Incest परिवार की लाड़ली complete

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Rakeshsingh1999
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Incest परिवार की लाड़ली complete

Post by Rakeshsingh1999 »

यह सेक्सी स्टोरी है एक मध्यमवर्गीय खुश परिवार की…

रमेश (26 साल) और सुरेश (24 साल) दो भाई है. दोनों जॉब करते थे और दोनों के दफ्तर पास पास थे, इसलिए दोनों भाई रोज़ एक ही कार से ऑफिस जाते थे. रमेश रोज़ सुरेश को उसके दफ्तर के बाहर पिक एंड ड्राप कर लेता था.दोनों भाई की एक बहन है जिसका नाम काजल है।काजल बेहद खूबसूरत है साउथ एक्ट्रेस काजल अग्रवाल की तरह दिखती है।रमेश की शादी हो चुकी है उसकी पत्नी का नाम मयुरी है।वह भी बेहद खूबसूरत है।

मोहन लाल. मोहन लाल इन तीनों बच्चों का पिता है। उसकी उम्र लगभग 49 साल है. मोहन लाल की पत्नी यानि की इन बच्चों की माँ का देहांत हुए लगभग 7 साल हो चुके थे.

एक दिन शाम को दोनों भाई घर वापिस आये तो दोनों ही काम से थके हुए थे. घर का दरवाज़ा खुला था, दोनों अन्दर आये और हॉल में लगे सोफे पर गिर गए. अन्दर से मयूरी (24 साल) आई जो कि बड़े भाई रमेश की पत्नी थी और दोनों को देख कर मुस्कुराते हुए बोली- आ गए दोनों?
छोटा भाई सुरेश बोला- हाँ भाभी!
मयूरी- तुम दोनों काफी थके हुए लग रहे हो?
सुरेश- हाँ भाभी, आज का दिन काफी हेक्टिक रहा.
मयूरी- ओह.. अच्छा, मैं तो मंदिर जा रही हूँ, तो मुझे वापिस आने में 30 से 45 मिनट लग जाएंगे. मैं काजल को बोल देती हूँ, वो तुम्हें पानी वानी पिलाएगी.

मयूरी ने काजल को आवाज़ लगाई और दोनों को पानी देने को बोल कर चली गई. मयूरी बहुत ही खूबसूरत औरत थी. अभी रमेश और मयूरी की शादी को एक साल ही हुआ था. वो देखने में किसी हीरोइन से कम नहीं लगती थी. गोरी, लम्बी, पतली कमर, बड़ी-बड़ी चूचियां, प्यारी सा चेहरा और जानलेवा मुस्कराहट.

काजल (21 साल) रमेश और सुरेश की छोटी बहन थी. काजल किसी भी मामले में मयूरी से कम नहीं थी, वो भी बिल्कुल ही परी जैसी लगती थी. पतली, लम्बी, 36 के साइज की चूचियां और लगभग 36 की ही गांड. जब वो गांड मटका के चलती थी तो लोगों के होश हवा हो जाते थे. अभी शादी नहीं हुई थी और कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था. बेचारी किस्मत की मारी अभी तक वर्जिन थी और अपनी जवानी के भार से मरी जा रही थी.
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Re: परिवार की लाड़ली

Post by Rakeshsingh1999 »

काजल अपने कमरे से बाहर आई और अपने भाइयों के लिए ग्लास में पानी ले आई.

तीनों भाई बहन के बीच में बहुत प्यार और लगाव था, आपस में बहुत खुले हुए थे और खुलकर बातचीत करते थे.

पानी पीने के बाद रमेश और सुरेश फिर से सोफे पर आराम करने लगे. हॉल में टीवी चल रहा था और किसी म्यूजिक चैनल पर बॉलीवुड के गाने बज रहे थे.

तभी रमेश ने काजल से कहा- काजल, मेरा हेड (माथा) मसाज कर देगी? थोड़ा रिलैक्स हो जाएगा?
काजल- जरूर भैया…

रमेश और सुरेश दोनों ही अपना सर सोफे के पीछे की तरफ सहारा लेकर आराम कर रहे थे. काजल रमेश को सोफे के पीछे की तरफ से हेड मसाज देने लगी. रमेश को रिलैक्स लगने लगा और धीरे धीरे उसकी आँखें बंद होने लगीं. थकान के कारण वो वही सो गया.

फिर सुरेश ने कहा- यार काजल, मेरा भी थोड़ा हेड मसाज कर दे.
तो काजल रमेश को छोड़कर सुरेश को हेड मसाज देने लग गई.
फिर पता नहीं उसको क्या सूझा, उसने पूछा- भैया, मैं आपको आगे से आकर आपका हेड मसाज कर दूँ?
सुरेश- हाँ, कोई दिक्कत नहीं, जैसे तुझे कम्फर्टेबल लगे.

फिर काजल, सुरेश के ऊपर चढ़ गई, उसके पेट पर बैठ कर उसको हेड मसाज देने लग गई. उसके इस पोजीशन में बैठने की वजह से, सुरेश को काजल के गोल गोल चूचे नज़र आने लगे, जो उसकी आँखों के एकदम सामने पहाड़ की तरह खड़े थे.

काजल ने काले रंग का टॉप पहना हुआ था और उसकी 36c साइज की चूचियां एकदम से उभर कर सुरेश को ललचा रही थीं. इन सब चीज़ों की वजह से धीरे धीरे सुरेश का लंड खड़ा होने लगा.
कुछ देर बाद काजल को सुरेश का लंड खड़ा होने की वजह से चुभने लगा और उसको सुरेश के खड़े लंड का एहसास होने लगा. वो समझ गई कि सुरेश भैया को मेरे चूचे अच्छे लग रहे हैं.

वैसे अब से पहले काजल के मन में सुरेश को लेकर कोई भी ऐसे-वैसे ख्याल नहीं थे, पर पता नहीं क्यों उसको शरारत सूझी, उसने अपने आपको ऐसे एडजस्ट किया कि अब वो सुरेश के लंड पर सीधा बैठ गई और थोड़ा और हिल-हिल के सुरेश को मसाज़ देने लगी, जिससे उसका लंड और उफान मारने लगा. वो थोड़ा और झुक गई, जिससे सुरेश को उसके चूचे और ज्यादा सामने से नज़र आने लगे.
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Re: परिवार की लाड़ली

Post by Rakeshsingh1999 »

अब दोनों भाई बहनों के मन में कुछ और ही ख्याल आने लगा था, दोनों को ही अभी तक सेक्स नसीब नहीं हुआ था और शायद यही बात दोनों को बेकाबू किये जा रहे थी. दोनों जवान थे और सेक्स के लिए प्यासे थे.
काजल ने सुरेश से मुस्कुराते हुए पूछा- भैया?
सुरेश- हाँ…
काजल ने अपने मम्मों को लगभग सुरेश के सीने से टच करते हुए कहा- मसाज़ में मजा आ रहा है कि नहीं?
सुरेश- हाँ.. इतना मजा तो पहले कभी नहीं आया.
काजल- हेड मसाज में.. कि कुछ और में?
सुरेश- काजल, मैं पागल हो रहा हूँ तुझे देख के.. तू बड़ी सेक्सी लग रही है.
काजल- वैसे अभी तो बहुत कुछ है मेरे पास दिखाने को.

सुरेश ने रमेश की तरफ देखा, वो गहरी नींद में सो रहा था. वो बोला- तो क्यों तड़पा रही हो काजल, दिखा दे ना अब?
काजल मुस्कुराते हुए- पक्का?
अब दोनों की साँसें तेज हो रही थीं, धड़कनें बढ़ गई थीं और एक दूसरे को लेकर ख्याल बदल चुके थे.
सुरेश- प्लीज काजल, दिखा दे ना यार!

काजल ने अपने ब्लैक टॉप के ऊपर के 3 बटन खोल दिए और सुरेश को अब काजल के क्लीवेज के साथ साथ उसकी रेड कलर की ब्रा भी नज़र आने लगी. काजल की चूचियां बाहर आने को बेताब थीं. इधर सुरेश का लंड भी उफान मार रहा था.
काजल- भैया?
सुरेश- हाँ बहना?
काजल- ये जो नीचे खड़ा है, क्या मैं उसको देख सकती हूँ प्लीज?
सुरेश- हाँ, पर धीरे-धीरे खोलना और आवाज़ नहीं आनी चाहिए. भाई यही सो रहा है.
काजल- थैंक्स भाई.

और काजल सुरेश के ऊपर से उतर गई. उसने सुरेश की पैंट का हुक और ज़िप खोल दिया, पैंट को थोड़ा सा नीचे किया और उसके अंडरवियर के ऊपर से ही उसके लंड को पकड़ लिया.
सुरेश- ससससीईई… काआआ…ज…ल…

अब काजल ने उसका अंडरवियर भी नीचे खिसका दिया और सुरेश का टनटनाता हुआ लंड बाहर आ गया. काजल ने वास्तव में लंड पहली बार देखा था. एक्साइटमेंट के मारे सुरेश का लंड झटके मार रहा था. काजल ने झट से अपने दोनों हाथों से उसको पकड़ लिया और उसके साथ खेलने लगी.

काजल वैसे तो वर्जिन थी, पर जवान थी. उसने पोर्न मूवीज देख रखा था और उसको पता था कि इसके आगे क्या करना होता है. थोड़ी देर में काजल ने सुरेश के लंड को मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. इधर सुरेश का हाल बुरा हुआ जा रहा था. वो तो जैसे जन्नत की सैर कर रहा था. पहली बार उसका लंड किसी लडकी के मुँह में गया था और वो भी उसकी सगी बहन के मुँह में.

उसका रोम रोम रोमांचित हो उठा था. और उसने जोर जोर से सिसकारियां लेना शुरू कर दिया. दोनों भाई बहन के वासना भरे प्यार मोहब्बत में करीब 20 मिनट कैसे निकल गए, पता ही नहीं चला. इधर तेज़ सिसकारियों की आवाज़ की वजह से रमेश की नींद खुल गई. दिन भर के गहरी थकान की वजह से उसने बिना कोई हरकत किये अपनी आँखें हल्की सी खोलीं और सामने का नज़ारा देखा तो सन्न रह गया.
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Re: परिवार की लाड़ली

Post by Rakeshsingh1999 »

उसके अपने दोनों छोटे भाई बहन आपस में प्यार करने में लगे हुए थे, पर ये प्यार भाई बहन के प्यार की तरह बिल्कुल नहीं था. इस समय उसको ये सब बहुत ही अनुचित लग रहा था और ऐसा दृश्य देख के एकदम से रमेश को बहुत गुस्सा आया, पर वो इतने गुस्से की वजह से कुछ कह नहीं पाया.

पर तभी उसकी नज़र काजल की चूचियों पर गई, जो बड़ी थीं, गोल-गोल थीं और ब्रा के अन्दर अभी भी कैद थीं, पर बाहर आने को मचल रही थीं. काजल कमाल की रंडी लग रही थी. वो सुरेश का लंड चूसते हुए बहुत ही कामुक लग रही थी. थोड़ी देर तक इस नज़ारे को देखने के बाद रमेश का गुस्सा हवस में बदल गया. अब वो काजल को अपनी बहन से ज्यादा एक बहुत ही कामुक लड़की की नज़र से देख रहा था, जो अभी उसके छोटे भाई का लंड चूस रही थी.

उसका मन करने लगा था कि वो उठे और काजल को अपनी बाँहों में भर ले. उसके होंठों का रस चूस ले और उसकी गोल गोल चूचियों को पकड़ कर मसल दे. उसको चोद चोद कर उसकी चूत के चिथड़े चिथड़े कर दे. पर वो एकदम से ऐसा नहीं कर पाया.
वो जानता था कि अगर उसके दोनों भाई बहन को, जो इस समय वासना में लिप्त थे.. अगर रमेश के जाग जाने का एहसास भी हुआ तो वो डर जाएंगे. पर पता नहीं क्यूँ, अब वो उन दोनों को डराना नहीं चाहता था, विशेष रूप से काजल को. काजल के लिए उसके मन में अजीब सा प्यार पनप रहा था.

थोड़ी देर सोचने के बाद उसने धीरे से बोला- काजल…
रमेश की आवाज़ सुनते ही सुरेश और काजल भौंचक्के से रह गए. दोनों काफी डर गए. अब इनको काटो तो खून नहीं था. काजल ऊपर से आधी नंगी सी थी, उसकी दोनों चूचियां ब्रा के अन्दर से साफ़ नज़र आ रही थी और वो अपने ही भाई का लंड चूसते हुए पकड़ी गई थी.

इधर सुरेश का भी बुरा हाल था. उसकी पैंट आधी खुली हुई थी, लंड उसकी अपनी सगी बहन के मुँह में था. डर के मारे उसका लंड छोटा सा हो गया.

रमेश बिल्कुल यही उम्मीद कर रहा था. उसने माहौल को सामान्य करने के ख्याल से धीरे से फिर बोला- काजल..
काजल- ह.. हाँ भैया..
रमेश- काजल, घबराओ मत. लेकिन एक बताओ.. सिर्फ अपने छोटे भाई को ही अपना प्यार देगी. बड़े भाई ख्याल नहीं करेगी क्या? जरा मेरा भी लंड चूस दे मेरी प्यार बहना..
और ऐसा कहते हुए रमेश ने भी अपना पैंट ऊपर से आधा खोल दिया, उसका फनफनाता हुआ लंड बाहर निकल गया.
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Re: परिवार की लाड़ली

Post by Rakeshsingh1999 »

ये सब सुरेश और काजल के लिए उम्मीद के बिल्कुल विपरीत था, पर जल्दी ही दोनों संभल गए और मौके की नज़ाकत को समझ गए. और यही वो वक़्त था जब काजल और सुरेश का डर मुस्कराहट में बदल गया.
बचपन में तीनों भाई बहन सबसे छुपा के खूब शरारत किया करते थे और अभी तीनों बिल्कुल वैसे ही महसूस कर रहे थे. जैसे ये उनके बचपन के खेल जैसा कोई सीक्रेट हो.

काजल ने धीरे से रमेश को जवाब दिया- जरूर भैया…
काजल ने नोटिस किया कि रमेश का लंड सुरेश के लंड से थोड़ा छोटा है, पर मोटा ज्यादा है, हालाँकि उन दोनों के लंड की लम्बाई का ये अंतर बहुत ज्यादा नहीं था, बस थोड़ा ही उन्नीस-बीस का था. वो अपने सामने दोनों भाइयों का लंड अपने ही लिए खुला देख कर बहुत ही रोमांचित हो उठी थी. उसको ये बात पागल किये जा रही थी कि आज उसको एक नहीं बल्कि दो दो लंड मिलने वाले हैं और वो भी अपने ही सगे भाइयों का पारिवारिक लंड मिलेंगे. उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था.

काजल उठी और रमेश की तरफ बढ़ी. उसने रमेश के लंड पर एक नज़र मारी और उसको बड़े प्यार से अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया. थोड़ा सा रमेश के लंड के साथ खेलने के बाद उसने अपने रसीले खूसूरत होंठ उसपे लगा दिए और उसको चूसना शुरू कर दिया.

अब जन्नत की सैर करने की बारी रमेश की थी. वो अपनी छोटी बहन जो हुस्न की परी थी, के मुँह में अपने लंड के होने से स्वर्ग का आनन्द ले रहा था. वैसे मयूरी से वो अपने लंड रोज़ ही चुसवाता था, पर अपनी ही छोटी बहन के मुँह से लंड चुसवाने की ख़ुशी का एक अलग मजा ही था.
वो धीरे धीरे सिसकारियां लेने लगा और काजल का सर पकड़ कर अपने लंड पर दबाने लगा. काजल को इससे कभी कभी अकबकाहट महसूस हो रही थी क्योंकि रमेश अपना लंड उसके गले तक डाल देता था, पर वो इस समय कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार थी.

इधर सुरेश ये सारा दृश्य बड़े प्यार और गौर से देख रहा था. अब तक उसका डर सामान्य हो चुका था, वो उठा और अपने बड़े भाई से बोला- भैया?
रमेश कामुक सिसकारियां भरते हुए बोला- ह.. हाँ भाई…
सुरेश- मैं काजल की चूत देख सकता हूँ प्लीज? मैंने आज तक किसी लड़की की चूत नहीं देखी.
रमेश- बिल्कुल… मैंने कब मना किया. तू चाहे तो इसकी चूत चाट भी सकता है. इसको भी मजा आएगा और तुझे भी. काजल, क्या तुमने कभी इसके पहले सेक्स किया है या किसी से चूत को चटवाया है?
काजल- नहीं भैया.
रमेश- मतलब तू अभी तक वर्जिन है? तेरी चूत की सील नहीं खुली अभी तक?
काजल- नहीं भैया. आप लोगों ने कभी किसी लड़के के नज़दीक जाने ही कहां दिया? मैं अपनी इस जवानी को जैसे तैसे झेल रही हूँ. कभी अपनी उंगली से कभी कलम से. एक बार गाजर से कोशिश किया था तो चूत छिल गई थी.. फिर नहीं किया.

रमेश- ओ मेरी बहना, तू चिंता ना कर. तेरी चूत की सील मैं ही तोडूंगा. हम दोनों भाई मिलके तुझे बहुत चोदेंगे. इतना चोदेंगे कि तेरी अभी तक की चुदाई की सारी ख्वाहिश पूरी हो जाएगी. सुरेश, तूने भी कभी चुदाई नहीं की है ना?
सुरेश- कहाँ भैया. अभी तक हाथ से ही काम चला रहा था.
रमेश ने हँसते हुए कहा- और पहला हाथ मारा भी तो अपने घर में ही? अपनी ही सगी बहन पर?
सुरेश रमेश के इस ताने से झेंप सा गया और हकलाने लग गया.

सुरेश- भैया वो… वो… वो…
रमेश- कोई नहीं मेरे भाई. ऐसा होता है कभी कभी. अब क्यों डर रहा है, अब तो मैं तेरे साथ हूँ. हम दोनों साथ में ही बहन की चुदाई किया करेंगे और हमेशा चुदाई किया करेंगे.
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