अपडेट 89
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मंजू ने निचोड़ निचोड़ कर मेरे लंड से आख़िरी बूँद भी बाहर निकाल ली उसका हाथ भी मेरे पानी से भर गया था जब मेरा लंड मुरझाने लगा तो मंजू उठ कर खड़ी हो गई और उसी तरह मेरे पानी से भरे चेहरे और हाथ के साथ दूसरे हाथ से अपनी कपड़े उठाने लगी
"अरे पहले ये सब सॉफ तो कर लो" मैं बेड पर बैठते हुए बोला
"जी नही ये तो मेरे चेहरे के लिए टॉनिक है मैं इसकी मालिश करूँगी तो मेरी सुंदरता और बढ़ जाएगी" मंजू मुझे आँख मार कर बोली
अब मैं क्या कहता उसे यही करना था तो करे
"ओके अब मैं चलती हूँ रात काफ़ी हो गई है लेकिन सॉरी मैं अभी तुम्हे किस नही कर सकती वरना मेरा टॉनिक फैल जाएगा" वो हँसते हुए बोली और वैसे नंगे ही रूम से बाहर निकल गई
पीछे से उसकी मटकती नंगी गान्ड देख कर मन मे आया की पकड़ कर अभी उसमे अपना लंड घुसेड दूँ लेकिन मुझे पता था की यही वो चीज़ है जो मुझे सबसे आख़िर मे मिलने वाली है और इसमे किसी को कोई ग़लती नही थी ये मेरी ही ज़िद की वजह से होना था अब आगे गोआ मे क्या और कैसे होना था मैं यही सब सोचते हुए कब सोया पता ही नही चला..................
अब आगे.......
सुबह मैं फ्रेश होकर नीचे आया जहाँ अभी नाश्ता बस शुरू ही होने वाला था
"आओ बेटा बैठो" पापा मुझे देख कर बोले "और कल सुबह गोआ जाने की सारी तैयारी कर ली है ना"
"पापा आज कर लूँगा ना" मैं भी डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए बोला
"और तुम दोनो ने" पापा मंजू और डॉली से बोले
"हम भी आज ही कर लेंगे, वैसे कल ट्रेन कितने बजे की है" डॉली जवाब देते हुए बोली
"कल सुबह 8 बजे तुम्हे निकलना है और परसो सुबह 9 बजे तक तुम लोग गोआ मे होंगे" पापा ने बताया
फिर नाश्ता शुरू हो गया और सब उसी मे बिज़ी हो गये इस दौरान मेरी नज़र मंजू पर पड़ी तो वो बड़ी हसरत भरी निगाहो से मुझे देख रही थी और देखती भी क्यों नही आख़िर गोआ मे पहली रात ही तो उसकी सुहागरात होनी थी यानी परसो ही बस आज और कल दिन की बात बाकी थी तभी मेरी नज़र डॉली पर पड़ी जो नाश्ता ख़तम कर के उठ के जा रही थी और जैसे ही
वो पीछे मूडी तो मेरे सामने उसकी गदराई गान्ड आ गई
तुरंत ही मेरे लंड ने ठुमका मारा मैने मन ही मन उसे समझाया की बेटा बस दो दिन और इंतज़ार कर ले फिर मंजू की कुवारि चूत और डॉली की कुवारि गान्ड दोनो का भोग एक साथ ही लगाउन्गा तुझे
नाश्ते के बाद मैं गाओं मे घुमाने के लिए निकल गया और फिर दोपहर के खाने पर ही वापस आया खाना खाने के बाद सभी अपने अपने रूम मे जाने लगे इस वक्त वो मंजू डॉली और मैं ही थे वहाँ तभी डॉली ने मुझे टोका "जाने की तैयारी करेगा अभी या फिर सोएगा"
"पहले तैयारी करूँगा और फिर अगर टाइम रहा तो एक झपकी भी ले लूँगा, लेकिन तू क्यों पूछ रही है" मैं बोला
"वो.....वो....थोड़ी खुजली हो रही है यहाँ" डॉली अपनी चूत को सहलाते हुए बोली
"अभी उसमे उंगली कर ले तेरी चूत अब मैं तेरी खरबूजे जैसी गान्ड फाड़ कर ही छोड़ूँगा" मैं बोला
"तो मैं कब मना कर रही हूँ गान्ड देने के लिए लेकिन वो तो गोआ मे ही होगा ना लेकिन पहले मेरी मुनिया के बारे मे तो सोच......" डॉली मिन्नत करते हुए बोली
"चल ठीक है उसका भी कुछ कर दूँगा लेकिन अभी नही रात मे देखते है" मैं बोला
"क्या सच मे वहाँ खुजली होती रहती है एक बार करवाने के बाद" मंजू जो अभी तक चुपचाप हमारी बाते सुन रही थी डॉली से बोली
"अरे ऐसा कुछ नही है कोई खुजली उजली नही होती बस मूड बन गया था तो बोल दिया" डॉली हँसते हुए बोली
"क्यों मंजू डर लग रहा है क्या खुजली से" मैं भी हँसते हुए बोला
"मुझे कोई डर वॉर नही लग रहा और अगर खुजली हुई भी तो तुम हो ना उसे मिटाने के लिए" मंजू आँख मारते हुए बोली
"ओके...मैं चलता हूँ" कहते हुए मैं अपने रूम की तरफ बढ़ गया
Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
- Dolly sharma
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Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
अपने रूम मे आकर मैं गोआ की तैयारी मे लग गया थोड़ी देर बाद मंजू भी अपने रूम मे आ गई थी और उसके रूम से भी खतर पटर की आवाज़े आने
लगी थी मैं समझ गया की वो भी तैयारी मे बिज़ी है
खैर मैं सारी तैयारी कर चुका तो थोड़ी थकान और थोड़ी गर्मी के कारण बेड पर लेता तो झट से आँख लग गई और जब खुली तो मम्मी के उठाने से
"कितना सोएगा बेटा रात के 8 बज रहे है" मम्मी की आवाज़ मेरे कानो से टकरा रही थी
मैं आँखे मलते हुए उठा और घड़ी पर मेरी निगाह पड़ी तो सच मे रात के 8 बज चुके थे
"अरे इतना टाइम हो गया" मैं उठते हुए बोला
"हाँ बेटा, चल अब जल्दी से फ्रेश हो कर नीचे आजा तेरे पापा गोआ जाने के बारे मे तुम लोगो से कुछ बात करना चाहते है और कुछ बताना भी चाहते है" मम्मी बोली और वापस जाने लगी
"ओके. ...मम्मी मैं 5 मिनिट मे आता हूँ" मैं बोला और फ्रेश होने के लिए बाथरूम मे घुस गया
नीचे आने के बाद पापा मम्मी ने कोई घंटे भर मेरी मंजू और डॉली की क्लास ली और बहुत सी हिदायते घहूँटी की तरह पीला दी की गोआ मे क्या करना है क्या नही और हमेशा साथ मे रहना, ज़्यादा रात तक बाहर नही घूमना वग़ैरा वग़ैरा और हम तीनो बड़े ध्यान से उनकी बाते सुनते रहे और हाँ मे गर्दन हिलाते रहे भले ही गोआ जाकर हमने उनकी कोई बात नही मान.नि थी लेकिन अभी तो हाँ ही कहना था
उसके बाद रात कोई 10.30 तक हम सभी डाइनर कर चुके तो पापा ने सभी से कहा की अपने अपने रूम मे जाकर जल्दी से सो जाओ क्योंकि कल सुबह जल्दी उतना था
"ठीक है फिर मैं मंजू के रूम मे ही सो जाती हूँ दोनो साथ ही उठ जाएँगे सुबह और वैसे भी मेरी तैयारी तो हो ही चुकी है" डॉली मम्मी से बोली क्योंकि आज वो फिर चुदवाना चाहती थी
"नही आज तू मंजू के रूम मे नही बल्कि मैं तेरे साथ तेरे रूम मे सोउंगी" मम्मी ने धमका किया डॉली के लिए
"क्य्ाआ....ले....लेकिन क्यों?" डॉली हैरत से बोली
"बेटा आज तू पहली बार इतने दिनों के लिए मुझसे दूर जा रही है तो आज रात मैं तेरे साथ ही रहना चाहती हूँ" मम्मी बड़े प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली
और डॉली भी समझ गई की उसके लिए मम्मी का प्यार उमड़ रहा है तो वो भी मन मार कर तैयार हो गई "ओके मों जैसा आप चाहे"
फिर मम्मी डॉली के साथ उसके रूम मे चली गई और मैं और मंजू उपर आ गये मेरे रूम के पास पहुचते ही मैने मंजू को पकड़ कर दीवार से चिपका दिया और अपना होंठ उसके होंठो पर रख कर
एक गहरा किस किया और बोला "आज भी कुछ करे क्या"
"नही अब जो भी होगा वो गोआ पहुच कर ही होगा तब तक थोड़ा खुद तड़पो और थोड़ा मुझे तड़पने दो आख़िर उसका भी एक मज़ा है" मंजू बड़े प्यार से मेरे होंठो पर उंगली फिराते हुए बोली
"मैं कहाँ तड़पने वाला हूँ मेरे लिए डॉली है ना" मैं उसके एक बूब को सहलाते हुए बोला
"लेकिन अब मौका कहाँ है, आज रात तो कुछ हो नही सकता और कल सुबह ट्रेन मे होंगे फिर कब करोगे" वो भी मेरे लंड को पैंट के उपर से सहलाते हुए बोली
"ट्रेन मे ही कर लूँगा उससे मज़े" मैं बोला "इंपॉसिबल, ट्रेन मे कैसे होगा" वो हैरत से बोली
"टाइम आएगा तो खुद ही देख लेना" मैं उसके बूब्स को ज़ोर से भींचते हुए बोला
"देख लेंगे, अब हाथों मुझे थोड़ी पॅकिंग और करनी है और फिर सुबह जल्दी उतना है" कहते हुए उसने मुझे अपने से दूर धकेला और भाग कर अपने रूम मे घुस गई
"ओके गुड नाइट " वो दरवाजे से झाँक कर बोली
"सेम तो यू " मैं भी उसे एक फ्लाइयिंग किस देते हुए बोला
फिर मैं और वो दोनो ही अपने अपने रूम मे बंद हो गये मैने एक बार फिर अपना बाग चेक किया की कुछ च्छुटा तो नही और फिर पूरी तसल्ली करने के बाद गोआ के हसीन सपनो मे खोकर नींद के हवाले हो गया
अगली सुबह बहुत भागम भाग वाली रही और जैसे तैसे हम टाइम पर स्टेशन पहुच गये पापा और मम्मी दोनो ही हमे छोड़ने आए थे और कुछ देर मे ही हमारी ट्रेन भी आ गई जिसमे 3र्ड एसी मे हमारा रिज़र्वेशन था फिर हम पापा मम्मी से विदा लेकर अपने कॉमपार्टमेंट मे बैठ गये और ट्रेन अपने सफ़र के लिए रवाना हो गई हो लगभग 24 घंटे का था और हम तीनो के दिमाग़ मे यही चल रहा था की गोआ कैसा होगा और वहाँ हमारे बीच क्या क्या होगा.....................
लगी थी मैं समझ गया की वो भी तैयारी मे बिज़ी है
खैर मैं सारी तैयारी कर चुका तो थोड़ी थकान और थोड़ी गर्मी के कारण बेड पर लेता तो झट से आँख लग गई और जब खुली तो मम्मी के उठाने से
"कितना सोएगा बेटा रात के 8 बज रहे है" मम्मी की आवाज़ मेरे कानो से टकरा रही थी
मैं आँखे मलते हुए उठा और घड़ी पर मेरी निगाह पड़ी तो सच मे रात के 8 बज चुके थे
"अरे इतना टाइम हो गया" मैं उठते हुए बोला
"हाँ बेटा, चल अब जल्दी से फ्रेश हो कर नीचे आजा तेरे पापा गोआ जाने के बारे मे तुम लोगो से कुछ बात करना चाहते है और कुछ बताना भी चाहते है" मम्मी बोली और वापस जाने लगी
"ओके. ...मम्मी मैं 5 मिनिट मे आता हूँ" मैं बोला और फ्रेश होने के लिए बाथरूम मे घुस गया
नीचे आने के बाद पापा मम्मी ने कोई घंटे भर मेरी मंजू और डॉली की क्लास ली और बहुत सी हिदायते घहूँटी की तरह पीला दी की गोआ मे क्या करना है क्या नही और हमेशा साथ मे रहना, ज़्यादा रात तक बाहर नही घूमना वग़ैरा वग़ैरा और हम तीनो बड़े ध्यान से उनकी बाते सुनते रहे और हाँ मे गर्दन हिलाते रहे भले ही गोआ जाकर हमने उनकी कोई बात नही मान.नि थी लेकिन अभी तो हाँ ही कहना था
उसके बाद रात कोई 10.30 तक हम सभी डाइनर कर चुके तो पापा ने सभी से कहा की अपने अपने रूम मे जाकर जल्दी से सो जाओ क्योंकि कल सुबह जल्दी उतना था
"ठीक है फिर मैं मंजू के रूम मे ही सो जाती हूँ दोनो साथ ही उठ जाएँगे सुबह और वैसे भी मेरी तैयारी तो हो ही चुकी है" डॉली मम्मी से बोली क्योंकि आज वो फिर चुदवाना चाहती थी
"नही आज तू मंजू के रूम मे नही बल्कि मैं तेरे साथ तेरे रूम मे सोउंगी" मम्मी ने धमका किया डॉली के लिए
"क्य्ाआ....ले....लेकिन क्यों?" डॉली हैरत से बोली
"बेटा आज तू पहली बार इतने दिनों के लिए मुझसे दूर जा रही है तो आज रात मैं तेरे साथ ही रहना चाहती हूँ" मम्मी बड़े प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली
और डॉली भी समझ गई की उसके लिए मम्मी का प्यार उमड़ रहा है तो वो भी मन मार कर तैयार हो गई "ओके मों जैसा आप चाहे"
फिर मम्मी डॉली के साथ उसके रूम मे चली गई और मैं और मंजू उपर आ गये मेरे रूम के पास पहुचते ही मैने मंजू को पकड़ कर दीवार से चिपका दिया और अपना होंठ उसके होंठो पर रख कर
एक गहरा किस किया और बोला "आज भी कुछ करे क्या"
"नही अब जो भी होगा वो गोआ पहुच कर ही होगा तब तक थोड़ा खुद तड़पो और थोड़ा मुझे तड़पने दो आख़िर उसका भी एक मज़ा है" मंजू बड़े प्यार से मेरे होंठो पर उंगली फिराते हुए बोली
"मैं कहाँ तड़पने वाला हूँ मेरे लिए डॉली है ना" मैं उसके एक बूब को सहलाते हुए बोला
"लेकिन अब मौका कहाँ है, आज रात तो कुछ हो नही सकता और कल सुबह ट्रेन मे होंगे फिर कब करोगे" वो भी मेरे लंड को पैंट के उपर से सहलाते हुए बोली
"ट्रेन मे ही कर लूँगा उससे मज़े" मैं बोला "इंपॉसिबल, ट्रेन मे कैसे होगा" वो हैरत से बोली
"टाइम आएगा तो खुद ही देख लेना" मैं उसके बूब्स को ज़ोर से भींचते हुए बोला
"देख लेंगे, अब हाथों मुझे थोड़ी पॅकिंग और करनी है और फिर सुबह जल्दी उतना है" कहते हुए उसने मुझे अपने से दूर धकेला और भाग कर अपने रूम मे घुस गई
"ओके गुड नाइट " वो दरवाजे से झाँक कर बोली
"सेम तो यू " मैं भी उसे एक फ्लाइयिंग किस देते हुए बोला
फिर मैं और वो दोनो ही अपने अपने रूम मे बंद हो गये मैने एक बार फिर अपना बाग चेक किया की कुछ च्छुटा तो नही और फिर पूरी तसल्ली करने के बाद गोआ के हसीन सपनो मे खोकर नींद के हवाले हो गया
अगली सुबह बहुत भागम भाग वाली रही और जैसे तैसे हम टाइम पर स्टेशन पहुच गये पापा और मम्मी दोनो ही हमे छोड़ने आए थे और कुछ देर मे ही हमारी ट्रेन भी आ गई जिसमे 3र्ड एसी मे हमारा रिज़र्वेशन था फिर हम पापा मम्मी से विदा लेकर अपने कॉमपार्टमेंट मे बैठ गये और ट्रेन अपने सफ़र के लिए रवाना हो गई हो लगभग 24 घंटे का था और हम तीनो के दिमाग़ मे यही चल रहा था की गोआ कैसा होगा और वहाँ हमारे बीच क्या क्या होगा.....................
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
अपडेट 90
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फिर हम पापा मम्मी से विदा लेकर अपने
कमपार्टमेंट मे बैठ गये और ट्रेन अपने सफ़र के
लिए रवाना हो गई जो लगभग 24 घंटे का था और
हम तीनो के दिमाग़ मे यही चल रहा था की गोआ
कैसा होगा और वहाँ हमारे बीच क्या क्या
होगा.........................
.
अब आगे.. ..
धीरे धीरे ट्रेन ने स्पीड पकड़ ली थी और धददड़ करते हुए आगे बढ़ी जा रही थी हम तीनो को एक ही साइड की लोवर, मिड्ल और अप्पर बर्त मिली थी तो अभी हम तीनो ही नीचे को सीट पर बैठे हुए थे
अब पहली बार मैने अपने आस पास नज़र दौड़ाई तो देखा की सामने की सीट पर भी तीन लोग बैठे हुए है जिनमे एक कोई 50-55 साल का अधेड़ आदमी था एक कोई 35 साल की मस्त सी दिखने वाली आंटी थी और एक लगभग 18-19 साल की हॉट फिगर वाली खूबसूरत लड़की थी उसके फिगर मे खास बात थी उसकी चुचिया जोकि उसकी उमर के हिसाब से बहुत बड़ी थी अभी तक मैने जो सबसे बड़ी चुचिया देखी थी वो मोना की थी लेकिन इस लड़की की चुचिया मोना को भी मात कर रही थी जबकि उसकी उमर मोना से कम थी अब मैने साइड वाली बर्त पर देखा तो वहाँ एक न्यूली मॅरीड जोड़ा बैठा हुआ था जो शायद हनी मून के लिए निकला हुआ था लड़का कोई खास नज़र नही आरहा था लेकिन उसकी वाइफ मस्त थी
मैने उठ कर सारी बुगी का एक राउंड लगाया तो देखा की सारी सीट्स फुल थी और होती भी क्यों नही आख़िर छुट्टियों और शादी का सीज़न चल रहा था उस पर ट्रेन भी किसी ऐसी वैसी जगह नही बल्कि गोआ जा रही थी तो ये तो होना ही था खैर मैं वापस आकर अपनी सीट पर बैठ गया डॉली खिड़की की तरफ बैठी थी जबकि मंजू बीच मे थी और मैं लास्ट मे बैठा
हुआ था
"कहाँ गये थे" मेरे वापस आकर बैठते ही मंजू ने पूछा
"कहीं नही बस बुगी का राउंड लगाने गया था" मैं बोला
"तो क्या देखा......" उसने फिर पूछा
"सारी सीट्स फुल है पूरी बुगी खचाखच भरी है" मैने बताया
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फिर हम पापा मम्मी से विदा लेकर अपने
कमपार्टमेंट मे बैठ गये और ट्रेन अपने सफ़र के
लिए रवाना हो गई जो लगभग 24 घंटे का था और
हम तीनो के दिमाग़ मे यही चल रहा था की गोआ
कैसा होगा और वहाँ हमारे बीच क्या क्या
होगा.........................
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अब आगे.. ..
धीरे धीरे ट्रेन ने स्पीड पकड़ ली थी और धददड़ करते हुए आगे बढ़ी जा रही थी हम तीनो को एक ही साइड की लोवर, मिड्ल और अप्पर बर्त मिली थी तो अभी हम तीनो ही नीचे को सीट पर बैठे हुए थे
अब पहली बार मैने अपने आस पास नज़र दौड़ाई तो देखा की सामने की सीट पर भी तीन लोग बैठे हुए है जिनमे एक कोई 50-55 साल का अधेड़ आदमी था एक कोई 35 साल की मस्त सी दिखने वाली आंटी थी और एक लगभग 18-19 साल की हॉट फिगर वाली खूबसूरत लड़की थी उसके फिगर मे खास बात थी उसकी चुचिया जोकि उसकी उमर के हिसाब से बहुत बड़ी थी अभी तक मैने जो सबसे बड़ी चुचिया देखी थी वो मोना की थी लेकिन इस लड़की की चुचिया मोना को भी मात कर रही थी जबकि उसकी उमर मोना से कम थी अब मैने साइड वाली बर्त पर देखा तो वहाँ एक न्यूली मॅरीड जोड़ा बैठा हुआ था जो शायद हनी मून के लिए निकला हुआ था लड़का कोई खास नज़र नही आरहा था लेकिन उसकी वाइफ मस्त थी
मैने उठ कर सारी बुगी का एक राउंड लगाया तो देखा की सारी सीट्स फुल थी और होती भी क्यों नही आख़िर छुट्टियों और शादी का सीज़न चल रहा था उस पर ट्रेन भी किसी ऐसी वैसी जगह नही बल्कि गोआ जा रही थी तो ये तो होना ही था खैर मैं वापस आकर अपनी सीट पर बैठ गया डॉली खिड़की की तरफ बैठी थी जबकि मंजू बीच मे थी और मैं लास्ट मे बैठा
हुआ था
"कहाँ गये थे" मेरे वापस आकर बैठते ही मंजू ने पूछा
"कहीं नही बस बुगी का राउंड लगाने गया था" मैं बोला
"तो क्या देखा......" उसने फिर पूछा
"सारी सीट्स फुल है पूरी बुगी खचाखच भरी है" मैने बताया
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete