मेरे हथियार मेरे हाथ
“ह म इस समय बयालीस डिग्री पर बर्मा के खौफनाक जंगलों की तरफ उड़ान भर रहे हैं चीफ !”
“गुड ! तुम बिल्कुल सही दिशा में आगे बढ़ रहे हो करण !” गंगाधर महन्त गरमजोशी के साथ बोले- “पांच मिनट बाद तुमने उत्तर पश्चिमी दिशा में ही पैंतालीस डिग्री पर आगे बढ़ना है ।”
“ओके !”
“याद रहे, यह तुम्हारी जिंदगी का सबसे खतरनाक मिशन है करण ! इस मिशन में तुम्हारी जिंदगी दांव पर लगी है ।”
“मैं जानता हूँ चीफ ।” कमाण्डर कमाण्डर करण सक्सेना कॉकपिट में पायलेट के बराबर वाली सीट पर ही बैठा था ।”
“वह बारह योद्धा है ।” गंगाधर महन्त पुनः बोले- “बारह बहुत खतरनाक योद्धा-जिनसे तुम्हारी मुठभेड़ होनी है और जो बर्मा के खौफनाक जंगल में मौजूद हैं ।”
एअर इण्डिया का वह थ्री सीटर विमान बादलों को चीरता हुआ तूफानी स्पीड से उड़ा जा रहा था ।
“यूं तो उन सभी बारह यौद्धाओं के बारे में तुम्हें बताया जा चुका है करण ।” गंगाधर महन्त बोले- “परन्तु फिर भी उन सभी योद्धाओं के बारे में और इस पूरे मिशन के बारे में, मैं तुम्हें छोटी सी जानकारी एक बार फिर दे देना चाहता हूँ ।”
“मैं सुन रहा हूँ चीफ ।”
“दरअसल वह सभी बारह योद्धा अलग-अलग युद्ध-कलाओं के महारथी हैं और बहुत खतरनाक हैं । इसके अलावा वो बारह योद्धा दो ग्रुप में बंटे हुए हैं ।”
“दो ग्रुप !
“हाँ - पहला सपोर्ट ग्रुप ! दूसरा असॉल्ट ग्रुप ।”
कमाण्डर करण सक्सेना ने दोनों ग्रुपों के नाम अपने दिमाग़ में स्थापित कर लिये ।
सपोर्ट ग्रुप !
असाल्ट ग्रुप !
“पहले ‘सपोर्ट ग्रुप’ में भी छः योद्धा हैं और दूसरे ‘असॉल्ट ग्रुप’ में भी छः योद्धा ही हैं । सबसे पहले मैं तुम्हें ‘सपोर्ट ग्रुप’ के छः योद्धाओं के नाम बताता हूँ ।”
फिर गंगाधर महन्त ने ‘सपोर्ट ग्रुप’ के छः योद्धाओं के नाम कमाण्डर करण सक्सेना को बताये ।
मास्टर (हंसिये से क़त्ल करने का शौकीन)
हवाम (पेशेवर हत्यारा)
अबूनिदाल (वह अपनी ‘स्नाइपर राइफल’ से आदमी की गर्दन के एक ऐसे खास प्वॉइंट पर गोली मारता है कि गर्दन कटकर हवा में उछल जाती है)
माइक (दुर्दांत आतंकवादी)
रोनी (समुद्री लुटेरा)
“इन सबके अलावा योद्धाओं की इस टीम का सबसे आखि़री मैम्बर है- जैक क्रेमर !” गंगाधर महन्त बोले ।
“जैक क्रेमर !”
“हाँ, जैक क्रेमर ही इन सबका लीडर है । यही सारे फ़साद की जड़ है ।”
“यानि जैक क्रेमर ने ही दुनिया के इन खतरनाक योद्धाओं को एक साथ बर्मा के जंगल में जमा किया है ?” कमाण्डर करण सक्सेना चौंका ।
“बिल्कुल । जैक क्रेमर ने ही उन सबको जमा किया है । जैक क्रेमर ने ही इस सारे षड्यंत्र की आधारशिला रखी है ।”
“ओह !”
“दरअसल जैक क्रेमर एक अमरीकन है और जहर का विशेषज्ञ होने के साथ-साथ बहुत बुद्धिमान भी है । कभी वो अमरीका में नारकाटिक्स किंग हुआ करता था और सिर्फ अपने दिमाग की बदौलत उसने कई करोड़ डॉलर कमाये । फिर जब उस दौलत से भी उसे संतुष्टि न मिली, तो बर्मा के जंगल में आकर उसने खास षड्यंत्र के तहत इन सब योद्धाओं को जमा कर लिया ।”
“खास षड्यंत्र क्या था ?”
“वहाँ बर्मा के जंगल में ऊपरी तौर पर दिखावे के लिए तो यह तमाम योद्धा नारकाटिक्स का धंधा करते हैं, लेकिन वास्तव में इनका मकसद एक दिन पूरे बर्मा पर काबिज हो जाना है । दरअसल बर्मा में कीमती धातुओं की बड़ी-बड़ी खदानें हैं और यह सब बारह योद्धा एक दिन उन सब खदानों के मालिक बन जाना चाहते हैं । बर्मा सरकार को भी जैक क्रेमर और उसके साथी योद्धाओं के इन नापाक इरादों की जानकारी है । परन्तु वो उनके खिलाफ़ कुछ नहीं कर पा रही है । उन योद्धाओं ने बर्मा के जंगल में अपने पैर बड़ी मजबूती के साथ जमा लिये हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि अमरीकन गवर्नमेंट ने भी इस बारे में हिन्दुस्तान से मदद मांगी थी और इसीलिए अब बर्मा को इन बारह योद्धाओं के ख़ौफ से आजादी दिलाने के लिए तुम्हें भेजा जा रहा है ।”
कमाण्डर शांत था ।
बिल्कुल शांत !