प्यार था या धोखा

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naik
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Re: प्यार था या धोखा

Post by naik »

very nice update brother
josef
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Re: प्यार था या धोखा

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अध्याय 22

“तुम रफीक को कैसे जानती हो ?? गौरव बोल रहा था की उसने कालेज में तुम्हे उससे बात करते देखा “

पूर्वी और गौरव के जाने के बाद रोहन सीधे सपना के पास पहुचा था जो अब भी एक्सरसाइज कर रही थी..

“रफीक ...तुम उसे कैसे जानते हो “

सपना ने सवाल के बदले सवाल किया

“अरे यार वो यही वर्कआउट करने आता है ..”

“ओह तो वो भी यंहा आता है “

“तुमने जवाब नही दिया सपना की तुम उसे कैसे जानती हो “

“यार वो एक केमिकल फेक्ट्री डाल रहा है ,और इसी सिलसिले में मैं उससे मिली थी,उसने मुझे जॉब आफर किया है “

सपना के चहरे पर मुस्कान थी और रोहन को उसकी बात पर यकीन नही हो रहा था ..

“सपना तुम मुझसे कुछ छिपा रही हो है ना,तुमने अभी तक मुझे उन फार्मूला के बारे में कुछ सही सही नही बताया,हर बार बात को घुमा देती हो ,और गौरव को जब पता चला की वो दुबई के किसी शेख का बेटा है तो उसका चहरा भी थोड़ा गंभीर हो गया था,आखिर साला चल क्या रहा है “

रोहन झुंझला गया,लेकिन सपना अब भी मुस्कुरा रही थी,वो रोहन के पास आयी और उसके गालों को अपने हाथो से खिंचने लगी

“ओ मेरा बच्चा..कितना क्यूट लगता है तू गुस्से में “

सपना की बात सुनकर रोहन और भी गुस्से में आ गया और पैर पटकता हुआ वंहा से निकल गया ,उसे देखकर सपना के होठो की मुस्कान और भी गहरा गई थी ………..


**************

“दुबई वाले शेख का बेटा हमारे डिपार्टमेंट में क्या कर रहा था वो भी सपना के साथ “

गौरव गुस्से में था और मालती के सामने खड़ा था..

“अरे मुझे क्या पता ??”

मालती ने बेतकलुफी के साथ जवाब दिया

“वो आपकी स्कोलर है ना,तो आपको नही पता होगा तो किसे पता होगा…”

“वो काम तुम्हारे साथ करती है गौरव ,और तुम इतनी छोटी सी बात पर इतना भड़क क्यो रहे हो...क्या हो गया अगर सपना किसी से बात कर रही थी,और यंहा कई लोग आते जाते रहते है “

मालती की नजर अब गौरव के ऊपर टिक गई थी..

“कही यह वही शेख तो नही जिसने कविता को …”

मालती की नजर अचानक ही गौरव के ऊपर टिक गई

“तुम पागल हो गए क्या गौरव कुछ भी बोले जा रहे हो,अरे होगा कोई पूछ लो सपना से ,इतना सोचने की क्या जरूरत है …”

“लेकिन…..”

“लेकिन वेकिंन कुछ नही जाओ यंहा से मुझे और भी काम है,ज्यादा सोचकर अपना टेंसन मत बढ़ाओ वरना अपनी बीवी के साथ रंगरलियां कैसे मनाओगे…”

मालती की बातों में एक व्यंग था ,गौरव बिना कुछ बोले और मालती को देखे बिना ही वंहा से निकल गया…..


***********

गौरव सपना के पास पहुच कर इस बारे में बात करता है और सपना उसे वही स्टोरी सुना देती है जो उसने रोहन को सुनाई थी और रोहन की तरह उसे भी सपना की बात पर भरोसा नही होता…

लेकिन मानने के अलावा गौरव के पास कोई रास्ता भी तो नही था……..


************

“क्या हुआ जी इतने टेंशन में क्यो लग रहे हो…”

गौरव जब से कालेज से आया था वो थोड़े टेंसन में लग रहा था,सुबह जिम से आने के बाद वो ना जाने किन ख्याबो में खोया हुआ था,यही बात पूवी को सताए जा रही थी की आखिर उसे हो क्या गया है …..

“कुछ नही बस तबियत ठीक नही लग रही ,मैं आराम करना चाहता हु पूर्वी “

पूर्वी गौरव के चहरे को ध्यान से देखने लगी ..

“ऐसे क्या देख रही हो …”

“आप मुझसे कुछ छिपा रहे है..??”

“नही तो ..”

“मुझे क्या समझ कर रखा है आपने,इतनी बड़ी टेंशन से गुजर रहे हो कम से कम अब तो बता दो “

गौरव चौका ,उसके चौकाने की वजह थी पूर्वी द्वारा बोले गए शब्द ‘अब तो बता दो ‘

गौरव कोई समझ नही आया की आखिर पूर्वी ने ऐसा क्यो कहा था..

“मतलब क्या है तुम्हारा “

“क्या जो टेंशन हो वो मुझे बता सकते हो ना,मैं आपकी पत्नी हु ..”

“ये नही जो तुमने कहा ..तुमने कहा की अब तो बता दो ,इसका मतलब क्या है ??”

गौरव के चहरे में कन्फ्यूजन था,वही पूर्वी मुस्कुराने लगी थी..

“मतलब ये की आप कभी मुझे अपनी टेंशन नही बताते ,”

“तुमने कब मुझे टेंशन में देख लिया..”

पूर्वी मुस्कुराते हुए उसके गले से लग जाती है

“जानते हो आप मुझसे झूठ नही बोल सकते ,लेकिन आप कोशिश जरूर अच्छी कर लेते हो ,मैं जानती हु की कब आप मुझसे झूठ बोल रहे हो और कब सच लेकिन फिर भी मैं चुप रहती हु क्योकि मुझे आपपर भरोसा है …”

गौरव को समझ ही नही आ रहा था की कब उसने पूर्वी से कोई झूठ बोला था …

“क्या बोल रही हो पूर्वी मैंने कब तुमसे झूठ बोला “

जवाब में पूर्वी खिलखिला उठी….

“अरे कुछ तो बोलो ,मैंने सच में आज तक तुमसे कुछ भी छुपाया “

गौरव की बात सुनकर अचानक ही पूर्वी के चहरे में आयी हुई हंसी गायब हो गई वो थोड़ी सीरियस हो गई ..

“पहला झूठ ये था की आप और मालती मेडम के बीच में कोई जिस्मानी रिश्ता नही था,अपने मुझसे कहा था की आप एक वर्जिन है,ये जानते हुए भी की आप दोनों के बीच रिश्ता है मैंने आपसे शादी की क्योकि मुझे भरोसा था की आप मुझसे प्यार करने लगे हो,दूसरा झूठ की अपने मुझसे कहा था की आप सपना से दूर ही रहना चाहते हो लेकिन आप ने जानबूझकर सपना को अपना पार्टनर बनाया,मालती के दिमाग में ये डाला की आप सपना से कितनी नफरत करते हो और सपना को मालती के और पास जाने में मदद की ताकि वो सपना को आपकी प्रोजेक्ट पार्टनर बनाने में मदद करे ...क्यो…”

“पागल हो गई हो क्या पूर्वी ये क्या बके जा रही हो ..”

गौरव झल्लाया लेकिन पूर्वी मुस्कुरा रही थी ..

“मैं जानती हु क्यो ,क्योकि वो फार्मूले जो कभी कविता ने लिखे थे वो मालती के पास थे जो मालती आपको नही दे रही थी लेकिन सपना दे सकती थी ,आप जानते थे की सपना के पास उसकी एक कापी है ..है ना…”

पूर्वी की बात सुनकर गौरव का चहरा पीला पड़ गया था,उसकी जैसे सांस ही रुक गई ..

“और आज ये तीसरा झूठ आप मुझसे बोल रहे हो की आपकी तबियत खराब है ...रफीक को देखकर जैसे आपकी सांस ही रुक गई थी ,आखिर क्यो ???वो शेख कौन था जिसने कविता को गायब कर दिया और क्यो ?? आखिर उस फार्मूले में ऐसा है क्या जिसने इतना बखेड़ा खड़ा कर दिया ??? और सबसे इम्पोर्टेन्ट बात इन सबसे रोहन ,सपना और मेरे परिवार का क्या रिश्ता है ???”

पूर्वी की बात सुनकर गौरव पास ही पड़े सोफे में धड़ाम से गिर पड़ा

“तुम्हे ये सब कैसे पता??? आखिर कैसे ?”

पूर्वी की मुस्कान एक हंसी में तब्दील हो गई थी ,वो हल्के से हंसी

“आप भूल गए की मैं किसकी शागिर्द हु ..”

गौरव ने पूर्वी के ध्यान से देखा ,और अचानक उसके दिमाग में एक नाम गुंजा जो धीरे से उसके होठो तक आ ही गया

“ओह डॉ चूतिया…तो उसने जासूसी की है हमारी “

गौरव पूर्वी के चहरे को ध्यान से देखने लगा ..पूर्वी उसे देखकर मुस्कुरा रही थी ..

“जब इतना कुछ पता है तो बाकी चीजे भी पता लगा लो,तुम्हारे साथ तुम्हारे गुरुदेव जो है “

इसबार वो खिलखिलाकर हँस पड़ी

“आप डॉ से इतना चिढ़ते क्यो है ?”

“उसने तुम्हे कभी नही बताया की मैं उससे क्यो चिढ़ता हु “

“बताया था लेकिन अब पुरानी बातों का कोई मलतब नही रह जाता ,वो आज भी आपको अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते है “

पूर्वी की बात सुनकर अचानक से ही गौरव के चहरे का भाव बदलने लगा था,उसका सर झुक गया था ,वो अपने आंखों में आये हुए आंसुओ को छिपाने की कोशिश कर रहा था,पूर्वी उसके पास उसके बाजू में जाकर बैठ गई और उसका सर सहलाने लगी ..

उसने गौरव के सर को अपने सीने से लगा लिया …

“अब समय आ गया है गौरव डॉ को आपकी जरूरत है ,आखिर कविता आपका पहला प्यार थी,कविता के लिए उनका साथ दो कब तक वो इस लड़ाई को अकेले लड़ेंगे ..”

गौरव पूर्वी के सीने में सुबकने लगा था..

“उसने मुझसे मेरा पहला प्यार छीना था,मेरी कविता को मुझसे छीना था,और आज मेरी पत्नी को भी अपनी ओर कर लिया ...साला चूतिया ..”

गौरव की बात से पूर्वी खिलखिलाकर हँस पड़ी,गौरव भी उसके सीने से अलग हुआ उसके चहरे में अब थोड़ी सी मुस्कान थी…

“मैंने कभी नही सोचा था की डॉ तुम्हे इन सब के बारे में बताएगा..अगर पता होता तो कभी तुम्हे उसकी क्लास अटेंड करने नही देता “

पूर्वी के चहरे में एक मुस्कान आ गई

“उन्होंने बताया क्योकि वो आज भी आपसे बहुत प्यार करते है ,और वो जानते है की कविता के गायब होने से आपको भी उतना ही दुख हुआ जितना की उन्हें और अब वो नही चाहते की पुरानी बातों के कारण अब आपपर या मुझपर फिर से कोई मुसीबत आ जाए .”

गौरव ने बड़े ही प्यार से पूर्वी के गालों को सहलाया

“तुम्हे ये सब कबसे पता है “

“कुछ चीजे शादी के पहले से और कुछ अभी अभी कुछ दिनों से “

“ओह तो मालती मेडम के बारे में आप शादी से पहले से ही जानती थी ??”

“हा बिल्कुल डॉ ने साफ साफ बता दिया था “

गौरव आश्चर्य से पूर्वी को देखता रहा

“तो फिर तुमने कुछ कहा क्यो “

पूर्वी हँसने लगी फिर सीरियस होकर कहा

“क्योकि डॉ ने मुझसे कहा था की कुछ भी डिसीजन लेने से पहले पता तो कर लो की आखिर वो तुमसे सच में प्यार करता है की वैसे ही धोखा दे रहा है जैसे मालती को इतने दिनों से दे रहा है,मैं जानती हु की अपने मालती से प्यार का नाटक क्यो किया था,अपने अपनी सालों की इच्छा को सिर्फ मेरे कारण कुर्बान कर दिया ,सालों की मेहनत को सिर्फ मेरे प्यार के लिए बर्बाद कर दिया,मुझसे शादी कर ली ,अपना पहला प्यार भूलकर मुझसे प्यार किया “

पूर्वी की आंखों में भी आंसू आ चुके थे ,गौरव ने पूरी ताकत से उसे अपने सीने से लगा लिया …

“तो क्या पता लगा तुम्हे ये प्यार था की धोखा ..”

गौरव ने हल्के से उसके कानो में कहा ,और पूर्वी ने कोई जवाब ना देते हुए अब उसके होठो में अपने होठो को डाल दिया …………...






josef
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Re: प्यार था या धोखा

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अध्याय 23

“तो डॉ तूने फिर से मेरे प्यार को फंसा लिया “

गौरव और पूर्वी अभी डॉ चूतिया के केबिन में बैठे हुए थे,गौरव की बात सुनकर डॉ जोर से हँस पड़ा..

“भाई अब तो ये तेरा प्यार ही नही बल्कि तुम्हारी बीबी भी है ...मैं इसे क्या फ़साउंगा ..”

गौरव और पूर्वी के चहरे में एक मुस्कान आ गई ,लेकिन फिर गौरव गंभीर हो चुका था..

“देख यार सालों से हम दोनों ने एक दूसरे से अच्छे से बात नही की है ,हम दोनों ही एक दूसरे को कविता का गुनहगार मानते आ रहे है ,लेकिन तू भी जानता है और मैं भी उसका असली गुनहगार कोई और नही बल्कि वो शेख है ,और अब हमारे पास ये मौका है की हम उस शेख से बदला ले …”

गौरव की बात सुनकर डॉ के चहरे में मुस्कान आ गई ..

“शेख से बदला ???..वो मेरे ऊपर छोड़ दे ,और रफीक को पूर्वी और सपना के ऊपर ,बाकी उस फार्मूले का क्या हुआ ,उसपर कोई काम हुआ की नही “

गौरव ने एक बार डॉ को ऐसे देखा जैसे की डॉ उसका पुराना दुशमन हो …

“क्या मतलब है की रफीक को पूर्वी और सपना के ऊपर छोड़ दु,और सपना ,सपना भी तेरी शागिर्द है क्या..??”

गौरव लाल हो गया था जैसे उसे किसी बुरे का अंदेशा हो ,वो डॉ को सालों से जानता था और ये भी की वो कितना कमीना है ..

जवाब में डॉ ने मुस्कुराते हुए पूर्वी की ओर देखा

“तुमने बताया नही क्या की सपना भी मेरी शागिर्द है जैसे तुम हो ,भई क्लास तो मैंने दोनों की ही ली है ना..”

गौरव पूर्वी को देखने लगा..

“अरे आप गलत समझ रहे है,हा सपना भी इनकी शागिर्द है लेकिन सपना को नही पता की मैं भी डॉ से इस बारे में बात करती हु,या कोई सलाह लेती हु…आप उसकी फिक्र मत करो हम मिलकर कुछ कर लेंगे,आप तो उस फार्मूले पर ध्यान दो ..”

“क्या फार्मूला फार्मूला कर रहे हो तुम दोनों,साला अगर वो मेरे पास होता तो क्या मैं ऐसे …”

अचानक गौरव चुप हो गया और उसका चहरा गंभीर से भी गंभीर हो गया..

“डॉ तू क्या करना चाहता है मुझे नही पता लेकिन एक बात बता देता हु की वो फार्मूला सपना के पास है लेकिन आधा.. उतना ही पार्ट जितना की मालती के पास था,आधा फार्मूला अब भी शेख के पास ही है और हो ना हो रफीक को उसने इसी लिए भेजा है ,वो अब भी उस फार्मूले के खोज में है जिससे असीम पवार मिल सकती है ,शाररिक और मानसिक पावर जिससे दुनिया जीती जा सकती है ,जो दिमाग को 100% तक एक्टिव कर सकती है ,सोचो अगर किसी को वो फार्मूला मिल गया और वो दवाई बना ली गई तो फिर क्या होगा,हम अपने दिमाग का बस 5% ही यूज़ कर पाते है वो भी जो लोग जीनियस होते है ,अगर कोई दिमाग का 100% यूज़ करने लगे तो ???”

“वो वो फ़िल्म है ना लिमिटलेस वैसे ही हो जाएगा,या फिर लूसिया मूवी की तरह पावरफुल हो जाएगा,तो क्या ऐसा हो सकता है की कोई NZT जैसी दवाई बनाई जा सके..?? “अचानक से ही पूर्वी बोल पड़ी..

“बिल्कुल ..”डॉ ने बोलना शुरू किया

“बना सकता नही बना चुकी है ,कविता ने ऐसी दवाई बनाई थी ,जिसके गवाह हम दोनों है ,”डॉ ने बोलते हुए गौरव को देखा

“याद है गौरव उसकी दवाई का क्या असर हुआ था हमारे ऊपर “

डॉ जोरो से हँसने लगा,और पूर्वी आश्चर्य से डॉ और गौरव को देखने लगी..

“आखिर क्या हुआ था उसे खाकर ..”

पूर्वी की उत्सुकता बढ़ रही थी

“छोड़ ना यार क्यो याद दिला रहा है “गौरव थोड़ा नर्वस हो गया

“अरे बताओ ना क्या हुआ था “पूर्वी ने जोर डाला और गौरव बोलने लगा..

“ये बात तब की है जब हम एक स्कोलरशिप के लिए एग्जाम दिला रहे थे,डॉ मैं और कविता...कविता तो पढ़ने में ऑलरेडी इतनी तेज थी की उसे कोई फर्क नही पड़ता था की एग्जाम कितना टफ होने वाला है ,लेकिन मेरी और डॉ की हालत खराब थी ,तो हमने कविता से मदद मांगी और उसने हमे वो टेबलेट दिया...असल में उसने हमारे ऊपर ही उसका पहला एक्सपेरिमेंट किया था.कविता ने पहली बात इसे तैयार किया था और इसमें कई सारी कमियां थी ,लेकिन हमने फिर भी उसे खा लिया ..”

गौरव इतना ही बोलकर चुप हो गया ,लेकिन पूर्वी की उत्सुकता और ही बढ़ गई थी ..

“फिर ,फिर क्या हुआ “

“फिर क्या उस एग्जाम में इंडिया लेवल के तीन टॉपर थे,पहला कविता दूसरा मैं और तीसरा डॉ .”

गौरव इतना ही बोलकर चुप हो गया..

“अरे यार पूरी बात तो बताई ही नही तूने,हमने इंडिया में टॉप किया और तगड़ी स्कोलरशिप भी हासिल की लेकिन सिर्फ 3 दिन की पढ़ाई करके …”डॉ ने आगे बात जोड़ी

“वाओ वो मेडिसिन इतनी पावरफुल है ??”पूर्वी का मुह आश्चर्य से खुल गया था…

“नही पूर्वी उससे भी कही ज्यादा,क्योकि उस समय कविता ने बस एक सेम्पल तैयार किया था जिसमे कई कमियां थी ,उसने बाद में उन कमियों को भी दूर किया और एक नया फार्मूला बनाया कई साल उसने इसपर काम किया था और वही ……..और वही फार्मूला उसका सबसे बड़ा दुशनम साबित हुआ...इस फार्मूले के बारे में कुछ बड़े ही पावरफुल लोगो को पता चल गया और कविता अचानक से ही गायब हो गई,लेकिन फार्मूला के दो हिस्से हो गए थे जिसमे से एक मालती मेडम के हाथो में लगा और दूसरा ..”

“दूसरा कहा गया डॉ”पूर्वी ने पूछा

“दूसरा शेख के पास अभी तो बताया ना गौरव ने “डॉ ने चहरे में एक अजीब सी मुस्कान आ गई जिसे देखकर पूर्वी भी मुस्कुराने लगी..लेकिन गौरव को इसकी कोई भी खबर नही थी ..

“डॉ सपना से बोल की वो फार्मूला मुझे दे दे ,शायद मैं कुछ कर सकता हु …”

“सपना मेरे किसी बात को टालेगी नही लेकिन ..जंहा फार्मूले की बात आएगी वो मुकर जाएगी ,मैं उसे जानता हु लेकिन तू उससे निकलवा सकता है ..”

“मैं कैसे ??”

गौरव चौका ,डॉ ने पूर्वी की ओर देखा

“डॉ मेरे पति को बिगाड़ो मत,”पूर्वी ने लगभग डांटते हुए कहा और जवाब में डॉ हँस पड़ा

“अरे बिगड़ नही रहा हु बस थोड़ा मोड़ा ..तुम बाहर घूम कर क्यो नही आती इससे मुझे अकेले में कुछ बात करनी है ..”

डॉ की बात सुनकर पूर्वी ने गुस्सा वाला मुह बनाया

“अरे रहने दो मैं जानता हु ये क्या कहने वाला है ,तुम यंही बैठो,साले मेरी शादी तुड़वायेगा क्या “

गौरव बोल उठा...लेकिन फिर डॉ ने पूर्वी को बाहर जाने का इशारा किया

“कोई बात नही मुझे डॉ पर भरोसा है ये जो भी करेंगे हमारे भले के लिए ही करेंगे .आप आराम से इनसे बात करिए मैं बाहर घूमकर आती हु…”

पूर्वी ने गौरव के कंधे पर अपना हाथ रखा और बाहर चली गई ..

“तुम्हारी इस हरकत से अब पूर्वी हमेशा मुझपर शक करेगी”

गौरव डॉ के ऊपर भड़क गया ..

“नही करेगी ,और तू भी जानता है की मुझे तुम्हे कुछ भी

समझना नही है ,तू वो कर ही लेगा जो मैं तुझे बोलने वाला हु ,”

“तो पूर्वी को बाहर क्यो भेजा”

“ताकि वो तुझपर यकीन करे,तू समझ नही सकता,अगर मैं उसे बाहर नही भेजता तो शायद वो तुझपर शक करती लेकिन अब हम उसे अपने हिसाब से एक स्टोरी सुना देंगे”

“कैसी स्टोरी “

“बोल देना की तू मुझपर बहुत गुस्सा हुआ की मैंने तुझे सपना को पटाने के लिए कहा और उससे शाररिक संबंध बनाने के लिए कहा ,और तू ऐसा कुछ भी नही करने वाला,और इधर मैं तेरी तारीफ कर दूंगा की तेरा पति तो पत्नीव्रता है उसने मेरी बात को साफ मना कर दिया,वो खुश हो जाएगी और क्या ..”

डॉ ने मुस्कुराकर गौरव से कहा

“लेकिन मैं ऐसा कुछ भी नही करने वाला,मैं सपना से ..”

गौरव आगे और भी कुछ बोलता उससे पहले ही डॉ ने उसे चुप करवा दिया

“बेटा तेरे रग रग से मैं वाकिफ हु ,भूल मत की तेरा बचपन का दोस्त हु मैं ,और ये तो तुझे भी पता है की वो फार्मूला कितना जरूरी है ,गलत हाथो में लगा तो तबाही ही तबाही निश्चित है..”

गौरव सोच में पड़ गया

“लेकिन ..”

गौरव फिर से कुछ बोलने वाला था की डॉ ने उसे चुप करवा दिया

“मैंने पिछले साल तेरा एक आर्टिकल पढा था,जो नेचर मैगजीन में पब्लिश हुआ था”

“तो ..”

“तो तुझे उसी आर्टिकल की वजह से ये फंड मिला जिससे तू अभी रिसर्च कर रहा है ..”

“हा तो क्या ..”

गौरव आशंकित होकर डॉ को देख रहा था..

“तो ये की मैं जानता हु की तू कितना दिमाग वाला है ,तू ऐसा आर्टिकल कभी नही लिख सकता,”

डॉ की बात सुनकर गौरव हड़बड़ा गया

“क्या बक रहा है “

“मैं जानता हु गौरव की कविता की बनाई पहली 50 गोलियों में कुछ तेरे पास अभी भी है ,याद है जो उसने मुझे दिए थे,और जिसे तूने चुराया था “

डॉ की बात सुनकर गौरव बौखला गया

“तुझे क्या लगता है की मैंने वो गोलियां चुराई है ,मेरे पास इतना टेलेंट नही है की मैं ऐसा आर्टिकल लिखूं..”

“मैं तुझपर शक नही करता अगर वो आर्टिकल लिखने के बाद तू 10 दिन के लिए हॉस्पिटल में एडमिट ना हो जाता,तू उल्टियां हो रही थी राइट,दस्त ,उल्टियां और सर में बेहद दर्द ..यही हुआ था जब हम एग्जाम दिलाकर वापस आये थे..”

गौरव का चहरा एकदम पिला पड़ चुका था,

“तूने फिर से वो गोली खाई अपना आर्टिकल खत्म किया और फिर से तुझे वही प्रॉब्लम हो गए जो उसके साइड इफेक्ट थे...मैं तभी समझ गया था की आखिर मेरे पास की गोलियां गई कहा...चल छोड़ मैं इस बारे में पूर्वी को कुछ भी नही बताऊंगा..पूर्वी को क्या किसी को भी नही बताऊंगा,लेकिन …..मुझे वो फार्मूला चाहिए”

डॉ ने बड़े ही दम से कहा

“और आखिर मैं तुझे वो फार्मूला लाकर क्यो दु “

“क्योकि हम तीनो कभी पार्टनर थे..और अब हम दोनों ही बचे है तो हम 50-50 के पार्टनर हुए ना”

गौरव के चहरे में अब शांति थी

“मैं सपना से वो फार्मूला निकलवाऊंगा ओके..लेकिन तू क्या करेगा जो तू पार्टनरशिप मांग रहा है ??”

डॉ हँसने लगा..

“भूल गया की फार्मूला अभी भी कम्प्लीट नही है ,मालती ने सालों कोशिश की लेकिन उसे भी कुछ नही मिला,जरूर शेख ने भी कोशिश की होगी और उसे भी जब कुछ समझ नही आया होगा तो उसने रफीक को भेज दिया,तो मैं रफीक को सम्हालूँगा वो अभी जवान है और हुस्न का कदरदान है ,पूर्वी और सपना उसे आराम से सम्हाल लेंगी ..”

डॉ की बात सुनकर गौरव बौखला गया

“तुम मेरी बीवी को ..”डॉ ने उसे चुप करवा दिया

“याद रख शेख तक पहुचने का ये ही एक रास्ता है ,और तुझे क्या करना है बे,तू अपने लेब में ध्यान दे ना,ऐसे भी मैं पूर्वी और सपना को मना लूंगा,तुझे जो करना है वो ये की तुझे अपनी आंखे और कान पूर्वी के ऊपर से हटा लेने है,वो क्या कर रही है उसपर ध्यान मत देना बस और क्या ..”

गौरव सोच में पड़ गया था..

“तू उससे क्या करवाने वाला है “

“वो मैं देख लूंगा,फार्मूला तेरे लिए कितना जरूरी है ये तू भी जानता है और मैं भी तो …….तो अपना काम करना शुरू कर मेरे काम में दखल मत दे,और फिक्र मत कर मैं ये याद रखूंगा की पूर्वी मेरे दोस्त की पत्नी है …”

इतना बोलकर डॉ थोड़ी देर चुप रहा और फिर बोल उठा

“ऐसे तू दोस्त तो है ना मेरा??”

दोनों की आंखे मिल गई और गौरव ने अपना हाथ आगे किया,दोनों ने हाथ मिलाया और गौरव बाहर चला गया..

********

“आखिर क्या कहा डॉ ने “

बाहर गौरव को पूर्वी मिल गई थी जैसा उसे यकीन था पूर्वी ने वही सवाल किया जो गौरव को अंदाजा था और गौरव ने भी वही उत्तर दिया जो डॉ ने उससे कहा था...गौरव के उत्तर से पूर्वी खुश दिख रही थी ,उसने उसे सीने से लगा लिया

“ये डॉ ना कभी कभी मुझे सही आदमी नही लगते”

गौरव को लगा जैसे पूर्वी ने उसके दिल की बात बोल दी हो

“ह्म्म्म तुम भी बच कर रहना उससे ,साला हमेशा से कमीना है ,जैसे उसने कविता को मुझसे अलग किया कही तुझे भी मुझसे अलग न कर दे “

गौरव ने पूर्वी को बहुत ही जोर से पकड़ लिया..

“फिक्र मत कीजिये हमे कोई भी अलग नही कर सकता,और जब वो इतना ही कमीना है तो हम उसकी मदद क्यो ले ,क्यो ना हम ये सब छोड़ दे “

पूर्वी की बात से गौरव थोड़े देर सोच में पड़ गया

“पूर्वी आखिर छोड़ कर जायेगे कहा,यही हमारी दुनिया है और इसे हमे फेस करना सीखना ही होगा...ऐसे भी मुझे शेख तक पहुचना है जिसने कविता को मुझसे छीना था..”

“ह्म्म्म मैं आपके साथ हु गौरव ..”

गौरव के चहरे में मुस्कान आ गई

“पूर्वी इस चूतिया डॉ से सम्हाल कर रहना ये बस नाम का चूतिया है”

पूर्वी खिलखिला उठी

“आप फिक्र मत करो मेरा नाम पूर्वी है ,पूर्वी कपूर ,कपूर साहब की बेटी हु मैं ऐसे चुतियो को चूतिया बनाना मैंने बचपन में ही सिख लिया था…अब मैं जरा उससे अकेले मिलकर आती हु देखु तो आखिर कैसे मेरे कान भरता है ..”

पूर्वी की बात सुनकर गौरव ने चैन की सांस ली और उसे गले लगा कर अपने ऑफिस की ओर चल पड़ा और पूर्वी डॉ की केबिन की ओर…

********

“तो डॉ गौरव तो अपना काम करेंगे लेकिन अब हमे क्या करना है “

“अब हमारा टारगेट है रफीक ,जाकर मिलो उससे ,बाकी तुम समझदार हो की तुम्हे क्या करना है …”

डॉ की बात सुनकर पूर्वी बस मुस्कुराती रह गई …..






josef
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Re: प्यार था या धोखा

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अध्याय 24

“डॉ गौरव को मेरे और रफीक के ऊपर शक हो रहा है “

सपना थोड़ी टेंशन में दिखी ,वो अभी अभी डॉ चूतिया के केबिन में आयी थी ,

“उसकी फिक्र छोड़ो उसे फार्मूला चाहिए जो तुम्हारे पास है ,तुम तो बस रफीक की फिक्र करो ,और मालती की भी “

“रफीक तो मुझसे ज्यादा पूर्वी में इनरेस्टेड लग रहा है ,और मालती को सम्हालने के लिए तो रोहन को लगा दिया है,लेकिन गौरव ..”

“तुम्हे कुछ समझ आ रहा है की आखिर वो क्या करना चाहता है ,”

“मुझे लगता है की मुझे उसे वो फार्मूले दे देने चाहिए जो की मुझे मालती के पास से मिले थे”

सपना की बात सुनकर डॉ हंसा

“और फिर क्या ??”

“फिर क्या उन्हें जो बनाना है वो बना लेंगे..”

“ह्म्म्म वो तो है लेकिन ..”

“लेकिन क्या “

“तुम्हारे पास जो है वो अधूरा ही है “

“जानती हु की मेरे पास कुछ ही फार्मूले है शायद आधे तो अब भी मालती के पास ही पड़े है इसलिए तो रोहन को मालती के पीछे लगाया है लेकिन पता नही वो उसे पटा भी पायेगा की नही ,मालती बेहद ही होशियार है “

सपना के साथ डॉ ने भी एक गहरी सांस ली..

“रोहन मालती को नही मालती रोहन को पटायेगी ,मैं उसे जानता हु जैसे उसे हमेशा ही लगता था की उसने गौरव को अपने झांसे में लिया है वैसे ही अब उसे लगेगा की उसने रोहन को अपने झांसे में ले लिया है .बस समय दो और रोहन को उसके आस पास ही रखो ..ऐसे तुम्हारे पिता की मीटिंग कब है,कपूर साहब के साथ “

सपना के चहरे में अब थोड़ी शांति थी

“2 दिन बाद”

“ओके ,और एक बात अभी जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नही है ,अभी गौरव को थोड़ी मेहनत करने दो,वो रफीक को देखकर पैनिक में है क्योकि उसे लगता है की रफीक को उसी किसी शेख ने भेजा है फार्मूला हासिल करने के लिए,तो वो अब तुमसे फार्मूला हासिल करने की कोशिश करेगा,लेकिन उसे ये नही पता की तुम्हारे पास भी पूरे फार्मूला नही है,उसके मजे लो ,उसे बहका के रखो वरना वो बाकी के कामो में टांग अड़ायेगा,उसे लगने दो की वो अपने मकसद के बेहद करीब है ,और उसे करीब ही रहने दो कभी पहुचने मत देना..”

डॉ की बात सुनकर सपना के चहरे में मुस्कान खिल गई..

“मतलब मुझे उससे सेक्स नही करना है “

डॉ इस बात पर हँस पड़ा ..

“सेक्स...तुम्हे लगता है की तुमसे सेक्स करना उसका मकसद है ??”

“नही मेरा मतलब है की पहले वो मुझे फसाने के लिए यही करने की कोशिश करेगा “

सपना की बात सुनकर डॉ ने एक गहरी सांस ली

“सपना तुम्हारे पास सच में बहुत तेज दिमाग है लेकिन फिर ही तुम्हारे अंदर एक बचपना अभी भी है,गौरव मेच्योर आदमी है उसके लिए सेक्स के कुछ खास मायने नही है,उसका तरीका कुछ भी हो सकता है शायद वो कुछ भी ना करे,और यही उसका तरीका हो ,तो तम्हे बस कुल रहना है ,समझना है और जो समझ आये वो मुझे बताना”

“तो सेक्स ...क्या मुझे उसके साथ सेक्स करना होगा, अगर वो चाहे तो ..???”

डॉ फिर से खिलखिला उठा

“वो तुम्हारी मर्जी है..बस कुछ भी हो वो उलझा रहे तो हमारे लिए बेहतर है “

सपना ने सहमति में अपना सर हिला दिया..

***********

सपना के जाने के कुछ ही देर बाद रोहन डॉ से मिलने पहुचा …

“तो कैसे चल रही है मालती के साथ “

डॉ के बात से रोहन के चहरे में मुस्कान खिल गई थी

“कुछ खास नही ,वो तो मुझे अभी घास भी नही डाल रही है ..”

“कोई बात नही,बस उसे कुछ ऐसे पटाओ की उसे पता भी नही चले की तुम उसे पटा रहे हो,या ये तरीका अच्छा रहेगा की तुम उसे पटाओ ही मत कुछ ऐसा करो की वो ही तुम्हे पटा ले”

रोहन कुछ आश्चर्य से डॉ को देख रहा था…

“टाइम लगेगा ,फिक्र मत करो ,तुम रफीक के ऊपर ध्यान दो लेकिन किसी न किसी बहाने से मालती से भी मिलते रहो,बाकी उस तक न्यूज़ तो सपना पहुचा ही देगी ,और तुम रफीक के इतने करीबी बन जाओ की मालती को उसतक पहुचने के लिए तुम्हारे करीब आना पड़े..”

“लेकिन वो क्यो रफीक के करीब जाना चाहेगी “

डॉ उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा

“रोहन तुम जो गेम खेल रहे हो वो खेल का आखरी पड़ाव है ,खेल तो सालों पहले से शुरू हो गया है ….लेकिन अब फैसले की घड़ी है की कौन जीतेगा और कौन हारेगा..”

डॉ ने ये बात ऐसे कही थी जैसे वो खुद ही बात कर रहा हो ..

रोहन को उसकी बात कुछ खास तो समझ नही आई लेकिन उसने हा में सर हिला दिया..

**********

“यार ये डॉ बड़ी अजीब अजीब बाते कर रहा था मेरे तो समझ के बाहर था,खेल का आखरी पड़ाव ,फैसला etc ..”

रोहन और सपना रोहन के एक फ्लेट में बने छोटे से बार में बैठे हुए थे..

सपना गंभीर थी और वोदका को बड़े ही गंभीर ढंग से चुस्कियां ले कर पी रही थी …

“रोहन मुझे कुछ सही नही लग रहा है,पूर्वी डॉ से अकेले में मिलती है,फिर गौरव के साथ मिलती है ,डॉ हमे अलग अलग अपने पास बुलाता है और कहता है की समय लो,जल्दबाजी में कुछ मत करो ,एक आदमी अचानक से हमारी लाइफ में आता है(रफीक) और सबके लिए इतना इम्पोर्टेन्ट हो जाता है,हमारे घर वाले भी कही न कही इन सबमे इन्वॉल्व है ,यार रोहन हम क्या करने निकले थे और ये क्या कर रहे है,पूर्वी को गौरव से ज्यादा डॉ की बात सुन रही है ,हम लोग क्यो उसका कहा मान रहे है,हमे क्या लेना देना की उस फार्मूले में क्या है हम क्यो अपनी ऐयाशियों वाली जिंदगी को छोड़कर इस झमेले में पड़ गए है …”

सपना को इतना गंभीर देख कर रोहन भी थोड़ा गंभीर हो गया उसने तो ये सब सोचा भी नही था..

“हा यार सही कहा,साला ये तो हमारा पैसे उड़ाने और मौज करने की दिन है,बाप ने इतना पैसा हमारे लिए ही तो कमाया है और साला हम इन सब चूतियापे में पड़ गए है ..”

उसने अपने ग्लास में रखे विस्की को एक ही सांस में अंदर धकेल कर फिर से नया पैक बना लिया..

“मुझे तो डॉ पर ही शक होता है ,गौरव तो सीधा साधा ही लगता है लेकिन ये डॉ बड़ा ही टेढ़ा आदमी है,देखा ना उसने पूर्वी को भी मना लिया की वो रफीक के आस पास रहे ,”

सपना फिर गंभीरता से बोली

“हा यार मुझे भी डॉ कुछ समझ नही आता “

रोहन ने फिर से अपना पैक एक ही सांस में खाली कर दिया ,इस बार सपना उसे घूरने लगी

“क्या क्या देख रही है “

सपना के चहरे में गुस्सा था

“साले तुझे समझ क्या आता है,जब देखो हा में हा मिलता रहता है..”

सपना को गुस्से में देखकर रोहन मुस्कुराने लगा..

“ये कहावत सुनी है ...येड़ा बनकर पेड़ा खाना..”रोहन के चहरे की मुस्कान और भी गहरी हो गई

सपना ने सहमति में सर हिलाया

“बस यंहा वही करना होगा,ये सब क्या चल रहा है ये सब तो साला हमारे दिमाग के ऊपर से ही निकल रहा है तो क्यो ना येड़ा बन जाय जाए,जब मौका आएगा तब पेड़ा हम खा के निकल जाएंगे..”

सपना ने पहली बार रोहन के मुह से कुछ ऐसी बात सुनी जिसमे उसे कुछ चालाकी का आभास हुआ ..

“मतलब ..”

“मतलब ये की सब खेल के सेंटर में वो फार्मूला है जिसके बारे में हमे घण्टा कुछ नही पता ,जो पता भी है वो महज एक अनुमान ही है ,तो अभी हम वो करते है जो ये लोग कह रहे है,सबको लगने दो की हम उनके ही साथ है चाहे वो डॉ हो ,गौरव हो ,मालती हो या रफीक, जब फार्मूला मिल जाए तो ले के निकल लेंगे…”

रोहन की बात सुनकर सपना के आंखों में आश्चर्य खिल गया उसने कभी सोचा भी नही था की रोहन कुछ ऐसा सोचेगा ..

“तो तुम्हारा प्लान क्या है ??”

उसने जल्दी से कहा

“कोई प्लान नही यही प्लान है ,प्लान उन्हें बनाने दो न जो इस खेल को खेल रहे है ,हमे तो बस ट्रॉफी से मतलब है ,चाहे कोई भी जीते..”रोहन हँस पड़ा था,सपना जैसे उसकी बातों को समझ गई थी ..

“लेकिन ...कोई भी जीते तो हमे कैसे फायदा होगा..”

“अरे यार हम तो सबके साथ है ना,हम गौरव के साथ भी है,और मालती और रफीक के साथ भी ,और डॉ के साथ भी,हमे क्या करना है की कौन जीतेगा और कौन हारेगा...तू खुद सोच कर देख क्या हम सबके वफादार नही बन सकते...क्या तू गौरव के प्यार में नही पड़ सकती,और डॉ और मालती को ये लगेगा की तू उनके कहने पर नाटक ही कर रही है ,लेकिन गौरव को तो ये लगेगा की उसने तुझे फंसा लिया है ,क्या मैं रफीक का सबसे अच्छा दोस्त नई बन सकता,फिर से डॉ को यही लगेगा की मैं उसके कहने पर ये कर रहा हु,..”

सपना के चहरे में इस बार मुस्कुराहट आ गई

“तू तो बड़ा दिमाग वाला निकल गया बे,यानी हमे डबल क्रॉस करना है “

रोहन हँस पड़ा

“डबल ट्रिपल जितना भी क्रॉस करना पड़े कर देते है ,साला हमारा क्या जायेगा,हो सकता है उस फार्मूले में ही कुछ ऐसा मिल जाए की हमारा फायदा हो और इसके साथ मुझे पूर्वी भी मिल जाए ..”

रोहन का चहरा खिल गया और उसकी बात सुनकर सपना भी जोरो से हँस पड़ी और उसके गालों को खिंचने लगी,

“साले आखिर में तू आ गया ना अपनी औकात में ..”

रोहन को यही सही मौका लगा और वो खड़े होकर सपना के पैरों में बैठ गया,रोहन सपना के मिनी स्कर्ट के नीचे हाथ घुसकर उसके जांघो को सहलाने लगा,सपना उसके इरादों को समझ चुकी थी..उसके होठो में भी मुस्कान आ गई

“यार ...बहुत दिन हो गए ..”

रोहन जैसे मिन्नत कर रहा था..

सपना ने उसके बालो को अपने हाथो में पकड़ कर उसे अपने जांघो के बीच सरका दिया ..

“मुझे भी ………”

**************

“बल्ला गजब की माल है साली इसे ही तेरी भउजाई बनाऊंगा ..”

सपना ने अचानक से उस ओर देखा जिस ओर से ये आवाज आ रही थी और उसकी आंखे फ़टी की फ़टी रह गया क्योकी ये रफीक था…

“कसम से भइया जी क्या गांड है साली के “सपना ने बल्ला की निगाहों का पीछा किया वो दोनों पूर्वी को वर्कआउट करते देख रहे थे,पूर्वी भी बीच बीच में उन्हें देखकर मुस्कुरा रही थी ..

“हमको तो लगता है भैया की ये मछली हमारे जाल में फंस ही जाएगी ..क्या बोलते हो “

बल्ला फिर से बोल उठा और रफीक बस मुस्कुरा दिया,सपना ने अपने को चेंजिंग रूम में छिपा लिया,जंहा वो पहले से मौजूद थी जिससे ये दोनों ही बेखबर थे और रूम के बाहर खड़े हुए बाते कर रहे थे ..

“कसम से एक बार मिल जाए ,साला खटिया ही तोड़ देंगे,पूरा U.P. हिला देंगे ..”

बल्ला के साथ साथ रफीक भी हंसा..वही सपना का चहरा पिला पड़ गया

“ये साली तो सोचती है तुम कोई शेख हो ,तुम्हारे सामने तो खेल के दे देगी ,भैया जी ये तो मोनालिसा से भी जबर माल है,”

दोनों फिर से हँसे

“बस बल्ला नाटक चलने दे ,फिर देख कमरिया लापालाप है,जौनपुर से आजमगढ़ तक नंगी दौड़ाकर चोदूंगा साली को ,शेख बनकर क्या पता ये खजूर ही खाने को मिल जाए “

दोनों फिर से खिलखिलाकर हँसे और पूर्वी की ओर बढ़ गए ..

सपना चेंजिंग रूम में उनकी बात सुनकर पसीने से पूरी तरह से भीग गई थी ,उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था लेकिन उसने खुद ये सब सुना था,ये लोग शेख बनकर खजूर खाने के फिराक में थे और खजूर और कोई नही उसकी बचपन की दोस्त पूर्वी थी…...तो केमिकल फेक्ट्री की बात,क्या ये सब झूठ था???

भाड़ में जाए केमिकल फेक्ट्री इन सालों की तो ...वो यही सोचकर बाहर निकली लेकिन फिर उसके दिमाग में कुछ बाते कौंध गई और वो उसके पैर बस वही रुक गए ………..









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