Incest आग्याकारी माँ

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SUNITASBS
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Re: आग्याकारी माँ

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NICE UPDATES
😪
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SATISH
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Re: आग्याकारी माँ

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अपडेट 4

शिप्रा चाय का कप लेकर सतीश के रूम की तरफ अपनी गांड मटकाते हुए चल देती है...
जबकि दूसरी तरफ सतीश सोनाली के जाते ही फ्रेश होने चल देता है... और जल्दी से फ्रेश होने के बाद बाथ लेने लगता है... सारे टाइम सतीश के दिमाग में कल रात वाले सीन किसी मूवी की तरह चल रहे थे, अब सतीश की सोच अपनी माँ को लेकर बदल गई थी और इस बात की गवाही उसका खड़ा लंड दे रहा था... बाथ लेते समय सतीश के दिमाग में एक ख़याल आता है और वो अपने आप से.....
सतीश- यार एक बात समझ नहीं आई, डोर तो खुला था फिर माँ ने ये क्यों कहा की डोर खुला नाहि, वैसे तो वो रोज मुझे उठाने आती थी....
ह.दी.- अबे साले वो तेरा पोपट बना गई, झुट बोल रही थी ओ... जरूर वो चाय लेकर अंदर आई होगी तू घोड़े बेच के सो रहा होगा और उन्होंने तेरा खड़ा लंड देख लिया होगा तो उन्होंने बाहर जाकर गेट नॉक करा होगा...
सतीश- आओ भाई तेरी कमी ही रह गई थी साले हमेशा लंड से ही सोचता है,.. हो सकता है की वाकई में उनसे डोर न खुला हो...

ह.दी.- साले लोडू हो गया है क्या आज से पहले ऐसा हुआ है कभी की वो तुझे उठाने आई हो और डोर न खुला हो तूने तो डोर खोला ही था कितनी आसानी से खुल गया था, कोई तुझ जैसा चूतिया नंदन ही उनकी बात का यकीन करेगा की गेट न खुला हो...
सतीश- पर...
ह.दी.- “पर...वर छोड़ और अब माँ की चुदाई का प्लान बना... अब तो उन्होंने भी लंड देख लिया है... और तू तो जनता ही है की अपने लंड को देख कर तो हर कोई इसे अपनी चुत में लेना चाहता है...

सतीश- तू सच कह रहा है भाई... अब जब वो मेरा लंड देख ही चुकी हैं तो ज्यादा दिनों तक इसे लिए बिना नहीं रह सकती.... अब जलद ही मेरा लंड उनकी चुत की गहराई नापेगा...
ओर इसी के साथ वो अपनी माँ को ख्यालो में ही तरह तरह से चोदते हुए अपना पानी निकाल देता है...

दूसरी तरफ शिप्रा, सतीश के रूम में आती है, सतीश को रूम में न पाकर वो समझ जाती है की सतीश वाशरूम में है, शिप्रा चाय का कप बेड के पास रखी टेबल पर रख देती है, तभी उसकी नजर बेडशीट पर पड़े दाग पर पड़ती है, वैसे निशान कई जगह थे... शिप्रा उन्हें ध्यान से देखति है और फिर उसके चेहरे पर एक अर्थपुर्ण मुस्कान आ जाती है, तभी सतीश का मोबाइल रिंग करता है, शिप्रा मोबाइल उठाती है तो उसे स्क्रीन पर एक मेसेज फ़्लैश होते दिखाइ देता है, जो किसी प्रियंका नाम की लड़की का था... शिप्रा मोबाइल को टेबल पर रख देती है तभी उसके दिमाग में न जाने आता है वो मोबाइल उठकर मेसेज ओपन करती है...

मेसेज- “गुड़ मॉर्निंग जानु आई मिस यु टू”.

मेसेज पढ़कर शिप्रा के फेस पे एक शरारती मुस्कान आ जाती है, और वो इन्बॉक्स में चलि जाती है और मेसेज पड़ने के लिये, पर तभी बाथरूम के गेट खुलने की आवाज सुनकर वो मोबाइल रख देती है...

तभी बाथरूम से सतीश बाहर आता है...उसने इस समय केवल एक टॉवल पहनी हुई थी...उसकी चौडी छाती एक दम चिकनी थी जिस पर पानी की बुँदे साफ़ दिखाइ दे रही थी... सतीश रूम में शिप्रा को देख कर चौक जाता है...

शिप्रा- गुड़ मॉर्निंग सतीश भइया...

सतीश- वेरी गुड़ मॉर्निंग टू यु वैसे तू मेरे रूम में क्या कर रही है....

शिप्रा- मुझे तेरे रूम में आने का कोई शौक नहीं है... वो तो मुझे माँ ने कहा था तुझे चाय देके आने को तो मे आई थी... वैसे बॉडी अच्छी बनाई है तुमने...

सतीश-आई नो बट थँक्स फ़ॉर दी कॉम्प्लिमेंट...

शिप्रा- मुझे पता है तुझे इंग्लिश आती है इस्लिये ज्यादा अंग्रेज बनने की जरुरत नहीं है... और हा बॉडी अच्छी है इसका ये मतलब नहीं है की तू घर में नंग धड़ंग अपनी बॉडी दीखाता फिरेगा...
सतीश- “मे कब नंग धड़ंग घुमता हु....

शिप्रा- “तो इस समय तू क्यों नंगा घूम रहा है...

सतीश- आरे वह तो मैंतो..
ह.दी- अबे लवडू, ये भी तेरा पोपट बना रही है, ये तेरा रूम है तू यहाँ जैसा चाहे घूम सकता है....

शिप्रा- रुक क्यों गया बोल-बोल...

सतीश को ह.दी. की बात समझ मे आ गई थी...
सतीश- “ओये शिप्रा की बच्ची ये मेरा रूम है मे यहाँ जैसे चाहे वैसे घूम सकता हु....

शिप्रा मुह बनाते हुये- हाँ तो घूम ना मैं तुझे कौन सा रोक रही हु... और हाँ चाय पिले वरना फिर कोल्ड टी बन जाएगी....

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SATISH
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Re: आग्याकारी माँ

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अपडेट 5


सतीश जल्दी से कप उठा कर चाय पिने लगता है...
शिप्रा- वैसे एक बात बता ये तेरी बेड शीट पर दाग कैसे पड़े हे....?
सतीश को एकदम फन्दा लग जाता है...
सतीश- आरे ए.. ये तो ओ.. चाय के दाग है, कल चाय इस पर गिर गई थी...
शिप्रा- “तो इसे धुलने को दे दियो... ऐसे गन्दी ये अच्छी नहीं लगती...
सतीश- “दे दूंगा धुलने को अब ये पकड़ कप और मेरा पीछा छोड़ मेरी माँ, मुझे तैयार भी होना है...
शिप्रा कप लेकर चल देती है... और ड़ोर के पास पहुच कर- अरे हाँ छछुन्दर, किसी प्रियंका नाम की बन्दरिया का मेसेज था कह रही थी- गुड़ मॉर्निंग जानु एंड मिस यु टू... ह..ह..ह

सतीश- तूने मेरा सेल छुवा, मे तुझे नही छोडूंगा ...

ओर सतीश शिप्रा के पीछे भगता है, और शिप्रा हस्ते हुए निचे की तरफ भाग जाती है...

सतीश- रुक भगति कहा है छिपकली कही की...

शिप्रा पीछे मुड़कर उसे जीभ दिखाते हुये-“चल... हट छछूंदर कही का....

ओर इसी के साथ शिप्रा भाग कर किचन मे सोनाली के पास पहुच जाती है... और सतीश भी अपने रूम मे पहुच जाता है और तैयार होकर निचे आ जाता है...

निचे डायनिंग टेबल पर शिप्रा बैठि हुई थि, सतीश उसे घुरता हुआ उसके सामने की चेयर पर बैठ जाता है...

शिप्रा अभी भी मुस्कुरा रही थी.. तभी उसके दिमाग मे ना जाने क्या खुराफ़ात सूझती है...

शिप्रा सतीश को चिड़ाते हुये- गुड़ मॉर्निंग जाणु... और हॅसने लगती है...

सतीश- देख शिप्रा मान जा वरना आज तू पिट जायेगी मेरे हाथ से...

शिप्रा- “और मारेगा कौन छछुंदर तू मारेगा मुझे...

सतीश- “आज तू तो गई, आज नहीं छोडूंगा तुझी... आज देखता हूँ तुझे कौन बचायेगा मेरे से...

ओर इसी के साथ वो शिप्रा की तरफ भागता है, और शिप्रा उठकर किचन की तरफ भागति है... और किचन मे सोनाली के पीछे जाकर खड़ी हो जाती है...

शिप्रा- “माँ देखो भाई मुझे मार रहा है...

सोनाली- “सतीश क्यों मार रहा है शिप्रा को...

सतीश- “माँ अब तक तो नहीं मारा पर अब जरूर मारूंगा....

सोनाली- कब सुधरोगे तुम दोनों अब तुम बड़े हो गए हो, अब तो ये शैतानियाँ बंद करो.. सतीश जाओ डायनिंग टेबल पर, मे अभी नास्ता ला रही हु...

सतीश शिप्रा की तरफ देखता है तो वो जीभ दिखा रही थि, जैसे कह रही हो की तू मेरा कुछ नहीं बिगाड सकता... सतीश ग़ुस्से में दिंनिंग टेबल की तरफ बढ़ जाता है...

सतीश के जाते ही शिप्रा सोनाली के गले में हाथ डालकर उसे किस करते हुये- “थैंक यु माँ एंड लव यु टू, यु आर दी बेस्ट माँ ऑफ़ दी वर्ल्ड़...

सोनाली- “ज्यादा मस्का मारने की जरुरत नहीं है, और उसे ज्यादा मत छेड़ा कर वरना फिर मे तुझे रोज नहीं बचा पाउँगी...

ओर फिर वो दोनों नाश्ता लेकर आ जाते हैं और फिर डायनिंग टेबल पर लगा देते हे...

सतीश और शिप्रा नास्ता करने लगते हैं और सोनाली एक कुरसी पर बैठ कर कॉफ़ी पीने लगती है...

शिप्रा- “माँ आप नाश्ता नहीं करोगी...?

सोनाली- “नहीं बेटा वो कल रात देर से सोइ थी इस्लिये आँख जरा लेट खुली तो आज मैं नहा नहीं पाई....

सतीश जानता था की उसकी माँ रात को क्यों लेट सोइ थि, और उसकी आँखों में फिर से रात वाले सीन चलने लगते हे... और उसका लंड जीन्स के अंदर ही अपना सर उठाने लगता है....

अब सतीश सोनाली को तिरछी नजर से देखता है तो उसे अपनी माँ दुनिया की सबसे हसीन औरत लगती है... वो उसके खूबसूरत चेहरे को देखते हुए जब थोड़ा निचे देखता है तो बस देखता ही रह जाता है... येलो कलर के डीप कट ब्लाउज से उसका क्लीवेज साफ़ दिखाइ दे रहा थे... उसकी चूचियां ब्लाउज में बहुत कसी हुई थि, ऐसा लग रहा था की अभी ब्लाउज को फाड़ कर बाहर आ जाएंगी...

सतीश बहुत मुस्किल से अपने को रोकता है और नाश्ता ख़तम करके शिप्रा के साथ कॉलेज के लिए अपनी बाइक से निकल जाता है, पुरे रस्ते उसका लंड उसे परेशान करता रहा... कॉलेज पहुच ते ही शिप्रा उतर कर अपने क्लास की तरफ बढ़ जाती है, और सतीश पार्किंग( बाइक स्टैंड ) की तरफ बढ़ जाता है, पर आज वो बहुत बेचैन था उसे चुत चाहिए थी.... इसलिए वो अपने जेब से मोबाइल निकाल कर एक नम्बर. डायल करता है...

दूसरी तरफ से कॉल रिसीव होते ही- कहाँ है...
दूसरी तरफ से फीमेल की आवाज आती है- “घर पर हूँ क्यों क्या हुआ”?
सतीश - हाँ सुन आज कॉलेज कैंसिल कर दे, मे आ रहा हुन ५ मीनट. में..
ओर इतना कहकर वो कॉल डिसकनेक्ट कर देता है और अपनी बाइक कॉलेज से बाहर निकाल कर तेजी से चल देता है.....
ओर बाइक सीधे एक घर के आगे जाकर रूकती है... सतीश बाइक को लॉक करके तुरंत आगे बढ़ कर डोर बेल्ल बजाता है, उसकी जीन्स में एक उभार बना हुआ था, जिससे अन्दाजा लगाया जा सकता था की उसका लंड अभी भी खड़ा है...

तभी डोर खुलता है और सामने खड़े शख्स को देख कर उसका मुह खुला का खुला रह जाता है....

कहानी जारी रहेगी
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