ammi

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deen10
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ammi

Post by deen10 »

मेरा नाम अहमद है और मैं १०थ क्लास में पढ़ता हूँ गाओं क हे एक स्कूल में आर्मी में थे एपीआई की शादी होअय २ साल हो चुके थे और उन से छोटी एपीआई की शादी २ महीने बाद तेह पायी थी में मेरा एक छोटा भाई बी था जो मेरे साथ हे स्कूल जाया करता था एक घर में हे रहती थी...मुझे तब अब्बू ने न्य न्य टच फ़ोन ले कर दिया होआ था ९थ पास होने क बाद और इस फ़ोन की वजह से मेरी ज़िन्दगी टोटली चेंज्ड होगयी पे पोर्न वीडियोस का इस एक साल में इतना एडिक्ट होगया क मुझे और कुछ दीखता हे नै था क बग़ैर रहा नै जाता था घंटों तक मैं अपने रूम में बेथ वीडियोस देखता रहता नयी जवानी चारि थी तो जोश ब्रा था मैं बुहत दुबला पतला था बी कम् थी तब तक़रीबन ५ फ़ीट थी की यही रूटीन होती थी क स्कूल से आते हे मैं अपने रूम में लॉक होजाता और बाहिर की दुनिआ से अंजना होआ वीडियोस की दुनिआ में घुमा रहता था का महीना था गर्मी ज़ोरो पर थी १०थ क फाइनल एक्साम्स देकर फ्री होआ था और दिन बार आवारागर्दी करता और रात को फ़ोन पे वीडियोस...उन् दिनों अम्मी एक माह क लिए हज पे गयी होइ थी हमारी एक फीमेल रिलेटिव क साथ घर में होती थी और छोटे भाई को संभालती थी एक दिन जब अम्मी को लेने एयरपोर्ट गया मैं तो अम्मी ने मुझे देखा तो वो तो जैसे हैरान होगयी और एपीआई से बोली इस को कुछ खाने को नै देती क्या दिन मैं खुद को घोर से देखा सुच में मैं पहले से काफी वीक होगया होआ था पीना टाइम पे न खाने का नतीजा था अम्मी को लेकर घर आये को मेरी बरी फ़िक्र लाहक़ होगयी को बरी बातें सुनाई बोली मेरी कहाँ सुनता है पूरा पूरा दिन अपने रूम में होता है पता नै क्या करता रहता है और एक इस को फ़ोन ले कर दे दिया होआ है मना बी किया था अभी छोटा है...अम्मी अब मेरे खाने का ख्याल तो रखने लगी पर मेरा खाने में मैं हे नै लगता था सी बेचैनी रहती थी बी ये बात नोटिस की दिन की बात है अम्मी सुबह सुबह मेरे रूम में गंदे कपड़े लेने आगयी क धोने है ने जब सब कपड़े अकथाय किये और ले गयी धोने ुंडेरवेअर्स में अक्सर लूँ का पानी छूट जाता या उस से लूँ को साफ़ करता था तो उस वजह से पानी कब सूख जाता तो अंडरवियर का कपड़ा करक होजाता और साफ़ स्मेल बी आती ने शायद कपड़े धोते वक़्त ये बात जान ली थी और अब उन्ह्र बी समझ आ रही थी क मैं वीक क्यों होते जा रहा हूँ उन्हों ने बुहत समझाया क अहमद सेहत का ख्याल रखा करो उलटे काम न किया करो पर नतीजा कोई नै निकला...फिर एक दिन दोपहर का टाइम था और मैं अपने रूम में बैठा पोर्न वीडियोस देखते हाथ चला रहा था और मेरा पानी निकलने हे वाला था और तभी एक डैम से मेरे रूम का दूर खुला में मैं दूर लॉक करना भूल गया पीठ दूर की और थी एक डैम से गर्दन घुमा कर पीछे देखा तो अम्मी का ग़ुस्से से लाल चेहरा देखा और उन्हों ने बास इतना हे कहा Ahmadddddddddd,aur मेरे मौन से अम्म्मम्मीय निकला और साथ हे एक पिचकारी निकली मेरे लूँ से जो सीधे सामने देवर पे जा गिरी और मेरी हालत ख़राब थी बंद किसी चरसी की तरह मैं खलास होगया था सेकण्ड्स हे गुज़रे होंगे क मेरी मस्ती उत्तरी तो मैं अम्मी की और देख जल्दी से अपना लूँ पाजामे में डाला तो अम्मी तेज़ी से चलती मेरी और आयी और आते हे मुझे मेरे बालो से पाकर मरने लग पारी पहले से थका होआ था पानी निकलने की वजह से चीख निकली आआह अम्मम्मि मुझे ग़ुस्से से चिलाती थापर मर रही थी अरसे बाद अम्मी की मर पर रही थी बरी सख्ती होआ करती थी तो हाइट अछि खासी थी और ऊपर से इतनी हेअल्थी बी थी तो मुझे बी दर लगता था मुझे मरती जा रही थी क कमीने ये काम करता है तो अपने रूम में बंद होकर ज़रा शर्म नै आती पता नै क्या कुछ बोलते मुझे मरी जा रही थी तक्क क मेरे गाल लाल होगये मार से अम्मी आगे कही जा रहा था क आंकी चोर दे मैं आइंदा कभी ऐसा नै करूँगा देर बाद अम्मी मुझे मरना बंद किया और वही बीएड पे अपना सर पाकर बेथ गयी मेरे खुदाया मई क्या करूँ मैं इस लड़के का क्या करूँ नीचे बैठा था फर्श पे और अम्मी क घुटने पाकर बोलै अम्मी मुआफ कर दे आइंदा नै करूँगा फिर से एक थापर दे मारा मेरे मौन पर तो मैं रोना शुरू कर दिया और उठ कर वाशरूम में चला गया तक मैं वाशरूम में खुद को बंद किये रखा फिर थक हर कर बाहिर आया और अपना फ़ोन ढूंढ़ने लगा तो नै मिला उसे ले गयी थी...मैं अपना सर पाकर बैठा रहा...ये नशा बी ऐसा था क मेरे सर पर चढ़ा होआ था जितना चाहता क अब नै करूँगा दोबारा फिर से दिल करने लग परता तो अम्मी बी जान गयी थी मई क्या मौन दिखाओं गए उन्हें सब बातें मेरे ज़ेहन में चल रही थी और मैं खुद को कोसते होअय और अपने दोस्तों को जिन से मुझे ये शोक प्र रट रट सोग्य को ऐसा लगा जैसे कोई मुझे झगा रहा हो मन उठा तो वो अम्मी क शफ़क़त भरे हाथ थे को अपने बीएड पे बैठे देख मैं एक डैम से सेहम गया क शायद अम्मी अब दोबारा मुझे मरे गई और मैं बोलै बी क अम्मी मुझे मैट मारिये गए मैं नै करूंगा जो कहेगी वो करूँगा सेहमा देख अम्मी की आँखें बी नाम होगयी और प्यार से मुझे गले लगते बोली मैं नै मृगी अपने बेटे को मुझे प्यार करने लग पारी बी थोड़ा सकूं मिला ने तभी मुझे पीछे कर बोली ये खाना खा ले दोपहर से कुछ नै खाया चुप कर खाने लग प्र बीच में
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अम्मी को देखता तो उनको अपनी और प्यार से देखता पता फिनिश कर साइड रखा और अम्मी मुझे दूध का गिलास दिया और मेरे सर पे हाथ फेरती बोली मेरा सोना बीटा क बाद से कोई उलटे काम नै करेगा हाँ में सर हिलाया से मैं बी पूरी निय्यत की होइ थी क आइंदा नै करूँगा ढूढ़ पी कर अम्मी की घोड़ में सर रख लेत गया और किसी बचे क जैसे अपने दिल का हाल अम्मी सामने बिना किसी शर्म क रख दिया हर बरी मैं इरादा करता हूँ क नै करूँगा और फिर से दिल करने लग परता से कण्ट्रोल नै हो पता बोली बेटे अब मैं आगयी हूँ न अब मैं अपने प्यारे बेटे का पूरा ख्याल राखु गई मुझ से वडा कर पूरी कोशिश करे गए इस काम से दूर होने की मैं हाँ में सर हिलाया मेरे साथ हे लेत गयी और मुझे सुला कर चली गयी दिन मैं उठा तो एक नयी निय्यत से उठ कर फ्रेश होआ क आज क बाद कोई वीडियो वग़ैरा नै दिन बारे अचे गुज़रे बी खुश थी क मैं टाइम पे खाना बी खाने लग प्र था और ज़्यादा टाइम अम्मी साथ हे बीतता क अकेले में उलटे ख्याल आने...३र्ड डे था क मुझे फिर से बेचैनी होने लग पारी वीडियोस देखने का मन करने लग प्र ब्रा कण्ट्रोल किया पर आखिर मैं अम्मी पास चला गया और उन्हें बोल दिया क अम्मी प्ल्ज़ फ़ोन दे दें मेरे से नै रहा जा रहा मुझे प्यार से मना किया और बोली बीटा और चीज़ो बारे सोचो सब ठीक होजाये गए तक्क मेरी हालत किसो चरसी की तरह होगयी थी जिसे चरस न मिल रही हो सब नोट कर रही थी और फ़िक्र में दुखी बी नज़र आ रही थी क क्या करे को बी अपने साथ हे सुलाया क कहीं मैं फिर से कण्ट्रोल न खो दूँ जैसे तैसे कर वो रात बी गुज़री अम्मी १० बजे क क़रीब मुझे शहर ले गयी अपने साथ बस में पोछा बी क अम्मी कहाँ जा रहे हम वो बोली चुप रहो पूरी कवर उप थी बुर्का पहना था जैसे नोर्मल्ली बाहिर जाती दोनों माँ बेटे एक क्लिनिक क पास जा पोहंचे पे किसी फीमेल का नाम लिखा था लॉक था ने अपने फ़ोन से किसी को कॉल की तो एक औरत ने कुछ देर बाद अंदर से दूर खोला हम दोनों अंदर चले गए क ऑफिस में बैठे चेयर्स पे तो कुछ देर बाद एक अम्मी की आगे की एक पतली सी डॉक्टर आयी और हम से मिली ने उन्हें कुछ इशारा किया तो डॉ बोली बीटा तुम उस वाले रूम में जा कर बीएड पर लेटो मैं आती हूँ चेक उप करने चुप कर क वहां चला गया लोगो की बातें कान लगा कर सुन' ने लग प्र बोली डॉ सभा मैं कॉल पे बताया था न मसला ये मेरा बीटा है आप हे कुछ करे ने अम्मी को तसल्ली दी और उठ कर मेरे पास रूम में आगयी उधर हे बैठी रही मुस्कराते बोली सीधे लेत जाओ लेत गया क बीटा जो बी पोछूँगी सुच सुच बताना तभी तुम्हारी हेल्प कर पाऊँगी हाँ में सर हिलाया डॉ बोली कब से तुम अपना पानी निकल रहे थॉर घबराते जवाब दिया क तक़रीबन एक साल से बोली लास्ट टाइम लैब निकला मैं बताये ३ दिन पहले बोली जब पानी निकलता तब तुम्हारा पार्ट फुल खरा होता बोलै पहले फूल खरा होता था अब नै इतना होता और बरी जल्दी निकल बी जाता बारे अचे तरीके से मुझ से पॉच रही थी बोली पानी अब पतला निकलता होगा माँ पहले से हाँ में सर हिलाया डॉ बोली अपनी पंत उतरो ज़रा थोड़ा घबराते पंतय उतर दी अंडरवियर मैं नै पहनता था तब पंत नीचे होइ तो डॉ मेरे सोये लूँ को देखा और ग्लव्स पहन उसे ऊपर नीचे कर देखने लग पारी करने से मुझे फीलिंग्स आने लगी और लूँ थोड़ा खरा होने लगा मेरी बॉल्स बी देखि फिर मुझे पंतय ऊपर करने का बोल बाहिर चली गयी अम्मी पास...मैं वैसे हे लेता हलकी हलकी अम्मी और डॉ की आवाज़ें सुन'ने लग प्र परेशानी से डॉ से पोछा सब ठीक है न थोड़ा पॉज लेती होइ बोली देखो नसरीन तुम जान'ने वाली हो इस लिए बहनो की तरह साफ़ साफ़ बताती हूँ बेटे की हालत ठीक नै है की लत्त(आदत) ने उसे बाहिर से तो वीक किया हे है अंदर से बी खोखला होअय जा रहा बोली मैं समझी नै डॉ सभा बोली देखो अगर यही हल रहा न तो तुम्हारा बीटा फ्यूचर में न मरद्द बी बन सकता क हद्द से ज़्यादा हाथ चलने से उस का वो पार्ट बुहत इफ़ेक्ट होआ है और अब ठीक से खरा बी नै होपाता स्पीड से गया तो अपनी बीवी को कभो खुश नै रख पाए गए और न बाप बन पाए गए बी उस क पतले हो चुके पहले से साल से वो इस नशे में प्र है और तुम्हे खबर तक नै होइ माँ हो रट होअय बोली डॉ सभा ऐसा मत कहे मेरी जान है उस में ग़लती थी जो सख्त पैन में उस क क्लोज नै हो पायी और न उसे समझ पायी क इतने क़रीब आयी क अपनी औलाद को हे दहन न दे पायी को रोटा परेशां देख डॉ बोली चुप करो अब होगया सो होगया अब आगे की सोचो... अम्मी आँखें साफ़ करते होअय बोली डॉ सभा जो आप बोले गई वही करू गई जितनी चाहे फीस ले लें आप बस मेरे बेटे को ठीक कर दे धीरे लहजे से बोली पैसे की बात नै है थोड़ा सीरियस है वग़ैरा वाला काम नै है अगर ऐसा होता तो तुम्हे मेडिसिन्स लिख देती मसले का हल है तो पर मुझे नै लगता तुम कर पाओगी... अम्मी बोली मैं सब कुछ करू गई आप बताये तो बोली नै नसरीन तुम ठहरी मज़हबी खातून क चक्र में ऐसे ये नै कर पर पाओगी बोली क्या नै कर पाऊँगी...डॉ एक लम्बी सांस लेते बोली तो सुनो हल साल पहले मेरी एक दोस्त डॉ क पास बी ऐसा हे केस आया था लोगो ने बी बरी मेडिसिन्स खायी पर कोई असर नै होआ फिर उस लड़के की माँ ने सारा ज़िमा उठाया और आज देखो उस लड़के न सिर्फ शादी हो चुकी बल क बचे बी हैं...अम्मी बोली डॉ सभा पहेलियाँ न भुजवायें साफ़ साफ़ बताये मुझे क्या करना होगा नसरीन अहमद अभी छोटा है तो इस की शादी तो कर नै सकते और कोई ग़ैर औरत ये काम करेगी बी नै तो औरत हो सब समझती और एक्सपेरिएंस्ड हो हे हो क आदमी क उस पार्ट का तालुक दिमाग़ से होता तुम्हे धीर धीरे अपने बेटे को ठीक करना होगा तो उस क दिल में जगह बनाओ माँ की तरह नै एक औरत की तरह उसे सब समझाओ क औरत का एहसास क्या होता जब उस की फीलिंग्स जहाज तो उन्हें कण्ट्रोल करना सिखाओ...अम्मी ये सब सुन हैरान होगयी और एक डैम से बोली डॉ सभा ये आप क्या बोल रही मैं माँ हूँ उस की अपनी कोक से जना है उसे मेरा बीटा है वो मैं कैसे वो सब की मुझे तो सोचते होअय बी घिन आ रही आप कैसे कह सकती ये सब मेरे से नै हो पायेगी ये सब तो गुना इ कबीरा है ने काफी खरी खरी डॉ को सुनाई...डॉ आखिर तंग आ कर बोली देखो नसरीन एक वाहद हल मैं बता दिया अब चाहे तुम न करो उस पर अमल और लगे रहने दो अपने बेटे को इस नशे में को जब यही नशा उस की पूरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दे गए और शादी बी नै होपाये गई सब नामर्दद बोले गए तब अपने इन् असूलों और मज़हब को हे अपने क़रीब रखना काम आये गए तुम्हारे और फिर रोटी रहना और अपने बेटे को बी रट देखती रहना में नशे में लोग ख़ुदकुशी कर बेतहतर फिर करती रहना अपनी इबादतें...अम्मी सब बातें सुन जैसे शर्मिंदा होगयी और परेशां बी और चुप्प कर क उठी और मुझे साथ लेकर घर चल दी रस्ते खामोश रही बी समझ में कुछ कुछ बातें आयी थी पर पूरी नै...घर आते हे अम्मी नार्मल क कामो में बिजी होगयी...मैं अपने रूम में फिर से बेचैन होअय चला गया को बरी एपीआई अपने साथ ले गयी अपने घर और छोटे भाई को बी कसल स्कूल से छुट्टी थी तो वो बी साथ चला गया घूमने...मैं खाना खा कर चुप कर क सोग्य मेरे साथ कोई बात नै की... सुबह जब अम्मी क नरम हाथो क एहसास से आँख खुली तो उठा तो उठ कर बीएड पे बेथ गया और जब सामने देखा तो मेरा तो जैसे हलक़ खुश्क होगया देख कर...आज तक्क अम्मी को कभी घर में बी बिना दोपट्टे क नै दिखा था की आदत थी हमेशा थोड़े खुले कपड़े पहनती थी की एक हे वजह थी क उन का हेअल्थी जिस्म शर्म का दमन पकड़े रखने वाली अम्मी आज मेरे सामने जिस अंदाज़ में खरी थी कोई बी घायल हो सकता था खुले घने बाल जो क थोड़े गीले थे जिस से पता चल रहा था क अभी अभी नाहा कर निकली है अम्मी बरी आँखें और नीचे रसीले मोठे होंठ सुराई दर गर्दन और सफ़ेद रंग की कमीज जिस क गले पे ४ बटन्स लगे थे और उन में से २ बटन्स खुले थे जिस की वजह से अम्मी क मोठे मम्मो का क्लीवेज साफ़ दिख रहा था गले में बी कोई दोपट्टा नै था मोठे मम्मो को कवर करने क लिए और पहली बरी अम्मी क मोठे मम्मो की शेप सही से नज़र आ रही थी थोड़ी टाइट थी और नीचे चोरी धार तंग पजामा पहना था जो क शायद एपीआई का था तंग पजामा में
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अम्मी की टांगो की शेप साफ़ दिख रही थी तो एक टिक लगाए ऊपर से नीचे अम्मी को देखता रह गया में अम्मी बला की खूबसूरत थी पहली बरी रीलीज़ होआ था मुझे चिट्टी हुस्न की पारी लग रही थी मुझे एक तक खुद को मौन खोले देखते पाया तो थोड़ा शर्मा गयी और बोली अहमद उठो चलो फ्रेश होजाओ जल्दी से में हिम्मत नै होइ कुछ बोलने की ग़ज़ब होगया जब अम्मी इतना कह कर वापिस मूर्ति तो उफ्फ्फ उनकी क़यामत ख़ेज़ हैवी बाहिर को निकली गांड को हिचकोले खता देखा तो बिजलिये गिरने लगी की चल में बी आज वैया फ़र्क़ था थोड़ी ऐडा साथ चुतर हिलाये धीरे धीरे वापिस रूम क दूर जानिब जा रही थी ऐसे लगा जैसे अम्मी मुझे जान बूझ कर अपने मोठे चुतर दिखा रही हैं मुझे पास पोहंच कर एक साइड हाथ रख दूर क एक डैम से पीछे मूर्ति और मुझे लालची नज़रो से अपनी गांड को घूरते देखा तो मुस्करा दी और नीचे चल दी तो होश ुर चुके थे हे रात में मेरा मनो सब कुछ चेंज होगया हो की तरफ देखने का नज़रिया बदल चूका था हे दिल में खुश बी होआ क डॉक्टर की बातों का गहरा असर होआ है अम्मी पे वर्ण अम्मी जैसी मज़हबी खातून कैसे अपने हे बेटे को ठीक करने क लिए अपना सब कुछ वॉर रही थी...िनी सब ख्यालों में खोये मैं फ्रेश होआ और एक पतला कॉटन का पजामा पहना बास और ऊपर टी शर्ट और नीचे चल दिया क दूर पे खरा होआ तो देख सामने अम्मी नाश्ता बना रही थी छुरी दार पाजामे में अम्मी की मोती कस्सी होइ गांड बाहिर को निकली जोई थी और उन क हिलने से गांड क कतार बी हिल रहे थे एक दूसरे साथ रैगर खा कर और मेरा लूँ जोश में आ रहा था धीरे धीरे बड्ड देखि जा रहा था और एक हाथ नीचे ले जा कर लूँ को मसला बी पहली बार था क अम्मी क लिए लूँ खरा हो रहा था को जब एहसास होआ क मैं किचन क दूर पे खरा उनकी मोती गांड को तार रहा हूँ तो उन्हों ने मुस्कराते होअय पीछे गर्दन घुमा कर बोलै अहमद पुत्र आ गए तुम २ मं नाश्ता बास रेडी है और आगे वापिस मुर नाश्ते में बिजी होगयी और मुझे लगा जैसे अम्मी में जान बूझ कर अपनी मोती हांड थोड़ी सी झुका कर पहिला दी थी अब पूरी कोशिश कर रही थी क मैं उनकी मोती गांड को ग भर क देखु और वही मैं कर रहा था मुझ में पता नै कहाँ से इतनी हिम्मत आगयी मैं धीरे धीर आगे को बढ़ा को बी शायद फील होगया क मैं उनकी और आ रहा हूँ तो उन्हें ने बी थोड़ी सी गांड मज़ीद बाहिर को निकाल दी की इस ऐडा से मेरे से रहा नै गया और अम्मी साथ बैक से लग क खरा होगया जूनही अम्मी क मोठे चुतरों साथ मेरा लूँ लगा कपड़ो क ऊपर से हे उस में एक डैम से जैसे जान आगयी हो और इस बात को अम्मी ने बी फील किया पीछे देख बास मुस्करा दी नोली कुछ हौसला मज़ीद बारे मैं थोड़ा और साथ लग गया ये था अम्मी की हाइट काफी बरी थी मेरे से १ फ़ीट ज़्यादा हे थी तक़रीबन लिए पीछे जब मैं अम्मी क मोठे चुतरों में लूँ लगाया तो वो अम्मी की लोअर थिएस पे जा लगा पेरो क पंजो क बल खरा होगया जैसे ऊंचाई से कोई शे उतरनी हो तो ऊपर को उठना परता पेरो क बी हाफ उठा कर वैसे ऊपर होने क बाद कहीं मेरा लूँ अम्मी क चुतरों क बीच रैगर खाने लगा दोनों हाथ आगे बढ़ाये और उनकी फैली होइ गांड को अपनी बाहों में ले लिया मुश्किल से मेरी बाहों में पूरी गांड आयी अपने हाथो से गांड क हिप्पस झाकर लिए हलके से और अपना लूँ थोड़ा पीछे कर फिर से आगे किया जैसे कोई घस्सा लगा रहा हो क मौन से एक हलकी सी सिसकी निकली धीमी सी की सिसकी से मेरा हौसला बारे और एक दो और धीरे घससय लगाए तो अम्मी क हाथ जो पहले प्रथा बैल रहे थे वो बेलने क ऊपर हे रुक से गए बिना पीछे देखे अपनी गांड थोड़ी दये बाये हिलायी और नतीजतन मेरा लूँ काफी जोश में आज्ञा ट्रॉउज़र की वजह से मेरा लू काफी हद्द तक रियल में अम्मी को अपने हिप्पस में फील होरहा था...अम्मी ऐसे रुकी थी जैसे मेरी अगली हरकत का इंतज़ार कर रही हों छोटी होनी की वजह से एक तो बरी मुश्किल से गांड क लेवल तक पोहंच उसे झाकरा होआ था दोसरा मेरी अपनी विड्थ(चोराई) अम्मी की गांड की विड्थ आगे १/३ थी मुझे जैसे ३ विड्थ में मिलाये जाये तब अम्मी की गांड बराबर आये गए बरी फैली होइ गांड थी अम्मी की....मैं अब खरे लूँ को गांड क नीचे ले जा कर फिर से ऊपर की और घस्सा सा लगता से अम्मी क मोठे चुत्रो में थार थरहट पैदा होती चुप करे इसे एन्जॉय कर रही थी पर बोल कुछ नै थी रही जोश में मैं ने अम्मी की कमीज चुतरों से ऊपर को उठायी तो अम्मी जैसे एक डैम से सीढ़ी हो मेरी पोहंच से निकल गयी खुद को सीधा कर बोली बीटा तू वहां डाइनिंग टेबल पे जा कर बेथ मैं लती हूँ नाश्ता क इस अचानक बेहवे की वजह से मैं थोड़ा डिसअप्पोइंट बी होआ पर ख़ुशी उस से ज़्यादा होइ क आज पहली बार अम्मी क मोती गांड को थोड़ा ऊपर से हे सही पर फील किया था अम्मी जैसी औरत तो खुद को किसी को चुने तक न दे दिमाग़ जहाँ तक तब चला उस का मतलब ये निकला क डॉक्टर की बातों का काफी असर होआ था अम्मी की थिंकिंग पे तभी उन्हों ने मुझे अपनी बैक साथ लगने दिया और ड्रेसिंग बी थोड़ी टाइट सी की थोड़ी शर्म अभी बी बाक़ी थी तब मेरी जल्दी को झेल नै पायी और मुझे खुद से दूर कर यहाँ डाइनिंग टेबल पे बिठा दिया क दूर से हे मुझे देखो...मशरकी खातून की यही ऐडा तो जान लेवा होती क वो जितनी चाहे ओपन होजाये या अकेली हो शर्म का दमन इतनी जल्दी नै चोरटी क सारः बी कुछ ऐसा हे था जैसी खातून क लिए देखा जाये तो ये सुच में बारे टफ टास्क था...खैर मैं डाइनिंग टेबल की चेयर किचन और कर अम्मी क काम करते वक़्त हिलते होअय मोठे चुतरों की लर्ज़िश(थार थरहट) को देख रहा था और अपना लूँ पाजामे क ऊपर से मसल रहा था तक्क बास वीडियोस में हे औरतों को देख फील ली थी पर आज रियल में फील लेने का अपना हे सुरूर था मममी क मोठे चुतरों को हिलते देख मैं मस्ती खुद को कोसा क इतने अरसे से मैं पोर्न वीडियोस में मोती गांड वाली औरतों को देख लूँ हिलता आया था और मेरे पास इर्द गिर्द हे मेरा दहन नै गया तक किसी वीडियो में बी इतने कमल क चुतर नै देखे थे जिन्हे देख ऐसे जैसे प्यास स्व हलक़ खुश्क होरहा हो बार बार लगातार अम्मी को काम करते देखि जा रहा था और अपना लूँ मसली जा रहा था ५ मं गुज़रे होंगे क अम्मी हाथ में नाश्ते की ट्रे पकड़े किचन से मेरी और धीरे से आयी आता देख उन क मोठे मम्मो को हिलते देख मेरे लूँ ने जोश में ट्रॉउज़र क अंदर हे झटका मारा जब टेबल क बिलकुल पास आयी और मेरे आगे नाश्ते की ट्रे रखने क लिए धीरे से झुकी तो उनकी टाइट कमीज क गले क ऊपर वाले २ बटन खोले की वजह उन क मोठे मम्मो का ऊपर वाला सफ़ेद नरम हिस्सा दिखा क़रीब से ये नज़ारा देख मेरी तो आँखे फैल गयी ने बी ये नोटिस किया और नार्मल से कुछ ज़्यादा हे सलौली ट्रे राखी और फिर मेरी और मुस्करा क देखा तो मुझे अपने मम्मो की और घोरता देख मुस्करायी और सीधे खरी होगयी और बोली नाश्ता करो अहमद मैं ज़रा वाशरूम से आयी बोल अम्मी अपने रूम की और मूर्ति और जाने लगी मेरे ढाये हाथ में ब्रेड का निवाला बना होआ था और वो मौन क बिलकुल क़रीब अंदर जाने हे वाला था क तभी मेरी नज़र अम्मी क जाते वक़्त उनकी तेज़ चाल में उन क हिलते चुतरों पर पारी तो मेरे हाथ से निवाला गिर पारा नीचे जब मैं देखा क अम्मी क मोठे हिप्पस क लाइन क बीच अम्मी की कमीज फँसी होइ है और अम्मी तेज़ चलती अपने रूम की और जा रही नीचे होकर ट्रे देते उन क चुतरों में कमीज फँस गयी थी और शायद उन्हें बी एहसास नै होआ...निवाला मेरे मौन से गिर चूका था पर हाथ स्टिल उसी हालत में रुका था मौन क पास और मेरे मौन खोले का खोला हे था और साथ आँखे बी फैल गयी थी बारे चुतरों मर कमीज फँसी पहली बरी देख रहा था देहां से...खैर अम्मी बिना पीछे देख रूम में चली गयी और मैं बी होश में आते होअय नाश्ता करने लगा...तभी मुझे अम्मी का सेल रिंग होने की आवाज़ आयी उन क रूम से का दूर थोड़ा खुला थस तो इसी वजह से ने कॉल पिक कर ली होइ थी वही बैठा दूर से अम्मी क रूम की और देख रहा था क कब अम्मी बाहिर आएं ५ मं मज़ीद गुज़रे होंगे मैं तक़रीबन नाश्ता कर चूका था अभी बास दूध पी रहा था गिलास में तक्क अम्मी नै लोटी थी तो मैं बेचैनी में उठा किचन में रखे और अम्मी क रूम की और धीरे धीरे जाने लगा क देखु तो सही अम्मी क्या कर रही इतनी देर से क पास पोहंचा हे था क अंदर से अम्मी की कॉल पे किसी साथ बात करने की आवाज़ आयी मैं वही रुका रहा और बातें सुन'ने लग प्र से इतना जान गया क कॉल की दूसरी और डॉक्टर सभा है और अम्मी हम्म्म हम्म्म और हाँ में ऐसे जवाब दे रही थी जैसे डॉक्टर कुछ समझा रही हों और अम्मी अचे बचे की तरह समझ रही हो...फिर अम्मी कॉल कट कर वाशरूम गयी और दूर लॉक कर दिया वाशरूम का तो मैं फिर से वापिस मुर आ कर टीवी लाउन्ज में बेथ गया सोफे पे और टीवी ों कर देखने लग प्र पर दहन बार बार अम्मी क रूम की और जाता थोड़ी देर बाद अम्मी अपने रूम से निकल मेरी और आने लगी देख खुश होगया और सीधे होकर बेथ गया अब्बी बी शामे वाइट ड्रेस पहना था बस इस बार उन क ऊपर वाले दोनों बटन्स की बजाए ३ बटन्स खुले थे और अम्मी क मोठे मम्मी ५० परसेंट से बी ज़्यादा दिख रहे थे कोई दोपट्टा नै लिया तह और बरी ऐडा साथ धीरे धीरे चल मेरी और आ रही थी खुद को ब्रा नार्मल शो करने की तरय कर रही थी पर आते वक़्त उन क एक्सप्रेशंस ऐसे जैसे वो थोड़ा शर्म से फील कर रही हो और उन क चेहरे पे थोड़ी जिझाक्क साथ थोड़ी स्माइल बी थी पास आकर सामने खरी होगयी और एक नज़र डाइनिंग टेबल की और देखा एयर बोली वह अहमद बीटा आज पहली बरी खुदी बर्तन उठा लिए बी थोड़ा मुस्कराया और बोलै अम्मी सोचा आप की हेल्प कर दूँ काम में थोड़े कॉन्फिडेंस साथ मुस्कराते बोली तो बीटा उठाने क साथ साथ धो हे देने थे और इसी बात पे हम दोनों साथ मुस्करा दिए की चमकती हंसती आँखों को देख एक पल क लिए खरे खरे हे मैं खो सा गया ने जब मुझे यूँ देखा तो थोड़ी चुप होगयी और फिर अचानक बोली अच्छ मैं ज़रा बर्तन वाश कर लू तू बेथ क टीवी देख ले कुछ नै बोलै और वैसे हे खरा रहा मूर्ति और किचन की हलके क़दमों साथ चल दी जैसे वो कुछ कहना छह रही हो और न कहा हो या शायद मेरे पुकारने का वेट कर रही थी क मैं कुछ बोलूं गए पर मैं तो स्टिल खरा रहा था किचन क दूर पास जा कर अम्मी ने धीरे से पीछे मेरी और अपनी गर्दन घुमा कर बरी स्माइल और शर्म साथ बोली क अहमद चाहे तो वो साइड टेबल पे धोने वाला मग प्र है वो ज़रा लेते आना मैं उसे बी लगे हाथों वाश कर दूँ तो जैसे ये सुन उछाल हे प्र अंदर से क अम्मी आखिर इंदिरेक्ट्ली मुझे किचन में उन क पास आने का मौक़ा दिया...मैं कप उठा कर किचन में फता फैट पोहंचा गया और सामने अम्मी वाश बेसिन की और मौन करे पहले वाले पोज़ में खरी थी और उनकी मोती गांड छुरी दर पाजामे में पीछे को निकल केहर ध रही थी से बी अब रहा नै गया और मैं आगे बार पहले की तरह थोड़ा कम्फर्टेबली अम्मी की बैक साथ लग गया दोनों हाथ अम्मी क बाज़ुओ क नीचे स्व सामने ले गया जैसे मैं बाहों में ले लिया हो अम्मी को वाश बेसिन में गिरत पानी क नीचे रख दिय जहाँ अम्मी अपने नरम हाथों साथ वाश कर रही थी डैम से यूँ साथ लगने से अम्मी एक पल की लिए अपनी बैक आगे को की पर फिर थोड़ा रिलैक्स होकर पीछे की और मज़ीद कर दी जिस से मेरा लूँ साफ़ साफ़ उन्हें गांड पे फील होने लग प्र मेरे दोनों आगे हे थे कमर क साथ लगे होअय कुछ न बोली तो मैं वैसे हे थोड़ा और साथ लग बोलै अम्मी लाये मैं बी वाश करता हूँ और अपने हाथ आग्जे बढ़ा कर उन क हाथो से मग लिया और उसे वाश कर लगा फिर से मेरे स्व मग ले कर बोली तुम वाश करना नै आता तुम सही से नै कर रहे मस्ती में थोड़ा मज़ीद साथ लग अम्मी क मोती गांड में लूँ को हिस्सा तो अम्मी क मौन से एक हलकी सिसकी निकली पहले जैसे और बोलै अब सही कर रहा न तो अम्मी कुछ न बोली आगे ले जा कर दोबारा से अब अम्मी क नरम हाथों को अपने हाथों में लिए सहलाने लगा नरम फिंगर्स में अपनी फिंगर्स दाल रैगर रहा था और अम्मी क हाथो में मग और उसे अब वाश नै थी कर रही अम्मी बास पानी गिर रहा था बेसिन में अब कॉन्फिडेंस काफी बार चूका था और मैं सही मैनो में अम्मी क बाहिर को निकली गांड साथ जुड़ घासए लगा रहा था जिसे अम्मी बी एन्जॉय कर रही थी अब जान बूझ कर अम्मी क हाथों में लिए होअय मग क प्रेशर से गिरते पानी नीचे ऐसे किया क पानी मग पे बाउंस होकर अम्मी की छाती पे गिरने लग प्र से सामने से अम्मी की कमीज गीली होना शुरू होहाई...अम्मी चुप चाल खरी थी और उन क हाथ बी मग क ऊपर रुक गए होअय थे जैसे वो मेरे कुछ आगे बर्न का वेट कर रही थी लूँ अब काफी खर होगया होआ था और मुझ में अब पहले वाली मस्ती और पागल पैन आ रहा रहा जैसे वीडियोस देख आता था देर मज़ीद इसी पोज़ में रह कर मैं थोड़े ज़्यादा रैगर रैगर कर घससय लगाए से जब मज़ीद यूँ नै रहा गया तो पता नै तब कहाँ से इतनी हिम्मत आगयी में यही था क अम्मी की और से कुछ पहल होगी अब पर अम्मी शायद शर्मा रही थी में आंकी क चुतरों से पीछे हटा एक डैम तो अम्मी बी एक डैम से पीछे मुर देखा तो उनकी कमीज सामने से काफी गीली होगयी होइ थी और नीचे से पहने वाइट ब्रा की शेप साफ़ नज़र आ रही थी जिस नज़र से मुझे मुर क देखा मैं बास देखता रह गया यूँ देखा जैसे हैरान होअय पॉच रही हों क पीछे क्यों हैट गए...अम्मी क खूबसूरत चेहरे को उस वक़्त हैरानगी में देख मेरे से रहा नै गया और मैं अम्मी का लेफ्ट हाथ पाकर उन्हें किचन से बाहिर ले जाने लगा ज़रा रेसिस्ट नै किया और बास मेरी और देखती मेरे साथ चलने लग पारी उन्हें उन क बैडरूम में ले आया और सामने बीएड पे बिठा दिया टाँगे नीचे लर्काए तब बी मुझे हे देख रही थी क मैं क्या करने वाला हूँ पे फिर से पहले वाली मस्ती चारि होइ थी मैं आगे बार अम्मी की आँखों में देख प्यार से रिक्वेस्ट की क अम्मी बुहत कण्ट्रोल किये उस दिन से पर अब सुच में नै होआ रहा कण्ट्रोल प्ल्ज़ कुछ करे और साथ हे अपने खरे लूँ क बने तम्बू पे हाथ रख दिए और हल्का सा मसला चेहरे पे बी साफ़ प्यास झलक रही थी जैसे मैं नशे का आधी अपने नशे का दोसे मांग रहा हों...अम्मी मेरे रोटलु चेहरे को देखा और थोड़ा सीरियस होइ फिर एक डैम से मुस्करा दी बिना कुछ बोले अपने दोनों हाथों आगे कर मेरे लूँ क ऊपर
deen10
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Re: ammi

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परे मेरे हाथ को अपने नरम हाथों में लिया और उसे प्यार से चूम कर बोली बीटा मेरे होते अब तुझे तड़पने की ज़रूरत नै और एक डैम से मेरे ट्रॉउज़र की सिदो में हाथ दाल उसे उतरने लगी नीचे को तो मैं बी उन की हेल्प उतरने में खरा लूँ देख वो थोड़ा शर्मायी ज़रूर पर फिर मुस्करा दी और घोर से लूँ को देख अपने एक हाथ में ले लिया क नरम हाथ का लूम्स लूँ पर महसूस कर मैं तो जैसे सातवे आसमान पे पोहंच गया कुछ देर अचे से हर एंगल से इधर उधर कर देखा और फिर मेरी और ऊपर आँखों में देख बोली देख क्या हल कर दिया होआ तू ने कमज़ोर हो चूका तेरे ये तेरे ग़लत कामो का नतीजा है बी तब थोड़ा मस्ती से हैट अपने खरे लूँ को देखा तो फील होआ क सुच में काफी कमज़ोर लग रहा था...अम्मी मेरे लूँ को सहलाते बोली देख बीटा ये सब मैं सिर्फ तेरी खातिर कर रही कर ये बात हमारे बीच रहे गई तेरी बहनो या अब्बू को पता चल गया तो मैं तो जीते जी मर जाओं गई हाथ आगे बढ़ा कर अम्मी क चेहरे को थम बोलै अम्मी आप फ़िक्र न करे मैं छोटा बचा थोड़ी हूँ थोड़ा मुस्कराते बोली बचा नै पर बच्चो वाला हाल कर दिया होआ अपना और इस का और साथ हे मेरा लूँ थोड़ा मसल दिया मौन से एक आअह्ह्ह्हह निकली मैं सामने का नज़ारा देखा तो अम्मी क मोठे मम्मो का क्लीवेज इतने पास से फिर से देख मुझे जैसे कुछ कुछ होने लगा और लूँ को मसलने का मैं किया जिसे अम्मी बी समझ चुकी थी...अम्मी बोली देख अहमद बेटस डॉक्टर साहिबा ने यही बोलै क तुम्हे पहले खुद पे कण्ट्रोल करना सीखना होगा तुम्हारी सेहत क साथ साथ इस की सेहत का बी सख्त ख्याल रखना होगा सब क लिए लाज़मी है क तुम पानी मैट निकालो...अम्मी की बातें सुन मैं बोलै अम्मी मेरे से नै होगा प्ल्ज़ एक बरी अपने हाथ से हे मसल कर पानी निकल दे तो अम्मी मेरी बात सुन पहले वाले सख्त रूप में आते बोलै अहमददददद और मुझे आँखे दिखाई तो मैं चुप होगया बोली चल इधर बीएड पर बेथ मैं ज़रा आयल लेकर आती हूँ खुद की क़िस्मत को एक पल क कोसते दिल में सोचा क मैं तो अम्मी को रूम में लेकर आया था क मेरे लूँ का कैसे बी पानी निकले ही पर इधर तो और हे शर्त्त रख दी अम्मी ने...अम्मी पता नै कोनसी आयल की शीशी(बोतल) ले आयी जो पहली कभी नै देखि थी मेरे पास बेथ बोली सीधे होकर आराम से लेत जाओ अपने एक हाथ की हथेली पे तेल लिए थोड़ा सा लूँ पे जूनही लगाया तो मेरी मौन से एक हलकी से चीख निकली क्यों क आयल से थोड़ी जलन सी होइ लूँ पे पोछा बी क अम्मी ये कोनसा आयल है कुछ न बोली और लूँ को अछि तरह आयल से मालिश सी करने लग पारी मं बी नै गुज़रे होंगे क मुझे लगा मेरा पानी निकलने वाला है तो मैं मस्ती में अम्म्मम्म्म्मीईई कहा तो अम्मी बी समझ गयी और मुझे ऊँगली दिखते ग़ुस्से से बोली देखो अहमद अगर आज तुम्हारा पानी निकला तो मैं तुम्हे कभी खुद को हाथ तक लगाने नै दूंगी तो ये सुन हक्का बक्का रह गया...मरता क्या न करता मैं कण्ट्रोल करने लग प्र लगता क निकलने वाला है पानी तो मैं अम्मी को कुछ पल रोक लेता फिर से मालिश करना शुरू होजाती से एक तो बरी जलन होरही थी उस को बर्दाश्त कर रहा था और साथ पानी न निकले उस को कण्ट्रोल कर रहा था मुश्किल काम था सूची...अम्मी थोड़ी देर नाद फिर से और आयल लेकर लूँ पे डाला मालिश करने लग पारी सब में जो एक शे मेरा हौसला और हिम्मत बढ़ा रही रही वो थे अम्मी क मोठे मम्मी जो क मेरी नज़रो सामने थोड़े थोड़े हिल रहे थे और हाफ तक़रीबन ऊपर से दिख बी रहे थे ललचाती नज़रों से उन्हें देखि जा रहा था में भूखों प्याज़ की तरह मैं एक हाथ आगे बढ़ा कर जब मम्मो को टच करना चाहा तो अम्मी बरी सख्ती से मेरे उस हाथ पर थापर मर मुझे मना कर दिया किसी सहमे होअय बच्चे जैसे रोने वाला मौन बनाया सब बर्दाश्त कर रहा था...कोई १० मं की मालिश बाद ामंक उठी और बोली अभी क लिए इतना हे काफी है और फिर से सख्ती से बोलो देखो अहमद अगर तू ने मेरे जाने बाद अपने लूँ का पंक निकला तो मर मर कर तुम्हारी चमड़ी ुधैर दूंगी सहमे होअय नीचे सर किये हाँ में सर हिलाया तो अम्मी को थोड़ा फील जो शायद तो वो मेरे पास बेथ दोबारा फिर मेरे सर को सेहला कर प्यार से बोली बीटा ये सब तेरे भले क लिए कर रही मेरा सोना पुत्र है न तो अपनी अम्मी की बात नै मने गए अगर तो मेरी बातें मने गए तो बाद में जो कहे गए वो करूँगा पक्का ने जूनही ये बात बोली मैं एक डैम से ऊपर सर उठाये अम्मी क मम्मो को तरसती आँखों सत्ज देख बोलै कुछ बी करने दे गई न मेरा मैं करे गए वो करूँगा और आप मना बी नै करेगी तो अम्मॉ मुस्कराते मुझे अपने मम्मो को घोरते देख बोली हाँ बेटे जो तो कहे गए पर अभी क लिए प्रॉमिस कर क तू पानी नै निकसले गए हम में सर हिलाया तो अम्मी बी खुश होगयी और मुझे माथे पे चूम रूम से बाहिर जाने लग पारी वक़्त उन क मोठे चुतरों को देख ग तो ब्रा मचला पर फिर सोचा अगर अम्मी अपनी सब शर्म साइड रख मेरे लिए इतना कुछ कर सकती तो क्या मैं खुद अपने लिए इतना कण्ट्रोल बी नै कर सकता पल मैं खुद से बी प्रॉमिस कर लिया क फुल कण्ट्रोल करूँगा चाहे कुछ बी हो और उठ कर अपना पजामा पहना और मौन हाथ धो कर बाहिर टीवी देखने लग प्र तक्क कुछ नै होआ हम दोनों माँ बेटे ने साथ किया और नार्मल बातें की फिर अम्मी घर क कामो में लग गयी और मैं बाहिर खेलने निकल प्र...शम्म को घर वापिस आया तो अम्मी मेरा इंतज़ार हे कर रही थी बोली जाओ जा कर नाहा लो मैं खाना गर्म करती हूँ लेकर मैं ने डिनर किया और यहाँ ये बात बताता चालू क लंच और डिनर नार्मल रूटीन से हैट लार ज़्यादा हेअल्थी था बर्तन वग़ैरा साफ़ कर मेरे रूम में मेरे पास आगयी आयल की बोतल लिए मुस्करा क अम्मी की और देखा तो अम्मी क कहे बिना हे अपना पजामा उतर सीधा लेत गया फिर से कोई १० मं अचे तरीके से मालिश की फिर अपने रूम में जा कर सगाई उठा तो नाश्ते नाद फिर से मालिश में ६ अंडे दूध साथ मिला कर मुझे पिलाये अम्मी ने तो अब तक़रीबन रोज़ की रूटीन होगयी थी क हर एक दो घंटे बाद अम्मी मेरे लिए कुछ खाने को ले आती फ्रूट्स वग़ैरा बी शुरू में ग नै था करता खाने को फिर आहिस्ता आहिस्ता खाने लग प्र...एपीआई और अली बी आ चुके थे एपीआई रज़िया क हाँ से दिन में ज़्यादा देर घर पे रहता तो अम्मी ब्रा कुछ खिलाती पिलाती और मालिश बी रोज़ २ बरी करती एपीआई से चुप कर...पूरा एक महीना यही रूटीन चली और मुझे खुद पे यक़ीन नै था हो रहा क मैं खुद पे इतना कण्ट्रोल कर लिया था क एक महीन में से पानी नै निकला था और साथ अब जब अम्मी मालिश करती तो उन क नरम हाथो क एहसास से पानी बी देर से निकलने का मैं करता स्टैमिना काफी बिल्ड उप होरहा था पता नै कोण कोनसे सीक्रेट देसी टोटके मेरी पे आज़माती जा रही थी जिस का नतीजा ये निकला क एक महीने में हे मैं काफी वेट बी गेन किया साथ लूँ का साइज बी की शादी नेक्स्ट महीने थी तो अब्बू को छुट्टी नै मिल रही थी तो शादी २ महीने मज़ीद आगे कर दी ४५ महीनो में मेरी सेहत में काफी सुधर आज्ञा तह जो दीखता बी था कग से मैं ६२ कग पे आया था और एक माह से मैं गयम जाना बी स्टार्ट कर दिया था बी थोड़ी सी बरही थी पर अम्मी से अभी बी काफी थोड़ी थी इनचेस का फरक था तक़रीबन...मेरे चेहरे पे बी काफी मास्स आज्ञा था तो पहले हे था अम्मी पे जो गया था कलर शार्ट इस अरसे में मेरी ज़िन्दगी टोटली चेंज्ड होगयी थी वर्ण मैं तो ग़लत डायरेक्शन में खुद को लीड कर रहा था और ये सब सिर्फ और सिर्फ अम्मी क प्यार की बदौलत था...कहाँ पहले जहाँ मेरा लूँ पूरी तरह से खरा नै था होपाता अब उस का साइज साढ़े ७िंचेस क क़रीब था और मोटा बी काफी होगया था सब से बरी बात क मैं इस अरसे में कोई पोर्न वीडियोस नै देखि जब कभी ज़्यादा जी करता तो अम्मी क हुस्न का जाम पी कर नज़रों से हे जी भर जाता बीच मैं १०थ पास बी कर ली जैसे तैसे कर क...अक्टूबर का एन्ड था और सर्दियाँ आ चुकी थी बी आ चुके थे ३ दिन बाद एपीआई रमीज़ा की शादी थी घर सजाया जा रहा था गाओं में हमारा घर शानदार लग रहा था रज़िया बी आ चुकी थी घर क कामो में हाथ बताने फॅमिली अकथहि थी का समै था मेहँदी थी और मैं शाम को गयम से लोटा था तो पता चला अब्बू आ चुके है दोपहर क तो मैं उन से मिल कर ब्रा खुश होआ बी मेरी सेहत देख ब्रा खुश होअय और अम्मी की तारीफ की क नसरीन तुम ने तो सुछ में ब्रा ख्याल रखा है अहमद का लास्ट टाइम तो इतना दुबला पतला था बास मुस्करा दी...मेहमानो से घर ब्रा प्र था रूम्स तरीकबन फइलल हो चुके थे
deen10
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Re: ammi

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और अभी कुछ मज़ीद मेहमानो ने कल आना था ड्यूटी सौंपी गयी क सब क बिस्टेर लगाने की थी तो रज़ाइयां वग़ैरा पेटियों से निकल चुकी थी क बिस्टेर लगा दिए थे और खुद मैं अब्बू साथ सोया मर्दो में सोया ऊपर वाले फ्लोर में थी ज़्यादा...रात गुज़री दिन का सूरज निकला एक नै सुबह ले कर मेहँदी थी एपीआई की दिन ढोलकी गीत संगीत चलता रहा कामो में बिजी रहा सब में मैं २ बरी अम्मी को मुझे प्यार भरी नज़रो से देखते पकड़ा जैसे वो खुश होरही हो हर बार देख कर क मैं अब कितना बदल गया हूँ और कितनी छह से सब काम कर रहा हूँ मर्दों जैसे खैर शाम को सब गाओं की औरतें बी आयी मेहँदी पे और फंक्शन देर रात तक चलता रहा...सुबह देर से आँख खुली और सब बरात की मेज़बानी में लग परे वग़ैरा में ब्रा सा तम्बू लगा कर बारात को बिठाने की अरेंजमेंट की होइ थी दिन ३ बजे आणि थी सब कामो को मॉनिटर कर रहा था...१२ बज चुके थे और तक़रीबन सब काम पूरे हो चुके थे सुबह का नाश्ता तक नै था किया होआ की एक वजह ये थी क अम्मी सुबह १० बजे की शहर हाई थी एपीआई रज़िया साथ एपीआई रमीज़ा का कोई गोल्ड का सेर सेट रहता था वो लेने १२ बज चूका था पर अम्मी लोग नै आये थे की तो पता चला मार्किट देर से खुली है तो टाइम लग्न है एक आध घंटा मेहमानो को पहले से तैयार होने का बोल दिया होआ था लिए मेहमान अरेंजमेंट वाली जगह अकथा होना शुरू होगये थे किसी पे इतना दहन नै दिया ख़ास बच्चे मर्द सब चेयर्स पे क़ब्ज़ा कर बेथ चुके थे और म्यूजिक चल रहा था मुझे याद आया क एपीआई रमीज़ा को पारलर से वापिस घर लाना था और १ बजे का टाइम दिया होआ था पारलर वालो ने घर गया पर अंदर नै गया बाहिर खरी एक दोसर क घरी ली तब काफी सीख चूका था क घरी घर हे होती थी तो मैं काफी सीख ली थी ड्राइविंग खुदी पंगे ले लेकर घर नज़र नै थी आ रही सोचा अब्बू कहीं लेकर गए होंगे तो मैं दोस्त की घरी लेकर चला गया एपीआई को लेने पोहंचा तो पता चला एपीआई को तो अब्बू ले गए १५ मं पहले मैं वापिस घर की और आज्ञा बजे का टाइम था तक़रीबन मेहमान घर से तक़रीबन जा चुके थे और अरेंजमेंट वाली जगह थे सोचस घर जा कुछ खा पी लेता हूँ सुबह से कुछ नै खाया और थोड़ा रेडी बी होजाऊंगा लोगो ने बी २ बजे तक्क आने का था घर गया घरी बाहिर हे खरी कर अंदर गया तो चारो और गंड़द हे प्र था जैसे शादी वाले घरो में प्र होता आध मेहमान था वो बी मेरे सामने हे चला गया टोटली वीरान सा लग रहा था...मैं सीधे किचन में गया और फ्रिज से दूध निकल थोड़ा पिया और एक सैंडविच सा खाया आसरा होगया तब मैं सोचस एपीआई रमीज़ा से जा कर मिल लेता हूँ रमीज़ा का सामान अम्मी क रूम में था तो मैं वही गया पर रूम में कोई नै था मैं वाशरूम नॉक किया वहां बी कोई नै वक़्त गेट क बाहिर घरी अपनी देख ली थी मतलब एपीआई आ चुकी पर गयी किदार ऊपर बी सारे रूम चेक किये पर कहीं कोई नै दिखा परेशां होआ क सब कहाँ चले गए बी नै दिख रहे...तभी मुझे ऐसे लगा जैसे ऊपर छत्त से अवाक्स आयी हो कुछ जैसे ऊपर कोई है में वैसे तो सब रूम्स ग्राउंड और १स्ट फ्लोर पर हे थे पर एक रूम ऊपर छत्त पे बी था जिसे स्टोर रूम टाइप बनाया होआ था जहाँ सब बिस्टेर वग़ैरा रखते थे क सिलसिले में बी सब बिस्टेर वही से निकले थे...मैं सीरियन चार चाट पे चला गया साइड पे वो रूम था जिस का दूर लॉक था क्यों क मैं हल्का सा undefined किया चोरो जैसे पर वो नै खुला सोचा पता नै कोण है अंदर परेशानी होइ क अब क्या करूँ....मैं साइड से होकर खिरकी पास गया पर वहां से बी कुछ मई था दिखा रहा टाइप था तो बंद बंद सा रूम था ज़्यादा तर बंद हे रहती थी...खैर मुझे एक डैम से ख्याल आया क ऊपर रूम की एक साइड पे एक रोशनदान बना होआ है और उस पे एक एग्जॉस्ट फैन पे लगाया होआ था जिसे सर्दियों की वजह से बंद हे रखते थे छत्त पे पारी सीढ़ी उठायी और उसे रूम की देवर साथ आराम से लगाया ऊपर को चार गया रोशनदान क पास तरह मैं फैन क पारो को एक साइड कर जब दहन से अंदर देखा तो लाइट्स ों थी अंदर की जिस की वजह से अंदर रूम काफी रोशन था तरफ बिस्टेर वग़ैरा पारी थी एक तरफ एक पुराण बीएड बी प्र था जो पूरा साफ़ साफ़ मेरी नज़र की रेंज में आ रहा था जब घोर से बीएड की और देखा तो मेरे तो मनो होश हे ुर्र गए सामने का सन देख कर...सामने बीएड पर एपीआई रमीज़ा दुल्हन क जोड़े में पूरी सजी होइ सीढ़ी लेती थी और उन् का लेहंगा कमर तक उठा होआ था और उनकी टांगली तान्हे कंधो पे उठाये वो आदमी डीएनए दान एपीआई को छोड़ी जा रहा था चिलायी जा रही थी और वो आदमी छोड़ी जा रहा रहा बेदर्दी से साइड एंगल था जिस की वजह से दोनों की जिस्मो साथ उन क चेहरे पे वैया नज़र आ रहे थे आदमी का चेहरा घोर सा देखा तो मैं तो जैसे शॉक क मरे मौन खोले उसी सीरिहि से गिरते गिरते बचा था क्यों क सामने जो सन देख रहा था वो हक़ीक़त से परे लग रहा था...बीएड पे एपीआई की टंगे कन्धों पे उठाये छोड़ने वाला और कोई नै अब्बू थे अब्बू अपनी हे सही बेटी को छोड़ रहे थे हैरान परेशां मौन खोले देखि जा रहा था...अब ज़रा आगे बढ़ने से पह्लव अब्बू और एपीआई रमीज़ा क बारे में बताता चालू जैसे क फौज में थे ६ फ़ीट से ज़्यादा थी और पोरे पहलवान टाइप थे तक़रीबन ५४ साल थी से बारे थे कागि आगे में आगे में बी लगता नै था क वो ४ बच्चो क बाप है और इतनी आगे है रियल में बिल्ट थे क़िस्म क और कम् बोलने वाले इंसान थे...एपीआई रमीज़ा तक़रीबन २० साल की थी लगता था जैसे आगे ज़्यादा हो उस की एक वजह एपीआई का भरा होआ बदन था सख्त मम्मी कमर और थोड़ी गदरायी होइ और मोती गांड जिस का साइज ात लीस्ट ३८ होगा तब का कलर बुहत गोरा था और हाइट बी अछि थी बाल और मासूम सा चेहरा शुरू से ज़्यादा नै बोलती थी चुप चुप अपने में मगन रहती थी पर अब्बू की शुरू से लाड़ली थी जब बी छुट्टी पे आते किसी और क लिए कुछ लाये न लाये पर एपीआई रमीज़ा क लिए कुछ न कुछ ज़रूर लाते थे तो वेहम ो गमन में बी नै था क मेरे हे घर में ये सब होरहा तक जिस का कभी वीडियोस में नै देखा बास सुना था क फॅमिली में बी लोग सेक्स करते पर आज खुद अपनी आँखों से देखा तो यक़ीन होआ क ये सुच है...आज कुछ देर बाद एपीआई रमीज़ा की बारात आने वाली थी और एपीआई दुल्हन क जोड़े में अंदर थी ने अपनी शार्ट कुर्ती सीने से खोली होइ थी जिस से उन क मोठे सख्त मम्मी साफ नज़र आ रहे थे और नीचे लेहंगा कमर तक उठाया होआ था और पंतय साइड पे पारी थी कुछ यूँ था क अब्बू ने एपीआई की टांगों को अपने कंधो पे रख होआ तह और उनकी क्लीन शवेद सफ़ेद फुद्दी में धक्के लगाई जा रहे थे बारे जोश में क गले से लेकर हाथों तक्क काफी गोल्ड की जेवेलरी पहनी थी एक नोज पिन जैसा एअर्रिंग नाक पे पहना था और उस से निकलती एक चैन ऊपर सर की मांग में लगे झूमर पे जा मिलती थी बुरी तरह से चिलायी जा रही थी मज़े...अब्बू सिरे तक्क लूँ निकलते और धरमममम से फुद्दी में दाल देते आहें और सिसकियाँ भर्ती जा रही थी क लिए ब्रा डिफिकल्ट दिख रहा था यूँ इतनी जेवेलरी पहन फुद्दी मरवाना...मैं तो मनो हैरानगी से आँखें पहरे देखि जा रहा था और खुद को यक़ीन दिला रहा था क हाँ भाई ये सब सुच है अंदर तेरे बाप अपनी हे सही बेटी को दुल्हन क रूप में उस की शादी क रोज़ अपने हे घर में छोड़ रहा था का ढके लगते एक बरी लूँ फिसलन की वजह से फुद्दी से बाहिर निकला तो मैं अब्बू क लूँ का साइज देखा तो लूँ मैक्स ६ इनचेस लम्बा होगा पर मोटा काफी थी ने दोबारा से बाहिर निकला लूँ एपीआई की फुद्दी पे रखा और एक करारा धक्का दे मारा आगे को तो एपीआई चिलायी ahhhhhhhhhhhhhh ayyyyiiiiiiiiiiiiiiii अब्ब्बूउऊउउउउउ ग हॉलीइइइइइइ अम्मीी ग मैं मर गयी अब्ब्ब्बूउ होली मरु न....एपीआई की चीखों बीच अब्बू कुछ न सुनते होअय बास पागलों जैसे धक्के पगायी जस रहे थे क चेहरा पसीना दे भरा होआ तह और वो अपने से पूरी जान लगते पोरे ज़ोर साथ एपीआई की फुद्दी को छोड़ी जा रहे थे अब्बू वैसे हे टंगे उठाये थोड़ी एपीआई की और बेंड की और आगे हाथ बढ़ा कर दोनों सख्त मम्मी अपने हाथो में ले मसलने लग परे कुछ देर बाद एपीआई की आहों और चीखों बीच पहली बरी अब्बू क मौन से अलफ़ाज़ निकले मेरी लाड़ली पारी की रानी अह्ह्ह्हह्हह बेटी तेरी फुद्दी कितनी टाइट है अंदर से ऐसे जैसे
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