Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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koushal
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Re: वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

Post by koushal »

रीमा में जोश भरते हुए राजू बोला - रीमा मैडम आप बहुत आचे से गाड़ मारती है देखिये न जग्गू कैसे मजे से सरोबार हो रहा है |

जग्गू को अपनी गांड में भी अभी भी दर्द हो रहा था | लंड जाने की कसक तो राजू और प्रियम की गांड में भी महसूस हो रही थी लेकिन इस समय उनके सामने जो था उस दृश्य को देखकर बहुत ही ज्यादा खुश हो रहे थे जग्गू के तो जैसे हाथ पैर ढीले हो गए थे | इतने मोटे करारे रबर के लंड से रीमा ने भीषण ठोकरे मार मार कर जागु की गांड की सारी अकड़ निकाल दी थी | उसके अन्दर भरा सारा जोश धुंवा हो गया | वो रीमा का सेक्स स्लेव बन चूका था | रीमा के मोटे लंड से अपनी गांड को चीरते हुए देखकर उसकी असरी अकड़ गायब हो गयी | अब तो उसके हाथ पाँव में कमजोरी आने लगी थी, वो कांपने लगा था | रीमा ने उसे जब कांपते हुए देखा तो उसे लगा यह किसी और तो उसने जग्गू को उसी सी पोजीशन में पेट के बल लिटा दिया | और उसके चूतड़ों के पास आकर अपने लंड को उसकी गांड पर रख कर अन्दर पेल दिया | रीमा का रबर का लंड सरसराता हुआ जागु की गांड में घुस गया |




जग्गू पेट के बल पूरी तरह से सीधा लेट नीचे की तरफ लेटा हुआ था और रीमा उसके ऊपर बैठी हुई उसकी गांड में लंड को धीरे धीरे हौले हौले से अपने पूरे लंड को उसकी गांड में घुसेड़ रही थी | उसे पता था अगर उसने ज्यादा जोर से जग्गू की गांड मारदी तो अभी यहीं पर हथियार डाल देगा इसलिए वो आइस्ते से लंड पेल कर लंबा खेल खेलना चाहती थी |
रीमा - जग्गू अभी भी दर्द हो रहा है क्या बच्चे |
जागु कराहता हुआ - थोडा थोडा |
रीमा - मेरा लंड कैसा महसूस हो रहा है गांड में |
जग्गू - मजा आ रहा है रीमा मैडम | गांड मरवाना तकलीफ जरुर होता हिया लेकिन इसमें भी मजा आता है ये मुझे नहीं पता था |
रीमा - लडके तुझे मजा आ रहा है |
जग्गू - हाँ मैडम, आपके नाजुक बदन की नरम नरम जांघो का स्पर्श और आपका मोटा लंड .............. ऐसा लग रहा है जैसे जानत में ही पंहुच गया हूँ |
रीमा जग्गू के मुहँ से ये सुनकर जलभुन गयी , उसने एक जोरदार झटका जग्गू की गांड पर दे मारा | रीमा - कैसा लगा |
जग्गू - आःह्ह्ह मैडम आपने तो चीर ही दी इस बार |
रीमा - अच्छा बताओ तुम भी तो मुझे ख्वाब देखते थे चोदने के, कैसे चोदना चाहते थे मुझे |
जग्गू - आह मैडम अब क्या बताऊ, आप गांड भी बहुत अच्छे से मारती हो , बस ऐसे ही ख्वाब था आपको चोदने का | जोर से झटके मार मार कर |
रीमा ने फिर एक जोर का झटका दिया - ऐसे जोरदार झटके की बात कर रहे हो |
जग्गू - आआह मैडम आप तो सब कुछ जानती है |
रीमा - तुम्हे अच्छा लगा |
जग्गू - बहुत अच्छा मैडम |
रीमा ने फिर से थप थप करते कई झटके मारे |
जग्गू - अआह्ह्ह मैडम आआआआअह्ह्ह्हह्हह्ह्ह |
रीमा - ये ले और जोरदार तरीके से |
रीमा ने दे दना दान जग्गू की गांड में अपने लंड की पेलाई से उसकी रेल बना दी | अब दनादन लंड पेलने की वजह रीमा का मोताराबर लंड जग्गू की गांड में फच फच की आवाज से घुस रहा था, जग्गू ने भी अपनी गांड उचकाकर रीमा का मोटा लंड ले रहा था | उसे गांड मरवाने में मजा आने लगा था | उसे अपनी गांड में ऐसा लग रहा था कि कोई उसकी गांड की अंदरूनी दीवारो की मालिश कर रहा हो | हलके दर्द के बावजूद अब जग्गू को मजा आने लगा था उसे लग रहा था गांड मरवाना भी बुरा नहीं है और यह एक्सपीरियंस उसे पहले लेने की कोशिश क्यों नहीं की | रीमा की नरम मांसल मोटी गोरी जांघे जब जग्गू के जिस्म से रगड़ खाती तो जग्गू आनंदित हो उठता | वो इसी उत्तेजना में ही बहुत ज्यादा खुश हो रहा था कि रीमा का बदन उसके आसपास सटा हुआ है और वह उससे रगड़ भी खा रहा है जग्गू तो जैसे रीमा का दीवाना हो गया था और इसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार था उसके अंदर का सारा अहंकार और सारी अकड़ सारी अकड़ गायब हो गई थी वह बस रीमा के जिस्म का सुख भोगना चाहता था चाहे उसे वो अपनी गांड मरवाकर ही क्यों न हाशिल हो | रीमा को जग्गू की गांड में अपना लंड घुसेड़ने में दिक्कत हो रही थी इसलिए उठकर गयी और एक लोशन का डिब्बा उठा लायी |


उसे काफी देर तक जग्गू की गांड मारनी थी इसलिए उसके साथ ज्यादा ज्यादती करना उसे सही नहीं लगा | उसने एक लोशन उठाया और ढेर सारा लोशन जग्गू की गांड पर उड़ेल दिया और उसके बाद मालिश करने लगी | उसके जग्गू के गांड के खुले छेद में ढेर सारा लोशन भर दिया | जग्गू ने भी राहत की सांस ली क्योंकि उसको सुखी गांड में रीमा के मोटे लंड को लेटे समय जो तकलीफ हो रही थी वो अब कम होगी | काफी देर तक रीमा जग्गू के छेद की लोशन से मालिश करती फिर पीछे से आ कर के मोटा काला लंड एक ही बार में उसकी गांड में घुसा दिया चिकनाई के कारण मोटा काला लंड एक ही बार में उस की कसी गांड में समाता चला गया | रीमा के गांड मारते समय उसके और जग्गू के बदन आपस में रगड़ रहे थे और जग्गू के लिए इससे बड़े संतोष की और क्या बात हो सकती थी लेकिन यह उसका सुख और संतोष ज्यादा देर तक नहीं चला |



रीमा ने जल्द ही उसको घुटनों के बल ला दिया | अपना पूरा का पूरा लंड फिर से उसकी गांड में पेल दिया | इस बार वह ज्यादा तेज करारे झटके लगा रही थी इससे जग्गू को बहुत ही ज्यादा दर्द होने लगा और वह उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था लेकिन रीमा तो बस जैसे उसकी गांड के चिथड़े ही उड़ा देना चाहती थी ...............उसे मतलब ही नहीं था जग्गू को और दर्द हो रहा है या नहीं हो रहा है वह जग्गू के द्वारा किए गए अपमान का बदला लेना चाहती थी, या यू काहे की उसने रीमा के अहंकार को चोट पंहुचायी थी | रीमा को यह बर्दाश्त नहीं था उसके जैसा घटिया गलीच इंसान उसको चोदने के सपने देखे | रीमा अपने आप को बहुत ही श्रेष्ठ मानती थी ऊपर से अप्सराओं जैसे हुस्न ने उसके अहंकार में और चार चाँद लगा रखे थे | उसे अपनी सुंदर चिकनी गुलाबी चूत पर बहुत ही अहंकार था और वह नहीं चाहती कि कोई ऐरा गैरा दो टके लौंडा उसको चोदने के ख्वाब देखने लगे ................उसे ब्लैकमेल करने और उसका बलात्कार करने का प्लान बनाने लगे | वो इसी अपमान में जली भुनी जा रही थी और अभी तो जग्गू उसके लंड के नीचे है इसलिए उसको घुटनों के बल से जमींन पर लिटाने तक वो कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाली थी | वह चाहती थी कि जब जग्गू यहां से उठकर अपने पैरों पर कमरे से बाहर निकलता हुआ जाए और जाकर कभी भी अपनी शक्ल आईने में देखें तो उसे रीमा का वह चेहरा नजर आए जिसे वो जिंदगी भर भुला न पाए और कभी भी उसके बारे में सोचने से पहले रीमा की दहशत उसके अन्दर आ जाये | रीमा बहुत तेजी से जग्गू के गांड के ऊपर अपनी कमर हिला रही थी जिससे पूरे कमरे में थप थप की आवाजें आ रही थी जबकि वह दर्द से कराह रहा था |



koushal
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Re: वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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रीमा ने प्रियम और राजू की तरफ देखा | राजू और प्रियम दोनों ही अपने लंड पर अपने हाथों से चलाते हुए जग्गू का मुखड़ा देख रहे थे | रीमा - लड़कों क्या हाल है गांड मरवा कर मजा आया |
दोनों के सर नीचे की तरफ झुक गए उन्हें पता था कि बोलने का मतलब है कि और ज्यादा अपनी दुर्गति करवाना उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया |
रीमा खिलखिला पड़ी - अरे शरमाते क्यों हो, रीमा से शर्माने की क्या जरुरत है, मै ही तो सब सिखा रही हूँ | क्या फर्क पड़ता है तुम्हे लड़कियों की चूत और गांड मारते हो तो तब कोई फर्क पड़ता है लड़कियां आराम से गांड मरवाती है और तुरंत ही गांड मारने वालो को चूमना शुरु कर देती हैं |
राजू और प्रियम दोनों को अच्छे से पता था कि रीमा उनके साथ गेम खेल रही है और अब वह किसी गेम में नहीं फंसना चाहते थे वह पूरी तरह पस्त हो चुके थे वह पूरी तरह से टूट चुके थे वह पूरी तरह से हार चुके थे उनके अंदर किसी भी तरह का जोश कामना इच्छा नहीं बची हुई थी कि उन्हें पता था अगर कुछ भी उन्होंने ऊपर नीचे किया तो उनकी और ज्यादा दुर्गति होने वाली है जो वो कतई नहीं चाहते थे | रीमा के सामने इससे ज्यादा अपमान के कुछ बचा भी नहीं था सब कुछ तो हो चुका था अब इससे ज्यादा और ज्यादा अपमानित होने के लिए क्या बचा था इसीलिए राजू ने हिम्मत करके पूछा - अच्छा रीमा चाची क्या मैं आपकी चूचियों को छू सकता हूं |
रीमा अभी पूरी तरह से मस्ती के मूड में थी , जिस इंसान से वो नफ़रत करती थी वो उसके लंड के नीचे था - क्यों नहीं रे, बिलकुल चूस सकता है लेकिन अभी तो मैं गांड मार रही हूं, पहले इससे निपट लू | अभी इसकी जवानी लंड से उछाल मार रही है |




जग्गू भी जोश से बोला - मै भी आपकी चूत मरुगा |अब मुझे आपकी चूत मारने का मौका कब मिलेगा |
रीमा को गुस्सा आ गया, उसने करारे तरीके से जग्गू की गांड को चीरते हुए - मैं तेरी गांड मार रही हूँ उसी पर आचे फोकस कर, इतने अच्छे से तेरी गांड मार रही हूं, वहां ध्यान नहीं है तेरा | अपनी गांड में मेरा मोटा लंड लेकर मजा आया या नहीं |
जग्गू - हाँ आप बहुत अच्छे से गांड मारती हूँ, आप गांड मारने में एक्सपर्ट हो, आप लंड भी बहुत आचे से चूसती हो |
रीमा - हां अगर तुझे गांड मरवाने का शौक है तो मेरे पास आया कर तुझे बहुत अअच्छे से ट्रिंग दूँगी | तेरी गांड मार मार कर उसकी छेद को इतना मजबूत कर दूंगी उसके बाद तो तू इस शहर का सबसे बड़ा गांड मरा बन जाएगा |
जग्गू बोला - मैम मुझे नहीं बनना शहर का गांड मरा | मैं बस आपकी चूत चोदना चाहता हूं |
रीमा की गुस्सा आ गया - साले तू मेरी चूत तो तब चोदगा जब मैं तेरी गांड को चोदना छोडूंगी, अभी आचे से अपनी गांड मरवा ले | मजा आ रहा है गांड मरवाने में | रीमा पर भी वासना का बुखार बुरी तरह से चढ़ा हुआ था | वो भी वासना की भठ्ठी में जल रही थी | उसके चूत दाने पट लगाते हर ठोकर ने उसकी उत्तेजन की चरम पर पंहुचा दिया था |

जग्गू - हाँ हाँ बहुत मजा आ रहा है, इससे पहले मैंने कभी गांड नहीं मरवाई थी मुझे लगताथा ये गंदा और घटिया होता है लेकिन आपने तो मेरी गांड मार मार के जो सुख दिया है अब तो मुझे अपनी गांड मरवाने में बहुत मजा आ रहा है |
रीमा - इसलिए तो कह रही हूँ आ जाओ कुछ दिन मेरे पास, अच्छे से ट्रिंग दूँगी, अच्छे से गांड मार मार कर तेरी गांड मजबूत बना दूंगी उसके बाद उसे कितने भी बड़े मोटे लंबे लंबे लंड से मरवा सकता है पुरे शहर में मशहूर हो जायेगा | तेरे पीछे गांड मारने वालो की लाइन लग जाएगी | कहां अभी दो टेक की लड़कियों की चूत मारता फिरता है | तेरी गांड इतनी मजबूत कर दूँगी तेरी गांड देख दुनिया का एक से एक रहीस मैं तेरी गांड मारने के लिए उतावला हो जाएगा, रोज लाखो में कमाएगा | प्रअभी कहाँ ड्रग्स बेचकर 2000 5000 कमाता फिरता है | एक बार गांड मरायेगा और लाखो कमा लेगा | जागु और रीमा दोनों ही वासना में बुरी तरह से नहाये हुए थे |

जग्गू बहुत ही बुरी तरह थक चुका था उसे रीमा पहले भी दो बार झड़वा ही चुकी थी | रीमा बहुत तेजी से उसके लंड को मसल रही थी और उसकी गांड को मार रही थी | जग्गू के अन्दर तो जोश और एनर्जी कुछ बचा ही नहीं था वह बस लेटे लेटे एक औअरत से अपनी गांड मरवा रहा था | जग्गू की वही हालत थी जैसे जब एक औरत कई लंडो से लगातार चुदाई के बाद पस्त हो जाती है उसके बाद में आदमी बस उसकी चूत में लंड डालता रहता है और औरत बिना हरकत के बस अपनी चूत में लंड देती रहती है उसी तरह से अब जग्गू भी पस्त पड़ा बस रीमा का लंड अपनी गाड़ में ले रहा था | जग्गू के सारे सपने चकनाचूर हो चुके, रीमा को चोदने का ख्वाब बस एक ख्वाब बनकर रह गया था | वो अब बस चाहता था जल्दी से जल्दी रीमा उसकी गांड मारना बंद करें और वो घर जाकर आराम से सो जाए | उसके चेहरे पर थकान दिखने लगी थी | उसके लंड में अकड़न थी और वो रीमा के हाथो में झूल रहा था | रीमा ने उसकी गांड मार मार कर उसका सारा दम निकाल दिया था | जाहिर सी बात है जग्गू को लगता था कि चूत को चोदने में ही दम लगता है लेकिन उसे आज पता चला गांड मरवाने में उससे ज्यादा दम लगता है | अब तो उसके अंदर हिम्मत भी टूट चुकी थी अब उसमे इतनी हिम्मत नहीं थी की वो रीमा को चोद सके | रीमा भी बुरी तरह से थक चुकी थी लेकिन जग्गू के सामने वह किसी तरह से अपने आप को कमजोर नहीं दिखाना चाहती थी और धना धन धना धन धना धन की गांड में लंड पेल रही थी ताकि जग्गू पूरी तरह पस्त हो जाए | जग्गू के पास अब इतना दम नहीं बचा था की वो कोई और हरकत कर सके | रीमा उसकी गांड में सटासट लंड पेल रही थी और वो अपनी गांड में मोटा लंड ले रहा था | रीमा अपनी विजय पर गर्व से फूली नहीं समां रही थी वो बारी बारी से विजयी भाव से अलग-अलग पोज बना रही थी उसने प्रियम से कैमरा उठाने को कहा और उसकी फोटो खींचने को कहा | प्रियम जो अब तक जग्गू के गांड मारने का वीडियो बना रहा था अब रीमा को अलग-अलग पोज में जग्गू के साथ फोटो खींचने लगा |


जग्गू ने एक बारगी जब ये देखा तो उसने प्रतिकार किया |
जग्गू - अबे प्रियम ये क्या कर रहा है बे साले | भरे बाजार में क्या रंडी बना देगा मुझे ..............रीमा चाची ने वैसे भी मेरी गांड मार ली | पता नहीं की उनकी चूत चोदने को मिलेगी या नहीं मिलेगी, ऊपर से साला तू फोटो खींच रहा है |
प्रियम - अबे चुतिया है क्या जग्गू, इतनी देर से जो कैमरा लगा है तेरे सामने तीन कैमरे लगे हैं तीनों में अलग अलग एंगल से तेरी गांड मारने के अच्छे से रिकॉर्डिंग कर रहे हैं साथ में पूरा का पूरा पोर्न वीडियो जो चाची ने बना दिया | अब साला मैं फोटो खींच रहा हूँ तो इसको दिक्कत हो रही है |
जग्गू निराशा के साथ - रीमा चाह्ची ऐसा क्यों कर रही है मेरे साथ अब तो मै चुपचाप अपनी गांड मरवाई रहा हूं अब इससे ज्यादा और आपको क्या चाहिए |


रीमा - तो मान ले अपनी हार और मुझे चोदने का ख्वाब छोड़ दे सपने में भी नाम मत लेना मेरी चूत का .............................मैं वह हरामी चूत हूँ जो तेरी गांड फाड़ फाड़ के चौड़ी सुरंग बना दूंगी इसे कानखोल कर सुन ले | मै रीमा हूँ मैं रीमा और मेरी चूत में मेरे पति को छोड़कर किसी ने आज तक मेरी गुलाबी चूत में लंड नहीं डाला है ठीक है 10 साल से ज्यादा हो गए हैं चूत में कोई लंड लिए हुए लेकिन मेरी जिंदगी में पति के अलावा कोई नहीं आया | तुम साले दो टेक के लौंडे मुझे चोदने का ख्वाब देख रहे हैं तेरे लंड चुस दिए है इतना बहुत है राजा इसे मेरा एहसान मानना .......................यह रिकॉर्डिंग मेरे पास रहेगी और उसके बाद मजाल है जो किसी ने छु चपड़ करी तो सोच लेना और जो भी तुम्हें बाहर मिले और मेरे बारे में उल्टा सीधा बोले उसे अच्छे से समझा देना कि मैं कैसे कैसे अपने बारे में उल्टा सीधा सोचने वाले की गांड मार लेती हूं तो अच्छे से समझ में आया | जग्गू अभी तो तेरी में 5 मिनट और गांड मारूंगी मेरे मन तो भर गया है शरीर भी थक गया है लेकिन आत्मा तृप्त नहीं हुई है अपनी उम्र की लड़की चोद साले | नहीं तो सोच ले तेरा लंड तेरी गांड में घुसेड दूँगी अगली बार अगर ऐसा कुछ किया |
koushal
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Re: वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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प्रियम और राजू दोनों हाथ जोड़कर रीमा की तरफ खड़े हो गए | प्रियम में कैमरा रख दिया और माफी मांगने लगे |
रीमा बोली - ठीक है चुपचाप अपने कपड़े पहन लो निकल जाओ यहां से |
दोनों चुपचाप कपड़े पहनने लगे जबकि कैमरे की रिकॉर्डिंग चालू थी रीमा में जग्गू को अभी नहीं छोड़ा था प्रियम कपड़े पहन चुका था रीमा से उसे करीब आकर अपने बॉक्स से एक हथकड़ी निकालने को कहा | प्रियम ने चुपचाप वैसे ही किया जैसा रीमा ने कहा | उसने चुपचाप एक हथकड़ी निकाली और रीमा को पकड़ा दी | रीमा ने जग्गू के में दोनों हाथ पकड़ के जग्गू को हथकड़ी पहना दी है | जग्गू कुछ सोच पाता या प्रतिरोध कर पता इससे पहले ही उसके दोनों हाथ बन चुके थे | इसके बाद में रीमा ने फिर से उसकी गांड में लंड पेल दिया | अब वह हाथ चला पाने की स्थिति में था |


वह रीमा के सामने घुटनों पर बस अपने चूतड़ उठकर के गांड मरवाने की पोजीशन में था और उसने भी ज्यादा प्रतिरोध नहीं किया क्योंकि उसे पता था उसकी अब कोई भी चाल चलने वाली नहीं है | रीमा उससे ज्यादा स्मार्ट और बहादुर है उसने दोनों हाथ अपनी कमर पर रख लिए और रीमा भी अब बिना किसी सहारे के उसकी गांड मारनी शुरू कर दी | अब ना तो वो जग्गू को ही पकड़े थी और ना ही आस पास की कोई चीज | जागु की गांड का छेद अब बेहद नरम हो चूका थ और उसका लंड आराम से बस कमर हिलाने से ही पूरा का पूरा उसमे घुस रहा था | वो सटासट अपनी कमर हिला रही थी उसका लंड आसानी से ही जग्गू की गांड में जा रहा था जो की पूरी तरह से फैल चुकी थी और जग्गू पूरी तरह से आगे की ओर झुका हुआ था कर चुका था |

उसका रीमा की चूत चोदने का ख्वाब तो ख्वाब ही रह गया था | अब तो वह बस जल्दी से जल्दी झड कर यहाँ से छुटकारा पाना चाहता था | रीमा के दना दन धक्को के साथ में ही जग्गू की आंखों में आंसू आ गए उसे पता था उसने अब तक तो वो सब कुछ रीमा की चूत के लालच में ही बर्दाश्त कर रहा था लेकिन अब उसे समझ में आ गया था उसकी इज्जत और गांड को रीमा ने रौंद कर रख दिया है उसकी आंखों में आंसू आ गए और उसने भरे हुए गले से कहा कि रीमा चाची गलती हो गई | मुझसे मुझे लगा था आप भी दूसरी लड़कियों की तरह हो जिनको एक बार कपड़े उतार कर छोड़ दो तो पीछे पीछे भागने लागती है | लेकिन आप तो सबसे अलग हो आपने तो अकेले ही हम तीनो की गांड मार ली | हम अपनी ही नजरो में गिर गए | मुझे अब तो अपनी ही नजरों से नजरें मिलाने में दिक्कत होगी आपने मुझे इतना नीचे गिरा दिया है अपनी नजरों में शायद ही मैं किसी लड़की की आंख में आंख डाल कर देख पाऊंगा प्लीज मुझे माफ कर दो लड़कियों के बारे में मै अलग सोचता था मुझे लगता कि लड़कियां होती ही है चुदने के लिए | मुझे लगा था आप भी बाकि चूतों की तरह हो लेकिन आपने तो उलटा मेरी ही मार आपने तो मुझे ही लड़की बना कर रख दिया है अब मैं समझ गया हूं |

रीमा चाची मुझसे सचमुच में गलती हो गई मुझे माफ कर दो मैंने आपको कुछ और ही समझ लिया था |
रीमा - क्या समझ लिया था तुमने मुझे |
जग्गू बोला - मुझे लगा था आप ही बाकी देसी चूतों की तरह हो मैं अपने आप को बहुत गलत समझता था मुझे लगता था लड़कियां सजाती संवारती ही चुदने के लिए है इसलिए लडकिया चोदने के लिए सिर्फ होती है उनकी चूत तो सिर्फ लड़को की प्यास बुझने के लिए होती है लेकिन आपने तो ऐसा मेरी गांड मारली मुझे अपनी ही नजरों में इतना नीचे गिरा दिया है कि अब शायद ही किसी लड़की के सामने उसकी आंखों में आंखें डाल कर उसे नजर मिला पाऊं |

रीमा - कान खोल कर सुन लड़के चूत सिर्फ चोदने के लिए नहीं होती चूतों का प्यार चाहिए दुलार चाहिए उन्हें सहलाना होता है चूमना होता है चाटना प्यार करना होता है समझ गए| चूत का मलतब सिर्फ ये नहीं की लड़की की जांघ फैलाई और अपना लंड घुसेड दिया |

सबसे बड़ी बात कान खोलकर सुन ले जिंदगी भर के लिए चूत की मर्जी के बिना चूत की तरफ देखना भी नहीं | अपनी औकात में रहकर अपने हिसाब से अपने सर्किल में लड़कियों को ढूंढ समझना................ हर किसी खूबसूरत औरत को चोदने का ख्वाब देखना छोड़ दें औरत के साथ जबरदस्ती तो कभी मत करना और सबसे बड़ी बात अगर किसी लड़की को चोदना ही है तो पहले प्यार से उसका दिलजीत ठीक है उसको चाट चूम रगड़ मसल उसके साथ हंसी ठिठोली कर पुचकार प्यार कर उसके बाद चूत खुद ही अपनी जांघे खोल देगी और जितना मर्जी है उसको चोद वह मना नहीं करेगी | जब चूत की मर्जी हो तो जमकर चोदो उसे, दिखाओ सारी मर्दानगी | लेकिन अगर तू सोचता है कि दुनिया की हर चीज बस तेरे लिए ही बनी है जब मर्जी हो तब उसे गिरा कर उसकी पैंटी फाड़ कर उसके अंदर लंड घुसेड़कर कर उसे चोदेगा तो ऐसे नहीं होता चूत को चोदना है तो पहले उसकी मर्जी जान जब उसकी मर्जी होगी तब वह चुदेगी | अपनी मर्जी उस पर कभी मत थोपना |
जग्गू - मैं समझ गया कि |
रीमा - तो बोल आगे से किसी लड़की के साथ कोई जबर्दस्ती नहीं करूंगा जब उस लड़की का मन होगा तभी उसको चोदूंगा औरकिसी से जबरदस्ती करने का ख्याल तो मैं सपने में भी नहीं आऊंगा |
जग्गू - प्लीज मुझसे गलती हो गई माफ कर दो और किसी आप जैसी खूबसूरत चरित्रवान औरत के खिलाफ तो कभी मुड़ कर भी नहीं देखूंगा |
चल इसी के साथ मैं भी बस चरम पर पहुंचने वाली हूं तेरी गांड में ठोकरे मार मार मार कर मेरा साला चूत का दाना सूज गया दिया है | इसी के साथ रीमा के झटके एक्सप्रेस स्पीड पकड़ लिए | उसने जग्गू की गांड में दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन दना दन अपना लंड पेलने लगी | उसी के साथ वो जग्गू के लंड को भी तेजी से मसलने लगी | जग्गू के मुंह से कराह बहुत तेज हो गयी ऐसा लगा जैसे उसकी गांड फट के हाथ में आ जाएगी लेकिन इससे पहले कि जग्गू का शरीर जवाब दे जाता इंदौर और उसकी गांड जवाब दे जाती है रीमा झरने लगी | इसी के साथ रीमा की बह निकली, इतनी देर से उसकी वासना का रुका हुआ बांध टूट गया और उसे लगा जैसे चूत में बाढ़ आ गयी | रीमा के लिए सबसे अजीब था किसी लड़के की गांड मार मार कर ओर्गास्म हहासिल करना | यह बहुत ही सुखद और बहुत ही आश्चर्य चकित करने वाला और बहुत ही अनोखा अनुभव था जो रीमा को अब से पहले कभी नहीं हुआ था रीमा लड़कों की गांड मार मार कर झड़ गई इससे ज्यादा अच्छी और गौरवशाली बात रीमा के लिए कुछ नहीं हो सकती थी | उसने रिवर लॉज में जो भी देखा था उसके बाद उसके अंदर वही बात घर कर गयी थी | फर्क सिर्फ इतना था की वहां ओर्गास्म उसको हुआ था जो गांड में लंड ले रही थी यहाँ रीमा दुसरे की गांड मार रही थी | रीमा ने अब जग्गू के लंड को बुरी तरह से मुठियाना शुरू कर दिया |


उसको इस हालत में तड़पता हुआ छोड़ना हुआ उसे सही नहीं लगा | जग्गू ने माफ़ी मांग ली थी इसलिए रीमा का कोमल ह्रदय जाग उठा | रीमा के हाथ के लगाते करारे झटको से जग्गू ज्यादा देर तक ठहर नहीं पाया और उसके अन्दर से सफ़ेद लावे की धार फुट पड़ी | एक एक बाद एक लगातार पिचकारियो से उसने अपने पेट और रीमा के हाथ को बिगो दिया | रीमा ने जग्गू का लंड छोड़ कर आइस्ते से जग्गू की गांड से लंड बाहर निकाला | जागु की गांड का रस बाहर निकलने लगा था |

रीमा अब आत्मविश्वास से भर गई थी और आज जो कुछ भी यहाँ हुआ उसके बाद रीमा को लग रहा था कि जो कुछ भी रिवर लाउन्ज में उसने वहां देखा था उसमें से कोई भी चीज वो अब कर सकती है | इन लड़कों की ब्वेखूफी ने उसे एक ऐसा मौका दिया जब उसके अंदर का डर है संकोच शर्म हया सब मिटा दिया था अभी रीमा जो भी चाहे कि वह करेगी और ऐसा करने से उसे कोई नहीं रोक सकता | जग्गू बिस्तर पर पस्त पड़ा हुआ था | रीमा ने थोड़ी देर सुस्ताने के घुड़की दी -जल्दी से कपड़े पहन कर निकल जा एस आना हो मेरा मूड बन जाये और मै दूसरा राउंड शुरू कर दू | ये सुनकर जग्गू के मरे हुए शरीर में जान सी आ जाए उसमें फटाफट फटाफट अपने कपड़े को अपने शरीर पर लपेटा और तेजी से वहां से निकल गया रीमा चुपचाप बिस्तर पर निढाल पड़ी रही |
रीमा के घर से निकलते ही तीनो चुपचाप अपने अपने घर की तरफ चल दिए | किसी ने किसी से कोई बात नहीं करी | तीनो अपनी ही नजरो में गिर गए थे | शर्म, ग्लानी और सदमे से भरे हुए | किसी के पास भी सोचने समझने की शक्ति नहीं बची थी | बस बदहवास से अपने घर की तरफ भागे चले जा रहे थे | ऐसा लग रहा था जैसे भरे बाजार के बीचो बीच किसी ने उनका बलात्कार कर दिया हो | तीनो ने एक दुसरे से अलग होने से पहले एक दुसरे का मुहँ देखना तक गंवारा नहीं समझा | किसी मुहँ से एक दुसरे से नज़ारे मिलाते |

रीमा ने उन तीनो को एक दुसरे की नजरो में ही इतना गिरा दिया था, की अब इसके बाद कोई इज्जत उतारने को बचती कहाँ है |
प्रियम हमेशा की तरफ अपने घर में चोरो की तरह पीछे के दरवाजे से घुसा | जब भी प्रियम कुछ गलत करता था तो हमेशा सबकी नजरे बचाकर पीछे से घर में आता था | वो घर में घुस ही रहा था की उसका फ़ोन बजने लगा |
इधर रीमा बिस्तर पर ढेर कुछ देर तक छत की दीवार देखती रही., लेकिन जैसे ही उसको होश आया,उसकी चेतना लेती अपनी विजय के अहंकार से निकल कर झट से कपड़े पहने, खुद को ठीक किया | हल्का सा मेकअप किया और मेकअप करते करते उसके दिमाग में प्रियम का ख्याल आया | ये मैंने क्या कर दिया, प्रियम कही सदमे में आकर कुछ उल्टा सीधा न आर बैठे | उसने झट से प्रियम को फ़ोन मिला दिया | पिछले गेट से चोरो की तरह घुसते प्रियम की चोरी पकड़ी गयी | उसके फ़ोन की रिंग टोन, सामने मैं गेट के पास बैठी उसकी बुआ को सुनाई दी | रोहित तो अपने ऑफिस के काम से बाहर था, इसलिए अभी तो प्रियम अपनी बुआ और फूफा की ही कस्टडी में था | वैसे अगर रोहित के जीजा अनिल और दीदी रोहिणी नहीं भी आते तो रोहित प्रियम के लिए एक केयरटेकर का इंतजाम कर गया था, जो की प्रियम के स्कूल में पढ़ाती थी | इसके अलावा रीमा को भी उसने सख्त हिदायत दे रखी थी प्रियम की देखभाल करने की | वासना और बदले की आग उतरते ही रीमा को प्रियम का ख्याल आया | घंटी बजती रही लेकिन प्रियम ने फ़ोन नहीं उठाया | उसकी हालत नहीं इस समय की वो रीमा का सामना कर सके, भले ही वो फ़ोन क्यों न हो | रोहिणी ने वही से बैठे बैठे गर्दन घुमाई और देखा प्रियम पीछे से आ रहा है | उसे थोड़ा अजीब लगा लेकिन उनकी नजर में वो गुड boy था इसलिए ज्यादा कुछ सोचा नहीं |
रोहिणी - अरे प्रियम पीछे से कहाँ से आ रहे हो और तुमारा फ़ोन बज रहा है |
प्रियम ने अपनी सारी हिम्मत इकट्ठी करके, जरा सा रुका और बोला - रांग नंबर है बुआ |
यह बोलते उसकी आवाज कांपते हुए भर्रा गयी | वो तेजी से उपरी मंजिल पर स्थित अपने कमरे की तरफ भागा |
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Re: वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

Post by rajaarkey »

बहुत ही शानदार अपडेट है दोस्त

😠 😱 😘

😡 😡 😡 😡 😡 😡
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