एक नंबर के ठरकी complete

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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Kamini »

xyz wrote: 23 Oct 2017 18:46 nice update..............
Ankit wrote: 24 Oct 2017 12:33superb updare
thanks you soooooooooooooo much
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Kamini
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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Kamini »

सबा ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे नीचे गिरा दिया...उसका पेटीकोट क्या गिरा,कमरे में मोजूद हर आदमी ब्लॅड प्रेशर गिर गया ..

उसकी गोरी और चिकनी टाँगो को देखकर हर किसी के मुँह में पानी आ गया...इतनी मोटी जाँघे थी उसकी की हर किसी का मन कर रहा था की उसपर शहद लगाकर अपनी जीभ से चाट डाले..उसके माँस को अपने दांतो तले दबाकर उसका रस निचोड़कर पी जाए..वो मचलती रहे पर उसपर बिना दया किए सब उसे चूसते चले जाए...

पर अभी के लिए तो वो सिर्फ़ सोच ही सकते थे...पर गुप्ता तो वो काम कुछ देर में करने ही वाला था जो सब सोच रहे थे...

अब वो सिर्फ़ एक नन्ही सी ब्लेक कच्छी में सबके सामने खड़ी थी..

उसने अपने दोनो मम्मों को पकड़कर ज़ोर से दबाया और हाथ उपर करके अपनी कमर को लहरा कर अपना मांसल शरीर सभी को दिखाया.



उसके शरीर की लचक देखकर सब समझ गये की इसकी चुदाई करने में बहुत मज़ा आने वाला है..चुदाई के दौरान इसे जितना भी तोडो-मरोड़ो , ये सहन कर लेगी...आख़िर शरीर था ही उसका इतना लचीला..

और फिर उसने अपनी कच्छी में हाथ फँसा कर उसे भी नीचे खिसकाना शुरू कर दिया..

दीवानो के तो दिलों में छुरिया चल गयी जब उसके गांड के चाँद जैसे गोरे-2 कटोरे उस काले बदल से बाहर निकले.और अगले ही पल वो पूरी नंगी होकर सभी के सामने खड़ी थी.



उसकी गाँड , जिसके बारे में सोचकर गुप्ता और कपूर समेत सभी ठर्कियों ने ना जाने कितनी बार अपनी बिबीयों की चूत बजाई थी, वो अब सभी के सामने नग्न अवस्था में थी..

गुप्ता जो उसके बिल्कुल करीब खड़ा था , उससे तो सब्र ही नही हुआ, उसने अपने हाथ में पकड़ा शराब का ग्लास उसकी गांड पर उडेल दिया..

शराब में नहाकार सबा का शबाब और भी कातिलाना हो गया..

उसने अपनी मोटी और भरी हुई गांड पर हाथ रखकर उसे थिरकाया...और उसपर जमी हुई शराब की बूंदे झर-2 करके नीचे गिरने लगी..



ऐसी मस्त गांड आज तक किसी ने नही देखी थी...

कमरे में मोजूद औरतों ने भी उसकी उभरी हुई गांड की दिल से तारीफ की...पर साथ ही साथ वो उससे जल भी रही थी

एक तो पहले से ही सबा सबसे ज़्यादा खूबसूरत थी...सबसे छोटी उम्र भी उसी की थी...और शादी को कुछ टाइम ही हुआ था,इसकी वजह से जो उसके शरीर मे मादकता भरी थी, उसका तो जवाब ही नही था किसी के पास...

इसलिए उसके नंगे शरीर को देखकर मर्द तो मर्द, औरतें भी अपने होंठों पर जीभ फिरा रही थी..

पर सबसे ज़्यादा तो उसके नंगे शरीर और गीली गांड को देखकर मिसेस कपूर यानी नीरू सम्मोहित हुई थी...

वो एकटक उसके सुंदर और नंगे शरीर को देखे जा रही थी मानो आँखो ही आँखो में उसे खा जाएगी..

गुप्ता ने आख़िर वो कर दिया जो उसके मन में ना जाने कब से था...

वो आगे बड़ा और नीचे बैठकर उसने अपना मुँह सबा की गीली गांड के अंदर घुसा दिया...और उसके शरीर से टपक रही शराब की बूँदों को अपनी गर्म जीभ से चाट कर सॉफ करने लगा...

सबा तो खड़ी-2 पनिया गयी.

और उसकी पनियाई चूत से ढेर सारी देसी दारू निकलकर उस विदेशी शराब में घुल गयी, और नीचे कुत्ते की तरह अपनी जीभ निकाले उसकी जांघे चूस रहे गुप्ता ने वो भी पी डाली..

सबा को ऑर्गॅज़म बड़ी जल्दी-2 आते थे,इसलिए गुप्ता की गर्म जीभ की चुभन से ही वो झड़ गयी थी...

और झड़ने के बाद वो निढाल सी होकर वहीं ज़मीन पर बैठ गयी..



अपने बालों को उपर करके जब बढ़े ही कातिलाना अंदाज से उसने सभी को देखा तो पंटरों के लंड पूरी अकड़ के साथ उसको सलामी देने लगे..

उसके हुस्न ने उस कमरे में चार चाँद लगा दिए थे..असली दिवाली की जगमग तो अब हुई थी

गुप्ता भी उसके रसीले बदन को घूरता हुआ , धीरे-2 अपने कपड़े निकालने लगा..

और कुछ ही देर में वो सिर्फ़ अपने अंडरवीयर में खड़ा था.

सबा ने जब उसके कच्छे में खड़े सिपाही का आकार देखा तो वो सिसक उठी...और उसने मन ही मन सोच लिया की आज वो सबसे पहले इसी गुप्ता का बनियोटा लंड लेगी अपनी गर्म चूत में.

पर गुप्ता जी की विश के हिसाब से तो अभी उसे गेम की हद में रहते हुए सिर्फ़ मास्टरबेट ही करना था...

इसलिए उसने अपनी गोरी-2 उंगलियों को अपनी गीली-2 चूत के दरवाजे में रखकर ज़ोर से दबाया

और वो गोरी-2 उंगलिया,किचकिचाती हुई सी,उसके अंदर घुसती चली गयी..

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Re: एक नंबर के ठरकी

Post by Kamini »

सामने बैठे दर्शकों ने सॉफ देखा की उसकी चूत के गुलाबी होंठों ने किस बुरी तरह से उसकी उंगलियों को जकड़ रखा था..ऐसा लग रहा था जैसे कोई पिंक लिप्स वाली मछली उसकी उंगलियों को चबा रही है..

सबा ने अपनी बीच वाली उंगली को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया..

सामने बैठे दर्शकों ने सॉफ देखा की उसकी चूत के गुलाबी होंठों ने किस बुरी तरह से उसकी उंगलियों को जकड़ रखा था..ऐसा लग रहा था जैसे कोई पिंक लिप्स वाली मछली उसकी उंगलियों को चबा रही है..

सबा ने अपनी बीच वाली उंगली को अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया..

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गुप्ता ने भी अपने अंडरवीयर को नीचे गिराकर अपने शेर को सभी के सामने पेश कर दिया.
उसका लंड एकदम काला था पर साथ ही मोटा और जानदार भी.... उसे देखकर सबा का एक छोटा सा ऑर्गॅज़म झट से हो गया...

वो लालसा भरी नज़रों से उसके खड़े हुए लंबे लंड को देख रही थी...वैसे कुछ ही देर में वो उसे चूसने भी वाली थी,पर चूत में कब जाएगा ये निगोडा,ये सोचकर वो अपनी चूत में उंगलियाँ और तेज़ी से पेलने लगी..

और पेलते -2 उसके अंदर एक जबरदस्त ओर्गास्म का निर्माण हो गया...

वो अपनी सोच में गुप्ता के लंड के ठीक उपर खड़ी थी...

वो कांपती हुई सी उठी और आँखे बंद करके उसके लंड के बारे में सोचती हुई दीवार से जा सटी..

और अपनी आँखे बंद किये, छोटे से सपने में डूबकर उसने गुप्ता के लंड को अंदर ले भी लिया...

और ऐसा महसूस करते हुए उसने अपनी चूत में दो उंगलियाँ और डाल दी, ताकि गुप्ता के लंड जैसी फील आ सके..

अब वो अपनी एक ब्रेस्ट को पकड़कर बड़ी ही लगन से अपनी 3 उंगलियों को चूत में डालकर सिसकारी मार रही थी..



ऐसा उत्तेजना से भरा सम्मोहित कर देने वाला दृष्य देखकर सभी ने अपने-2 लंड मसलने शुरू कर दिए..

राहुल भी अपनी बीबी के इस रंडीपन को देखकर हैरान था...

हालाँकि वो उसकी बीबी थी और आज तक लगभग रोज वो उसकी चूत मारता चला आया था, पर उसका ऐसा तमाशा देखकर वो भी उसके प्रति एक बार फिर से आकर्षित हो गया...और उसे चोदने के बारे में सोचने लगा..

पर आज के लिए तो उसकी प्लेट में काफ़ी व्यंजन थे, इसलिए अपनी बीबी को उसने दूसरो के लिए और अपने आप को हर किसी के लिए छोड़ दिया.

डिंपल सरदारनी उसके लंड से गांड सटा कर खड़ी थी, वो भी उसके लंड के बढ़ते हुए तापमान को महसूस कर पा रही थी...उसने हाथ पीछे करके उसके लंड को पेंट के उपर से ही पकड़कर सहला दिया और फिर बड़ी ही बेशर्मी से उसकी जीप खोलकर अपना हाथ अंदर डाल दिया...

राहुल तो अपने पंजों पर खड़ा हो गया...डिंपल ने अपने जादुई हाथ की मदद से उसके शेर को पिंजरे से बाहर निकाल लिया...और उसके नंगे लंड को अपनी गांड पर दबा कर अपनी आँखे बंद कर ली...

अब वो उसके लंड को थोड़ा और करीब से महसूस कर पा रही थी.

पर उनकी तरफ तो किसी का ध्यान था ही नही...सभी की नज़रें सबा के नंगे शरीर पर थी...वो बड़ी ही लगन से अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर मास्टरबेट कर रही थी..उसकी साँसे और सिसकारियाँ तेज होने लगी..



गुप्ता जी समझ चुके थे की वो अब कभी भी झड़ सकती है...इसलिए वो नंगे ही चलते हुए आगे आए और उसकी टाँगो के बीच बैठ गये...वो उसकी देसी शराब को एक बार निकलता हुआ देखना चाहते थे.

सबा, जो अभी तक बंद आँखो के पीछे से गुप्ता का लंड अपनी चूत में पिलवा रही थी, उनको एकदम से सामने देखकर सिहर उठी...और जब उसकी नज़रें उनके लंड पर गयी तो रही सही कसर भी पूरी हो गयी....और वो बड़ी ही ज़ोर से चिल्लाती हुई, गरजती हुई, गुप्ता के उपर बरस गयी...

''ऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह गुप्ता जी........ मैं तो गयी...''

और इतना कहकर उसने अपनी छोटी सी टोंटी चला दी उनकी छाती पर...

उसकी चूत से गर्म पानी की बौछार निकलकर सीधा गुप्ता के ऊपर गिरी

वो गर्म पानी उसकी चूत का था, जो किसी मर्द के माल की तरह उछल कर बाहर निकल आया था ...

ऐसा दृश्य वहां बैठे मर्दों और औरतों ने पहली बार देखा था..

सभी ने एक साथ तालियाँ बजाकर उसके झड़ने की तारीफ की..

पर पिक्चर अभी बाकी थी...

उसकी छोटी सी पिचकारी के बाद सबा की चूत और भी ज़्यादा फूल गयी....ऐसा लगा उसकी चूत में किसी ने हवा भर दी हो जो कभी भी किसी गुब्बारे की तरह फट सकती थी...

और कोई कुछ सोच पता, उससे पहले ही उसकी चूत से एक पीले रंग की तेज धार निकलकर गुप्ता को भिगोने लगी..

वो उसकी चूत से निकल रहे गोल्डन पेशाब का झरना था...



और उसके उस गोल्डन पानी के नीचे बैठे गुप्ता को ऐसा लग रहा था जैसे वो कुल्लू मनाली में किसी पहाड़ी के नीचे खड़े होकर नहा रहा है...उपर से झरना झना-झन गिर रहा है और उसका शरीर उसके नीचे गीला हो रहा है...

ऐसा तो आज तक गुप्ता की सात पुश्तों ने सपने में नही सोचा था जो उसके साथ हो गया था...

और गुप्ता इससे बहुत ज़्यादा उत्तेजित भी हो उठा...

किसी औरत की चूत से निकले झरने के नीचे नहाने का उसका पहला अवसर था...जिसे उसने हदद से ज़्यादा एंजाय किया...

और अपनी चूत से आख़िरी बूँद तक गुप्ता के उपर टपकाकर सबा निढाल सी होकर उनके उपर ही गिर पड़ी...

गुप्ता ने उसके बेजान हो चुके शरीर को अपनी बाहों में भरा और उसे बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया...

और कुछ ही देर में सबा ने भी उसकी चुम्मियों का जवाब देना शुरू कर दिया...भले ही वो 2-3 बार झड़ चुकी थी,पर उसकी चूत की आग अभी तक बरकरार थी..

पर वो अभी तक उस गेम के रूल्स में बँधी हुई थी...वरना अभी के अभी गुप्ता के लंड के उपर बैठ कर उसे निगल लेती...

पर अभी के लिए तो उसे उसके लंड को चूसना था...
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