Adultery The Innocent Wife​ (hindi version)

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rajan
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कड़ी_26 विशाल ने नया रोल-प्ले शुरू किया और अदिति ने जवाब दिया


विशाल ने उसकी पतली सी नाइटी को धीरे से ऊपर उठाया तो अदिति की जांघे, चूतड़ और पैंटी नजर आने लगी। नामंजूर करते हुए भी अदिति ने खेल में शामिल होने की कोशिश करते हुए कुछ अजीब महसूस किया

और उसको ऐसा लगा की विशाल के पापा सच में उस कमरे में मौजूद हैं उस वक्त और उसको छूने की कोशिश कर रहे हैं। यही था जो खेल को और दिलचस्प बना देता था, जब अदिति उस खेल में डूबने की कोशिश करती थी, और यही विशाल पसंद करता था अदिति के साथ की वो रोल-प्ले में भरपूर भाग लेती थी।

इस वक़्त तो विशाल यह देखना चाहता था की अदिति इस खेल में उसी तरह शामिल होती है की नहीं। क्योंकी वो अदिति के ससुर का रोल कर रहा था, विशाल को देखना था की अदिति किस तरह से अपने ससुर की छुवन को अपनाती है। बस पहली बार ही सिर्फ उसकी ड्रेस हटाने से ही विशाल को समझ में आ गया की अदिति इस वक़्त विशाल के पापा को ही महसूस कर रही है अदिति के चेहरे में देखते हुए।

यह सोच विशाल के जिश्म में खून की लहर को बढ़ा रही थी की उसकी बीवी अपने बिस्तर पर उसके पिता को अपने पास महसूस कर रही है, और उस खून की लहर उसके दिमाग से होकर जिश्म में फैलते हुए उसके लण्ड तक गई जिसने उसके लण्ड को जमकर खड़ा किया। विशाल ने एक गहरी साँस लिया, जबकी अदिति उसका हाथ अपनी जांघों के बीच महसूस करते हए कसमासाई और अपने एक हाथ को एक तरफ करके उसने भी एक गहरी सांस ली।


विशाल ने पूरा वक्त लेते हुए, बिल्कुल आराम से, बल्की ज्यादा धीरे-धीरे सब कुछ किया क्योंकी वो ज्यादातर अदिति के चेहरे को ध्यान से देख रहा था। उसने धीरे-धीरे अपने हाथ को फेरते हुए अदिति की पैंटी तक ले गया। अदिति ने ज्यादा गहरी सांस लेते हुए अपने दिल की धड़कन को तेज होते सुना और विशाल के हाथ को महसूस किया अपनी पैंटी पर ठीक चूत के पास जाते हुए जो गीली होना शुरू हो गई थी।

विशाल ने बिना अपनी आँख झपकाये जो अदिति के चेहरे पर थी, उसने अपनी उंगली को अदिति की पैंटी पर उस जगह गोल-गोल घमाया और भीगी हई महसूस किया। फिर अदिति ने अपनी एक टांग को हल्के से एक । तरफ किया विशाल की आसानी के लिए। मगर तब तक विशाल ने नीचे का हिस्सा छोड़कर उसके पेट की तरफ बढ़ गया था। विशाल ने उसकी नाइटी को उसकी चूचियों तक ऊपर उठाया जो बिना ब्रा के थी। उसने उसकी नाभि के इर्द-गिर्द गोल-गोल अपनी उंगली को घुमाया कई बार, जिससे अदिति के जिश्म में एक लहर सी दौड़ी। विशाल को अदिति की बेचैनी और उत्तेजित होते देखने में मजा आ रहा था।

विशाल ने अपने होठों को काम पे लगाया। अदिति के पेट से होंठ फेरते हुए उसकी चूचियों तक और तब उसकी जीभ काम पर लग गई। अदिति ने और गहरी साँसें लेते हए बिस्तर पर करवट लेने की कोशिश की, चादर को अपने मुट्ठी में जकड़कर खिंचते हुए। विशाल ने अपना अंडरवेर निकाल फेंका और बेड पर चढ़कर अपनी टाँगों को अदिति की जांघों के बीच किया। जबकी अपने मुँह से अदिति के गले के नीचे वाले हिस्से को चूमते, चाटते हुए चूचियों की तरफ बढ़ने लगा और भुनभुनाया।

विशाल- “अदिति बेटा तुम कमाल की हो, तुम्हारी जिश्म इतनी प्यारी और हाट है, सेक्सी है, आकर्षित करती है, अपनी तरफ खिंचती है। मेरे अंदर जवानी भर देने वाला ऐसी फिगर की जिश्म मुझसे पागल बना रहा है। तुम्हारी इस जवान बदन को मुझसे देखा नहीं जाता। अपने आप पर काबू रखना बेकार है बेटी। इस पापा को एक चान्स दो, अब इस गरम जिश्म का मजा ले लेने दो अपने इस पापा को मेरी जान। तुमको भी मजा आएगा मुझे पूरा यकीन है मुउआह... वाह... इसस्स्स... हाए मैं क्या करूँ? कहाँ से शुरू करूँ? पूरा के पूरा कमाल का बदन है यह तो... वाह मेरी प्यारी अदिति, मेरी जान अदिति, पापा की दुलारी अदिति, मेरी बेबी अदिति, वाउ क्या मैं सपना तो नहीं देख रहा, क्या सच में तम्हारे जिश्म को नंगा कर रहा हूँ मैं? अरे वाह... इसस्स्स्स ... सोती रह मेरी जान... मुझको मजा लेने दो, तुम बस सोती रहो। मत जागना तुम, मुझको यह सब सपने में अपने साथ करते हुए देखो, और मेरा गोश्त का टुकड़ा अपने अंदर सपनों में महसूस करो..."

... सस्स्स ...” जैसे और इस तरह करवट, लिया जिससे अदिति ने एक तड़पती जैसी आवाज निकली कुछ- “हम्म्म्म अपने जिश्म का ज्यादा हिस्सा उसके सामने आए।

विशाल ने हिलने नहीं रोका और अपने लण्ड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा, जो अब तक पैंटी में थी,

मतलब लण्ड पैंटी के ऊपर रगड़ रहा था। अदिति अच्छी आक्टिंग कर रही थी, जैसे सोई हुई थी। मगर अपने बदन को विशाल के पोजीशन के लिए ठीक कर रही थी जैसे नींद में होते हए।

अब विशाल का मुँह अदिति के पैंटी पर गया, जिसको उसने चूमा और चाटा, फिर अपने दाँतों से उसकी पैंटी उतारने लगा, उसके चूतड़ों को मजबूती से हाथों से पकड़े हुए, अदिति के गरम जिश्म को महसूस करते अपने हाथों में। अदिति खुद को खोने लगी और बिल्कुल गीली हो गई थी। जब विशाल का जीभ वहाँ गई तो उसने वो नमकीन लज्जत अपनी जीभ में महसूस किया, अदिति का रस नीचे निकल चुका था। विशाल ने अदिति की दोनों टाँगों को फैलाया जिसको अदिति ने अपने आप खोला और विशाल का सिर उसकी दोनों जांघों के बीच आ गया। विशाल ने एक हाथ से अदिति की ब्रा निकाल फेंका, उसकी चूत को चूसते हए, अब अदिति बिल्कुल नंगी थी बेड पर। फिर विशाल ने खुद को नंगा करते हुए और एक बार घूरते हुए बोला।

विशाल- “हाँ। यह है मेरी प्यारी बहू, मेरी जवान बहू जो इस वक्त मेरे साथ बिल्कुल नंगी है बिस्तर पर। मुझको इतना मजा देते हुए वाला रे वाह... कितना अच्छा लग रहा है तेरे जवान जिश्म को इस तरह से नंगी अपनी बाहों में लेना। अदिति आ जा, कम टु पापा डार्लिंग, कम टु पापा आअहह... लेट पापा पेनेटरेट यू नाउ बेबी सस्स्स्स ...
आघ्यघह...”

विशाल से अब नहीं रहा गया और अपने लण्ड को उसकी चूत पर रखते हए अपने मुँह को उसके मुँह तक ले
गया, अपनी बाहों में अदिति के जिश्म को समेटते हुए अपनी जीभ को अदिति के मुँह में डाला। अदिति ने भी मुँह खोल दिया, क्योंकी वो कब से इंतेजार कर रही थी इसके लिए। नीचे विशाल ने आराम से अपने लण्ड को अदिति के अंदर डाला, जिससे अदिति के जिश्म में एक और लहर आई और उसने अपने जिश्म को इस तरह से रगड़ा तड़पते हुए की उसकी आss निकली एक तड़प के साथ। आँखें बंद किए हुए उसकी तड़पती आवाज नहीं छिपा पाई उस वक़्त।


rajan
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अब उसको नींद में ही होने की आक्टिंग करनी थी, तो ऐसा दिखाया की सो रही है तब भी। और उसने विशाल से कहा था के वो तब जवाब करेगी जब वो उसको पेनीटरेट करेगा। तो विशाल बेसब्री के साथ इंतेजार कर रहा था की अदिति अब क्या कहेगी जब आँख खोलेगी और देखेगी उसके ससुर का लण्ड उसके अंदर घुस चुका है,

और ससुर उसके जिश्म के ऊपर है उसके बिस्तर पर। इसका विशाल बेसब्री से इंतेजार कर रहा था।

विशाल अपने लण्ड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करते हुए अदिति के कान में धीरे से बोला- “अब पापा ने तुमको पेनिटरेट कर दिया है जान, अब जवाब करो, लिव दि रोल-प्ले बेबी, बिल्कुल डूबकर खेलो इसको, बहुत मजा आएगा जान। स्टार्ट रेस्पांडिंग नाउ। मुझको ऐसा महसूस कराओ की तुम पापा को अपने अंदर रिसीव कर रही हो। शुरू करो अब तो नहीं तो मैं झड़ जाऊँगा..."

अदिति ने एक अंगड़ाई लेते हुए नींदध टूटने की आक्टिंग करके आँखें खोलते ही चिल्लाते हुए अपने दोनों हाथों को विशाल के छाती पर पुश करते हुए कहती है- “पापा ओह्ह... नो। यह क्या कर रहे हो आप? मैं तो सपना देख रही थी और मैंने सोचा विशाल है प्लीज... आप ऐसा मत कीजिए, यह ठीक नहीं है पापा हटिये आप..."

विशाल ने और ज्यादा मस्ती में अंदर-बाहर धक्का देते हुए, उसको चोदते हुए कहा- “क्या अदिति बेटा, अब अंदर डाल ही चुका हूँ तो अब पूरा कर लेने दो। मेरी बुलबुल कितनी हाट हो तुम, क्या बदन है तुम्हारा। इतने दिनों से क्यों मुझको नहीं दिखा था भला, सस्स्स्स... आअहह... बहुत मजा आ रहा है तेरे से अदिति। मैं अपनी बहू को चोद रहा हूँ, कितना खुश किश्मत हूँ मैं। मेरी अदिति पापा को खुश करो बेटा, खुश कर दो आज इस पापा को अपने आघघ्गघह..”

अदिति अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी जवाब करने की और बचपने आवाज में कहा- “नहीं नहीं... नहीं पापा, यह बिल्कुल सही नहीं है ऐसा करना। मैं आपकी बेटी की तरह हँ, ऐसा मत करिए रुकिये ना प्लीज...”

विशाल और भी जबरदस्त धक्का देता गया, उसकी चूचियों और गले को चाटते हए और कहा- “अरी अदिति
बेटी, तुम भी मजा लो इसका, तुम भी एंजाय करो ना... देखो कैसे भीग गई हो नीचे। तुमको भी उत्तेजना होनी चाहिए तो मत रोको अपने आपको मेरी जान... क्या तुमको मुझको अंदर लेते हुए मजा नहीं आ रहा है? मुझको अपने गहराई में महसूस नहीं कर रही हो? मेरा वाला मेरे बेटे वाले से ज्यादा बड़ा नहीं है क्या? तुमको पता होगा बोलो तो... हाँ तुम्हारी छेद बहुत टाइट है, मुझे तो बड़ा अच्छा लग रहा है। तुम भी एंजाय करो ना बेटा... सस्स्स्स ... आज तेरे इस जिश्म को अपनी बाहों में नंगी पकड़ा हूँ, बड़ा अच्छा लग रहा है बेटा हाँ हाँ..."

अदिति ने बहुत कोशिश किया उसको पुश करने को मगर नाकामयाब रही, और असल में वो भी महसूस कर रही थी उसको अपने अंदर, बल्की वो भी अपनी कमर को एक-दो बार हिलाई और विशाल ने महसूस भी किया की अदिति कितना एंजाय कर रही है।

विशाल ने तब अपने मुँह को अदिति के कान से लगाया यह कहते हुए- “कम ओन... अब पापा को किस करो, अपना मुंह खोलो और पापा की जीभ को अंदर महसूस करो और चूसो इसे, और साथ-साथ मेरे लण्ड को अपने अंदर महसूस करती जाओ... खूब मजा आएगा तुमको बेटा। चलो करो..."

अदिति ने एक छोटी सी मुश्कान दी, होंठों को दाँत से दबाया और विशाल के चेहरे में देखी। फिर अपने मुँह को खोलते हुए उसी बचपने की आवाज में कहा- “आप बहुत बुरे हो पापा, आप मेरे साथ यह कर रहे हो, मैंने सपने में भी कभी नहीं सोचा था की आप भी मेरे साथ यह करोगे हम्म... आप बताइए मुझे कब से आप मुझसे यह चाहते थे हाँ..”

विशाल को अदिति की बातों को सुनकर बड़ा मजा आया और ज्यादा जोर से उसकी चूत में धक्का देता गया यह कहते और हाँफते हुए- “मैं तुमको बहुत पहले से चाहता था बेटा। पर तुमको अप्रोच करने से घबराता था, डर था की तुम इनकार ना कर दो। कई बार तुम्हारे जिश्म को छुआ है मैंने, मगर आगे बढ़ने से डरता था मैं। और आज तुमको एक अप्सरा की तरह सोते हुए देखा तो तुम्हारे जिश्म को खूब अच्छी तरह से निहारा मैंने। तुम्हारा पेट, नाभि, कमर, कांख सबको खुद तारीफ किया, चाहा, तुम्हारे पूरे के पूरे जिश्म को आराम से देखा टटोला मैंने आज। तुम गहरी नींद में तो थी मगर तुम्हारा जिश्म मुझको अपने ऊपर बुला रहा था, मुझको इन्वाइट कर रहा था, तो मुझसे रहा नहीं गया बेटा। बेटा अब तुम भी अपने आपको खुश कर ही लो ना.."

अदिति ने भी उसकी जीभ को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। फिर क्या था? अदिति ने अपनी बाहों को उसके कंधों के ऊपर किया और अपने दोनों टाँगों को उसकी कमर के ऊपर लपेट दिया खुद के जिश्म को उसने नीचे हिलाते हए। और सब बहुत तेजी के साथ होने लगा। विशाल के धक्के का रफ़्तार बढ़ गई, और अदिति भी बिल्कुल मगन हो गई, और जल्द ही विशाल ने एक शेर की तरह घुर्राना शुरू किया।

विशाल- “हाँ हाँ मेरी जान, मैं झड़ने वाला हूँ अब। आअघघ... वाओ... तुम बेहतरीन हो बेटा अपने पापा को कितना
खुश किया तुमने आज... आअहह... सस्स्स्स ... आहह.."

अदिति ने भी साथ-साथ अपने नाखून उसके पेट पर गड़ाते हुए और उसके नीचे अपनी कमर जोरों से हिलाते हुए उसके गले पर दाँत से जोर से काटा उस हिस्से को लाल करते हुए। तड़पती आवाज में हाँफते हुये अदिति चिल्ला उठी- “आहह... मुझे भी बहुत पसंद है और मजा आया पापा... मैंने कभी नहीं सोचा था की आपके साथ मुझको इतना मजा आएगा पापा... सस्स्स्स ... आप मुझको इतना अच्छा लग रहे हो पापा, आप बहुत प्यारे हो। हम्म्म्म... मैं भी झड़ रही हूँ पापा प्यारे आह्ह्ह.. उईई माँ..”

अदिति पगलाई हुई उसको दाँत काटती गई, गले और कंधे पर। दोनों जांघों को करीब लाते हए ताकी विशाल (या अपने ससुर) को और नजदीक से महसूस कर सके अपने जिश्म पर और अपनी गहराई के अंदर।

कुछ पल के लिए खामोशी सी छा गई। सिर्फ दोनों के हाँफने की आवाज सुनाई दे रही थी। दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़े हुए थे कसके, अदिति की टाँगें विशाल की कमर पर बँधी हुई थीं। जबकी विशाल का लण्ड धीरे-धीरे उसकी गीली चूत के अंदर नरम होता जा रहा था, और दोनों के मुँह एक दूसरे को चूम चाट रहे थे थूक से गीला करते हुए।
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josef
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Re: The Innocent Wife​ (hindi version)

Post by josef »

बढ़िया मस्त अपडेट है
अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा


(^@@^-1rs2) 😘 😓 😱
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Rohit Kapoor
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Re: The Innocent Wife​ (hindi version)

Post by Rohit Kapoor »

Superb update dear thanks pl continue
😠 😡 😡 😡 😡 😡
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