"नही ऐसी बात नही है शादी के बाद ही होता है वो सब होगा लेकिन शादी के पहले मैं उसके साथ चुदाई नही करना चाहता" मैं बोला और अपने खड़े लंड को अड्जस्ट करने लगा जो डॉली ने देख भी लिया था
"लेकिन अभी तो तेरी शादी को बहुत टाइम है और ये भी कन्फर्म नही है की मंजू भी तुझसे प्यार करती है और शादी भी करेगी फिर तब तक तू क्या करेगा" कहते हुए डॉली ने अपनी कॅप्री निकाल फेकि और अपने टॉप को अपनी ब्रा के उपर तक खींच कर सामने पड़े सोफे पर जा बैठी
अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे बैठी थी और मेरा दिल कर रहा था की उसके ये दोनो कपड़े भी उतार फेकू और उसकी चूत मे लंड घुसा कर जोरदार चुदाई कर डालु क्योंकि कोई 3 महीने हो गये थे मुझे चुदाई किए हुए लेकिन ये सिर्फ़ मेरी सोच थी हक़ीकत मे मैं डॉली की मर्ज़ी के बिना उसके साथ कुछ नही कर सकता था
"तब तक के लिए तू है ना और फिर दीदी और मोना भी है" मैं मुस्कुराते हुए बोला
"दीदी और मोना को तो अभी तू भूल ही जा अभी उन्हे वापस आने मे साल से भी ज़्यादा वक्त लगने वाला है और अपने बारे मे तो मैं तुझे बता ही चुकी हूँ की बगैर मंजू को साथ मिलाए हमारी चुदाई कितनी मुश्किल है अब क्या इतने टाइम तू हाथ ठेला ही ढकाएगा" डॉली वैसे ही बैठे बैठे बोली
अब डॉली की बात सुनकर मैं सोच मे पड़ गया था उसकी बात बिल्कुल सही थी लेकिन मंजू को उस सब मे शामिल करने को मेरा दिल मान भी नही रहा था "तो अब मैं क्या करू" मैं बोला
"वही जो मैं बोली की मंजू को शामिल करो अपने ग्रूप मे" डॉली बोली
"लेकिन उसके लिए मेरा दिल नही मान रहा" मैं बोला
"तो ठीक है ना तो उसके साथ चुदाई मत करना बस वैसे ही उपर उपर करने से क्या जाता है अपने काम के लिए इतना भी काफ़ी है" डॉली बोली और खड़े होकर अपना टॉप भी निकाल फेका
अब वो बिल्कुल मेरे सामने खड़ी थी और अब शायद वो अपनी ब्रा भी निकालना चाहती थी क्योंकि उसका एक हाथ उसकी ब्रा को स्ट्रीप पर जा चुका था
"हाँ इतना तो हो सकता है" मैं डॉली के जिस्म का जलवे देखते हुए सुख चुके अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए बोला
"ये हुई ना बात, अब जैसा मैं कहती हूँ वैसा ही करना फिर देखना कितनी जल्दी हम इस खेल की लास्ट स्टेज पार कर जाते है" डॉली अपना हाथ वापस खींच कर मेरे गाल गुलेचती हुई बोली
"क्या करना होगा मुझे" मैने पूछा
"ज़्यादा कुछ नही बस आज रात को जब तू सोएगा तो नंगा ही सोना और अपने रूम का गैट भी लॉक मत करना बाकी मैं संभाल लूँगी" डॉली बोली
"लेकिन उससे क्या होगा" मैने पूछा
"अभी जितना कहा है उतना कर ज़्यादा पूछताछ मत कर बाद मे मैं सब बता दूँगी समझा, अब बता की जो मैने कहा है वो कर लेगा ना" डॉली बोली
"हाँ कर तो लूँगा लेकिन अगर मम्मी या किसी और ने देख लिया तो" मैं बोला
"तू उसकी चिंता मत कर मैं हूँ ना मुझसे पहले कोई भी तेरे रूम मे नही आएगा" वो बोली और लोवर के उपर से ही मेरे लंड को पकड़ कर मसलने लगी
"ओके ठीक है" मैं बोला और मैने अपना हाथ उसकी चुचियो की तरफ बढ़ाया लेकिन तभी नीचे से डोरबेल बजने की आवाज़ आई तो डॉली झट से मुझसे अलग हो गई
"श शिट, लगता है मम्मी और मंजू वापस आ गई है या फिर पापा होंगे, मैं अभी तेरे साथ बहुत कुछ करना चाहती थी लेकिन अब ये पासिबल नही है
लेकिन मेरी बात याद रखना जो कहा है वैसे ही करना ओके" डॉली अपने कपड़े पहनते हुए बोली
"ओके" मैने हाँ मे गर्दन हिला दी और फिर डॉली मेरे गाल पर एक किस करके नीचे को भाग ली और इधर मैं उसकी बातों के बारे मे सोचने लगा की आख़िर रात मुझे नंगा सुला कर डॉली करना क्या चाहती है.................
Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
- Dolly sharma
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Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
मस्त अपडेट है।
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Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
अपडेट 69
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"ओके" मैने हाँ मे गर्दन हिला दी और फिर डॉली
मेरे गाल पर एक किस करके नीचे को भाग ली और
इधर मैं उसकी बातों के बारे मे सोचने लगा की
आख़िर रात मुझे नंगा सुला कर डॉली करना क्या
चाहती है.................
.
.
अब आगे......
.
.
शाम के लगभग 6.30 बजे मैं नीचे आया मम्मी और मंजू वापस आ गई थी क्योंकि किचन से खटर पटर की आवाज़ आ रही थी शायद शाम के खाने की तैयारी शुरू हो गई थी मैं हॉल मे बैठ गया और मम्मी को चाय के लिए कहा तो मम्मी बोली की अभी भेजती हूँ तो मैं टीवी ओं करके देखने लगा
कोई 5 मिनिट बाद मंजू मेरे लिए चाय लेकर आई " हाई........लो चाय पियो" वो मुस्कुरा कर बोली और मैने
उसके हाथ से कप लेलिया और उसे ध्यान से देखने लगा
अभी उसने रेड कलर की ट्रॅन्स्परेंट सारी पहनी हुई थी और बहुत सुंदर लग रही थी उसकी झीनी सारी के अंदर उसका सपाट गोरा पेट और नाभि स्पष्ट दिखाई पड़ रही थी उसका रेड कलर का ब्लोस स्लीव लसे था और बाल खुले हुए थे इस वक्त वो बहुत प्यारी लग रही थी मैं चाय पीना भूल कर एकटूक उसे ही निहार रहा था
"ऐसे क्या देख रहे हो" तभी मेरे कानो से मंजू की आवाज़ टकराई
मैं जैसे नींद से जगा और झेन्पते हुए बोला "का....कू.....कुछ नही"
"ऐसा तो नही है देख तो तुम बराबर रहे थे, बताओ ना क्या देख रहे थे" उसने फिर पूछा
"वो....वो.....तुम्हारी सारी....." मेरे मुँह से निकला
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"ओके" मैने हाँ मे गर्दन हिला दी और फिर डॉली
मेरे गाल पर एक किस करके नीचे को भाग ली और
इधर मैं उसकी बातों के बारे मे सोचने लगा की
आख़िर रात मुझे नंगा सुला कर डॉली करना क्या
चाहती है.................
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अब आगे......
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शाम के लगभग 6.30 बजे मैं नीचे आया मम्मी और मंजू वापस आ गई थी क्योंकि किचन से खटर पटर की आवाज़ आ रही थी शायद शाम के खाने की तैयारी शुरू हो गई थी मैं हॉल मे बैठ गया और मम्मी को चाय के लिए कहा तो मम्मी बोली की अभी भेजती हूँ तो मैं टीवी ओं करके देखने लगा
कोई 5 मिनिट बाद मंजू मेरे लिए चाय लेकर आई " हाई........लो चाय पियो" वो मुस्कुरा कर बोली और मैने
उसके हाथ से कप लेलिया और उसे ध्यान से देखने लगा
अभी उसने रेड कलर की ट्रॅन्स्परेंट सारी पहनी हुई थी और बहुत सुंदर लग रही थी उसकी झीनी सारी के अंदर उसका सपाट गोरा पेट और नाभि स्पष्ट दिखाई पड़ रही थी उसका रेड कलर का ब्लोस स्लीव लसे था और बाल खुले हुए थे इस वक्त वो बहुत प्यारी लग रही थी मैं चाय पीना भूल कर एकटूक उसे ही निहार रहा था
"ऐसे क्या देख रहे हो" तभी मेरे कानो से मंजू की आवाज़ टकराई
मैं जैसे नींद से जगा और झेन्पते हुए बोला "का....कू.....कुछ नही"
"ऐसा तो नही है देख तो तुम बराबर रहे थे, बताओ ना क्या देख रहे थे" उसने फिर पूछा
"वो....वो.....तुम्हारी सारी....." मेरे मुँह से निकला
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना
"मेरी सारी?, क्या हुआ है मेरी सारी को" वो बोली
"तुम्हारी सारी बहुत अच्छी है उसे ही देख रहा था" मैं बोला
"अच्छा........तो मेरी सारी बहुत अच्छी है और मैं?
" उसने फिर पूछा
अब मेरी समझ मे नही आरहा था की मैं क्या कहूँ
"बताओ ना....." उसने पूछा
"तुम भी बहुत अच्छी हो" मैं शरमाते हुए बोला
"अच्छी मतलब? " उसने फिर पूछा मुझे लगा जैसे आज वो मेरा इम्तहान लेने के मूड मे थी
"अच्छी मतलब सुंदर खूबसूरत" मैं बोला लेकिन मैं उससे नज़रे नही मिला पा रहा था अब मेरी बात सुनकर शायद वो भी शर्मा गई थी कुछ पल उसकी आवाज़ नही आई तो मैने उसकी तरफ देखा तो उसका चेहरा शरम से लाल हुआ पड़ा था
"क्या बाते हो रही है भाई" तभी डॉली वहाँ आते हुए बोली मैने डॉली की तरफ देखा जो इस वक्त बहुत ही सेक्सी लग रही थी उसके लो कट टॉप मे से उसकी बड़ी बड़ी चुचिया लगभग 1/4 बाहर दिखाई दे रही थी
"कुछ नही मैं बस मंजू से कह रहा था की जब से वो यहाँ आई है बस सारी ही पहनती है कुछ और क्यों ट्राइ नही करती" मैं चाय का कप रखते हुए बोला
"हाँ ये बात तो सही है सच मे यार मंजू कुछ और भी पहना कर जवानो की तरह ये क्या बुढ़िया की तरह रोज रोज सारी पहनती है, और तू खड़ी क्यों है बैठ ना" डॉली सामने पड़ी चेयर पर बैठते हुए बोली और उसकी बात सुनकर मंजू भी उसके साइड मे रखी चेयर पर बैठ गई
"वो क्या है ना मुझे लगता है की मैं सारी मे बहुत अच्छी लगती हूँ बस इसीलिए सारी ही पहनती हूँ" मंजू बोली
"अरे ऐसा नही है कभी वेस्टर्न ट्राइ करो और भी अच्छी लगोगी" अचानक ही मेरे मुँह से निकल गया
"अच्छााआ.. ......" मेरे मुँह से ये सुनते ही डॉली आँखे बड़ी करके मुझे घूरते हुए बोली
"वो....वो.....मुझे ऐसा लगा तो मैने बोल दिया" मैं एक बार फिर झेन्पते हुए बोला
"वैसे कह तो ये सही रहा है, चल मंजू एक काम करते है तू जीन्स और टॉप पहन और मैं सारी पहनती हूँ और फिर इससे पूछते है की हम दोनो मे से किसे क्या ज़्यादा सूट करता है" डॉली बोली और खड़ी हो गई
"लेकिन......."मंजू ने कहना चाहा
"लेकिन वेकीन कुछ नही वैसे जीन्स तो है ना तेरे पास" डॉली मंजू का हाथ पकड़ कर उसे चेयर से उठाते हुए बोली
"हाँ......" मंजू बोली
"तो चल अब जल्दी से जा और चेंज करके आ मैं भी सारी पहन कर आती हूँ" कहते हुए डॉली ने मंजू को सीढ़ियो की तरफ धकेल दिया और खुद भी अपने रूम मे चली गई
इधर मैं अकेला बैठा सोच रहा था की मंजू सच
मे जीन्स मे कैसी लगेगी और डॉली सारी मे............
"तुम्हारी सारी बहुत अच्छी है उसे ही देख रहा था" मैं बोला
"अच्छा........तो मेरी सारी बहुत अच्छी है और मैं?
" उसने फिर पूछा
अब मेरी समझ मे नही आरहा था की मैं क्या कहूँ
"बताओ ना....." उसने पूछा
"तुम भी बहुत अच्छी हो" मैं शरमाते हुए बोला
"अच्छी मतलब? " उसने फिर पूछा मुझे लगा जैसे आज वो मेरा इम्तहान लेने के मूड मे थी
"अच्छी मतलब सुंदर खूबसूरत" मैं बोला लेकिन मैं उससे नज़रे नही मिला पा रहा था अब मेरी बात सुनकर शायद वो भी शर्मा गई थी कुछ पल उसकी आवाज़ नही आई तो मैने उसकी तरफ देखा तो उसका चेहरा शरम से लाल हुआ पड़ा था
"क्या बाते हो रही है भाई" तभी डॉली वहाँ आते हुए बोली मैने डॉली की तरफ देखा जो इस वक्त बहुत ही सेक्सी लग रही थी उसके लो कट टॉप मे से उसकी बड़ी बड़ी चुचिया लगभग 1/4 बाहर दिखाई दे रही थी
"कुछ नही मैं बस मंजू से कह रहा था की जब से वो यहाँ आई है बस सारी ही पहनती है कुछ और क्यों ट्राइ नही करती" मैं चाय का कप रखते हुए बोला
"हाँ ये बात तो सही है सच मे यार मंजू कुछ और भी पहना कर जवानो की तरह ये क्या बुढ़िया की तरह रोज रोज सारी पहनती है, और तू खड़ी क्यों है बैठ ना" डॉली सामने पड़ी चेयर पर बैठते हुए बोली और उसकी बात सुनकर मंजू भी उसके साइड मे रखी चेयर पर बैठ गई
"वो क्या है ना मुझे लगता है की मैं सारी मे बहुत अच्छी लगती हूँ बस इसीलिए सारी ही पहनती हूँ" मंजू बोली
"अरे ऐसा नही है कभी वेस्टर्न ट्राइ करो और भी अच्छी लगोगी" अचानक ही मेरे मुँह से निकल गया
"अच्छााआ.. ......" मेरे मुँह से ये सुनते ही डॉली आँखे बड़ी करके मुझे घूरते हुए बोली
"वो....वो.....मुझे ऐसा लगा तो मैने बोल दिया" मैं एक बार फिर झेन्पते हुए बोला
"वैसे कह तो ये सही रहा है, चल मंजू एक काम करते है तू जीन्स और टॉप पहन और मैं सारी पहनती हूँ और फिर इससे पूछते है की हम दोनो मे से किसे क्या ज़्यादा सूट करता है" डॉली बोली और खड़ी हो गई
"लेकिन......."मंजू ने कहना चाहा
"लेकिन वेकीन कुछ नही वैसे जीन्स तो है ना तेरे पास" डॉली मंजू का हाथ पकड़ कर उसे चेयर से उठाते हुए बोली
"हाँ......" मंजू बोली
"तो चल अब जल्दी से जा और चेंज करके आ मैं भी सारी पहन कर आती हूँ" कहते हुए डॉली ने मंजू को सीढ़ियो की तरफ धकेल दिया और खुद भी अपने रूम मे चली गई
इधर मैं अकेला बैठा सोच रहा था की मंजू सच
मे जीन्स मे कैसी लगेगी और डॉली सारी मे............
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete