Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा

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rajababu
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Re: तारक मेहता का नंगा चश्मा

Post by rajababu »

शुरू करते हैं कहानी किरदार तो पता चल गये हैं अब......

सुबह का वक़्त गोकुलधाम में....तो शुरू करते हैं जेठालाल के घर से हर रोज़ की तरह बापूजी पेपर पढ़ रहे थे अपना बड़ा सा चस्मा लगा के...और उधर जेठालाल कमरे में सोया हुआ था...फिर आई उनकी धरम पत्नी दया...

दया :- टप्पू के पापा ओ टप्पू के पापा उठ जाइए लेट हो रहा है..बापूजी गुस्सा करेंगे...दुकान नही जाना क्या....

जेठालाल :- आरीईए हन्ंननणणन् दया बॅस 5 मिनट और सोने दे ना...फिर उठता हूँ...थोड़ी देर और...

दया :- ओफू टप्पू के पापा आप ऐसे नही मनोगे ना....तभी दया ने एक तरकीब सोची.....उसने जेठालाल के लंड को छुआ.. लंड को छूते ही दया के शरीर में करेंट दौड़ गया...उस वक़्त मन तो बहुत कर रहा था दया को चुदने का मगर नही चुद सकती थी टाइम नही था......अवर जैसे ही दया ने लंड पकड़ा और उसे ज़ोर से दबा दिया....जेठालाल चिल्लाते हुए उठा.....

जेठालाल :- आआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
दया ये क्या था...इतनी ज़ोर से क्यूँ दबाया आआआआआआअ दर्द हो रहा है......

इतनी ज़ोर की आवाज़ सुन के बापूजी चिल्लाते हुए कमरे में आए क्या हुआ जेठा....और अब जेठालाल और दया का मूत निकलने जैसा हाल हो गया....

जेठालाल :- वो वो वो वो बापूजी....काटा.....चिंटी ने काटा....

बापूजी :- चिंटी पलंग पे चिंटी...पागल हो गया है जेठिया....

एक बार फिर जेठालाल का मूत निकलने जैसे हो गया...

अब दया ने फँसाया था तो उसको दिमाग़ तो लगाना पड़ता ही...और उसने लगाया भी...

दया :- बापूजी वो क्या है ना...जब चिंटी ने काटा तब टप्पू के पापा नीचे थे...जैसे ही उनको काटा वो पलग पर चढ़ गये...

बापूजी :- गुस्से में...आई जेठिया बेबकूफ़ इतनी ज़ोर से कोई चिल्लाता है क्या...नालयक डोबी कहीं का...

जेठालाल :- सॉरी बापूजी ग़लती हो गई...वो एक दम से चींटी ने काटा तो मूह से तेज़ चीख निकल गई..सॉरी...

फिर बापूजी सर हिलाते हुए चले गये...और साथ में ये भी बोल गये कि में मंदिर जा रहा हूँ.......

दया की घंटी बजी..और जो उसे चाहिए था .. उसे वो मिल सकता था...

जेठालाल :- गुस्से में दया नॉनसेन्स डोबी....ऐसा कोई करता है क्या..इतनी ज़ोर से दबाता है क्या कोई लंड को और वो भी जब बापूजी घर में हो....लेकिन थोड़ी ही देर में जेठालाल का गुस्सा कम हो जाता है....सोचिए कैसे.....


जेठालाल डाँट खाने के बाद काफ़ी गुस्से में था और दया ने कुछ ऐसा किया कि उसका गुस्सा शांत होने लगा आइए आगे जानते हैं कैसे.....


जेठालाल बहुत अच्छा महसूस कर रहा था क्यूँ कि दया चद्दर के नीचे जेठालाल का पाजामा उतार कर उसका लंड हाथ में लेकर हिला रही थी...जिससे जेठालाल बहुत खुश हो रहा था.....

जेठालाल :- आरीईई वाहह दया ये क्या सुबह सुबह तू मेरा लंड क्यूँ हिला रही है...

दया :- टप्पू के पापा आपका लंड सुबह क्या मैं दिन रात हिलाना चाहती हूँ ... है ही इतना मस्त कि क्या बताऊ....

वैसे जेठालाल के लंड के बारे में बता दूं...उसी की तरह है तो छोटा सा मगर है बहुत मोटा..लंबाई है 5.5 इंच का मगर मोटाई इतनी कि मुट्ठी में ना आए....जिसकी वजह से दया उसकी दीवानी थी....


जेठालाल :- मुस्कुराते हुए...अच्छा ... तो फिर हाथ से क्यूँ हिला रही है मूह में ले इसे और चूस....

इतना सुनते ही दया जेठालाल का लंड चूसना शुरू कर देती है....ऐसे चूस्ति है कि जैसे कितने दिनो की भूखी हो....

जेठालाल :- आआआआआआआआआआआआआआआआआआअ ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ अहह दया कमाल कर रही है तू तो...मज़ा ही आअ गया....और चूस इसे....चूस्ति रह ...आहह......

तभी जेठालाल दया की तरफ देखता है...उसे देख के जेठालाल को पता चल जाता है कि दया की चूत में खल बलि मची हुई है.....वो फ़ौरन दया को बोलता है....

जेठालाल :- दया रुक....

दया :- क्यूँ क्या हुआ टप्पू के पापा..मज़ा नही आ रहा...

जेठालाल :- मज़ा तो आ रहा है....लेकिन अगर किसी और को भी मज़ा आए तब और ज़्यादा मज़ा आएगा....

दया :- मुस्कुराते हुए...समझ जाती है....

तभी जेठालाल दया को बोलता है कि तू मेरे उपर लेट के मेरा लंड चूस...और में तेरी चूत को चुसूंगा....मतलब 69 पोज़िशन..

दया उल्टी लेट जाती है और जेठालाल का लंड चूस्ति रहती है ... इतनी देर में जेठालाल दया की साड़ी और पेटिकोट उपर कर के उसकी पेंटी को नीचे खिसका देता है....और देखते ही उसकी आँखे फटी रह जाती है...

जेठालाल :- दया ये क्या...तेरी चूत तो इतनी गीली है कि बता नही सकता....आज से पहले इतनी गीली चूत नही देखी तेरी..इतना बोलते ही बस जेठालाल तो भूके भेड़िए की तरह उस पर चिपक जाता है....और उसे ज़ोर ज़ोर से चूस्ता रहता है....इस वक़्त दया सिर्फ़ छोटी छोटी आहह हुम्म कर रही थी क्यूँ कि उसके मूह में लंड था...मगर थोड़ी देर बाद जो जेठालाल ने किया उससे वो अपने आप को रोक नही पाई....

जेठालाल ने दया की चूत को दोनो हाथ से फैलाया और उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ डाल के कस कस के चूसे जा रहा था....और इससे दया....

दया :- लंड मूह में से निकाल के.............अहह....
.........टॅप्यूवूऊवूऊवूऊयूयुयूवयू के पपपाााआआआआआआआआअ...... ..........ओह.ओउुुुुुुुुुुुुुुुुउउ
उईईईईईईईईईईईईईई..... ये क्या कर रहे हैं आप....अहह ओह्ह्ह....मर् गईइई में तो.....आअहहाआहह......

और इधर जेठालाल वैसे ही उसकी चूत को चाटे जा रहा था....अब दया भी अपनी आवाज़ दबाने के लिए उसका लंड चूसे जा रही थी....पर अचानक जेठालाल ने दया की चूत की क्लिट को ज़ोर से चूस डाला और दया....

दया :- टप्पुउुउउ के पपप्प्प्पाा में तो गईिईईईईईई.......

और दया सारा कामरस जेठालाल के मूह के अंदर विसरजित कर देती है....लेकिन जेठालाल का नही निकला था इसलिए....

जेठालाल :- दया जल्दी कर मुझसे अब रहा नही जा रहा....

और दया फटाफट चूस्ति रहती है...लेकिन अचानक...

टप्पू :- मम्मी मम्मी किधर हो तुम....मुझे मेरा वीडियो गेम नही मिल रहा है....

दया और जेठालाल टप्पू की आवाज़ सुन के घबरा जाते हैं...और दया जेठालाल का लंड छोड़ के खड़ी हो जाती है और जेठालाल अपने उपर चद्दर ओढ़ लेता है....

टप्पू :- कमरे में आते हुए...मम्मी कहाँ थी तुम...वो मेरा...

दया :- बीच में बात काटते हुए...हाँ बेटा तू चल में आ कर ढूंडती हूँ...और जेठालाल की तरफ अपनी चिडाने वाली स्माइल देके निकल जाती है...

जेठालाल :- गुस्से में बैठा हुआ...सोचता है...हे भगवान मेरी किस्मत तूने कौन से टाइम पे लिखी थी...कुछ नही मिलता मुझे...कम से कम रिलॅक्स तो होने देते...उसमे भी भंज़ी मार दी आपने....

और फिर अपना मूह लटकाए जेठालाल बाथरूम की ओर चला जाता है....
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rajababu
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Re: तारक मेहता का नंगा चश्मा

Post by rajababu »


दोस्तो अब चलते हैं तारक मेहता के घर...

हर रोज़ की तरह सुबह सुबह मेहता साहब सोफे पे बैठे कुछ लिख रहे थे...तभी अंजलि आई वही अपना टखा हुआ सा करेले के जूस लेकर..

तारक :- अंजलि को देखते हुए...सुबह हुई नही और आ गई कि ये टखा हुआ सा जूस लेकर...अंजलि तुम्हे इसके अलावा और कुछ नही मिलता..

अंजलि :- तारक ये सेहत के लिए अच्छा होता है....इसी की वजह से तुम इतने स्ट्रॉंग हो ....

तारक :- अच्छा जी तो आपको लगता है कि में इसे पी के स्ट्रॉंग हुआ हूँ...मान ही नही सकता में...

अंजलि :- अच्छा आपको नही पता...इसी की वजह से आप रात को मेरी इतनी अच्छी तरह से मारते हैं...और देर तक भी...आपको पता नही है कि जब आप मारते हैं तो कितना ज़्यादा मज़ा आता है...

तारक :- हंसते हुए हाहहहः....अरे वो इसकी वजह से नही ..मेरे बचपन के सीखने का कमाल है...इसकी वजह से तो मेरा पानी भी हरा हो गया है......

इस बात को सुनकर दोनो खूब हंसते हैं....

फिर तारक हँसी को रोकते हुए ..अंजलि के करीब आ जाता है....

अंजलि :- शरमाते हुए...क्या कर रहे हो तारक...

तारक :- अंजलि तुमने ... अपनी बातों से ... मेरा खड़ा कर दिया है....अब जब तक इसे शांत नही करूँगा तो आर्टिकल नही लिख पाउन्गा...प्लस्सस कुछ करो ना....

अंजलि :- मुस्कुराते हुए..तारक आप भी सुबह सुबह....इतना बोलते ही अंजलि हल्की सी सिसक उठी है....

क्यूँ की तारक ने अंजलि के सलवार के उपर से उसकी चूत को कस के पकड़ लिया होता है....

अंजलि :- तारक छोड़ो ना...सुबह सुबह तो मत करो..में गरम हो जाउन्गी...

तारक :- हाँ तो हो जाओ ना मेरी एटीएम....

इतना बोलते ही तारक अपने होठ अंजलि के रसीले होठों के उपर रख देता है और शुरू होती है एक गहरे चुंबन की शुरुआत...

तारक बड़े प्यार से अंजलि के होठों को चूस्ता रहता है...और अंजलि भी तारक के होंठो को चूस्ति रहती है...थोड़ी देर ऐसे ही चूसने के बाद तारक अपनी जीभ अंजलि के मूह में डाल देता है...और अंजलि बड़े प्यार से उसे अंदर आने देती है...दोनो की जीभ एक दूसरे के रस का स्वाद चखती रहती हैं....ये किस चलता रहता है...इसी दौरान तारक अंजलि की चूत को स्लवार के अंदर हाथ डाल कर पेंटी की उपर से सहलाता रहता है...उसकी पेंटी पूरी तरह गीली हो जाती है...बड़े प्यार से अंजलि की चूत को घिसता रहता है.....इधर अंजलि...तारक की पॅंट के अंदर हाथ डाल के अंडरवेर्र के उपर से लंड को उपर नीचे करती रहती है.....साथ ही साथ एक दूसरे को किस भी करते रहते हैं...दोनो के होँठो के चारो तरफ एक दूसरे का थूक लग जाता है फिर भी वो दोनो छोड़ते ही नही है...ऐसा लगता है जैसे उन्हे दुनिया की परवाह ही नही है...बस आपस में खोए हुए होते हैं.....इतनी देर से चूत पे चल रहे हाथ और लंड पे चल रहे हाथ से बहुत ज़्यादा गर्मी पैदा हो जाती है...दोनो की सासें मूह के अंदर फूलने लगती है ....और दोनो झड़ने के बेहद करीब होते हैं.........और तभी.......

दरवाजे पे दस्तक होती है और दोनो एक दम से अलग हो जाते हैं...दोनो एक दूसरे को देखते हैं और फिर अंजलि दरवाजे के पास जाकर दरवाजा खोलती है...

अंजलि :- अजीब से भाव एं..अरे अब्दुल भाई आप कैसे???

अब्दुल :- अंजलि भाभी आप खुद ही भूल गये..आपने ही तो भाजी के लिए समान मँगवाया था....

तभी अंजलि को याद आता है कि उसने अब्दुल से भाजी मँगवाई थी...

अंजलि :- अरे हाँ अदूल भाई....आपका बहुत बहुत शुक्रिया...

इधर तारक बौखलाया हुआ था क्यूँ कि वो झडा नही था जिसकी वजह से वो काफ़ी परेशान था और उसने अंजलि और अब्दुल की बातों पर ध्यान नही दिया था...

अंजलि गेट बंद करके आती है...और तारक की तरफ़ देख कर वो बोलती है..

अंजलि :- तारक , तारक .... कहाँ खो गये??

तारक :- चौंकते हुए...अंजलि क्या यार सारा मज़ा खराब हो गया..तुम्हे पता है ना मेरी कितनी बुरी हालत हो रही है इस वक़्त...मुझे नही पता तुमने जो अधूरा छोड़ा था वो पूरा करो...मेरा चूस के जल्दी मुझे रिलॅक्स करो...

अंजलि :- तारक आप भी ना...मेरी भी तो यही हालत है...में भी तो नही झड़ी मेरा हाल भी तो आपके जैसा है...और हाँ अब में नही कर सकती..मुझे काम है...

तारक :- गुस्से में..ठीक है करो अपना काम....यहाँ पति की थोड़ी कोई परवाह है...जो करना है वो करो...

और तारक गुस्से में सोफे पे बैठ जाता है...

अंजलि :- अरे गुस्सा क्यूँ हो रहे हैं...मेरे पर आपके लिए एक सर्प्राइज़ है आज..

तारक :- झट से खड़ा होते हुए....क्या सच में तो जल्दी करो ना...

अंजलि :- हंसते हुए अरे वो नही....मेने आज आपके लिए पॉव भाजी बनाई है....

तारक :- अरे थोड़ा खुश होते हुए..अपनी नाराज़गी हटाते हुए...अंजलि तुम भी ना....और हंस पड़ता है....

ये देखकर अंजलि भी हंस देती है ... और फिर तारक अपने आर्टिकल लिखने बैठ जाता है...और अंजलि किचन में चली जाती हाईईईईई.......
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rajababu
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Re: तारक मेहता का नंगा चश्मा

Post by rajababu »

दोस्तो आज बस इतना ही ..................पढ़ते रहिए और हिलाते रहिए कहानी और भी मस्त होने वाली है ........... और साथ ही साथ मेरा हौंसला भी बढ़ाते रहिए
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007
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Re: तारक मेहता का नंगा चश्मा

Post by 007 »

wah dost bahut khub maza aa gaya
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

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