Fantasy अनदेखे जीवन का सफ़र

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rajaarkey
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by rajaarkey »

nayi kahani ke liye shukriya Dolly
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(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by Dolly sharma »

जैसे ही वीर किस करता है वो लड़की गुस्से मे वीर को थप्पड़ मार देती है....
ऑर उसे बुरा बाला बोल वहाँ से चली जाती है...


वीर चुप चाप वहाँ से स्टूडेंट्स के पास आता है..


वीर...जैसे आपने कहा मैने कर दिया..क्या अब हम दोस्त है.


लड़की...हम ऑर तेरे दोस्त तेरी औकात क्या है जो तू हमसे दोस्ती करे....


वियर...नम आँखो से वहाँ से चला जाता है..


वीर क्लास ख़तम करता है ओर निकल पड़ता है जॉब ढूँढने
.


बहुत सी जगह गया पर उसे हमेशा नो जॉब का जवाब ही मिलता.फिर वीर एक रेस्टोरेंट जाता है ऑर वहाँ के मॅनेजर से बात करता है...पर वहाँ का मॅनेजर भी वीर को मना कर देता है.



वीर अपनी आँखो से आँसू लिए वापिस जाने लगता है पर तभी वो किसी से टकरा जाता है..जिस से टकराता है ..वो वीर की आँखो मे आँसू देख लेता है..


लड़का..क्या हुया बाई..रो क्यूँ रहे हो
यहाँ कैसे आना हुआ..

फिर वीर उसे सब बता देता है


लड़का...तुम रूको मैं मॅनेजर से बात करता हूँ..
लड़का अंदर जाता है..काफ़ी टाइम उस मॅनेजर की मिन्नते करने के बाद वो मॅनेजर वीर को नौकरी के लिए हाँ करता है..



लड़का वीर को आ कर सब बता देता है....जिसे सुन वीर खुश हो जाता है...


वीर...थॅंक्स भाई तुमने आज दिल जीत लिया भाई एक काम ओर कर्दे कही रूम ले दे यार रेंट पे


लड़का...यार इसमे कौनसी बड़ी बात है .तू मेरे साथ रह.ले..मैं ऑर मेरा एक ऑर दोस्त बस यही है हम



वीर..थॅंक्स यार..ऑर हाँ मेरा नाम वीर है..

लड़का..हाई.मैं बिस्वा..


बिस्वा..चल तुझे रूम ले चलता हूँ..

फिर दोनो रूम मे चले जाते है.बिस्वा उसे न्यू फ्रेंड आशीष से भी मिलवाता है...


फिर वीर को पता चलता है..बिस्वा ऑर आशीष भी वही पढ़ते है जहा वीर पढ़ता है...


3 अवर्स पहले..


लड़की..यार संजना तुझे उस बेचारे को थप्पड़ नही मारना चाहिए था


संजना..उसे बेचारा बोलती है. उसने मुझे किस किया..


लड़की...देख यार मुझे पता है.यह सब उस अजय ऑर उसकी गॅंग का किया धारा है...खम्खा बेचारे को थप्पड़ मार दिया...


संजना को भी अपनी ग़लती का एहसास होता है.....


प्रेज़ेंट. .


ऐसे ही आज का दिन बीत जाता है..नेक्स्ट डे सब कॉलेज जाते है..


तीनो क्लास अटेंड कर ..कॅंटीन मे बैठ जाते है..तभी वहाँ अजय ऑर उसकी गॅंग आती है..


अजय..आए देखो कौन बैठा है कॅंटीन मे चल इसकी खीचाई करते है....


अजय...ऑर बॉस कैसा है..क्या बात है.दोस्त बन ही गये तेरे..वाह.....


तभी वहाँ संजना आती है..


संजना..तेरी प्रोबलम क्या है अजय..क्यू तंग करता है सब को.अपनी हद मे रहा कर..

अजय..क्यू तू क्यू इतना भड़क रही है..तुझे कल वाली किस से मज़ा नही आया क्या कहे तो आज मैं तुझे मज़ा दे देता हूँ..

अजय अभी इतना ही बोला था कि तभी उसके फेस पर थप्पड़ पड़ता ताआआअक..


अजय...मुझे थप्पड़ मारा..साली आज तेरा वो हाल करूगा सारे कॉलेज मे अपना मुँह दिखाने लायक़ नही रहेगी...


फिर अजय अपने दोस्तो को इशारा करता है..


ऑर अजय के कुछ दोस्त संजना को पकड़ लेते है...


संजना..छोड़ मुझे..अजय यह तू ठीक नही कर रहा..अभी भी मौका है रुकज़ा..


अजय..आज तू नही बचेगी


तभी वीर अजय ऑर संजना के बीच मे आ जाता है..


वीर...भाई छोड़ दो लड़की है ऐसे करने से उसकी इज़्ज़त का क्या रहेगा....मैं इसकी तरफ से माफी माँग लेता हूँ


अजय...वाह.मजनू भागा चला आया..

क्या तू थप्पड़ खाएगा..इतना बोल अजय वीर को थप्पड़ मार देता है..


वीर..मार लिया अब छोड़ दो लड़की को ..वरना बाद मे पछताएगा....


अजय..क्या बोला साले अब देख .अजय जैसे ही अपने हाथ संजना के सीने के पास ले जाने ही वाला था कि ..तभी वीर अजय को अपनी तरफ खीचता है ऑर उसे थप्पड़ जड़ देता है..


थप्पड़ इतना तगड़ा था कि अजय को कोई होश नही रहता ऑर वो गिर पड़ता है..


लड़का.ओह यह क्या सेठ धनराज के बेटे को थप्पड़ मारा तू तो गया बेटा


वीर...इसे लेकर जाओगे या इसकी जगह लेटना है...


वीर का इतना बोलना था कि वो लड़के तेज़ी से अजय की उठा कर निकल जाते है..


संजना..थॅंक्स मुझे बचाने के लिए...

वीर...इट्स ओके..न्ड प्लज़्ज़्ज़ सॉरी कल के लिए..

संजना..वो छोड़ो..अब क्या होगा वो बहुत खतर नाक है..तुम्हे पंगा नही लेना चाहिए था..


वीर..कुछ नही होगा..डोंट वरी..


संजना..फ्रेंड्स..अपना हाथ आगे कर के


वीर..हाँ क्यू नही..फिर वीर ऑर संजना की दोस्ती हो जाती है...


ऐसे ही 2 3 दिन निकल जाते है..
.

उधर..

.
अजय...साले का हाथ बहुत भारी है..पर अब मैं उसे छोड़ूँगा नही...


वोही लड़की.डॅड को बोल उसे पिटवा देते है...


अजय..चुप कर .हम किस लिए है


उसका तो मैं ही उसका बुरा हाल करूगा....अभी कुछ दिन उस से नॉर्मल बिहेव करो...


ऐसे ही कॉलेज चलता रहता है...


तभी एक...दिन


आदमी 1...अब उसे उसकी शक्ति का एहसास दिलाना होगा वरना वो मुसीबत मे फस सकता है. उसके उपर ख़तरा मंडरा रहा है..


आदमी..1..ठीक है मैं खबर भिजवा देता हूँ ..


वापिस..उसी कॉलेज मे..


अजय वीर के पास जा कर ...सॉरी यार उस्दिन मैने तुम लोगो के साथ बहुत बतमीज़ी की..
.

वीर..इट्स ओके भाई ..कॉलेज मे तो ऐसा चलता रहता है..

.अजय.तो ठीक है आज से हम दोस्त..ऑर हाथ आगे बढ़ा देता है .


वीर भी उस से हाथ मिला लेता है...


अजय ऑर फ्रेंड्स..वहाँ से चले जाते है..


बिस्वा..भाई मुझे इस बंदे पे बिल्कुल भी यकीन नही है..


संजना ...ना वीर.यार नेवला है नेवला वो..


वीर..मुझे पता है गाइस..जैसे वो चलेगा वैसे हम उसके साथ करेगे..


पर उसे क्या पता था कि वीर की जिंदगी मे एक नया मोड़ आने वाला है..


संजना..चल वीर..कॅंटीन मे कुछ खाते है.


फिर सभी कॅंटीन मे जाते है .ऑर स्नकस वग़ैरा ऑर्डर करते है..


संजना..वीर कुछ अपने बारे मे बताओ.


वीर..मैं एक अनाथ हूँ.ऑर मेरी कहानी यह है कि..वीर आगे बोलने ही वाला था कि तभी.


बिस्वा .छोड़ यार वीर क्या ले के बैठ गया..

अपनी स्टोरी सुना कर खुद भी रोएगा ऑर हमे भी रुलाएगा...


संजना जब भी वीर को वीर नाम से बुलाती तो वो किसी सोच मे डूब जाती...


संजना ..तो गाइस ऐसा करते है मूवी देखने चलते है..


वीर..नही यार मैं नही आ पाउन्गा..


संजना ....क्यो नही आ पाएगा..


बिस्वा....यह इसलिए मना कर रहा है कि इसके पास पैसे नही है..


संजना..तो क्या हुआ मैं हूँ ना..

तुम चुप चाप चलो...


फिर सभी वहाँ से सेनेमा जाते है ऑर मूवी देखते है..


दोपहर बाद...तीनो अपनी जॉब पर चले जाते है.


रात के 9 बजे तक काम करते है ऑर घर वापिस आ जाते है...


ऐसे ही कयि दिन गुजर जाते है.सब एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे..

नेक्स्ट डे..कॉलेज पहुँच.जाते है..पर अभी तक संजना नही आई थी..



तभी अजय भागता हुआ आता है ऑर वियर के पास आकर..


अजय...वीर भाई वो संजना का आक्सिडेंट हो गया है जल्दी चलो..


वीर अजय के साथ तुरंत भागता है..

बिस्वा ओर आशीष उसके साथ जाने वाले थे कि वीर उन्हे मना कर देता है...


वीर अजय के साथ गाड़ी मे बैठ निकलता है उस तरफ...


उधर...


कॉलेज मे बिस्वा ऑर आशीष टेन्षन मे बैठे थे कि तभी उनके पास संजना आती है.....


बिस्वा....तू यहाँ तुम्हारा तो आक्सिडेंट हुआ था ना...


संजना..क्या बोल रहे हो ..पागल तो नही हो गये


संजना का इतना ही बोलना था कि तभी बिस्वा संजना को सब बता देता है ..ऑर बिस्वा ऑर आशीष ..वीर के पीछे भागते है..


उधर...

अजय गाड़ी को एक पहाड़ी की तरफ ले जाता है..

वीर...भाई कहाँ है संजना.


अजय..सब सामने ही है..

तभी अजय घड़ी की स्पीड तेज कर गाड़ी से छलाँग लगा देता है..


अजय को इस से चोट तो आती है मगर इसके फेस पे स्माइल थी..पीछे एक गाड़ी आ रही थी उसी मे बैठ अजय निकल जाता है...



वीर गाड़ी का संभाल नही पाता ऑर गाड़ी खाई की तरफ हो जाती है..तभी उसके माइंड मे बचपन वाला बस का मंज़र घूम जाता है ऑर वो बेहोश हो जाता है...


अब देखना यह है कि क्या होगा वीर के साथ..
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