मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

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Re: मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

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Dhansu update bhai Bahut hi Shandar aur lajawab ekdum jhakaas mind-blowing.
Keep going
We will wait for next update
(^^^-1$i7)
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naik
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Joined: 05 Dec 2017 04:33

Re: मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

Post by naik »

(^^^-1$i7) (#%j&((7) (^@@^-1rs7)
fantastic update brother keep posting
waiting for next update 😒
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rangila
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Re: मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

Post by rangila »

l मैं जानती हूँ की मेरे पति जैसा एक युवा हट्टा कट्टा मर्द चूत चोदे बिना ज्यादा दिन नहीं रह सकता। पर ना ही उन्होंने मुझे बताया और ना ही उन्होंने अपना गुनाह कुबूल किया। जब मैंने उन्हें रंगे हाथों पकड़ा तो उलटा मुझ पर ही इल्जाम लगाने लगे l अगर शादी का मतलब यही है, तो ठीक है। फिर मुझे क्या पड़ी है? मैं तो उनसे भी एक कदम आगे चलूंगी। मैं तो खुल्लम खुल्ला तुमसे चुदवाउंगी और मेरे पति से भी नहीं छुपाउंगी। शादी अपनी जगह और चुदाई अपनी जगह l


लगता है आजकल यही दुनिया का नियम है। इस लिए मेरी शादी की चिंता मत करो और अब तुम मेरी भूख को शांत करो और मुझे खूब चोदो।" योग मेरी और आश्चर्य भरी नज़रों से देखने लगे। शायद उन्होंने इसके पहले ऐसी कोई शादी शुदा औरत को नहीं देखा होगा जो इतनी खुल्लम-खुल्ला अपने अंदर के भावों का इजहार करती हो। फिर एक बार और झुक कर वह मेरे दोनों स्तनोँ को बारी बारी से अपने मुँह में लेकर उन्हें चूमने और चूसने लगे। मेरी फूली हुई निप्पलोँ को मुंहमें ले कर योग उन्हें अपने दांतों से काटने लगे। एक बार तो मेरे मुंह से दर्द भरी सिसकारी भी निकल गयी। मैंने योग के तले लेटे हुए अपने दोनों हाथों में योग का घने बालों सर पकड़ रखा था और मैं उनका यह कार्य कलाप महसूस कर रही थी।


योग ने अपने होँठ और निचे ले जा कर मेरी नाभि को प्यार से चूमा और मेरी चूत के ऊपर के उभरे हुए टीले पर अपनी जीभ फैला कर उसे चाटने लगे। योग का खड़ा लण्ड मेरे घुटनों को छेद रहा था। मैं योग की इन हरकतों से बड़ी उत्तेजित हो रही थी। मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने कहा, "यार अब बस भी करो, तुम मुझे चुदवाने के लिये रुलाओगे क्या? अब मुझसे रहा नहीं जाता। तुम्हारा इतना बड़ा और मोटा लण्ड मेरी चूत में डालो और मुझे चोदो भी!! एक दो बार मुझे अच्छी तरह चोदने के बाद मैं तुम्हें पूरी रात मेरे नंगे बदन से खेलने दूंगी। तब तुम मुझे जहाँ चाहे चाटना जहाँ चाहे काटना। पर अभी तो बस मेरी चूत की भूख शांत करो।" योग ने अपना बदन सीधा कर, अपना लण्ड पकड़ा और उसे मेरी चूत की पंखुड़ियों से रगड़ने लगे। उन्हें पता था की अगर उनके लण्ड और मेरी चूत के बिच थोडा सा भी सूखापन रहा तो मुझे बहुत कष्ट होगा।

हालांकि जिस तरह से मैं अपना पानी छोड़ रही थी और योग का लण्ड उनके अपने पूर्व रस से सराबोर था; ऐसा होने का कोई सवाल ही नहीं था। उनके लण्ड की लम्बाई और मोटाई देख कर मेरी जान निकली जा रही थी। पर यही तो हर औरत को चाहिये। हर कोई औरत को ऐसे मोटे और लम्बे लण्ड से चुदवाने का मौक़ा हररोज नहीं मिलता। जरूर मुझे दर्द होगा। पर ऐसे लण्ड से चुदवाना भी तो अपने में ही एक अनुभव है। तो फिर जब सर ओखल में रख ही दिया था तो फिर मुसल से क्या डरना? मैंने भी योग का लण्ड अपनी उँगलियों में पकड़ा और मेरी पंखुड़ियों को खोल कर फिर उसे मेरे छिद्र के केंद्र में रखा और योग को उसे घुसाने का इशारा किया। योग ने एक हल्का धक्का दिया और अपना लण्ड थोड़ा घुसेड़ा। योग का लण्ड घुसते ही मेरी चूत के सारे स्नायु एकदम चुस्त हो गए और मेरी चूत अंदर से ही पता नहीं कैसे फड़कने लगी।

योग के लण्ड को मेरी चूत की दीवारों ने ऐसे जकड लिया की ऐसा लगता था की अब वह उसे और अंदर घुसने नहीं देंगे। योग के लण्ड के थोड़ा सा ही घुसने पर मेरी चूत में दर्द की तेज तीखी टीस मुझे महसूस हुई। दर्द काफी था। पर मैंने मेरे होँठ भींच कर अपने आप पर नियत्रण रखा और मेरे मुंह से थोड़ी सी भी आह या आवाज नहीं निकलने दी। अगर मैंने उस समय थोड़ी सी भी आवाज निकाली होती तो मुझे डर था की कहीं योग मेरी चूत में से अपना लण्ड फिर निकाल ना लें। मैं योग के लण्ड को हरदम मेरी चूत में रखना चाहती थी। मैंने योग की और देखा। उनकी आँखें बंद थीं। मेरे लिए यह अच्छा था क्यूंकि मेरे लाख कोशिश करने पर भी शायद कहीं मेरे चेहरे पर दर्द की लहर उन्हें दिखाई देती तो मुश्किल होती।

योग अपना लण्ड मेरी चूत में थोड़ा घुसा कर थम गए थे। योग भी मेरी चूत में अपने लण्ड के घुसने का मजा ले रहे थे। उनके लण्ड को जैसे मेरी चूत की दीवारों ने जकड़ा था वह उसका रसास्वादन कर रहे थे। शायद मेरी चूत की फड़कन उन्हें पागल कर रही थी। या फिर वह मुझे दर्द से थोड़ी देर के लिए राहत दिलाना चाहते थे। दर्द थोड़ा कम होने पर मैंने योग को अपनी गाँड़ ऊपर उठाकर ऊपर की और धक्का दिया और उन्हें महसूस कराया की मैं उनके चोदने का इंतजार कर रही थी। योग ने अपनी आँखें खोली और मुस्कुरा कर मेरी और देखा। उनकी उतनी मीठी मुस्कान देख कर तो मैं वारी वारी गयी। मैंने सोचा ऐसे प्यारे मर्द से तो जिंदगी भर चुदवाया जाये फिर भी कम है। मैंने भी वैसी ही मीठी मुस्कान उन्हें दी। मैं योग को यह भी जताना चाहती थी की मुझे ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था।

तब योग को लगा की मैं ज्यादा दर्द नहीं महसूस कर रही थी तो उन्होंने अपना लण्ड और अंदर घुसेड़ा। उनका करीब आधा लण्ड से थोड़ा कम मेरी चूत में घुस चुका था। मेरा दर्द बढ़ता जा रहा था। तब मैंने तय किया की मैं दर्द के बारे में सोचूंगी ही नहीं। मैंने फिर मुस्कुरा कर योग को मेरी गाँड़ को उठाकर ऊपरकी और धक्का दिया। योग ने आधेसे ज्यादा लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उसे फिर वापस खींच कर उन्होंने फिर उसे अंदर घुसेड़ा। अब वह धीरे फिर हलके हलके मुझे चोद रहे थे। उन्होंने फिर भी अपना लण्ड पूरा नहीं घुसेड़ा था। मैंने फिर अपनी गाँड़ ऊपर उठाकर योग को लण्ड और अंदर घुसेड़ने का न्यौता दिया। योग का आधा लण्ड ही मेरी चूत को पूरा भर चुका था। मुझे लगा की योग का लण्ड मेरी चूत में और ज्यादा घुस नहीं पायेगा क्यूंकि शायद वह मेरे गर्भद्वार पर टक्कर मार रहा था। योग के लण्ड को चूत में पाकर मुझ पर एक तरह का पागलपन सवार हो गया था।
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