Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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koushal
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Re: Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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रीमा ने भी उसी रौ में जवाब दिया - तुम भी तो मेरी मक्खन मलाई जैसी चूत चोद रहे हो मेरे लंड राजा | मेरी गुलाबी मखमली चूत कूट के मजा आया |
जितेश - हाँ मोरी चुद्द्कड़ रानी तोहरी चूत तो बिलकुल मक्खन मलाई है ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड मक्खन मलाई की गुलाबी सुरंग में जा रहा है, और आ रहा है | इतनी गरम और गुनगुनी कसी हुई मखमली चूत मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं चोदी |
मोरी रानी न केवल तोरी रसमलाई भरी चूत बल्कि तोरा जिस्म और तू भी कमाल की है |
रीमा - तो चोदो ना मोरे राजा, अब बस हचक के चोद के मेरी चूत में अपनी सारी गाढ़ी मलाई उड़ेल दो |
रीमा भी चाहती थी अब वह जल्दी से निपट जाएइसीलिए उनके जोशो खरोश में कोई कमी ना आए इसीलिए उनकी उत्तेजना में अपने शब्दों से आंगर भर रही थी
जितेश - हां मोरी रंडी रानी तेरी चूत लबालब बाहर दूंगा अपने लंड रस से |


दोनों की धक्के और तेज हो गए अब तो सांस लेने की भी फुर्सत नहीं थी ना गिरधारी के पास ना रीमा के पास और ना ही जितेश के पास | अब तो पूरे कमरे में बस चुदाई है और उसकी आवाज ही गूँज रही थी रीमा की ठुकाई आगे पीछे दोनों तरफ से और उसके चूतड़ों पर पड़ती दोनों की करारी ठोकरे .....रीमा के मुंह से निकलती सिसकारियां और दर्द भरी कराहे | रीमा बस किसी तरह खुद को समेटे चुद रही थी कराह रही थी ये सब उसकी सोच से परे था | वो खुद हैरान थी कैसे उसका शरीर लगातार उन लंडो को निगल रहा है | तीनो की हफाती गरम सांसे एक दुसरे की वासना में घुलकर गायब हुई जा रही थी |

अब तीनों को एक दूसरे का होश नहीं था गिरधारी और जितेश की कमर अपनी फुल स्पीड में चल रही थी रीमा की दोनों गुलाबी सुरंगे अपनी पूरी चौड़ाई तक फैली हुई वासना की आग में भट्गठी बनी खुलेमन से दोनों लंडो को अपने आगोश में लेकर उसके अन्दर की हवस को निचोड़ रही थी |

जितेश अब वासना से कराहने लगा था - आह बेबी अआह्ह आपकी चूत बहुत गर्म और कसी हुई है |
रीमा भी बुरी तरह से हांफती हुई - ओह्ह्ह्ह बेबी ओह्ह्ह्हह बेबी बस मेरी गरम चूत को ऐसे ही चोदते रहो, चोदते रहो , बस चोदते रहो | मुझे कुछ नहीं चाहिए बस मुझे चोदते रहो मोरे राजा |
जितेश - इतनी देर चोदने के बाद भी कितनी गरम चूत है तुम्हारी, इतना पेलने के बाद भी इस चूत की चुदाई खत्म नहीं हुई है देखो मेरी चूत रानी कैसे राजी खुशी मेरे लंड को घोटे जा रही है |
रीमा - अह्ह्ह्हह ओफ्फ्फ्फूफोफोफ़ जिस लंड की चूत दीवानी हो जाती है उसके लिए खुद को भी कुर्बान कर देती है बस ऐसे ही चोदते रहो मेरे राजा | चोद चोद के अपनी रीमा रानी की सारी प्यास बुझा दो |
जितेश - तुमारी चूत की प्यास बुझाने के बाद ही पिचकारी निकलेगी मैडम | इतनी कमाल की चूत है तो मेरा भी कुछ फर्ज बनता है ना आपकी चूत का ख्याल रखने का |
अब तो बस दोनों ही वासना में कुछ भी बडबडा रहे थे | किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कौन क्या कर रहा है क्या बोल रहा है | रीमा के जिस्म में दोनों लंड लगातार जा रह थे |
रीमा - अपने मोटे लंड से कूट-कूट के कचूमर निकाल दिया है मेरी चूत का, देख रही हूँ कैसे ख्याल रख रहे हो |जितेश - मोरी रंडी रानी तुमको हचक हचक के चोदेगें नहीं तो तुमारी चूत की प्यास कैसे मिटायेगें और आराम से चोदते तो तुमको मजा नहीं आता है ना तुमारी प्यासी चूत को मजा आता |
इतना हचक हचक के मोटे लंड से चुदाई से उसके अंदर की प्यास थोड़ा कम होगी | देखो ना मोरी चुद्दकद लंद्खोर रंडी 1 घंटे से ज्यादा देर से चुद रही है तुमारी चूत फिर भी मजाल है कि उफ्फ्फफ्फ्फ़ तक निकली हो | रीमा - निकालने का मौका कहां दे रहे हो वो तो कब से चीख चिल्ला रही है की अब बस करो अब बस करो | तुमारा लंड उसे साँस लेने कहाँ दे रहा है, दनादन तो लंड पेले जा रहे हो |
जितेश - इसमें मेरी गलती क्या है तुमारी चूत ही मेरे लंड को बाहर नहीं निकलने दे रही है यह खुद ही नहीं चाहती मेरा लंड उसे उसे बाहर आए मैं तो बस तुमारी चूत का गुलाम बनके कर उसे सेवा कर रहा हूं मैडम |



रीमा को एक बार गर्व की एहसास हुआ इतनी देर चुदाई के बाद भी उसकी चूत की दीवारें पूरी तरह से लंड को अपने आगोश में जकड़े हुई है
पीछे से रीमा की गांड में दनादन पूरा लंड अंदर बाहर करता हुआ गिरधारी भी हंसता हुआ बोला - कोई अच्छा काम जरूर किया होगा जो आपकी गांड मारने का मौका मिला है आपकी जैसी खूबसूरत गुलाबी गोरी औरत को चोदने का ख्याल ही मेरे जैसे आदमी के लिए बहुत बड़ी चीज है यहां तो आपकी कोरी कोरी गांड को मारने का मौका मिला है |
रीमा - हां बस ऐसे ही मेरी गांड मार के उसकी सारी खुजली मिटा दो बस ऐसे ही पेलते रहो मेरी गांड में लंड |

तीनों वासना में पूरी तरह से डूब गए थे और दोनों रीमा के जिस्म से चिपके हुए रीमा के जिस्म में पूरा का पूरा समा जाने को पूरा जोर लगा रहे थे | जैसे-जैसे का चरम आ रहा था वैसे-वैसे उनके धक्के तेज हो रहे थे और वह पूरा का पूरा सीमा के जिस्म में समा जाने में की पूरी कोशिश कर रहे थे रीमा के गहरे गुलाबी अंतर में बहुत तेजी से दोनों के तने हुए मुसल लंड तेजी से अंदर बाहर हो रहे थे|

दोनों के मोटे लंड दनादन ठोकरे मार रहे थे और रीमा के दोनों गुलाबी छेदों दोनों के मुसल लंडो को पूरी तरह से अपने में समाये ले रहे थे | रीमा कराह रही थी और वह दोनों रीमा को जी भर के दना दन चोद रहे थे |
रीमा का थका हारा पस्त जिस्म दनादन लंड की ठोकरों से फिर से गरम हो गया था | रीमा भी उनके लंड को कसकर अपने जिस्म के अन्दर भींच रही थी |
रीमा - आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ आआआआह्बह्सह्ह बस ऐसे ही चोदते रहो ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड ओह माय गॉड फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क फ़क, यस बेबी यस बेबी यस बेबी यसओह माय गॉडओह माय गॉडओह माय गॉडओह माय गॉड बेबी |
रीमा की नजर घडी की तरफ गयी जब उसकी आंख खुली थी, तब से अब तक दो घन्टे हो चुके थे - दो घन्टे से चुद रही हूँ मुझे यकीन नहीं हो रहा मुझे ये लोग दो घन्टे से चोद रहे है |
koushal
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Re: Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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रीमा - आआआहाआआह्इह्तह्नीह गॉड गॉड गॉड गॉड गॉड गॉड तेजी से कितनी तेजी चुद रही हूं मै | दो दो लंडो से चुद रही हूँ मै मेरे जिस्म के गुलाबी अंतरों को चीर के रख दिया है तुम दोनों | आआआआह्हा आअह्ह्हा आआह्हा आह्ह्ह फिर भी मेरे अंदर अभी भी तुम दोनों के लंड से चुदने की चाहत मची हुई है |
आआह्ह आःह्ह आआह्ह आआईइ आईई बस जी भर के चोद डालो मुझे | जितना तुम्हारे जिस्म में जान है जितना तुम्हारे लंड में जान है मेरे जिस्म की इन गुलाबी सुरंगों को चीर के रख दो | आआह्ह आःह्ह आआह्ह आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ .....................बस ऐसे ही चोदते रहो ऐसे दनादन दनादन चोदते रहो मुझे |

रीमा का जिस्म पस्त हो गया था लेकिन उसके अंदर की हवस और दो लंडो की दोतरफा भीषण ठोकरे उसके जिस्म को गरमाए हुए थी | रीमा पूरी तरह से वासना में नहाई हुई थी और वह चाहती थी जल्दी से जल्दी अब उसके जिस्म में जा रहे दोनों मुसल लंड अपने गर्म लावे को उसकी तपती हुए सुरंगों में उतार दें | अब वह दोनों लंडो के के गर्म सफ़ेद उबलते लावे से नहा कर अपनी चूत और गांड की सुरंगों की आग को बुझाना चाहती थी इसीलिए चाहती थी दोनों जल्दी से जल्दी झड़ जाए | इधर तो वह दोनों भी अपने लंड को रीमा की गुलाबी सुरंगों में मसल मसल के अपने जिस्म में उबल रहे सफेद गरम लावे को रीमा के जिस्म की गुलाबी सुरंगों में उड़ेल देना चाहते थे |

रीमा भी यही चाहती थी वो जल्दी से झड़ जाए इसीलिए उनमें जोश भरने में लगी हुई थी |
रीमा - आआह्ह आआईइ आआह्ह आआईइ आआह्ह आआईइ यस बेबी चोदो चोदो चोदो चोदो चोदो चोदो चोदो चोदो ओह माय गॉड यस यस यस यस यस यस यस यस यस | बस ऐसे ही चोदते रहो, चोद चोद के अपनी रीमा रानी को अपने सफ़ेद रस से नहला दो |

दोनों के लंड सटासट रीमा के मांसल चौड़े चुताड़ो पर ठोकर मार रहे थे और उसके जिस्म की सुरंगों में गायब हो जा रहे थे | इतने मोटे मोटे लंड जिस तरह से पूरी तरह से उसके जिस्म में गायब हो जा रहे थे उसे ऐसा लग रहा था जैसे रीमा की जिंदगी का बस यह आखिरी पल है | इसे वो जीभर के जी लेना चाहती है |

दोनों मनचाहे तरीके से रीमा को ठोकरे मार रहे थे | दोनों ने रीमा को कसकर थाम रखा था और उसके चूतड़ों पर अपनी कमर की बेतहाशा झटके लगा रहे थे | दोनों के लंड रीमा के जिस्म में बहुत तेजी से गायब हो जा रहे थे | रीमा का पूरा जिस्म इतनी तेज ठोकरों से कांप रहा था | दोनों ने रीमा को कसकर दोनों तरफ से थाम रखा था इसके बावजूद उसका पूरा शरीर भीषण झटको से थरथरा रहा था हिल रहा था काँप रहा था और रीमा अपने जिस्म की बची खुची ताकत बटोर अपने जिस्म की सुरंगों को तो दो मुसल लंडो से चीरवा रही थी चुदवा रही थी | अपनी रीमा के बस में कुछ नहीं था यह रीमा को भी पता था | अब वह उन दो जिस्मों के बीच में किसी सैंडविच की तरह पिस रही थी | वह दोनों उसे दोतरफा धक्के मार के चोद रहे थे और वह उन दोनों के लंड को अपने जिस्म में पूरा का पूरा उतारने को मजबूर थी | मजबूर क्या यही तो उसकी चाहत थी दो मोटे लंड उसे ऐसे ही बेतहाशा चोदे और अब उसे दो मोटे लंड बेतहाशा ही चोद रहे थे | रीमा का उन लंडो पर कोई जोर नहीं था मुसल लंड अपनी सारी गर्मी की रीमा की चूत और गांड में उतारे दे रहे थे | जितनी ताकत गिरधारी और जितेश के जिस्म थी सारी ताकत अपने लंड पर लगाकर कर रीमा को पेल रहे थे | उनके जिस्म का सारा अस्तित्व ही रीमा के जिस्म के गुलाबी अंतर में उतर जाने में लगा हुआ था | उन्हें अब और कुछ नहीं चाहिए था बस रीमा के अंदर उसके गुलाबी छेदों की गहराई के आखिरी छोर तक उतर जाना चाहते थे और दनादन उतर भी रहे थे |


रीमा बस उन दोनों के रहमों करम पर उनके जिस्म से चिपकी हुई थी कि गिरधारी के पास ज्यादा जगह थी कमर हिलाने के लिए इसलिए उसकी कमर तो बिल्कुल सुपर फ़ास्ट स्पीड से हिल रही थी और उसका लंड रीमा की गांड में किसी इंजन में चलते हैं तेज पिस्टन की तरह चोद रहा था | रीमा बुरी तरह से हिल रही थी |

रीमा चुद रही थी और वह चोद रहे थे और वह भी बेतताशा चोद रहे थे कैसे चोद रहे थे जैसे उन्होंने कभी किसी औरत को नहीं चोदा था | रीमा भी ऐसे ही चुद रही थी जैसे वो जिंदगी में कभी नहीं चुदी थी | बिल्कुल बेतरबीब फुल स्पीड में नॉन स्टॉप दनादन सटासट अपना सब कुछ झोंक कर .......सब कुछ गवा कर ....सब कुछ न्योछावर कर के .... पूरी तरह से उन दो मर्दो की गुलाम बनकर अपना पूरा जिस्म उन्हें सौंप दे रही थी ताकि अपने जिस्म की वासना मिटा सके | ये ऐसी चुदाई थी जो शायद रीमा को बरसों बरसों तक याद रहेगी क्योंकि इस तरह से दो मर्दो के हाथ की कठपुतली बनकर इतनी बेरहमी से ..इतनी बेदर्दी से ..इतनी वाहियात पाशविक तरीके... से शायद उसको भी अंदाजा नहीं था वैसे कुछ जानवरों की तरह चुद रही थी |
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Re: Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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रीमा चुद रही थी और वह चोद रहे थे और वह भी बेतताशा चोद रहे थे कैसे चोद रहे थे जैसे उन्होंने कभी किसी औरत को नहीं चोदा था | रीमा भी ऐसे ही चुद रही थी जैसे वो जिंदगी में कभी नहीं चुदी थी | बिल्कुल बेतरबीब फुल स्पीड में नॉन स्टॉप दनादन सटासट अपना सब कुछ झोंक कर .......सब कुछ गवा कर ....सब कुछ न्योछावर कर के .... पूरी तरह से उन दो मर्दो की गुलाम बनकर अपना पूरा जिस्म उन्हें सौंप दे रही थी ताकि अपने जिस्म की वासना मिटा सके | ये ऐसी चुदाई थी जो शायद रीमा को बरसों बरसों तक याद रहेगी क्योंकि इस तरह से दो मर्दो के हाथ की कठपुतली बनकर इतनी बेरहमी से ..इतनी बेदर्दी से ..इतनी वाहियात पाशविक तरीके... से शायद उसको भी अंदाजा नहीं था वैसे कुछ जानवरों की तरह चुद रही थी |


इस तरह की पासविक वासना को लेकर वह भी हैरान थी लेकिन जो भी हो रहा था और रीमा की मर्जी और मन के खिलाफ तो नहीं था | अपने मन की ही तो कर रही थी उसका जिस्म पूरी तरह से पस्त हो गया था ...जिस्म पूरा थका हुआ था ..और पूरी तरह से जितेश और गिरधारी के हाथ में था | उसके हाथ पाँव जांघे कमर पूरी तरह से पस्त थे | उसके जिस्म की दो सुरंगे थी जो अभी पूरी तरह से आग की भट्ठी बनी हुई थी और उनको आग की भठ्ठी बनाने में बड़ा हाथ था इतनी तेज धक्कों का, जो रीमा की चूत और गांड में लगी आग को बुझाने की बजाय और भड़का रहे थे | उसने सपने में भी नहीं सोचा था ये वासना की यह आग रीमा को पूरी तरह से जलाकर खाक कर देने वाली थी ऐसी चुदाई होगी उसने भी नहीं सोचा था और ना ही उसको चोदने वालों ने सोचा था लेकिन वह सब हो रहा था जो उनमे से किसी ने नहीं सोचा था | वह दोनों की रीमा को दनादन सो चोद रहे थे और रीमा उन दोनों के जिस्म के बीच में पिसती हुई पूरी तरह से खुद को उनके हवाले करके उनसे बेतहाशा चुद रही थी |

रीमा के जिस्म पर पड़ रही दनादन ठोकरें रीमा के लिए बर्दाश्त से बाहर थी लेकिन मजाल है जो रीमा के मुंह से उफफ्तफ्कफ्फ़ निकल जाए वह अपने जिस्म की सारी ताकत बटोर के बस उन दोनों के मुसल लंडो को अपने जिस्म गुलाबी सुरंगों की गहराइयों को चीरता हुआ महसूस कर रही थी

रीमा - आआह्ह आआह्ह आआह्ह आआह्ह हां हां हां हां हां हां बस अब चीर के रख दो रुकना नहीं बिल्कुल नहीं बस जान चाहे भले निकल जाए लेकिन ऐसे ही पेलते रहो, चोदते रहो यस यस यस बेबी ऐसे ही चोदते रहो, फाड़ दो मेरी चूत फाड़ दो मेरी गांड |
आपकी गांड को चीर के रख देंगे मैडम - गिरधारी दनादन ठोकरे लगाता हुआ बोला |
रीमा भी वासना के जोश में - तो चीर दो ना |
गिरधारी - यह लो मैडम यह लो मैडम |
रीमा उसकी हर ठोकर पर - आआईइ ममाआआअ आईई आआईइ ममाआआअ आआईइ आआईइ आआईइ रेरेरेरेरेरेरेरेरे आआआआह्हा आअह्ह्हा आआह्हा आह्ह्ह |


गिरधारी रीमा की गांड पर जोरदार ठोकर मार रहा था उसका पूरा लंड रीमा की गांड में लंडअंदर तक घुसा जा रहा था | इधर जितेश रीमा के चुताड़ो को कसकर थामे हुए था ताकि उसका लंड भी रीमा की चूत की गहराइयों में तेजी से जा सके जबकि गिरधारी उसको कंधे से पकड़े हुए उसके उसके जिस्म को पीछे की तरफ ठेल रहा था | दोनों केवल रीमा की चूत और गांड में अपने लंड को नहीं पेल रहे थे बल्कि अपने लंड पर रीमा के जिस्म को भी ठेल रहे थे | जिससे कि उनके लंड रीमा के जिस्म के अंदर दोगुनी स्पीड से अंदर जा रहे थे |
रीमा की चूत और गांड के मुहाने इन भीषण तेज ठोकरों से जल उठे | उसकी चूत और गांड दोनों ही आग की भट्ठी बन गई थी | इतनी तेज लंड उसे चोदेगे उसने नहीं सोचा था इतनी कस कर इतनी बेदर्दी से उसे कुचलेगे | हालांकि उसके मन में हमेशा से इस तरह से लंड लेने का ख्याल आता था लेकिन यह इस स्तर तक पहुंच जाएगा यह उसने भी नहीं सोचा था | गिरधारी और जितेश के लंडो ने रीमा को पूरी तरह निचोड़ लिया था | उसके जिस्म में जान नहीं बची थी लेकिन वह अपनी सारी ताकत कट्ठा करके उनके मोटे मोटे लंडो को अपने जिस्म के अंदर पूरी तरह से उतारने में लगी हुई थी | इस चुदाई को पूरी तरह से अपने दिलो दिमाग में भी भर लेना चाहती थी | वह चाहती थी ये चुदाई उसके दिलो-दिमाग में बैठ जाए | आज ना उसे कोई रोकने वाला था ना उसे कोई टोकने वाला था आज ना ही उसका कोमल मन उसे रोक रहा था और ना ही उसकी नैतिकता से रोक रही थी | भले ही उसने ऐसा कुछ न सोचा हो लेकिन वह जिस तरह से चुदना चाहती थी उसी तरह से चुद रही थी | उसके मन के कोने में दबे हुए हैं वहशी अरमान आज पूरी तरह उसके दिमाग पर हावी थे | उसके वहशी अरमानो का नतीजा था कि खुद को फूलों की तरह से बचाकर रखने वाली रीमा आज दो दो लंडो से खुद को कुचलवा रही थी |

वो तो बस दो लंडो की लौड़ी बनकर रह गयी थी | न तो उसके हाथ में कुछ था न वो कुछ कर सकती थी | वह तो बस अपने जिस्म की बची हुई ताकत बचाकर उन लोगों को अपनी गहराइयों में जब तक जितनी देर तक महसूस कर सकती थी कर रही थी | हर चीज का एक समय होता है और उसके बाद उसका अंत होता है इस भीषण दोतरफा चुदाई का भी अंत होना था | आखिर इतनी देर से रीमा इसी में तो दिलो जान से लगी थी |
जितेश ने रीमा के चूतड़ थोड़ा ऊपर उठा दिए और बुलेट ट्रेन की स्पीड से चोदने लगा | उसकी चूत में जितेश का लंड अब दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन जा रहा था अब तो किसी को भी सांस लेने की भी फुर्सत थी इतनी तेज चुदाई चल रही थी | उपर से गिरधारी भी पूरी ताकत लगाकर रीमा की गांड को फाड़ने पर लगा हुआ था | रीमा के मोटे मोटे बड़े बड़े मांसल चुताड़ो का तो जैसे कीमा बन गया हो | उसके चूतड़ों पर पड़ती ठोकरों से उसके गुलाबी गोरे कपाट लाल हो गए थे |



इस बेतहाशा दर्द भरी जुदाई से रीमा बुरी तरह कराह रही रही थी लेकिन अपने जिस्म को दे रही तकलीफ में भी उसको अपने मन की वासना की आग बुझाने की किरण नजर आ रही थी | अपनी वासना की आग बुझाते बुझाते रीमा उस मोड़ पर पहुंच गई थी जहां पर उसे अपने जिस्म को हो रही तकलीफ का अहसास तक नहीं था | अपने गुलाबी नरम गुदाज मांसल गोरे बदन को लेकर रीमा इतनी क्रूर कैसे हो सकती है | कैसे उसने दो जानवरों को अपने मोटे मुसल लंडो से उसे कुचलने की इजाजत दे दी और अब वह दोनों लंड उसे उसी तरह से कुचल रहे थे | इधर दर्द से बिलखती बस खुद को किसी तरह से समेटे हुए उन दोनों को अपने अंतरों में आते जाते महसूस कर रही थी इस वक्त ना वो केवल पूरी ताकत कट्ठा करके खुद के जिस्म को समेटे हुए थी बल्कि अपने मन को भी समेटे हुए थी क्योंकि उन दोनों की ठोकरें इतनी तेज थी जो ना केवल रीमा के जिस्म को तितर-बितर कर सकती थी बल्कि उसके कोमल मन की भी धज्जियां उड़ा सकती थी | गिरधारी और जितेश को तो बस इस समय रीमा की गहरी गुलाबी सुरंगों में अपने जिस्म में धधकती आग उतारने का अंधा जोश चढ़ा हुआ था | उन्हें इसके अलावा और कुछ नहीं सूझ नहीं रहा था | वह बस रीमा की गुलाबी सूरंगों में दनादन खुद को उतारने में लगे हुए थे |

उन्हें रीमा के दुख दर्द तकलीफ से कोई लेना-देना नहीं था | उन्हें तो एहसास भी नहीं था एक मोटा लंड जब किसी केअंदर घुसता है तो कितनी तकलीफ होती है | यहां तो दो-दो मोटे मुसल तने हुए लंड थे | दोनों एक साथ दनादन रीमा को चीर के रख दे दे रहे थे | रीमा दर्द से बड़बड़ा रही थी, बिलख रही थी तड़प रही थी लेकिन उन दोनों लंडो को अपने अंतर में ले भी रही थी | उन्हें मना नहीं कर सकती थी ना मना करना चाहती थी | अब तो बहुत देर हो चुकी थी अब तो अगर वह उन्हें रोकना भी चाहे तो भी कोई फायदा नहीं | अब तो बस वह चाहती थी किसी तरह से यह सिलसिला रुक जाए और उनके जिस्म में जल्दी आग के फव्वारे छूट पड़े और उससे वो सरोबार हो जाये |
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