Adultery ओह माय फ़किंग गॉड

Post Reply
cool_moon
Novice User
Posts: 1095
Joined: 10 Aug 2018 12:51

Re: ओह माय फ़किंग गॉड

Post by cool_moon »

बहुत ही बढ़िया अपडेट..
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: ओह माय फ़किंग गॉड

Post by rajsharma »

साथ बने रहने के लिए धन्यवाद दोस्तो 😆
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: ओह माय फ़किंग गॉड

Post by rajsharma »

हम दोनों ने वाशरूम जाकर अपने आप को अच्छी तरह से साफ़ किया. सोमा काफी खामोश लग रही थी. मैंने वजह जानने की कोशिश की.लेकिन वह एक फीकी मुस्कान के साथ बात को टाल गयी. सच में औरत के मन को समझना काफी मुस्किल है. एक औरत जो अभी कुछ मिनट पहले मुझे अपनी जिंदगी का सबसे अच्छा मुख-मैथुन का सुख दिया, क्या हो गया जो इस तरह से मुरझा गयी. मैं शरीर से काफी थका और दिमाग से परेशान था. आज रात के बाद सोमा का साथ छुट जायेगा. लेकिन सिर्फ सेक्स ही मेरे परेशानी की वजह नहीं थी. अगर मैं थोड़ी कोशिश करू तो एक-दो प्रेमिका तो जुटा ही सकता हूँ अपनी सेक्स की जरूरत के लिए. मैंने पहले ही कहा था इस बड़ी उम्र की गंवार औरत के साथ कुछ लगाव महसूस कर रहा था. लेकिन यह लगाव वास्तव में क्या था, यह नहीं जनता था.

खैर मैं भरी मन से वाशरूम से बाहर आया. मैंने देखा की सोमा सिर्फ कमर में तौलिया लपेटे खिड़की के पास खड़े होकर बाहर की ढलती शाम को देख रही थी. उसकी आँखें सुर्ख और चेहरा बुझा सा था. मैं धीरे से उसके पीछे जाकर उसके कंधे पर हाथ रखा. वह मेरी तरफ मुड़ कर देखी तक नहीं, चुपचाप खिड़की की और देखने लगी. मैं फ्रिज से दो गिलास ठंडा ऑरेंज जूस लाया और सोमा को एक गिलास पकड़ते हुए कहा – “अब अपनी उलझन नहीं बताओगी तो मैं कैसे तुम्हे प्यार करूँगा?”

वह मुस्कुराते हुए बोली – “बाबु, तुम तो मुझे वैसे ही प्यार कर सकते हो. लेकिन मैं कब तक तुमसे प्यार कर सकती हूँ. कल के बाद पता नहीं हम कभी मिल भी पाएंगे या नहीं.”

मैं ऑंखें नाचते हुए बोला – “ओहो, तो रानी को अपने राजा की जुदाई बर्दास्त नहीं हो रही है. इसलिए दुखी हो.”

मेरी बांह में एक चपत लगाकर बोली – “मजाक मत करो. कल से मुझे फिर से मेरी जिंदगी में वापस जाना पड़ेगा.”

मैंने उसकी कमर को एक हाथ से पकड़ कर सोफे पर बैठाते हुए बोला – “मेरी सोमारानी, तुम चिंता मत करो. कल मैं मेरे दोस्त की पत्नी से बात करूँगा. वो तुम्हे उसकी पार्लर में काम से लगा लेगी. कोई चिंता की बात नहीं है. कल के लिए तुम आज ख़राब मत करो.”

वह शरारत के अंदाज़ में बोली – “अच्छा, तो मेरे बालम को बहुत प्यार आ रहा है अपनी बुढी रानी पर?”

मैं उसकी गालो को चुमते हुए कहा – “अरे मेरी रानी तो अभी कमसिन कली है. जवान से जवान छोरियां भी तुम्हारे सामने फीकी है.”

यह बात सुनकर वह शरमा गयी गयी और नज़र झुककर पुरी की पुरी गिलास एक साँस में पि गयी. मेरे गिलास में जूस पूरा का पूरा था. मैं गिलास को ऊपर कर गिलास को गौर से देखने लगा. वह बोली – “क्या देख रहे हो बाबु? जूस पि लो नहीं तो गरम हो जाएगी.”

मैं मुस्कुराते हुए कहा – “रानी, मेरे जूस का स्वाद कुछ फीका लग रहा है. मज़ा नहीं आ रहा है.”

वह मेरे हाथ से गिलास ले एक घूंट लेकर बोली – “स्वाद तो ठीक है, मेरे जैसा है.”

मैंने वापस गिलास लेकर कहा – “नहीं तुम्हारे जैसा स्वाद नहीं है” और मैं उसकी पैरों के निचे घुटनों पर बैठ गया बिल्कुल उसकी जांघो के सामने. उसने अपनी जंगो को आपस में चिपका लिया और मेरी ओर सवालिया नजरो से देखने लगी. मेरे आखों के सामने उसकी मांसल चूत नाच रही थी. उसकी चुचियों की घाटी में बात फिराकर कहा – “मैं जूस में थोड़ा और स्वाद मिलाता हूँ. ठीक है. तुम आराम से बैठो.”

मैं तौलिये को बीच से खोलकर अलग कर दिया. उसकी चूत से मीठी महक आ रही थी. चूत की दोनों दीवारे चुदाई के कारण लटककर अलग हो गयी थी. उसकी दोनों टांगो को खींचकर अलग किया और कमर को सामने खिंचा.

वह मुस्कुराकर बोली – “आज लगता है मेरा बालम मुझे सोने नहीं देगा.” और सर को सोफे के दिवार पर टिककर पीछे झुक गयी.

मैंने गिलास से थोड़ा जूस उसकी चूत के मुँह पर डाला. ठंडी जूस ने उसकी बदन में सनसनी फैला दी. वह धीरे से उम्म्म की. मैं लंबी सी जीभ निकाल कर उसकी चूत की गहराई में दाल दिया. वह चुदास के मारे सीधी बैठ गयी . मैंने उसकी पेट को धीरे से धक्का देकर फिर से सोफे पर टिकाया और फिर से चूत चाटने लगा. मैं जोर जोर से चूत की गहराई में जीभ से कुरेदने लगा. सोमा की सिसकारी तेज हो रही थी. मेरी हर हरकत पर वह पेट को सिकोड़ लेती.

अब मैंने बाएं हाथ के अंगूठे से सोमा की भगनासा को छेड़ने लगा. चूत का यह हिस्सा काफी उत्तेजित करने वाला होता है. जैसे ही मैं जोर से इसको छेड़ता सोमा चिंहुक जाती. बार-बार सोफ़ा से उछल जाती. उसकी इस हरकत में मेरे सोये शेर को जगा दिया. मेरा लिंग सख्त होकर मुड़ गया था. मैंने उसकी चूत में और जूस डाला और दोनों ऊँगली सटाक से अंदर डाल दी.



Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
Post Reply