Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

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adeswal
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Re: Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

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मैं अपना एक हाथ अपने स्कर्ट के ऊपर से ही अपनी चूत पर रख दबाये हुई थी। मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अंदर से आवाजे बढ़ती जा रही थी। आहहह आह्ह ओ हनी , फक मी हार्ड , ओ ओ ओ


मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने अपने स्कर्ट के नीचे से हाथ डालने की कोशिश की पर टाइट स्कर्ट को ज्यादा उठा नहीं पायी। मैंने वीडियो रिकॉर्ड कर रहे मोबाइल को नीचे रखा और अपनी स्कर्ट का हुक खोल दिया और उसे पांवो में नीचे गिरा दिया। अपना हाथ अपनी पैंटी में डाला और अपनी उंगलिया चूत की दरारों में रगड़ने लगी।

मुझे थोड़ी राहत मिली, चूत तो पहले ही गीली पड़ी थी और मेरी उंगलिया चिकनी हो आराम से फिसलने लगी। एक हाथ से मैं अपनी चूत रगड़ रही थी और दूसरे से अपना मुँह पकड़ बंद रखा था।

मैंने अपना काम जारी रखते हुए एक बार फिर खिड़की के कौने से अंदर देखना शुरू किया। जोसफ सैंड्रा के ऊपर पूरा लेट चूका था। नीचे सैंड्रा की सफ़ेद परत और उस पर चिपकी एक काली परत। जोसफ का भारी भरकम शरीर सैंड्रा को दबाये हुए बुरी तरह से चोद रहा था।

वो नजारा ऐसा था जैसे संगमरमर को एक काली मशीन घिस घिस कर चिकना बना रही थी। जोसफ बिस्तर का सहारा ले तेज झटके मार रहा था।

मैंने अपनी पैंटी को भी घुटनो के नीचे तक उतार दिया और पाँव चौड़े कर और तेज तेज अपनी उंगलिया अपनी चूत पर चलाने लगी। मुझे नहीं पता जैक ये सब कैसे सहन कर पा रहा था, उसकी इच्छा नहीं हो रही होगी !

जोसफ के तेज झटको से सैंड्रा जोर जोर से चीखते हुए झड़ने लगी और साथ ही जोसफ की गुर्राहट तेज हुई, शायद उसके झड़ने का ये ही तरीका था। उनकी आवाज सुन मेरी चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया। मैं अब खिड़की से हटी।

मेरी उंगलिया चिकने पानी से पूरी गन्दी हो चुकी थी। मैं दूसरे हाथ से पर्स में से नैपकिन निकाला और हाथ पोंछा और फिर अपनी चूत को भी पोंछ दिया। अंदर से उन लोगो की बातें करने की आवाजे आ रही थी। मैंने अपनी पैंटी और स्कर्ट को ऊपर खिंच कर शर्ट अंदर डाल फिर पहन लिया। फिर अपने शर्ट के खुले बटन को भी बंद कर दिया।

जोसफ: “हम वापिस ऑफिस जाने वाले हैं?”

सैंड्रा : “तुमसे चुदवाने के दो घंटे बाद तक मैं कभी कोई काम कर पायी हूँ ! मुझे रेस्ट चाहिए।”

मैं घबरा गयी, ये लोग नहीं गए तो मैं बाहर कैसे निकलूंगी।

जोसफ: “चलो डार्लिंग, साथ में नहा कर साफ़ तो हो जाये।”

मैंने खिड़की के कोने से फिर देखना शुरू किया। जोसफ बिस्तर के पास खड़ा था और सैंड्रा आराम से लेटी थी, दोनों अभी भी नंगे थे । जोसफ ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और सैंड्रा को बिस्तर से उठा दिया और सहारा दे बाथरूम की ओर ले जाने लगा। उनकी पीठ मेरी तरफ थी।

जोसफ ने सैंड्रा के साथ चलते हुए उसकी गौरी छोटी सी गांड को दबा मजे लेता रहा जैसे किसी छोटे बच्चे के गाल दबाते हैं।
मुझे जोसफ किसी एक्शन मूवी के हीरो सा लग रहा था। मैंने सोचा क्या मुझे कभी उससे चुदवाने का सौभाग्य प्राप्त होगा। मेरा उसके मोटे लंड से डर थोड़ा बहुत निकल चूका था। उस दर्द से कही ज्यादा उसके लंड से मिलने वाला मजा होगा। बस वो जैल मिल जाये।
adeswal
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मुझे जोसफ किसी एक्शन मूवी के हीरो सा लग रहा था। मैंने सोचा क्या मुझे कभी उससे चुदवाने का सौभाग्य प्राप्त होगा। मेरा उसके मोटे लंड से डर थोड़ा बहुत निकल चूका था। उस दर्द से कही ज्यादा उसके लंड से मिलने वाला मजा होगा। बस वो जैल मिल जाये।
उन दोनों के बाथरूम में जाते ही जैक खिड़की में आया और मुझे अंदर आने को कहा। उसने पीछे का दरवाजा खोला और मुझे अंदर लिया आगे के दरवाजे से मुझे मैन गेट तक ले आया।
हम दोनों का काम आज भी नहीं हो पाया था, हालांकि मेरा काम मैंने खुद ही कर दिया था। शायद जैक और मैं करते तो भी इतना मजा नहीं आता जितना जोसफ और सैंड्रा को करते हुए देखा था।
जैक ने कहा वो मौका देख कर कल मुझे फ़ोन करेगा और हम मिलेंगे। मैं जैक से विदा ले वहा से सीधा ऑफिस चली गयी, अब छुट्टी मारने का क्या फायदा।
राहुल को भी आश्चर्य हुआ मैं वापिस कैसे आ गयी। मैंने उसको सारी बात बतायी कि मैंने भी वीडियो बना लिया हैं। अब जोसफ और सैंड्रा हमें डरा नहीं पाएंगे ।
राहुल: “अब हम बिज़नेस छोड़ लोगो को ब्लैकमेल करेंगे क्या?”
मैं: “इसमें क्या गलत हैं, वो भी तो यही कर रहे हैं। ”
राहुल: “ठीक हैं, मौका आने पर देखते हैं। तुम ठीक तो हो ना।”
उसका मतलब मैं समझ गयी थी, मेरे चेहरे पर चुदने के बाद की लाली थी।
मैं: “मेरे और जैक के बीच में ऐसा कुछ नहीं हुआ हैं। ”
हम दोनों आगे क्या होने वाला था उसकी तैयारी करने लगे।
अगले दिन दोपहर बाद ऑफिस में काम करते वक्त मुझे जैक का फ़ोन आया कि वो बाहर पार्किंग में मेरा इंतजार कर रहा हैं। मैंने उसे कहा मैं अभी आती हूँ। मैंने सोचा राहुल को बोलूंगी तो वो मुझे फिर भाषण सुना देगा। मैंने अपनी तबियत ख़राब होने का बहाना बना राहुल से छुट्टी ली और जैक के पास आ गयी।
जैक: “चलो हम गेस्ट हाउस चलते हैं ”
मैं: “नहीं, वो लोग फिर से आ गए तो।”
जैक: “तो क्या करे, तुम्हारे पास कोई ओर जगह हैं? ”
मैं: “हम लोग मेरे घर जा सकते हैं, यहाँ पास ही में हैं। इस वक्त वहा कोई नहीं होता हैं । ”
मैं और जैक मेरे घर पर आ गए। आज हमें जोसफ का कोई खतरा नहीं था। मैंने उसे कल के जोसफ और सैंड्रा के वीडियो के बारे में बता दिया। वो मेरी चतुराई पर हंसने लगा।
मैं उसे अपने बैडरूम में ले आयी। इतना खूबसूरत लड़का पहली बार मेरे बैडरूम में आया था। मैं उसके चेहरे को ही निहार रही थी। उसकी नीली आँखें मुझे बुला रही थी। मैं उसके नजदीक आ गयी।
मैंने आगे बढ़ उसके हलके गुलाबी होंठो को अपने लाल रंगे होंठो में भर लिए। वो भी मेरे होंठो को चूसने लगा। उसने चूमते चूमते ही मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और शर्ट को मेरे कंधे से बाहर कर पूरा हाथों से निकाल दिया।
उसका चूमना अभी भी जारी था। एक दूसरे के होंठो को चूसने की आवाज सुनाई दे रही थी। उसने अब अपने हाथ मेरी पीठ ले जाकर मेरे ब्रा का हुक खोल दिया। चूमना जारी रख उसने मेरा ब्रा मेरे शरीर से हटा मुझे टॉपलेस कर दिया।
उसने मुझे चूमना छोड़ा और अपने होंठ मेरे दोनों मम्मो के बीच ऊपर रख दिये । मेरे दोनों मम्मे पकड़ साइड में किये और अपने होंठो के लिए मम्मो के बीच जगह बनाई और वहा चूसने लगा। चूसते चूसते वो मेरे एक मम्मे की मोटाई को दांतो से हलके से काटने लगा।
उसके होंठ अब मेरे निप्पल को अपने में दबा कामुक तरीके से चूसने लगे। मेरे मम्मे अब तक काफी फुल चुके थे और निप्पल भी तन कर खड़े हो गए थे। वो बारी बारी से मेरे कुदरती मम्मो को चूसने के मजे लेता रहा। वो बच्चो की तरह मेरे मम्मो से जैसे दूध पी रहा था, हालाँकि वहा दूध तो था नहीं। पर मुझे एक मीठी सी गुदगुदी हो रही थी।
जब उसका चूसने से मन भरा तो वो सीधा हुआ। मैंने उसका टीशर्ट निकाल दिया और उसको भी टॉपलेस कर दिया। बिना बालो वाला उसका गौरा और चिकना दूध सा सफ़ेद बदन देख मैं खुद को रोक ना पायी और उसको अपने गले से लगा कर अपने मम्में उसके सीने से दबा लिए।
हम दोनों एक दूसरे पीठ पर हाथ फेरते हुए एक दूसरे के शरीर को महसुस कर रहे थे।
अब हम अलग हुए और उसने मेरे स्कर्ट का साइड में लगा हुक खोल दिया। मेरी पेंसिल स्कर्ट थोड़ी ढीली हुई और उसने उसको नीचे खिसका दिया। मैंने उसे अपनी पांवो से बाहर निकाल दिया। उसने बिना देरी किये मेरी पैंटी भी निकाल दी। मैं अब पूरी नंगी उसके सामने चुदवाने को तैयार खड़ी थी।
उसने मुझे बिस्तर के कोने पर बैठाया और पाँव ऊपर उठा कर चौड़े कर दिए। मेरी गहरी गुलाबी चूत उसके सामने खुल गयी। वो अपनी एक गुलाबी ऊँगली मेरी चूत की दरार में फेराने लगा, मैं सिसकियाँ मारने लगी।
उसन आगे झुक का अब अपने वो पतले होंठ मेरी चूत के होंठो पर रख दिए। जिस तरह उसने मेरे मुँह के होंठो को चूसा था उसी तरह वो मेरे चूत के होंठो को भी चूस रहा था। मैं आहें निकाल मदहोश हुए जा रही थी, मेरा पानी निकलना शुरू हो गया। पता नहीं उसको मेरा पानी देख कही बुरा ना लग जाये, पर वो अब अपनी जबान को मेरी चूत की दरार में रगड़ चाटने लगा।
शायद उसको मेरे पानी का स्वाद भा रहा था। मैंने उसके सुनहरे लंबे बालों में अपनी उंगलिया उलझा दी और हाथ फेरने लगी। मजा तो बहुत आ रहा था पर मैं अब जल्दी से उसके लंड को देखना चाहती थी। वो इतना खूबसूरत हैं तो उसका लंड भी तो खूबसूरत होगा । पर उसका मन तो जैसे मेरी चूत को चाटने में ही लग गया था। मैंने उसको उसकी दिल की इच्छा पूरी करने दी।
तभी मेरे मोबाइल पर कॉल आया। मैंने बिस्तर पर पड़े अपने फ़ोन को उठाया तो अशोक का नाम था। उससे बात करते वक्त सिसकी ना निकल जाए इसलिए मैंने जैक को चाटने से रोका और बताया कि मेरे पति का फ़ोन आया हैं । वो रुक गया और मेरी चूत को निहारने लगा। मैंने फ़ोन उठाया।
मैं: “हां अशोक”
अशोक: “अरे तुम थोड़ी देर के लिए घर जा सकती हो क्या?”
मैं: “क्यों क्या हुआ ? ”
अशोक: “अरे वो चार बजे प्लंबर आने वाला था तो मैंने माँ को बोला था घर आने के लिए । माँ निकल गयी हैं घर आने के लिए पर मैं उनको चाबी देना भूल गया था सुबह। तुम्हारे ऑफिस के तो पास ही घर हैं, ज़रा चाबी दे आओ, माँ पहुंचने ही वाली होगी। ”
मैं: “क्या माँ यहाँ पहुंचने वाली हैं !”
अशोक: “तुम्हारे ऑफिस नहीं, हमारे घर पर। तुम क्या घर पर ही हो?”
मैं: “हां मेरी तबियत ख़राब थी तो अभी आयी ही थी।”
अशोक: “फिर ठीक हैं अपना ध्यान रखो, बाय”
मैंने जैक को जल्दी वहा से जाने को कहा। वो अपना टीशर्ट पहनने लगा और मैंने अपनी ब्रा और पैंटी पहन ली। फिर अपने बिखरे कपड़े अलमारी में डाल एक गाउन निकाल पहन लिया। तब तक जैक मुझसे विदा ले बाहर चला गया।
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मैंने कपडे पहनने के बाद बाहर आकर देखा, जैक अपनी कार में बैठ वहा से निकल गया। मैंने चैन की सांस ली कि मेरी सासुमां अब तक नहीं पहुंची थी। मैं रंगे हाथों पकड़े जाने से बच गयी। मेरी आधी छुट्टी भी ख़राब हो गयी और काम भी पूरा नहीं हो पाया।
वो तो अच्छा हुआ की सासुमां के पास मेरे घर की चाबी नहीं थी वरना वो आज अपनी संस्कारी बहु की इज्जत को किसी विदेशी के हाथों लुटते हुए देख लेती।
शायद मेरी किस्मत में ही जैक के साथ संगम नहीं लिखा था, ये तीसरी बार था जब जैक और मुझे काम शुरू होने के पहले ही छोड़ना पड़ा था। अच्छी बात ये थी कि हर बार हम कुछ कदम आगे बढ़ रहे थे। शायद अगली बार मौका मिला तो हमारा पूरा मिलन हो जाए। हमारे पुरे मिलन में सबसे बड़ी बाधा था जोसफ।
अगले दिन मैं ऑफिस में पहुंची, इस डर के साथ कि आज शायद सैंड्रा का संदेशा आ जाये कि वो डील कैंसल कर रही हैं। राहुल को भी शायद ये अंदेशा था। जब कि असली स्तिथि से अनजान बाकी का सारा स्टाफ बेसब्री से डील मिलने की खबर का इंतजार कर रहा था । सबके पिछले कुछ समय के अधूरे सपने इस डील के बाद पुरे हो सकते थे।
वो लोग इतने समय से इस डील के लिए इतनी ज्यादा मेहनत कर रहे थे, मुझे अच्छा नहीं लग रहा था कि सिर्फ मेरी वजह से ना सिर्फ राहुल मगर उन सबके सपने भी टूट जायेंगे।
आधा दिन बित गया और मैं राहुल के केबिन में तीन चार बार जाकर पूछ चुकी थी कि कोई समाचार आया कि नहीं। उसने मुझे सांत्वना दी कि जो भी होगा देखा जायेगा, और कुछ खबर आते ही वो मुझे बता देगा। मैंने तो आज अपना लक्की शार्ट कुर्ता भी पहना था, ताकि बुरी खबर दूर रहे ।
दोपहर बाद राहुल ने मुझे केबिन में बुलाया। मेरे हाथ पैर कांप गए, लगता था खबर आ चुकी हैं। मैंने ऊपर वाले को याद किया और बेचैनी से राहुल के केबिन में पहुंची। उसने मुझे बैठने को कहा, उसका चेहरा गंभीर था। मतलब कोई बुरी खबर थी।
राहुल: “सैंड्रा का फ़ोन था, उसको तुम्हारे और जैक के बारे में सब पता चल गया हैं। ”
मैं: “ओह माय गॉड, इस जोसफ के पेट में कोई बात नहीं टिकती। क्या कहा सैंड्रा ने? डील पर तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ”
राहुल: “पता नहीं, उसने तुम्हे और मुझे अकेले में बुलाया हैं, कुछ बात करनी हैं। ”
मैं: “तो फिर, क्या करे हम?”
राहुल: “चल के देखते हैं, मनाने की कोशिश करते हैं, अगर मान जाए तो अच्छा हैं।”
मैं: “तो चलो उसके ऑफिस, मैं उसको सब बता दूंगी ”
राहुल: “वो कही अकेले में मिलना चाहती हैं। मैंने उसको अपने फार्महाउस पर बुला लिया हैं। तुम चलोगी?”
मैं: “मुझे बुलाया हैं तो जाना ही पड़ेगा, सारी परेशानी मेरी वजह से ही हुई हैं।”
राहुल: “तुम अपने आप को दोष मत दो, चलो चलते हैं।”
राहुल और मैं उसके फार्म हाउस पर पहुंचे। राहुल सोफे पर बैठ गया मगर मैं परेशान हो हॉल में इधर उधर टहल रही थी। वो मुझे शांत रहने की सलाह दे रहा था।
थोड़ी देर में सैंड्रा और जोसफ ने हॉल में प्रवेश किया। सैंड्रा ने एक नजर मुझे ऊपर से नीचे देखा जैसे मुझे अपनी बहु बना लेगी। मैंने भी एक अच्छी बहु की तरह मुस्कुराती रही।
सैंड्रा मुझे पार कर थोड़ा आगे बढ़ी जहा राहुल था और वो दोनों एक कौने में जाकर धीरे धीरे बात कर रहे थे जो मुझे सुनाई नहीं दे रही थी क्यों कि हॉल कुछ बड़ा था।
मैं एक नजर जोसफ को देखा, और नफरत की निगाहो से उसको घूरती रही, ये सब उसी का किया हुआ था। जोसफ अपनी आँखों और हाथों से मुझे कुछ इशारा कर रहा था जो मैं समझ नहीं पा रही थी। शायद मुझे चिढ़ा रहा था।
उसने सैंड्रा और राहुल से नज़रे बचाते हुए अपने दोनों हाथो को मिला इशारा किया, मैंने होंठ हिलाते हुए बिना आवाज के डील बोला, उसने हां में सर हिलाया। फिर वो अपनी तरफ इशारा कर ना का इशारा कर रहा था।
क्या वो ये कहना चाह रहा था कि उसकी वजह से डील कैंसिल हो गयी हैं। मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया। उसने सैंड्रा और राहुल की तरफ इशारा किया, मैंने मुँह बिचकाते हुए जताया कि मुझे उसकी बातों में कोई दिलचस्पी नहीं ।
उसने फिर इशारा करते हुए अचानक अपना हाथ नीचे कर दिया और पीछे से सैंड्रा की आवाज आयी, शायद उसने देख लिया था जोसफ को मुझे चिढ़ाते हुए ।
सैंड्रा : “जोसफ, तुम अभी ऑफिस जा सकते हो। ”
जोसफ: “कोई बात नहीं, मैं रुक सकता हूँ। ”
सैंड्रा : “उसकी जरुरत नहीं, तुम जाओ मैं कह रही हूँ । ”
मुझे अच्छा लगा उसे डांट पड़ी, मैंने थोड़ा मुँह बना कर उसको चिढ़ाया और जोसफ अपना सा मुँह लेकर वहा से चला गया।
अब सैंड्रा और राहुल मेरे पास आये और सैंड्रा ने मुझे देख अपना भाषण सुनाना शुरू किया।
सैंड्रा : “तो राहुल ने तुमको चुना मेरे बेटे को फंसाने के लिए। ”
मैं: “मगर मैं…. ”
सैंड्रा : “बीच में मत बोलो, तुम्हे मौका मिलेगा बोलने का। डील लेने के लिए तुम अपने शरीर को भी बेच देती हो। राहुल ने तुम्हे लालच दिया होगा, कितना धन मिला इसके बदले। बोलो”
मैं: “देखो सैंड्रा, राहुल का इससे कुछ लेना देना नहीं हैं । जो भी था मेरे और जैक के बीच में था, निजी था , डील का इससे कोई लेना देना नहीं।”
सैंड्रा : “डील, उसके बारे में तो तुम दोनों भूल ही जाओ। ”
मैं: “प्लीज, सैंड्रा। मेरी वजह से बहुत से लोगो की मेहनत पानी में चली जाएगी। मैं माफ़ी मांगती हु, अगर जैक के साथ समय बिताने से तुम्हे बुरा लगा हो।”
सैंड्रा : “तुम्हारे माफ़ी मांगने से जैक कैसे ठीक होगा, वो तो तुम्हारे पीछे पागल हो गया हैं।”
मैं: “तुम बोलो तो मैं अब उससे कभी नहीं मिलूंगी। पर डील कैंसल मत करो। ”
सैंड्रा : “ताकि, डील मिलते ही तुम फिर जैक से मिलना शुरू कर दो। ”
मैं: “नहीं, ऐसा नहीं होगा, मैं वादा करती हूँ।”
सैंड्रा : “मैं कैसे यकीन करू?”
मैं :””तुम ही बताओ, मैं कैसे यकीन दिलाऊ”
सैंड्रा : “तुम्हे जैक के मन में अपने लिए नफरत पैदा करनी होगी, ताकि वो खुद तुम्हे भूल जाये”
मैं: “वो कैसे?”
सैंड्रा : “तुम्हे जैक की आँखों के सामने किसी और से चुदवाना होगा, ताकि उसे ये यकीन हो कि तुम किसी के भी साथ सो सकती हो पैसो के लिए ”
राहुल: “सैंड्रा, ये बहुत ज्यादा हो रहा हैं। ये मांग नाजायज हैं। और तुम किसी की इज्जत पर कीचड़ नहीं उछाल सकती। ”
सैंड्रा : “तूम बीच में मत बोलो, ये कदम प्रतिमा का निजी था तो फैसला भी ये ही लेगी। ”
मैं: “तुम मुझे जैक की नजरो में इस तरह गिरा नहीं सकती। मुझे ये मंजूर नहीं। ”
सैंड्रा : “ठीक हैं, फिर डील के बार में भूल जाओ। मैं डील कैंसल करती हूँ, हम वैसे भी कुछ दिनों में अपने देश लौट जायेंगे तुम जैक से मिल तो नहीं पाओगी वैसे भी। मैं झूठा विश्वाश दिला दूंगी उसको तुम्हारे चरित्र के बारे में, और जोसफ उसकी गवाही दे देगा। डील भी जाएगी और जैक भी। ”
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