तन्हा जिंदगी

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rajsharma
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तन्हा जिंदगी

Post by rajsharma »

तन्हा जिंदगी


तन्हा जीया हूँ.. कई सालों से…

आँशु बहे है…. इन आँखो से…

गम से दोस्ती हो गई है ,इस कदर ....

हस -हस कर गले लगाता हूँ , अपने सीने से। .....



तन्हा जीया हूँ ..कई सालों से .. …

भूल गया हूँ हसना कई सालों से ...

अब मोहब्बत में भी नजर आता है ,धोखा ....

किस पर भरोसा करे कौन सच्चा है ….कौन झूठा .....





तन्हा जीया हूँ… कई सालों से ..

नफरत हो गई है.. इस ज़माने से.. ..

आँखे बंद करने पर वो सकून कहाँ मिलता…..

जो कफन ओढ़ कर इस बेदर्द दुनियाँ को छोड़ कर जाने से …..



लेखक - गुड्डू सिंह कुंदन |
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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naik
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Re: तन्हा जिंदगी

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nice line
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