Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति

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jay
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Re: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति

Post by jay »

मैंने जब घर की डोरबेल बजाई तो दरवाजा झुमरी ने खोला। लगता है साली की चूत और गाण्ड अब ठीक है, फिर बंजाना पड़ेंगा। पर यहां सभी हर कोई कभी भी अपनी गाण्ड मरा ही लेती हैं। ऐसे नहीं की में चूत के लिए भूखा बैठा हैं, सब चूत लेकर मेरी भूख मिटाएं लेकिन ये सब।

झुमरी मन में- "कमीना कैसे अभी भी घर रहा है, मेरी चूत और गाण्ड फाड़कर। पर अब क्या फायदा अब तो पूरी फट चुकी है..."

झुमरी थोड़ी शर्माकर- "क्या हुआ, क्या सोचने लगे छोटे बाबू? अंदर नहीं आना क्या?"

मैं- लगता है तेरी चूत फिर से मेरा लण्ड माँग रही है, साली तभी इतना उछल रही है।

झुमरी मेरे मुँह से ये सुनकर चकित हो गई थी। क्योंकी जिस अवी को वो जानती थी, वो बड़ा शर्मिला था। चाहे उससे सेक्स भी कर लिया हो, पर फिर भी वो इतना बेशर्म नहीं हो सकता था। पर अब वो जान गई की अब मैं बहुत बदल चुका हूँ।

झुमरी शर्माकर- "अरे अंदर तो आओं मैं तो बस अंदर आने का बोल रही हैं."

मैं भी फिर कुछ ना बोलकर अंदर आ जाता हैं। फिर रूम में जाकर सो जाता हैं। क्योंकी शायद मेरी हवस की जो गमी थी उसे मैंने बहुत निकाली है। इसलिए अब मुझे सेक्स के बाद थकान होती है पर वो ना के बराबर ही थी।

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ऐसे ही दिन खत्म होता जा रहा था। रात होने को थी। झुमरी और मोम डिनर तैयार कर रहे थे, तो मैं टीवी देखने लगा। अब मुझे ये टीवी जो सीरियल यानी चूतियापा होता था, पसंद नहीं आता था, ना ही मबी। क्योंकी उसमें विलेन को हीरा से मारना बताते थे, जो मुझे पसंद नहीं था। ऐसे में मुझे टाइम पास के लिए एक ही विकल्प था, वो था न्यूज तो मैं यही देखने लगा।

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तभी मुझे अपनी एक और रंडी यानी रेणुका काल आया।

मैं- हेलो।

रेणु- हेलो।

में- हाँ बोल मेरी रडी, क्या चूत में खुजली फिर शुरू हो गई क्या?

रेणु. पहले ये बताओ तुम कहा हो?

मैं- क्यों, बात क्या है?


ण- तुम थोड़ा चौकन्ना रहना।

में- क्यों ?

रेणु- तुम्हारे डैड तेरे लिए कुछ बुरा प्लान कर रहे हैं।

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में उसकी बात सुनकर कुछ कहता की तभी न्यूज में जो बता रहे थे उसे देखने लगता हूँ।
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jay
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Re: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति

Post by jay »

न्यूज- "आज की सबसे बड़ी न्यूज। शहर में हो रहे मर्डर केस को साल्व कर रही सी.बी.आई. को कुछ ऐसी जानकारी मिली है। जिससे पूरा शहर ही नहीं बल्की परे देश को झटका लगा है। इस मर्डर केस में मारा गया एम.एल.ए. काला का बड़ा बेटा अजीत भी था। पर साथ में उनका छोटा भाई, यानी एम. एल. ए. काला का दूसरा बेटा जो छोटा भी था, उसकी मौत भी किसी आक्सिडेंट में नहीं बल की इसी किलर के हाथों हुई है और इसे हमारे एम.एल.ए. साहब सभी से छपा रहे थे। क्योंकी इस केस में सी.बी.आई. इन्वेस्टिगेशन करें तो उन्हें ये बात पता ना चले की उनके संबंध इस स्टेंट के सबसे बड़े डान र2 से है। आप सभी तो जानते ही होंगे र2 क्या है? वो पूरे देश को अपने कंट्रोल में करना चाहता है, वो सभी को अपना गुलाम समझता है, जिससे वो जो चाहे कर सकें, बस उसकी हकूमत रहे.."

में जब र2 के बारे में गुलाम और हकूमत जैसे शब्द सुना, उसके काम को स्ना की वो क्या करता है? ये सब सुनकर मुझे इसका नशा चढ़ने लगा, जैसे चूत के लिए हवस का नशा होता है। फिर मेरा दिमाग र? की जगह जाने के बारे में सोचने और प्लान करने लगा। ये सब भी मुझं वैसे ही अच्छा लग रहा था जैसे अपनी हवस के लिए जिम। वैसे ही सभी को अपने नीचे गुलाम बनाकर रखना में सब मुझे चाहिए। बस सब छीनना है अब र?


में उसकी जगह लेकर उसे मौत देकर अपनी हकूमत करना था। और ऐसे ही मैं आँखें खोले खोले ही एक सपने में चला गया।

सपना- "जैसे एक बहुत बड़ी जगह हो। यहां एक बड़ी अजीब और थोड़ी इरावनी जैसे एक बड़ी चेयर या फिर ऐसे कोई बड़ा सिंहासन था, जिसके ऊपर मैं मस्ती से अजीब कपड़ों में बैठा और अलग-अलग तरह से दिखने वाली लड़कियों के जिम में खेल और सेक्स कर रहा था। और नीचे भी अजीब-अजीब से लोग अपने अजीब कपड़ों और बड़े और खतरनाक हथियारों के साथ सिर झकाए मेरे आगे खड़े थे, और उनसे थोड़ी दूर ऐसे ही कुछ लोग कुछ कैदी जैसे लोगों को मार रहे थे, और खौफनक हँसी हँस रहे थे हाहाहाहा.."

और मैं ये सब एंजाय कर रहा था। वो जगह अजीब थी, पर एक खास बात की सब बिखरा हुआ था जैसे यहां कोई जंग हुई हो। पर डेड बाडी नहीं थी काई भी। पर सब मुझे मस्त लग रहा था। बीच-बीच में मैं भी उनके जैसी खौफनक हँसी हँस रहा था पर वो उनसे कही ज्यादा खौफनक थी हाहीहीहीही।

फिर वो सपना जाने लगा और मुझे टीवी की आवाज आने लगी जो सपने की वजह से नहीं आ रही थी, और रेणु का काल तो मेरे ना बोलने पर कब का ही कट गया था। मैं इन सबके बारे में सोच रहा था, राज2 के बारे मे नहीं। जैसे वो बात कुछ इंपार्टेट हो ही नहीं। और
मेरा हातानी दिमाग कुछ अलग और खतरनाक सोचने लगा जो मुझे खुशी दे रहा था। जैसे वो मुझे मेरा मकसद दे रही हो। पर इन सब में एक चीज ये भी धी की जो मेरे अंदर इंसानी अंश था वो मुझे इन सबके लिए रोक रहा था। और मुझे इन सबमें क्या?"

ऐसे ही सोचते हुए डिनर का टाइम हो जाता है। मेरी अपनी सोच की वजह से अपने घर की चूतों पे अभी नजर नहीं गई थी, क्योंकी अभी कुछ खतरनाक सोच रहा था। फिर डिनर करने के बाद अपने रूम में चला गया और बेड पे बैठकर सोचने लगा, पता नहीं कितनी देर में सोच रहा था की तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया तो मैंने आने का सिग्नल दे दिया। तो दरवाजा खुला और चदा एक बुक लेकर अंदर आई।
उसे ऐसे देख कर अब मेरे लण्ड में हवस जाग गई। में फिर लण्ड से सोचने लगा की साली इसकी चूत अभी तक बची हुई है। आज तो इसकी फाड़कर ही रहूंगा।
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jay
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Re: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति

Post by jay »

में आओ मेरे पास बेड पे बैठ, क्या हुआ?

चंदा- वो मेरे इंग्लिश टीचर स्कूल में नहीं हैं तो क्या तुम मुझे इंग्लिश पटा दोगे क्या?

मैं मन में- "अरे... ये तो खुद चुदने आई है। यही सही मौका है, साली को गरम कर के चार देता हैं, इसकी लेने में मजा भी बड़ा आएगा.."

मैं- यह क्यों नहीं आ जा।

फिर वो मेरे पास ही बेड पर बैठ जाती है। मैं उसकी बक लेकर उसे थोड़ा पढ़ाने लगता हैं। क्योंकी मेरी नजर तो उसके जिम में ही थी। वो भी कुछ ध्यान नहीं दे रही थी। उसकी चूचियां मेरी साइड पे छ रही थीं।


मैं उसे थोड़ा पढ़ाने के बाद उसे बुक देकर पटने को बोला, तो वो बुक लकर पटने लगी। मैंने उसकी जांघ पे हाथ रख दिया तो उसने कुछ नहीं बोला। फिर मैं उसकी जांघ में पूरा हाथ घुमाने लगा तो कुछ देर में उसे पढ़ने में परेशानी होने लगी। क्योंकी मेरे हाथ अब उसकी जांघ के आखीर तक जा रहे थे, तो उसकी सामें तेज हो गई थी।

मैंने मन में सोचा- "साला ये तो परे हाट माल है, इसकी लेने में अब और मजा आएगा। वैसे में सोच-सोचकर थक गया था। इसलिए अब मस्ती करने के लिए लण्ड पागल हुए जा रहा था..."

मैं- चंदा यार, तू पूरी जवान हो गई है।

चंदा- हाँ मुझे पता है।

मैं उसकी बात सुनकर उसकी चूत के ऊपर हाथ लाकर घुमाने लगा। अब तो उसकी सांसें और तेज हो गईं। मैं भी समझ गया अब अगर इसे चोदू तो में मना नहीं करेगी, तो मैं उसे किस करने लगा। वो भी साथ देने लगी। इतना फास्ट तो मैं भी नहीं था, जितनी ये हो रही थी। मैं उसकी चूचियां भी दबाने लगा। किस और जंगली हाता गया, जैसे होंठों का खून चूस रहे हों। फिर कुछ 6 मिनट के बाद अलग हए सांस लेने के लिए। मैं तो कुछ देर में ही उसके शार्ट टाप में से उसकी चुचियाँ निकालकर उन्हें जोर-जोर से मसल-मसल के चूसने लगा। चंदा तो जोर-जोर से आहे लेकर चूसबा रही थी, उसे दर्द के साथ मजा भी आ रहा था।

चंदा- "आई आह्ह.. आह्ह ... आराम से चूसो... मैं कहीं भागी नहीं जा रही... आहह आईईई.."

मैं ऐसे ही उसके और अपने कपड़े भी निकल दिया, वो तो खुद इसमें मेरी हेल्प की। साली की गर्मी जो इतनी बघ गई थी की अभी उसे अपने जिम पे कपड़े काटतें लग रहे थे।

अब वो ब्रा और पैंटी में थी और मैं अडरवेर में। मैंने आज वहां से आकर इसे पहना था। मुझे नहीं पता था इतना जल्दी उतारने की आ जाएगी, वरना पहनता ही नहीं। फिर हम एक दूसरे को हवस भरी नजारों से देखें। तभी उसकी नजर मेरे लण्ड में गई, जो पूरा हाई होकर अंडरवेर को भी उठाकर तंबू बनाए हए था और ऐसे में फनी लग रहा था, जिसे देखकर चंदा हँसने लगी और मेरी गाण्ड सुलग गई।

मैं क्या है, क्यों हँस रही है?

चंदा- देख तेरे तंबू को मैंने पहली बार ऐसा देख है, इसलिए हँसी आ रही है।

मैं मन में सोचा- "साली हँस ले जितना हँसना है। जब मैं मेरी चूत और गाण्ड फाइंगा तब देखना कैसे चिल्लाएगी। मुझपे हँसती है बहन की लौड़ी साली कुतिया.."

मैं- "चल अब जल्दी आ, कहीं तेरी मोम ना आ जाएं चुदनें। ...मैंने तो सच बोलते हुए गाली दी। शायद उसे नहीं पता हो, पर वो मादर चाद तो जासूस की बेटी साली, जैसे सब जासूसी करके पता कर चुकी थी। वो सब समझ गई मेरी बात का मतलब क्या था?



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फिर चंदा मेरे पास आई की मैं उसे खींच उसकी चूचियां चूसने और काटने लगा, और अपना हाथ नीचे लेजाकर उसकी चूत पेंटी से रगड़ने लगा। फिर उसकी पैटी साइड करके उसकी पेंटी को मसलने के बाद उसमें उंगली डालकर उससे चोदने लगा।

चंदा- "आ: उईई आह्ह... आह... सीईईई.. सीईई... उईई... उम्म्म... आह्ह.." करने लगी।

फिर मैंने उसकी ब्रा और पैटी निकाल दिया। वहीं बैठकर उसकी टांगें चौड़ी करके उसकी चूत चाटने लगा। साली इससे तो पागल ही हो गई, जैसे इसी का इंतजार कर रही हो।

चंदा- "आह मोम... हाँ और जोर से आह्ह... सस्सीईई... मजा आ रहा है उम्म आह्ह.. चाटा और पूरा चाटो."

में कुछ देर उसकी चूत चाटा फिर उसमें उंगली डालकर चाटने लगा। फिर मैं खड़ा हो गया और अपनी अंडरवेर उतार दिया और उसे लण्ड चूसने के लिए बोला। वो पहले मेरे लण्ड को देखकर चकित हो गई। पर अभी उसमें हवस चढ़ी हुई थी। साली ऐसे चूसने लगी जैसे उसे दुबारा मिलेगा ही नहीं। पर वो सही भी थी, मैंने किसी को भी एक या दो बार ही चोदा था, फिर उसकी तरफ देखा भी नहीं था।

मैं- “आहह... साल्ली क्या मस्त चूसती है त.. अभी तक जिसने भी चूसा है, तु पहली नम्बर पे है आहह... ऐसे ही परा लेकर चूस साली पंडी आह... सीईई.."
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दस मिनट लण्ड चूसने के बाद में उसे उठकर बैंड लेटने का बोला और वो वैसा ही करती है। फिर में उसकी दोनों टाँगों के बीच आकर उसकी दोनों टांगें फैलाकर पकड़ लेता हैं। अपने काले मोटे लंबे लण्ड को उसकी चूत में रखकर एक मस्त धक्का देता हैं। जिससे लण्ड का पूरा सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह का फाइते हर अंदर घुस जाता हैं। चंदा के मुँह से चीख भी निकली, लेकिन परेशानी की कोई बात नहीं थी। क्योंकी र2 ने सभी कम साउंडप्रफ बनाए थे। फिर लण्ड थोड़ा अंदर जाने पर मैं उसकी जांघे पकड़कर एक के बाद एक दो धक्के ऐसे जोर से मारे की लण्ड चंदा की चूत की धज्जियां उड़ाता हुआ पूरा अंदर घुस गया, और उसकी चूत से खून निकलने लगा। वो तो मरे इन धक्कों से चिल्ला भी नहीं पाई थी की उसकी हालत और बुरी हो गई, और इस टाइम लण्ड अपना काम किए जा रहा था।


ऐसे ही लण्ड पूरा पेलने के बाद बिना रुके ठोंकने लगा- दे दनादन। उसकी तो चीखें निकल रही थीं, मरे हर धक्के पै। मैं बिना उसकी परवाह किए चोर्दै जा रहा था, और 10 मिनट में ही चोदने के बाद मैं उसकी एक टौंग उठाकर फिर चादने लगा। अब उसकी आवाज मुझे गाली देने लायक हो गई थी।

चंदा- “आहह... आअहह... साले हवसी, शैतान है त... देख भी नहीं सकता की एक लड़की को कितना दर्द हो रहा होगा इससे? आहह... देखना एक दिन तू भी इतने दर्द में तड़पेगा समझा? आहह... एक औरत के दर्द की आहे हैं... तभी एक औरत से ही आया है ओहह... आहह... धीरे कर कमीने..."

दोस्तों एक चीज बता दं, बी.डी. ने अब तक जिसके साथ भी सेक्स किया है। हर लड़की या औरत ने उसे ऐसे चंदा की तरह बददुआ जरुर दी है।
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मैं- "आह्ह.. साली तेरी चूत फाड़ने में मजा आ रहा है... ले साली और ले... तेरी ये आहे और बद्दुआ अब तक पता नहीं कितनी औरतें दे चुकी हैं हाहाहाहा... मुझे कीसी का डर नहीं.."

चंदा- "अरे.... मैं तो दर्द होने के गुस्से में कह रही थी... त ऐसे ही चोद... आराम्म से चोद चंदा को आह्ह..."

मैं- "चल हट साली रडी.. मेरे लिए सब मेरे लण्ड की प्यास के लिए ... तुमपे कैसा रहम्म यहा?"

फिर मैं खड़ा हुआ और उसे भी खड़ी करके एक टाँग उठाकर चोदने लगा। कभी इस टांग को, कभी उस टांग को। बा भी अब चुदाई से चूत मस्त होने से मस्त होकर चुद रही थी। ऐसे ही मैंने उसे 25 मिनट चोदा जिसमें अब तक पूरी चुदाई में वो 4 बार झड़ चुकी थी।

फिर मैं अब उसकी गाण्ड फाड़ने के लिए उसे बेड पे लेजाकर घोड़ी बनाया। उसने सोचा पोजीशन चेंज करके चोदूंगा। फिर मैंने उसके बाल पकड़ लिए, जिससे लण्ड डालने में भागे नहीं और लण्ड पहले जैसे ही धक्का मारकर पूरा लण्ड पेलकर उसकी गाण्ड फाइने लगा। कुछ देर ऐसे चोदने के बाद मुझे लगा की अब मैं आसन बदल लें तो मैं नीचे आया, और उसे ऊपर करके चादने लगा। वो मेरे ऐसे करने पे उससे भी ज्यादा चिल्लाई और उसकी गाण्ड से खून भी निकला और अब तो गालियां भी सुनाई।

चंदा- "मादर चोद... मेरी गाण्ड में भी डालकर देखा... साले कमाने, कत्ते हरामी बहनचोद आह्ह... मोम के लौड़े.. उसकी चूत में डाल... तेरी मोम फ्री की मिल रही है तो फाड़ देगा क्या?"

मुझे 6-7 मिनट ऐसे चोदने के बाद इसमें इतना मजा नहीं आया तो मैं खड़ा होकर उसे खड़ी करके एक तरफ टेबल के सहारे झुकाकर पीछे से लण्ड डाला, जो उसकी चूत में गया। मुझे क्या था.. अब मुझे भी अपना पानी निकालना था, क्योंकी अब मैं ज्यादा देर नहीं रूक सकता था। फिर वैसे ही चादने लगा और 5 मिनट के बाद लंबे धक्के के साथ उसकी चूत में ही झड़ गया... और वो तो अब तक कितनी बार झड़ी मुझे नहीं पता। पर उसे पूरा निचोड़ दिया था। मैंने उसे पकड़कर कुछ देर झुकाये रहा फिर उसे छोड़कर बेड पर आकर सो गया और वो तो मेरे छोड़ते ही वहीं गिर गई थी। क्योंकी उसमें बिल्कुल ताकत नहीं थी उठने की तो वो वहीं सो गई और मैं बेड में सो गया था।
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