Incest आग्याकारी माँ
- naik
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Re: आग्याकारी माँ
सतीश भाई अपडेट का इंतिजार है
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Re: आग्याकारी माँ
अगले अपडेट का इंतजार रहेगा
- SATISH
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Re: आग्याकारी माँ
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आग्याकारी माँ(running)
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मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें(running)
पिशाच की वापसी(running])
स्वाहा (complet)
लंगडा प्रेत(coming soon)
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मराठी चावट कथा-सतीश(running)
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मराठी चावट कथा-सतीश(running)
- SATISH
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- Joined: 17 Jun 2018 16:09
Re: आग्याकारी माँ
श्वेता की बगलों की खुशबू सतीश को पागल कर रही थीं. सतीश उसे चाटना चाहता था. लेकिन बहन के आग्रह के आगे मजबूर होके सतीश ने अपनी इच्छा का त्याग कर दिया. उस ने श्वेता की आंखों की पट्टी हटाई और उसके हाथ खोल दिए. श्वेता निढाल सी गिर पड़ी. सतीश ने उसको अपनी बांहों में सम्भाला. उसे वापस से खड़ा किया. श्वेता एक गुलाम की तरह खड़ी थी. सतीश ने उसके हाथों को ऊपर कर के आपस में रस्सी से बांध दिया. इस बार बंधन थोड़ा ढीला था. सतीश ने टेबल पे रखे कुछ सामान लिए.
फिर सतीश ने कमर में हाथ डाला और चलने लगा. श्वेता वैसे हीं हाथ ऊपर किये चल रही थी.
दोनो हॉल में सीढ़ियों की तरफ बढ़ रहे थे. यह सीढ़ियां ऊपर जाती थीं. सतीश ने उसे सीढ़ी के हैण्ड-रेल के सहारे झुका दिया. सतीश उसके नंगी पीठ पे किस करता हुआ, उसके कानों के पास गया.
सतीश उसके कानों में बोला- “एक आखरी खेल”
सतीश ने श्वेता की वही पैंटी को लिया, जो उसके जूस से भीगी हुई थी. सतीश श्वेता की टांगों के बीच में आ गया. सतीश ने देखा श्वेता की चुत का रस टपक कर श्वेता की जांघों से बह रहा था. शायद श्वेता दूसरी बार झड़ चुकी थी. सतीश ने श्वेता की चुत को उसी पैंटी से साफ किया और श्वेता की चुत में एक वाइब्रेटर, जो सतीश ने श्वेता की नजरों से छुपा के आज ही ख़रीदा था, ठूंस दिया. उसे बिल्कुल भी दर्द नहीं हुआ. होता भी कैसे, श्वेता सतीश का मोटा लंड पिछले चार पांच दिनों से ले रही थी. श्वेता काफी फिट थी और नशे में उसको बस यही सूझ रहा था कि उस की जल्दी से चुदाई हो.
सतीश ने उसे उठाया, सीधी खड़ा किया और बोला- “तुम चुदाई चाहती हो ना”?
श्वेता बड़े उत्साह में सर हिला कर कहने लगी- “हां … हां”!
सतीश- “तो आज चुदाई हम मम्मी पापा के कमरे में करेंगे, तुम्हें बस कमरे में सीढ़ी चढ़ के जाना है”.
उसने एक अच्छी स्लट की तरह हां में सर हिलाया. सतीश ने उसे कंधे पे किस किया और पैंटी उसके मुँह में ठूंस दी.
सतीश ने पूछा- “क्या तुम तैयार हो”?
उसने हां में सर हिलाया- “ओके”.
इसके बाद श्वेता लड़खड़ाती हुई सीढ़ियां चढ़ने लगी. उसके हाथ ऊपर हवा में थे. श्वेता बलखाते हुए सीढ़ियां चढ़ रही थी. सतीश श्वेता की गांड को देख रहा था. क्या कामुक दृश्य होता है जब लड़की की गांड को पीछे से ऐसे देखा जाता है.
श्वेता तीन सीढ़ियां चढ़ी थी कि सतीश ने रिमोट से बाईब्रेटर ऑन कर दिया. श्वेता रुकी और उसने गुस्से से पीछे मुड़ के सतीश को देखा. सतीश ने स्पीड 2 पे कर दी.
उसके बदन में एक झटका सा लगा. उसके घुटने मुड़ने लगे. श्वेता कांपते हुए आगे की तरफ झुकी और ऊपर की सीढ़ियों के सहारे सम्भली. सतीश ने उसे पीछे से प्रोत्साहित किया.
सतीश-“कम ऑन दीदी, यू कैन डू इट.”
सतीश का प्रोत्साहन बढ़ाना काम कर गया. श्वेता धीरे से लड़खड़ाते हुए खड़ी हुई. उसने एक पैर आगे बढ़ाया और एक सीढ़ी चढ़ गयी. उसने किसी तरह हिम्मत की … और दो और सीढ़ियां उसने इसी हालत में चढ़ीं. सतीश ने स्पीड 3 पे कर दी. अब उसका सम्भल पाना और मुश्किल हुआ. श्वेता कुछ बोल तो नहीं पा रही थी. पर श्वेता तेजी से सिसकारियां लेना चाहती थी. किसी तरह उसने रेलिंग पकड़ के 2 सीढ़ियां और पार की. अब सतीश ने स्पीड 4 पे कर दी, श्वेता एकदम से निढाल सी हो के गिरी और रेलिंग पकड़ के श्वेता किसी तरह सम्भली.
श्वेता रेलिंग के सहारे बैठने लगी. सतीश झट से उसके पास पहुंचा. सतीश ने उसे सम्भाला. श्वेता रेलिंग के सहारे झुकी थी. श्वेता ना में सर हिला रही थी कि उससे नहीं होगा. सतीश ने वाइब्रेटर ऑफ किया और श्वेता की पैंटी मुँह से बाहर निकाली.
श्वेता - “भाई मुझ से नहीं होगा. तू चाहे तो मुझे यहीं चोद दे”.
सतीश ने वाइब्रेटर श्वेता की चुत से निकाला और उसके मुँह में दे दिया. श्वेता चाटने लगी.
सतीश- “ओके इस बार सिर्फ़ एक पे”.
श्वेता कुछ नहीं बोली.
सतीश ने वापस श्वेता की चुत में वाइब्रेटर और पैंटी को उसके मुँह में ठूंस दिया.
सतीश ने वाइब्रेटर एक पे चालू किया. श्वेता धीरे धीरे किसी तरह सीढ़ी की रेलिंग पकड़े सीढ़ियां चढ़ने लगी.
फिर सतीश ने कमर में हाथ डाला और चलने लगा. श्वेता वैसे हीं हाथ ऊपर किये चल रही थी.
दोनो हॉल में सीढ़ियों की तरफ बढ़ रहे थे. यह सीढ़ियां ऊपर जाती थीं. सतीश ने उसे सीढ़ी के हैण्ड-रेल के सहारे झुका दिया. सतीश उसके नंगी पीठ पे किस करता हुआ, उसके कानों के पास गया.
सतीश उसके कानों में बोला- “एक आखरी खेल”
सतीश ने श्वेता की वही पैंटी को लिया, जो उसके जूस से भीगी हुई थी. सतीश श्वेता की टांगों के बीच में आ गया. सतीश ने देखा श्वेता की चुत का रस टपक कर श्वेता की जांघों से बह रहा था. शायद श्वेता दूसरी बार झड़ चुकी थी. सतीश ने श्वेता की चुत को उसी पैंटी से साफ किया और श्वेता की चुत में एक वाइब्रेटर, जो सतीश ने श्वेता की नजरों से छुपा के आज ही ख़रीदा था, ठूंस दिया. उसे बिल्कुल भी दर्द नहीं हुआ. होता भी कैसे, श्वेता सतीश का मोटा लंड पिछले चार पांच दिनों से ले रही थी. श्वेता काफी फिट थी और नशे में उसको बस यही सूझ रहा था कि उस की जल्दी से चुदाई हो.
सतीश ने उसे उठाया, सीधी खड़ा किया और बोला- “तुम चुदाई चाहती हो ना”?
श्वेता बड़े उत्साह में सर हिला कर कहने लगी- “हां … हां”!
सतीश- “तो आज चुदाई हम मम्मी पापा के कमरे में करेंगे, तुम्हें बस कमरे में सीढ़ी चढ़ के जाना है”.
उसने एक अच्छी स्लट की तरह हां में सर हिलाया. सतीश ने उसे कंधे पे किस किया और पैंटी उसके मुँह में ठूंस दी.
सतीश ने पूछा- “क्या तुम तैयार हो”?
उसने हां में सर हिलाया- “ओके”.
इसके बाद श्वेता लड़खड़ाती हुई सीढ़ियां चढ़ने लगी. उसके हाथ ऊपर हवा में थे. श्वेता बलखाते हुए सीढ़ियां चढ़ रही थी. सतीश श्वेता की गांड को देख रहा था. क्या कामुक दृश्य होता है जब लड़की की गांड को पीछे से ऐसे देखा जाता है.
श्वेता तीन सीढ़ियां चढ़ी थी कि सतीश ने रिमोट से बाईब्रेटर ऑन कर दिया. श्वेता रुकी और उसने गुस्से से पीछे मुड़ के सतीश को देखा. सतीश ने स्पीड 2 पे कर दी.
उसके बदन में एक झटका सा लगा. उसके घुटने मुड़ने लगे. श्वेता कांपते हुए आगे की तरफ झुकी और ऊपर की सीढ़ियों के सहारे सम्भली. सतीश ने उसे पीछे से प्रोत्साहित किया.
सतीश-“कम ऑन दीदी, यू कैन डू इट.”
सतीश का प्रोत्साहन बढ़ाना काम कर गया. श्वेता धीरे से लड़खड़ाते हुए खड़ी हुई. उसने एक पैर आगे बढ़ाया और एक सीढ़ी चढ़ गयी. उसने किसी तरह हिम्मत की … और दो और सीढ़ियां उसने इसी हालत में चढ़ीं. सतीश ने स्पीड 3 पे कर दी. अब उसका सम्भल पाना और मुश्किल हुआ. श्वेता कुछ बोल तो नहीं पा रही थी. पर श्वेता तेजी से सिसकारियां लेना चाहती थी. किसी तरह उसने रेलिंग पकड़ के 2 सीढ़ियां और पार की. अब सतीश ने स्पीड 4 पे कर दी, श्वेता एकदम से निढाल सी हो के गिरी और रेलिंग पकड़ के श्वेता किसी तरह सम्भली.
श्वेता रेलिंग के सहारे बैठने लगी. सतीश झट से उसके पास पहुंचा. सतीश ने उसे सम्भाला. श्वेता रेलिंग के सहारे झुकी थी. श्वेता ना में सर हिला रही थी कि उससे नहीं होगा. सतीश ने वाइब्रेटर ऑफ किया और श्वेता की पैंटी मुँह से बाहर निकाली.
श्वेता - “भाई मुझ से नहीं होगा. तू चाहे तो मुझे यहीं चोद दे”.
सतीश ने वाइब्रेटर श्वेता की चुत से निकाला और उसके मुँह में दे दिया. श्वेता चाटने लगी.
सतीश- “ओके इस बार सिर्फ़ एक पे”.
श्वेता कुछ नहीं बोली.
सतीश ने वापस श्वेता की चुत में वाइब्रेटर और पैंटी को उसके मुँह में ठूंस दिया.
सतीश ने वाइब्रेटर एक पे चालू किया. श्वेता धीरे धीरे किसी तरह सीढ़ी की रेलिंग पकड़े सीढ़ियां चढ़ने लगी.
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