पार्किग से चुराई हुई कार होशाग ही ड्राइव कर रहा था । रफ्तार तेज थी कार की । अभी तक किसी प्रकार का कोई खतरा सामने नही आया था ।
पिछली सीट पर शामली और मोना चौधरी बैठे थे । मोना चौधरी… सिगरेट के कश ले रही थी ।
शांगली खिडकी के बाहर देख रहा था । एकाएक होशाग ने गर्दन घुमाकर मोना चौधरी को देखा ।
"पुलिस बाक्स में क्या हुआ था ?” .
"वे दोनों पुलिसमैन इस बात को चैक करने की चेष्टा में थे कि कहीँ मेरे चेहरे पर मेकअप तो नहीं ।"
" क्यो ?"
" क्योकि उन्हें मेरी ही कद-काठी की एशियाई युवती की तलाश थी जो दो पुलिसमेनों क्रो मार चुकी है I"
"हां I यह बात तो बताई ही थी उस पुलिसमैन ने I "
"अगर वह मेरा मेकअप साफ कर देते तो जिस काम के लिए हम जा रहे हैँ। वह रह जाता ।"
"हा I यह बात तो है । " शांगली ने शात स्वर मे बोला--" तुम्हारी रिवाॅल्बर की नाल लबी है कुछ I ऐसी रिवाॅल्बर आमतौर पर लोग नहीं रखते । खासतौर से युबतिया I
"किसी से छीनी थी रिवाल्वर I"
" दिखाना I"
मोना चौधरी ने शागली के चेहरे पर निगाह मारी फिर रिवाल्वर निकालकर उसकी तरफ बढा दी I शांगली ने रिवाल्वर थामकर उसे देखा । उस रिवाल्वर को देखकर क्राइम वर्ल्ड का कोई शख्स भी कह सकता था कि वह पुलिस रिवाल्वर है I "
मोना चौधरी ने रिवाॅल्बर लेकर अपने कपडों में छिपा ली I
" रिवाॅल्बर देखने का मतलब समझ में नहीं आया I " मोना चौधरी ने स्थिर लहजे में कहा I
शागली एकाएक मुस्कराया I
" कोई मतलब हो तो तुम्हें समझ आए । मैने तो यू ही रिवाॅल्बर देखी थी । "
मोना चौधरी ने कश लेकर सिगरेट बाहर उछाल दी I
"आज तुम लोगों के कारण मैं बची I वरना वह पुलिस बाले मुझे ना छोड़ते ।"
शागली सिर हिलाकर रह गया ।
" पुलिस वालों को अभी भी हमारी तलाश होगी I " होशाग ने कहा ।
"हा I " शागली ने सिर हिलाया-"वह हमें दूढ़ते ही रहेगे । लेकिन चिता की कोई बात नहीं । "
"अभी कितना रास्ता और तय करना हे ? " मोना चौधरी ने पूछा l
"थोडा सा बाकी हे I ” होशाग ने जवाब दिया I
शागली सिगरेट सुलगाकर कश लेने लगा ।
कार में कुछ पलों की खामोशी रही ।
"कार रोकना होशाग I " शांगली ने कहा I
होशाग ने फौरन कार सडक किनारे रोकी ।
"एक मिनट…मैं. अभी फोन करके आता हू। " कहने के साथ ही शागली कार से निकला और सामने नजर आ रहे फोन बूथ की तरफ बढ़ गया।
होशाग होठ भीचे उसे जाता देखता रहा I
"मिस मोना चौधरी I " होशाग ने दात भीचकर कहा I
"हा ? " मोना चौधरी ने होशाग को देखा ।
"शागली से सावधान रहना I वह यह जानने गया है कि एशियन युवती के पीछे पुलिस वाले हैं I असल मामला क्या है I जल्द ही शांगली को सारी हकीकत मालूम हो जाएगी । " होशाग क्रोध से बोला ।
"यह बात तुम दावे के साथ कैसे कह सकते हो ??'" मोना चौधरी ने आखें सिकोडकर कहा I
"शागली की मूवमेट से मैँ अच्छी तरह वाकिफ हूं। "
मोना चौधरी जवाब में कुछ न कह सकी ।
"कुछ देर बाद यह फिर फोन करेगा रिपोर्ट लेने के लिए I " होशाग पुन बोला I
"यह तो खतरे वाली बात हो गई I शांगली वह बातें भी जान सकता है-जो-हम नही चाहते कि वह जाने I"
होशाग होठ भीचे ड्राइविग सीट पर बैठा रहा।
"तुम इस बात से बचने का कोई रास्ता निकालो I " होशाग बोला ।
"मैं क्या रास्ता निकालू ? " मोना चौधरी खिडकी से बाहर फोन बूथ को देखकर कह उठी ।
"यह तुम जानो I तुम्हें सावधान करना मेरा फर्ज था। ताकि शामली के किसी भी होने वाले वार से सावधान रहो । वह क्या क्या जानता है तुम्हारे बारे में तुम्हें मालूम होना चाहिए।”
मोना चौधरी के दात भिच चुके थे ।
"शामली को किसी भी मौके पर कम नहीं समझना। वह खतरनाक आदमी है I "
मोना चौधरी ने सिर हिलाया I .
"इस बात का एहसास है मुझे I एक बात बताओ मिस्टर होशाग I"
"क्या ?"
“ शांगली की रवानगी. की तैयारी पहले से ही थी ?" मोना चौधरी ने पूछा I
“‘ पहले से ??"
" हा I"
होशाग ने गर्दन घुमाकर मोना चौधरी के चेहरे पर निगाह मारी I
"मैँ तुम्हारे इस सवाल का मतलब नहीं समझा I "
आ बैल मुझे मार- मोना चौधरी सीरीज complete
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज
"जिस तरह शांगली मुझसे बात करके फोरन चल पडा या फिर जिस तरह उसकी हरकते बता रही थी कि जैसे उसे इस सारे मामले की पहले से ही जानकारी हो और वह कुछ करना चाहता हो इस मामले में I जैसे कि मुझे लगा चलने की तैयारी उसने पहले से ही कर रखी थी I " मोना चौधरी गभीर थी ।
होशांग ने गहरी सास लेकर सिर हिलाया फिर कह उठा I
"कह नहीँ सकता । मै इस बारे में कुछ नहीं जानता I"
मोना चौधरी ने सोच भरे अंदाज में सिगरेट सुलगा ली ।
"तुम I" होशाग ने कुछ कहना चाहा I
“ खामोश रहो I " मोना चौधरी ने दबे स्वर में कहा--" आ रहा है I "
कार मेँ गहरा सन्नाटा छा गया I
पास पहुचकर शागली कार मेँ बैठा I होशाग ने कार आगे बढाते हुए पूछा I
"फोन करने की क्या जरूरत पड गई ?"
"ठिकाने पर काम छोड आया था कोई I " शागली ने लापरवाही से कहा ।
फिर उनमें कोई बात नही' हुईं I
शागली का हाथ पुन मोना चौधरी की टागों पऱ आ टिका था I मोना चौधरी ने मुस्कराकर शांगली क्रो देखा…क्रोई एतराज नहीं किया I
शांगली का हाथ अपना कमाल दिखाता चला गया ।
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"शागली I " होशाग के होंठो से सख्त धीमा स्वर निकला I
मोना चौधरी और शागली की निगाहें होशाग की तरफ उठी I
"क्या है ? " शागली ने उसे देखा I
"सामने I "
शागली ने आगे देखा I मोना चौधरी ने भी I
होशाग कार की गति धीमी करता चला गया I
शागली के जवडों मे कसाव आ गया ।
मोना चौधरी की आखें सिकुड गई I सामने पुलिस बैरियर था I
पुलिसमैन खडे नजर आ रहे थे I
बैरियर के इस तरफ दो कारें खडी थी और उस तरफ तीन । पुलिस वाले कारो को चैक करने में व्यस्त थे ।
"इन पुलिस बैनो के पास हमारे बारे में खबर पहुच गई होगी I ” शांगली कटु स्वर में कह उठा I
"हां I" होशाग ने सिर हिलाया-"और हमारे हुलिए के मुताबिक ये हमें जल्दी ही पहचान लेगे I "
मोना चौधरी की आखो में मौत के भाव चमक उठे I
"होशाग कार को बैक करो । अभी मौका हे I हमारे पीछे कोई कार नहीं है I " मोना चौधरी बोली I
"नहीं I ऐसा करना गलत होगा I उनकी कार तैयार खडी है । वे हमेँ फौरन पकड लेगे I " शागली ने खतरनाक, स्वर में कहा-"भागत्ते समय वे हमारी कार के टायर पर गोली चलाकर टायर बेकार कर सकते हैँ I ऐसे में तो उनसे बच पाना और भी कठिन हो जाएगा।"
. . मोना चौधरी के चेहरे पर खीज के भाव उभरे I
"तुम समझते नहीं हो मिस्टर शागली I इनके पास हमारा .हुलिया भी होगा I "
"अवश्य होगा I " शागली ने सर्द स्वर में कहा I
"हम पुलिसमैनों सें टकराने के लिए नहीं निकले-अपना काम पृरा करने के लिए निकले हैँ I अगर हर बैरियर पर हम पुलिस वालों से टकराने में समय बर्बाद करते रंहे तो इस बीच चियाग फिल्म का सौदा चीन से कर लेगा I फिर क्या फायदा होगा हमारी भागदोड का ?"
तभी होशाग की कार दोनों कारों के पीछे जा रुकी I इसके साथ ही होशाग ने रिवाल्वर निकालकर हाथ में ले ली I
शागली ने भी रिबाल्बर निकाल ली I
"जो अडचन रास्ते मेँ आ रही हे वह तो हमें हटानी ही है I नहीं तो हम अपनी मजिल तक कैसे पहुच सकेगे मिस मोना चौधरी I" शागली ने अपनी रिवाल्बर पर हाथ फेरते हुए कहा I
"तुम लोग किसी ऐसे रास्ते का भी इस्तेमाल कर सकतें थे जहा पुलिस बैरियर न होता I "
" हा I यह बात हो सकती थी बशर्ते कि यह बात पहले हमारे दिमाग में आ जाती I " शागली ने सिर हिलाया I
पुलिसमैन ब्रैरियर के पास खडी पहली कार की चैकिंग कर रहे थे I फिर उस कार से निबटकर बैरियर हटाकर उसे चलता किया और उनके आगे वाली कार में व्यस्त हो गए I
"होशाग इसके बाद पुलिसमैन हमारे पास आएगे । " शागली बोला I
"हा I " होशाग का स्वर मौत जैसा खौफनाक हो रहा था I
"हमें अपनी मेहमान मोना चौधरी को हर हाल में बचाना हे ।"
"पहले खुद को बाद में मोना चौधरी को I " एकाएक होशाग मुस्कराया I
"समझदार हो I" शागली ने सिर. हिलाया-"तुम पूरी तरह तैयार हो ?”
"हा । "
शागली ने मोना चौधरी को देखा I
"तुम भी रिवाल्वर निकाल लो I "
" अभी मैं जरूरत नहीं समझती । " मोना चौधरी ने दरिंदगी भरे लहजे में कहा…"तुम लोग भी रिवाॅल्बर जेब में डाल लो I इन पुलिस बालों से मैं निबट लूगी I ”
"तुम ?”
"कोई शक है तुम्हें ?"
"है भी और नहीं भी I " शागली ने मोना चौधरी को गहरी निगाहों से देखा I
" रिवाॅल्बर जेब में ऱख लो I होशाग जब सामने से बैरियर हटे तो कार को दौडा ले जाना । तुम लोगों की कार के पीछे कोई नहीं आएगा I ” मोना चौधरी ने दात भीचकर कहा I
“लेकिन तुम ?"'
"शागली । इस समय तुम लोग मेरे लिए अहमियत रखते हो I जिस मजिल पर मुझे फौरन पहुचना है वहा तुम लोग मुझें पहुचा सकते हो। तुन लोगों को कुछ होना मेरे हक में ठीक नहीं होगा , इस समय हालात खतरनाक हैं I वे पुलिसमैन सावधान है क्योकि' पिछले बेरियर पर जो हुआ हे उसे वे दोहराना नही चाहते होगे और हमे देखते ही पहचान लेगे I हऱ बैरियर पर हमारा हुलिया पहुच चुका होगा I "
शांगली -ने असमजस-भरी निगाह होशाग पर डाली ।
"हम तुम्हारी बात समझ रहे है' मिस चौधरी! सब ठीक है, लेकिन यह बात समझ मे नही आ रही कि तुम अकेली इतने सारे पुलिसमैनो का मुकाबला कैसे कर लोगी । " होशाग बोला I
" जो' बात समझ नही आ रही उसे समझने की चेष्टा भी मत करो । " होशाग और शागली ने एक-दूसरे को देखा I
"यहा से कहा पहचू कि तुम लोगों से मुलाकात हो ?" मोना चौधरी बोली ।
शगली ने बिना कुछ कहे बता दिया कि उसे वे कहा मिलेगे । ~
"लेकिन वहा तुमने जल्द से-जल्द पहुचना हे I "
"चिता मत करो तुम लोगों के साथ ही..... I "
मोना चौधरी खामोश हो गई। क्योकिं आगे वाले चारों पुलिसमैन कार से फारिग होकर उससे रुखसत पाकर कार को रवाना करके उनकी कार के पास आ पहचे थे I शागली और होशाग की रिवाल्बरे बापस जेबों में चली गई थीं I एक पुलिसमैन ने कार के भीतर झाका I
"क्रिस तरफ से आ रहे है' आप लोग है ?" पुलिसमैन ने पूछा ।
होशाग ने बताया ।
"वहा I बैरियर पर कुछ हुआ था ! " . .होशाग ने बताया कि वहा उनके सामने ही पुलिस और कुछ लोगों के बीच गोलिया चलती देखी थीं I ”
" हू I हमें आपकी कार की तलाशी..... । " तभी उस पुलिसमैन की निगाह मोना चौधरी पर पडी I वह कहते कहते रुका I गहरी निगाहों से उसने मोना चौधरी को देखा I उसकी आखें सिकुड़कर छोटी होती चली गई ।
मोना चौधरी शात बैठी थी I
होशांग ने गहरी सास लेकर सिर हिलाया फिर कह उठा I
"कह नहीँ सकता । मै इस बारे में कुछ नहीं जानता I"
मोना चौधरी ने सोच भरे अंदाज में सिगरेट सुलगा ली ।
"तुम I" होशाग ने कुछ कहना चाहा I
“ खामोश रहो I " मोना चौधरी ने दबे स्वर में कहा--" आ रहा है I "
कार मेँ गहरा सन्नाटा छा गया I
पास पहुचकर शागली कार मेँ बैठा I होशाग ने कार आगे बढाते हुए पूछा I
"फोन करने की क्या जरूरत पड गई ?"
"ठिकाने पर काम छोड आया था कोई I " शागली ने लापरवाही से कहा ।
फिर उनमें कोई बात नही' हुईं I
शागली का हाथ पुन मोना चौधरी की टागों पऱ आ टिका था I मोना चौधरी ने मुस्कराकर शांगली क्रो देखा…क्रोई एतराज नहीं किया I
शांगली का हाथ अपना कमाल दिखाता चला गया ।
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"शागली I " होशाग के होंठो से सख्त धीमा स्वर निकला I
मोना चौधरी और शागली की निगाहें होशाग की तरफ उठी I
"क्या है ? " शागली ने उसे देखा I
"सामने I "
शागली ने आगे देखा I मोना चौधरी ने भी I
होशाग कार की गति धीमी करता चला गया I
शागली के जवडों मे कसाव आ गया ।
मोना चौधरी की आखें सिकुड गई I सामने पुलिस बैरियर था I
पुलिसमैन खडे नजर आ रहे थे I
बैरियर के इस तरफ दो कारें खडी थी और उस तरफ तीन । पुलिस वाले कारो को चैक करने में व्यस्त थे ।
"इन पुलिस बैनो के पास हमारे बारे में खबर पहुच गई होगी I ” शांगली कटु स्वर में कह उठा I
"हां I" होशाग ने सिर हिलाया-"और हमारे हुलिए के मुताबिक ये हमें जल्दी ही पहचान लेगे I "
मोना चौधरी की आखो में मौत के भाव चमक उठे I
"होशाग कार को बैक करो । अभी मौका हे I हमारे पीछे कोई कार नहीं है I " मोना चौधरी बोली I
"नहीं I ऐसा करना गलत होगा I उनकी कार तैयार खडी है । वे हमेँ फौरन पकड लेगे I " शागली ने खतरनाक, स्वर में कहा-"भागत्ते समय वे हमारी कार के टायर पर गोली चलाकर टायर बेकार कर सकते हैँ I ऐसे में तो उनसे बच पाना और भी कठिन हो जाएगा।"
. . मोना चौधरी के चेहरे पर खीज के भाव उभरे I
"तुम समझते नहीं हो मिस्टर शागली I इनके पास हमारा .हुलिया भी होगा I "
"अवश्य होगा I " शागली ने सर्द स्वर में कहा I
"हम पुलिसमैनों सें टकराने के लिए नहीं निकले-अपना काम पृरा करने के लिए निकले हैँ I अगर हर बैरियर पर हम पुलिस वालों से टकराने में समय बर्बाद करते रंहे तो इस बीच चियाग फिल्म का सौदा चीन से कर लेगा I फिर क्या फायदा होगा हमारी भागदोड का ?"
तभी होशाग की कार दोनों कारों के पीछे जा रुकी I इसके साथ ही होशाग ने रिवाल्वर निकालकर हाथ में ले ली I
शागली ने भी रिबाल्बर निकाल ली I
"जो अडचन रास्ते मेँ आ रही हे वह तो हमें हटानी ही है I नहीं तो हम अपनी मजिल तक कैसे पहुच सकेगे मिस मोना चौधरी I" शागली ने अपनी रिवाल्बर पर हाथ फेरते हुए कहा I
"तुम लोग किसी ऐसे रास्ते का भी इस्तेमाल कर सकतें थे जहा पुलिस बैरियर न होता I "
" हा I यह बात हो सकती थी बशर्ते कि यह बात पहले हमारे दिमाग में आ जाती I " शागली ने सिर हिलाया I
पुलिसमैन ब्रैरियर के पास खडी पहली कार की चैकिंग कर रहे थे I फिर उस कार से निबटकर बैरियर हटाकर उसे चलता किया और उनके आगे वाली कार में व्यस्त हो गए I
"होशाग इसके बाद पुलिसमैन हमारे पास आएगे । " शागली बोला I
"हा I " होशाग का स्वर मौत जैसा खौफनाक हो रहा था I
"हमें अपनी मेहमान मोना चौधरी को हर हाल में बचाना हे ।"
"पहले खुद को बाद में मोना चौधरी को I " एकाएक होशाग मुस्कराया I
"समझदार हो I" शागली ने सिर. हिलाया-"तुम पूरी तरह तैयार हो ?”
"हा । "
शागली ने मोना चौधरी को देखा I
"तुम भी रिवाल्वर निकाल लो I "
" अभी मैं जरूरत नहीं समझती । " मोना चौधरी ने दरिंदगी भरे लहजे में कहा…"तुम लोग भी रिवाॅल्बर जेब में डाल लो I इन पुलिस बालों से मैं निबट लूगी I ”
"तुम ?”
"कोई शक है तुम्हें ?"
"है भी और नहीं भी I " शागली ने मोना चौधरी को गहरी निगाहों से देखा I
" रिवाॅल्बर जेब में ऱख लो I होशाग जब सामने से बैरियर हटे तो कार को दौडा ले जाना । तुम लोगों की कार के पीछे कोई नहीं आएगा I ” मोना चौधरी ने दात भीचकर कहा I
“लेकिन तुम ?"'
"शागली । इस समय तुम लोग मेरे लिए अहमियत रखते हो I जिस मजिल पर मुझे फौरन पहुचना है वहा तुम लोग मुझें पहुचा सकते हो। तुन लोगों को कुछ होना मेरे हक में ठीक नहीं होगा , इस समय हालात खतरनाक हैं I वे पुलिसमैन सावधान है क्योकि' पिछले बेरियर पर जो हुआ हे उसे वे दोहराना नही चाहते होगे और हमे देखते ही पहचान लेगे I हऱ बैरियर पर हमारा हुलिया पहुच चुका होगा I "
शांगली -ने असमजस-भरी निगाह होशाग पर डाली ।
"हम तुम्हारी बात समझ रहे है' मिस चौधरी! सब ठीक है, लेकिन यह बात समझ मे नही आ रही कि तुम अकेली इतने सारे पुलिसमैनो का मुकाबला कैसे कर लोगी । " होशाग बोला I
" जो' बात समझ नही आ रही उसे समझने की चेष्टा भी मत करो । " होशाग और शागली ने एक-दूसरे को देखा I
"यहा से कहा पहचू कि तुम लोगों से मुलाकात हो ?" मोना चौधरी बोली ।
शगली ने बिना कुछ कहे बता दिया कि उसे वे कहा मिलेगे । ~
"लेकिन वहा तुमने जल्द से-जल्द पहुचना हे I "
"चिता मत करो तुम लोगों के साथ ही..... I "
मोना चौधरी खामोश हो गई। क्योकिं आगे वाले चारों पुलिसमैन कार से फारिग होकर उससे रुखसत पाकर कार को रवाना करके उनकी कार के पास आ पहचे थे I शागली और होशाग की रिवाल्बरे बापस जेबों में चली गई थीं I एक पुलिसमैन ने कार के भीतर झाका I
"क्रिस तरफ से आ रहे है' आप लोग है ?" पुलिसमैन ने पूछा ।
होशाग ने बताया ।
"वहा I बैरियर पर कुछ हुआ था ! " . .होशाग ने बताया कि वहा उनके सामने ही पुलिस और कुछ लोगों के बीच गोलिया चलती देखी थीं I ”
" हू I हमें आपकी कार की तलाशी..... । " तभी उस पुलिसमैन की निगाह मोना चौधरी पर पडी I वह कहते कहते रुका I गहरी निगाहों से उसने मोना चौधरी को देखा I उसकी आखें सिकुड़कर छोटी होती चली गई ।
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज
"मैडम I आप ज़रा कार से बाहर आइए । " एकाएक पुलिसमैन ने कहा ।
"क्यों ?" मोना चौधरी ने आखें सिकोडी ।
"क्या आपको बाहर आने में एतराज है ? मत भूलिए, यह पुलिस चैकिंग है । "
मोना चौधरी ने शागली को देखा और मुह लटकाकर बोली I
" 'डार्लिग' I"
"चित्ता मत करो I " शागली ने अच्छे डार्लिग की तरह उसका कधा थपथपाकर प्यार से कहा…"ये पुलिस वाले हैं I चैकिग कर रहे हैँ और फिर मैँ तो हू न यहा I "
मोना चौधरी चेहरे पर मजबूरी के भाव लिए कार से बाहर निकली ।
चारों पुलिसमैंनों ने ध्यानपूर्वक मोना चौधरी क्रो देखा ।
"ऐसे क्या देख रहे हे आप ?" मोना चौधरी असुविधा प्रकट करते हुए बोली I
पुलिसमैनों ने एकदूसरे पर निगाह मारी I
" लगती तो वैसी ही है जैसा हमेँ बताया गया है I " एक पुलिसमैन ने कहा ।
"इसके साथियों को चैक करो । वह भी बैसे ही लगेंगे I "
दूसरे ने रिवाल्वर मोना चौधरी से सटा दी I
" यह क्या बदतमीजी है ? " मोना चौधरी ने झल्लाकर पुलिसमैन क्रो धक्का दिया औंर बैरियर की तरफ बढ गई I
दो पुलिसमैन फौरन उसके पीछे लपके I
"मैडम I यह क्या कर रही हैं आप ? स्टाप I"
मोना चौधरी. पद्रह कदम दूर बैरियर के समीप पहुचकर ~ ठिठकी ।
"मैडम I" पुलिसमैन ने कुछ कहना चाहा ।
"प्लीज I मुझे तग मत कीजिए I " मोना चौधरी ने पूर्ववत लहजे में कहा…"आप हमें जल्दी से फारिग कीजिए I "
एक पुलिसमैन ने दूर खडे पुलिसमैनों से कहा ।
"कार मैं जो बैठे हैं I उन्हे चैक करो I ”
इस बीच मोना चौधरी देख चुकी थी कि तीन और पुलिसमैन हैं, जो दूसरी तरफ़ से जाने बाली कारो और अन्य लोगों को चैक कर रहे थे I यानी कि कुल सात पुलिसमैन थे वहां I अगर कोई आठवा और नौवां हुआ तो वह पुलिस बाक्स में होगा जो सड़क के दूसरी तरफ था I बह पुलिसमैन होशाग और शागली को चेक करने के लिए आगे बड़ा I . .
ठीक उसी समय मोना चौधरी ने बेरियर के हुक को खिसका दिया ।
सढ़क के बीचो बीच लगा बेरियर इतना ऊपर उठ गया कि वाहन नीचे से गुजर सके I
इससे पहले कि पुलिसमैन शांगली या हौशाग को चैक कर पाते बैरियर हटते देखकर होशाग ने कार स्टार्ट की और तूफानी गति से आगे बढा दी I
सब पुलिसमैन चौके हढ़बडाए I किसी की समझ में कुछ नही आया । जब आया तो होशाग शांगली वाली कार दूर हो चुकी थी ।
दोनों पुलिसमैनों ने फौरन मोना चौधरी को कवर कर लिया ।
“उस कार को पकडो I” दोनों पुलिसमैन चीखकर पुलिस कार की तरफ दौडे ।
दोनों पुलिसमैनों का ध्यान क्षणभर के लिए उनकी तरफ हुआ । इतना ही वक्त बहुत था मोना चौधरी के लिए I उसने बिल्ली की तरह झपट्टा मारा और करीब खडे पुलिसमैन की रिवाॅल्बर पर कब्जा करके दूसरे पुलिसमैन पर गोली चला दी. । उसके बाद उस पर, जिससे रिवाॅल्बर छीनी थी I
रिवाॅल्बरो के धमाके सुनकर वे दोनो पुलिसमैन ठिठके, जो भागकर कार के पास पहुच चुके थे I उसी समय मोना चौधरी ने दो बार ट्रेगर दबाया तो वे भी गए I
मोना चौधरी की निगाह बैरियर के दूसरी तरफ खडे पुलिसमेनों की तरफ गई और अगले ही पल ऊपर से कई फायर गुजरते चले गए I
बैरियर के दूसरी तरफ मौजूद पुलिसमेनों को सावधान हो जाने का मुनासिब वक्त मिल गया था I उन्होने मोना चौधरी को निशाना बना भी लिया था ।
अगर मोना चौधरी सावधान न हो गई होती तो वह भी गई थी I
नीचे पड़े पडे मोना चौधरी ने आगे पीछे निगाह मारी I
कोई भी कोई खतरा नहीँ था । पुलिस बाक्स में से भी कोई पुलिसमैन बाहर नहीं निकला था I
और उन पुलिसनैनों ने कार की ओट ले ली थी I
मोना चौधरी को लगा, जैसे अब यह लडाई लबी हो जाएगी I जबकि वक्त इतना कम था कि वह फौरन सब कुछ निबटा देने पर आमादा थी I दात भीचकर 'मोना चौधरी लेटे ही लेटे अपनी निगाह चारों तरफ घुमाने लगी I चद पलो में ही निगाह उस कार पर जा टिकी जिसके पीछे वे तीनों पुलिसमैन आड ले चुके थे I
एकाएक मोना चौधरी की आखें सिकुडकर बेहद छोटी हो गई I इस बात का उसे स्पष्ट एहसास हो गया था कि एक पुलिसमैन अपनी खोपडी को कार के नीचे घुसेड़कर उसे दूढ़ने का प्रयत्न कर रहा था कि वह नजर आए और उसे शूट करे ।
"साला I हरामी I" मोना चौधरी दात भीचकर बड़बढ़ाई और रिवाॅल्बर सीधी करते हुए निशाना बाधकर ट्रेगर दबा दिया । परंतु कार के नीचे खोपडी घुसेड़े पुलिसमैन की भी शायद उसकी स्थिति का आभास हो गया था I उसने भी फायर कर दिया था । मोना चौधरी की गोली उसके ठीक करीब सढ़क पर जा लगी I जबकि पुलिसमैन की गोली उसके ऊपर से गुजरती चली ~ गई थी । मोना चौधरी ने फुर्ती के साथ तुरत दो करवट ली । कार के नीचे देखा पुलिसमैन जल्दी से कार से बाहर निकल रहा था I मोना चौधरी ने पुन निशाना बाधकर फायर किया । पुलिसमैन की खोपडी बिखरती चली गई I फायरों के तेज धमाकों के पश्चात वहा मौत सा सन्नाटा छा गया । मोना चौधरी ने हाथ में पकडी रिवाल्वर को एक तरफ उछाल दिया I वह खाली हो चुकी थी I उसने कुछ दूर पडी पुलिसमैन की लाश को देखा I उसके मृत हाथ में अभी भी रिवाॅल्बर मौजूद थी I मोना चौधरी अपना ही रिवाॅल्बर निकालती परंतु अब यह जगह उसे छोडनी ही थी क्योंकि बचे हुए बाकी के दो पुलिसमैन उसकी पोजीशन का आभास पा चुके थे । वह उस पर फायरिंग शुरु कर सकते थे इसलिए मोना चौधरी ने जगह छोड़ने के साथ-साथ पुलिसमैन. की भरी--- रिवाॅल्बर भी हथिया लेने की सोची I
लेटे ही लेटे मोना चौधरी ने छलाग लगाई और लुढ़कते हुए पुलिसमैन से टकराकर रूक गई I उसी क्षण तीन चार गोलिया एक साथ चलीं I
जिसमें से दो गोलियाँ उस मृत पुलिसमैन को लगीं I और दो जमीन में । मोना चौधरी ने मृत पुलिसमैन -के हाथ से भरी हुई रिवाॅल्बर ली और तेजी से पीछे की तरफ जंप लगा दी I
वह लुढ़कती हुई सड़क के किनारे ढलान पर जा पहुची और तुरत पुलिसमैनों की तरफ निगाह मारी I उसकी हरकतें देखकर एक पुलिसमैन कार की ओट से बाहर आ गया I
मोना चौधरी ने बिना देर किए ट्रेगर दबा दिया I
वह भी उइ गया ।
बाकी बचा एक I मोना चौधरी ने उसकी कोई परवाह नहीँ की लेकिन उसे मारना जरूरी था, क्योकि मोना चौधरी को यहां से जाने के लिए कार हासिल करनी थी, जबकि उसी तरफ़ कारें खडी थीं, जिस तरफ कारों की ओट में पुलिसमैन मौजूद था । उसे मारे विना वह कार नहीं सकती थी I इस वक्त मोना चौधरी की आखो में खून बरस रहा था I
.मदरिंदगी का दूसरा रूप लग रही थी वह I ऐसो नागिन कि जिसका शिकार बरसों बाद मिला हो और अब मात्र डसना बाकी रह गया हो I मोना चौधरी बहा से हटकर किसी अच्छी जगह पर पोजीशन लेने की सोच रही थी कि तभी उसे अपने पीछे से .सस्सराहट सी महसूस हुईं I उसने तुरत पलटना चाहा ।
परंतु तभी उसकी पीठ पर रिवाॅल्बर की नाल आ टिकी ।
"स्टाप !" वेहद कठोर स्वर उसके कानों में पड्रा ।
मोना चौधरी वही-की वहीं जमकर रह गई । होंठ भिच गए थे । चेहरा और भी कठोर हो गया था I मौत के भाव आखों में नाच उठे I
"रिवाल्वर फैको I "
मोना चौधरी ने हाथ से रिवाॅल्बर निकल जाने दी I
"उठो । "
मोना चौधरी आहिस्ता आहिस्ता उठी I रिवाॅल्बर अभी भी उसकी कमर से लगी हुई थी I
" हाथ ऊपर । "
मोना चौधरी ने हाथ ऊपर उठा लिए I चद पलों के लिए वहा मौत का सन्नाटा छा गया ।
"दिल तो नही चाहता कि तुम्हें जिदा रखू I " उसे कवर किया व्यक्ति गुर्राया…"लेकिन कानून का ख्याल करते हुए तुम्हें जिदा रखना पड रहा है । "
मोना चौधरी के दात भिचे रहे । हालात का रुख अपनी तरफ देखकर आखिरी बचा… पुलिसमैन, जोकि कार की ओट लिए हुए था वह भी रिवाॅल्बर थामे सामने आ गया I
"क्यों ?" मोना चौधरी ने आखें सिकोडी ।
"क्या आपको बाहर आने में एतराज है ? मत भूलिए, यह पुलिस चैकिंग है । "
मोना चौधरी ने शागली को देखा और मुह लटकाकर बोली I
" 'डार्लिग' I"
"चित्ता मत करो I " शागली ने अच्छे डार्लिग की तरह उसका कधा थपथपाकर प्यार से कहा…"ये पुलिस वाले हैं I चैकिग कर रहे हैँ और फिर मैँ तो हू न यहा I "
मोना चौधरी चेहरे पर मजबूरी के भाव लिए कार से बाहर निकली ।
चारों पुलिसमैंनों ने ध्यानपूर्वक मोना चौधरी क्रो देखा ।
"ऐसे क्या देख रहे हे आप ?" मोना चौधरी असुविधा प्रकट करते हुए बोली I
पुलिसमैनों ने एकदूसरे पर निगाह मारी I
" लगती तो वैसी ही है जैसा हमेँ बताया गया है I " एक पुलिसमैन ने कहा ।
"इसके साथियों को चैक करो । वह भी बैसे ही लगेंगे I "
दूसरे ने रिवाल्वर मोना चौधरी से सटा दी I
" यह क्या बदतमीजी है ? " मोना चौधरी ने झल्लाकर पुलिसमैन क्रो धक्का दिया औंर बैरियर की तरफ बढ गई I
दो पुलिसमैन फौरन उसके पीछे लपके I
"मैडम I यह क्या कर रही हैं आप ? स्टाप I"
मोना चौधरी. पद्रह कदम दूर बैरियर के समीप पहुचकर ~ ठिठकी ।
"मैडम I" पुलिसमैन ने कुछ कहना चाहा ।
"प्लीज I मुझे तग मत कीजिए I " मोना चौधरी ने पूर्ववत लहजे में कहा…"आप हमें जल्दी से फारिग कीजिए I "
एक पुलिसमैन ने दूर खडे पुलिसमैनों से कहा ।
"कार मैं जो बैठे हैं I उन्हे चैक करो I ”
इस बीच मोना चौधरी देख चुकी थी कि तीन और पुलिसमैन हैं, जो दूसरी तरफ़ से जाने बाली कारो और अन्य लोगों को चैक कर रहे थे I यानी कि कुल सात पुलिसमैन थे वहां I अगर कोई आठवा और नौवां हुआ तो वह पुलिस बाक्स में होगा जो सड़क के दूसरी तरफ था I बह पुलिसमैन होशाग और शागली को चेक करने के लिए आगे बड़ा I . .
ठीक उसी समय मोना चौधरी ने बेरियर के हुक को खिसका दिया ।
सढ़क के बीचो बीच लगा बेरियर इतना ऊपर उठ गया कि वाहन नीचे से गुजर सके I
इससे पहले कि पुलिसमैन शांगली या हौशाग को चैक कर पाते बैरियर हटते देखकर होशाग ने कार स्टार्ट की और तूफानी गति से आगे बढा दी I
सब पुलिसमैन चौके हढ़बडाए I किसी की समझ में कुछ नही आया । जब आया तो होशाग शांगली वाली कार दूर हो चुकी थी ।
दोनों पुलिसमैनों ने फौरन मोना चौधरी को कवर कर लिया ।
“उस कार को पकडो I” दोनों पुलिसमैन चीखकर पुलिस कार की तरफ दौडे ।
दोनों पुलिसमैनों का ध्यान क्षणभर के लिए उनकी तरफ हुआ । इतना ही वक्त बहुत था मोना चौधरी के लिए I उसने बिल्ली की तरह झपट्टा मारा और करीब खडे पुलिसमैन की रिवाॅल्बर पर कब्जा करके दूसरे पुलिसमैन पर गोली चला दी. । उसके बाद उस पर, जिससे रिवाॅल्बर छीनी थी I
रिवाॅल्बरो के धमाके सुनकर वे दोनो पुलिसमैन ठिठके, जो भागकर कार के पास पहुच चुके थे I उसी समय मोना चौधरी ने दो बार ट्रेगर दबाया तो वे भी गए I
मोना चौधरी की निगाह बैरियर के दूसरी तरफ खडे पुलिसमेनों की तरफ गई और अगले ही पल ऊपर से कई फायर गुजरते चले गए I
बैरियर के दूसरी तरफ मौजूद पुलिसमेनों को सावधान हो जाने का मुनासिब वक्त मिल गया था I उन्होने मोना चौधरी को निशाना बना भी लिया था ।
अगर मोना चौधरी सावधान न हो गई होती तो वह भी गई थी I
नीचे पड़े पडे मोना चौधरी ने आगे पीछे निगाह मारी I
कोई भी कोई खतरा नहीँ था । पुलिस बाक्स में से भी कोई पुलिसमैन बाहर नहीं निकला था I
और उन पुलिसनैनों ने कार की ओट ले ली थी I
मोना चौधरी को लगा, जैसे अब यह लडाई लबी हो जाएगी I जबकि वक्त इतना कम था कि वह फौरन सब कुछ निबटा देने पर आमादा थी I दात भीचकर 'मोना चौधरी लेटे ही लेटे अपनी निगाह चारों तरफ घुमाने लगी I चद पलो में ही निगाह उस कार पर जा टिकी जिसके पीछे वे तीनों पुलिसमैन आड ले चुके थे I
एकाएक मोना चौधरी की आखें सिकुडकर बेहद छोटी हो गई I इस बात का उसे स्पष्ट एहसास हो गया था कि एक पुलिसमैन अपनी खोपडी को कार के नीचे घुसेड़कर उसे दूढ़ने का प्रयत्न कर रहा था कि वह नजर आए और उसे शूट करे ।
"साला I हरामी I" मोना चौधरी दात भीचकर बड़बढ़ाई और रिवाॅल्बर सीधी करते हुए निशाना बाधकर ट्रेगर दबा दिया । परंतु कार के नीचे खोपडी घुसेड़े पुलिसमैन की भी शायद उसकी स्थिति का आभास हो गया था I उसने भी फायर कर दिया था । मोना चौधरी की गोली उसके ठीक करीब सढ़क पर जा लगी I जबकि पुलिसमैन की गोली उसके ऊपर से गुजरती चली ~ गई थी । मोना चौधरी ने फुर्ती के साथ तुरत दो करवट ली । कार के नीचे देखा पुलिसमैन जल्दी से कार से बाहर निकल रहा था I मोना चौधरी ने पुन निशाना बाधकर फायर किया । पुलिसमैन की खोपडी बिखरती चली गई I फायरों के तेज धमाकों के पश्चात वहा मौत सा सन्नाटा छा गया । मोना चौधरी ने हाथ में पकडी रिवाल्वर को एक तरफ उछाल दिया I वह खाली हो चुकी थी I उसने कुछ दूर पडी पुलिसमैन की लाश को देखा I उसके मृत हाथ में अभी भी रिवाॅल्बर मौजूद थी I मोना चौधरी अपना ही रिवाॅल्बर निकालती परंतु अब यह जगह उसे छोडनी ही थी क्योंकि बचे हुए बाकी के दो पुलिसमैन उसकी पोजीशन का आभास पा चुके थे । वह उस पर फायरिंग शुरु कर सकते थे इसलिए मोना चौधरी ने जगह छोड़ने के साथ-साथ पुलिसमैन. की भरी--- रिवाॅल्बर भी हथिया लेने की सोची I
लेटे ही लेटे मोना चौधरी ने छलाग लगाई और लुढ़कते हुए पुलिसमैन से टकराकर रूक गई I उसी क्षण तीन चार गोलिया एक साथ चलीं I
जिसमें से दो गोलियाँ उस मृत पुलिसमैन को लगीं I और दो जमीन में । मोना चौधरी ने मृत पुलिसमैन -के हाथ से भरी हुई रिवाॅल्बर ली और तेजी से पीछे की तरफ जंप लगा दी I
वह लुढ़कती हुई सड़क के किनारे ढलान पर जा पहुची और तुरत पुलिसमैनों की तरफ निगाह मारी I उसकी हरकतें देखकर एक पुलिसमैन कार की ओट से बाहर आ गया I
मोना चौधरी ने बिना देर किए ट्रेगर दबा दिया I
वह भी उइ गया ।
बाकी बचा एक I मोना चौधरी ने उसकी कोई परवाह नहीँ की लेकिन उसे मारना जरूरी था, क्योकि मोना चौधरी को यहां से जाने के लिए कार हासिल करनी थी, जबकि उसी तरफ़ कारें खडी थीं, जिस तरफ कारों की ओट में पुलिसमैन मौजूद था । उसे मारे विना वह कार नहीं सकती थी I इस वक्त मोना चौधरी की आखो में खून बरस रहा था I
.मदरिंदगी का दूसरा रूप लग रही थी वह I ऐसो नागिन कि जिसका शिकार बरसों बाद मिला हो और अब मात्र डसना बाकी रह गया हो I मोना चौधरी बहा से हटकर किसी अच्छी जगह पर पोजीशन लेने की सोच रही थी कि तभी उसे अपने पीछे से .सस्सराहट सी महसूस हुईं I उसने तुरत पलटना चाहा ।
परंतु तभी उसकी पीठ पर रिवाॅल्बर की नाल आ टिकी ।
"स्टाप !" वेहद कठोर स्वर उसके कानों में पड्रा ।
मोना चौधरी वही-की वहीं जमकर रह गई । होंठ भिच गए थे । चेहरा और भी कठोर हो गया था I मौत के भाव आखों में नाच उठे I
"रिवाल्वर फैको I "
मोना चौधरी ने हाथ से रिवाॅल्बर निकल जाने दी I
"उठो । "
मोना चौधरी आहिस्ता आहिस्ता उठी I रिवाॅल्बर अभी भी उसकी कमर से लगी हुई थी I
" हाथ ऊपर । "
मोना चौधरी ने हाथ ऊपर उठा लिए I चद पलों के लिए वहा मौत का सन्नाटा छा गया ।
"दिल तो नही चाहता कि तुम्हें जिदा रखू I " उसे कवर किया व्यक्ति गुर्राया…"लेकिन कानून का ख्याल करते हुए तुम्हें जिदा रखना पड रहा है । "
मोना चौधरी के दात भिचे रहे । हालात का रुख अपनी तरफ देखकर आखिरी बचा… पुलिसमैन, जोकि कार की ओट लिए हुए था वह भी रिवाॅल्बर थामे सामने आ गया I
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज
" कौन हो तुम ? " मोना चौधरी के होठो से खतरनाक स्वर निकला । I
"पुलिसमैन I"
" लेकिन यहा जितने पुलिसमैन थे मेरी निगाहो में थे । "
मोना चौधरी का स्वर सख्त था ।
उसे कवर करने वाला हसा ।
"एक तुम्हारी निगाहों में नहीं था I यानी कि मैं I मैं बाक्स में था और तुम्हारे रगढग देखकर तुम्हें कवर करने के लिए मुझे चक्कर काटकर पीछे से आना पडा I"
"तो बहादुरी दिखा ही दी तुमने I"
तभी कार के पीछे छिपने वाला पुलिसमैन करीब आ पहुचा I
"अब तो हम बहादुरी नहीं और भी बहुत कुछ दिखाएगे तुम्हें I ” करीब आने वाला पुलिसमैन बोला । वह वेहद क्रोधित नजर आ रहा था । अपने साथी पुलिसमैन की मौत से कलपा पडा था ।
"और क्या दिखाऔगे ?" मोना चौधरी ने उसकी आखों मैं देखा I
"जब दिखाएगे तब देखना I तेरे टुकडे करने से पहले तेरी तबियत खुश कर देगे I तूने पुलिसमैनों को शूट किया है I ना तो कानून तुम्हें छोडेगा और ना ही हम । "
मोना चौधरी हाथ ऊपर किए खडी थी I पीठ पर रिवाॅल्बर की नाल का एहसास बराबर हो रहा था । ऐसी स्थिति में वह कुछ भी करने के काबिल नहीं थी I
"मुझे हाथ नीचे करने दो । मोना चौधरी बौली-"तुम दोनों के पास रिवाॅल्बर है I मैं कुछ भी कर सकने के काबिल नहीं हू I और वैसे भी मैं वेहथियार हूं I ” जबकि मोना चौधरी के कपडों में उस पुलिसमैन का रिवाॅल्बर था जिसे होटल मेँ शूट करके भागी थी I चैबर में अभी भी चार गोलियाँ बाकी थीं I
" करलो !"
मोना चौधरी ने गहरी सास लेकर, दोनों हाथ नीचे कर लिए I दोनों पुलिसमैँनो के बीच मोना चौधरी खडी थी ।
" क्या करे इसका ?" एक पुलिसमैन ने दूसरे से पूछा ।
"जो काम I" दूसरे ने कड़वे स्वर में कहा---"कानून ने करना हे वह हम कर देते हैँ I कानून के दायरे मे फंकसर … पिसेगी I और इसे बिना पीसे ही मौज कराकर छुट्टी करा देगे । "
" मेरा भी यहीँ ख्याल है ।"
"इसे बाक्स में ले चलो I वहा करेगे। "
बेहद शांत खडी मोना चौधरी उनकी बातें सुन रही थी ।
मोना चौधरी ने न तो कोई एत्तराज उठाया और न ही वह.एतराज उठाने के काबिल थी I
दो रिवाॅल्बरों के घेरे में वह पुलिस बाक्स में जा पहुची । एक पुलिसमैन ने बाक्स का दरवाजा भीतर से बद किया । दोनों की निगाहें मोना चौधरी के बम जिस्म पर दौडने लगीं I
"साली I क्या मारक चीज हे !" एक पुलिसमैन ने उसकी छातिर्यो पर निगाहें टिकाते हुए कहा । मोना चौधरी मुस्कराईं I
"पिछले बैरियर पर तुमने ही पुलिसमैनों को शूट किया ???"
दूसरे पुलिसमैन ने पूछा I
" हा I" मोना चौधरी ने मुस्कराहट भरे अदाज मे कहा ।
"होटल में भी पुलिसमैनों को शूट किया ???" दूसरे पुलिसमैन कहा I ~
"हा । " मोना चौधरी ने मुस्कराहट भरे अदाज मेँ कहा ।
"होटल में भी पुलिसमैन को तूमने शूट किया ??" उसने पुन पूछा।
"हा !"
"क्यो ?"
"वे लोग मुझे पसद नहीँ आए थे I "
"और हम ?"
"आप दोनों तो मुझे वास्तव मेँ पसद हो I जीजान से पसद हो।"
"तो फिर उतारो कपडे । "
"अभी लो I पहले क्या उतारू ? कमीज या पैट ?" मोना चौधरी शोख स्वर में कह उठी ।
"शुरुआत ऊपर से होती है । "
"समझदार हो I" मोना चौधरी हँसी लेकिन प्यार मोहब्बत में रिवाल्बरों का क्या काम I दो दो रिवाॅल्बरों के सामने कपडे कैसे उतारे जा सकते हैं I उतर भी जाए तो आगे कुछ ठीक से होने की गुजाइश नहीं रहेगी I इन्हे जेबों मेँ डालो और फिर देखो तमाशा I ऐसा मजा आएगा कि यह वक्त याद करने की भी फुर्सत नहीं मिलेगी। "
दोनो पुलिसमैनों ने एकदूसरे को देखा फिर मुस्कराकर रिबाल्बरे जेब में डाल ली ।
"खोलो I " पुलिसमैन ने कहा ।
"क्या ?”
"कमीज और क्या ?" कहकर पुलिसमैन हसा I
"तुम लोग बाद में मेरी जान तो नहीं लोगे ?"
"बाद की बाद में देखेगें I शुरू हो जाओ तुम I हमारे पास वक्त बहुत कम हे I "
मोना चौधरी ने कमीज का ऊपरी बटन खोला I
" यह चीनी नहीं है I " पुलिसमैन ने अपने साथी से कहा--- "यह एशियन है I शायद हिंदुस्तानी है । हमारे पास जो रिपोर्ट पहुँची थी उसके मुताबिक होटल मे खून करने वाली युबती भारतीय है !"
"ओह गुड I मैंने आज तक ऐशियन औरत से प्यार नहीं किया I " पुलिसमैन ने होठो पर जीभ फेरी…"खासतौर से भारतीय युवती तो कभी सामने ही नहीं पडी । आज तो मजा आ जाएगा । मैं तो इसे चीनी ही समझ रहा था और सोच रहा था इतनी लबी चीनी युवती कहां से आ गई I "'
"तुम क्या देख रही हो I जल्दी से अपने कपडे खोलो I”
मोना चौधरी न मुस्कराकर दूसरा बटन खोला I उसकी गुदाज गोलाई लिए अमूल्य खूबसूरत छातिया चमक उठी I मोना चौधरी ने अगडाई ली और अपना दाया हाथ कमीज के भीतर डालकर छातियों को मसलने लगीं I
दोनों पुलिसमैनों की हालत खराब होने लगी I
"यह तो बहुत देर लगा रही है I "
"हिंदुस्तानी हे । सुना है हिंदुस्तान की औरतें कपडे उतारने … में शरमाती हैं I धीरे धीरे उतारती हैं । "
" उतार तो देती हैं ना ?"
"हा । उतार तो देती हैँ I”
"फिर ठीक है ।"
छातियों को मसलने के सांथ साथ मोना चौधरी का हाथ नीचे आ सरका और जीन की पैट के बीच फसी रिवाल्वर पर उसके हाथ की उगलिया चिपट गई । मोना चौधरी के होठो पर मुस्कान थी I मौत के भावों से लिपटी वहशी खतरनाक मुस्कान I
"यह हिंदुस्तानी युवती तो कपडे उतारने में कुछ ज्यादा ही सोचती है I "
पुलिसमैन ने बेचैनी से कहा-" इसे कहों सिंगापुर में कपडे फौरन उतार दिए जाते हैं I सोचा नहीं जाता I इतनी देर में तो सब निबट-निवटाकर कपडे पहने जा रहे होते हैं I"
"नई नई सिगापुरा आई होगी I सब समझ जाएगी I जल्दी करो बेबी I "
मोना चौधरी ने खतरनाक भावों से भरी मुस्कान वाला चेहरा हिलाया और अगले ही पल उसके हाथ में रिवाल्वर चमकी I रुख पुलिसमैनों की तरफ था I
दोनो पुलिसमैन हक्के बक्के रह गए I
"यह क्या कर रही हो ? " एक के होठो से अजीब सा स्वर निकला I
"यह सब काना ही तो मेरा पेशा हे सिगापुरी मुर्गों I” मोना चौधरी ने दात भीचकर कहा…"तुम क्या समझते थे कि हिन्दुस्तानी युवती के कपडे बिना उसकी मर्जी के उतरवा सकते हो ?"
"हमे नहीं पता कि हिंदुस्तान में युवतियां अपनी मर्जी से कपडे उतारती हैं I हम तो सिंगापुर' के सिस्टम क्रो सामने रखकर चल रहे थे I " पुलिसमैन की घबराहट-भरी निगाह, मोना चौधरी के हाथ में थमी रिवाॅल्बर की नाल पर थी…"अब यह रिवाॅल्बर तो बीच में से हटाओ I बाकी बातें बाद में देखेगे'। "
मोना चौधरी हसी । मौत भरी हसी I
"तुमने इसकी तलाशी नहीं ली थी?"
"नहीं I ज़रूरत नहीं समझी । " पुलिसमैन ने घबराहट-भरे स्वर मे कहा…"जो इसके ह्मथ में थी I वह मैने गिरवा दो थी-मैं तो सोच भी नही सकता था कि दूसरी रिवाॅल्बर भी इसके पास हो सकती है।"
मोना चौधरी ने अगूठे से रिबाल्बर का सेफ्टी वाल्व हटाया I
. दोनों पुतिसमेमों के चेहरे सफेद पड गए I मौत उनकी आखों के सामने नाच उठी I
. . "सुनो I " एक पुलिसमैन जल्दी से बोला-"छाडो सारा मामला I जो हो गया सो हो गया I हम तुम्हें खिसक जाने का मौका देते हैं । बाहर खडी कोई कार लो और भाग जाओ I "
मोना चौधरी कहर से हसी ।
"मुझे सलाह की जरूरत नहीं I बाहर का रास्ता मुझे आता है I"
"तुम..... तुम I "
मोना चौधरी के दात एकाएक भिच गए I
दो बार उगली चली I पुलिस बाक्स में कानों को फाड देने वाले धमाके हुए I आखिरी बचे दोनों पुलिसमैन भी उड गए I
मोना चौधरी ने खूंखार निगाहों से दोनों पुलिस वालों को देखा फिर रिवाॅल्बर को वापस पेट में फसाया I गर्म नाल का एहसास पेट को हुआ I
मोना चौधरी ने कमीज़ के दोनो बटन बद किए। सिगरेट सुलगाई । कश लिया I फिर आगे बढ़कर सिटकनी हटाकर सावधानी से दस्वाजा खोला और बाहर देखा I
बाहर सब कुछ ठीक ,था I हर तरफ मौत का सन्नाटा छाया हुआ था I पुलिसमेनों की लाशें बिखरी नजर आ रही थीं I मोना चौधरी बाहर निकल गई । बाहर कोई भी कार नहीं थी ।
मौका पाकर वे लोग खिसक गए थे I
वहा पुलिस कार खडी थी । दात भीचे मोना चौधरी पुलिस कार की तरफ़ बढ गई । शागली ने जो पता बताया वह उसे याद था I दो चार से पूछकर वह आसानी से वहा तक पहुच सकती थी ।
तीन किलोमीटर' आगे जाकर मोना चौधरी' ने पुलिस कार से छुटकारा पाया I पुलिस कार कभी भी उसे फसवा सकती थी I रात के अघेरे में एक पार्किग' से उसने कार पर कब्जा. किया
और तेजी से कार आगे बढा दी । रात का अघेरा और सुनसान सडक का साम्राज्य हर तरफ फैला हुआ था I
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"पुलिसमैन I"
" लेकिन यहा जितने पुलिसमैन थे मेरी निगाहो में थे । "
मोना चौधरी का स्वर सख्त था ।
उसे कवर करने वाला हसा ।
"एक तुम्हारी निगाहों में नहीं था I यानी कि मैं I मैं बाक्स में था और तुम्हारे रगढग देखकर तुम्हें कवर करने के लिए मुझे चक्कर काटकर पीछे से आना पडा I"
"तो बहादुरी दिखा ही दी तुमने I"
तभी कार के पीछे छिपने वाला पुलिसमैन करीब आ पहुचा I
"अब तो हम बहादुरी नहीं और भी बहुत कुछ दिखाएगे तुम्हें I ” करीब आने वाला पुलिसमैन बोला । वह वेहद क्रोधित नजर आ रहा था । अपने साथी पुलिसमैन की मौत से कलपा पडा था ।
"और क्या दिखाऔगे ?" मोना चौधरी ने उसकी आखों मैं देखा I
"जब दिखाएगे तब देखना I तेरे टुकडे करने से पहले तेरी तबियत खुश कर देगे I तूने पुलिसमैनों को शूट किया है I ना तो कानून तुम्हें छोडेगा और ना ही हम । "
मोना चौधरी हाथ ऊपर किए खडी थी I पीठ पर रिवाॅल्बर की नाल का एहसास बराबर हो रहा था । ऐसी स्थिति में वह कुछ भी करने के काबिल नहीं थी I
"मुझे हाथ नीचे करने दो । मोना चौधरी बौली-"तुम दोनों के पास रिवाॅल्बर है I मैं कुछ भी कर सकने के काबिल नहीं हू I और वैसे भी मैं वेहथियार हूं I ” जबकि मोना चौधरी के कपडों में उस पुलिसमैन का रिवाॅल्बर था जिसे होटल मेँ शूट करके भागी थी I चैबर में अभी भी चार गोलियाँ बाकी थीं I
" करलो !"
मोना चौधरी ने गहरी सास लेकर, दोनों हाथ नीचे कर लिए I दोनों पुलिसमैँनो के बीच मोना चौधरी खडी थी ।
" क्या करे इसका ?" एक पुलिसमैन ने दूसरे से पूछा ।
"जो काम I" दूसरे ने कड़वे स्वर में कहा---"कानून ने करना हे वह हम कर देते हैँ I कानून के दायरे मे फंकसर … पिसेगी I और इसे बिना पीसे ही मौज कराकर छुट्टी करा देगे । "
" मेरा भी यहीँ ख्याल है ।"
"इसे बाक्स में ले चलो I वहा करेगे। "
बेहद शांत खडी मोना चौधरी उनकी बातें सुन रही थी ।
मोना चौधरी ने न तो कोई एत्तराज उठाया और न ही वह.एतराज उठाने के काबिल थी I
दो रिवाॅल्बरों के घेरे में वह पुलिस बाक्स में जा पहुची । एक पुलिसमैन ने बाक्स का दरवाजा भीतर से बद किया । दोनों की निगाहें मोना चौधरी के बम जिस्म पर दौडने लगीं I
"साली I क्या मारक चीज हे !" एक पुलिसमैन ने उसकी छातिर्यो पर निगाहें टिकाते हुए कहा । मोना चौधरी मुस्कराईं I
"पिछले बैरियर पर तुमने ही पुलिसमैनों को शूट किया ???"
दूसरे पुलिसमैन ने पूछा I
" हा I" मोना चौधरी ने मुस्कराहट भरे अदाज मे कहा ।
"होटल में भी पुलिसमैनों को शूट किया ???" दूसरे पुलिसमैन कहा I ~
"हा । " मोना चौधरी ने मुस्कराहट भरे अदाज मेँ कहा ।
"होटल में भी पुलिसमैन को तूमने शूट किया ??" उसने पुन पूछा।
"हा !"
"क्यो ?"
"वे लोग मुझे पसद नहीँ आए थे I "
"और हम ?"
"आप दोनों तो मुझे वास्तव मेँ पसद हो I जीजान से पसद हो।"
"तो फिर उतारो कपडे । "
"अभी लो I पहले क्या उतारू ? कमीज या पैट ?" मोना चौधरी शोख स्वर में कह उठी ।
"शुरुआत ऊपर से होती है । "
"समझदार हो I" मोना चौधरी हँसी लेकिन प्यार मोहब्बत में रिवाल्बरों का क्या काम I दो दो रिवाॅल्बरों के सामने कपडे कैसे उतारे जा सकते हैं I उतर भी जाए तो आगे कुछ ठीक से होने की गुजाइश नहीं रहेगी I इन्हे जेबों मेँ डालो और फिर देखो तमाशा I ऐसा मजा आएगा कि यह वक्त याद करने की भी फुर्सत नहीं मिलेगी। "
दोनो पुलिसमैनों ने एकदूसरे को देखा फिर मुस्कराकर रिबाल्बरे जेब में डाल ली ।
"खोलो I " पुलिसमैन ने कहा ।
"क्या ?”
"कमीज और क्या ?" कहकर पुलिसमैन हसा I
"तुम लोग बाद में मेरी जान तो नहीं लोगे ?"
"बाद की बाद में देखेगें I शुरू हो जाओ तुम I हमारे पास वक्त बहुत कम हे I "
मोना चौधरी ने कमीज का ऊपरी बटन खोला I
" यह चीनी नहीं है I " पुलिसमैन ने अपने साथी से कहा--- "यह एशियन है I शायद हिंदुस्तानी है । हमारे पास जो रिपोर्ट पहुँची थी उसके मुताबिक होटल मे खून करने वाली युबती भारतीय है !"
"ओह गुड I मैंने आज तक ऐशियन औरत से प्यार नहीं किया I " पुलिसमैन ने होठो पर जीभ फेरी…"खासतौर से भारतीय युवती तो कभी सामने ही नहीं पडी । आज तो मजा आ जाएगा । मैं तो इसे चीनी ही समझ रहा था और सोच रहा था इतनी लबी चीनी युवती कहां से आ गई I "'
"तुम क्या देख रही हो I जल्दी से अपने कपडे खोलो I”
मोना चौधरी न मुस्कराकर दूसरा बटन खोला I उसकी गुदाज गोलाई लिए अमूल्य खूबसूरत छातिया चमक उठी I मोना चौधरी ने अगडाई ली और अपना दाया हाथ कमीज के भीतर डालकर छातियों को मसलने लगीं I
दोनों पुलिसमैनों की हालत खराब होने लगी I
"यह तो बहुत देर लगा रही है I "
"हिंदुस्तानी हे । सुना है हिंदुस्तान की औरतें कपडे उतारने … में शरमाती हैं I धीरे धीरे उतारती हैं । "
" उतार तो देती हैं ना ?"
"हा । उतार तो देती हैँ I”
"फिर ठीक है ।"
छातियों को मसलने के सांथ साथ मोना चौधरी का हाथ नीचे आ सरका और जीन की पैट के बीच फसी रिवाल्वर पर उसके हाथ की उगलिया चिपट गई । मोना चौधरी के होठो पर मुस्कान थी I मौत के भावों से लिपटी वहशी खतरनाक मुस्कान I
"यह हिंदुस्तानी युवती तो कपडे उतारने में कुछ ज्यादा ही सोचती है I "
पुलिसमैन ने बेचैनी से कहा-" इसे कहों सिंगापुर में कपडे फौरन उतार दिए जाते हैं I सोचा नहीं जाता I इतनी देर में तो सब निबट-निवटाकर कपडे पहने जा रहे होते हैं I"
"नई नई सिगापुरा आई होगी I सब समझ जाएगी I जल्दी करो बेबी I "
मोना चौधरी ने खतरनाक भावों से भरी मुस्कान वाला चेहरा हिलाया और अगले ही पल उसके हाथ में रिवाल्वर चमकी I रुख पुलिसमैनों की तरफ था I
दोनो पुलिसमैन हक्के बक्के रह गए I
"यह क्या कर रही हो ? " एक के होठो से अजीब सा स्वर निकला I
"यह सब काना ही तो मेरा पेशा हे सिगापुरी मुर्गों I” मोना चौधरी ने दात भीचकर कहा…"तुम क्या समझते थे कि हिन्दुस्तानी युवती के कपडे बिना उसकी मर्जी के उतरवा सकते हो ?"
"हमे नहीं पता कि हिंदुस्तान में युवतियां अपनी मर्जी से कपडे उतारती हैं I हम तो सिंगापुर' के सिस्टम क्रो सामने रखकर चल रहे थे I " पुलिसमैन की घबराहट-भरी निगाह, मोना चौधरी के हाथ में थमी रिवाॅल्बर की नाल पर थी…"अब यह रिवाॅल्बर तो बीच में से हटाओ I बाकी बातें बाद में देखेगे'। "
मोना चौधरी हसी । मौत भरी हसी I
"तुमने इसकी तलाशी नहीं ली थी?"
"नहीं I ज़रूरत नहीं समझी । " पुलिसमैन ने घबराहट-भरे स्वर मे कहा…"जो इसके ह्मथ में थी I वह मैने गिरवा दो थी-मैं तो सोच भी नही सकता था कि दूसरी रिवाॅल्बर भी इसके पास हो सकती है।"
मोना चौधरी ने अगूठे से रिबाल्बर का सेफ्टी वाल्व हटाया I
. दोनों पुतिसमेमों के चेहरे सफेद पड गए I मौत उनकी आखों के सामने नाच उठी I
. . "सुनो I " एक पुलिसमैन जल्दी से बोला-"छाडो सारा मामला I जो हो गया सो हो गया I हम तुम्हें खिसक जाने का मौका देते हैं । बाहर खडी कोई कार लो और भाग जाओ I "
मोना चौधरी कहर से हसी ।
"मुझे सलाह की जरूरत नहीं I बाहर का रास्ता मुझे आता है I"
"तुम..... तुम I "
मोना चौधरी के दात एकाएक भिच गए I
दो बार उगली चली I पुलिस बाक्स में कानों को फाड देने वाले धमाके हुए I आखिरी बचे दोनों पुलिसमैन भी उड गए I
मोना चौधरी ने खूंखार निगाहों से दोनों पुलिस वालों को देखा फिर रिवाॅल्बर को वापस पेट में फसाया I गर्म नाल का एहसास पेट को हुआ I
मोना चौधरी ने कमीज़ के दोनो बटन बद किए। सिगरेट सुलगाई । कश लिया I फिर आगे बढ़कर सिटकनी हटाकर सावधानी से दस्वाजा खोला और बाहर देखा I
बाहर सब कुछ ठीक ,था I हर तरफ मौत का सन्नाटा छाया हुआ था I पुलिसमेनों की लाशें बिखरी नजर आ रही थीं I मोना चौधरी बाहर निकल गई । बाहर कोई भी कार नहीं थी ।
मौका पाकर वे लोग खिसक गए थे I
वहा पुलिस कार खडी थी । दात भीचे मोना चौधरी पुलिस कार की तरफ़ बढ गई । शागली ने जो पता बताया वह उसे याद था I दो चार से पूछकर वह आसानी से वहा तक पहुच सकती थी ।
तीन किलोमीटर' आगे जाकर मोना चौधरी' ने पुलिस कार से छुटकारा पाया I पुलिस कार कभी भी उसे फसवा सकती थी I रात के अघेरे में एक पार्किग' से उसने कार पर कब्जा. किया
और तेजी से कार आगे बढा दी । रात का अघेरा और सुनसान सडक का साम्राज्य हर तरफ फैला हुआ था I
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Re: खतरनाक हसीना -मोना चौधरी सीरीज
शागली ने घडी देखी फिर सामने बैठे होशाग को देखा।
~ होशाग सोच भरे अदाज में सिगरेट के कश ले रहा था ।
"मेरे ख्याल मेँ उसे वहा अकेला छोडकर हमने ठीक नहीं किया I " शागली बोला I
"हमने नहीं छोडा उसे । उसने खुद कहा था छोडने को । " होशाग ने कहा I
"एक ही बात है I हम तो वहा से निकल आए । " होशाग ने कश लेकर, कघो को झटक दिया I ~
"वह हिंदुस्तान से यहां आई हे, चियाग से फिल्म हासिल करने । " होशाग ने उसकी की आखो मे झाका'--"हमें भी देखना है कि वह कुछ कर गुजरने के काबिल. है या महज सिर्फ खूबसूरती की ही मालकिन है । "
शामली ने बेचैनी से पहलू बदला ।
"होशाग वहा पर करीब आठ दस पुलिसमैन थे I इतने पुलिसमैनों को तो हम दोनों भी मिंलकर निबटाना चाहें तो एकबारगी यह काम अस्भव लगने लगेगा I " शागली ने शब्दों को चबाकर कहा-"और फिर वह तो अकेली है I और युवती है I मैं नहीं समझता कि अब पुलिसमैनों से बचकर यहा पहुच पाएगी I " . .
होशाग के चेहरे पर अजीब से भाव फैले I "इतनी जल्दी कोई फैसला कायम मत करो शागली। " होशाग कह उठा I
"क्या मतलब? ?” …
"जिसने इतने विश्वास के साथ हमें जाने को कहा और खुद I पुलिसमैनों से अकेले निबटने का फैसला कर लिया उसमें कुछ दम तो होगा I कुछ कर गुजरंने का हौसला रखती होगी I "
शागली ने होशाग को घूरा I
"तुम्हारा मतलब कि वह सही सलमात वहा से निकल आएगी यहा पहुचेगी' ?"
"दावा तो नहीं करता परतु उसके विश्वास को देखकर कह सकता हू क्रि शायद वह यहा पहुचे । यह जुदा बात है कि एक दो गोलिया उसे लगीं हौं I वह घायल हो I ” होशाग ने होठ काटते हुए कहा ।~
शागली ने घडी पर निगाह मारकर पुन पहलू बदला I
"लेकिन अब तक तो मोना चौधरी क्रो पहुच जाना चाहिए था ।"
होशग्ग शांगली की इस बात से सहमत था I परतु जवाब नहीँ दिया I
शागली ने सिगरेट सुलगाई और उठकर टहलने लगा I तभी दरबाजा खुला और सिगापुरी लोकल व्यक्ति ने भीतर प्रवेश किया I
" जनाब I सव तैयारी हो गई है I सिर्फ रवाना होने की देर है । "
शांगली ने ठिठककर उसे देखा ।
"तुम जाओ I " होशाग कह उठा…"तैयारी को तेयार रखो I हमारा एक साथी आने बाला है I समझें I”
"समझा I " कहने के साथ ही वह पलटकर चला गया I
शांगली के चेहरे पर व्याकुलता की छाप थी I
"अगर मोना चौधरी को कुछ हो गया तो सारी मेहनत व्यर्थ जाएगी I ”
"और दौलत भी हाथ नहीं आएगी I" होशग्ग ने कहा ।
"पूरी न सही आधी तो आ ही जाएगी I जो उसका साथी हमें एडवास दे जाएगा I "
“ एडवांस? ?" होशाग ने सोच भरी निगाहों से शागली की देखा --"ना दिया तो ?"
"उसका साथी पीछे से दे देगा I ”
"माना I पंरतु अगर ना दिया तो ?" .
"तो I" शांगली का चेहरा कठोर हो गया---'"मोना,चौघरी ~ चियाग से फिल्म लेकर अपने पास नहीं रख पाएगी I वह मैं ले जाऊगा और तब तक लेकर रखूगा जब तक कि वह पूरी रकम नहीं दे देगा I ”
"ठीक कह रहे हो शागली I ऐसा ही होना चाहिए I " होशाग ने कश लेकर सिर हिलाया…"
"लेकिन इन सब बातों के साथ ही एक सवाल और भी पैदा होता हे । "
"वह क्या ...?"
" यू मानकर चलो कि मोना चौधरी का साथी दौलत नहीं देता । और उधर मोना चौधरी भी चियाग से फिल्म हासिल नहीं कर पाती तो तब हमारी स्थिति क्या होगी ?" .
शागाली एकाएक कुछ न कह सका I
"यानी कि ना तो हमें फिल्म मिलेगी, और नां ही दौलत I हमारी सारी मेहनत बेकार जाएगी I"
शागली ने कश लेकर होशाग को देखा I
"तुम ठीक कहते हो I परंतु हम जिस धघे में हैं वहा रिस्क तो लेना हीँ पडता हे।"
"रिस्क दौलत ना मिलने का नहीँ है I चियाग का भी हे I अगर हम चियाग की निगाहो में आ गए और उसे इस बात का एहसास हो गया कि मोना चौधरी के पीछे हम हैं तो वह हमें छोडने वाला नहीं I "
शांगली ने सिर को झटका दिया ।
"बेकार की बातें ना तो सोचो और ना ही करो । जो होगा देखा जाएगा । "
"यह बेकार की बात नहीं I "
तभी दरवाजे पर आहट हुई ।।
दोनों की निगाहें घूमी' ।
उनके आदमी. के साथ मोना चौधरी खडी थी होठो पर मुस्कान लिए । दोनों कई पल तों उसे देखते ही रह गए । तभी उनका साथी बोला ।
"यह आप लोगों से मिलना..... I "
"तुम जाओ I " शांगली ने हाथ उठाकर कहा I वह -चला गया । मोना चौधरी भीतर आई I
"तुम ठीक हो ?” शागली गहरी निगाहों से उसे देख रहा था।
"ह्म । " मोना. चौधरी के होठो पर बराबर मुस्कान फैली थी ।
"घायल तो नही-हो ?"
' "नही I "
शागली और होशाग की निगाहे मिलीं I
"वहा क्या हुआ था ?"
"कुछ खास नहीं I " आगे बढकर कुर्सी पर बैठते हुए मोना चौधरी ने सिगरेट सुलगाकर कश लिया कुल मिलाकर बहा आठ पुलिस वाले थे I उन्हे शूट _ करके आ गई I "
“आठ...? तुम आठों पुलिस वालों को शूट कर आई? ?" शागली के होठो से निकला I
"हा I ”
"और तुम्हें एक भी गोली नही लगी?" शागली ने अपनी हैरानी पर काबू पाया I
शामली अविश्वास भरी निगाहों से मोना चौधरी को देखता रहा ।
जबकि… होशाग मन-ही-मन मुस्करा रहा था । क्योकि मोना चौधरी का खूनी रूप वह देख चुका था और जानता था कि मोना चौधरी जो कह रही है सही कह रही हे I बहुत खतरनाक है यह जो कर जाए वहीँ कम हे।
शागली ने गहरी सास लेकर होशाग को देखा I
" तुम बाहर जाकर तैयारी पर निगाह मारो । देखो कोई कमी तो नहीँ रह गई I मैं मोना चौधरी से कुछ जरूरी बातें का लू I बीस-पच्चीस मिनट तक हम यहा' से रवाना होगे' ।
होशाग बिना कुछ कहे बाहर निकल गया I शागली ने आगे बढकर दरवाजा बद किया और सिकटनी चढाकर पलटा । उसके होठो पर मधुर मुस्कान नाच रही थी I वह कुर्सी पर बैठी मोना चौधरी के पास पहुँचा ।
" तुम बहुत बहादुर हो I बहुत ही बहदुर I " शागली ने कुर्सी पर बैठी मोना चौधरी के गले में बाहें डाल दी I
मोना चौधरी हसी I अब उसे समझ आया कि शागली उससे क्या खास बात करना चाहता है I चाहकर भी मोना चौधरी उसे इनकार नहीं कर सकती थी क्योकि शागली इस समय उसके काम का साबित हो रहा था । और आगे भी उसने काम आना था I अगर शागली फिर गया तो चियाग तक पहुचने में उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पडेगा I
"मुझे तो अभी भी यकीन नही हो रहा कि तुम सही-सलामत आ गई हो । ”
"देख लो I तुम्हारे सामने हू । " मोना चौधरी खिलखिलाई ।
शांगली ने अपना हाथ उसकी कमीज में डाल दिया । आले ही पल मोना चौधरी की छाती शागली की हथेली की गिरफ्त में कैद थी I दिखावे के तौर पर मोना चौधरी कसमसाई I
"क्या करते हो, कोई आ जाएगा I "
"काईं नहीं आता I दरवाजा बद है I " शामली की सासो में तेजी सी आने लगी थी I
"प्लीज I. मत करो… ! हमें अभी सफर पर रवाना होना है I " मोना चौधरी ने उसका हाथ कमीज से बाहर निकालना चाहा I
परतु शागली की हथेली मोना चौधरी की छाती से खेलती रही I मोना चौधरी ने खुद को ढीला छोड दिया ।
~ होशाग सोच भरे अदाज में सिगरेट के कश ले रहा था ।
"मेरे ख्याल मेँ उसे वहा अकेला छोडकर हमने ठीक नहीं किया I " शागली बोला I
"हमने नहीं छोडा उसे । उसने खुद कहा था छोडने को । " होशाग ने कहा I
"एक ही बात है I हम तो वहा से निकल आए । " होशाग ने कश लेकर, कघो को झटक दिया I ~
"वह हिंदुस्तान से यहां आई हे, चियाग से फिल्म हासिल करने । " होशाग ने उसकी की आखो मे झाका'--"हमें भी देखना है कि वह कुछ कर गुजरने के काबिल. है या महज सिर्फ खूबसूरती की ही मालकिन है । "
शामली ने बेचैनी से पहलू बदला ।
"होशाग वहा पर करीब आठ दस पुलिसमैन थे I इतने पुलिसमैनों को तो हम दोनों भी मिंलकर निबटाना चाहें तो एकबारगी यह काम अस्भव लगने लगेगा I " शागली ने शब्दों को चबाकर कहा-"और फिर वह तो अकेली है I और युवती है I मैं नहीं समझता कि अब पुलिसमैनों से बचकर यहा पहुच पाएगी I " . .
होशाग के चेहरे पर अजीब से भाव फैले I "इतनी जल्दी कोई फैसला कायम मत करो शागली। " होशाग कह उठा I
"क्या मतलब? ?” …
"जिसने इतने विश्वास के साथ हमें जाने को कहा और खुद I पुलिसमैनों से अकेले निबटने का फैसला कर लिया उसमें कुछ दम तो होगा I कुछ कर गुजरंने का हौसला रखती होगी I "
शागली ने होशाग को घूरा I
"तुम्हारा मतलब कि वह सही सलमात वहा से निकल आएगी यहा पहुचेगी' ?"
"दावा तो नहीं करता परतु उसके विश्वास को देखकर कह सकता हू क्रि शायद वह यहा पहुचे । यह जुदा बात है कि एक दो गोलिया उसे लगीं हौं I वह घायल हो I ” होशाग ने होठ काटते हुए कहा ।~
शागली ने घडी पर निगाह मारकर पुन पहलू बदला I
"लेकिन अब तक तो मोना चौधरी क्रो पहुच जाना चाहिए था ।"
होशग्ग शांगली की इस बात से सहमत था I परतु जवाब नहीँ दिया I
शागली ने सिगरेट सुलगाई और उठकर टहलने लगा I तभी दरबाजा खुला और सिगापुरी लोकल व्यक्ति ने भीतर प्रवेश किया I
" जनाब I सव तैयारी हो गई है I सिर्फ रवाना होने की देर है । "
शांगली ने ठिठककर उसे देखा ।
"तुम जाओ I " होशाग कह उठा…"तैयारी को तेयार रखो I हमारा एक साथी आने बाला है I समझें I”
"समझा I " कहने के साथ ही वह पलटकर चला गया I
शांगली के चेहरे पर व्याकुलता की छाप थी I
"अगर मोना चौधरी को कुछ हो गया तो सारी मेहनत व्यर्थ जाएगी I ”
"और दौलत भी हाथ नहीं आएगी I" होशग्ग ने कहा ।
"पूरी न सही आधी तो आ ही जाएगी I जो उसका साथी हमें एडवास दे जाएगा I "
“ एडवांस? ?" होशाग ने सोच भरी निगाहों से शागली की देखा --"ना दिया तो ?"
"उसका साथी पीछे से दे देगा I ”
"माना I पंरतु अगर ना दिया तो ?" .
"तो I" शांगली का चेहरा कठोर हो गया---'"मोना,चौघरी ~ चियाग से फिल्म लेकर अपने पास नहीं रख पाएगी I वह मैं ले जाऊगा और तब तक लेकर रखूगा जब तक कि वह पूरी रकम नहीं दे देगा I ”
"ठीक कह रहे हो शागली I ऐसा ही होना चाहिए I " होशाग ने कश लेकर सिर हिलाया…"
"लेकिन इन सब बातों के साथ ही एक सवाल और भी पैदा होता हे । "
"वह क्या ...?"
" यू मानकर चलो कि मोना चौधरी का साथी दौलत नहीं देता । और उधर मोना चौधरी भी चियाग से फिल्म हासिल नहीं कर पाती तो तब हमारी स्थिति क्या होगी ?" .
शागाली एकाएक कुछ न कह सका I
"यानी कि ना तो हमें फिल्म मिलेगी, और नां ही दौलत I हमारी सारी मेहनत बेकार जाएगी I"
शागली ने कश लेकर होशाग को देखा I
"तुम ठीक कहते हो I परंतु हम जिस धघे में हैं वहा रिस्क तो लेना हीँ पडता हे।"
"रिस्क दौलत ना मिलने का नहीँ है I चियाग का भी हे I अगर हम चियाग की निगाहो में आ गए और उसे इस बात का एहसास हो गया कि मोना चौधरी के पीछे हम हैं तो वह हमें छोडने वाला नहीं I "
शांगली ने सिर को झटका दिया ।
"बेकार की बातें ना तो सोचो और ना ही करो । जो होगा देखा जाएगा । "
"यह बेकार की बात नहीं I "
तभी दरवाजे पर आहट हुई ।।
दोनों की निगाहें घूमी' ।
उनके आदमी. के साथ मोना चौधरी खडी थी होठो पर मुस्कान लिए । दोनों कई पल तों उसे देखते ही रह गए । तभी उनका साथी बोला ।
"यह आप लोगों से मिलना..... I "
"तुम जाओ I " शांगली ने हाथ उठाकर कहा I वह -चला गया । मोना चौधरी भीतर आई I
"तुम ठीक हो ?” शागली गहरी निगाहों से उसे देख रहा था।
"ह्म । " मोना. चौधरी के होठो पर बराबर मुस्कान फैली थी ।
"घायल तो नही-हो ?"
' "नही I "
शागली और होशाग की निगाहे मिलीं I
"वहा क्या हुआ था ?"
"कुछ खास नहीं I " आगे बढकर कुर्सी पर बैठते हुए मोना चौधरी ने सिगरेट सुलगाकर कश लिया कुल मिलाकर बहा आठ पुलिस वाले थे I उन्हे शूट _ करके आ गई I "
“आठ...? तुम आठों पुलिस वालों को शूट कर आई? ?" शागली के होठो से निकला I
"हा I ”
"और तुम्हें एक भी गोली नही लगी?" शागली ने अपनी हैरानी पर काबू पाया I
शामली अविश्वास भरी निगाहों से मोना चौधरी को देखता रहा ।
जबकि… होशाग मन-ही-मन मुस्करा रहा था । क्योकि मोना चौधरी का खूनी रूप वह देख चुका था और जानता था कि मोना चौधरी जो कह रही है सही कह रही हे I बहुत खतरनाक है यह जो कर जाए वहीँ कम हे।
शागली ने गहरी सास लेकर होशाग को देखा I
" तुम बाहर जाकर तैयारी पर निगाह मारो । देखो कोई कमी तो नहीँ रह गई I मैं मोना चौधरी से कुछ जरूरी बातें का लू I बीस-पच्चीस मिनट तक हम यहा' से रवाना होगे' ।
होशाग बिना कुछ कहे बाहर निकल गया I शागली ने आगे बढकर दरवाजा बद किया और सिकटनी चढाकर पलटा । उसके होठो पर मधुर मुस्कान नाच रही थी I वह कुर्सी पर बैठी मोना चौधरी के पास पहुँचा ।
" तुम बहुत बहादुर हो I बहुत ही बहदुर I " शागली ने कुर्सी पर बैठी मोना चौधरी के गले में बाहें डाल दी I
मोना चौधरी हसी I अब उसे समझ आया कि शागली उससे क्या खास बात करना चाहता है I चाहकर भी मोना चौधरी उसे इनकार नहीं कर सकती थी क्योकि शागली इस समय उसके काम का साबित हो रहा था । और आगे भी उसने काम आना था I अगर शागली फिर गया तो चियाग तक पहुचने में उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पडेगा I
"मुझे तो अभी भी यकीन नही हो रहा कि तुम सही-सलामत आ गई हो । ”
"देख लो I तुम्हारे सामने हू । " मोना चौधरी खिलखिलाई ।
शांगली ने अपना हाथ उसकी कमीज में डाल दिया । आले ही पल मोना चौधरी की छाती शागली की हथेली की गिरफ्त में कैद थी I दिखावे के तौर पर मोना चौधरी कसमसाई I
"क्या करते हो, कोई आ जाएगा I "
"काईं नहीं आता I दरवाजा बद है I " शामली की सासो में तेजी सी आने लगी थी I
"प्लीज I. मत करो… ! हमें अभी सफर पर रवाना होना है I " मोना चौधरी ने उसका हाथ कमीज से बाहर निकालना चाहा I
परतु शागली की हथेली मोना चौधरी की छाती से खेलती रही I मोना चौधरी ने खुद को ढीला छोड दिया ।
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