Adultery ओह माय फ़किंग गॉड

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rajsharma
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Re: Adultery ओह माय फ़किंग गॉड

Post by rajsharma »

साथ बने रहने के लिए धन्यवाद दोस्तो 😆
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rajsharma
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Re: Adultery ओह माय फ़किंग गॉड

Post by rajsharma »

मैं कुछ नहीं बोला. इस बीच कुसुम बहुत असहज महसूस कर रही थी. वह उठी और अपने कपड़े समेटते हुए बोली, “आप लोगो को जो करना है करो मैं जाती हूँ. दीदी मुझे माफ़ कर दो.”


उसको जाते देख लाली हडबडा गयी और जल्दी से उसको पकड़ कर बोली, “अरे पगली क्यों हमको और शर्मिंदा कर रही है. ये साहब ना तो मेरा पति है ना मैं इसकी बीवी. चल आ मिल के मजे लेते है.”


मैं अभी भी पूरा नंगा कोने में खड़ा सास-बहु सीरियल का ये एपिसोड देख रहा था. लाली ने कुसुम के बदन से साड़ी उतार ऊपर से नंगी कर दी. कुसुम का बदन औसत दर्जे का था लेकिन उसकी चूचियां बड़ी और कसी हुई थी. निप्पल का घेरा बड़ा और गहरे रंग का था जो उसकी गोरी देह पर खूब फब रही थी. लाली कुसुम को बाँहों में जकड़े हुए धीरे-धीरे पीठ और चूतड़ को सहला रही थी. लाली ने मुझे इशारों से पास बुलाया, “ओ साहब

क्या देख रहे हो? पास आओ और दिखाओ अपने लंड का कमाल”


मेरा लंड उछालें मार रहा था. मैं पीछे गया और कुसुम के चूतड़ को जोर से दबा दिया. उसकी सिसकारी जैसे गले में ही घुट गयी और पूरा बदन थरथरा गया.



कुसुम अभी भी शरमा रही थी. लाली के कंधे पर सर रख कर चुपचाप दोनों और से प्यार ले रही थी.


मै भी पीछे से कुसुम को जकड़ लिया. मेरा लंड उसके चूतड़ की फांक में फंस गया और मेरे दोनों हाथ उसके चिकने पेट का जायजा लेने लगे. कुसुम एक मर्द और एक औरत के बीच पिसने लगी. उसकी सांसे गहरी होने लगी. मैं एक हाथ उसकी चुचियों पे ले गया और दूसरा हाथ कमर के नीचे झांटों को टटोलने लगा. झांटो के ऊपर से उसकी चूत को जोर से मसलने लगा जिससे कुसुम बैचैन होकर सीत्कार करने लगी. उसके मम्मों की निप्पल खड़ी हो गयी जिसे मैं उँगलियों में फँसाकर मसलने लगा. लेकिन इन सबके दौरान लाली एकदम खामोश थी. वह बस कुसुम को जकड़े खड़ी थी. मैंने उसकी आँखों में देखा जिसमे एक सूनापन नज़र आया.


मुझे अपनी ओर ताकते देख बोली, “साहब खड़े खड़े ही पूरा काम करोगे क्या? चलो बिस्तर पर”.


फिर कुसुम को बिस्तर पर बैठाकर खुद उसकी बगल में बैठ गयी. मेरी ओर देख बोली, “आ जाओ मेरे राजा”


मैं लाली के सामने खड़ा हो गया, मेरा तना हुआ लंड उसकी मुँह के सामने था. लंड को हलके हाथो से सहलाते हुए बोली, “साहब पिछले दिन तुम्हारे लंड को ठीक से प्यार नहीं कर पाई. लेकिन आज पूरा प्यार दूंगी”


कुसुम बड़े गौर से हमारी ओर देख रही थी. लाली ने कमर से पकड़ मुझे सामने खींच ली और झट से मेरे लंड को मुँह के हवाले कर दी. मेरे लंड को पूरा निगल कर चूसने लगी. मेरी नज़र कुसुम पर गयी जो बड़े आश्चर्य से लाली को देख रही थी. शायद उसके लिए यह तरीका बिल्कुल नया था. मैंने लाली के सर को पीछे से पकड़ा और उसके मुँह को चोदने लगा. उसके मुँह से “सक्क सक्क” की आवाज आ रही थी. सड़प सड़प की आवाज के साथ वह किसी शातिर खिलाडी की तरह मेरे लंड को चुसे जा रही थी.
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rajsharma
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Re: Adultery ओह माय फ़किंग गॉड

Post by rajsharma »

मेरा लंड जो इतनी देर दो नंगी औरतों को देख बार-बार गरम हो चूका था ज्यादा देर तक मैदान में टिक नहीं पाया और ढेर सारा प्यार का रस लाली के मुँह में उढ़ेल दिया. कुसुम का चेहरा मारे शर्म के लाल हो गया. उसकी आँखों के सामने दो बदन चुदाई के खेल में लगे है और वह नंगी होकर देख रही थी. वीर्य निकलने के साथ-साथ मेरी टांगो की जान निकल गयी और मैं निढाल होकर लाली के कन्धों पर गिर गया. लाली के पीठ पीछे मैंने कुसुम

को देखा, बेचारी हैरानी और शर्म से पानी-पानी हो रही थी. इतना गरम सीन देख वह भी गरम हो रही थी. भले लाली की तरह खुल के मैदान में नहीं थी लेकिन उसके गोर गाल लाल हो गये थे.



मुझे संभलने में मिनट भर का वक़्त लगा. मैं सीधा खड़ा था लेकिन मेरा मुरझाया लंड अभी तक लाली के हाथों में खेल रहा था. कुसुम बहुत आस भरी नज़रों से इसे देख रही थी लेकिन मुँह से कुछ बोल नहीं पा रही थी. लाली मेरे लंड की धीरे से मालिश करते हुए कुसुम की ओर देख बोली, “क्यों बन्नो? देख कर मज़ा आया ना?”


बेचारी कुसुम की हालत ऐसे ही ख़राब हो रही थी, हम दोनों के घूरने से और ख़राब हो गयी. वह नंगे बदन अपने में सिमट कर नज़रे झुका ली. मैं और कुसुम, हम दोनों के बदन पर कपड़े का एक धागा तक नहीं था लेकिन लाली अभी भी पुरे कपड़ों में थी. हालाँकि उसकी साड़ी का पल्लू गिर गया था और ब्लाउज के ऊपर से दोनों पहाड़ों के बीच की घाटी दिख रही थी. शायद इसमें भी उसकी कोई चाल है! खैर कुसुम अब भी छुईमुई बनी बैठी थी. लाली ने उसको खींचकर अपने से सटा लिया और बोली, “ले अब तू साहब के इस हथियार को तैयार कर”


मेरा लंड बिल्कुल कुसुम के मुँह के पास लटक रहा था लेकिन वह इसे देख भी नहीं रही थी. लाली ने मेरे लंड को नीचे से पकड़ा और कुसुम के बंद होंठो पर रगड़ने लगी. कुसुम आँख और मुँह दोनों बंद कर ली. लाली थोड़ा तैश में आकर बोली, “अरी छिनाल अपना मुँह तो खोल! अपनी चूत चुसवाकर पानी गिरा सकती है तो लौड़ा नहीं चूसेगी?”


लाली के कहने से वह अपना मुँह तो खोल दी लेकिन लंड को ना तो हाथ लगाई ना ही उसको चूसने में कोई दिलचस्पी दिखाई. लाली ने एक हाथ से उसके सर को पीछे से पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरी गांड को पकड़ आपस में मिला दी जिससे मेरा लंड उसके मुँह में समा गया. लंड गले के अन्दर जाने के कारण कुसुम को साँस लेने में दिक्कत आई और लंड को मुँह से निकाल कर खांसने लगी.


लाली हँसते हुए बोली, “सुनती नहीं है मेरी बात! प्यार से चूस, तो तुझे भी मज़ा आएगा और तेरे मरद को भी.”


बाहर बारिश की रफ़्तार थोड़ी धीमी हो गयी थी. कुसुम की झिझक थोड़ी कम हुई और वह खुद मेरे लंड को मुँह में डाल चूसने लगी.


लाली बोल पड़ी, “शाबाश बन्नो! साहब के अन्डो को भी सहलाते रह और कमर से पकड़ कर चूस”


लाली दोनों पैर फैला कर कुसुम के पीछे बैठ गयी और उसकी गर्दन को चुमते हुए उसकी मम्मो को दबाने लगी. अब कुसुम के हलक से हल्की “गुर्राहट” की आवाज निकल रही थी.


मैं उसको माथे के पीछे से पकड़ हल्के हल्के लंड को आगे-पीछे करने लगा. लाली मेरी ओर देख बड़ी कामुकता से मुस्कुरा रही थी. जो अब एक हाथ से कुसुम की स्तनों को मसल रही थी और दूसरी से उसकी झांटो से भरी चूत को.
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rajsharma
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Re: Adultery ओह माय फ़किंग गॉड

Post by rajsharma »

(^%$^-1rs((7)
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naik
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Re: Adultery ओह माय फ़किंग गॉड

Post by naik »

superb very hot update brother
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