प्यार था या धोखा

Post Reply
User avatar
naik
Gold Member
Posts: 5023
Joined: 05 Dec 2017 04:33

Re: प्यार था या धोखा

Post by naik »

fantastic update brother

waiting your next update
josef
Platinum Member
Posts: 5361
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: प्यार था या धोखा

Post by josef »

अध्याय 11

सर की बात सुनकर मैंने एक चीज का फैसला किया,की मैं पता करूंगी क्या वो सही कह रहे है,क्या सच में ये महज एक आकर्षण ही है ,या मैं उनसे प्यार करने लगी हु..

मैं लाइब्रेरी से बाहर आकर कैंटीन की तरफ बड़ी एक ग्राउंड में लड़के क्रिकेट खेल रहे थे और साथ ही लडकिया उन्हें चेयर कर रही थी ,वही मैंने रोहन को देखा,वो अपने लफंगे दोस्तो के सब हाथ में बियर की बोतल लिए हुए बाइक में बैठा हुआ था,और उसके चमचे आस पास खड़े थे,सभी मैच देखकर गली गलौच कर रहे थे,उसे देख कर फिर से मेरे होठो में मुस्कान आई,शायद सर ने सच ही कहा था,लाइब्रेरी मेरे काम की जगह कभी नही थी…

मैने पीछे से रोहन के कंधे पर हाथ मारा..

“कौन है बे..”

वो पलटा और मुझे देख कर हड़बड़ा गया,वो बाइक से उठकर खड़ा हो गया ,और उसकी इस हड़बड़ी को देखकर मुझे हँसी आ गई ..वो बस आंखे फाडे मुझे देख रहा था,मैंने उसके हाथ से वो बियर की बोतल छीन ली और अपने होठो से लगा लिया,वाह ठंडी ठंडी बियर ,कितने दिनों के बाद पी रही थी …

“सपना कहा है ??”

मैंने दो घुट पीने के बाद बोला

“क्या पता कैंटीन में होगी शायद “

“हम्म चल तुमसे बात करनी है “

वो थोड़ा डरा हुआ लगा..मुझे हंसी आ गई

“तुझे खा नही जाऊंगी ,कुछ जरूरी बात है इन लफंगों के सामने नही कर सकती “

मैंने उसके दोस्तो को देखा ,वो सभी मुझे अजीब निगाहों से देखने लगे,लेकिन उन्हें भी हमारी दोस्ती का पता था,इसलिए उनमें से कई मेरी बात सुनकर मुस्कुराने लगे ..

“भाई जंहा भी जाओ बियर छोड़कर जाना”

उनमें से एक ने मुस्कुराते हुए कहा ,मैंने देखा नीचे बियर की पूरी पेटी पड़ी थी,मैंने वंहा से दो बियर उठा लिए

“लो सालों पियो फोकट की बियर “

मैंने उसके दोस्तो को लताड़ा वो भी हंस पड़े ,और रोहन के साथ मैं बाइक में बैठकर एक गार्डन में आ गई ,हम दोनों के हाथो में बियर थी,और हम एक पेड़ के नीचे सुकून से बैठे हुए थे…

“इन सब लफंगों के साथ घूमता है इसलिए तेरे दिमाग में भूसा भर रहा है..”

मेरी बात सुनकर रोहन पहली बार थोड़ा हँसा ..

“वो सभी दिल के बहुत अच्छे है यार ,बस बेचारे गरीब है तो मैं उनपर थोड़ा खर्च कर देता हु,बाप ने इतना पैसा कमा के दिया है तो इनका भी थोड़ा भला हो जाए “

“हम्म्म्म जानती हु ...रोहन हमारे बीच जो भी हुआ उससे सबसे ज्यादा इफेक्ट हमारी दोस्ती को ही पड़ा..”

इस बार रोहन का चहरा उतरा हुआ था

“मैंने तुझे प्रपोज करने में शायद बहुत जल्दी कर दी ,मुझे समझ लेना था की ये प्यार था या महज आकर्षण ..”

रोहन गंभीर था और उसने जो कहा था वो मुझे सर के बात की याद दिला रहा था,शायद मैंने भी सर को प्रपोज करने में जल्दबाजी कर दी ,रोहन के मुह से इतने मैच्योरिटी भरी बात सुनकर मुझे अच्छा लगा…

“यार रोहन सॉरी मुझे तुम्हे ऐसे जलील नही करना था..”

मैंने रोहन की ओर देखा वो भी मुझे ही देख रहा था,उसकी आंखों में मेरे लिए वही प्यार दिखा जो मैं बचपन से देखते आ रही थी,

“तूने मुझे जलील किया ,गालियां दी ,मुझे थोड़ा भी दुख नही लगा,लेकिन इन सबमे हमारी दोस्ती टूट गई ,और मेरे तो हमेशा से दो ही दोस्त रहे है, “

रोहन ने सर नीचे कर लिया उसके आंखों में आंसू थे ,मैंने खुद को उसके पास खिसकाया और उसके चहरे को अपने सीने से लगा लिया,मैं उसके बालो को सहलाने लगी वो अब भी सिसक रहा था,सच में हम तीनो बचपन से साथ थे कितने बार लड़ाई किये लेकिन फिर भी बिना बोले इतने दिनों तक कभी नही रहे ..

“तू क्या दूर हुई सपना भी मुझसे दूर हो गई ,ऐसे नही रहा जाता यार ,तू मुझे जलील कर या मार पीट कुछ भी कर लेकिन कम से कम बात तो किया कर ,गाली दे दिया कर लेकिन बात तो कर .तू तो मुझसे कट ही गई,तुझे सपना से बात नही करनी है मत कर लेकिन मुझसे तो कर …”

अब रोहन सच में रोने लगा था,और अचानक ही लगा जैसे मेरा पुराना रोहन मुझे वापस मिल गया हो,मुझे उसपर बेहद ही प्यार आया और मैंने उसके सर को जोर से चूमा ,वो मुझे और भी जोर से जकड़ लिया ….

बहुत ही देर तक हम ऐसे ही बैठे रहे ...अब रोहन भी नार्मल हो गया था लेकिन अब भी मुझसे लिपटा हुआ था..

“रोहन तुझे एक बात बतानी है ..”
“ह्म्म्म बोल ना “

“वो सर याद है गौरव सर ..”

“हा उन्हें कैसे भूल सकता हु “

“आई थिंक आई लव हिम यार “

रोहन अचानक से मुझसे अलग हुआ और मेरे चहरे को देखने लगा ,उसके चहरे में आश्चर्य के भाव खेल रहे थे ,वो आंखे फाडे मुझे देख रहा था और मैं मंद मंद मुस्कुरा रही थी,असल में थोड़ा शर्मा रही थी ..

“तू पागल हो गई है क्या ...वो ..वो कम से कम तुझसे 10 साल बड़ा होगा “

“तो क्या हुआ ..”

“तू सच में पागल हो गई है ,उसका घर तो देखी है ना ,जितना बड़ा उसका घर है उतना बड़ा तो तेरा बेडरुम है,और तूने उसका चहरा देखा है .खुद को देख और उसे देख यार कहा से मेच खाता है ..”

वो अब भी आश्चर्य में डूबा हुआ था

“यार प्यार ये सब नही देखता “

“तेरा दिमाग सठिया गया है ,लगता है हमारे ब्रेकअप के कारण तू सदमे में चली गई है ,तेरे दिमाग में भी असर हुआ है,तू आज रात चल मेरे साथ पार्टी करते है शायद दारू पी के तेरा दिमाग ठीक हो जाए ,या फिर किसी साइकोलोजिस्ट के पास ले जाना पड़ेगा “

वो झल्ला कर बोल रहा था और उसकी बात सुनकर मैं हँस रही थी..

“मेरा दिमाग बिल्कुल ठीक है समझ गया “मैंने उसके बालो में हाथ फेरा

“तो ऐसे बहकी बहकी बात क्यो कर रही है,सपना सुनेगी तो हँस हँस कर पागल हो जाएगी “

“उसके हंसने से क्या फर्क पड़ता है,मेरा फैसला नही बदलेगा “

रोहन अब सिरियस हो गया था

“देख रोहन मैंने उन्हें प्रपोज भी किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया “

अब तो रोहन का चहरा और भी देखने के लायक था ..

“उसने तुझे मना कर दिया “

“हा यार ..”मेरा चहरा उतर गया लेकिन रोहन जोरो से हँसने लगा था ..मैं समझ सकती थी को क्यो हँस रहा था ,वो पेट पकड़े हँस रहा था,मैं गुस्से में उसे मार रही थी लेकिन वो साला चुप ही नही हो रहा था..

“अगर तुझे इतनी हंसी आ रही है तो मैं जा रही हु ..”

“अरे रुक तो ..”उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे जाने से रोक लिया

“चल ठीक है बता उसने क्या कहा और मैं तेरी क्या मदद कर सकती हु “

मैंने उसे देखा ,मैं अब खुश थी की मेरा पुराना दोस्त आखिर अब मेरे साथ है …

मैंने उसे बताना शुरू किया उस दिन से जब मैं लाइब्रेरी में उनसे मिली थी…

“ह्म्म्म सही तो कहा उसने ,तुझे भी क्या सच में पता है की प्यार है या महज एक आकर्षण ..”

“यही तो पता करना है ..”

“ठीक है कर लेना लेकिन आज तो पार्टी होगी ,मैं सपना को काल करके बुला लेता हु ,फिर से हम तीनो यार ,विथ झगड़ा और प्यार ,इन बियर बार ..”

रोहन बेहद खुश था और मैं भी …

“लेकिन अभी सपना को इसके बारे में कुछ बताना मत “मैंने जाते जाते रोहन से कहा ,उसने भी सहमति में सर हिलाया

*********

पार्टी पूरे शबाब में चल रही थी डीजे बज रहा था ,लोग नाच रहे थे ,सभी शराब के नशे में मदहोश थे मैं और रोहन दोनों ही पूरे मस्ती में नाच रहे थे लेकिन ,सपना कुछ बुझी बुझी सी दिख रही थी ,आखिर रोहन ने उसका हाथ पकड़ कर खिंचा ..

“कम आन यार चलो ना डांस करते है “

“मूड नही है यार तुम लोग जाओ “

“क्या हुआ ??”

“बस चलो कही शांत जगह पर चलते है “

सपना की बात सुनकर रोहन मुझे देखने लगा ,मैंने ही सहमति में सर हिला दिया …

हम होटल के गार्डन में चले गए थे,सपना बुझी बुझी दिख रही थी ..

“अब तो बता तेरा मूड क्यो उतरा हुआ है ,आज इतने दिनों बाद हम तीनो मिले है और तू अब भी मुह फुलाये बैठी है “

रोहन ने सपना के गालों को खिंच लिया

“आउच “

हम दोनों हँसे..

“यार सपना जो हुआ उसको लेकर अगर दुखी है तो मुझे माफ कर दे ,और अगर तू चाहे तो अब रोहन के साथ कुछ भी कर सकती है ,हमारा ब्रेकअप हो चुका है और हम अब पहले के तरह ही फ्रेंड है ..”

सपना ने मुझे देखा और एक हल्की मुस्कान दी ,

“बात वो नही है ,हमारे बीच तो ये सब चलता ही रहता है लेकिन आज कुछ अजीब हुआ मेरे साथ ...वही सोचकर उदास हु “

उसकी बात सुनकर हम दोनों ही चौके

“आखिर बात क्या है “रोहन बोल उठा

“आज किसी ने पहली बार मेरे हुस्न की ऐसी तौहीन की है,पहली बार किसी ने मेरे प्रपोसल को ठुकरा दिया “

सपना की बात सुनकर मैं और रोहन एक दूसरे के चहरे को घूरने लगे

“कौन ..??”

आखिर मैंने पूछा

“शायद तुम लोग हँसोगे,इसलिए नही बताना चाहती “
सपना ने सीधे ही कहा

“अरे बता दे दोस्त है तेरे थोड़ा हँस भी लेंगे तो क्या हो गया “

“ह्म्म्म अरे यार वही हमारे कालेज का प्रोफेसर डॉ गौरव,साला कहता है की ये प्यार नही बल्कि आकर्षण है ,माय सीट आकर्षण,बट यार सच कहु तो मुझे लगता है आई लव हिम ..”

उसकी बात सुनकर जैसे मेरे दिलो दिमाग ने काम ही करना बंद कर दिया था,मैं और रोहन एक दूसरे को आंखे फाडे देख रहे थे,पता नही की भगवान ने हमारी किस्मत कैसे लिखी थी ,जंहा मैं जाती थी सपना भी वही चली आती थी,मैं अपना सर पकड़कर बैठ गई ..

“इसे क्या हुआ “सपना ने मुझे देखकर कहा

अचानक ही रोहन कुछ सोचकर हँसने लगा

“तुझे क्या हुआ तू क्यो हँस रहा है “सपना और भी आश्चर्य में पड़ गई ,रोहन कुछ बोलने के हालत में नही था वो हँसे जा रहा था,वही मैं भी कुछ बोलने के हालत में नही थी ,मैं बस सर पकड़कर बैठी थी और सपना…

सपना मानो इस पहेली को समझने की कोशिश कर रही थी की आखिर हम दोनों ऐसी हरकते क्यो कर रहे है ……..



josef
Platinum Member
Posts: 5361
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: प्यार था या धोखा

Post by josef »


अध्याय 12

एक साल बीत गए मैंने अपनी कोशिश की और सपना ने अपनी ,रोहन दोनों के साइड रहता इस तरह वो किसी के भी साइड नही रहता ,आखिरकार मेरी जीत हुई और सर ने मेरा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया ,सपना इससे जल चुकी थी और एक दिन उसने वो कदम उठा लिया …

उसने गौरव सर के सामने अपने कपड़े उतार दिए ,और वो उसे छोड़ कर मेरे पास आ गए,मुझे हर हकीकत बताई ,

क्या बताऊँ की उस दिन मेरे दिल में क्या बीती थी,प्यार या आकर्षण दोनों ही अलग की बात है लेकिन इस घटना से मेरे दिमाग में गौरव सर के लिए सम्मान भर गया था,और एक डर भी,अब मैं उनसे और दूर नही रहना चाहती थी,मैं उन्हें अपना बना कर रख लेना चाहती थी,मैं उनसे शादी कर लेना चाहती थी,

लेकिन मेरे सामने सबसे बड़ी रुकावट मेरे पिता जी ही थे,वो तो नही माने यंहा तक की उन्होंने गौरव सर को जान से मारने की भी धमकी दी,लेकिन अगर लड़का लड़की राजी हो तो कोई क्या कर सकता है,हमने कोर्ट मैरिज की और साथ रहने लगे…

एक दिन पापा मेरे घर आये ,उन्हें देख कर मुझे बेहद खुसी हुई..

मैं उनके सीने से लग गई,उनके साथ रोहन भी था,

“तुम इस झोपड़े में रहती हो “

पापा की आंखे गीली थी,वो अंदर आते ही घर के चारो ओर देख रहे थे..

“पापा जैसा भी है अब यही मेरा घर है “

उन्होंने मुझे स्नेह से देखा ..

“बेटा तुम और गौरव हमारे घर में क्यो नही रह सकते ,मैं उसे अपने दामाद के रूप में स्वीकार करूंगा,तुम्हारी शादी फिर से धूमधाम से करूंगा ,सारा शहर देखेगा ,.इतनी जायजाद का क्या मतलब हुआ जब मेरी इकलौती बेटी ऐसे रह रही है ..”

उनके आंखों में पानी उतर आया था..

मैं उनके बाजू में जा कर बैठ गई उनके सीने से खुद को सटा लिया ,

“पापा मैं खुश हु,बहुत खुश हु ,और मैं चाहती हु की आप भी मेरे लिए खुश रहे ,मुझे गौरव पसंद है,उनका लाइफ स्टाइल पसंद है,मुझे और कुछ नही चाहिए इतना हमारे लिए काफी है..और प्यार को दौलत से कैसे तौल सकते है,”

“बेटा लेकिन जो मेरा है वो सब भी तो तेरा ही है ना”

पापा मेरे सर पर हाथ फेर रहे थे,

“ह्म्म्म मैं मानती हु की वो सब भी मेरा ही है ,लेकिन अभी नही पापा,मैं आपको वचन देती हु की जब आपको मेरी जरूरत होगी आपकी बेटी आपके पास होगी,आपके साथ होगी ,आपकी सेवा करने में मैं कोई कमी नही रखूंगी,लेकिन अभी नही…”

“बेटा लेकिन अगर तुम और गौरव ही मेरा बिजनेस सम्हाल लो तो आखिर इसमें प्रॉब्लम क्या है”

“पापा उन्हें अपने काम से प्यार है उन्हें बिजनेस की कोई समझ है ही नही ,और रही मेरी बात तो अभी तो मेरी पढ़ाई ही चल रही है ,अभी मेरा MBA कंपलीट हो जाए तो फिर मैं कही जॉब कर लुंगी ..”

“तू जॉब करेगी ,मेरी बेटी जॉब करेगी “

पापा का गला रुआसु होई गया था ,मैं मुस्कुराते हुए उन्हें देखने लगी ..

“पापा आप खानदानी रहीस परिवार से हो,मिडिल क्लास के लोगो का कुछ वसुल होता है,पैसे से ज्यादा प्यार अपने आत्मसम्मान होता है,और मैं कभी भी गौरव जी के आत्मसम्मान से समझौता नही कर सकती “

“अब इसमें ये आत्मसम्मान कहा से बीच में आ गया “

पापा झुंझला गए

“कम ऑन पापा छोड़ो ना ये सब ,रुको आपके लिए चाय बना कर लाती हु “

मैं उठी और किचन से दो चाय बना कर रोहन और पापा को दिया

“हम्म यार तू चाय तो बहुत ही अच्छा बना लेती है “रोहन मुस्कुराने लगा

“खाना और भी अच्छा बना लेती हु ,आये हो तो खा कर ही जाना रुको मैं बनाना शुरु करती हु “

“नही बेटा”पापा ने मुझे रोका

“मेरे पास बैठ ,तुझे देखे इतना समय हो गया ,थोड़ा बात कर ले ,क्या मैं गौरव से बात करू ,अगर वो बोले तब तो तुमलोग हमारे घर में रह सकते हो ना “

पापा फिर से घूम फिर कर वही आ गए थे,वो मेरी बात को नही समझ सकते थे,मैंने एक गहरी सांस ली

“पापा प्लीज...आप गौरव से कोई बात नही करोगे,और मेरे पास टैलेंट है हम दोनों मिलकर इतना तो कमा लेंगे की अच्छी जिंदगी बिता सके,आपको अपनी बेटी अपने घर में आपके दौलत के साथ चाहिए या खुश चाहिए ...मैं खुश हु पापा “

“लेकिन बेटा वंहा रहेगी तो मेरे पास रहेगी “

“मैं यंहा रहूंगी तो भी आपके पास ही रहूंगी ,कम से कम आप मुझसे इतने देर बात तो करोगे,बचपन से आज तक आपको याद है की कब आप और मैं इस तरह इतने देर बैठकर बात किये हो ,खासकर माँ के गुजर जाने के बाद से …”

पापा अचानक से ही चुप हो गए थे,वो इतने बिजी होते थे की मेरे लिए उनके पास समय ही नही होता था,हम एक ही घर में रहते लेकिन कभी कभी ही मिल पाते थे ,

“पापा मैं आपकी बेटी हु और हमेशा रहूंगी ,मेरे पुरखो की जायजाद पर मेरा हक है और उसे मैं सम्हालुंगी भी लेकिन आपके बाद जब जरूरत पड़ेगी,एक घर में रहकर भी हमने कभी इत्मीनान से बात नही कर पाते थे तो क्या मतलब है हमारे साथ रहने का,मैं एक अच्छी बेटी बनूंगी पापा लेकिन अभी एक अच्छी बीवी बनने दीजिए ..”

पापा की आंखे झलक रही थी ,रोहन भी मुझे बड़े ही गर्व से देख रहा था ,

“बेटा तू इतनी बड़ी कब से हो गई ..’

वो फफक पड़े साथ में मेरे होठो में भी एक मुस्कान और आंखों में थोड़ा पानी आ गया था..

***************

जीवन अच्छे से चल रहा था ,मैंने अपना MBA भी कंप्लीट कर लिया था और मुझे एक जॉब चाहिए था,मैं घर में बैठ कर तो नही रह सकती थी ,पापा ने एक ऑफर दिया लेकिन उसे लेना मैंने सही नही समझा ,आखिर में रोहन ने मुझे एक ऑफ़र दिया ,वो अब अपने पिता का बिजनेस धीरे धीरे सम्हाल रहा था उसे भी किसी भरोसेमंद सहायक की जरूरत थी,और कुछ काम में मैं पहले से ही एक्सपर्ट थी,रोहन मेरा अच्छा दोस्त भी था,अच्छी सेलरी भी दे रहा था जो मेरी काबिलियत से मेच खाती तो मैंने जॉब एक्सेप्ट करने की सोच ली ,लेकिन गौरव इससे थोड़े परेशान थे ,खैर मैंने उन्हें भी मना लिया ,सब अच्छा चल रहा था लेकिन फिर एक खबर ने मेरा दिमाग हिला दिया …

जब मालती मेडम का फोन आया ,उन्होंने मुझसे सपना को गौरव की असिस्टेंट बनाने के बारे में पूछा ,मालती मेडम गौरव के लिए माँ के समान थी ,और मुझे भी बेहद ही प्यार करती थी ,उनकी बात तो मैं टाल भी नही सकती थी,मैंने हा तो कह दिया लेकिन दिल में एक घबराहट सी भर गई थी…

सपना के साथ जो हुआ था वो बहुत ही बुरा था,और उसका कारण मैं और गौरव ही थे,जब उसने सपने कपड़े गौरव के सामने उतारे थे और गौरव भाग कर मेरे पास आ गए थे उसके बाद ये खबर जंगल में आग की तरह फैल गई ,सभी की नजरो में सपना गिर गई ,वो तो रोहन था जिसने उसे सहारा दिया,उसे नार्मल किया,मैंने तो गौरव से शादी कर लिया लेकिन सपना में अचानक ही बहुत बदलाव आया,वो अब ज्यादा समय पढ़ने में लगाने लगी ,

हम तीनो दोस्तो के जीवन के रास्ते इस एक घटना ने बदल दिया था,मौज मस्ती सब अचानक ही खत्म हो गई थी …

सपना ने अपने को सीमित कर लिया,वो अब दिन भर लाइब्रेरी में ही बैठी रहती,पढ़ने में ही लगी रहती,वही गौरव पूरा ध्यान अपने बिजिनेस में लगा रहा था और मैं ...मैं तो अब किसी की बीबी थी…

कही ना कही मुझे सपना के लिए एक हमदर्दी थी ,वही अब ये डर भी था की सपना फिर से गौरव को फसाने की कोशिश तो नही करेगी …

मैं इसी उधेड़बुन में अपने कॅबिन में बैठी थी तभी रोहन वंहा आया …

“लगता है तुम्हे खुशखबरी मिल ही गई “

“किस चीज की “

“यही की सपना अब गौरव के साथ काम करने वाली है “

“ह्म्म्म तुम्हे किसने बताया “

“यार तुम सपना से बात नही करती मैं तो करता हु ना “

“तुम्हे क्या लगता है ,वो फिर से कोई गड़बड़ करेगी “

“बिल्कुल करेगी उसका हक बनता है “

रोहन हँस पड़ा

“चुप कर इडियट कही के ,उसने अब कुछ मेरे पति के साथ किया ना तो …”

मैं खड़ी हुई और उसे मारने लगी ,उसने मेरा हाथ पकड़कर खिंचा और मैं उसके सीने से जा लगी,उसने मुझे जकड़ लिया था ,

“छोड़ ना “

मैं कसमसाई ,लेकिन उसने अब भी अपने बांहों को ढीला नही किया ,मैं उसके आंखों में देखने लगी ..

“पूर्वी सपना आज भी गौरव से प्यार करती है,जैसे मैं तुझसे करता हु ,उसे और मुझे हम दोनो को ही पता है की हमे कुछ भी नही मिलने वाला लेकिन ट्राई करने में क्या जाता है “

उसके होठो में एक शैतानी मुस्कान आ गई

“अच्छा तो ट्राई करने के लिए मुझे नॉकरी में रखा है “

मैंने तो मजाक में ही कहा था लेकिन वो सीरियस हो गया ,उसने तुरंत ही मुझे छोड़ दिया

“तुझे ऐसा लगता है ,तू ये सोचती है मेरे बारे में ..”

वो जब गुस्सा होता था तो किसी बच्चे की तरह मुह फुला लेता था ,वो मुझसे दूर जाकर एक चेयर में बैठ गया …

मैं उसके पास गई और उसके सर को अपने कमर से लगा लिया

“बात बात में क्यो मुह फुला लेता है ,मैंने तो मजाक किया था..”

“तू मुझपर शक करती है ..”

“तू काम ही ऐसा करता है”

“यार प्यार करता हु तो करता हु ,बात खत्म ,मैं कभी तेरे और गौरव के रिश्ते के बीच आया क्या “

“तुझे लगता है की तू आ सकता है “

रोहन अपना सर उठाकर मुझे देखने लगा

‘क्या मेरी इतनी भी औकात नही है “

उसके इस प्रश्न में अजीब सा दर्द था ...मैं गौरव जी से बेहद प्यार करती थी मैं उनकी पत्नी थी लेकिन रोहन..वो आज भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त था,उसे दुखी देख कर मुझे भी दुख होने लगता …

“तू ऐसा क्यो सोचता है “

मैं उसके पास रखे चेयर को खिंचकर उसके सामने बैठ गई..

“तू आज भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त है ,और वो मेरे पति है,तुम दोनों ही मेरे लिए बहुत ही इम्पोर्टेन्ट हो ,अब ऐसे मुह फुला लेगा तो कैसे बनेगा “

मैंने हाथो से उसके गालों को दबा दिया ,रोहन एक लंबा चौड़ा मर्द ,पूरे डोले शोले वाला ,जंहा जाता छा जाता था,लडकिया उसपर और उसकी पर्सनाल्टी पर मरती थी लेकिन मेरे सामने वो एक बच्चे जैसा हो जाता था,एकदम क्यूट सा भोला भाला …

वो मुस्कुराने लगा ..

“यार लेकिन मैं क्या करू मुझे तेरी दोस्ती अपने जान से भी ज्यादा प्यारी है लेकिन …”

उसने सर झुका लिया

“कभी मैं उन दिनों को नही भूल पाता ,जब हमने किस किया था ,या उस दिन जब तूने मुझसे बदला लिया था,सचमे तेरा जिस्म आज भी कभी कभी मेरे नजरो के सामने घूमता रहता है “

मैं बिल्कुल ही शांत हो गई ,मैंने रोहन की आंखों में देखा वो शरारत से भरी थी,मैंने जोरदार एक मुक्का उसके कंधे पर मारा ..

“कमीने “

वो हँसने लगा और फिर से मुझे अपने बांहों में भर लिया

“आई लव यु माय बेबी “

“भग जा कमीने “

मेरे होठो में मुस्कान फैल गई थी,

“बेटा तू मुझे कितना भी कमीना कह ले और अपने पति का प्यार दिखा ले लेकिन तेरा पति वंहा अपने लेब में सपना के साथ ..अकेले ..”

मैं उससे अलग हुई

“मुझे जला रहा है “

“जलाने वाली क्या बात है जो सच है वो सच है ,देखते है तेरे देवता जैसे पति कितने देर तक खुद को सम्हालते है ..”

“मुझे उनपर पूरा भरोसा है ..”

“ओह ठीक है ,और अगर वो बहक जाए तो “

“हो ही नही सकता “

“अगर हुआ तो ..”

“तो तू जो बोले वो ..”

रोहन के होठो में शैतानियां नाचने लगी थी

“सच में ..”

“हा बिल्कुल “

रोहन कुछ देर सोचता रहा फिर बोला

“रहने दे तू बुरा मान जाएगी और मैं तेरी दोस्ती को खोना नही चाहता ..”

रोहन कुछ बोलता हुआ रुक गया था ,मुझे पता था की वो मुझसे क्या कहना चाहता था ,आज भी उसके दिल में मेरे लिए फीलिंग्स थी ,

“अब बोल भी दे नही मानूँगी बुरा “

“तू गलत समझेगी “

“अच्छा तो गलत क्यो बोलेगा “

“क्योंकि मैं ये चाहता हु “

“तो बोल दे ना “

“लेकिन तू गलत समझेगी तो “

“तो मत बोल “

“लेकिन मुझे बोलना है “

मैंने उसे घुरा

“बोलना है तो बोल दिमाग ना खा ,और मेरा वादा यही की मैं बुरा नही मानूँगी ,हा अगर कुछ उल्टा सीधा बोला तो एक दो झापड़ जरूर खायेगा तू “

मैं हल्के से हंसी

“ओके...ओके..अगर तेरे पति तुझे धोखा दे तो ...तो मैं चाहता हु की तू भी उसे धोखा दे ,और मेरे साथ ..”

वो चुप हो गया लेकिन उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई

साला सच में कभी कभी बच्चे जैसे मासूम हो जाता तो कभी पूरा कमीना लेकिन जैसा भी था मेरा बेस्ट फ्रेंड था ..

“हा बोल बोल ..”

“तू मेरे साथ अफेयर करेगी ..”

उसने जल्दी से बोल दिया ..

“जानती थी ऐसा ही कुछ बेहूदा सा बोलेगा ,”

“देख तू वादा करके मुकर रही है ..”

मैं हँस पड़ी

“ठीक है लेकिन वो कभी मुझे धोखा नही देंगे,मैं उन्हें जानती हु,और अगर देंगे तो मैं तेरे साथ वो सब करूंगी जो वो सपना के साथ करेंगे ..ठीक है खुश “

“यस यस “रोहन ऐसे खुश हो रहा था जैसे कोई मैच जीत गया हो ,लेकिन मुझे गौरव पर पूरा भरोसा था ……..






Post Reply