कमसिन बहन

Post Reply
koushal
Pro Member
Posts: 2839
Joined: 13 Jun 2016 18:16

Re: कमसिन बहन

Post by koushal »

अब एक तरह से नेहा का शरीर हवा में लटक रहा था और विक्की का लंड उसकी चूत में आगे की तरफ फँसा हुआ सिर्फ़ हल्के फुल्के झटके ही मार रहा था...



वैसे तो इन छोटे-मोटे झटकों से कुछ नही होना था पर विक्की का लंड इस वक़्त अपने आख़िरी पड़ाव पर था,
इसलिए अपने ऑर्गॅज़म तक पहुँचने में उसे थोड़ी भी देर नही लगी और उसके लंड से ताबड़तोड़ सफेद रंग के गोले निकलकर नेहा की चूत का शृंगार करने लगे..

ऐसा करते हुए उसने ख़ास तौर से ध्यान रखा की उसके लंड की पिचकारियाँ सिर्फ़ चूत के बाहरी हिस्से पर ही टक्कर मारें, अंदर की तरफ नही..

सारा रस निकल जाने के बाद विक्की का लंड थके हुए सैनिक की तरह वहीं ढेर हो गया...
और उसके उपर नेहा की चूत भी आकर धराशायी हो गयी..

दोनो के होंठ एक बार फिर से एक दूसरे से आ मिले...
नेहा को अपने भाई का केयरिंग करना काफ़ी पसंद आया,
और कोई होता तो इस वक़्त वो अपनी चूत को पकड़कर सुबक रही होती,
पर उसके भाई ने कितनी अक्लमंदी से इस स्थिति को संभाला था...
आज उसे सच में अपने भाई से प्यार हो गया था..

पर आने वाले दिनों में ये प्यार और केयरिंग कहाँ तक रहने वाली थी ये वो भी जानती थी और विक्की भी...
और आज के लिए उन दोनो के बीच का वो परदा तो गिर ही चुका था जिसके बाद अब उन्हे एक दूसरे से किसी भी तरह की कोई शर्म नही रह गयी थी..बस अपने इस प्यार को कैसे आगे बढ़ाना था ये उन्हे सोच समझकर डिसाईड करना था.

पर जितना आसान वो अपनी आने वाली लाइफ को सोच रहे थे उतनी आसान थी नही .....
आने वाले दिनों में लाइफ का एक जबरदस्त ट्विस्ट उनका इंतजार कर रहा था.

***************

अगले दिन स्कूल में जब दोनो सहेलियाँ मिली तो वो काफ़ी खुश थी...

दोनो के पास अपनी-2 वजह थी खुश होने की...
पर कारण एक ही था..
विक्की

दोनो की मचल रही जवानी को विक्की ने जिस अंदाज से अपने प्यार से सींचा था, उसके बाद तो दोनो का यौवन पकी फसल की तरह लहलहाने लगा था...
जवानियाँ बेशक कच्ची थी दोनो की
पर इरादे पक्के थे विक्की के लंड से चुदने के
और उसे ही सोच-सोचकर दोनो अंदर ही अंदर खुश हो रही थी..

मंजू के पेट के अंदर तो जैसे बहुत बड़ी बात हिचकोले सी खा रही थी....
जिसे बाहर निकालना बहुत ज़रूरी था..

आख़िरकार उससे सहन नही हुआ और उसने नेहा को एक कोने में लेजाकर अपने दिल की बात बतानी शुरू की

मंजू : "यार....समझ नही आ रहा की ये बात कैसे बताऊँ ...पर बात ही कुछ ऐसी है की तुझसे छुपा भी नही सकती...''

नेहा समझ तो गयी थी की वो कल शाम वाली बात उसे बताना चाह रही थी जब विक्की उसे घर छोड़ने गया था...
जरूर कुछ ख़ास हुआ था उन दोनो के बीच.

और अचानक मंजू ने एक बम्ब सा फोड़ दिया उसके सिर पर...

''मैं तेरे भाई से प्यार करने लगी हूँ नेहा....सच्चा वाला प्यार...''

ये सुनते ही नेहा के सिर पर जैसे बिजली सी गिर गयी....
ये बात तो वो भी जानती थी की मंजू उसके भाई को पसंद करती है..
पर ये बात 'सच्चे प्यार ' तक पहुँच जाएगी ये उसने सोचा भी नही था...
और वैसे भी जब से उसे मंजू के मंसूबो का अंदाज़ा हुआ था उसके खुद के मन में अपने भाई के लिए प्यार ने जन्म ले लिया था...क्योंकि उसके हिसाब से तो अपने भाई पर उसका खुद का पहले हक़ बनता था..

नेहा के चेहरे को देखकर मंजू के चेहरे से भी हँसी गायब हो गयी...
उसे तो लगा था की वो खुश होगी...
पर उसने तो बुरा सा मुँह बना लिया था जैसे उसने नेहा के भाई पर नही उसके बाय्फ्रेंड पर डाका डाल दिया हो..

मंजू : "क्या हुआ नेहा....तुझे खुशी नही हुई...''

नेहा : "खुशी होनी होती तो वो चेहरे पर ही दिख जाती...और उस दिन मेरे और भाई के बारे में तुझे जब पता चल ही चुका है तो उसके बाद भी तेरी इतनी हिम्मत कैसे हुई की मेरे भाई से प्यार करे ...''

उसका गुस्से वाला रूप देखकर मंजू की समझ में भी नही आया की ये ऐसा बिहेव क्यों कर रही है...
वो शायद उस दिन की बात याद दिला रही थी जो नेहा ने अपने भाई के साथ हुई घटना के बारे में उसे बताया था...
और कुछ दिन बाद पुराने किले पर भी नेहा ने जिस बेबाकी से अपने भाई के सामने अपने कपड़े उतारे थे और तीनो ने मिलकर जो मजे लिए थे, वो उसे भी याद दिलाने की कोशिश कर रही थी..
koushal
Pro Member
Posts: 2839
Joined: 13 Jun 2016 18:16

Re: कमसिन बहन

Post by koushal »

मंजू : "हाँ ....वो सब मुझे याद है और इस बात से मुझे कोई फ़र्क भी नही पड़ता नेहा...भले ही वो तेरा भाई है फिर भी तुम दोनो ने जो किया वो मेरे लिए कोई मायने नही रखता...इनफेक्ट आगे भी विक्की और तुम्हारे बीच अगर कुछ होता है तो मुझे कोई प्राब्लम नही है...मैं तो बस तुझे अपने दिल की बात बता रही हूँ की मुझे तेरे भाई से प्यार हो गया है...और शायद वो भी मुझे प्यार करता है...''

नेहा : "और अगर ये बात मैं भी कहूँ की मुझे भी अपने भाई से प्यार है तो...''

मंजू : "मतलब ??''

नेहा : "मतलब वही जो तू समझ रही है....'सच्चा वाला प्यार ' काइंड ऑफ''

अब जिसके सिर पर बिजली गिरी वो मंजू थी...

उसका मुँह खुला का खुला रह गया...
ये क्या बकवास कर रही थी नेहा...
कोई भला अपने ही भाई से कैसे प्यार कर सकता है...
माना की दोनो की उम्र ऐसी है की अच्छे से अच्छा इंसान बहक जाए और तोड़ा बहुत दोनो बहक भी चुके थे , उसके बावजूद मंजू को उनके रिश्ते से कोई परेशानी नही थी...
पर ये 'सच्चे प्यार ' वाला एंगल उन दोनो के बीच कैसे आ गया...
ऐसा तो कहीं नही होता...

पर वो उस से लड़ भी तो नही सकती थी ...
एक तो वो उसके बचपन की सहेली और उपर से अब उसके भाई से उसे प्यार भी हो गया था तो वो नेहा को नाराज़ नही करना चाहती थी.

और नेहा की ज़िद्द का उसे भी पता था,
उसने अगर कुछ ठान लिया तो वो उसे किए बिना नही रहने वाली थी,
फिर चाहे अपनी जिद्द के लिए अपने खुद के भाई से चुदाई ही क्यों ना करवानी पड़े.

चुदाई का ख्याल आते ही उसके दिमाग़ में एक विचार कौंधा

हो सकता है जिसे नेहा प्यार समझ रही है वो सिर्फ़ अपने भाई से चुदाई करवाने का एक ज़रिया हो....
दोनो सहेलियां बचपन से ही एक दूसरे की रग-2 से वाकिफ़ थी...
ऐसे में मंजू अगर नेहा की जगह होती तो शायद वो भी यही कर रही होती, अपने ही भाई से प्यार का इज़हार...
फिर चाहे उस इज़हार के पीछे चुदाई ही क्यों ना छिपी हो...

फिर मंजू ने सोचा, देखा जाए तो वो भी तो यही चाहती है विक्की से,
बस वो उसकी सग़ी बहन नही है इसलिए प्यार नाम का इस्तेमाल कर सकती है वो..
cool_moon
Novice User
Posts: 1095
Joined: 10 Aug 2018 12:51

Re: कमसिन बहन

Post by cool_moon »

बहुत ही बढ़िया अपडेट..
Post Reply