Adultery मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

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SATISH
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Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by SATISH »

नैना ने बताया कि आज कमरा न. 4 की बारी है, वो उन लड़कियों को ले कर आ गई लेकिन उन दोनों ने अपनी मज़बूरी ज़ाहिर कर दी और मना कर दिया.मैंने नैना के कान में कहा- आज तुम कमरा न. 5 और 6 वालियों को बुला लो!
जब वो लड़कियों को लेकर वापस आई तो उनमें सुशी और हेमा थी और वो दोनों भी थी जो मेरे साथ ड्रेसिंग रूम में भी थी. वो सब मुझको देख कर बड़ी खुश हुई और मुझ को घेर कर अपने कमरे में ले गई.साथ में नैना भी थी.
ड्रेसिंग रूम वाली लड़कियों के नाम डॉली और जॉली था.हेमा और मेरा साथ तो चिपको डांस से ही था तो हम एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे और सुशी ड्रेसिंग रूम में ही थी जब मैंने हेमा को वहाँ देखा था.डॉली और जॉली अलबत्ता मेरे लिए नई थी हालाँकि इन दोनों को मैं पूरा नग्न देख चुका था ड्रेसिंग रूम में.
कमरे में घुसते ही हेमा ने मुझको पकड़ लिया और एक जफ्फी मुझको डाल दी और मेरे होटों को चूमने लगी.उसको छोड़ कर मैंने सुशी को पकड़ लिया और उसके कान में धीरे से कह दिया- लंड को हाथ लगा कर देख लो, कैसा है यह? तुम्हारा काम कर सकेगा कि नहीं?
सुशी थोड़ी शरमाई और बोली- वक्त आने पर उसको भी देख लेंगे. वैसे हेमा कह रही थी कि आपके उसने उसको तीन बार हे-मा हे-मा कहने पर मजबूर कर दिया था.मैं हंस कर बोला- हाँ, वो कुछ इसी तरह बोल रही थी जब मेरा बम्बू लगा बैठा था 3 बार उसमें अपना तम्बू.
सुशी और दूसरी लड़कियाँ अब नैना की तरफ देख रही थी और नैना ने फैसला किया कि पहले डॉली की बारी है और उसके बाद जॉली का नंबर लगेगा लेकिन लड़कियाँ अपने कपड़े उतार कर एक दूसरी के साथ आनन्द ले सकती हैं.
अब उनमें कपड़े उतारने की होड़ लग गई और सबसे पहले नंबर पर आई डॉली और वो भाग कर मेरे से आकर चिपक गई, मुझको चिपको डांस करने के लिए मजबूर कर दिया और फिर उसने मेरे कपड़े भी उतार दिए और मैंने बारी बारी से सबके साथ चिपको डांस किया.
मधु और रूबी मैडम ने इस डांस के स्टेप्स ऐसे बनाये थे कि कोई भी जोड़ा इस डांस को करते हुए एकदम से बहुत ज़्यादा कामातुर हो जाएगा.चिपको डांस करते हुए मेरा लौड़ा हमेशा या तो उनके चूतड़ों के अंदर गांड से चिपका हुआ रहता था या फिर अगर सामने से यह डांस किया जाता था तो लौड़ा सीधे लड़की की चूत द्वार पर दस्तक देता था.
कम से कम दो लड़कियाँ यह चिपको डांस आगे से करते हुए ही झड़ गई थी क्योंकि मेरा लंड डांस करते हुए उनकी चूत में भग को रगड़ता था जिससे उनमें कामातुरता बहुत अधिक बढ़ जाती थी और वो सब कई दिनों से लंड की प्यासी थी सो जल्दी ही स्खलित हो जाती थी.
मैंने नैना के इशारे पर डॉली को खड़े खड़े ही चोदने का प्लान बनाया और इस काम के लिए मैंने डॉली को अपने से चिपका कर थोड़ी देर चूमा चाटा लेकिन वो तो अभी ही बहुत चुदवाने के लिए अधीर हो रही थी तो मैंने उसकी एक टांग ऊपर उठा कर और उसकी बाहें अपने गले में डाल कर लंड की एंट्री मार दी और वो उसके अधिक गीलेपन के कारण फटाक से पूरा ही अंदर चला गया और फिर हम धीरे धीरे एक दूसरे को फक करने लगे.
सब लड़कियाँ बड़े ध्यान से हमारे यह नए ढंग की चुदाई देख रही थी और अपनी गर्ल पार्टनर को और भी गर्म कर रही थी.डॉली काफी गर्म हो चुकी थी, वो ज़्यादा धके बर्दाश्त नहीं कर सकी और जल्दी ही मेरे से ज़ोरदार चिपकी मार कर छूट गई.
नैना ने जॉली को तैयार कर रखा था, वो बेड पर थोड़ा झुक कर खड़ी थी और मैंने अपने डॉली की चूत के पानी से भीगे लंड को छपाक से जॉली की चूत में डाल दिया और वो खुद ही आगे पीछे होकर मुझको ही चोदने लगी और मैं सिर्फ उसके मुम्मों के चूचुकों से खेलता रहा और उसके मुलायम चूतड़ों को हाथ लगा कर खूब आनन्द लेता रहा.
क्यूंकि ये फ़िल्मी कलियाँ थी तो इन्होंने अपने शरीर को मेहनत से संभाल के रखा था और शरीर की सुंदरता को अच्छी तरह से कायम रखा था.जॉली की चुदाई के वक्त उसकी शारीरिक सुंदरता अति लुभावनी थी और दिल चाह रहा था कि उसके शरीर के हर अंग को चूमता और चाटता रहूँ.बहुत अधिक कामुक हुई जॉली जल्दी ही हाय हाय चिल्लाती हुई स्खलित हो गई.

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SATISH
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Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by SATISH »

अब नंबर था सुशी का जिसको नैना ने अभी से बेड पर बिठा रखा था.मैं जैसे ही जॉली से फारिग हुआ तो नैना ने मुझको भी बेड पर बिठा दिया और सुशी को अपनी टांगें फैला कर मेरे दोनों तरफ रख कर लंड के ऊपर बिठा दिया.अब सुशी का चुनाव था कि वो कैसे चुदना चाहेगी तेज़ या फिर धीरे धीरे.और चुदाई की सारी मेहनत अब सुशी के ऊपर थी.
उसने पहले कुछ धीरे धीरे चोदना शुरू किया और फिर धीरे से चुदाई की स्पीड तेज़ करने लगी.मैंने सुशी के चूतड़ों के नीचे अपने दोनों हाथ रखे हुए थे ताकि उसकी चूत मेरे लौड़े के निशाने पर रहे और उसकी दोनों बाहें मेरे गले में थी.कभी हम डीप किस भी कर लेते थे और कभी मैं उसके गोल और मोटे मुम्मों को चूस भी लेता था.चुदाई के इस पोज़ में भी सारी मेहनत लड़की या फिर औरत को करने पड़ती थी और आदमी सिर्फ अपने लौड़े को खड़ा रखने की कसरत करता था.
थोड़ी देर में सुशी मेरे गले में बाहें डाले हुए अपनी चूत को आगे पीछे करते हुए एक झूले का आनन्द लेने लगी. अब मैंने सुशी की गांड में हाथ की ऊँगली डाल दी और सुशी और भी जोश से मुझ को चोदने लगी.थोड़ी देर तीव्र चुदाई के बाद सुशी मेरे गले से चिपक गई और अपनी चूत को मेरे लौड़े से जोड़ कर कंपकंपाती हुई झड़ गई.
नैना ने सुशी को वहाँ से उठाया और उसकी जगह हेमा को ले आई और मुझको लेटने को कह कर उसने हेमा को मेरे ऊपर से मुझको चोदने के लिए कहा.हेमा तो मेरे से पहले ही चुद चुकी थी, उसको चोदने का मेरे मन में कोई विशेष आकर्षण नहीं था, फिर भी उसको भी चोदना मेरी ड्यूटी थी और सच कहूँ तो हेमा चुदाई की मास्टर थी, इतना अधिक चुदाई की शौक़ीन थी कि कोई भी मौका इस काम का नहीं छोड़ना चाहती थी.
हेमा मेरे ऊपर बैठ कर पहले धीरे धीरे से ऊपर नीचे हो रही थी और मैं उसकी काली डोडियों से खेल रहा था लेकिन उसकी चूत इतनी रसीली हो चुकी थी कि उसकी चूत का पानी टपक कर मेरे पेट पर जमा हो रहा था.
सबसे बेखबर आँखें बंद किये हेमा मुझको चोदने में मगन थी.उसके गोल और मोटे मम्मे बार बार ऊपर नीचे हो रहे थे और उसकी बालों से भरी चूत मेरे हरियाले लंड को बार बार पूरा निगल जाती थी और फिर उसका थोड़ा सा रस चूस कर वापस ऊपर हो जाती थी.
मैंने उसकी उभरी हुई चूत में हाथ डाला तो वो अत्यंत गीली हो चुकी थी लेकिन मैंने उसके मोटे भग को छूना और मसलना शुरू कर दिया और अब हेमा की चुदाई स्पीड एकदम से तेज़ होने लगी और मैं उसके उछलते स्तनों को एक हाथ से पकड़ कर मसलने लगा.
अचानक सबने देखा कि हेमा का मुंह थोड़ा सा खुला और एक ज़ोरदार हुंकार उसके मुंह से निकल गई और वो स्खलित होते हुए मेरे ऊपर पसर गई.उसकी सिकुड़ती हुई चूत मेरे लंड को दोहने की कोशिश में थी लेकिन मेरी ट्रेनिंग और सेल्फ कंट्रोल के कारण मेरा एक बूँद वीर्य भी नहीं निकला इस सारी चुदाई प्रकरण में!
लेकिन इस चुदाई सेशन और फिर सारा दिन की कामुक डांस प्रक्रिया के कारण मेरे अंडकोष में वीर्य को रोकने के कारण थोड़ा भारीपन आ रहा था और अब उचित समय था कि मैं वीर्य स्खलन कर लेता तो जैसे ही मैं हेमा को चोद कर उठा, सामने नैना आ गई और मैंने उसको पकड़ा और बेड पर लिटा दिया और सिर्फ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चुदाई शुरू कर दी.
ऐसी तेज़ धकम्पेल शुरू की मेरे बेलगाम घोड़े ने कि नैना की एकदम रसीली चूत भी उसको नहीं रोक सकी.गहरे धक्के, ज़ोरदार धक्के मारते हुए मैंने नैना को चोदना शुरू कर दिया.इतनी देर से चुदाई के माहौल में रहते हुए नैना भी अपनी कामुकता के शिखर पर पहुँच चुकी थी, वो जल्दी ही अपने चूतड़ों को उठा उठा कर मेरे लौड़े का स्वागत कर रही थी.
आँखों ही आँखों से वो मेरा धन्यवाद कर रही थी कि मैंने देखा डांस वाली सारी लड़कियाँ गुरु और चेले की लंड और चूत की लड़ाई बड़े ध्यान से देख रही थी.नैना मेरी हालत से पूरी तरह से वाकिफ थी और वो चाहती थी कि मेरा वीर्य जल्दी छूट जाए लेकिन मैं भी इस कोशिश में था कि हम दोनों साथ साथ छूटें.
फिर नैना का शरीर एकदम अकड़ा और उसका पानी भी छूटने लगा और तभी नैना की चूत ने एक ट्रिक खेली और मैं भी अपने वीर्य के बाँध को रोक नहीं सका और मेरा भी फव्वारा ज़ोर से छूटा और मैं नैना के गुदाज़ शरीर पर लुढ़क गया.नैना ने मेरे सर को सहलाया और हम दोनों उठ बैठे.और यह देख कर सब लड़कियाँ हैरान थी कि मेरा लंड अभी भी पूरी तरह से खड़ा था और हवा में लहलहा रहा था.

कहानी जारी रहेगी.

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007
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Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by 007 »

Bahut hi sandaar lajawaab update bhai.......superb action.........!
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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-- 007

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rajsharma
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Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by rajsharma »

बहुत ही शानदार अपडेट है दोस्त

😠 😱 😘

😡 😡 😡 😡 😡 😡
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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`·.¸.·´ -- raj sharma
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naik
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Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by naik »

(^^^-1$i7) (#%j&((7) (^@@^-1rs7)
fantastic update brother keep posting
waiting for the next update 😪
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