Adultery मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

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josef
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Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by josef »

सतीश भाई कहाँ हो तबीयत तो ठीक है
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naik
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Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by naik »

update pleas brother
cool_moon
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Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by cool_moon »

बहुत ही बढ़िया अपडेट..
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SATISH
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Joined: 17 Jun 2018 16:09

Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

Post by SATISH »


फ़िल्मी डांसरों के साथ चूत चुदाई की मस्ती


जब फाइनल टेक हुआ तो वो इतना अच्छा और सेक्सी था कि मधु मैडम और रूबी मैडम ने मुझको एक बहुत ही हॉट जफ्फी मारी और जल्दी से लंड पर भी हाथ लगा दिया.शूटिंग के बाद हम सब कॉटेज पहुँच गये और वहाँ गर्म गर्म पकोड़े और गर्म जलेबी तैयार थी तो सब शाम की चाय के साथ इन सब चीज़ों का आनन्द उठाने लगे.
कपड़े बदलने के लिए मैं ड्रेसिंग रूम में गया और वहाँ 4 लड़कियाँ कपड़े बदल रही थी. मैं वापस बाहर आने के लिए मुड़ा तो उनमें से एक लड़की ने मुझको हाथ से पकड़ लिया और बोली- क्या बात है सतीश जी? हमारे सामने कपड़े नहीं बदल सकते क्या?
मैं भी मज़ाक के लहजे में बोला- तुम बदलो अपने कपड़े तो मैं भी बदल लूंगा. बोलो मंज़ूर है?पहले वाली लड़की बोली- हाँ मंज़ूर है! क्यों बहनो? सतीश के सामने कपड़े बदलने के लिए तैयार हो क्या?सबने कुछ सोचने के बाद कहा- हाँ हाँ तैयार हैं!
पहले वाली लड़की बोली- चलो ठीक है सतीश, तो शुरू हो जाओ तुम?मैं बोला- पहले तुम और बाकी लड़कियाँ शुरू हो जाएँ तो मैं भी शुरू कर दूंगा.
पहले वाली लड़की ने अपने कपड़े उतारने शुरू किये और सबसे पहले अपना लहंगा उतार दिया और किल्ली पर टांग दिया और फिर उस ने अपनी पजामी भी उतार दी, अब वो सिर्फ अपनी पैंटी और ब्लाउज में थी.उधर बाकी लड़कियाँ भी इसी क्रम में अपने कपड़े उतारने लगी और जब सब अपने आधे कपड़े उतार चुकी तो मेरी तरफ देखने लगी.

अपनी टाइट धोती को मैंने भी उतार दिया और अपनी ऊपर की बंडी को भी उतार दिया.मैंने सबकी तरफ देखा तो वो सब भी पैंटीज और ऊपर वाले ब्लाउज में ही थी.मैं बोला- आगे बढ़ो और ब्लाउज और ब्रा भी उतारो ना सब?
अब सब लड़कियाँ थोड़ी हिचकने लगी तो मैंने ज़ोर डाल कर कहा- अपना वायदा पूरा करो लड़कियों? जल्दी से ब्लाउज और ब्रा उतारो यारो!सबसे पहले बोलने वाली लड़की ने कहा- हाँ हाँ उतारो ब्लाउज और ब्रा सब… नहीं तो हमारी हार हो जायेगी.और यह कह कर उसने अपने ब्लाउज और ब्रा को उतार कर किल्ली पर टांग दिया.अब वो सिर्फ एक पिंक पैंटी में थी और उसके सुन्दर और आकर्षक मम्मे एकदम सामने अकड़े खड़े थे.
वो चारो तरफ घूम कर अपनी सुंदरता का प्रदर्शन कर रही थी और अब उसकी देखा देखी बाकी लड़कियाँ भी ऊपर से नंगी हो गई थी और सिर्फ विभिन्न रंगों की पैंटीज में थी.सुन्दर और सडौल शरीर थे उन सबके और उनको अपनी ख़ूबसूरती पर नाज़ भी था.
इधर मेरा लौड़ा भी पूरी तरह से खड़ा था तो मैंने कह दिया- मेरे खड़े लंड के दर्शन करने हों तो मैं अपना अंडरवियर उतार देता हूँ और तुम सब अपनी पैंटीज उतार दो! बोलो मंज़ूर है क्या?सब आपस में खुसर फुसर करने लगी, फिर पहले वाली लड़की बोली- मैं तो तैयार हूँ वो इसलिए कि शायद सतीश द्वारा हमारे को फ़क करने की बारी आज या फिर कल आ जाये तो तब उसको तो दिखाना है ही, तो अब क्यों नहीं?यह कह कर उसने अपनी पैंटी उतार दी और उसकी बालों से भरी चूत सामने आ गई.
बाकी लड़कियों ने भी जल्दी से अपनी पैंटीज़ को उतार दिया और अब मेरे सामने 4 हसीना अल्फ नंगी खड़ी थी.मैं भी धीरे से सब लड़कियों के सामने अंडरवियर में घूम गया और फिर धीरे से अपने अंडरवियर में हाथ डाल दिया और धीरे धीरे उस को उतार दिया और मेरा लंड उछल कर बाहर आ गया.सब लड़कियों ने हैरानी व्यक्त की और कुछ तो दौड़ को लंड को पकड़ने के लिए आगे आ गई.सबने बारी बारी उसको छुआ और कुछ ने चूमना शुरू कर दिया.
मैंने भी सब लड़कियों के मुम्मे और चूतड़ों पर हाथ फेरा और उनको मसला.अब मैंने कहा- चलो हो गया चूत और लंड दर्शन, अब चल कर खाना खाते हैं.सबने जल्दी से कपड़े पहन लिए और बाहर आ गए, सबसे पहले मैं निकला और बाद में सब लड़कियाँ भी बाहर आ गई.
आज मीट कोरमा और चावल बने थे, सबको बहुत ही अच्छा लगा और फिर सबको कुल्फ़ी भी खिलाई गई.खाने के बाद रूबी और मधु मैडम कार में बैठ कर हवेली चली गई.

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