परिवार का प्यार ( रिश्तो पर कालिख) complete

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परिवार का प्यार ( रिश्तो पर कालिख) complete

Post by 007 »

परिवार का प्यार ( रिश्तो पर कालिख)

दोस्तो बहुत आराम हो गया अब आपके लिए एक और कहानी शुरू करने जा रहा हूँ जिस तरह आपने अब तक मेरा साथ दिया है उम्मीद करता हूँ इस कहानी को भी आपका भरपूर प्यार मिलेगा
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: परिवार का प्यार ( रिश्तो पर कालिख)

Post by 007 »

राजस्थान एक ऐसा स्टेट जो अपने रंगो के लिए मशहूर है यहाँ एक ओर तो रेत का समंदर एक तरफ़ अरावली की विशाल पहाड़िया ऑर एक ओर मेरा शाहर है उदयपुर.

यहाँ की फ़िज़ा अपने अंदर वो सारे रंग समेटे हुए है जो किसी भी मौसम को ख़ुशगवार बना देता है.

यहा मेरा एक प्यारा सा घर है जिसके पेड़ो जिसके आँगन में खेलते हुए मेरा बचपन बीत रहा है..

में अपने बारे में बता डूब मेरा नाम जय गुप्ता है थोड़ा सावला हूँ लेकिन दिखने में बुरा नही हूँ.,मैने अभी अपना स्कूल ख़तम किया है ओर उदयपूर के एक प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लिया है.

मेरे पापा किशोर गुप्ता एक बिज़नेस मॅन है हमारा डाइमंड्स का बहोत बड़ा बिज़्नेस है जो कि अलग अलग सिटीज में फैला हुआ है.


मेरी मम्मी संध्या गुप्ता वो एक हाउसवाइफ है लेकिन वो एक हाउसवाइफ के साथ साथ एक एनजीओ भी चलाती है.

मेरे बड़े भैया. राज गुप्ता जो कि पापा के साथ उनके बिज़्नेस में हाथ बटाते है, काफ़ी खुश मिज़ाज है.. मुझे आज भी वो एक बच्चे की तरह ट्रीट करते है.

मेरी भाभी नेहा गुप्ता जितनी वो सुंदर है उस से ज़्यादा उनका दिल सुंदर है वो हमेशा मेरा ख्याल रखती है वो पहले एक डॉक्टर थी लेकिन शादी के बाद उन्होने वो बंद कर दिया.


मेरी बड़ी बहन रूही गुप्ता बिल्कुल एक बार्बी डॉल की तरह वो मेरे ही कॉलेज में है मुझ से एक साल सीनियर , वो मेरे बिना एक पल नही रह सकती चाहे जब वो घर के बाहर हो या घर के अंदर वो हमेशा मेरे साथ रहती है.


मेरी छोटी बहन नीरा गुप्ता मासूम इतनी कि गुस्से से आप उसकी तरफ़ देख नही सकते उसको देखते ही गुस्सा हवा हो जाता है , ऑर जितनी वो मासूम है उस से कही ज़्यादा वो शैतान है,एक बार उसने एक छिपकली पकड़ के मेरी टी शर्ट में डाल दी जब में सो रहा था...खूब उत्पात मचाती है लेकिन सब से ज़्यादा वो मुझे प्यारी है, में अपनी जान से भी ज़्यादा अपनी छोटी बहन को प्यार करता हूँ उसकी आँखो में आँसू का एक क़तरा मेरे पूरे वजूद को हिला देता है.

सवेरा...... एक ऐसा शब्द जो अहसास दिलाता है,रात के ख्तम होने का.

ऐसा ही एक दिन सवेरे सवेरे.


ज़य....जय...उठ भी जा कितना सोएगा , जल्दी से उठ आज बहोत काम है.

में..रूही दीदी सोने दो ना आज तो सनडे है क्यो मुझे उठा रही हो.

रूही..उठ जा गधे.. आज नीरा का बर्त डे है उसको लेकर मंदिर जाना है.

में नीरा का नाम सुनते ही तुरंत खड़ा हो जाता हूँ.

में ..क्या दीदी पहले नही उठा सकती थी क्या? नीरा कहाँ है क्या वो उठ गयी?

रूही..गधे इसीलिए तुझे उठाया है वो महारानी अभी तक सो रही है..जाक्र उसे बर्तडे विश कर ऑर उठा उसको.

में तुरंत भाग के नीरा के कमरे में पहुँचता हूँ.

उसे देखते ही में वही रुक जाता हूँ कितनी मासूमियत झलक रही थी नीरा के चेहरे से आज वो 19 साल की हो गयी है,ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात हो, में उसे अपनी गोद में उठाए उठाए पूरे घर में भागा करता था.उसकी एक मुस्कुराहट पर में नाचने लगता था आज पूरे 19 साल हो गये नीरा को मेरे जीवन में आए हुए.

में धीरे से उसके बेड की तरफ़ जाता हूँ उसके सिरहाने बैठ के उसके चेहरे पर आए उसके बाल हटा कर प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरने लगता हूँ.

रूही ये सब दरवाजे पर खड़ी होकर देख रही थी . फिर रूही ने धीरे से मुझे आवाज़ लगाई जय....
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Re: परिवार का प्यार ( रिश्तो पर कालिख)

Post by 007 »

मैने उनकी तरफ़ देखा तो वो आपनी आँखे गुस्से से बड़ी बड़ी करके मुझे इशारे से नीरा को उठाने को कह रही थी..मैने उनको रुकने का इशारा किया ऑर नीरा के माथे को चूम कर धीरे से उसके कान में कहा,... हॅपी बर्त डे माइ स्वीट एंजल ऑर नीरा ने अपनी आँखे खोल कर मुझे अपने गले से लगा लिया ऑर कहने लगी .

नीरा..भैया बर्तडे तो विश कर दिया लेकिन मेरा गिफ्ट कहाँ है.

में..पहले तैयार हो जा मंदिर जाना है उसके बाद तू जो बोलेगी वो लेकर दूँगा तुझे गिफ्ट में.

नीरा..भैया गिफ्ट आप को देना है इसलिए पसंद भी आप करोगे ऑर लेने भी जाओगे अकेले आप.

में..ठीक है महारानी जी जैसी आपकी इक्षा.

उसके बाद हम सभी मंदिर जाने के लोए तैयार होने में लग गये....

हम लोग मंदिर जाने के लिए तैयार हो गये में अपने रूम से सीढ़िया उतर कर हॉल में आया तो नीचे मम्मी ऑर पापा हॉल में ही थे. पापा ने एक वाइट कुर्ता ओर चूड़ीदार पाजामा पहना था ऑर मम्मी ने एक लाल रंग की बँधेज वाली साड़ी पहनी थी वो इस साड़ी में बहोत खूबसूरत लग रही थी. थोड़ी देर में भाभी ऑर भैया भी वहाँ आगये भैया ने भी कुर्ता ओर चूड़ीदार पहना था. जबकि भाभी ने गोल्डन रेड कलर की साड़ी ऑर उसके मॅचिंग का ब्लाउस पहना था जो कि उनकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहा था.

फिर रूही ऑर नीरा नीचे उतरी वो दोनो ही जन्नत. से आई परी की तरह खूबसूरत लग रही थी.

रूही ने जीन्स ओर एक पिंक कलर की कुरती पहनी थी.

ऑर नीरा ने एक येल्लो कलर की फ्रोक

में दोनो की खूबसूरती में लगभग खो सा गया .

तभी पापा की आवाज़ से मेरा ध्यान भंग हुआ .

पापा..जय हम सभी लोग एक कार में तो आ नही पाएँगे तू एक काम कर या तो दूसरी कार उठा ले या फिर बाइक से हमारे साथ चल.

में..पापा मुझे कार चलाना पसंद नही है वेसए भी सुबह सुबह ताज़ी हवा में बाइक चलाने का मज़ा कुछ ऑर ही है में बाइक से आ जाउन्गा पापा,

पापा..तो फिर ठीक है हम लोग कार में आते है तू तेरी बाइक संभाल.


रूही..पापा में भी जय के साथ बाइक पर ही आउन्गि.

पापा..ठीक है चलो फिर जल्दी नही तो मंदिर में भीड़ ज़्यादा हो जाएगी.

ऑर उसके बाद हम मंदिर के लिए निकल पड़ते है मेरे पास रॉयल एनफील्ड. बाइक थी.

रूही अपने पैर एक तरफ़ करके मेरे कंधे पर हाथ रख कर बैठ गयी बीच रास्ते में ऐसी काई जगह आई जहाँ मुझे तेज़ी से ब्रेक लगाने पड़ते थे.

ऑर इसी वजह से रूही मुझ से बिल्कुल चिपक जाती थी..मुझे काफ़ी अजीब लग रहा था एक तो सुबह सुबह की ठंड ऑर उस पर रूही के बदन की गर्मी मेरी सोच बदल रही थी मेने अपनी सोच पर शर्मिंदा होते हुए अपने सिर को झटका दिया ऑर गाड़ी सीधा मंदिर की पार्किंग में लगा दी...
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Rathore
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Re: परिवार का प्यार ( रिश्तो पर कालिख)

Post by Rathore »

Congrats for new story
#Rathore– #अंदाज 😎 कुछ #अलग 😏 हैं #मेरे_सोचने 😅 का...!
#सबको 👥 #मंजिल 🏠 का #शौंक हैं और #मुझे 😎 #सही_रास्तों😊 का...!!
:shock: :o :( :arrow:
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Viraj raj
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Re: परिवार का प्यार ( रिश्तो पर कालिख)

Post by Viraj raj »

Congrats for new story & Super update...... Mitra 😘😘😘😘😘😘😘😘👏👏👏👏👏👏👏👏👍👍👍👍👍👍👍👍👌👌👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💝💞💖
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मैं वो बुरी चीज हूं जो अक्सर अच्छे लोगों के साथ होती है।
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** Viraj Raj **

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