Adultery नेहा बह के कारनामे
- naik
- Gold Member
- Posts: 5023
- Joined: 05 Dec 2017 04:33
Re: नेहा बह के कारनामे
fantastic update brother keep posting
waiting for the next update
- rajaarkey
- Super member
- Posts: 10097
- Joined: 10 Oct 2014 10:09
- Contact:
Re: नेहा बह के कारनामे
बहुत ही शानदार अपडेट है दोस्त
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
- mastram
- Expert Member
- Posts: 3664
- Joined: 01 Mar 2016 09:00
Re: नेहा बह के कारनामे
कड़ी_16
दूसरी तरफ, उधर प्रवींद्र नेहा को बहत मिस कर रहा था, उसको नेहा को देखने का, उससे बात करने का और उसको अपने पास महसूस करने का मन कर रहा था। ससुर भी अपनी चहेती बह को मिस कर रहा था, खासकर रातों को बिस्तर पर। सिर्फ एक दिन गुजरा था नेहा के बिना उस घर में और सब उसकी कमी को महसूस कर रहे थे।
प्रवींद्र सिर्फ नेहा को उसके गाँव में किसी से चुदवाते हुए कल्पना कर रहा था। उसको यकीन था कि जब नेहा वापस आएगी तो उसको बहुत कुछ बताने को होगी। मगर क्या नेहा अपने आप सब कुछ बताएगी? नेहा ने खुद से तो प्रवींद्र को उसके बाप से सेक्स के बारे में कुछ नहीं बताया था, जब तक कि उसको खुद पता ना चला। प्रवींद्र के मन में एक बात बार-बार घूम फिर कर गूंज रही थी- “आपने मुझको मेरे पापा की याद दिला दी..” जो नेहा ने अपने ससुर से कहा था और प्रवींद्र ने सुना था।
उस दिन से यह बात प्रवींद्र के दिमाग में बैठ गई थी, और प्रवींद्र को पक्का यकीन था कि नेहा का अपने पिता के साथ कुछ ना कुछ लेना देना है।
उधर अपने गाँव में, नेहा बिल्कुल आजाद थी, उसका पापा बाहर चला गया था। घर में वो बिल्कुल अकेली थी
और वो भी प्रवींद्र को याद कर रही थी, क्योंकी अक्सर ससुराल में वो दिन भर घर में उसी के साथ रहती थी। नेहा को पता था कि प्रवींद्र भी उसको याद कर रहा होगा, खासकर गरम बेड पर गुजरी चुदाई को। पर इधर नेहा तो अपने पापा से खुद के जिश्म को आराम दे रही थी। मगर उधर प्रवींद्र के लिए कोई नहीं थी उसको खुश करने के लिए, ऐसा नेहा सोचने लगी। फिर सोचने लगी कि क्या प्रवींद्र किसी और लड़की या औरत के पास गया होगा? नेहा को जलन महसूस हुई और वो नहीं चाहती थी कि प्रवींद्र किसी और औरत के पास जाए। फिर नेहा ने खुद को तसल्ली दिया यह सोचकर कि उस गाँव में प्रवींद्र को कोई औरत या लड़की नहीं मिलेगी जो उसको उसके जैसा खुशी दे सके।
अब नेहा के गाँव में, उसका भाई जो एक दिन पहले उससे मिलने आया था, उसने अपने दूसरे भाई को खबर भेज दिया कि नेहा आई हुई है पापा के यहाँ। वो कोई एक किलोमीटर की दूरी पर रहता था उसी गाँव में। नेहा के दोनों बड़े भाइयों की उम्र 42 साल और 38 साल थी। जो एक दिन पहले आया था वो अनिल था 38 साल का। और सबसे बड़ा भाई है सुनील जो 42 साल का है। सुनील की एक बेटी है ** साल की। अनिल की कोई औलाद नहीं है।
सुनील नेहा से मिलने आया, जब उसको खबर मिली कि वो आई हुई है। दोनों भाई बहन गले मिले, बातचीत किए और सुनील ने उससे कहा- "नेहा, शादी के बाद तुम बहुत खूबसूरत हो गई हो। कैसे लड़कियां शादी के बाद अपने पिता के घर को छोड़ने पर और खूबसूरत हो जाती हैं..."
नेहा ने जवाब में कहा- “वो शायद इसलिए कि शादी के बाद लड़कियों को बहुत ज्यादा प्यार मिलते है ससुराल में, जो पिता के घर में नहीं मिलता...”
फिर सुनील ने नेहा को अपने घर चलने को कहा। नेहा को अपने पापा को बताना था कि वो सुनील भाई के घर जा रही है। तो सनील ने नेहा को अपनी गाड़ी में ले लिया और जाते वक्त रास्ते में अपने पिता से कह दिया “कि वो नेहा को अपने घर ले जा रहा है और शाम को उसे वापस उसके घर छोड़ देगा.."
सुनील अपने घर पहुंचा। कोई भी नहीं था उसके यहाँ क्योंकी उसकी वाइफ टीचर थी और उसकी बेटी स्कूल गई हुई थी। जैसे ही वो घर के अंदर दाखिल हुए, सुनील ने नेहा को बाहों में भर लिया और सीने से लगाते हुए कहा "मेरी प्यारी गुड़िया बहना, मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि तू इतनी खूबसूरत औरत बन जाएगी री... पता है तुझे कि तू बहुत ही गरम और सेक्सी लग रही है?"
और नेहा उसकी बाहों में थी तो उसने अपनी जांघों के ऊपर उसका लण्ड तना हुआ महसूस किया। नेहा ने खुद से मन में कहा- ओहह... नहीं, अब भाई भी... इसने तो कभी भी ऐसा नहीं सोचा या कछ किया था मेरे साथ..." नेहा ने अपने भाई की बाहों से निकलते हुए कहा- “भाई, क्या कर रहे हो? मैं आपकी छोटी बहन हूँ ना..."
और सुनील ने जवाब दिया- “देखो नेहा, अब तुम एक मुकम्मल औरत हो गई हो और तुमको अब सब पता है कि सेक्स क्या होता है, वगैरह-वगैरह? जैसे ही मैंने तुमको पापा के घर में देखा, उसी वक्त मैंने सोच लिया कि तुमसे सेक्स करूँगा यहाँ अपने घर में लाकर, क्योंकी अब तुमको पता है कि एक मर्द को बेड पर लेना क्या होता है? इसीलिए तुमको यहाँ लेकर आया हूँ। नेहा रानी, तुम बेहद सेक्सी लग रही हो और लगता है तुमको सेक्स की जरूरत है इस वक्त। ऐसे मौके बार-बार नहीं आते मेरी हसीन गुड़िया। अपने इस बड़े भाई को तुम्हें चखने का एक मौका दे दो मेरी गुड़िया रानी। शायद ऐसा मौका मुझको फिर कभी नहीं मिले.."
दूसरी तरफ, उधर प्रवींद्र नेहा को बहत मिस कर रहा था, उसको नेहा को देखने का, उससे बात करने का और उसको अपने पास महसूस करने का मन कर रहा था। ससुर भी अपनी चहेती बह को मिस कर रहा था, खासकर रातों को बिस्तर पर। सिर्फ एक दिन गुजरा था नेहा के बिना उस घर में और सब उसकी कमी को महसूस कर रहे थे।
प्रवींद्र सिर्फ नेहा को उसके गाँव में किसी से चुदवाते हुए कल्पना कर रहा था। उसको यकीन था कि जब नेहा वापस आएगी तो उसको बहुत कुछ बताने को होगी। मगर क्या नेहा अपने आप सब कुछ बताएगी? नेहा ने खुद से तो प्रवींद्र को उसके बाप से सेक्स के बारे में कुछ नहीं बताया था, जब तक कि उसको खुद पता ना चला। प्रवींद्र के मन में एक बात बार-बार घूम फिर कर गूंज रही थी- “आपने मुझको मेरे पापा की याद दिला दी..” जो नेहा ने अपने ससुर से कहा था और प्रवींद्र ने सुना था।
उस दिन से यह बात प्रवींद्र के दिमाग में बैठ गई थी, और प्रवींद्र को पक्का यकीन था कि नेहा का अपने पिता के साथ कुछ ना कुछ लेना देना है।
उधर अपने गाँव में, नेहा बिल्कुल आजाद थी, उसका पापा बाहर चला गया था। घर में वो बिल्कुल अकेली थी
और वो भी प्रवींद्र को याद कर रही थी, क्योंकी अक्सर ससुराल में वो दिन भर घर में उसी के साथ रहती थी। नेहा को पता था कि प्रवींद्र भी उसको याद कर रहा होगा, खासकर गरम बेड पर गुजरी चुदाई को। पर इधर नेहा तो अपने पापा से खुद के जिश्म को आराम दे रही थी। मगर उधर प्रवींद्र के लिए कोई नहीं थी उसको खुश करने के लिए, ऐसा नेहा सोचने लगी। फिर सोचने लगी कि क्या प्रवींद्र किसी और लड़की या औरत के पास गया होगा? नेहा को जलन महसूस हुई और वो नहीं चाहती थी कि प्रवींद्र किसी और औरत के पास जाए। फिर नेहा ने खुद को तसल्ली दिया यह सोचकर कि उस गाँव में प्रवींद्र को कोई औरत या लड़की नहीं मिलेगी जो उसको उसके जैसा खुशी दे सके।
अब नेहा के गाँव में, उसका भाई जो एक दिन पहले उससे मिलने आया था, उसने अपने दूसरे भाई को खबर भेज दिया कि नेहा आई हुई है पापा के यहाँ। वो कोई एक किलोमीटर की दूरी पर रहता था उसी गाँव में। नेहा के दोनों बड़े भाइयों की उम्र 42 साल और 38 साल थी। जो एक दिन पहले आया था वो अनिल था 38 साल का। और सबसे बड़ा भाई है सुनील जो 42 साल का है। सुनील की एक बेटी है ** साल की। अनिल की कोई औलाद नहीं है।
सुनील नेहा से मिलने आया, जब उसको खबर मिली कि वो आई हुई है। दोनों भाई बहन गले मिले, बातचीत किए और सुनील ने उससे कहा- "नेहा, शादी के बाद तुम बहुत खूबसूरत हो गई हो। कैसे लड़कियां शादी के बाद अपने पिता के घर को छोड़ने पर और खूबसूरत हो जाती हैं..."
नेहा ने जवाब में कहा- “वो शायद इसलिए कि शादी के बाद लड़कियों को बहुत ज्यादा प्यार मिलते है ससुराल में, जो पिता के घर में नहीं मिलता...”
फिर सुनील ने नेहा को अपने घर चलने को कहा। नेहा को अपने पापा को बताना था कि वो सुनील भाई के घर जा रही है। तो सनील ने नेहा को अपनी गाड़ी में ले लिया और जाते वक्त रास्ते में अपने पिता से कह दिया “कि वो नेहा को अपने घर ले जा रहा है और शाम को उसे वापस उसके घर छोड़ देगा.."
सुनील अपने घर पहुंचा। कोई भी नहीं था उसके यहाँ क्योंकी उसकी वाइफ टीचर थी और उसकी बेटी स्कूल गई हुई थी। जैसे ही वो घर के अंदर दाखिल हुए, सुनील ने नेहा को बाहों में भर लिया और सीने से लगाते हुए कहा "मेरी प्यारी गुड़िया बहना, मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि तू इतनी खूबसूरत औरत बन जाएगी री... पता है तुझे कि तू बहुत ही गरम और सेक्सी लग रही है?"
और नेहा उसकी बाहों में थी तो उसने अपनी जांघों के ऊपर उसका लण्ड तना हुआ महसूस किया। नेहा ने खुद से मन में कहा- ओहह... नहीं, अब भाई भी... इसने तो कभी भी ऐसा नहीं सोचा या कछ किया था मेरे साथ..." नेहा ने अपने भाई की बाहों से निकलते हुए कहा- “भाई, क्या कर रहे हो? मैं आपकी छोटी बहन हूँ ना..."
और सुनील ने जवाब दिया- “देखो नेहा, अब तुम एक मुकम्मल औरत हो गई हो और तुमको अब सब पता है कि सेक्स क्या होता है, वगैरह-वगैरह? जैसे ही मैंने तुमको पापा के घर में देखा, उसी वक्त मैंने सोच लिया कि तुमसे सेक्स करूँगा यहाँ अपने घर में लाकर, क्योंकी अब तुमको पता है कि एक मर्द को बेड पर लेना क्या होता है? इसीलिए तुमको यहाँ लेकर आया हूँ। नेहा रानी, तुम बेहद सेक्सी लग रही हो और लगता है तुमको सेक्स की जरूरत है इस वक्त। ऐसे मौके बार-बार नहीं आते मेरी हसीन गुड़िया। अपने इस बड़े भाई को तुम्हें चखने का एक मौका दे दो मेरी गुड़िया रानी। शायद ऐसा मौका मुझको फिर कभी नहीं मिले.."
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
- mastram
- Expert Member
- Posts: 3664
- Joined: 01 Mar 2016 09:00
Re: नेहा बह के कारनामे
अपने बड़े भाई की इन बातों को सुनकर नेहा का जिश्म काँप उठा, एक सिरहन सी हुई उसके अंग-अंग में। नेहा ने सोचा वो तो एक इन्सेस्ट की गुड़िया बन गई अब। उसके जिश्म में एक गर्मी सी चढ़ी और उत्तेजना से जिश्म सिहर गई अपने बड़े भाई के साथ जिस्मानी तालुकात के बारे में सोचकर। और तब नेहा अपने बड़े भाई के पैंट के ऊपर जहाँ लण्ड होता है वहाँ देखने लगी तो पाया कि पैंट वहाँ फूला हुआ था, मतलब भाई का खड़ा हो गया था बिल्कुल।
नेहा ने उससे पूछा- “भाई, एक बात बताओ कि आज से पहले आपने मुझको लेकर कभी ऐसा सोचा था?"
सुनील भाई ने जवाब दिया- “हाँ नेहा, हाँ... तब तुम छोटी थी और मैं तुमको अपनी गोद में लेकर तुमसे इतना कुछ करवाता था, तुमको अभी याद नहीं होगा। अब जब मेरी शादी हो गई और मैंने यहाँ घर बना लिया तो तुमको और बड़ी होते नहीं देख पाया मैं। वो तो कल जब अनिल ने मुझसे बताया कि तम कितना मस्त दिख रही हो तो उसी वक़्त मैंने सोच लिया कि तुमको अपने बिस्तर पर जरूर लाऊँगा, और यह बेहतरीन मौका है
नेहा बेबी, मुझको तुम्हें जी भरके प्यार करने दो, मुझे ऐसा मौका शायद फिर कभी नहीं मिलेगा। अपने इस भाई को खुश कर दो मेरी लाडली..."
नेहा ने पूछा- “अनिल भैया ने आपसे कहा कि मैं मस्त दिख रही हँ? उसने मेरे बारे में ऐसा कहा आपसे?"
सुनील- “नेहा, हम दोनों तुमको लेकर ऐसे ही बातें किया करते थे हमेशा से। जिन दिनों हम सब एक साथ रहते थे पापा के घर में। तुम एक अकेली लड़की थी हमारे बीच और हम सब मस्त हुआ करते थे, तू हमारी रानी थी, हम दोनों राजा थे। तुम सच में हमारी गुड़िया थी, तुम अकेली एक लड़की थी जिससे हम खुलके मिलते थे मजा करते थे छोटे से ही। तो हम दोनों भाई तुम्हारे बारे में बहुत पहले से ऐसे ही बातें किया करते थे और करते हैं। तुम हमारे लिए गरम थी पहले भी, हम दोनों तुम्हारे शादी से पहले कहा करते थे के हमारी गरम गुड़िया किसी और की होने जा रही है...”
ये सब सुनकर नेहा को शाक नहीं लगा बल्की वो उत्तेजना से गीली होने लगी थी। फिर नेहा मुश्कुराई यह सोचते हुए- “दोनों भाई, पिताजी, ससुर, देवर। लगता है कि अब मैं तो एक सेक्स मशीन हूँ इन मर्दो के लिए..." और नेहा को बहुत गर्मी और उत्तेजना महसूस हुई इतने मों को उसके लिए बेताब होते सोचकर।
नेहा ने अपने बड़े भाई की बाहों में खुद को खो जाने दिया। नेहा उस वक्त एक टू पीस में थी, टाप छोटी थी तो उसकी पूरी कमर नंगी थी, उसकी क्लीवेज सब नजर आ रही थी और वो सुनील की बाहों में थी, भाई का एक हाथ नेहा की नंगी कमर पर था और नेहा की जीभ बड़े भाई के मुँह में घुलने लगे थे, हाँ वह किस करने लगी थी।
फिर बहुत जल्द दोनों बेड पर पाए गये, नेहा की ब्लाउज़ नीचे फर्श पर पायी गई और नेहा की चूचियां बड़े भाई के मुँह में थीं, वो ऐसे चूस रहा था जैसे एक दूध पीता बच्चा अपनी माँ की चूचियों से दूध पीता है। सुनील का हाथ नेहा की स्कर्ट को धीरे-धीरे ऊपर उठाते जा रहा था, और नेहा की खूबसूरत गदराई जांघे नजर आने लगीं। नेहा की बाहें बड़े भाई के कंधों से होकर उसकी पीठ पर थीं और नेहा ने खुद अपने आप एक जाँघ को उठाकर भाई की टांग के ऊपर किया।
नेहा के पिता ने उधर सोचा कि इस वक्त सुनील तो घर पर अकेला होगा और वो नेहा को अपने घर ले गया है। अब क्योंकी उसने नेहा को कल रात को चोदा था तो उसके मन में गंदे खयालात आने लगे कि क्या पता कि सुनील को भी वोही सब करने का मन करेगा नेहा के साथ। आखिर नेहा इतनी गरम और सेक्सी हो गई है कि किसी भी मर्द का उससे बचना बहुत मुश्किल होगा। पिता ने सुनील के घर जाने को निश्चय किया, उसने एक टैक्सी लिया और चल पड़ा सुनील के घर की तरफ।
नेहा ने उससे पूछा- “भाई, एक बात बताओ कि आज से पहले आपने मुझको लेकर कभी ऐसा सोचा था?"
सुनील भाई ने जवाब दिया- “हाँ नेहा, हाँ... तब तुम छोटी थी और मैं तुमको अपनी गोद में लेकर तुमसे इतना कुछ करवाता था, तुमको अभी याद नहीं होगा। अब जब मेरी शादी हो गई और मैंने यहाँ घर बना लिया तो तुमको और बड़ी होते नहीं देख पाया मैं। वो तो कल जब अनिल ने मुझसे बताया कि तम कितना मस्त दिख रही हो तो उसी वक़्त मैंने सोच लिया कि तुमको अपने बिस्तर पर जरूर लाऊँगा, और यह बेहतरीन मौका है
नेहा बेबी, मुझको तुम्हें जी भरके प्यार करने दो, मुझे ऐसा मौका शायद फिर कभी नहीं मिलेगा। अपने इस भाई को खुश कर दो मेरी लाडली..."
नेहा ने पूछा- “अनिल भैया ने आपसे कहा कि मैं मस्त दिख रही हँ? उसने मेरे बारे में ऐसा कहा आपसे?"
सुनील- “नेहा, हम दोनों तुमको लेकर ऐसे ही बातें किया करते थे हमेशा से। जिन दिनों हम सब एक साथ रहते थे पापा के घर में। तुम एक अकेली लड़की थी हमारे बीच और हम सब मस्त हुआ करते थे, तू हमारी रानी थी, हम दोनों राजा थे। तुम सच में हमारी गुड़िया थी, तुम अकेली एक लड़की थी जिससे हम खुलके मिलते थे मजा करते थे छोटे से ही। तो हम दोनों भाई तुम्हारे बारे में बहुत पहले से ऐसे ही बातें किया करते थे और करते हैं। तुम हमारे लिए गरम थी पहले भी, हम दोनों तुम्हारे शादी से पहले कहा करते थे के हमारी गरम गुड़िया किसी और की होने जा रही है...”
ये सब सुनकर नेहा को शाक नहीं लगा बल्की वो उत्तेजना से गीली होने लगी थी। फिर नेहा मुश्कुराई यह सोचते हुए- “दोनों भाई, पिताजी, ससुर, देवर। लगता है कि अब मैं तो एक सेक्स मशीन हूँ इन मर्दो के लिए..." और नेहा को बहुत गर्मी और उत्तेजना महसूस हुई इतने मों को उसके लिए बेताब होते सोचकर।
नेहा ने अपने बड़े भाई की बाहों में खुद को खो जाने दिया। नेहा उस वक्त एक टू पीस में थी, टाप छोटी थी तो उसकी पूरी कमर नंगी थी, उसकी क्लीवेज सब नजर आ रही थी और वो सुनील की बाहों में थी, भाई का एक हाथ नेहा की नंगी कमर पर था और नेहा की जीभ बड़े भाई के मुँह में घुलने लगे थे, हाँ वह किस करने लगी थी।
फिर बहुत जल्द दोनों बेड पर पाए गये, नेहा की ब्लाउज़ नीचे फर्श पर पायी गई और नेहा की चूचियां बड़े भाई के मुँह में थीं, वो ऐसे चूस रहा था जैसे एक दूध पीता बच्चा अपनी माँ की चूचियों से दूध पीता है। सुनील का हाथ नेहा की स्कर्ट को धीरे-धीरे ऊपर उठाते जा रहा था, और नेहा की खूबसूरत गदराई जांघे नजर आने लगीं। नेहा की बाहें बड़े भाई के कंधों से होकर उसकी पीठ पर थीं और नेहा ने खुद अपने आप एक जाँघ को उठाकर भाई की टांग के ऊपर किया।
नेहा के पिता ने उधर सोचा कि इस वक्त सुनील तो घर पर अकेला होगा और वो नेहा को अपने घर ले गया है। अब क्योंकी उसने नेहा को कल रात को चोदा था तो उसके मन में गंदे खयालात आने लगे कि क्या पता कि सुनील को भी वोही सब करने का मन करेगा नेहा के साथ। आखिर नेहा इतनी गरम और सेक्सी हो गई है कि किसी भी मर्द का उससे बचना बहुत मुश्किल होगा। पिता ने सुनील के घर जाने को निश्चय किया, उसने एक टैक्सी लिया और चल पड़ा सुनील के घर की तरफ।
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
- mastram
- Expert Member
- Posts: 3664
- Joined: 01 Mar 2016 09:00
Re: नेहा बह के कारनामे
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...