मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete
- Ankit
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- pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
thanks mitro
- pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
11:00 बजे मोम अपने रूम में चली गई, भाई टीवी देखने के बहाने इंतेजार कर रहा था की मोम पहले सो जाएं फिर… लेकिन मैं उसके सवालों के जवाब नहीं देना चाहती थी, इसलिए मैं रुक के मोम के रूम में चली गई, जहां पे मोम धीमी आवाज से फोन पे, प्यार से बातें कर रही थी- “पता है ना आपको? ओके तो ले लेना… मोना के लिए? हाहाहा… फिर उसको बोलूँ कि ये तेरे डैड की तरफ से है क्या? हाँ? (फिर खूब हँसने लगती है) नोट मी… हाहाहा… ओके अब मुझे नींद आ रही है, हाँ… गुडनाइट… आई लोव यू टू…” और किस के बाद डैड का काल कट हो जाता है और मोम बेड पे पड़ी किताब और फोन को साइड में रख देती हैं।
मुझे रूम आते और दरवाजा लाक करते देखकर मोम ने अपना आलमोस्ट खुला हुआ सिल्क रोब उतारकर साइड में रख दिया। मोम हमेशा की तरह नंगे बदन खूबसूरत लग रही थीं। कितनी मेहनत करनी पड़ती है ऐसे बदन को जवान रखने में, या उनके अंदर ही कोई मैजिकल पावर है? होगी शायद, वरना मैं ऐसे ही उनकी तरफ खिंची चली ना जाती। गई तो बात करने को ही, पर बातें सिर्फ बदन करने लगे थे, या फिर बात हो रही थी, बस तरीका अलग है, हाँ… और जो बात कहनी थी, करनी थी वो भी किसको लेकर। लिपटकर मोम मेरे बालों की खुश्बू में खुली आँखों से कुछ सोच रही थी लेकिन वो मेरे हार्ड टिट को उंगलियों से सहला रही थी।
मोम- “मोना…”
मैं- “ह्म्म?”
मोम- “उस रात, आदी ने मुझे देखा भी था, है ना?”
मुझे अजीब लगा की डैड से बात करने के बाद मोम के दिमाग में ये बात चल रही थी- “हाँ, आप बेध्यानी में किचेन में चली गई थी और उसने आपकी बैक साइड देखी थी…”
मोम- “उसको पता चला होगा की मैं… …”
मैंने सोचा की शायद, उसने अगर कभी किसी लड़की को मास्टरबेशन के बाद की हालत में देखा हो तो वो समझ जाता, लेकिन मैंने मोम को टेन्शन नहीं देना चाहती थी, कहा- “नहीं, अगर उसने सोचा भी होता की आप किसी मर्द के साथ हैं, तो वो पक्का आपके रूम में जाकर देखता…”
मोम ने हँसकर कहा- “हाँ… तेरी बात सही है…” फिर थोड़ी देर शांति के बाद मोम ने मुझे वो सब वापस बताने को कहा।
मैंने एक पल मोम को देखा की वो ये फिर से क्यों सुनना चाहती है, फिर भी मैंने उनको बता दिया। कैसे उसने मोम की सेक्सी आवाज सुन ली थी? मैं उसके खड़े लण्ड पे उसको शर्म का एहसास कराकर उसको वहां से भागना चाहती थी, पर कैसे वो गरम और सेक्स का भूखा हो गया था? कैसे उसने मोम की आवाज को ऐसा बना लिया जैसे वो मोम को चोद रहा हो?
मोम ये सुनकर सोच में पड़ गई, उनका दिल धड़क रहा था।
मैंने कहा- “लेकिन मोम उस सबके बाद हम दोनों रियल में एक दूसरे से प्यार कर रहे थे, वो आपकी आवाज पे ध्यान नहीं दे रहा था, जबकी तुषार की भी हल्की आवाज आ रही थी जिसको वो सुन ही नहीं पाया, क्योंकी ही वाज इन लोव, डीपली, आफ्टर दैट ही डिडन्ट इमेजिन यू…”
मोम- “तूने कहा था की वो इतना जंगली हो गया था जितना पहले नहीं हुआ था, सच में ऐसा ही था?”
मैंने हाँ में सिर हिलाया, मोम ने मेरी आँखों में देखा, उसमें बात का मतलब पढ़ लिया, मोम सोच रही थी की आदी सच में उनकी आवाज और उनके साथ सेक्स की कल्पना करके जंगली हुआ था, तो कैसा लग रहा होगा? मोम की आँखों में अलग ही बात थी जो मुझे अभी समझ में नहीं आई।
मैं- “मोम मैं कई बार आपको बता चुकी हूँ, ही रियली लव्स यू…”
मोम ने मुझे जवाब नहीं दिया, तब मुझे मोम की आँखों की फीलिंग समझ में आई, वो स्वीकार कर रही थी, वो ना चाहते हुए भी ये बात आखिर समझ गई थी की आदी, उनका बेटा, सिर्फ बेटा नहीं था, वो कुछ और भी था।
अकरम ने अगले दिन फोन किया तो हमारा मूड खराब हो गया।
मैं- “ओह्ह गोड… फिर से?”
पर जब काल रिसिव करने के बाद उसने हमको कल उस मोटे आदमी के साथ रहने के लिए थैंक्स कहा और ये भी की कुछ टाइम तक वो ‘बाहर’ होगा। तब हमें कुछ शांति हुई। काश वो हमेशा के लिए बाहर ही रहे।
भले ही भाई के लिए हम माँ बेटी का सेक्सुअल रीलेशन नार्मल हो। तब भी मोम के कहने पे हमने ये रीलेशन जाहिर नहीं किया था और हम पहले जैसे छुपकर रहती थी।
मोम ने मुझे वार्निंग देने वाली टोन में कहा- “इसका गलत फायदा मत उठना तू। समझी…”
लेकिन फायदा तो इतना सारा मिला था की अब मुझे पहले से ज्यादा फ्रीडम मिल गई थी और मोम अब योगा करने के लिए कभी-कभी बाय-शार्टस पहनने लगी थी। इसकी वजह ये भी हो सकती है की भाई अब पहले जैसे घूरता नहीं था। भाई इन मामलों में इतना मेच्योर हो गया था की मोम की सेक्सी गाण्ड योगा के टाइम शार्टस में देखकर भी वो अपना ध्यान हटाकर लण्ड को शांत रखता था, और हमें पूरे टाइम टेंट देखने को नहीं मिलता था।
इतने टाइम से धीरे-धीरे हम खुलते जा रहे थे। सेक्सी योगा आउटफिट हो, या रिवीलिंग कपड़े। भाई के लिए अब ये नार्मल हो गया था। उस दिन मोम के भाई पर चिल्लाने वाले इन्सिडेंट और भाई का हमारे बारे में जानने के बाद इसका मिला-जुला असर ये हुआ की कभी-कभी मोम भाई की प्रेजेन्स में ब्रा पैंटी में भी यहां वहां आती जाती थीं। ऐसा तब होता जब वो आफिस से थकी हुई आती या जल्दबाजी वाले मोमेंट में उनको भाई के देखने से कोई प्राब्लम नहीं होती थी।
हमारे ‘रण्डी जाब’ की छुट्टी में भाई आफिस में बिजी रहा। वो किसी बड़े प्राजेक्ट को हैंडल कर रहा था। मोम भी टेन्शन में थी की वो पहली बार सारा काम खुद ही हैंडल कर रहा था।
मैंने मोम से पूछा- “आप उसकी हेल्प क्यों नहीं कर रही?”
मोम ने कहा- “वैसे ये आदी ने कहा की उसको वो प्राजेक्ट खुद ही पूरा करना है…”
लेकिन एक तरह से मोम खुश भी थी की भाई अब कंपनी चलाने लगा था और मोम धीरे-धीरे फ्री हो रही थी। मोम ने मजाक में कहा- “अब मुझको ऐयाशी करने का और टाइम मिला करेगा…”
लेकिन उसी रात को मोम ने मुझे चिढ़ा दिया जब मैंने उनसे कहा- “अब से मैं भाई की आफिस की टेन्शन कम करने में ‘हेल्प’ कर दिया करूँगी…”
मोम ने कहा- “तेरे एग्जाम आने वाले हैं, तो तुझे स्टडी करनी चाहिए। इतने टाइम तुझे जो छूट मिली हुई थी। अब इसकी वजह से तेरा फाइनल खराब नहीं होना चाहिए। एट्सेटरा एट्सेटरा…”
इसलिये, इसके कुछ दिन बाद कुछ खास नहीं हुआ, और ना ही कुछ करने दिया गया। उल्टा मोम ने भाई को अपने काम ना करने के लिए अलाऊ कर दिया जैसे की मार्निंग में लेट उठना, एक्सर्साइज ना करना, अपना रूम क्लीन ना करना, और बाकी छोटे-छोटे काम।
मैं और मोम अकरम के काल आने के बाद डाक्टर शोभा से हेल्थ चेकप के लिए गईं। तब डाक्टर शोभा हम माँ बेटी के इस तरह एक साथ सेक्सुअली आक्टिव होने से बेहोश होते-होते बची। वो मेरी सेक्स अडिक्टिव मोम को कई सालों से जानती हैं, और अब वो मेरे बारे में अभी तक की 3 मुलाकातों में इतना जान गई थी की मैं भी अपनी मोम की तरह ‘एक’ से संतुष्ट नहीं होती। हमने उनको बताया तो नहीं था पर फिर भी समझ जाने की बात थी की हम ‘कौन’ हैं।
मेरे लिए ये थोड़ा वियर्ड था की वो इतना जानकर भी मोम की दोस्त थी। मोम ने मुझे बाद में डाक्टर शोभा के बारे में बताया। लेकिन ये अलग और लंबी कहानी है, सो फिर कभी।
कुछ दिनों बाद मार्निंग में अंजली आंटी आई थी। फिर वो मोम को अपने साथ शापिंग के लिए ले गई। दोपहर को मुझे मोम का काल आया की वो कुछ फाइल्स आफिस ले जाने वाली थी, पर वो भूल गई। इसलिए मुझे आफिस जाकर वो फाइल्स भाई को देने को कहा। फिर इतना कहने के बाद मुझे उनकी आवाज के पीछे से सरिता आंटी की भी आवाज सुनाई दी।
मोम अपनी दोस्त से बात करने में काल कट करना भूल गई थी। जब मैं काल कट करने वाली थी तब मैंने अंजली आंटी को ये कहते सुना- “कम हियर लेडीस। दिस काक इस रियली डेलीशियस… वांट दि फक…”
मैंने अपने फोन को अपने कानों में और अंदर घुसा लिया। मुझे तो यकीन नहीं हुआ की सरिता आंटी भी इनके ग्रुप में शामिल हैं। सरिता आंटी को देखकर भी कोई ऐसा सोच ही नहीं सकता। वो मोम और अंजली आंटी की तरह हाट नहीं हैं। सरिता आंटी थोड़ी मोटी और उनका चेहरा क्यूट और मदर्ली लुक वाला है।
मैं काल कट कर देती, पर नहीं कर पा रही थी और सुनने बैठ गई, वो भी फोन की फुल वाल्यूम करके। मुझे इतना पता चला की अंजली आंटी ने उसको (पुरुष एस्कार्ट, उनका दोस्त) बुलाया था पार्टी करने के लिए। 20 मिनट तक मुझे ये स्पेशल प्रोग्राम सुनने को मिला। उनकी बातें कभी कुछ हद तक क्लियर तो कभी सुनाई ही नहीं दी, लेकिन ये मुझे सही से पता चल गया की किसने कितने मजे किए। सरिता आंटी की बातें सुनकर मेरे मन में उनकी इमेज टोटली बदल गई। दुर्भाग्यवश कुछ देर बाद मोम के फोन की बैटरी आफ हो गई।
***** *****
मुझे रूम आते और दरवाजा लाक करते देखकर मोम ने अपना आलमोस्ट खुला हुआ सिल्क रोब उतारकर साइड में रख दिया। मोम हमेशा की तरह नंगे बदन खूबसूरत लग रही थीं। कितनी मेहनत करनी पड़ती है ऐसे बदन को जवान रखने में, या उनके अंदर ही कोई मैजिकल पावर है? होगी शायद, वरना मैं ऐसे ही उनकी तरफ खिंची चली ना जाती। गई तो बात करने को ही, पर बातें सिर्फ बदन करने लगे थे, या फिर बात हो रही थी, बस तरीका अलग है, हाँ… और जो बात कहनी थी, करनी थी वो भी किसको लेकर। लिपटकर मोम मेरे बालों की खुश्बू में खुली आँखों से कुछ सोच रही थी लेकिन वो मेरे हार्ड टिट को उंगलियों से सहला रही थी।
मोम- “मोना…”
मैं- “ह्म्म?”
मोम- “उस रात, आदी ने मुझे देखा भी था, है ना?”
मुझे अजीब लगा की डैड से बात करने के बाद मोम के दिमाग में ये बात चल रही थी- “हाँ, आप बेध्यानी में किचेन में चली गई थी और उसने आपकी बैक साइड देखी थी…”
मोम- “उसको पता चला होगा की मैं… …”
मैंने सोचा की शायद, उसने अगर कभी किसी लड़की को मास्टरबेशन के बाद की हालत में देखा हो तो वो समझ जाता, लेकिन मैंने मोम को टेन्शन नहीं देना चाहती थी, कहा- “नहीं, अगर उसने सोचा भी होता की आप किसी मर्द के साथ हैं, तो वो पक्का आपके रूम में जाकर देखता…”
मोम ने हँसकर कहा- “हाँ… तेरी बात सही है…” फिर थोड़ी देर शांति के बाद मोम ने मुझे वो सब वापस बताने को कहा।
मैंने एक पल मोम को देखा की वो ये फिर से क्यों सुनना चाहती है, फिर भी मैंने उनको बता दिया। कैसे उसने मोम की सेक्सी आवाज सुन ली थी? मैं उसके खड़े लण्ड पे उसको शर्म का एहसास कराकर उसको वहां से भागना चाहती थी, पर कैसे वो गरम और सेक्स का भूखा हो गया था? कैसे उसने मोम की आवाज को ऐसा बना लिया जैसे वो मोम को चोद रहा हो?
मोम ये सुनकर सोच में पड़ गई, उनका दिल धड़क रहा था।
मैंने कहा- “लेकिन मोम उस सबके बाद हम दोनों रियल में एक दूसरे से प्यार कर रहे थे, वो आपकी आवाज पे ध्यान नहीं दे रहा था, जबकी तुषार की भी हल्की आवाज आ रही थी जिसको वो सुन ही नहीं पाया, क्योंकी ही वाज इन लोव, डीपली, आफ्टर दैट ही डिडन्ट इमेजिन यू…”
मोम- “तूने कहा था की वो इतना जंगली हो गया था जितना पहले नहीं हुआ था, सच में ऐसा ही था?”
मैंने हाँ में सिर हिलाया, मोम ने मेरी आँखों में देखा, उसमें बात का मतलब पढ़ लिया, मोम सोच रही थी की आदी सच में उनकी आवाज और उनके साथ सेक्स की कल्पना करके जंगली हुआ था, तो कैसा लग रहा होगा? मोम की आँखों में अलग ही बात थी जो मुझे अभी समझ में नहीं आई।
मैं- “मोम मैं कई बार आपको बता चुकी हूँ, ही रियली लव्स यू…”
मोम ने मुझे जवाब नहीं दिया, तब मुझे मोम की आँखों की फीलिंग समझ में आई, वो स्वीकार कर रही थी, वो ना चाहते हुए भी ये बात आखिर समझ गई थी की आदी, उनका बेटा, सिर्फ बेटा नहीं था, वो कुछ और भी था।
अकरम ने अगले दिन फोन किया तो हमारा मूड खराब हो गया।
मैं- “ओह्ह गोड… फिर से?”
पर जब काल रिसिव करने के बाद उसने हमको कल उस मोटे आदमी के साथ रहने के लिए थैंक्स कहा और ये भी की कुछ टाइम तक वो ‘बाहर’ होगा। तब हमें कुछ शांति हुई। काश वो हमेशा के लिए बाहर ही रहे।
भले ही भाई के लिए हम माँ बेटी का सेक्सुअल रीलेशन नार्मल हो। तब भी मोम के कहने पे हमने ये रीलेशन जाहिर नहीं किया था और हम पहले जैसे छुपकर रहती थी।
मोम ने मुझे वार्निंग देने वाली टोन में कहा- “इसका गलत फायदा मत उठना तू। समझी…”
लेकिन फायदा तो इतना सारा मिला था की अब मुझे पहले से ज्यादा फ्रीडम मिल गई थी और मोम अब योगा करने के लिए कभी-कभी बाय-शार्टस पहनने लगी थी। इसकी वजह ये भी हो सकती है की भाई अब पहले जैसे घूरता नहीं था। भाई इन मामलों में इतना मेच्योर हो गया था की मोम की सेक्सी गाण्ड योगा के टाइम शार्टस में देखकर भी वो अपना ध्यान हटाकर लण्ड को शांत रखता था, और हमें पूरे टाइम टेंट देखने को नहीं मिलता था।
इतने टाइम से धीरे-धीरे हम खुलते जा रहे थे। सेक्सी योगा आउटफिट हो, या रिवीलिंग कपड़े। भाई के लिए अब ये नार्मल हो गया था। उस दिन मोम के भाई पर चिल्लाने वाले इन्सिडेंट और भाई का हमारे बारे में जानने के बाद इसका मिला-जुला असर ये हुआ की कभी-कभी मोम भाई की प्रेजेन्स में ब्रा पैंटी में भी यहां वहां आती जाती थीं। ऐसा तब होता जब वो आफिस से थकी हुई आती या जल्दबाजी वाले मोमेंट में उनको भाई के देखने से कोई प्राब्लम नहीं होती थी।
हमारे ‘रण्डी जाब’ की छुट्टी में भाई आफिस में बिजी रहा। वो किसी बड़े प्राजेक्ट को हैंडल कर रहा था। मोम भी टेन्शन में थी की वो पहली बार सारा काम खुद ही हैंडल कर रहा था।
मैंने मोम से पूछा- “आप उसकी हेल्प क्यों नहीं कर रही?”
मोम ने कहा- “वैसे ये आदी ने कहा की उसको वो प्राजेक्ट खुद ही पूरा करना है…”
लेकिन एक तरह से मोम खुश भी थी की भाई अब कंपनी चलाने लगा था और मोम धीरे-धीरे फ्री हो रही थी। मोम ने मजाक में कहा- “अब मुझको ऐयाशी करने का और टाइम मिला करेगा…”
लेकिन उसी रात को मोम ने मुझे चिढ़ा दिया जब मैंने उनसे कहा- “अब से मैं भाई की आफिस की टेन्शन कम करने में ‘हेल्प’ कर दिया करूँगी…”
मोम ने कहा- “तेरे एग्जाम आने वाले हैं, तो तुझे स्टडी करनी चाहिए। इतने टाइम तुझे जो छूट मिली हुई थी। अब इसकी वजह से तेरा फाइनल खराब नहीं होना चाहिए। एट्सेटरा एट्सेटरा…”
इसलिये, इसके कुछ दिन बाद कुछ खास नहीं हुआ, और ना ही कुछ करने दिया गया। उल्टा मोम ने भाई को अपने काम ना करने के लिए अलाऊ कर दिया जैसे की मार्निंग में लेट उठना, एक्सर्साइज ना करना, अपना रूम क्लीन ना करना, और बाकी छोटे-छोटे काम।
मैं और मोम अकरम के काल आने के बाद डाक्टर शोभा से हेल्थ चेकप के लिए गईं। तब डाक्टर शोभा हम माँ बेटी के इस तरह एक साथ सेक्सुअली आक्टिव होने से बेहोश होते-होते बची। वो मेरी सेक्स अडिक्टिव मोम को कई सालों से जानती हैं, और अब वो मेरे बारे में अभी तक की 3 मुलाकातों में इतना जान गई थी की मैं भी अपनी मोम की तरह ‘एक’ से संतुष्ट नहीं होती। हमने उनको बताया तो नहीं था पर फिर भी समझ जाने की बात थी की हम ‘कौन’ हैं।
मेरे लिए ये थोड़ा वियर्ड था की वो इतना जानकर भी मोम की दोस्त थी। मोम ने मुझे बाद में डाक्टर शोभा के बारे में बताया। लेकिन ये अलग और लंबी कहानी है, सो फिर कभी।
कुछ दिनों बाद मार्निंग में अंजली आंटी आई थी। फिर वो मोम को अपने साथ शापिंग के लिए ले गई। दोपहर को मुझे मोम का काल आया की वो कुछ फाइल्स आफिस ले जाने वाली थी, पर वो भूल गई। इसलिए मुझे आफिस जाकर वो फाइल्स भाई को देने को कहा। फिर इतना कहने के बाद मुझे उनकी आवाज के पीछे से सरिता आंटी की भी आवाज सुनाई दी।
मोम अपनी दोस्त से बात करने में काल कट करना भूल गई थी। जब मैं काल कट करने वाली थी तब मैंने अंजली आंटी को ये कहते सुना- “कम हियर लेडीस। दिस काक इस रियली डेलीशियस… वांट दि फक…”
मैंने अपने फोन को अपने कानों में और अंदर घुसा लिया। मुझे तो यकीन नहीं हुआ की सरिता आंटी भी इनके ग्रुप में शामिल हैं। सरिता आंटी को देखकर भी कोई ऐसा सोच ही नहीं सकता। वो मोम और अंजली आंटी की तरह हाट नहीं हैं। सरिता आंटी थोड़ी मोटी और उनका चेहरा क्यूट और मदर्ली लुक वाला है।
मैं काल कट कर देती, पर नहीं कर पा रही थी और सुनने बैठ गई, वो भी फोन की फुल वाल्यूम करके। मुझे इतना पता चला की अंजली आंटी ने उसको (पुरुष एस्कार्ट, उनका दोस्त) बुलाया था पार्टी करने के लिए। 20 मिनट तक मुझे ये स्पेशल प्रोग्राम सुनने को मिला। उनकी बातें कभी कुछ हद तक क्लियर तो कभी सुनाई ही नहीं दी, लेकिन ये मुझे सही से पता चल गया की किसने कितने मजे किए। सरिता आंटी की बातें सुनकर मेरे मन में उनकी इमेज टोटली बदल गई। दुर्भाग्यवश कुछ देर बाद मोम के फोन की बैटरी आफ हो गई।
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
मोम- “तूने काल कट क्यों नहीं किया? इसके बजाए लग गई मजे से सब सुनने। हाँ?” रात मोम मेरे रूम में थी और वो मुझे बता रही थी। असल में उन्होंने ही काल कट करा था।
मैंने कहा- “आई डोन्ट बिलीव दिस। सरिता आंटी तक को आप लोगों ने बिगाड़ रखा है…”
फिर मोम ने कहा- “उसी ने तो पार्टी करने का बोला था, तो हम क्या करते? देखा नहीं सारा वीर्य अपने चेहरे पे उड़ेल लिया था…”
मोम ने जो पिक्स भेजी थी वो किसी मिल्फ पोर्न मूवी के स्क्रीनशाट देखने जैसा था। (मिल्फ मतलब- मदर आई लाइक टु फक) और इसमें तो तीन-तीन वो पोर्नस्टार थीं, जिनको मैं जानती थी। बल्की उनमें से एक तो मेरी माँ थी। सरिता आंटी की चूचियां बहुत बड़ी-बड़ी थीं, और लगता नहीं था की नंगी होने पे वो बहुत ही सेक्सी देखती हैं। अब पता नहीं मोम की बाकी जो दोस्त हैं, जो मुझे यकीन था की वो सती-सावित्री या फिर नार्मल हाउसवाइफ हैं, क्या वो भी सरिता आंटी जैसी ही होंगी या नहीं?
इस बात के कुछ दिन बाद, सुबह में मैं कपड़े धो रही थी, मैंने पिंक टाप और ब्लैक शियर आंड सी-थ्रू पैंटी पहनी हुई थी। जिसको मैं उतारकर बाकी अंडरगार्मेंट्स के साथ वाशिंग मशीन में डालने वाली थी।
तभी “मोना मोना…” मोम की आवाज आई जिसमें वो खुश और उत्तेजित लग रही थी। जब मैं सामने आई तो देखा भाई भी था मोम के साथ। वो आफिस जाने के दो घंटे बाद ही लौट आए थे।
मोम ने मुझे कुछ पहनने को बोला ही था की भाई ने मुझे अच्छी खबर दी। भाई जिस बड़े प्राजेक्ट पे काम कर रहा था वो सक्सेस्फुली कंप्लीट हो गया था।
मैं- “क्या? बधाईयां आदी…” मुझे ये सुनकर बहुत खुशी हुई। मैंने हग किया और किस किया। नहीं, होंठों पर नहीं, फिर कहा- “आई अम प्राउड आफ यू आदी…” और उससे अलग होकर मैंने उससे पार्टी देने की मांग की।
मोम ने आदी के गाल खींचते हुए कहा- “सिर्फ पार्टी से काम नहीं चलेगा। आदी ने पेमेंट के टाइम एक बड़े प्राजेक्ट की डील भी कर ली। इसका मतलब… डबल पार्टी…”
हम सभी खुश थे और भाई की सक्सेस पार्टी के बारे में बातें करने लगे। सब मेरी शियर पैंटी से दिखती चूत को भूल चुके थे। पर लास्ट में भाई ने मेरी चूत की तरफ देखा और मुझे मोम की तरह बोला- “मोना, ये क्या तरीका है? ऐसे क्यों रहती है तू? हाँ? तूने अपने सारे कपड़े धोने को डाल दिए हैं क्या?”
मोम की एग्जैक्ट लेकिन फन्नी मिमिक्री से मोम हँस पड़ी।
मैंने जाते हुए भाई से कहा- “सारी मोम…”
दिन को मोम और मैं शापिंग करते टाइम आदी के लिए गिफ्ट भी ले आए। डिनर पार्टी के लिए क्या पहनना चाहिए? इसके लिए मोम ज्यादा कन्फ्यूज हो रही थी। मुझे दिख रहा था की वो क्या सोच रही थी? क्या उनको मदर्ली अपने बेटे की सक्सेस पार्टी में जाना है? तो मोम ने साड़ी पहनी जिसमें भी वो हाट लग रही थी, या फिर उनको अपने बच्चों से दोस्त होकर पार्टी करनी चाहिए? मोम ने वो सेक्सी साड़ी को उतारकर गाउन पहन लिया, नहीं कुछ ऐसा की उनके बेटे को अच्छा लगे। आई थिंक यही सोच रही थी। तभी वो अनड्रेस होने लगी।
मैं- “हाँ… मोम आप लगी रहो। मैं जाती हूँ…” बोरियत से मैं अपने रूम चली गई।
भाई की आवाज सुनाई दी की हमें लेट हो रहा है।
और जब मैं भाई के सामने गई, तो ही वाज लुकिंग सेक्सी हैंडसम मैन इन दैट ब्लैक टक्सीडो। मैंने भाई को होंठों पे किस किया, और सेडिक्टिवली उसने मेरी लिपस्टिक के निशान को मिटाते हुये कहा- “ह्म्म… यू आर लुकिंग फेबुलस…”
मैंने रेड कलर की ड्रेस पहनी थी, फुल स्लीव जिसका एमब्रायडरी का काम बहुत सुंदर था, और अंदर उसी रंग की ब्रा पैंटी पहनी थी, जिसमें डिनर के बाद भाई मुझे देखकर पागल हो जाएगा।
भाई ने मुझसे मेरे कानों में कहा- “ओह्ह… आई कान्ट वेट फार दि रियल आंड लोंग नाइट पार्टी…”
तभी मोम तैयार होकर आई, और उनको देखकर हम चौंक गये। इसलिए नहीं की मोम सुपर हाट दिख रही थी। बल्कि उन्होंने आलमोस्ट सेम मेरे जैसी ड्रेस पहन ली थी। मेरी बैक खुली थी और मोम की नहीं और कलर ब्राइट रेड था जबकी मेरा थोड़ा सा डार्क। एमब्रायडरी पैटर्न भी अलग था। इन सब डिफरेन्स के बावजूद हम उन जुड़वा बहनों की तरह लग रही थीं, जिनका बर्थ-डे हो।
मोम ने कहा- “मैं चेंज करके आती हूँ…”
लेकिन भाई ने कहा- “ऐसे तो फिर और लेट हो जाएगा…”
मैंने कहा- “मैं जल्दी से चेंज कर लूँगी…” और अपने रूम की तरफ जाने लगी।
भाई ने कहा- “तुम दोनों अच्छी लग रही हो और मैं इनमें ही दोनों को ले चलूंगा, वरना पार्टी कैन्सल…” उसने हमें हेयर स्टाइल भी चेंज करने नहीं दी क्योंकी स्टुपिडली हेयर स्टाइल भी सेम सेम थी।
हमारी वजह से भाई का मूड खराब ना हो इसलिए हम चुपचाप उसके साथ कार में बैठ गईं। मोम ने धीरे से मुझसे कहा- “तूने बताया क्यों नहीं?”
मैं- “आप भी तो चेंज पे चेंज किए जा रही थी…”
मोम- “लोग हमें स्टुपिड समझेंगे…”
भाई ने ड्राइव करते हुए कहा- “अभी आप दोनों स्टुपिड ही लग रही हो, और अगर चुप नहीं हुई तो दोनों और ज्यादा स्टुपिड लगोगी…”
उस फैन्सी होटेल पहुँचने तक तीनों का मूड सही हो गया था। हमने एंजाय किया और डिजर्ट भी अच्छा था। टाइम और भी अच्छा गुजरता, अगर भाई कुछ ज्यादा नहीं पी लेता। मोम और मैं एक स्टुपिड टापिक पे इतनी बात करने में बिजी थी की भाई भी मौके पे पीने में बिजी हो गया।
हमने उसको कार में बिठाया तब तक हमलोग शर्म से इतने लाल हुए की हमारी ड्रेस भी उतनी लाल नहीं थी। ड्राइव करते हुए हम भाई पे जोक बनाने लगे, क्योंकी वो अपनी बात कहते हुए क्यूट और स्टुपिड लग रहा था। मैंने मन ही मन सोचा की चलो सेक्स तो नहीं हो पाएगा पर कम से कम मोम का मूड तो अच्छा है।
हम दोनों भाई को पकड़कर अंदर ले आए और मोम हाल की लाइट ओन करने चली गई। भाई का टक्स और टाई मैंने काउच पे फेंक दी, ताकी भाई को संभाल सकूं। मैंने भाई का कंधा पकड़कर सहारा दिया हुआ था और उसको बेडरूम में ले गई।
भाई- “पटर-पटर कितनी बातें करती कैसे हो आप दोनों? हाँ ह्म्म… लेकिन आज मैं ये जरूर कहूंगा कि आज तो मजा आ गया…” वो नशे में खुशी से बोला- “दीदी आपको मजा आया? ह्म?” उसने चलते हुए रुक के पूछा।
मैं- “हाँ… बहुत…” ताना देने वाले टोन में मैंने कहा।
आदी मुझे पकड़कर गोल-गोल घूमने लगा और बोला- “हाँ… ये हुई ना बात। कम हियर माई ब्यूटी…” कहकर वो मुझे किस करने वाला था पर मैंने करने नहीं दिया।
भाई- “एक किस्सी, एक-एक किस…” वो पप्पी जैसे क्यूट चेहरा बनाकर बोला- “प्लीज…”
सो मोम मुझे दिखी नहीं तो मैंने उसको किस करने दिया। फिर तो उसने मुझे छोड़ा ही नहीं। इसलिये, मैं उसको इसी तरह रूम में ले आई और पीछे से दरवाजा बंद कर दिया। मैंने उस टाइम नोटिस नहीं किया की रूम की लाइट पहले से ओन थी। उसने मुझे किस करते हुए बंद दरवाजे पे टिका दिया।
भाइ को मुझ पे बड़ा प्यार आ रहा था। उसकी हरकत और फन्नी एक्सप्रेशन की वजह से मैं उसपे गुस्सा नहीं कर पा रही थी। मैंने उसको गर्दन, कान, गालों और होंठों पे किस करने दिया। उसने अगले लेवेल पे चूचियां दबाई और ड्रेस ऊपर करके मेरी पैंटी के ऊपर से चूत मसली। फोरप्ले खतम हुआ। मैं अब उसका लण्ड चूसने के लिए भाई के बेडरूम के बंद दरवाजे से टिकते हुए नीचे बैठ गई और जल्दी से बेल्ट, हुक, जिप, फिर पैंट नीचे करके उसके लण्ड को काफी दिनों बाद अपने मुँह में ले लिया- “ओह्ह… आई रियली मिस्ड इट…”
भाई दरवाजा के सहारे खड़ा कराहने लगा।
“ओह्ह… नो मुझे अभी पेशाब क्यों आ रही है?” मैंने रोकते हुए उसको ब्लोवजोब दिया। पर पेशाब के दबाव से मजा खराब हो रहा था, और आगे का सारा ‘हार्ड काम’ मुझे ही करना था। इसलिए मैं उठी और भाई को कहा- “भाई बेड पे लेट जाओ, मैं अभी आती हूँ…” कहकर जल्दी से मैं बाथरूम में गई।
मैं- “ओह्ह मोम… आप यहां क्या कर रही हो?” फुसफुसाते हुये मैंने पूछा। पर जवाब का इंतेजार ना करते हुए मैं जल्दी से टायलेट सीट पे बैठ गई।
मोम चिड़चिड़ी लग रही थी, कहा- “तुमसे तो दो मिनट रुका भी नहीं जाता क्या?” इतना कहकर मोम बाथरूम से निकल गईं।
मुझे समझ में आया की हमारे घूमने से मोम गिर ना जाएं इसलिए मोम हमसे आगे जाकर रूम में चली आई होंगी, लाइट ओन करने के लिए। फिर भाई ने मुझे दरवाजा पे टिका दिया था ना, इसलिए मोम वापस बाहर नहीं जा सकती थी और आकवर्ड सिचुयेशन ना बने इसलिए बाथरूम में छुप गई।
तभी मुझे रूम से मोम के गिरने की आवाज आई और भाई की आअह्ह… भी। मैं जल्दी से उठी- “ओफ्फो… मैं पेशाब कर रही थी…” और बाहर झाँक के देखा की भाई और मोम बेड के किनारे पे गिरे हुए थे।
अच्छा हुआ की बेड पास ही था नहीं तो भाई मोम को लेकर फर्श पे ही गिर जाता। मैं पेशाब अब रोक नहीं सकती थी और वापस बैठ गई। मुझे याद आया की भाई की पैंट उतारी नहीं थी और वो बेड की तरफ जाना चाहा होगा और चलने की कोशिश में गिर गया होगा। मोम भी उसी टाइम बचकर निकलने वाली थी लेकिन वो मोम के ऊपर गिर पड़ा।
मैंने सुना की मोम उसको हटाने की कोशिश की आवाज आ रही थी और मारा-मारी की भी। मैंने अभी उनको उनके हाल पे छोड़ दिया था। तीन मिनट बाद मैंने जब बाथरूम का दरवाजा खोला तो मेरे होश उड़ गये।
मैंने देखा की बेड के किनारे भाई अब भी मोम के ऊपर चढ़ा हुआ था और मोम का मुँह बेड में धंसा हुआ था। मोम उठाने की कोशिश कर रही थी जिससे मोम की ‘उम्म्म्म… उम्म्म्म…’ की आवाज आ रही थी। फिर मोम की नजर मुझ पे पड़ी और हाथ से बाथरूम की तरफ इशारा किया। मैं बाथरूम के दरवाजा थोड़ा खोलकर देखने लगी।
मोम ने खुद ही भाई को खुद से हटाने की कमजोर कोशिश की। शर्ट पहने और पैरों तक उतरी हुई पैंट में भाई ये क्या कर रहा था? मोम भाई के वजन और नशे की पावर की वजह से खुद को उसके शिकंजे से निकाल नहीं पा रही थी। पर वो मेरी हेल्प क्यों नहीं लेना चाहती थी? जबकी मोम पूरी पावर से भाई को हटा सकती थी। अब वो ट्राई करना भूल गई थी। मैंने उनकी आँखें देखी, और उनका खुला मुँह। तब मुझे समझ में आया क्यों?
भाई- “आह्ह… आई लोव यू दीदी। आप शाम से इसका इंतेजार कर रही थी ना? यू आर (चूत) स्टिल सो हाट…”
मैं- “ये क्या हो रहा है?” मेरे तो होश ही उड़ गये क्योंकी आज आदी ने माँ बहन एक कर दी थी।
- jay
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
Superb.......update bro
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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