अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार complete

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shaziya
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अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार complete

Post by shaziya »

अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार


लेखक - fariha shah


मुआफ़ करना साहिबान मैने चुदाइ घरबार की को रीपोस्ट कर दिया था हालाँकि मैने काफ़ी चेक किया था फिर भी ये सब हो गया
फ्रेंड्स अब मैं आपके लिए दूसरी कहानी शुरू कर रही हूँ और उम्मीद करती हूँ ये कहानी भी आपको पसंद आएगी


जैसा कि आप सब जानते हैं कि मेरा नाम फरिहा शाह है और मेरी ये कहानी जो कि अब मैं लिखने जा रही हूँ। इसे भी मेरे भाई ही की जुबानी लिखूँगी । अब चलते हैं परिचय की तरफ।

पात्र (किरदार) परिचय

01. सलमा- अम्मी जान, उम्र 39 साल, अभी तक जिस्मानी तौर पे एकदम फिट और सेक्सी बाडी की मालिक हैं, देखने में लगता ही नहीं कि मेरी अम्मी की उम्र 39 साल है। बल्की देखने में लगता है की वो जैसे अभी 28 साल की होंगी।

02. फरिहा शाह- उम्र 21 साल, स्मार्ट, एक घरेलू लड़की जो कि सेक्स की शौकीन है, लेकिन अभी तक किसी के साथ किया नहीं, बस फिल्में देखना और अपनी दोस्तों के साथ हँसी मजाक और मस्ती से ज्यादा आगे नहीं बढ़ी थी पढ़ाई छोड़ दी है, क्योंकी दिल ही नहीं लगता पढ़ाई में।

03. सलमान (सन्नी)- मेरा छोटा भाई और इस कहानी को इसी की जुबानी पहुँचाया जाएगा। भाई 19 साल का है एफ.एससी. कर रहा है गोरा चिट्टा और गबरू जवान है, जिस पे कोई भी लड़की अपना दिल हार बैठे।

04. निदा- अभी 18 साल की हुई है और अभी कालेज में है। एक जवान और मस्त जिश्म की मालिक सेक्सी लड़की, लेकिन हर वक़्त बस किसी ना किसी के साथ शर्त और मस्ती के मूड में ही रहती है, घर की जान है।

05. काशी- सलमान (सन्नी) का दोस्त।

06. नीलू- काशी की बहन।

07. सफदर- सलमान (सन्नी) का मामा

08. इरम- सफदर की बेटी

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shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार

Post by shaziya »

संक्षिप्त विवरण
हमारे अब्बू एक रोड एक्सीडेंट में मर चुके हैं कोई दो साल पहले ही। जिसके बाद हम 4 लोग ही हैं जो कि इस घर में रहते हैं, क्योंकी अब्बू ने हमारे लिए यहाँ लाहोर में ही एक मार्केट में 8 दुकान छोड़ी थी, जिनसे की। अच्छा खासा किराया मिला करता था हमें, जिससे हमें कोई खास परेशानी नहीं हुई जिंदगी में। अब्बू के बाद भी हमारा घर दो फ्लोर पर मुश्तकिल है जिसमें कि हर फ्लोर पे 4 कमरे हैं सबके लिए, दो बाथरूम हैं। एक रूम अम्मी अब्बू का है जिसमें कि अब अब्बू के गुजरने के बाद अम्मी अकेली ही रहती हैं।

उनके साथ वाला रूम निदा का है जिसमें अम्मी और निदा के रूम में एक अटैच बाथ है जिसे वो दोनों इश्तेमाल करती हैं। उसके साथ फरी बाजी और आखीर में मेरा रूम है। मेरे और बाजी के कमरे में भी एक ही बाथ है। जिसे हम दोनों दूसरी तरफ का दरवाजा बंद करके इश्तेमाल करते हैं। उसके बाद बाहर एक हाल रूम है, जहाँहम खाना-पीना करते हैं और टीवी भी देखते हैं और वहीं एक साइड पे किचेन भी है।

ऊपर के फ्लोर पे भी एक कमरा है लेकिन वहाँ सिवाए घर के फालतू समान के कोई रहता नहीं है। लेकिन अगर कोई मेहमान आ जाए जो कि अब्बू की लाइफ में ही आया करते थे तो उनके लिए दो कमरे थे जिसके लिए बाहर लान की तरफ से जो कि घर की बैक पे था ऊपर जाने के लिए अलग ही से रास्ता था। जिसका कि बाकी घर से कोई तालुक नहीं था।
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और अब ये कहानी यहाँ से सन्नी की जुबानी शुरू हो रही है।
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shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार

Post by shaziya »

ये नहीं था कि मैं कोई बहुत ही शरीफ और फट्टू किश्म का लड़का था। लेकिन ये जरूर था कि मैंने कभी अपनी अम्मी जान और बहनों की तरफ गलत नजर से नहीं देखा था। बाकी जो मिली जहाँ मिली चोद डाला चाहे वो 55 साल की बुढ़िया ही क्यों ना हो, मेरे पास माफी नहीं थी। ये था मेरा लाइफ स्टाइल।

ये आज से एक साल पहले की बात है जब मेरा एक कालेज का दोस्त जो कि मुझे सबसे ज्यादा अजीज था जिसका नाम काशी था लेकिन था जरा लोवर मिडिल क्लास से लेकिन एक बात जो उसकी सबसे अच्छी थी वो ये थी कि वो जब भी कोई नई लड़की फँसाता मुझे जरूर बताता। और जब खुद उसे चोद लेता तो मुझे भी उस लड़की की फुद्दी जरूर दिलाता, क्योंकी मैं ही तो उसे लड़कियों पे खर्च के लिए पैसे दिया करता था। तो फिर वो मुझसे कैसे दगा करता।


अब तक हम कोई 4 के करीब लड़कियों को मिलकर चोद चुके थे जिनमें से एक को मैंने सेट किया था और बाकी 3 को काशी ने। क्योंकी वो तीन भी उसी की कालोनी की थीं। एक दिन वो मेरे पास बैठा किसी सोच में गुम था और मैं उसी को देख रहा था कि कब इस साले की सोच खतम हो और ये साला मुझे कुछ बताए लेकिन जब मैंने देखा कि उसकी सोच खतम होने में ही नहीं आ रही है।

तो मैंने उसकी कमर पे एक धाप मारते हुये उससे कहा- “साले, कहाँ गुम हो गया है गान्डू की औलाद?”

काशी अपने हाथ को पीछे की तरफ मोड़कर अपनी कमर को मलते हुये बोला- “यार, कितनी बार कहा है तुझसे कि हाथ का मजाक मत किया कर..."

मैं- साले कब से तेरे पास बैठा तुझे देख रहा हूँ लेकिन तुम हो कि उदास उल्लू की तरह पता नहीं किन सोचों में गुम हो।

काशी- यार, मैं सोच रहा था कि तेरे साथ बात किस तरह शुरू करूं कि तूने अपना ये हथौड़े जैसा हाथ मुझे मार दिया।

मैं- साले गान्डू, ऐसी कौन सी बात है जो करने के लिए तुम्हें सोचना पड़ रहा है। हम दोनों दोस्त हैं और वो भी पक्के वाले और ‘हाहाहाहा' करके हँसने लगा।

काशी- यार एक लड़की का नम्बर मिला है, राबिया से। मैंने उससे बात भी की है और मजे की बात ये है कि वो सेक्स में भी इंटरेस्ट रखती है। लेकिन मिलना भी नहीं चाहती। तो मैं सोच रहा था कि अगर मैं उससे फेसबुक का आई.डी. या स्काइप आई.डी. ले लूं। लेकिन मेरे पास तो इतने पैसे भी नहीं हैं कि नेट केफे में थोड़ा टाइम पास कर लिया करूं और उसके साथ सेटिंग कर सकें।

मैं- हरामी, तुझे मैंने पहले कब मना किया है। वैसे नाम तो बता उस परी चेहरा का, बाकी सारी टेंशन मेरी है। तू फिकेर ना कर मैं करता हूँ कुछ इसका भी तेरे लिए।

काशी- यार, अभी तक नाम तो मुझे भी नहीं पता, बस मैं उसे फूल जी कहकर बुलाता हूँ।

मैं- अच्छा चल ऐसा कर, तू चल मेरे साथ मेरे घर। मैं तुम्हें दो दिन के लिए अपना लैपटाप दे देता हूँ। अगर बात बनती नजर आई तो ठीक है, वरना छोड़ देंगे साली को और देखेंगे।

काशी मेरी बात सुनकर मेरे साथ चल दिया और मैंने उसे अपने घर से अपना लैपटाप दे दिया, तो वो खुश हो । गया और फिर वहाँ से निकल गया। फिर मैं भी वापिस अपने रूम में आ गया। क्योंकी आज मैं जरा जल्दी घर
आ गया था। इसलिए मुझे अपने रूम में जाता देखकर बाजी ने कहा- “सन्नी क्या बात है, आज कालेज नहीं गये तुम? तबीयत तो ठीक है ना?”

जी बाजी, बस सर में दर्द हो रहा था इसीलिए घर वापिस आ गया हूँ..” और इतना बोलते हुये मैं अपने रूम में घुस गया और दरवाजा बंद करके राबिया (वो लड़की जिसे मैंने सेट किया था लेकिन अब वो मेरे साथ काशी की भी रखेल थी) को काल की और उसके काल पिक करते ही मैंने उससे उस लड़की का पूछा जिसका नम्बर उसने काशी को दिया था।
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shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार

Post by shaziya »

तो उसने कहा- “नहीं यार, मैं नहीं जानती उसे, बस अपनी बहन के सेल पे उसका नम्बर देखा था और काशी की जिद थी कि किसी नई लड़की से मिलवा दें, तो मैंने उसे उस लड़की का नम्बर दे दिया है। क्यों कुछ नहीं बना क्या? और हेहेहे करके हँसने लगी।

मैं राबिया की बात को नजर अंदाज करके अभी उससे उस लड़की का नम्बर माँगने ही वाला था कि मेरे दिल में ख्याल आया कि जब काशी उसके साथ बात शुरू कर ही चुका है तो मुझे अभी पंगा नहीं लेना चाहिए। कहीं काम खराब ही ना हो जाए। तो मैंने राबिया को बाइ बोलकर काल कट की और सोने के लिये लेट गया।

अगली सुबह मैं घर से तैयार होकर नाश्ता करके जल्दी से कालेज की तरफ निकल गया। लेकिन आज भी काशी का नम्बर आफ जा रहा था और वो फिर से कालेज नहीं आया था। तो मुझे थोड़ी परेशानी होने लगी कि आखिर बात क्या है जो काशी अभी तक ना तो कालेज आया है और ना ही उससे मोबाइल पे बात हो रही है? तो मैंने अपनी बाइक कालेज के स्टैंड से निकली और काशी के घर की तरफ चल दिया।

काशी का घर क्योंकी एक बहुत ही लो क्लास कालोनी में था, जहाँ लोग ऐसे ही इधर-उधर दुकानों और अड्डों पे बैठे चाय के कप पे सारा दिन गप्पों में गुजार दिया करते थे। खैर मैं काशी के घर पहुँचा और उसके घर का । दरवाजा नाक करने से पहले मैंने एक बार फिर काशी का नम्बर ट्राई किया। लेकिन नतीजा वोही पावर आफ ही निकला, तो मैं आगे बढ़ा और दरवाजे पे नाक कर दिया।

मैं दरवाजा नाक करके थोड़ा पीछे हटकर खड़ा हो गया कि तभी दरवाजा धीरे से खुला और उसमें से एक लड़की का प्यारा सा चेहरा नजर आया जो कि मेरी तरफ सवालिया नजरों से देख रही थी, लेकिन उसको देखकर लग रहा था कि वो कहीं जाने की तैयारी में थी।

मैंने उस लड़की की तरफ देखते हुये कहा- “जी, वो मुझे काशी से मिलना था दो दिन से कालेज नहीं आया तो मैं पूछने आया था...”

वो लड़की मुझे सर से लेकर पांव तक देखते हुये घर के अंदर की तरफ घूमकर बोली- “भाई, जरा बाहर आओ, तुमसे मिलने आया है कोई...”

मुझे ये सुनकर हल्का सा दुख भी हुआ कि ये काशी की बहन है क्योंकी मैं समझा था कि कोई साथ के घर से आई होगी, तो काशी से बात करूंगा कि इसका नम्बर मुझे ला दे ताकी मैं इस सुंदरी को पटा सकें चुदाई के लिए।
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार

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खैर, थोड़ी ही देर में काशी बाहर निकल आया और मुझे देखकर थोड़ा शर्मिंदा सा हो गया और बोला- “यार, तू ये साथ वाले दरवाजा पे आ जा, मैं दरवाजा खोलता हूँ। फिर बैठकर बात करते हैं और इतना बोलकर फिर से घर में गायब हो गया।

तो मैंने फिर से उस लड़की की तरफ देखा जो कि मुझे देखकर हल्का सा पहली बार मुश्कुराई और बोली- “क्या यहाँ खड़े रहेंगे आप?”


मैं- “नऽनहीं तो...” और वहाँ से हटकर साथ वाले दरवाजा पे जाकर खड़ा हो गया कि तभी दरवाजा खुला और काशी का सर बाहर निकला जो कि मुझे देखते हुये मुश्कुरा दिया और बोला- “आ जा यार अंदर ही आ जा...”

मैं उसकी बात सुनकर रूम में घुस गया और अंदर आते ही मैंने काशी को गर्दन से पकड़ लिया और एक मुक्का उसके पेट में मारते हुये बोला- “साले कहाँ गायब है दो दिन से? कहीं अकेला ही तो उस लड़की को चोदने के चक्कर में नहीं है तू...”

(यहाँ मैं आप सबको ये बात बता दूं कि हम दोनों दोस्त सिर्फ़ घर से बाहर ही मिलते थे)
मेरी बात सुनकर काशी ने अपना मुँह बना लिया और बोला- “नहीं यार, मैं इतना मतलबी भी नहीं हूँ जितना कि तू मुझे समझ रहा है और बाकी मैं कालेज इसलिए नहीं आ रहा था कि आज दूसरी रात है कि मेरी नींद पूरी । नहीं हो पा रही, देर रात तक तो उस लड़की से मेरी चैट चलती रहती है।

मैं- चल वो सब तो ठीक है लेकिन तेरा मोबाइल क्यों बंद जा रहा है?

काशी- अरे भाई, मेरे मोबाइल की बैटरी खराब हो गई है जिसकी वजह से मोबाइल आफ पड़ा हुआ है और मेरे पास तो इतने पैसे भी नहीं हैं कि मैं मोबाइल में नई बैटरी ही डाल लूँ ।

मैं- “साले, तू भी ना एक नम्बर का हरामी है। जब देखो पेसों के लिए ही रोता रहता है..." और अपनी पाकेट से 200 निकलकर उसे पकड़ा दिए और बोला- “ये ले साले तेरी बहन की चोदूं, बैटरी डलवा लेना अब। और अब ये बता कि क्या बना? बात कहाँ तक पहुँची है तुम्हारी उस लड़की के साथ और नाम क्या है उसका?”

काशी- “यार सन्नी, यहाँ पे थोड़ा मसला हो रहा है। उसने ना तो अभी तक अपना नाम बताया है और ना ही अपनी पिक दी है। उसने फोटो के साथ बाकी चेहरे की जगह को खराब करके अपनी बाड़ी की पिक दिखाई है। मुझे, जितना भी दिखा मुझे कमाल की लगी है...”
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