अपडेट १२०९
भाभी को मैंने रंगे हाथो पकड़ लिया,
किसी औरत को मस्ती करते हुए देखने के बाद मैंने कुछ नहीं किया इस पे मुझे विश्वास नहीं हो रहा था,
ये मैं ही हु ना, पता नहीं मैंने ऐसा क्यों किया?
मैने भाभी को रास्ता तो दिखा दिया की कैसे वो अपना अकेलापन दूर करे, कैसे वो अभी भी उड़ सकती है,
उनको ये भी बताया की उनकी सास भी ये सब करती है,
लेकिन मैंने ऐसा क्यों किया? मैंने क्या किया, ना अपने लिए सेट किया और ना खुद को अच्छा दिखाया,
मैं यही सोच रहा था, सोफ़े पर बैठ कर सोचने लगा नींद नहीं आ रही थी,
भाभी अभी तक उसी रूम में थी,मैं सो नहीं पा रहा था,
क्या मुझे भाभी के साथ ट्राय करना चाहिए?
भाभी है तो अकेलि, उनका अकेलापन मैं दूर कर सकता हु, अभी तो कोई गलतफहमी नहीं है,
अभी कुछ किया तो मेरी बहनो को कोई प्रॉब्लम नहीं होगी,
मैं उठ कर भाभी के पास गया, भाभी अभी तक वैसे ही बैठी थी, मैं उनके पास चला गया,
मुझे देखने के बाद भी भाभी वापस कुछ सोचने लगी,
अवी- “भाभी अभी तक आप सोई नहीं”?
संगीता भाभी - “तुमने मेरी नींद ख़राब कर दी है”
अवी- “सॉरी, पर क्या मैं आपसे एक बात पुछु”?
संगीता भाभी- “पूछो”
अवी- “आपने मुझ पे शक कैसे कर लिया था”?
संगीता भाभी- “वो में, क्या बताऊ तुम्हे”
अवी- “अब तो सब क्लियर है हमारे बिच में, बता दीजिये”
संगीता भाभी- “मैं कुछ दिन से सबको अपने अपने पती के साथ देख कर अजिब सा फील कर रही थी”
अवी- “जलन हो रही थी”?
संगीता भाभी- “हा, मैं दिखाने के लिए झूठी स्माइल कर देती हु पर अंदर से मैं जलती रहती हु अपने पती के बिना अकेली हो गयी हु”
अवी- “आगे बताइये”
संगीता भाभी- “फिर लोगो को फ़्लर्ट करते हुए देखा इस शादी में लड़के लड़किया काफी क्लोज आ रही थी जिनको देख कर मेरे भी अरमान जाग रहे थे,
फिर आज जब हम यहाँ आ रहे थे तो अपनी सुहागरात को याद करने लगी,
जब तुमने रोहण सोहन की सुहागरात का इन्तज़ाम किया उसको देख कर रोमांस मेरे अंदर पैदा हो गया,
मैं वहा खड़े खड़े सपने देखने लगी, फिर जब यहाँ आयी तो सोचा काश मेरे पती जिन्दा होते तो आज उनके साथ कुछ करती,
फिर जब इस रूम को सजा हुआ देखा तो लगा तुम मेरे साथ कुछ करना चाहते हो, जो मुझे पसंद नहीं था, जिससे ये सब हो गया,
आजीब सी दुविधा में थी, एक तरफ मुझे कुछ कुछ हो रहा था और दूसरी तरफ ये सब गलत लग रहा था”
अवी- “अच्छा अब मैं चलता हु”
संगीता भाभी - “रुको”
मैं रुक गया,
संगीता भाभी- “मैं एक बात पुछु”?
अवी- “पूछिए”
संगीता भाभी- “तुम यहाँ वापस क्यों आ गए थे”?
अवी- “सच कहु तो, मुझे लगा आपने जो थप्पड़ मारा वो नाटक था आपके अंदर भी कुछ फील हो रहा था आप भी मेरे साथ प्यार करना चाहती है इस लिए पूछने आया था, सोचा की आपके दिल में भी कुछ होगा तो हम प्यार करेंगे”
संगीता भाभी- “और अब”?
अवी- “मैं गलत था तो वापस जा रहा हु”
संगीता भाभी- “तुम खुद को स्मार्ट समझते हो या मुझे इडियट”?
अवी- “क्यों क्या हुआ”?
संगीता भाभी- “ऐसे बाते कर रहे हो जैसे मैं इडियट हु, साफ साफ बोलो तुम क्या चाहते हो”?
अवी- “आप भी बताइये आपने अपना दर्द कम करने के लिए क्या सोचा”?
संगीता भाभी- “तुम बताव”
अवी- “करके बताता हु”
ओर मैंने डोर बंद किया, और कमरे की लाइट ऑफ करके कैंडल जला दिए और अपनी टीशर्ट निकाल कर फेक दी,
संगीता भाभी बस मुझे देखति रह गयी,
मैं संगीता भाभी के पास वापस आ गया, और उनके कंधो को पकड़ कर बेड पर लीटा दिया,
अवी- “आप उड़ने को तैयार है”?
संगीता भाभी- “मैं गलत तो नहीं कर रही हु ना”?
अवी- “नही, ये हमारा राज़ रहेगा, साल में कभी कभी”
ओर मैं संगीता भाभी को किस करने के लिए आगे बढ़ने लगा,
भाभी की धड़कने तेज चलने लगी, मैंने भाभी के होठो से अपने होठ मिला दिये,
भाभी की धडकने तो रेस वाले घोड़े से भी तेज चलने लगी, भाभी कब से प्यासी थी,
भाभी के साथ ये सेटिंग कैसे हो गयी पता ही नहीं चला,
भाभी भी कंफ्यूज थी की ये कैसे हो गया?
पर अब आग लग गयी तो जलने में भलाई है, मैं भाभी के होठो को चूसने लगा,
Incest Main meri family aur mera gaon part -2
- SATISH
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Re: Main meri family aur mera gaon part -2
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Re: Main meri family aur mera gaon part -2
भाभी भी कुछ कम नहीं थी, भाभी ने अपनी सास की मस्ती देख ली थी,
अब वो भी बिंदास बन गयी थी, मुझे पूरा यकीन था की भाभी मेरे सिवा कही नहीं जायेगी अब,
भाभी इसको अपनी सेकण्ड सुहागरात समझ रही थी,
ओर मैं भाभी को प्यार करके आज की रात रंगीन बना रहा था,
भाभी के होठो को चूसने में मज़ा आ रहा था,
भाभी के निचले होठ चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था,
भाभी के होठो को काटने के साथ चूस रहा था क्यों की भाभी को गरम और जोष में रखना चाहता था,
भाभी तो कब की प्यासी है,उनको जल्दी जल्दी २ राउंड चहिये,
इस लिए मैं होठो को चूसने के साथ नाइटी के ऊपर से उनके बूब्स मसलने लगा, टाइट बूब्स थे भाभी के,
बूब्स को मसलना और किस करना वो भी भाभी के साथ ये तो जन्नत थी,
भाभी तो मेरे पिट पे अपने हाथ घुमा रही थी, इनको जल्दी से सेक्सी बना देता हु,
क्यों की भाभी को अपने अंर लंड चाहिये,
मैने अपने कपडे निकाल दिये, मेरा लंड फुल मूड में आ गया था,
भाभी ने भी अपनी नाइटी और पेंटी निकाल दी,
दोनो नंगे हो कर एक दूसरे की खुबसुरती को देखने लगे,
भाभी की नजर तो मेरे लंड पर थी, मेरी नजर भाभी की बालो वाली चूत पर थी,
इतने दिनों बाद बालो वाली चूत मिलने से खुश था,
बालो वाली चूत तो कितने दिनों से मिली ही नही,
मैं आगे बढ़ने लगा था की भाभी उठ कर मेरे लंड के सामने आ गयी,
संगीता भाभी- “ये तो बहोत बड़ा है”?
अवी- “इसके बाद आपको कोई और पसंद नहीं आयेगा”
संगीता भाभी ने मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ लिया, और लंड को हिलाने लगी,
लंड तो पहले ही सख्त हो गया था, भाभी को मेरा लंड पसंद आ गया,
भाभी इसको प्यार करना चाहती थी, अपने अंदर की रंडी को बाहर निकालना चाहती थी,
मैं भी यही चाहता था, भाभी के अंदर की रंडी बाहर निकलते ही इस खेल में मज़ा ज्यादा आयेगा,
भाभी ने अपना मुह खोल कर मेरे लंड को चूसना शुरू किया,
अपनी सास को पण्डितजी का लंड चूसते हुए देखा था, अब वो इसका मज़ा ले रही थी,
इतने सालो बाद लंड मिलने से जो ख़ुशी हो रही होगी भाभी को वो बता नहीं सकता,
भाभी तो कुछ ज्यादा ही एक्साइट होकर लंड चूस रही थी,
भाभी को लग रहा होगा की आज उनके देवर अपनी सुहागरात मना रहे है और वो यहाँ सेकण्ड सुहागरात मना रही है,
ऐसे चोरी चोरी चुपके चुपके सेक्स करने में मज़ा कुछ ज्यादा आता है,
ऐसे सेक्स हो जाये तो एक अजिब फीलिंग मिलती है,
भाभी ने तो बड़े मज़े से लंड को चूसना शुरू किया,
अब तक ये सिर्फ सुना या कही साल पहले किया होगा,
पर आज वापस वो मेरे लंड को चूसने से भाभी की आग शांत हो रही थी,
भाभी बिच बिच में सास लेने के लिए मेरे लंड को हिलाने लग जाति,
मैं तो भाभी की इस हरकत से खुश था, भाभी मस्ती की दुनिया में चली गयी थी,
भाभी ने उड़ना सिख लिया था, बस अब भाभी गिरे नहीं इसका ध्यान रखना होगा मुझे, उसके लिए मेरा लंड है,
भाभी ने जितना हो सके उतने देर तक मेरा लंड सक किया, वो तो रुख ही नही रही थी, पर उसकी चुत तडफ रही थी,
भाभी की चुत को अच्छे से शांत करूंगा, भाभी की तो अच्छे से प्यास बुजा दूंगा
आज बुआ के तीनो घर में सुहागरात हो रही थी,
मुझे पता है की आज तीनो घर में कोई नहीं सोयेगा,
भाभी ने अपना काम कर लिया, अब मेरी बारी थी भाभी को खुश करने की.
अब वो भी बिंदास बन गयी थी, मुझे पूरा यकीन था की भाभी मेरे सिवा कही नहीं जायेगी अब,
भाभी इसको अपनी सेकण्ड सुहागरात समझ रही थी,
ओर मैं भाभी को प्यार करके आज की रात रंगीन बना रहा था,
भाभी के होठो को चूसने में मज़ा आ रहा था,
भाभी के निचले होठ चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था,
भाभी के होठो को काटने के साथ चूस रहा था क्यों की भाभी को गरम और जोष में रखना चाहता था,
भाभी तो कब की प्यासी है,उनको जल्दी जल्दी २ राउंड चहिये,
इस लिए मैं होठो को चूसने के साथ नाइटी के ऊपर से उनके बूब्स मसलने लगा, टाइट बूब्स थे भाभी के,
बूब्स को मसलना और किस करना वो भी भाभी के साथ ये तो जन्नत थी,
भाभी तो मेरे पिट पे अपने हाथ घुमा रही थी, इनको जल्दी से सेक्सी बना देता हु,
क्यों की भाभी को अपने अंर लंड चाहिये,
मैने अपने कपडे निकाल दिये, मेरा लंड फुल मूड में आ गया था,
भाभी ने भी अपनी नाइटी और पेंटी निकाल दी,
दोनो नंगे हो कर एक दूसरे की खुबसुरती को देखने लगे,
भाभी की नजर तो मेरे लंड पर थी, मेरी नजर भाभी की बालो वाली चूत पर थी,
इतने दिनों बाद बालो वाली चूत मिलने से खुश था,
बालो वाली चूत तो कितने दिनों से मिली ही नही,
मैं आगे बढ़ने लगा था की भाभी उठ कर मेरे लंड के सामने आ गयी,
संगीता भाभी- “ये तो बहोत बड़ा है”?
अवी- “इसके बाद आपको कोई और पसंद नहीं आयेगा”
संगीता भाभी ने मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ लिया, और लंड को हिलाने लगी,
लंड तो पहले ही सख्त हो गया था, भाभी को मेरा लंड पसंद आ गया,
भाभी इसको प्यार करना चाहती थी, अपने अंदर की रंडी को बाहर निकालना चाहती थी,
मैं भी यही चाहता था, भाभी के अंदर की रंडी बाहर निकलते ही इस खेल में मज़ा ज्यादा आयेगा,
भाभी ने अपना मुह खोल कर मेरे लंड को चूसना शुरू किया,
अपनी सास को पण्डितजी का लंड चूसते हुए देखा था, अब वो इसका मज़ा ले रही थी,
इतने सालो बाद लंड मिलने से जो ख़ुशी हो रही होगी भाभी को वो बता नहीं सकता,
भाभी तो कुछ ज्यादा ही एक्साइट होकर लंड चूस रही थी,
भाभी को लग रहा होगा की आज उनके देवर अपनी सुहागरात मना रहे है और वो यहाँ सेकण्ड सुहागरात मना रही है,
ऐसे चोरी चोरी चुपके चुपके सेक्स करने में मज़ा कुछ ज्यादा आता है,
ऐसे सेक्स हो जाये तो एक अजिब फीलिंग मिलती है,
भाभी ने तो बड़े मज़े से लंड को चूसना शुरू किया,
अब तक ये सिर्फ सुना या कही साल पहले किया होगा,
पर आज वापस वो मेरे लंड को चूसने से भाभी की आग शांत हो रही थी,
भाभी बिच बिच में सास लेने के लिए मेरे लंड को हिलाने लग जाति,
मैं तो भाभी की इस हरकत से खुश था, भाभी मस्ती की दुनिया में चली गयी थी,
भाभी ने उड़ना सिख लिया था, बस अब भाभी गिरे नहीं इसका ध्यान रखना होगा मुझे, उसके लिए मेरा लंड है,
भाभी ने जितना हो सके उतने देर तक मेरा लंड सक किया, वो तो रुख ही नही रही थी, पर उसकी चुत तडफ रही थी,
भाभी की चुत को अच्छे से शांत करूंगा, भाभी की तो अच्छे से प्यास बुजा दूंगा
आज बुआ के तीनो घर में सुहागरात हो रही थी,
मुझे पता है की आज तीनो घर में कोई नहीं सोयेगा,
भाभी ने अपना काम कर लिया, अब मेरी बारी थी भाभी को खुश करने की.
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- 007
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Re: Main meri family aur mera gaon part -2
Bahut hi sandaar lajawaab update bhai.......superb action.........!
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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- rajsharma
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Re: Main meri family aur mera gaon part -2
बहुत ही शानदार अपडेट है दोस्त
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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`·.¸.·´ -- raj sharma
(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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`·.¸.·´ -- raj sharma
- naik
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- Joined: 05 Dec 2017 04:33
Re: Main meri family aur mera gaon part -2
super hot update brother keep posting
waiting for the next update