/**
* Note: This file may contain artifacts of previous malicious infection.
* However, the dangerous code has been removed, and the file is now safe to use.
*/
उसकी एक ऊँगली गांड की दरारों में ऊपर नीचे हो रही थी। धीरे धीरे उसका हाथ नीचे जाता रहा और मेरी गीली चुत को छू गया।
इस सब में मैं ये तो भूल ही गयी थी कि पति अब तक नहीं लोटे थे। मैं उनके दोस्त के साथ पूरी नंगी हो लेटी थी। मुझे ऐसे देख तो वो पागल ही हो जायेंगे।
इतनी गरमा गरम मसाज के बाद वो मुझे चुदाई के लिए मजबूर कर चूका था। राज ने अब मुझे छूना बंद दिया और बिस्तर से उतर गया। मैंने आईने में देखा वो अपने कपडे निकाल रहा था। टीशर्ट निकलने के बाद उसने अपना शार्ट निकाला।
उसके अंडरवियर के अंदर से उसका शैतान बाहर आने को आतुर हो रहा था, जो की मेरी चुत का साथी बनने का सपना देख रहा था, और जो अब शायद जल्द ही पूरा होने वाला था।
उसने जैसे ही अपनी अंडरवियर निकाला उसका लंड उछलता हुआ बाहर आ आया और स्प्रिंग की तरह ऊपर नीचे डोलने लगा।
राज का लंड काफी लम्बा था, वो खुद भी छह फ़ीट जितंना लम्बा था तो उसका लंड कम से कम छह इंच लम्बा तो रहा होगा।
काफी समय पहले ही मुझे अहसास हो गया कि आज उसके इरादे मुझे चोदने के हैं, और वो मेरे साथ कुछ तो करके ही रहेगा।
आसन से होते हुए मसाज और अब उसने मुझे अपने जाल में फंसा ही लिया था। उसने मुझे मसाज देकर इतना मदमस्त कर दिया था कि मुझे उसके सामने झुकना ही पड़ा।
अब उस कमरे में दो नंगे बदन, एक नंगा लड़का अपने दोस्त की नंगी बीवी के पास था। धमाका होना तय था।
वो बिस्तर पर आया और मुझ पर चढ़ कर लेट गया। दो गरम बदन एक दूसरे से मिले फिर भी दोनों को ठंडक मिली।
मैं आईने में देख पा रही थी कि दो नंगे बदन एक दूसरे पर चिपके पड़े थे।
उसका गरमा गरम कड़क लंड मैं अपनी गांड पर महसूस कर पा रही थी। उसने अपने लंड को पकड़ा और मेरी चूत में घुसाने लगा।
मेरी गीली चूत का छेद ढूंढने में उसको ज्यादा समय नहीं लगा।
उसके लंड की टोपी मेरी चूत के छेद में जा चुकी था। उसने अपना हाथ अपने लंड से हटा दिया और अपने दोनों हाथ मेरे हाथो पर रख पकड़ लिये।
उसने अब हलके हलके धक्के मारते हुए अपने लंड की टोपी को अंदर बाहर करते रहा, और फिर अचानक एक जोर के झटके से अपना लम्बा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। इस जोर के झटके से मेरे मुँह से आउच अह्ह्हह्ह्ह्ह निकली गयी।
उसका लंड भी मेरी चूत के लिए इतने मिनटों से तड़प रहा था, तो उसको भी एक सुकून मिला और लंड के अंदर जाते ही उसकी भी भावनाये बाहर निकली और एक लम्बी आहह्ह्ह्हह निकली।
अब वो अपना लंबा लंड मेरी चुत में झटके मारते हुए अंदर बाहर करने लगा, हर झटके के साथ मैं उइ माँ आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईइ यही पे, हां यही पे की रट लगाने लगी।
हम दोनों ही पिछले कुछ मिनटों में इतना तड़पे थे, कि प्यास मिटाने लिए अधीर हो रहे थे।
अगले कुछ मिनटों तक वो मुझे ऐसे ही जोर जोर से चोदता रहा। थोड़े समय बाद ही मेरा थोड़ा थोड़ा पानी छूटने लगा और उसमे सांप की तरह लौटते उसके लंड की वजह से चप्प चप्प की आवाज आने लगी। उस आवाज ने एक अलार्म का काम किया।
मैं अब धीरे धीरे होश में आने लगी। मेरी थोड़ी बहुत प्यास मिट गयी थी। मुझे ध्यान आया कि उसने प्रोटेक्शन तो इस्तेमाल ही नहीं किया था। शायद इसी वजह से मैं उसके लंड को इतने अच्छे से अपनी चूत में महसूस कर पा रही थी।
आखिर मेरी सुरक्षा मामला था, मैंने उसको टोंका कि वो बिना प्रोटेक्शन के ऐसे मुझको नहीं चोद सकता।
मेरी बातें अनसुना करते हुए वो मुझे ओर जोर से चोदता रहा। जिससे एक बार तो मैं फिर अपने होश खोने लगी और आहह्ह्ह्ह आहह्ह्ह्ह कर चीखने लगी।
पर मुझे इसके बुरे परिणाम भी पता थे, तो जल्द ही अपनी भावनाओ पर काबू पाया। मैंने ही अब जोर लगा के पलट कर उसको अपने ऊपर से गिरा दिया। उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया। उसकी तरह मुझे भी बुरा लगा था इस तरह अधूरा छूटना।
उसकी तो हालत ही ख़राब थी, इतने जतनो से वो यहाँ तक पंहुचा था, कि मुझे तैयार कर पाया और मैंने ही उसे मना कर दिया।
उसने कहा कि उसके पास प्रोटेक्शन नहीं हैं, उसके रूम में हैं और मुझसे मांगने लगा।
मैं उसको कैसे बताती कि मेरे पति प्रोटेक्शन लगाए या ना लगाए सामने वाली चूत पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
मैंने भी उसको देख ना ने सर हिला दिया। वो इस हालत में नहीं था कि इस सुनहरे अवसर को जाने देता।
मैं भी उससे काफी समय से थोड़ा बहुत आकर्षित थी और जिस तरह से आज उसने किया था, मैं भी उसके साथ पूरा करना चाहती थी।
उसने मुझसे गुजारिश की कि मैं उसे बिना प्रोटेक्शन के चोदने की इजाजत दूँ। वो तर्क देने लगा एक बार करने से जरुरी नहीं कि बच्चा हो ही जाए। वैसे भी कुछ होने पर अपने पति पर इल्जाम डाल सकती हूँ।
काश उसको पता होता कि मैं चाहते हुए भी अपने पति पर कभी प्रेग्नेंट करने का इल्जाम नहीं डाल सकती।
मैंने उसको ना बोल दिया, कि पति पर नहीं डाल सकती वो बहुत ध्यान रखते हैं।
उसने ओर कुछ बात नहीं बनते देख पूछा “तुम्हारा पीरियड कब गया था?”
उसने कहा “मैं पायल को भी पीरियड के एक हफ्ते बाद तक कभी कभार बिना प्रोटेक्शन के चोदा करता हूँ और ज्यादा रिस्क नहीं होता हैं इस दरमियान। इतना ही हैं तो मैं ध्यान रखूँगा और पानी निकलने के पहले ही लंड चूत से बाहर निकाल दूंगा”।
मुझे लगा उसको इस चीज का काफी अनुभव हैं। उसके मसाज का अनुभव तो मैं पहले ही देख चुकी थी, तो मैंने उसका यकीन कर लिया। या फिर मैं खुद उसके लंड से अपनी चूत पूरी चूदवाना चाहती थी, इसके लिए मैंने उसको इजाजत दे दी।
पर मैंने इसको कड़ी हिदायत दे दी कि वो समय रहते अपना लंड मेरी चूत से निकाल देगा और पानी अंदर नहीं छोड़ेगा।
मेरी हां सुनते ही उसकी तो बांछे खिल गयी। उसने इतनी मेहनत की थी तो उसको इसका इनाम भी मिलना चाहिए था।
वो एकदम भोली शकल बनाते हुए वादा करने लगा कि वो मुझे चोदने के बाद कुछ नहीं होने देगा और ध्यान रखेगा कि पानी निकलने के पहले ही लंड चूत से बाहर निकाल देगा।
अब मैं एक बार फिर से तैयार हो गई राज के लम्बे लण्ड से अपनी चूत की एक असुरक्षित चुदाई के लिए।
राज : “मुझे तुम्हारा चक्रासन अच्छा लगा। तुम वो आसन फिर से करो और मैं तुम्हे उसी स्तिथि में चोदूंगा”।
मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि योग के आसन करते हुए भी चोदा जा सकता हैं। उसकी नयी सोच को सुन मैं भी रोमांचित हो गयी।
मैं अब बिस्तर से नीचे उतरी और एक बार फिर चक्रासन की स्तिथि में आ गयी। उसने मुझे पाँव ओर चौड़े करने को कहा, मैंने वैसा ही किया।
बिना कपड़ो के चक्रासन करना ही अपने आप में बहुत गरम मामला था। मेरी चिकनी चूत को इस तरह देखकर वो शायद बावरा हो गया।
वह मेरे दोनों पांवो के बीच आकर खड़ा हो गया और अपना लंड पकड़ कर अपने हाथ से रगड़ते हुए ओर कड़क और लम्बा करने लगा।
वो अपने लंड को पकड़, उससे मेरी चूत पर थप्पड़ मारने लगा। चटाक चटाक की आवाजे आने लगी। उसका लंड बहुत भारी था और वो मिला मिला कर मार रहा था तो थोड़ा दर्द भी हो रहा था और उस चटाक की आवाज से मजा भी आ रहा था।
जो अरमान वो पहले पुरे नहीं कर पाया था अब पुरे करने लगा। उसने अब मेरी चूत पर हाथ लगाया और ऊपर नीचे रगड़ने लगा। मेरे मुँह से सिसकिया छूटने लगी।
वो अब नीचे बैठ गया और दोनों हाथों से मेरी चूत के दोनों होंठ को चौड़ा कर अंदर छेद में अपनी जबान रगड़ने लगा।
मैं: “आहह, रा अ ज, हम्म, ओह माय गॉड। अब ओर मत तड़पाओ, कोई मोटी चीज़ डालो प्लीज।”
राज: “अभी डालता हूँ”
यह कह कर वो उठा और मेरे चेहरे की तरफ आ गया और नीचे बैठ कर अपना कड़क कठोर लंड मेरे मुँह के पास ले आया।