प्यार था या धोखा

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josef
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Re: प्यार था या धोखा

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अध्याय 5

लेब में काम करते हुए अचानक से ही सपना का पेन गिर गया था,वो उसे उठाने के लिए झुकी थी लेकिन औसत से कुछ ज्यादा देर लगा रही थी,उसके दिमाग में क्या चल रहा था ये तो में नही कह सकता लेकिन हा मेरी नजर उसके टाइट लेगिंस से झांकते हुए चूतड़ों में कुछ देर के लिए टिक गई,वो जैसे दिल का सेप बना रहे थे,मांसल और भारी पिछवाड़े वाली सपना जब भी टाइट कपड़े पहनती थी तो कई लड़के अपना सीने का और टांगो के बीच वाला दिल हार बैठते थे ,कुछ ही सेकंड के लिए सही लेकिन मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल हो गया था, पतले कपड़े से उसकी पेंटी का रंग तक मुझे दिखाई दे रहा और साइज तो …….वाह..

मैंने अपना सर झटका और फिर से अपनी किताब की ओर देखने लगा,सपना खड़ी हो चुकी थी और मेरी नजर बचाती हुई नजरो को समझने में उसने बिल्कुल भी देर नही की ,उसके होठो की मुस्कान ही ये बता रही थी की उसे पता है की मेरी नजर कहा टिकी हुई थी …

थोड़े देर तक कमरे में खामोशी ही छाई रही ..

“सर देखना है तो खुल कर देख लिया करो मैं किसी से नही कहूंगी ..”सपना की शरारत से भरी हुई आवाज मेरे कानो में पड़ा और मैं फिर से बुरी तरह से झेंप गया..

“सपना मैंने कहा था की नो मोर फ्लर्टिंग ..”मैंने आवाज को थोड़ा सख्त किया

“अरे सर देखने और दिखाने में क्या है ,अब पूर्वी भी तो कभी रोहन को कुछ दिखाने में नही शर्माती ,और रोहन भी भूखे कुत्ते की तरह उसे घूरता रहता है “

सपना की बात से मुझे पूर्वी की कल वाली बात याद आ गई..की रोहन आज भी उसके जिस्म को घूरता है,लेकिन साथ ही साथ मेरे नशों में खून का प्रवाह भी तेज हो चुका था,मेरा चहेरा लाल हो गया..

“गेट आउट ..”मैं जोर से चिल्लाया..

“इसीलिए मैं तुम्हे इतने दिनों से इग्नोर कर रहा था,तुम आज भी मेरे और पूर्वी के बीच आना चाहती हो ,तुम वो जगह कभी भी नही ले सकती सपना ..”

मेरे चिल्लाने का जैसे सपना पर कोई भी असर नही हुआ था,वो अब भी मंद मंद मुस्कुरा रही थी ..

“सर जी आप तो गुस्सा ही हो गए ..थोड़ी मोड़ी फ्लर्टिंग तो वर्क प्लेस में होती ही है ,इससे काम का बोझ भी हल्का रहता है ,और क्या आपको सच में लगता है की पूर्वी ऐसा कुछ नही करती होगी ..”

मैं बुरी तरह से झल्ला गया था..

“वो तुम्हारे जैसे नही है सपना जो किसी गैर मर्द के सामने अपने जिस्म की नुमाइश करे ..”

वो खिलखिला कर हंसी

मैं उसे बुत बना देख रहा था,हसने के बाद उसने बहुत ही ठंडे लहजे में कहा

“ना आप मेरे लिए कोई गैर मर्द है ना ही रोहन पूर्वी के लिए”

वो अपना पर्स उठा कर वंहा से इतने तेजी से निकली की मुझे कुछ कहने का मौका ही नही दिया ,वही मैं बस खड़ा हुआ उसकी बातों को सोचता रह गया ……..





josef
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अध्याय 6

सुबह का अलार्म और नीद खुल गई,आज मुझे पूर्वी के साथ जिम जाना था,पता नही क्यो लेकिन कुछ अजीब सा लग रहा था,लेकिन पूर्वी ने मुझे जगाने में और तैयार करने में कोई भी कसर नही छोड़ी…

वो अमीरों वाली जगह थी,जंहा पूर्वी शादी से पहले रोज जाया करती थी लेकिन शादी के बाद उसने जिम जाना ही बंद कर दिया था,वो जिम रोहन का था और रोहन ने पूर्वी को इस्पेसल फ्री एंट्री दी थी.असल ,में रोहन के कंपनी के सभी मैनेजर और एक्सीक्यूतुव लेवल के लोगो और परिवार के लिए जिम में एंट्री फ्री थी इसीलिए पूर्वी ने भी वंहा जाने के लिए स्वीकृति दे दी थी,उससे पहले रोहन के लाख कहने पर भी पूर्वी ने अपने और मेरे आत्मसमाम को गिरने नही दिया था,वो भी सेल्स एक्सिक्यूटिव लेवल की अधिकारी बन चुकी थी और जिम का फ्री पास मिलने पर उसने मना नही किया और मुझे भी तैयार कर ली …

जिम में एंटर करते ही पहला सामना रोहन से ही हुआ,उसने ऐसा वेलकम किया जैसे हम उसके महमान हो ..

“ये कुतिया यंहा क्या कर रही है …”

पूर्वी ने अचानक ही कहा

रोहन और मैं अनायास ही उस दृश्य को देखने पर मजबूर हो हो गए जिसके बारे में पूर्वी ने कहा था,

वंहा सपना थी जो पसीने से भीगी हुई वर्कआउट कर रही थी,उसके जिस्म में उसका पतला शार्ट और टीशर्ट चिपक सा गया था,उसके जिस्म का हर कटाव मानो जमाने की हर बंदिश को तोड़कर बाहर आने को बेताब था….

“यार पूर्वी तुम भी, वो तो हमेशा से इस जीम की मेंबर है ,भूल गई हो क्या???:”

रोहन ने एक सदा सा रिप्लाई किया

“जानती हु की वो कुतिया पुरानी मेम्बर है मैं भी थी …,लेकिन अभी इस समय ये क्या कर रही है ,अगर इस समय वो वर्कआउट करेगी तो मुझे भूल जाओ की मैं यंहा आऊंगी ..”

पूर्वी ने सपाट शब्दो में कहा जिसे मैं भी काट नही सकता था..

‘कम ऑन यार..उस घटना को इतने दिन हो चुके है तुम अभी तक उसे लेके बैठी हो…”

रोहन कुछ झल्लाया हुआ सा लगा,लेकिन पूर्वी शांत थी

“मैं अपने पति के साथ यंहा हु ,तुम्हे मालूम होना चाहिए की उसने क्या किया था,मेरे पति…”

वो कुछ बोल पति उससे पहले ही रोहन ने उसे टोक दिया..

“तुम सच में एक मिडिल क्लास हाउसवाइफ की तरह बात कर रही हो ,तुम हाई क्लास की लड़की हो तुम्हारा ये सब सोचना शोभा नही देता..”

रोहन की कही बात को मैं पूरे होशो हवास में समझने की कोशिश कर रहा था की पूर्वी ने तपाक से कहा

“जो मेरे पति है वही मैं भी हु रोहन,एक मिडिल क्लास हाउसवाइफ ,तुम जो भी समझो लेकिन वो मेरे लिए कुतिया थी और वही रहेगी “
मैने आंखों ही आंखों में रोहन को समझाया की ठीक है…

रोहन अब थोड़ा नार्मल था..

“मेरी जान अपने प्यार पर भरोसा रखो,जब तुमने मुझे उसके साथ काम करने तक की परमिशन दे दी तो उसके यंहा होने से क्या ही फर्क पड़ जाएगा…”

मैंने पूर्वी को समझाने का प्रयास किया ,

उसने मुझे घुरा और हल्के से मुस्कुराई

“मुझे खुद पर अपने प्यार पर पूरा भरोसा है मेरी जान ..”

पूर्वी को शांत देख कर रोहन ने भी एक गहरी सांस भरी,और थोड़ा उत्साह से बोला

“ऐसे भी उसका होना तो अच्छा है ना पूर्वी ,तुम दोनों को देखकर उसकी भी जलेगी ..”

हम तीनो ही हंस पड़े ,वही सपना हमे देखकर हमारी ओर ही आने लगी ..

“हाय पूर्वी हैल्लो सर,वाट ए प्लेजेंट सरप्राइज,आप दोनों भी जिम जॉइन कर रहे है ,अब तो मजा आएगा वर्कआउट करने में ..”

सपना की बात पर तो मुझे आश्चर्य नही हुआ लेकिन इस बात पर जरूर। हुआ की पूर्वी ने जवाब में मुस्कुरा कर दिया ,वो बस मुस्कुराई ,और उसकी मुस्कुराहट में सपना के लिए एक व्यंग था,मेरे लिए एक गर्व,रोहन के लिए खुसी थी और खुद के लिए संतुष्टि ..

एक ही मुस्कुराहट सभी के लिए अलग अलग मायने रखने वाली थी ,

“ओके ओके अब बाते बंद करो,मैं तुमलोगो का शेड्यूल तैयार करवाता हु तब तक स्ट्रेचिंग कर लो ..”

रोहन ने जल्दी जल्दी कहा ,सपना भी मुस्कुराते हुए जाने लगी ,उसके टाइट कपड़े से झांकते हुए उसके जिस्म को देखकर एक बात तो मेरी भी आह सी निकल गई थी ..

“यार रोहन कुछ बोल लेकिन सपना है बहुत ही टाइट ..”

मैंने ये बात कही तो रोहन से थी लेकिन मेरी नजर थी पूर्वी के ऊपर ,उसने मुझे खा जाने वाली निगाहों से देखा वही रोहन हंस पड़ा,उसे पता था की मैं ये पूर्वी को जलाने के लिए कर रहा हु ,

“हा ये बात तो सही है ,मेरे जिम में कई लड़के तो बस उसे देखने ही आते है ..”

रोहन ने हंसते हुए कहा अब पूर्वी ने उसे झूठे गुस्से से घुरा,उसे पता था की हम उसको जलने के लिए ये बोल रहे है ..

“अच्छा तो तुम लोगो को ये लगता है ,अभी दिखती हु “

मैं और रोहन इस इंतजार में थे की आखिर पूर्वी क्या दिखाने वाली है ,और उसने अपना स्पोर्ट जैकेट की चैन खोली और उसे निकाल कर बाजू में रख दिया ,उसने अंदर स्पोर्ट ब्रा पहनी थी,जिससे उसके मांसल उरोज निकलने को बेताब मालूम हो रहे थे,उसके क्लेवेज में कुछ ज्यादा ही उभार दिखाई दे रहा था,मैं तो इन वक्षो को रोज ही देखता और सहलाता था लेकिन फिर भी मेरा मुह खुल गया,वही रोहन तो उसे ऐसे देख रहा था जैसे कोई बच्चा आइसक्रीम को देखता है ,पूर्वी के होठो में गर्व से एक मुस्कान आ गई,उसने नीचे योग लेगिंस पहनी थी जो की उसके जिस्म से पूरी तरह से चिपका हुआ था,मैं उसके खूबसूरत चहरे का दीवाना तो हमेशा से ही था लेकिन आज उसके जिस्म को इतने बरकी से पहली बार निहार रहा था,उसके कटाव किसी मायने में सपना से कम नही थे ,और हम ही क्या अचानक से ही मैंने कई लोगो को पूर्वी को घूरते पाया…

पूर्वी कुछ भी छिपाने के मूड में नही लग रही थी,लग रहा था जैसे उसे अपने जिस्म पर गर्व है ,और होना भी चाहिए,उसका जिस्म था भी इतना खूबसूरत ..

“अब कुत्तों जैसे लार टपकना बंद करो ..”

पूर्वी ने हंसते हुए रोहन से कहा जो की मेरे लिए भी कहा गया था लेकिन रोहन को पॉइंट करके ..

“कसम से पूर्वी तुम तो जिम ना आकर भी इतनी फिट हो ,अब मजा आएगा ,पुराने दिनों जैसे टक्कर होगी पूर्वी वर्सेस सपना ..”

रोहन ने बेहद ही मजाकिया अंदाज में कहा

“क्यो तुम्हरे जिम में कोई और लड़की नही आती क्या …”

“अरे लडकिया तो बहुत आती है लेकिन तुम दोनों की बात ही कुछ अलग है ,”

रोहन मुस्कुराने लगा,

“कोई टक्कर नही होने वाली समझ गया,मैं यंहा वर्कआउट करने आऊंगी ना की मुझे कोई कम्पीटिसन जीतनी है ..”

इतना बोलकर पूर्वी मुड़ी और जाने लगी ,इस बार हमारी नजर उसके पिछवाड़े में उभरे हुए दो मटकों पर थी,जो एक बेहद ही उतेजित करने वाले लय से मटक रही थी ..

“यार गौरव कुछ भी बोले लेकिन तुम बहुत ही किस्मत वाले हो ,हमारे ग्रुप की सबसे सुंदर लड़की तुम्हारी बीबी है और सबसे हॉट लड़की तुम्हे अपना बनाना चाहती है ...और अब तो पूर्वी भी हॉट होने लगी है ,”

रोहन की नजर अब भी पूर्वी के पिछवाड़े पर टिकी थी ,अचकन उसने मुझे खुद को घूरते हुए देखा और थोड़ा झेंप गया ..असल में मेरे लिए ये पहली बार था जब कोई मेरी बीबी को मेरे ही सामने ऐसे घूर रहा था,एक दो नही लगभग सभी लोग ,यंहा तक की लडकिया भी पूर्वी को घूरे बिना नही रह पा रही थी,इस बात पर मुझे गुस्सा करना चाहिए या गर्व मुझे बिल्कुल भी समझ नही आ रहा था,पूर्वी का दोस्त ,उसका पुराना बॉयफ्रेंड मेरे सामने उसके चूतड़ों को घूरता हुआ उसके सुंदरता की तारीफ कर रहा था,और मैं ये समझने की कोशिश में था की आखिर मुझे कैसा रिएक्शन देना चाहिए…

मैं एक मिडिल क्लास परिवार का लड़का हु जिसके लिए ये सब बिल्कुल ही अजीब बात थी,मेरे परिवार की लडकिया दिन भर अपना पल्लू ही सम्हालती रहती है और यंहा मेरी बीबी सबको गर्व से अपने उठे हुए वक्षो के दर्शन करवा रही थी ,ऐसे ये सब शहरों में आम सी बात है लेकिन फिर भी मेरे लिए ये कोई आम बात नही थी,क्या मुझे इस बारे में पूर्वी से बात करनी चाहिए ..??

अभी तो नही शायद घर जाने के बाद ..

“ह्म्म्म बात तो सही कही कह रहे हो ,चलो वर्कआउट प्लान तैयार करते है ..”

मैंने शांत लहजे में कहा………..






josef
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अध्याय 7

पूर्वी की नजर से

कभी कभी जीवन का एक फैसला आपके जीवन की दिशा और दशा तय करता है,मेरे जीवन मे भी वो पल आया जब मुझे वो फैसला करना था जिससे मेरी आने वाली जिंदगी तय होती…

वो फैसला था गौरव से शादी करने का फैसला,

मैं एक बेहद अमीर और रसूखदार परिवार की इकलौती नकचढ़ी बेटी हु,पिता के बेहिसाब संपत्ति की इकलौती वारिस और पिता की परी,उनके आंखों का तारा और जो भी कहना चाहो,

जीवन मे कभी किसी चीज को कोई कमी नही रही, भगवान ने हुस्न दौलत और जिस्म सब भर भर कर दिया था,और वहीं गौरव थे जो एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे,दिखने में कोई ख़ास सुंदर नही थे ,और मुझे लगभग10 साल उम्र में बड़े भी थे,मैं उनके प्यार में कैसे पड़ी ये कह पाना मुश्किल था,पिता की सारी दौलत शोहरत, आजादी ,हुस्न और पैसे का घमंड ,सब जैसे धरा का धरा रह गया,एक पल नही लगा इन्हें छोड़ने में ,ये सब कैसे और क्यो हुआ समझना थोड़ा मुश्किल है,

बचपन से हम तीन दोस्त हमेशा साथ रहते थे,या ये कहु की मेरा एक सबसे दोस्त और मेरी सबसे बड़ी दुश्मन हमेशा मेरे साथ रहते थे,

सपना, रोहन और मैं हमारी जोड़ी की मिसाल सारी दुनिया देती थी,सपना और मैं खानदानी दुश्मन है, हमारे दादा, हमारे पिता और फिर हम दोनों,हमेशा से गला काट प्रतियोगिता में लगे रहे,हमारा बिजनेस एक था प्रोपर्टी एक ही जगह थी,और बचपन से साथ ही पढ़े, अजीब सी दुश्मनी थी हमारे परिवार के बीच, साथ साथ रहते थे,लेकिन एक दूसरे को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहते,

वही एक तीसरा परिवार था रोहन का परिवार वो हम दोनों परिवार के बीच मध्यस्थता का काम करता, दोनों ही उनके बेहद ही अच्छे दोस्त थे,वही एक कारण थे जिसके वजह से हमारा परिवार साथ रहता था,

पारिवारिक रिश्तों का असर हमपर भी पड़ा, चीजे सामान्य ही थी जब तक कि जवानी नहीं आयी,

मेरे पहले भी कुछ बॉयफ्रेंड रहे लेकिन बस बोलने को,पहली बार प्यार का अहसास रोहन के साथ ही हुआ,वो दिन मैं कभी नही भूल सकती जब हम रोहन के बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे थे ,उसने अपने फॉर्महाउस में पार्टी रखी थी,शराब की नदियां बह रही थी और सभी दोस्त नशे में झूम रहे थे,रोहन बहुत खुश था और साथ मे मैं भी,

आखिर मैं बुरी तरह से थक गई और रोहन का हाथ पकड़ उसे एक कमरे में ले आयी,वो काउच पर बैठा हुआ था और मैं उसकी गोद मे बैठ गई ,उसने मुझे जकड़ रखा था,

“आई एम सो हैप्पी बेबी ,अब हम कॉलेज जाएंगे”

मैंने चहकते हुए अपना चहरा रोहन के चहरे से टिका दिया,हमारी नाक आपस मे मिल रही थी,ये कोई पहली बार नही था जब हम इतने पास थे,हम बचपन कर दोस्त थे और एक दूसरे पर प्यार लुटाने में कभी कोई कमी नही की,आज भी उसके लिए बहुत प्यार आ रहा था,हमारी नाक आपस मे मिली थी और हम मुस्कुराते हुए एक दूसरे की आंखों में झांक रहे थे,

“आई लव यू बेबी”

रोहन ने बड़े ही प्यार से कहा,मैंने उसका चेहरा पकड़ कर जोरो से उसके गालों को चूम लिया, और थोड़ा चूस भी लिया जिससे उसके गाल पर मेरे लार की हल्की परत बन गई थी,

“आई लव यू टू माय स्वीट बेबी यू आर माय बेस्ट बेस्ट फ्रेंड एंड आई लव यू टू मच,”मैंने फिर से उसके गालों में चिपचिपा किस किया और मुस्कुराते हुए उसकी आँखों मे देखने लगी,

,मैं मुस्कुरा रही थी लेकिन रोहन के होठो से मुस्कान गायब हो गई ,

“क्या हुआ “उसके चेहरे की संजीदगी से मैं थोड़ा घबरा गई थी,

उसने अपने हाथों से मेरे चेहरे को पकड़कर मुझे अपने और करीब खिंचा और मेरे नाजुक होठो में अपने होठो को रख दिया,उसके होठ बहुत ही आराम से मेरे होठो को चूम रहे थे,ऐसे तो मुझे पहले भी 2 लड़को ने किस किया था लेकिन रोहन की बात अलग थी ,वो मेरा दोस्त था,मैं उसकी फिक्र करती थी…..

“रोहन तुम ठीक तो हो ना..”

उसके आंखों में आंसू थे और मेरे आंखों में भी आंसू आ गए ..

“आई लव यु पूर्वी ..”

‘आई लव यु टू रोहन ..”

“दोस्त वाला लव नही …”

उसने आखिर कह ही दिया …

मुझे समझ ही नही आ रहा था की मैं उसे क्या जवाब दु ,बचपन से लेकर आजतक मैने कभी इसे इस निगाह से नही देखा था,मैं उसकी बातों को समझ रही थी लेकिन उसका जवाब देना मेरे लिए बेहद ही मुश्किल था,मैं उसे चाहती थी प्यार भी करती थी लेकिन वो जो प्यार की बात कर रहा था वो बॉयफ्रेंड गर्लफ्रैंड वाला प्यार था,दोस्त वाला नही ..

मैं बस उसे एकटक देखती रही ..

“मैं तुम्हे अपनी गर्लफ्रैंड बनाना चाहता हु ..”

वो फिर से मेरे होठो को चूमने लगा,मुझे लगा जैसे मैं बस एक लाश हु ,मेरी आत्मा कही खो गई थी ,मैं एक बेपरवाह सी नकचढ़ी सी लड़की थी लेकिन फिर भी मेरे जीवन में जो प्यार की एक आभा थी वो रोहन से ही तो थी,वही तो था जिसने पूरी जिंदगी मेरा ध्यान रखा था,दिन भर उसके साथ ही रहती ,स्कूल के समय में उसकी कुछ गर्लफ्रैंड बनी ,मेरे बॉयफ्रेंड बने लेकिन उसने ज्यादा समय हम एक दूसरे के साथ बिताते,एक दूसरे से कोई बात आज तक कभी नही छुपाई थी ,पता नही रोहन ने मुझसे ये बात क्यो छिपाई और आज शराब के नशे में एक इमोशनल मूवमेंट में ये बात उसके होठो से निकल गई ,वो मेरे होठो को चूम रहा था,पागलों की तरह लेकिन मेरे होठो में कोई भी हरकत नही हो पाई मैं बस सोच में ही डूबी थी जिसका अहसास उसे हो गया ...ओर वो मुझसे अलग हुआ ..

“पूर्वी तुम्हे दुख हुआ हो तो मुझे माफ कर देना लेकिन ,मैं और नही छिपा सकता की मैं तुम्हारे बारे में क्या सोचता हु “

मैंने एक बार ध्यान से रोहन को देखा उसकी आंखों में वो सच्चाई दिखी जो मैं किसी लड़के की आंखों में खोजती थी,वो प्यार से भरी हुई आंखे,मेरे लिए मानना भी कठिन था की रोहन जैसा लड़का कभी प्यार में पड़ जाएगा वो भी मेरे …

अपनी सबसे अच्छी दोस्त के ..

रोहन पैसे वाला था और दिखाने में बहुत ही हेंडसम,किसी एथलीट सी जैसा शरीर था हमारी उम्र के हिसाब से वो बहुत मजबूत था,स्कूल के समय में ही कई लड़कियों ने उसे प्रपोज किया था,जैसे हमे लड़के करते थे,हम तीनो ही स्कूल के सबसे फेमस विद्यार्थी हुआ करते,हर लड़के को पूर्वी या सपना चाहिए थी तो हर लड़की रोहन की दीवानी थी,आज उसी रोहन ने मुझे प्रपोज किया था...क्या मुझे हा कहना चाहिए,वो किसी भी तरह से कम तो नही था,और इस बात से मेरे पापा भी बेहद खुश हो जाते क्योंकि वो हमेशा से चाहते थे की रोहन ही मेरा बॉयफ्रेंड हो और बाद में मेरा पति …

मैंने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया लेकिन उसके सर को पकड़ कर अब अपनी ओर खिंच लिया ,अब मैं थी जिसने उसके होठो में अपने होठो को रख दिया था,हम दोनों ही धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूस रहे थे,रोहन का हाथ अब मेरे सर से हटकर पूरे जिस्म में घूम रहा था,मेरे टाइट शार्ट स्कर्ट के नीचे उसका हाथ मेरी जांघो को भी सहलाने लगा था,मेरा शरीर अब उसकी हर हरकत की प्रतिक्रिया दे रहा था,जिस्म में झुरझुरी सी दौड़ाने लगी थी,मैं अब भी उसके गोद में बैठी थी और मेरे कमर के नीचे मुलायम नितंबो में उसके लिंग का स्पर्श का आभास मुझे हो रहा था,जैसे किसी कच्चे केले के ऊपर बैठ गई हु,मैं इसका आभास पाते ही हंसने लगी …

“क्या हुआ “

उसने आश्चर्य से देखा

“कुत्ता है साले तू ,मेरे नीचे क्या चुभो रहा है ..”उसके भी होठो में कुटिल सी मुस्कान आ गई

“तुझे नही पता क्या मेरी कुतिया ..”

मैंने उसके गालों पर हल्की सी चपत लगा दी..

“ये तेरा ढंग है प्रपोज करने का ..”

“हाँ बता इस कुत्ते की कुतिया बनेगी “

उसने इस ढंग से कहा की मैं खिलखिलाकर हंस पड़ी

“सच में कुत्ता है तू ,”मैंने थोड़ी देर उसकी आंखों में देखा और फिर से बोल उठी ..

“और मैं तेरी कुतिया हु ..”वो मुस्कुराने लगा,और मैंने फिर से उसके होठो को अपने होठो में भर लिया ..

हम दोनों एक दूसरे के होठो में डूबे हुए थे जब दरवाजा खुला ,हम दोनों ने जब चौक कर देखा तो सामने सपना खड़ी थी ,आंखों में अंगारे लिए ,सच कहु तो मुझे इससे बड़ा ही सुकून मिला था..

“रोहन ने मुझे प्रपोज किया और ….और मैंने एक्सेप्ट कर लिया..”

मैंने सपना को जलाने के लिए कहा,रोहन की गर्लफ्रैंड कोई भी बने सपना को कोई फर्क नही पड़ता था लेकिन मैं जानती थी की वो मुझे उसके नजदीक देखकर जल जाएगी ..

“सपना मैं तुम्हे बताने ही वाला था .”

रोहन बोल रही रहा था की सपना गुस्से में जोर से दरवाजा बंद करते हुए वंहा से निकल गई ,मैं तो हँस ही पड़ी लेकिन रोहन ने मुझे थोड़ी नाराजगी से देखा ..

वो उसके पीछे जाने लगा

“तुम्हारे लिए वो इम्पार्टेंट है या मैं ..”

मैं चिल्लाई

“पूर्वी प्लीज् यार मेरे लिए तुम दोनों ही इम्पार्टेंट हो ,हम तीनो बचपन के दोस्त है फिर भी तुम दोनों हमेशा लड़ते रहते हो “

“हम तीनो नही तुम दोनों और हम दोनों ,सपना और मैं तो हमेशा से दुश्मन ही है ..”

“हा जानता हु लेकिन तुम दोनों के बीच पिसता तो मैं ही हु ना ,तुम खुश करो वो नाराज ,उसे खुश करो तो वो ..”रोहन झल्ला गया था और मैं उसकी इस कंडीसन पर हंसने लगी क्योंकि मुझे पता था की ये बेचारे के साथ हमेशा ही होता था..

“हा सब जानती हु जाओ जाओ अपनी सपना को मनाओ,”मैंने मुस्कुराते हुए कहा ,और वो तेजी से कमरे से निकल गया ..

मैं जानती थी की रोहन अब सपना को कितना भी मना ले लेकिन अब सपना रोहन की सिर्फ दोस्त रहेगी लेकिन मैं ..मैं रोहन की दोस्त के अलावा भी कुछ हु …

मेरे होठो में फिर से एक मुस्कान तैर गई ………..



josef
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अध्याय 8

दिन गुजरते गए और मस्तिया चलती रही,सपना अब भी रोहन से नाराज थी और सच बताऊँ तो इससे दिल को बेहद ही सुकून मिलता था,लेकिन फिर भी हर पार्टी में वो साथ रहती,जंहा भी हम जाते वंहा वो साथ ही रहती,उसके सामने रोहन तो कुछ नही करता लेकिन मैं रोहन के होठो में होठ भरने का कोई मौका नही छोड़ती खासकर जब सपना हमारे साथ हो,ऐसी ही कुछ दोस्ती और दुश्मनी थी हमारी की चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन साथ कभी नही छोड़ते थे …

एक अजीब सा लगाव था हमे एक दूसरे से तीनो में कोई एक ना हो तो खाली खाली सा लगता था,चाहे हम कितनी भी दुश्मनी निभा ले लेकिन बचपन का साथ था हमारा,उस दिन रोहन मुझे लेकर सपबना के घर गया,मैं उसके घर नही जाना चाहती थी लेकिन रोहन ने जबरदस्ती की …

हम सपना के कमरे में बैठे थे,कमरा मेरे कमरे जैसा ही था असल में लग यही रहा था की जैसे मेरे कमरे की ही नकल हो ,बड़े से कमरे में एक कोने में सोफा लगा हुआ था,हम वही बैठे थे,सपना कही दिख नही रही थी ,रोहन ने मुझे थोड़ी देर में आने की बात कही और वो बाहर निकल गया ,मैं वंहा अकेली थी समझ नही आ रहा था की आखिर सपना कहा है ,थोड़ी ही देर में सपना और उसके पिता जी वंहा आये ..

मैं खड़ी होई गई ..

“नमस्ते अंकल ..”

वो मुस्कुराए

“नमस्ते बेटा बैठो बैठो..”

सपना मेरे बाजू में बैठ गई वही अंकल दूसरे सोफे में ,

“रोहन कहा चला गया??? “मुझे समझ नही आ रहा था की आखिर रोहन मुझे यंहा अकेले छोड़कर कहा चला गया है..

“वो थोड़ी देर में आएगा,असल में हमने ही तुम्हे बुलाया था रोहन से बोलकर,अब सपना बोलती तो तुम आने से रही ..”

अंकल अब भी मुस्कुरा रहे थे,,अंकल ने मुझे बुलाया ,अब आखिर ऐसी क्या बात हो गयी ,मैं ध्यान से सुनने लगी ..

“देखो बेटा तुम्हे भी पता है की हमारे परिवार के बीच एक अलग ही युद्ध चलता आ रहा है,मेरे पिता और तुम्हारे दादा जी कट्टर प्रतिद्वंदी थे ,लेकिन क्या तुम्हे पता है की वो दोनों और रोहन के दादा ये तीनो एक ही स्कूल में एक ही कालेज में पढ़े थे…”

“जी अंकल मैं जानती हु,”

“बात यही खत्म नही हुई ,हमारी दूसरी पीढ़ी यानी मैं तुम्हरे पिता और रोहन के पिताजी तीनो ने भी वो प्रथा कायम रखी,तुम्हारे पिता जी का अगर कोई सब्सेर बड़ा दुश्मन है तो वो मैं हु और वैसे ही मेरे लिये तुम्हारे पिताजी है,”

वो हसने लगे साथ ही मैं भी मुस्कुराने लगी क्योंकि ये बात बिल्कुल ही सही थी लेकिन सपना उदास थी सर झुकाए बैठी थी ..

अंकल फिर से बोलने लगे ..

“देखो बेटा यंहा ऐसे बुलाने के लिए माफी चाहूंगा लेकिन मैं अपनी बेटी से बहुत ज्यादा प्यार करता हु ,मैं यंहा तुम्हे कुछ समझने के लिए नही बुलाया हु असल में मैं सपना को कुछ समझाना चाहता हु ..”

उनकी बात सुनकर मैं थोड़ा चौकी,उन्होंने बोलना जारी रखा

“देखो बेटा तुम्हारे दादाजी भले ही मेरे पिता के सबसे बड़े कम्पीटिटर थे लेकिन उन्होंने मुझे हमेशा अपने बेटे की तरह समझा,और तीनो परिवार हमेशा अपनी दूसरी पीढ़ी को अपने बच्चों जैसा प्यार देते आ रहे है,हम कितने भी बड़े दुशमन बन जाए लेकिन हमारे बीच वो दोस्ती कभी नही छूटती जो हममें है दुश्मनी के रूप में,सच कहु तो तुम्हारे पिता जी अगर बीमार भी पड़ जाए ना तो मेरी जान निकल जाती है,क्योंकि साला वो ही नही रहेगा तो मैं लडूंगा किससे ..”

अंकल की बात से मुझे वो घटना याद आयी जब पापा के अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था और मिलने वाले में सबसे पहले अंकल ही थे दूसरे रोहन के पापा थे ,और जब सपना के पिता जी को हार्ट अटैक आया था तो पापा कुछ ज्यादा ही चिंता में रहते थे,बार बार फोन कर उनका हाल चाल जानते उनसे मिलने जाते…

इन सब बातों को याद करके मैं मुस्कुराने लगी

“बेटा तेरे दादा और तेरे पापा दोनों ही जिगर वाले थे दुश्मनी को भी पूरी नजाकत से निभाई उन्होंने लेकिन आने वाली पीढ़ी के लिए मुझे चिंता होती है ,हमने कभी अपने बच्चों को इस दुश्मनी में शामिल नही किया,तुम दोनों दुश्मनों की तरह रहो मुझे कोई प्रॉब्लम नही है लेकिन मैं तुमसे कैसे कोई दुश्मनी निकाल सकता हु ,तुम मेरी बेटी जैसी हो ,रोहन मेरा बेटा है ,मैं तुम्हारे बारे में बुरा नही सोच सकता बेटा,ना ही तुम्हारे रिश्ते के बारे में,लेकिन ये चाहती है की मैं तुम्हारे इसके मामले में आऊ और यही मैं इसे समझने की कोशिश कर रहा हु की हमने कभी एक पीढ़ी को दूसरी पीढ़ी से नही मिलाया ,हमने बुजुर्गों की इज्जत की और छोटो को प्यार दिया है,यही तो हमारे दशमी की काबिलियत रही है ,हमे इसपर गर्व है कि हमारा दुसहमन इतना पावर फूल है ,और हमने उसके परिवार को हमेशा ही अपना परिवार माना है …”

अंकल की बात सुनकर कई वाकये याद आ गए जब सच में अंकल ने मुझे और मेरे पिता ने सपना को अपने बच्चों की तरह से प्यार दिया था,वो तो हम बड़े होने के बाद एक दूसरे के घर आना जाना छोड़ चुके थे लेकिन जब हम बच्चे थे तो हमारे पिता या दादा ने हमे कभी भी एक दूसरे के घर जाने से नही रोका था ,

“सॉरी अंकल की आपको मुझे बुलाने के लिए रोहन की मदद लेनी पड़ी “मुझे अचानक ही अपनी गलती का अहसास हो गया …

अंकल खड़े होकर मेरे बालो को सहलाने लगे ,उनके स्पर्श ,के वही प्यार था जो मेरे पापा के स्पर्श में होता है

“बेटा मेरी और तेरे पिता की हमेशा से दो बेटी और एक बेटा है ,हमारी दुश्मनी और दोस्ती दोनों ही खानदानी है,हा मुझे इस बात का दुख जरूर है की रोहन मेरा नही तुम्हारे पिता का दामाद बना लेकिन मुझे सच में तुम्हारे लिए वो खुसी है जो एक बाप को होनी चाहिए,लेकिन मैं नही चाहता बेटी की तुम अपनी दुश्मनी हम तक पहुचाओ अगर तुम दोनों का प्रॉब्लम है तो तुम दोनों ही इसे अपने लेवल में खत्म करो ,और यही सोच हमारे पिताओं की थी और हमारी भी है,हम तुम्हारे नही तुम्हारे पूर्वजो के दुश्मन है,लड़ाई में जब तक मजा ना हो तो वो लड़ाई नही रहती,तुम्हारे पिता ने हमेशा सपना की माँ से प्यार किया था,वो उसे पा नही पाया लेकिन मैंने उसे पाया फिर भी हम वैसे ही थे जैसे पहले थे,हर एक बात से हमारी दुश्मनी बड़ी लेकिन फिर भी हमने एक दूजे के परिवार को अपना परिवार समझा है क्योंकि हमने अपनी दुश्मनी सिर्फ अपने तक रखी है,लेकिन आज सपना ने मुझे तुम्हारे बारे में कहा की मैं तुम्हारे और रोहन के बीच के प्यार को तोड़ने में उसकी मदद करू..बेटे ये तो मैं नही कर सकता,तुम्हारे पापा भी यही कहते अगर ये तुम्हारी बात होती..मैं बस ये चाहता हु की तुम दोनों अपनी दुश्मनी दिल से निभाओ ताकि उसमें छिपे प्यार को समझ पाओ तुम दोनों अकेले में बात करके फैसला कार्लो की तुम्हे सोहन के बारे में क्या करना है “

अंकल जा रहे थे तभी मैं बोल उठी

“अंकल पापा ने क्या किया था जब आप और आंटी ने एक दूसरे को चुना “

मेरे सवाल से अंकल जोरो से हँस पड़े

“वो साला तो आज भी मेरी बीवी को मुझसे दूर करने की कोशिश करता है लेकन बेटा ये हमारा कंपीटिशन है जो वो कभी नही जीत पायेगा,और रोहन तुम दोनों का ,हमने कभी तुम्हारा और तुम्हरे दादा दादी का इस्तमाल नही किया तुम्हे भी हमारा इस्तमाल नही करना है,अपनी लड़ाई खुद लड़ो और जीतो,तुम दोनों को ही आल द बेस्ट ‘

अंकल ने मुस्कुराते हुए कमरा छोड़ दिया,उनके लिए दिल में एक सम्मान की भावना मेरे दिल में घर कर गई,सच में ये थड़ी अजीब सी लगाई थी …

मैं सपना की ओर मुड़ी

“समझ आ गया जो अंकल ने कहा “

मैंने उसे मुस्कुराते हुए कहा

“साली कुतिया रोहन कभी तेरा नही होगा ,”

वो सुबकते हुए कहा,मैंने सपना को रोते हुए बहुत ही कम ही देखा था,मैं हँस पड़ी

“कुतिया तो मैं हु लेकिन रोहन की ,तू कुछ नही कर पाएगी “

सपना ने मुझे खा जाने वाली नजर से देखा

“वो तो वक्त ही बताएगा ,लेकिन मेरी बात याद रख हम पैदायसी दुशमन है ,तेरे पिता जी आज भी मेरी माँ को पाने में लगे है ,मैं भी कभी तेरा पीछा नही छोडूंगी,जिससे भी तू प्यार करेगी उसे तुझसे छीन कर रहूंगी “

सपना की बातों से मुझे जोरो की हँसी आयी और मैं जोरो से हंसी भी ,

“गेम इस बिगिंग बेटा देखते है , तू मेरे प्यार को कैसे छिनती है”

मैं कमरे से बाहर निकल गई तब तक सपना बस मुझे घूरती रही ...




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