Adultery मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

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Bbilatar
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Re: Adultery मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by Bbilatar »

Awesome Update brother......
keep writing....
keep posting.....
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rajsharma
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Re: Adultery मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by rajsharma »

बहुत ही शानदार अपडेट है दोस्त


😡 😡 😡 😡 😡 😡
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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SATISH
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Re: Adultery मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by SATISH »

एंग्लो इंडियन डायना का चूत चोदन


सबने जाते हुए अपने टेलीफोन नंबर एक दूसरे को बता दिए और यह वायदा भी किया कि फिर ज़रूर मिलेंगे.मैंने नैना को बोला- तुम रिक्शा करके घर पहुँचो, मैं डायना को अपनी बाइक पर लेकर घर आता हूँ.मैं जब अपनी कोठी पहुंचा तो शाम का झुटपुटा हो चला था और पारो हमारे लिए कोक की बोतलें खोल कर ले आई.
थोड़ी देर में नैना भी आ गई और कुछ देर आपस में औपचारिक बातें करने के बाद डायना बोली- काफी बड़ी कोठी है आपुकी सतीश जी, और बाहर काफी बड़ा लॉन भी है, बहुत ही सुंदर और मन मनमोहक फूल भी लगा रखे हैं आपने… वाह! बड़े सुन्दर दिख रहे हैं. क्या मैं आपका लॉन देख सकती हूँ?मैंने कहा- हाँ हाँ, क्यों नहीं, चलो मैं भी चलता हूँ आपके साथ!
हम निकल ही रहे थे कि नैना ने डायना से पूछ ही लिया- मैडम, क्या आप हमारे यहाँ खाना खाना पसंद करेंगी?मैं भी बोला- हाँ खाना खाकर जाना तुम, वैसे तुम कहाँ रहती हो?डायना बोली- मैं यहाँ पास में ही एक लड़कियों का हॉस्टल है, वहीं रहती हूँ… वैसे आप खाने का तकुल्फ ना करें, मैं हॉस्टल में खा लूंगी.मैं बोला- तकुल्फ कैसा डायना, यू आर वेलकम!

मैं और डायना कोठी के लॉन में चले गए और वहाँ की ठंडी हवा का लुत्फ़ उठाने लगे.घूमते हुए मैंने डायना को कोठी का सारा लॉन घुमा दिया और सुन्दर फूलों की क्यारियाँ देख कर वो बड़ी ही खुश हुई.हमारे लॉन में कई ऐसे झुरमट और घने पेड़ लगे हुए थे जहाँ अगर अँधेरे में कोई छिप जाए तो पता ही नहीं चलता था कि वहाँ कोई छुपा हुआ है.
अब अँधेरा काफी घना हो गया था, मैंने मौका देख कर डायना को एक पेड़ के पीछे पकड़ कर अपनी बाहों में बाँध लिया और साथ ही उसके गुलाबी होटों पर एक मस्त किस जड़ दी.डायना ने भी मेरी चुम्मी का भरपूर जवाब दिया और अपने लबों को मेरे लबों से चिपकाए रखा.
डायना ने एक बहुत ही पतली सी स्कर्ट पहन रखी थी जो उसके घुटनो तक ही पहुँच रही थी और पतला सा लाल ब्लाउज ही पहन रखा था जो उसके गोरे शरीर पर बहुत ही सुन्दर लग रहा था.चुम्बन करते हुए मैं एक हाथ से उसके नितम्बों को सहला रहा था और ऐसा करते हुए मुझको उसकी पैंटी महसूस हो रही थी.डायना का भी एक हाथ मेरे खड़े लौड़े पर टिका हुआ था.
चुम्बन का खेल कुछ देर चला फिर मैंने कहा- डायना, क्या तुम यहाँ सेक्स करना पसंद करोगी या फिर कोठी के अंदर चलें?डायना ने एक बहुत ही कामुक चुम्बन देते हुए कहा- वैसे मैंने कभी भी खुले में सेक्स नहीं किया है लेकिन अगर तुम को विश्वास है कि हमको कोई देख नहीं पायेगा तो यहाँ ही करने में बड़ा ही आनन्द आएगा. उफ्फ मम्मी… खुले आम सेक्स करना में कितना मज़ा आएगा यारो!
मैं डायना से आलिंगनबद्ध हुए ही उसको लॉन के पूरे अँधेरे कोने में ले गया और उसकी स्कर्ट को ऊंची करके उसकी पैंटी को नीचे कर दिया और कुछ क्षण अपने लंड को उसके चूतड़ों के बीच में छुपी चूत के मुंह पर रगड़ता रहा.फिर उसको एक घने पेड़ के साथ खड़ा करके मैंने उसकी तरल हो रही चूत में लंड को पेल दिया.
लंड की मोटाई और लम्बाई से वो थोड़ी देर के लिए चिहुंक गई लेकिन मैंने उसकी गांड को अच्छी तरह से अपने हाथों में पकड़ रखा था और फिर धीरे धीरे से चुदाई की लय को बनाते हुए मैंने डायना की चुदाई शुरू कर दी.अब मेरा एक हाथ डायना के गोल और मोटे मुम्मों पर फिसल रहा था और उसकी ब्रा के अंदर से झाँक रहे मुम्मों के चूचुक मसल रहा था.
हल्के धक्कों से शुरू करके मैंने चुदाई की स्पीड धीरे से बढ़ानी शुरू कर दी और डायना ने भी अपने चूतड़ों को हिला हिला कर मेरा साथ बड़ी कामुकता से देना शुरू कर दिया.हम दोनों चुदाई में एकदम से इतने तल्लीन थे कि जान ही नहीं सके कि कब नैना आकर हमारे पीछे खड़ी हुई हमारी चुदाई का आनन्द ले रही थी.
जब मुझको महसूस हुआ कि कोई हमारे पीछे खड़ा है और हमारी चुदाई का मज़ा ले रहा है तब तक डायना का छूटने का कार्यक्रम शुरू हो गया था और वो आखरी धक्के के बाद आहिस्ता से काँपने लगी और अपने मुम्मों को अपने हाथों से भींचने लगी.उसकी आँखें मुंदी हुई थी और उसकी चूत में खुलने और बंद होने की हलचल शुरू हो चुकी थी.
फिर वो एकदम से मुड़ी और उसने मुझको अपनी कोमल बाहों के घेरे में लेकर एक शुकराना जफ्फी मारी.जब वो जफ्फी मार रही थी, तभी उसकी नज़र मेरे पीछे खड़ी नैना पर पड़ी और वो एकदम से चौंक पड़ी और अपने कपड़े संभालने लगी लेकिन मैंने उसके हाथ को रोक दिया और कहा- डरो मत डायना डार्लिंग, यह तो अपनी नैना है.
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