Zabardast
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Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
- 007
- Platinum Member
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Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- 007
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- mastram
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Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
Shandar update brother....
keep writing....
keep posting......
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मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
- Pavan
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- Joined: 19 Apr 2020 21:40
Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
Amazing update
Lovely update
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- Joined: 23 Sep 2019 15:23
Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
# अपडेट - 107
आज संडे था तो आज मैं घर पर ही था. सुबह मैं नहा धोकर जल्दी तैयार हो गया. मैं ग्राउंड की तरफ चल पड़ा. मैं घर से निकला तो ठाकुर का कॉल आया. वो मुझे हवेली बुला रहे थे.
तो मैं ग्राउंड जाना कैंसल कर हवेली चला गया.
आगे -
मैं हवेली के अंदर चला गया.
ठाकुर और ठकुराइन हॉल मे बैठ कर कर मेरा इंतज़ार कर रहे थे.पायल वहीं पर खड़ी थी...
मैं भी उनके पास जाकर सोफे पर बैठ कर गया.
ठाकुर - राहुल तुम तो गायब ही हो गये.
मैं - वो ताऊजी कॉलेज जाना शुरू किया है.
ठकुराइन - हम से मिलने तो आ जाते
मैं - आने वाला था , पर आपने पहले बुला लिया. वैसे अब तबियत कैसी है आपकी...
ठाकुर - अब तो ठीक हूँ. कौशल्या और बहू पूरा ख़याल जो रख रहे है.
मैं - रणजीत कैसा है...
ठाकुर - पहले से थोड़ा सुधार हुआ है. अभी और हॉस्पिटल मे रहना होगा...
मैं - चिंता मत करिये वो भी ठीक हो जायेगा...
ठकुराइन - आज तुम्हें दावत के लिए बुलाया है...
ठाकुर - और तुम्हारे लिए एक तोहफा है.
मैं - मेरे लिए ये सब, इसकी क्या ज़रूरत थी.
ठकुराइन - इसकी तो बहुत ज़रूरत थी. तुम ने हमारे परिवार के लिए जो किया उसके बदले मे हम तुम्हें कुछ देना चाहते है.
ठाकुर - बेटा तुमने हमारे परिवार की बहुत बार मदद की हैं, तुमने हमारी और रणजीत की जान बचा कर हमारे ऊपर जो अहसान किया है, उसके सामने हम जो भी करें वो सब कम हैं,फिर भी हम तुम्हें कुछ देना चाहते है.
मैं - मुझे कुछ नहीं चाहिए, मैं आप सब को अपना मानता हूं . मैने आपकी जान इसलिए नहीं बचाई की मुझे कुछ चाहिए...
ठाकुर - मुझे पता था तुम ऐसा ही कहोगे. राहुल तुम्हारे जैसे इंसान बहुत कम होते हैं. लेकिन हम जो तुम्हें दे रहे हैं वो तुम्हें लेना होगा....
फिर ठाकुर ने वहां टेबल पर रखे पेपर को उठाया.
ठाकुर - राहुल हमने कुछ डिसाइड किया हैं . हमने तुम्हारे नाम कुछ किया है. और हमने ये फैसला तुम्हारी ताईजी ( ठकुराइन ) और बहू सबने मिलकर लिया है...
फिर ठाकुर ने वो पेपर मुझे दिये और बोले - हमने हमारी एक फैक्टरी मे तुम्हें 60% का पार्टनर बनाया है. और कंपनी मे कुछ शेयर ( मतलब कुछ हिस्सा ) तुम्हारे नाम किये हैं. तुम इन पर साइन कर दो...
मैं - ताऊजी इसकी क्या ज़रूरत थी.
ठाकुर - बेटा ज़रूरत थी. आज हम जो हैँ तुम्हारी वजह से हैं. इस घर मैं जो खुशी है वो तुम्हारी वजह से ही हैं...
ठकुराइन - मना मत करना ये हम सब की तरफ से हैं.
तभी पायल बोली - प्लीज मना मत करो.. रख लो. पापा जी प्यार से दे रहे हैं.
मैं - मैं इन सब का क्या करूँगा. मुझे बिजनेस के बारे मे कुछ पता नही है...
ठाकुर - तुम चिंता मत करो. धीरे धीरे तुम सीख जाओगे... चलो इन पर साइन कर दो...
मैंने उन पेपर्स पर साइन कर दिया...
फिर ठाकुर ने मुनीम को बुलाया जो बाहर बैठक मे थे.
ठाकुर - मुनीम जी ये लीजिये पेपर्स, सारी फोर्मेलिटीज पूरी कर दीजिये...
राहुल तुम अपनी बैंक डिटेल्स दे दो ताकि तुम्हारा अकाउंट कनेक्ट हो जाये...
मैं - ताऊजी कल परसो तक दे दूँ. वो क्या है कि मेरे पास जो अकाउंट हैं अगर उसमें रूपये आये तो मम्मी पापा को पता चल जायेगा. मैं अभी नहीं चाहता कि उनको अभी पता चले...
ठाकुर - ठीक है दे देना...
मैं - ताऊजी आप भी प्लीज मम्मी पापा को कुछ नही बताएँगे.
ठाकुर - ठीक है जैसा तुम कहोगे वैसा ही होगा.
पायल वहां से चली गई. कुछ देर तक हम बातें करते रहे फिर पायल आई और बोली चलिए खाना खा लीजिये...
हम डाइनिंग टेबल पर आ गये, डाइनिंग टेबल बहुत आलीशान थी...
नौकर खाना लगाने लगे, खाना क्या ये तो शाही भोज था. तरह तरह के पकवान बने हुए थे.
मैं, ताऊजी और ताईजी खाना खाने लगे. खाना बहुत ही लजीज था.
मैं - ताईजी, खाना बहुत टेस्टी है...
ठकुराइन - हां... खाना पायल ने खुद बनाया है...
मैंने पायल की तरफ देखा और अपने अंगूठे और उंगली को मिलाकर इशारा कर दिया. वो हल्का सा मुस्कुरा दी.
खाना खाने के बाद ताउजी बोले - राहुल हमे हमारे कमरे मे ले चलो.
वैसे तो वो ठीक हो गये थे, पर चलने मे थोड़ी प्रॉब्लम होती थी. मैं उनको लेकर उनके रूम मे आ गया.
वो बेड पर सहारा लेकर बैठ गये. और बोले - हमारे पास बैठो. हमे तुमसे कुछ बात करनी हैं.
मैं उनके पास बैठ गया...
ᎠᎬᏙᏆᏞ ...
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- Joined: 03 Aug 2020 14:29
Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
Nice update bhai