चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी complete

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rajababu
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Re: चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी

Post by rajababu »

अब राज की ज़ुबानी…



अब तो में समझ गया था की प्रीति को ठीक तरह से टेकल किया जाये तो अभी फिलहाल चुदाई नही तो मुठ तो निकला ही जा सकता हे, एक दिन में प्रीति के साथ वापस आ रहा था, आते समय मेरे दिमाग में ख्याल आया की आज की शाम का प्रीति आनंद लिया जा सकता हे।
मैं प्रीति के पास खड़ा था बस में पूरा अँधेरा था। हमारा स्टॉप आने मैं अभी 20 मिनिट थे मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था। मैंने पहले धीरे से अपना लंड प्रीति के साइड के हाथ पे कोहनी से ऊपर की तरफ लगाया फिर मैंने धीरे अपना खड़ा लंड प्रीति के हाथ पे बार 2 टच करवाया प्रीति का कोई रिएक्शन नहीं था। फिर मैं थोडा सा आगे बड़ा और प्रीति के पास आया और धीरे से अपनी 1 ऊँगली प्रीति के बोबे पे साइड से लगाई। मैंने अपने 4 उंगलिया जेब में डाल रखी थी और 1 ऊँगली प्रीति के साइड के बोबे पे लगा रहा था मैं इस बात का पूरा धयान रख रहा था की किसी को कुछ दिखे ना पीछे वाले लडको को भी नहीं फिर मैंने धीरे 2 अपना लंडप्रीति के उंगलियों पे टच कराया जिस से प्रीति ने सीट पकड़ रखी थी। मैंने आज पहली बार अपना लंड प्रीति के हाथ पे टच करवाया था। मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने अपना हाथ अपनी जेब से निकाला और अपने हाथ से प्रीति के बोबे को साइड से टच किया धीरे से प्रीति ने कुछ नहीं कहा।
मुझे समझ मे नहीं आ रहा था की प्रीति कुछ रिएक्शन क्यों नहीं दे रही है। वो चाहती तो वो हाथ हटा सकती थी। हाथ झटक सकती थी। घूर सकती थी लेकिन बस वो तो सामने ही देखे जा रही थी। शायद उन्हें भी डर लग रहा था, की क्या करे क्या नहीं स्कूल की बच्चियों में इतनी अकल कहाँ होती है अब मैंने सोचा की देखते है की प्रीति रियेक्ट कब करती है? मैंने वापस अपना लंड प्रीति की उंगलियों पे लगाया और लगा रहने दिए वहां से हटाया नहीं फिर धीरे से अपना हाथप्रीति की बोबे की तरफ लेके गया और उनका बोबा दबा दिया प्रीति ने कुछ रियेक्ट नहीं किया अब मै अपना हाथप्रीति की चुन्नी के नीचे लेके गया औरप्रीति के बोबे को दबाने लगा अब मुझे पता चल चूका था की प्रीति रियेक्ट नहीं करेंगी मैंने अच्छी तरह से प्रीति के दोनों बोबो को दबाया उन्हें सहलाया। मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी मेरे दिमाग में 1 आईडिया आया मैंने अपनी जीन्स की चैन खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया। अब मेरा खड़ा लंड बाहर था और नंगा था।

मैंने प्रीति की चुन्नी के नीचे से उनके बोबे को दबाते दबाते अपना नंगा लंड प्रीति के हाथ पे टच कर दिया। प्रीति को शायद थोडा सा करंट लगा इसलिए वो थोड़ी सी हिली फिर वापस चुपचाप बैठ गयी। अब मेरा नंगा लंड प्रीति की उँगलियों पर था और मेरा हाथ मेरी प्यारी प्रीति की चुन्नी के नीचे से उनके कुरते के ऊपर से उनके दोनों बोबो को दबा रहा था, उन्हें सहला रहा था। अब मैंने अपने हाथ से प्रीति का हाथ पकड़ा और अपना लंड उनके हाथ में पकड़वाया। ऊपर से उनके हाथ पे अपना हाथ रखा और आगे पीछे करने लगा। मैं तो हवा में था आज पहली बार मेरी प्यारी प्रीति अपने हाथ से मेरा मूट मार रही थी। मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था। जो काम आज घर के बंद कमरे में नहीं हुआ था, वो इस भरी हुई बस मे हो रहा था। मैंने अपना हाथ हटा लिया मेरा हाथ हटते ही प्रीति ने मेरा लंड छोड दिया मैंने वापस प्रीति का हाथ पकड़ा उसमे अपना लंड पकडवाया और ऊपर नीचे करने लगा प्रीति अब शायद समझ गयी थी की उन्हें क्या करना है? वो अपने हाथ से मेरा लंड आगे पीछे करने लगी और मैं अपना हाथ वापस प्रीति के बोबे की तरफ लेके गया और उन्हें दबाने लगा। वो भी क्या पल था एसा कभी हकीकत में होगा मैंने नहीं सोचा था मेरी प्यारी प्रीति मेरा लंड हिला रही थी मेरी मुट मार रही थी और मैं अपनीप्रीति के बोबे दबा रहा था और आज तो प्रीति को सब पता था की क्या हो रहा है। आज वो नींद मे भी नहीं थी इससे मुझे और मजा आ रहा था।
मैंने अपना हाथप्रीति के हाथ पे रखा और लंड हिलाने की स्पीड बड़ाई प्रीति समझ गयी की उनको स्पीड बढ़ानी है वो जल्दी जल्दी मेरा लंड हिलाने लगी और मैं इतना ज्यादा excited हो गया की मैंनेप्रीति के कुर्ते के गले में से अपना हाथ अंदर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उनके बोबे दबाने लगा। प्रीति जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने प्रीति की ब्रा के अंदर हाथ डाल दिया और उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा। प्रीति के निप्पलो को गोल गोल घुमाने लगा मैंने नोटिस किया कीप्रीति के निप्पल खड़े थे शायद इतनी टचिंग सेप्रीति भी गरम हो गई थी। प्रीति भी जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रह थी और मैं उनके दोनों बोबे दबा रहा था उनके निप्पल को अपने नाखून से रगड़ रहा था इतने मैं मेरा सारा मुटप्रीति के हाथ पे और उनकी सलवार पे गिर गया। मैं तो दूसरी दुनिया में था मैंने प्रीति को देखा प्रीति अभी भी सामने ही देख रही थी। प्रीति ने सामने देखते हुए ही अपना हाथ अपने नेपकिन से साफ़ किया सलवार पे लगा हुआ मुट भी साफ़ किया मैंने जल्दी से अपना लंड अंदर डाला और थोडा सा पीछे हो गया। हमारा स्टॉप आ गया था। प्रीति खड़ी हुई मैं भी प्रीति के पीछे आ गया।
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rajababu
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Re: चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी

Post by rajababu »

अपने स्टाप पर हम बस से उतरे, प्रीति जल्दी उतरी और घर की तरफ चलने लगी, मेने देखा की प्रीति की सलवार आगे से गीली हो रही हे, मुझे लगा की कहीं ये प्रीति की चूत का डिस्चार्ज तो नहीं क्या प्रीति बस में गरम थी। घर पहुंचते ही प्रीति ने मुझसे कहा "हट मुझे कपडे चेंज करने दे " मैं हट गया। प्रीति जाने लगी और मम्मी से बोला "मम्मी में नहा के कपडे चेंज करके आती हु आप सब्जी बना लो रोटी मैं सेक दूँगी, नहाने से कम से कम मूड तो फ्रेश हो जायेगा " मम्मी ने कहा " ठीक है नहा ले " और फिरप्रीति अपने रूम में गयी अपने घर के कपडे निकाले टॉवल लिया और नहाने चली गयी मैंने पापा मम्मी से नजरे बचा के प्रीति के रूम में गया और प्रीति के बाथरूम के दरवाजे में जो छेद मैंने किया था उसमे से पेपर का टुकड़ा निकाला और बाथरूम के अंदर देखने लगा वेसे मुझे प्रीति को वापस नंगी देखने की इच्छा नहीं थी क्योंकि अभी अभी मेरा मुट प्रीति ने निकाला था मैं तो बस अपने 1 सवाल का जवाब ढूँढने के लिए बाथरूम में देख रहा था और वो सवाल था “क्या बस मेंप्रीति गरम थी ? ' जो भी मैंने प्रीति के साथ किया उस सेप्रीति को केसा लगा मैं बस ये जानना चाहता था
मैंने देखा बाथरूम में प्रीति ने पहले अपने बालो का जूडा बनाया फिर अपने कुर्ते पे से अपने कन्धों पे से चुन्नी पे लगी दोनों पिने हटाई फिर अपनी चुन्नी उतार के रखी फिरप्रीति ने अपना कुरता उतारा अब प्रीति मेरे सामने अपनी ब्रा में आगयी थीप्रीति ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगाप्रीति की ब्रा और उसके स्ट्रैप्स पूरी तरह से टेड़े मेढे और मुड़े हुए थेप्रीति की ब्रा की ऐसी हालत देख के मुझे बस का पूरा सीन याद आ गया की मैंने किस तरह से प्रीति के कुर्ते में हाथ डाल के प्रीति के बोबो को मसला था ये मुड़ी हुई ब्रा उसी की गवाही दे रही थी फिरप्रीति ने अपनी सलवार उतारी अब मेरी प्रीति मेरे सामने ब्रा पेंटी में खड़ी थी प्रीति ने नेवी ब्लू कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था अब प्रीति अपने दोनों हाथ पीछे लेके गयी और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और अपनी ब्रा भी उतार दी प्रीति के गोरे गोरे मुलायम मुलायम बोबे नंगे होगये थे कितनी सेक्सी लग रही थी मेरी प्रीति आधी नंगी अपनी पेंटी में मेरे सामने खड़ी हुई प्रीति के मोटे मोटे बोबे जिन पे बहुत छोटे छोटे ब्राउन कलर के निप्पल थे मेरे सामने थे मैंने देखा की प्रीति के बोबे थोड़े लाल हो गए थे शायद मैंने बहुत ही ज्यादा मसल दिए थे फिर प्रीति अपनी पेंटी उतारने लगी अब मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलने वाला था की क्या प्रीति गरम थी ?

प्रीति ने अपनी पेंटी उतारी और उसे उलटी करके देखने लगी मुझे समझ में आगया था की प्रीति अपनी पेंटी पे लगे अपनी चूत के डिस्चार्ज को देख रही है प्रीति की चूत बिलकुल चिकनी थी और प्रीति की पेंटी में इतना डिस्चार्ज था की वो उनकी पूरी चूत पे लग गया था। प्रीति की चूत गीली होने के कारण चमक भी रही थी अब मुझे समझ में आ गया था की प्रीति भी गरम थी बस में मैं जो भी कर रहा था उसमे उन्हें भी मजा आ रहा था। मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलते ही बहुत अच्छा सा लगने लगा प्रीति ने अपनी ब्रा तो अपने सूट के नीचे डाल दी लेकिन पेंटी को उसी समय धोने लगी। प्रीति ने अपनी पेंटी धोके रखी फिर नहाने लगी प्रीति ने धीरे धीरे नहाना चालू किया और मैंने धीरे धीरे वापस अपना लंड हिलाना चालू किया फिर प्रीति ने मग्गे मैं पानी भरा और 2 - 3 बाद अपनी चूत के अंदर मारा और हाथ डाल के भी अपनी चूत को अंदर से साफ़ किया मैं प्रीति को ऐसे ही नहाते हुए देखता रहा और अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी ही देर में मेरा मुट निकल गया । मैंने अपना लंड अंदर किया और वापस छेद में से प्रीति को नहाते हुए देखने लगा।
जैसे ही प्रीति बाथरूम से निकली मैं बाथरूम में घुस गया। मैंने बाथरूम का दरवाज़ा बंद किया और अपने कपड़े खोलने शुरू किए। मुझे जोरो की पेशाब लगी थी। पेशाब करने के बाद मैं अपने लंड से खेलने लगा।
एकाएक मेरी नज़र बाथरूम के किनारे प्रीति के उतरे हुए कपड़ों पर पड़ी। वहाँ पर प्रीति अपनी नाइटगाऊन उतार कर छोड़ गई थी। जैसे ही मैंने प्रीति का नाइटगाऊन उठाया तो देखा कि नाइटगाऊन के नीचे प्रीति की ब्रा पड़ी थी।
जैसे ही मैंने प्रीति की काले रंग की ब्रा उठाई तो मेरा लंड अपने आप खड़ा होने लगा। मैंने प्रीति का नाइटगाऊन उठाया तो उसमें सेप्रीति के नीले रंग का पैंटी भी नीचे गिर गई। मैंने पैंटी भी उठा ली। अब मेरे एक हाथ मेंप्रीति की पैंटी थी और दूसरे हाथ में प्रीति की ब्रा थी।
ओह भगवान ! प्रीति के अन्दर वाले कपड़े चूमने से ही कितना मज़ा आ रहा है यह वही ब्रा है जिसमें कुछ देर पहले प्रीति की चूचियाँ जकड़ी हुई और यह वही पैंटी हैं जो कुछ देर पहले तक प्रीति की चूत से लिपटी थी। यह सोच सोच करके मैं हैरान हो रहा था और अंदर ही अंदर गरमा रहा था। मैं सोच नहीं पा रहा था कि मैं प्रीति की ब्रा और पैंटी को लेकर क्या करूँ।
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rajababu
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Re: चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी

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kahani jari rahegi
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Kamini
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Re: चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी

Post by Kamini »

mast update


😠
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rajaarkey
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Re: चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी

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बहुत ही उम्दा. बहुत ही उत्तेजना से भरपूर है... शानदार
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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