काजल रूम से निकलते हुए- “जीजू, आप तो बड़े ठर्की हो... बीवी से पहले साली का रेप.." और एक सेक्सी स्माइल देकर नीचे चली गई।
समीर- “एक दिन तेरी सील मैं ही तोडूंगा..” और समीर भी नीचे पहुँच गया।
सब लोग पार्टी एंजाय कर रहे थे। अंजली और किरण दिनों दिव्या के पास बैठी थी, अपनी होने वाली बह को निहार रही थी। कितनी खूबसूरत और मासूम है दिव्या।
फिर गिफ्ट की रश्म सबने दिव्या और नेहा को गिफ्ट दिए। किरण ने भी दिव्या को गिफ्ट दिया और
एक गिफ्ट टीना भी पकड़ाती है।
टीना- "भाभी, ये छोटा सा गिफ्ट मेरी तरफ से और ये गिफ्ट नेहा की तरफ से..."
यूँ ही कब रात हो गई पता ही नहीं चला। सबको आज पार्टी में बड़ा मजा आया। रात के 10:00 बज चुके थे।
संजना- अच्छा अंकल, अब हमें इजाजत दीजिए। और हाँ शादी की तैयारी शुरू कीजिए।
अजय-जी संजना जी।
संजना- कल फार्महाउस आ जाना। देखना शादी का प्रोग्राम वहां कैसा रहेगा?
अजय- जी संजना जी, मैं सुबह पहुँच जाऊँगा।
फिर मेहमान चले गये। विजय और किरण भी चले गये। टीना यही रुक गई।
टीना और नेहा इस वक्त रूम में थे।
टीना- कैसा लगा राहुल?
नेहा- तू बता और ये तेरे हाथ में कैमरा कहां से आया?
एकदम हीरो लग रहा था। और ये मैंने बाथरूम में कैमरा फिट कर दिया था। देखते है सूसू करते हुए कैसा है?
नेहा- क्या बोल रही है तू? तुझे कैमरा कहां से मिला?
टीना- “सुबह घर से लाकर टायलेट में सेट कर दिया था...”
समीर भी नेहा के रूम में ही आ जाता है- “क्या हो रहा है?"
टीना- गिफ्ट देख रहे हैं, तुम क्या समझे?
समीर- मैंने समझा कहीं लेज़्बियन तो नहीं चल रहा?
टीना- अब हम तो तुम्हारी तरह नहीं, जिसे देखा वहीं लार टपकनी शुरू। नेहा तुझे पता है समीर भइया ने तेरी ननद को भी नहीं छोड़ा।
नेहा- कय्या?
टीना- हाँ, मैं सच कह रही हैं। मैं जैसे ही दिव्या को समीर के रूम से लेकर नीचे आई। इन्होंने उसका हाथ पकड़कर अपने रूम में खींच लिया।
नेहा- भइया ये तो आपकी बहुत गलत बात है।
समीर- देखो नेहा, जहां गुड होता है मक्खियां तो भिनभिनाती ही हैं।
नेहा- क्या तुम मक्खी हो?
समीर- “तो क्या हुआ, जब तुम गुड हो सकती हो तो? ये सब बातें छोड़ो और ये बताओ की आज का प्रोग्राम कैसा रहा?"
नेहा- जी भइया बहुत अच्छा।
समीर- और राहुल कैसा लगा तुम्हें?
नेहा कुछ नहीं बोल पाई।
टीना- वाओ... भइया क्या जोड़ी है। एकदम किसी फिल्म का हीरो लग रहा था राहल।
समीर- अच्छा जी लेकिन तू जरा हेरोयिन बनने की कोशिश ना कर।
टीना- नहीं करूँगी, अगर तुम दूर ना जाओ तो?
समीर- मैं तो चला सोने।
टीना- मुझे भी इस रूम में नींद नहीं आती, मैं भी आ जाऊँ?
समीर- तुम्हारी मर्जी है।
नेहा- बस रहने दे, मुझे मालूम है। तू तो जैसे भइया के पास जाते ही सो जायेगी?
टीना- हाँ यार सच्ची में सो जाऊँगी, जाने दे।
नेहा- चली जाना पहले कैमरा तो चेक कर ले।
Incest घर की मुर्गियाँ
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Re: Incest घर की मुर्गियाँ
टीना ने कैमरे की रेकार्डिंग चालू कर दी। 5 मिनट तक कोई भी टायलेट में नहीं आया। थोड़ी देर बाद विजय टायलेट में आता है। टीना फार्वर्ड करने लगती है।
नेहा- क्या हुआ देखने दे?
टीना- ये मेरे पापा हैं।
नेहा- "अच्छा जी... जब मेरे पापा का देखती है तब नहीं सोचा?"
टीना वहीं से प्ले कर देती है। नेहा बड़े ध्यान से विजय को पैंट खोलते देखती है। आँखें कमरे की स्क्रीन पर थीं। विजय ने पैंट की बेल्ट खोलकर अंडरवेर में अपना हाथ डालकर लण्ड बाहर निकाला। नेहा और टीना की नजर एकदम लण्ड गई। दोनों की आँखें हैरत से फट गई। विजय का लण्ड तो समीर और अजय से भी दो इंच बड़ा लग रहा था।
नेहा- ओह माई गोड... टीना तेरे पापा का इतना बड़ा?
विजय सूसू की धार छोड़ने लगा। पेशाब करते हुए दो मिनट तक धार छोड़ी। और फिर पैंट की बेल्ट लगाकर बाहर चले गये।
नेहा- ओह्ह... यार तेरे पापा तो आँटी को रुला देते होंगे।
टीना- छोड़ यार उन्हें... आगे देख कौन आता है?
थोड़ी देर तक कोई नहीं आया फिर एक साया एंट्री करता है।
टीना- अरे वाह... नेहा ये तो तेरे ससुर हैं मिस्टर सुरेश। आज तेरे ससुर का भी हथियार देखते हैं।
फिर सुरेश पैंट खोलकर जैसे ही लण्ड बाहर निकालता है, तो एक छोटा सा मरियल लण्ड बाहर निकालता है।
टीना- खोदा पहाड़ निकला चूहा। हाय रे तेरी किश्मत... लगता है जैसा बाप का वैसा बेटे का भी।
नेहा- “नहीं ऐसा मत बोल। टीना शुभ-शुभ बोल..” और दोनों इसी इंतजार में हैं की कब राहुल आता है?
एकदम से टायलेट में राहुल की एंट्री होती है। नेहा का दिल राहुल को देखते ही धड़क उठा- धक-धक धक-धक।
टीना भी सांसें थामे राहुल को ही देख रही थी। नेहा मन ही मन ऊपर वाले को याद करने लगी।
तभी राहुल ने पैंट की चेन खोलकर पैंट उतारी, लण्ड को बाहर निकालकर हाथों में पकड़कर सूसू करने लगा
और जो दोनों ने देखा तो मारे हैरत के आँखें खुली की खुली रह गई। बिना खड़े लण्ड ने समीर को भी फेल कर दिया।
टीना- बाप रे बाप... नेहा ये तो किसी गधे से कम नहीं। तेरी तो बल्ले-बल्ले हो गई।
नेहा ने भी राहत की सांस ली। मगर एक डर भी था- इतना बड़ा?
टीना- क्या हुआ नेहा खामोश क्यों हो गई?
नेहा- ज्यादा बड़ा लग रहा है।
टीना- "पगली, ये तो किश्मत वालों को मिलता है। देख एक बात मेरी सुन... सुहागरात पर ज्यादा सीधी मत बनना। आजकल लड़कों को बिंदास सेक्स वाली लड़कियां पसंद होती हैं। खुल के एंजाय करना। चल अब तू राहुल के सपने देख, मैं चली समीर के पास..." और टीना नेहा को छोड़कर रूम से बाहर निकलने लगी।
नेहा- यार मुझे अकेला छोड़कर जा रही है?
टीना- तुझे किसने मना किया है? आ जा।
नेहा- नहीं यार, आज तो मैं बहुत तक गई हूँ। तू ही चली जा।
नेहा- क्या हुआ देखने दे?
टीना- ये मेरे पापा हैं।
नेहा- "अच्छा जी... जब मेरे पापा का देखती है तब नहीं सोचा?"
टीना वहीं से प्ले कर देती है। नेहा बड़े ध्यान से विजय को पैंट खोलते देखती है। आँखें कमरे की स्क्रीन पर थीं। विजय ने पैंट की बेल्ट खोलकर अंडरवेर में अपना हाथ डालकर लण्ड बाहर निकाला। नेहा और टीना की नजर एकदम लण्ड गई। दोनों की आँखें हैरत से फट गई। विजय का लण्ड तो समीर और अजय से भी दो इंच बड़ा लग रहा था।
नेहा- ओह माई गोड... टीना तेरे पापा का इतना बड़ा?
विजय सूसू की धार छोड़ने लगा। पेशाब करते हुए दो मिनट तक धार छोड़ी। और फिर पैंट की बेल्ट लगाकर बाहर चले गये।
नेहा- ओह्ह... यार तेरे पापा तो आँटी को रुला देते होंगे।
टीना- छोड़ यार उन्हें... आगे देख कौन आता है?
थोड़ी देर तक कोई नहीं आया फिर एक साया एंट्री करता है।
टीना- अरे वाह... नेहा ये तो तेरे ससुर हैं मिस्टर सुरेश। आज तेरे ससुर का भी हथियार देखते हैं।
फिर सुरेश पैंट खोलकर जैसे ही लण्ड बाहर निकालता है, तो एक छोटा सा मरियल लण्ड बाहर निकालता है।
टीना- खोदा पहाड़ निकला चूहा। हाय रे तेरी किश्मत... लगता है जैसा बाप का वैसा बेटे का भी।
नेहा- “नहीं ऐसा मत बोल। टीना शुभ-शुभ बोल..” और दोनों इसी इंतजार में हैं की कब राहुल आता है?
एकदम से टायलेट में राहुल की एंट्री होती है। नेहा का दिल राहुल को देखते ही धड़क उठा- धक-धक धक-धक।
टीना भी सांसें थामे राहुल को ही देख रही थी। नेहा मन ही मन ऊपर वाले को याद करने लगी।
तभी राहुल ने पैंट की चेन खोलकर पैंट उतारी, लण्ड को बाहर निकालकर हाथों में पकड़कर सूसू करने लगा
और जो दोनों ने देखा तो मारे हैरत के आँखें खुली की खुली रह गई। बिना खड़े लण्ड ने समीर को भी फेल कर दिया।
टीना- बाप रे बाप... नेहा ये तो किसी गधे से कम नहीं। तेरी तो बल्ले-बल्ले हो गई।
नेहा ने भी राहत की सांस ली। मगर एक डर भी था- इतना बड़ा?
टीना- क्या हुआ नेहा खामोश क्यों हो गई?
नेहा- ज्यादा बड़ा लग रहा है।
टीना- "पगली, ये तो किश्मत वालों को मिलता है। देख एक बात मेरी सुन... सुहागरात पर ज्यादा सीधी मत बनना। आजकल लड़कों को बिंदास सेक्स वाली लड़कियां पसंद होती हैं। खुल के एंजाय करना। चल अब तू राहुल के सपने देख, मैं चली समीर के पास..." और टीना नेहा को छोड़कर रूम से बाहर निकलने लगी।
नेहा- यार मुझे अकेला छोड़कर जा रही है?
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Re: Incest घर की मुर्गियाँ
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Re: Incest घर की मुर्गियाँ
रात के 11:00 बज रहे थे। नीचे किसी की हल्की-हल्की कराहने की आवाज आ रही थी
टीना मन ही मन- “लगता है अंकल भी लगे हुए हैं। चलो आज इनका शो देखते हैं.." और टीना दबे पैर अंजली
के रूम तक पहुँचती है। मगर दरवाजा बंद था, कुछ देखने का चान्स ही नहीं था। तभी टीना को खिड़की का एक पल्ला खुला हुआ महसूस होता है। टीना धीरे से पल्ले को धकेलती है, और खिड़की से अंदर का नजारा साफ दिखाई दे गया।
टीना- "ओह माई गोड... अंकल और आँटी तो एकदम नंगी 69 की पोजीशन में थे। टीना की चूत ये नजारा देखते ही गीली हो गई।
थोड़ी देर बाद अंकल ने आँटी को डोगी स्टाइल बनाया और अपना लण्ड गाण्ड के पीछे वाले
वाले सुराख में छुवाया।
अंजली एकदम तड़प उठी।
टीना ने कभी सोचा भी नहीं था की अंकल गाण्ड भी मारते हैं। टीना आँखें फाड़े अंजली आँटी को देख रही थी टीना को लगने लगा की अंजली आँटी शायद आज पहली बार ये काम करा रही थी।
अंजली- “तुम्हें ये पीछे से करने का भूतत कहां से सवार हो जाता है? सीधा सीधा आगे से डालो। पीछे से एक तो आराम से जाता नहीं ऊपर से इतना दर्द होता है वो अलग...”
अजय- मेरी जान आराम से तो पहली रात को इसमें भी नहीं गया था। याद है तुम्हें कैसे उछल रही थी तुम?
अंजली- हाँ सब याद है? भला कोई वो रात कैसे भूल सकता है? तुमने जरा भी रहम नहीं दिखाया था।
अजय- अगर उस दिन रहम दिखा देता तो आज तक कँवारी रहती तुम।
अंजली- तुम आज मनोगे नहीं?
अजय- बिल्कुल नहीं।
अंजली- कम से कम कोई चिकनाई तो लगा लो।
अजय खुश हो गया और नारियल तेल की शीशी उठाई, और ढेर सारा तेल अपने लण्ड और अंजली की गाण्ड में लगाया, और फिर डोगी स्टाइल में अपना लण्ड के छेद से टिकाया।
अंजली- धीराsssI
अजय ने धक्का लगाया, तो लण्ड गाण्ड की गहराई में घुसता चला गया।
अंजली- “उईईई... इसस्स्स... सस्स्सी ... आअहह.." और अंजली बेड की चादर पकड़े दर्द बर्दाश्त कर रही थी।
टीना अंजली का ये हालत देखकर कांप गई- “बाप रे बाप... मैं तो कभी नहीं करूँगी पीछे से..."
टीना मन ही मन- “लगता है अंकल भी लगे हुए हैं। चलो आज इनका शो देखते हैं.." और टीना दबे पैर अंजली
के रूम तक पहुँचती है। मगर दरवाजा बंद था, कुछ देखने का चान्स ही नहीं था। तभी टीना को खिड़की का एक पल्ला खुला हुआ महसूस होता है। टीना धीरे से पल्ले को धकेलती है, और खिड़की से अंदर का नजारा साफ दिखाई दे गया।
टीना- "ओह माई गोड... अंकल और आँटी तो एकदम नंगी 69 की पोजीशन में थे। टीना की चूत ये नजारा देखते ही गीली हो गई।
थोड़ी देर बाद अंकल ने आँटी को डोगी स्टाइल बनाया और अपना लण्ड गाण्ड के पीछे वाले
वाले सुराख में छुवाया।
अंजली एकदम तड़प उठी।
टीना ने कभी सोचा भी नहीं था की अंकल गाण्ड भी मारते हैं। टीना आँखें फाड़े अंजली आँटी को देख रही थी टीना को लगने लगा की अंजली आँटी शायद आज पहली बार ये काम करा रही थी।
अंजली- “तुम्हें ये पीछे से करने का भूतत कहां से सवार हो जाता है? सीधा सीधा आगे से डालो। पीछे से एक तो आराम से जाता नहीं ऊपर से इतना दर्द होता है वो अलग...”
अजय- मेरी जान आराम से तो पहली रात को इसमें भी नहीं गया था। याद है तुम्हें कैसे उछल रही थी तुम?
अंजली- हाँ सब याद है? भला कोई वो रात कैसे भूल सकता है? तुमने जरा भी रहम नहीं दिखाया था।
अजय- अगर उस दिन रहम दिखा देता तो आज तक कँवारी रहती तुम।
अंजली- तुम आज मनोगे नहीं?
अजय- बिल्कुल नहीं।
अंजली- कम से कम कोई चिकनाई तो लगा लो।
अजय खुश हो गया और नारियल तेल की शीशी उठाई, और ढेर सारा तेल अपने लण्ड और अंजली की गाण्ड में लगाया, और फिर डोगी स्टाइल में अपना लण्ड के छेद से टिकाया।
अंजली- धीराsssI
अजय ने धक्का लगाया, तो लण्ड गाण्ड की गहराई में घुसता चला गया।
अंजली- “उईईई... इसस्स्स... सस्स्सी ... आअहह.." और अंजली बेड की चादर पकड़े दर्द बर्दाश्त कर रही थी।
टीना अंजली का ये हालत देखकर कांप गई- “बाप रे बाप... मैं तो कभी नहीं करूँगी पीछे से..."
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