Fantasy अनदेखे जीवन का सफ़र

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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by Dolly sharma »

सुबह उठ वीर..तैयार होता है..


एक दम स्टाइलिश तरीके से..


वीर : आज मैं अपनी फॅमिली से मिलूँगा कितना तडपा हूँ वो कितने तडपे होंगे मेरे लिए

वियर के आँखो से कुछ बूँद आँसू निकल जाते है


बिस्वा: भाई अब तो ख़ुसी का वक्त है अपने आपको संभालिए आपको अपनी फॅमिली को संभाल ना है

वीर..चलो अब और इंतजार नही होता

सब से मिलना है मोम डॅड दादाजी ऑर मेरी बहन से भी


फिर तीनो निकलते है. अपनी फॅमिली को मिलने....

घर के पास पहुँच वीर घर को बड़े ध्यान से देखता है उसकी यादे ताज़ा हो जाती है किस तरह वो यहाँ खेलता था



वीर घर के आगे खड़ा हो घर की बेल बजाता है...

गेट एक लड़की खोल ती है


लड़की...वीर तुम यहाँ कैसे ..व्हाट आ सर्प्राइज़....


वीर....संजू सर्प्राइज़ को छोड़ो पहले मुझे अंदर नही बुलाओ गी


संजना : हाँ आओ तुम यहाँ कैसे


वीर संजना की बात अनसुना कर पूरे घर को देखता है उसको अपनी यादे साफ साफ याद आती है

कैसे उसकी माँ उसके पीछे खाना लेकर दौड़ती थी


कैसे दादू रोज नयी नयी कहानियाँ सुनाते थे

वीर के ना चाहते हुए भी उसके आँख से दो बूँद आँसू गिर ही जाते है


वीर : संजू अपनी फॅमिली से नही मिलाओ गी



संजू : हाँ रूको अभी बुलाती हूँ संजू किचेन मे चली गयी

जब वो वापस आई तो


माँ : बेटा कॉन आया है सब्जी जल जाएगी


संजू : माँ देखो तो सही


जब माँ वीर को देखती है तो कुछ देर वीर को देखती ही रहती है


फिर माँ दो कदम आगे जाती है इधर वीर भी दो कदम आगे जाता है


दोनो की आँखो मे आँसू आजाते है

माँ वीर के पास पहुँच घुटनो के बल बैठ जाती है ऑर अपनी बाहें फैला ज़ोर से चीखती है


वीर्रर्र्र्र्ररर………..


वीर भी अपनी मेक पास घुटनो मे बैठ अपनी माँ से गले मिल जोरो से माँ माँ कहते हुए रोने लगता है दोनो को ऐसे देख संजना हैरान थी उसे कुछ समझ मे नही था लेकिन उसकी आँख से भी आँसू बहने लगते है


माँ : बेटा कहाँ चला गया था अपनी माँ को छोड़ के कितनी अकेली हो गयी थी तेरी माँ


अब संजना समझ जाती है ये उसका भाई धनवीर है


वीर : माँ मैं भी बहुत तडपा हूँ

आप सब से दूर होके रोज अकेलेपन से लड़ा हूँ


माँ : बेटा तुम इतने दिन क्यूँ नही आए बेटा


वीर : मुझे कल ही पता चला मेरा परिवार यहाँ है ऑर मैं आ गया


वीर खड़ा हो कर संजना के सामने जाता है *

वीर : संजू *बस इतना ही बोला था कि


चत्त्तककककक एक थप्पड़ संजना मार देती है वीर को ऑर रोते हुए वीर के गले लग जाती है


संजना : क्यूँ नही बताया मुझे तुम मेरे भाई हो मेरे साथ कॉलेज मे पढ़ते रहे फिर भी


वीर : कैसे बताता कल ही तो पता लगा मुझे तुम मेरी बहन हो


संजना : मैं मैं मैने बहुत याद किया तुम्हे बहुत तडपी हूँ बहुत कोसा है भगवान को


वीर : अब रोना बंद करो


इतना शोर सुन वीर के दादू बाहर आ जाते है


वीर : दादू को देख दादू दादू कहते हुए उनके गले लग जाता है

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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by Dolly sharma »

दादू अपने पोते को देख जमाने के रोके आँसू बहा दिया ऑर वीर से लिपट के रोने लगा


वीर : दादू आपको बहुत याद किया बहुत मिस किया आपकी कहानियाँ आपका साथ


दादू : मेरे बच्चे मैं ने भी बहुत मिस किया अपने पोते को अब तुम आ गये तो अब मैं चैन से मर सकता हूँ


वीर : मरे आपके दुश्मन अभी तो आप अपने पोते के पोतो को भी कहानियाँ सुनानी है


पिता जी कहाँ है..

संजना..वो काम पर गये है..


बड़ी मुश्किल से एक नौकरी मिली है...


वीर के घर की माली हालत देख उसके आँसू निकल आते है..


वीर..आप सब यहाँ नही रहेंगे
.मेरे बंगले मे रहेंगे..


पिता जी को बुला लाओ..


संजना...बंगला ..ये तू क्या कह रहा है वीर..

वीर..हां.बांग्ला ..मैं बता ता हूँ.


फिर वीर उन्हे बता देता है कि कैसे उसे एक अमीर आदमी ने गोद लिया ओर मरते वक्त अपनी सारी प्रॉपर्टी वीर के नाम कर गया... वीर ने ये सारी कहानी *झूठ मूठ मे बोली थी



आज उसकी सारी कंपनी को मैं ही हॅंडल करता हूँ....


संजना..फिर कॉलेज मे नॉर्मल लाइफ क्यूँ जी रहे हो...


वीर...ऐसे ही देख रहा था नॉर्मल लाइफ कैसी होती है..


तभी थोड़ी देर मे पिता जी आ जाते है..ऑर जैसे ही वीर को देखते है तो वो भी उसे पहचान लेते है ऑर भाग कर उसके गले लग जाते है..


डॅड....कहाँ था तू मेरा बच्चा कहाँ कहाँ नही ढूँढा तुझे..तू ठीक तो है ना मेरा बच्चा..

वीर..हाँ डॅड मैं ठीक हूँ...आज घर के सारे मेंबर बहुत खुश थे....


बिस्वा ऑर आशीष की भी आँखो मे आँसू थे..फॅमिली का प्यार देख..


फिर वीर सबको बिस्वा ऑर आशीष से मिलवाता है...


माँ..जी आपको पता है मेरा लल्ला आज बहुत बड़ा आदमी बन गया है..


पिता जी..क्या मैं कुछ समझा नही..

फिर माँ पिता जी को सब कुछ बता देती है..


वीर..जी पिता जी आज के बाद आप मेरे साथ बंगले मे रहेंगे.....


पिता जी..बेटा अब तेरे से दूर नही रहना..

वीर..आशीष *गाड़ी मंगवाओ....


ऐसे सभी एक दूसरे से बात करते है
...संजना वीर को ही देखे जा रही थी...

थोड़ी देर मे गाड़ी आ जाती है..

वीर..आप सभी अपने डॉक्युमेंट्स साथ ले ले .ऑर कुछ भी साथ लेने की कोई ज़रूरत नही..


माँ..पर बेटा कपड़े तो उठा लें..

वीर..नही माँ सब कुछ है वहाँ..


फिर वीर सबको अपने साथ बंगले पर ले जाता है.

सभी बंगले को देखते ही रह जाते है..वीर सभी को अंदर ले जाता है *

ऑर सभी सिटिंग हॉल मे बैठ जाते है..

तभी वहाँ एक नौकरों की टीम आती है जो सब को ड्रिंक्स सर्व करती है..


वीर... दादाजी..ये क्या हाल बना रखा है आपने..


दादाजी..तेरे जाने के बाद बस इसी आस मे जी रहे था कि बस तुझे कभी देख सकूँगा..


वीर...आप चिंता मत कीजिए..तभी वीर किसी को फोन मिलाता है.ऑर बात करता.है.

ऑर कोई आधे घंटे मे यहाँ डॉक्टर की टीम आती है..ऑर वीर दादा जी का चेक अप करने को बोल देता है..


फिर वीर सब को रूम दिखाता है..पर संजू वीर के रूम मे ही रहेगी ज़िद करने लगती है..
जिस से सभी मान जाते है..


ऐसे ही शाम जो जाती है..

वीर..चलो दी शॉपिंग करके आते है..

संजना..हाँ चलो.


फिर वीर अपनी गाड़ी बाहर निकालता है ऑर चल देता है माल की तरफ..

माल पहुँच वीर पहले संजू को गर्ल्स सेक्षन मे ले जाता है.. ऑर उसके लिए बहुत सारी ड्रेसस लेता है.उसके लिए ज्यूयलरी *शूज .सॅंडल...फिर दादाजी के लिए भी न्ड मोम डॅड के लिए भी..


वीर....चले *...


संजू..ऐसे कैसे चले..तुम्हारी शॉपिंग..

वीर दी मैने कल ही शॉपिंग की है..


संजू..नही आज के बाद तू मेरी पसंद के कपड़े पहनेगा ..जो मैं बोलुगी..

फिर संजू वीर के लिए बहुत सारे कपड़े सेलेक्ट करती है
.


बाद मे सभी समान कार मे रखवा देता है..


फिर वीर काउंटर पर जा बिल पे करता है. जिसका बिल 2 लाख 200000 रूप बन गया था...


इतना बिल देख संजू शॉक हो जाती है .
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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

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वीर तभी अपने पर्स से कार्ड निकालता है ऑर कार्ड से पेमेंट *कर देता है...


वीर..ये लो दी ये कार्ड अपने पास रखो *कभी भी कुछ चाहिए तो *इससे शॉपिंग कर लेना..
कुछ भी ज़रूरत होगी इसे यूज़ करना ओके..


संजू..मैं इसका क्या करूगी..इसे आप अपने पास रखो


वीर...तो क्या आप मुझे अपना नही समझती..


संजू..ना वीर ये मत बोलना तू तो मेरी जान है *मेरे दिल से पूच क्या है तू मेरे लिए..न्ड प्लज़्ज़्ज़ आगे से मुझे दीदी नही बुलाएगा. सिरफ़ संजू बुलाएगा..ऑर तुझे मेरी कसम..


वीर..ठीक तो चले संजू..

फिर दोनो वहाँ से आइस क्रीम पार्लर जाते है.ऑर वहाँ से घर..


वीर ..की हुई शॉपिंग सब को दे देता है..


वीर के मोम डॅड बहुत खुश होते है..


वीर डॅड को भी एक कार्ड देता है जैसा **संजू को दिया.था..


मोम...वीर बेटा चलो डिन्नर रेडी है...


फिर सभी बैठ डिन्नर करने लगते है आज सभी वीर को अपने हाथ से खिलाते है ***...
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उधर.. एक काले अंधेरे मे बड़े से महल मे बहुत से आदमी खड़े थे..


आदमी...बॉस जिन्नो का बादशाह आ गया है..ऑर उसे अपनी शक्तियो के बारे मे *भी पता लग चुका है..


बॉस....जब तक मुझे मेरी सारी शक्ति नही मिल जाती तब तक तुम सब उसका जीना हराम कर दो....

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