

🗡🗡🗡🗡🗡
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