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Thriller Hindi novel अलफांसे की शादी

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Masoom
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Thriller Hindi novel अलफांसे की शादी

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Hindi novel अलफांसे की शादी

“हैल्प.....हैल्प.....प्लीज, हैल्प मी!” मुसीबत में फंसी किसी नारी की चीखें कहीं दूर से उभरने के बाद सुनसान वातावरण में गूंजती हुईं जब अलफांसे के कानों तक पहुंचीं तो उसके पैर स्वतः ही ब्रेकों पर दबाव बढ़ाते चले गए।
टायरों की हल्की-सी चरमराहट के साथ रॉल्स रुक गई।
सीट पर बैठे अलफांसे ने अपने चारों तरफ देखा, हाथ स्टेयरिंग पर ही टिके थे—कदाचित वह जानना चाहता था कि नारी चीख किधर से उभरी थी—सड़क के दाईं तरफ हजारों फीट गहरी खाई थी और बाईं तरफ हजारों फीट ऊंची पहाड़ी—वातावरण में चारों तरफ धूप छिटकी पड़ी थी, किन्तु फिर भी वहां दूर-दूर तक सन्नाटा ही था।
सन्नाटे को बींधती चीख पुनः उभरी।
इस बार अलफांसे ने ‘साइड विण्डो’ से बाहर चेहरा निकालकर ऊपर देखा—ऊपर पहाड़ को काटकर बनाई गई सड़क पर उसे एक कार बड़ी तेजी से दौड़ती हुई नजर आई—हल्के नीले रंग की वह कार ऊपर की तरफ ही चली जा रही थी।
अलफांसे ने फुर्ती से अपना चेहरा अन्दर खींचा।
गेयर बदले, रॉल्स आगे बढ़ी और फिर एक्सीलेटर पर पैरों का दबाव बढ़ता चला गया, उसी अनुपात में कार की गति भी बढ़ी और फिर रॉल्स तूफानी रफ्तार से पहाड़ी पर चढ़ने लगी।
दोनों कारें पहाड़ को काटकर बनाई गई एक ही सड़क पर थीं—नीली कार ऊपर और अलफांसे की रॉल्स उससे थोड़ी नीचे— सांप के समान बल खाई-सी सड़क के हर मोड़ पर रॉल्स के टायर चरमराते, परन्तु हर मोड़ के बाद रफ्तार कुछ तीव्र ही होती चली गई।
नीली कार का ड्राइवर भले ही चाहे जितना दक्ष रहा हो, परन्तु अलफांसे के मुकाबले कुछ भी नहीं था, यह सच्चाई केवल पन्द्रह मिनट बाद उस वक्त प्रकट हो गई, जब रॉल्स ‘सांय’ से हवा के झोंके की तरह नीली कार की बगल से निकली और उससे दूर होती चली गई।
एक मोड़ काटते ही अलफांसे नीली कार से करीब एक फर्लांग आगे निकल आया था।
मील के एक पत्थर के समीप उसने रॉल्स तिरछी खड़ी कर दी।
अलफांसे फुर्ती से बाहर निकला, एक झटके से उसने दरवाजा बन्द किया और अगले ही पल रॉल्स के बोनट पर कोहनी टिकाए वह नीली कार की प्रतीक्षा कर रहा था—दो या तीन क्षण बाद ही नीली कार एक मोड़ घूमकर तेजी से समीप आती नजर आई।
रॉल्स को सड़क पर तिरछी खड़ी देखकर शायद नीली कार का ड्राइवर एक पल के लिए बौखलाया और फिर बड़े ही अजीब ढंग से कार लहराई—टायरों की चीख-चिल्लाहट के साथ कार रॉल्स से करीब दस गज दूर ही जाम हो गई।
कुछ देर के लिए वहां बड़ी गहरी-सी खामोशी छा गई।
बोनट पर कोहनी टिकाए अलफांसे इत्मीनान से नीली कार की तरफ देख रहा था—कार की अगली सीट पर उसे ड्राइवर, पिछली पर गुण्डे-से नजर आने वाले दो अंग्रेज और उनके बीच ‘सैण्डविच’ बनी एक लड़की नजर आई।
एक अंग्रेज का हाथ लड़की के मुंह पर ढक्कन बना चिपका हुआ था।
अलफांसे के सुर्ख होठों पर हल्की-सी मुस्कान दौड़ गई, बोनट से कोहनी हटाकर वह सीधा खड़ा हुआ और संतुलित कदमों के साथ कार की तरफ बढ़ा—अभी वह मुश्किल से चार या पांच कदम ही बढ़ पाया था कि एक झटके से कार के दोनों दरवाजे एक साथ खुले।
ड्राइवर और पिछली सीट पर बैठा एक अंग्रेज बाहर निकले।
तीसरा लड़की को दबोचे कार के अन्दर ही था।
अलफांसे ठिठक गया, क्योंकि उनमें से एक के हाथ में रिवॉल्वर था, दूसरे ने अपने लहजे में गुर्राहट उत्पन्न करते हुए कहा—“कौन हो तुम—और इस हरकत का क्या मतलब है?”
“मैं उस हरकत का मतलब जानना चाहता हूं बेटे!” अलफांसे का इशारा कार के अन्दर की तरफ था।
“रॉल्स सीधी करके यहां से ‘तिड़ी’ हो लो, वरना अभी उस हरकत का मतलब समझा दिया जाएगा।”
अलफांसे के होंठों पर चिर-परिचित मुस्कान उभर आई, रिवॉल्वर की नाल पर दृष्टि टिकाए वह कदम आगे बढ़ाता हुआ बोला—“मतलब समझे बिना यहां से ‘तिड़ी’ नहीं होऊंगा।”
“तू शायद हमें जानता नहीं है।” रिवॉल्वर वाला गुर्राया।
“मैं अच्छी तरह जानता हूं कि लड़कियों को किडनैप करने वाले कितने बहादुर होते हैं।”
“ये लड़की बोगान के लिए ले जाई जा रही है।”
“ये किस चूहे का नाम है?”
“अंग्रेज गुण्डे ने बोगान का नाम पूरे विश्वास के साथ लिया था, शायद उसे पूरी उम्मीद थी कि ‘बोगान’ का नाम सुनते ही सामने वाले के होश फाख्ता हो जाएंगे, किन्तु जब उसने अपनी सभी उम्मीदों के एकदम विपरीत अलफांसे का वाक्य सुना तो गड़बड़ा-सा गया, अगले ही पल संभलकर बोला—“बोगान को नहीं जानता—इसका मतलब ये हुआ बेटे कि तू लंदन में नया आया है।”
“मैं कहीं भी नया नहीं होता मेरी जान-लेकिन हां, दुनिया में घूमता हुआ जब काफी दिन बाद किसी शहर में पहुंचता हूं तो वहां नए-नए नाम जरूर सुनता हूं—पांच साल बाद लंदन आया हूं और इस बार एक नए चूहे का नाम सुन रहा हूं—बोगान—इस नाम को तुमने कुछ इस तरह लिया है जैसे अणुबम का नाम बदल दिया गया हो—और ऐसे लोगों से मिलकर अक्सर मुझे खुशी होती है।”
“बोगान साहब तुझ जैसे छोकरों से नहीं मिलते!”
“मैं जानता हूं कि बोगान जैसा चूहा मुझ जैसे छोकरों से कब मिलता है।”
“क्या मतलब?”
“तब जबकि मैं उनके तुम जैसे चमचों के चेहरे का भूगोल बदलकर उनके पास भिजवा दिया करता हूं।”
“ये कोई पागल कुत्ता लगता है मेसन!” ड्राइवर ने कहा—“देर हो रही है, बोगान देर पसन्द नहीं करता। गोली मारकर इसे खाई में डाल दे!”
अलफांसे निरन्तर धीमें-धीमें कदमों के साथ उनकी तरफ बढ़ रहा था।
“तू यहां से जाता है या नहीं?” रिवॉल्वर वाले ने चेतावनी-सी दी।
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Hindi novel अलफांसे की शादी

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जवाब में इस बार अलफांसे बोला कुछ नहीं, हां, उन्हीं स्थिर कदमों से, होठों पर मुस्कान और चेहरे पर चमक लिए निरन्तर उनकी तरफ बढ़ता रहा।
“श...शूट हिम मेसन, आई से शूट हिम!” ड्राइवर चीखा!
‘धांय!’ रिवॉल्वर ने खांसा।
दहकती बुलेट अलफांसे के चेहरे की तरफ लपकी।
मगर, उन बेचारों को क्या मालूम था कि ये गोली उन्होंने किस पर चलाई है।
‘संगआर्ट’ का माहिर एक क्षण पहले ही झुक चुका था, अतः गोली उसके सिर के ऊपर से गुजरकर पीछे खड़ी रॉल्स की बॉडी से जा टकराई, अलफांसे पूर्ववत मुस्कराता हुआ उनकी तरफ बढ़ रहा था।
ड्राइवर और मेसन हक्के-बक्के रह गए।
वे तो कभी स्वप्न में भी नहीं सोच सकते थे कि कोई व्यक्ति गोली से इतनी सफाई के साथ बच सकता है—उन बेचारों को तो यह भी नहीं मालूम था कि इस दुनिया में ‘संगआर्ट’ नाम की भी कोई चीज है। अपनी तरफ बढ़ता हुआ अलफांसे उन्हें इन्सान नहीं, बल्कि ‘जिन्न-सा’ नजर आया।
मेसन ने यह सोचकर दूसरी गोली चला दी कि शायद संयोगवश ही दुश्मन उसकी पहली गोली से बच गया था, किन्तु इस बार ‘संगआर्ट’ का प्रदर्शन करने के साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय शातिर ने उछलकर ‘फ्लाइंग किक’ मेसन के सीने पर मारी।
एक लम्बी चीख के साथ मेसन हवा में उछलकर दूर जा गिरा—रिवॉल्वर उसके हाथ से निकलकर सड़क पर गिर गया था—उसे उठाने के लिए ड्राइवर झपटा, परन्तु अलफांसे के बूट की ठोकर उसके चेहरे पर पड़ी। एक मर्मान्तक चीख के साथ उछलकर वह भी दूर जा गिरा।
इसके बाद-मुश्किल से पांच मिनट तक वहां किसी स्टंट फिल्म के ‘क्लाइमेक्स’ का-सा दृश्य चलता रहा—इस मारधाड़ में उनका तीसरा साथी भी शामिल हो गया था।
एक तरफ तीन थे, दूसरी तरफ अकेला अलफांसे।
लेकिन उन्हें जल्दी-ही मालूम पड़ गया कि इस व्यक्ति से भिड़कर उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल की है—पांच मिनट बाद वे बुरी तरह जख्मी, खून से लथपथ—सड़क पर अलग-अलग पड़े कराह रहे थे।
इसमें शक नहीं कि उनके चेहरों का भूगोल बदल चुका था। खड़े होने तक की ताकत नहीं रह गई थी उनमें—अलफांसे ने सड़क पर पड़ा रिवॉल्वर उठाया—नीली कार के चारों टायरों पर चार फायर करके रिवॉल्वर खाली कर दिया।
चारों टायर शहीद हो गए!
फिर रिवॉल्वर को एक तरफ फेंककर अलफांसे मेसन की तरफ बढ़ा, झुका और अगले ही पल मेसन का गिरेबान पकड़कर उसे उसने जबरदस्ती अपने सामने खड़ा कर लिया, बोला—“क्या नाम ले रहे थे तुम उस चूहे का—हां, बोगान—अपने उस अणुबम से कहना कि तुम्हारी यह हालत अलफांसे ने बनाई है और अलफांसे उसे ‘एलिजाबेथ होटल’ के रूम नम्बर ‘सेवन्टी-वन’ में मिलेगा!”
मेसन कुछ कह भी नहीं पाया था कि अलफांसे ने उसका गिरेबान छोड़ दिया।
मेसन धम्म् से सड़क पर गिरा।
अपनी टांगों पर एक क्षण भी वह खड़ा नहीं रह सका था, शायद घुटने की हड्डियां टूट चुकी थीं, मगर उस तरफ कोई ध्यान न देकर अलफांसे घूमा और फिर लम्बे–लम्बे कदमों के साथ नीली कार के समीप खड़ी थर-थर कांप रही लड़की की तरफ बढ़ा।
लड़की के समीप पहुंचते ही वह स्वतः ही ठिठक गया।
यह पहला ही क्षण था जब अलफांसे ने बहुत ध्यान से लड़की को देखा। वह सुन्दर थी—बेहद सुन्दर!
इतनी ज्यादा कि लड़कियों में किसी भी किस्म की दिलचस्पी न रखने वाले अलफांसे का दिल भी एक बार को तो ‘धक्क’ से रह गया और फिर बड़ी जोर-जोर से धड़कने लगा—वह गोरी थी, खूब गोरी—वैसा रंग जैसा एक चुटकी 'सिन्दूर' मिले मक्खन का होता है—वह स्कर्ट पहने थी, सुर्ख रंग की स्कर्ट!
लम्बी, गोरी, गोल एवं केले के वृक्ष जैसी चिकनी टांगें घुटनों के थोड़ा ऊपर तक नग्न थीं—कंधे तक बाजुओं पर कोई आवरण नहीं था—वक्ष प्रदेश का उभार स्कर्ट में से फूटा पड़ रहा था—बहुत ही पुष्ट और कसे हुए वक्ष थे उसके—गोल मुखड़े पर गुलाब की पंखुड़ियों–से अधर!
भरे हुए कपोल, छोटी-सी नोकीली नाक, ऊंचे मस्तक और कमान-सी भवों वाली उस लड़की की आंखें नीली थीं—झील-सी गहरी, चमकदार आसमानी रंग के हीरों जैसी।
उसकी सुंदरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि अलफांसे मानो उस पर से अपनी आंखें हटाना ही भूल गया था।
प्रिंसेज जैक्सन के बाद अलफांसे ने इतनी सुन्दर ये दूसरी लड़की देखी थी।
लड़की इस वक्त बुरी तरह डरी और सहमी हुई-सी थी।
“थ...थैंक्यू!” उसने शायद बड़ी मुश्किल से कहा।
अलफांसे की तंद्रा भंग हुई, उसे लगा कि चर्च में लगा कोई घण्टा टनटनाया हो।
“स...सॉरी!” कहने के साथ ही अलफांसे ने लगभग सोचते हुए उस पर से नजरें हटा लीं—सिर को एक झटका दिया उसने—कुछ ऐसे अन्दाज में जैसे दिमाग में उमड़-घुमड़ करने वाले विचारों से खुद को मुक्त करना चाहता हो, उसे लगा कि उसकी जिन्दगी के पिछले चन्द लम्हें किसी नशे में गुजरे हैं।
किसी ऐसे नशे में जिसका अहसास उसने पहले कभी नहीं किया था।
अपना दिमाग उसकी सुन्दरता से हटाने के लिए पूछा—“ये लोग कौन थे?”
“म...मैं इन्हें नहीं जानती!” मधुर आवाज में अभी तक कंपन था।
“खैर, अब आपको डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।” अलफांसे काफी हद कर स्वयं को संभाल चुका था—अगर आपको कहीं दूर जाना हो तो मेरी गाड़ी में...।”
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रॉल्स वापस यानी पहाड़ी सड़क पर उतर रही थी।
लड़की ने अपना नाम इर्विन स्टेनले बताया था—और बताया था कि इन लोगों ने उसका अपहरण एक सुनसान सड़क से किया था—अलफांसे के दिलो-दिमाग पर अब इर्विन के सौन्दर्य का कोई प्रभाव नहीं था, जबकि वह महसूस कर रहा था कि इर्विन निरंतर काफी देर से उसे एकटक देख रही है।
अलफांसे महसूस कर रहा था कि उन हीरे जैसी नीली आंखों में उसके लिए विशेष भाव हैं, कुर्बान हो जाने जैसे भाव—किन्तु प्रत्यक्ष में वह पूरे ध्यान से कार ड्राइव करता महसूस हो रहा था। इर्विन से वह पूछ चुका था कि उसे कहां जाना है, इर्विन ने कहा था—‘डिफेन्स स्ट्रीट’—और ये हकीकत है कि अलफांसे बगल में बैठी इर्विन की मौजूदगी के कारण अजीब-सी असुविधा महसूस कर रहा था, वह जल्दी-से- जल्दी इर्विन को ‘डिफेन्स स्ट्रीट’ पर छोड़ देना चाहता था।
यही वजह थी कि वह कार काफी तेज गति से चला रहा था।
एकाएक इर्विन ने पूछा—“क्या आप वाकई अलफांसे हैं?”
“ज...जी...जी हां—मगर आपको मेरा नाम कैसे मालूम?”
“आपने उस गुण्डे से कहा था न कि वह बोगान से कह दे कि...।”
“ओह!”
“क्या आप वही अलफांसे हैं जिसका नाम बचपन में ‘टाइगर’ था—बचपन के प्रसिद्ध फाइटर और आज के अन्तर्राष्ट्रीय मुजरिम— सारी दुनिया की पुलिस को उंगलियों पर नचाने वाले—क्या आप ही ने यह दावा कर रखा है कि दुनिया की कोई भी जेल आपको, आपकी इच्छा के विरुद्ध कैद नहीं रख सकती?”
“आप मेरे बारे में इतना सब कुछ कैसे जानती हैं?”
“अखबार पढ़ने वाला शायद ही ऐसा कोई हो जो आपको न जानता हो!” इर्विन ने कहा—“मगर आपने जवाब नहीं दिया। क्या आप सचमुच वही अलफांसे हैं?”
“जी हां!”
“कमाल है!”
धीमें से मुस्कराते हुए अलफांसे ने पूछा—“कैसा कमाल?”
“सुना है कि उस वक्त आप केवल अट्ठारह वर्ष के थे जब अकेले ही माफिया से टकरा गए—टकराए ही नहीं, बल्कि दुनिया के उसे सबसे बड़े अपराधी संगठन की नींवें तक हिला डाली थीं आपने और अपनी उम्र के साथ बेहद खतरनाक होते चले गए—आपके बारे में मैंने बहुत कुछ सुना है, मगर...।”
“मगर...?”
“यकीन नहीं कर पा रही हूं कि वह आप ही हैं।”
“क्यों?” अलफांसे के होंठों पर दिलचस्प मुस्कान उभर आई।
“इस क्यों का जवाब तो सिर्फ ये है कि आपको देखकर ऐसा नहीं लगता कि वह सच है, जो आपके बारे में पढ़ा या सुना है—आप तो बेहद खूबसूरत हैं, खतरनाक नहीं हो सकते।”
“दरअसल ‘खूबसूरती’, 'खतरनाक' शब्द का ही पर्यायवाची है।”
“शायद हो, लेकिन मैं यकीन नहीं कर पा रही हूं कि आप वही अलफांसे हैं—या तो वह कोई और है या मैं आपके बारे में गलत पढ़ती और सुनती रही हूं। अच्छा—क्या आप मेरे एक सावाल का जवाब देंगे?”
“पूछो!” अलफांसे को उसकी बातें अच्छी लग रही थीं।
“जब आप अन्तर्राष्ट्रीय मुजरिम हैं, सारी दुनिया की पुलिस आपके पीछे पड़ी रहती है तो फिर आप इस तरह सारी दुनिया में स्वतंत्रतापूर्वक कैसे घूमते रहते हैं?”
“तुमने एक ऐसा टेढ़ा सवाल किया है इर्विन, जिसका जवाब काफी लम्बा और चक्करदार है, सुनने के बाद भी समझ नहीं सकोगी—संक्षेप में तुम यह मान सकती हो कि पूरी दुनिया में किए गए मेरे अपराधों की सूची हर मुजरिम से लम्बी है, मैं घोषित अन्तर्राष्ट्रीय अपराधी हूं, परन्तु किसी भी मुल्क की सरकार या पुलिस के पास मेरे एक भी अपराध को प्रमाणित करने के लिये कोई सबूत नहीं है।”
“कमाल है!” इर्विन का लहजा हैरानी में डूबा हुआ था।
अलफांसे कुछ बोला नहीं, केवल मुस्कराकर रह गया।
तत्काल इर्विन भी कुछ नहीं बोली—उनके बीच खामोशी छा गई—कार के अन्दर केवल इंजन की हल्की-सी आवाज गूंज रही थी—रॉल्स इस वक्त भीड़ भरी सड़क से गुजर रही थी और उसे ड्राइव करता हुआ अलफांसे महसूस कर रहा था कि इर्विन अपनी नीली आंखों से निरन्तर उसे देख रही है।
बहुत ही प्यार से—प्रशंसात्मक भाव लिए—बलिहारी हो जाने वाली दृष्टि से।
दृष्टि चुभन को अलफांसे निरन्तर महसूस कर रहा था और साथ ही महसूस कर रहा था अजीब-सी बेचैनी—दर्द और एक ऐसी अनुभूति जैसी उसने पिछले जीवन में कभी महसूस नहीं की थी।
इसमें शक नहीं कि माफिया के चीफ की आंखों में आंखें डालकर माफिया से खुली जंग का ऐलान करने वाले अलफांसे के मस्तक पर इस वक्त पसीने की नन्हीं-नन्हीं बूंदें उभर आई थीं—सिंगही की आंखों में आंखें डालकर चुनौतियां देने वाला इस वक्त इर्विन की हीरे जैसी आंखों से आँखें नहीं मिला पा रहा था—मौत के बहुत करीब होने पर भी उसका दिल कभी इस कदर नहीं धड़का था, जिस कदर इस वक्त धड़क रहा था।
‘डिफेन्स स्ट्रीट’ के चौराहे पर उसने कार रोकते हुए कहा—“डिफेन्स स्ट्रीट आ गई।”
“ओह!” इर्विन चौंकी, लहजा ऐसा था जैसे उसे दुख हुआ हो बोली—“इधर दाईं तरफ मोड़िए—कुछ ही आगे जाकर हमारी कोठी है।”
पांच मिनट बाद ही उसने इर्विन के कहने पर गाड़ी रोक दी।
जब अलफांसे ने ध्यान से उस स्थान को देखा जहां गाड़ी रुकी थी तो उसके चेहरे पर चौंकने के भाव एक क्षण के लिए बरबस ही उभर आए, इर्विन एक शानदार कोठी के मुख्य द्वार की ओर संकेत करके कह रही थी—“गाड़ी अन्दर पोर्च में ले लीजिए।”
अलफांसे का दिल ध़ड़क उठा, गाड़ी को गियर में डालते हुए उसने पूछा—“क्या तुम यहां रहती हो?”
“हां, लेकिन आप चकित क्यों हैं?”
“यह कोठी तो मिस्टर गार्डनर स्टेनले की है।”
“ओह, क्या आप उन्हें जानते हैं?”
“उन्हें कौन नहीं जानता?”
“वो मेरे डैडी हैं।” कहते वक्त इर्विन की गरदन तनिक गर्व से तन गई थी।
“ओह!” अलफांसे के मुंह से एकमात्र यही शब्द निकल सका, उसके चेहरे पर अजीब-से भाव और आंखों में बड़ी ही अनोखी चमक उभर आई थी—गाड़ी उसने पोर्च में रोक दी।
वहां मौजूद एक गार्ड ने ससम्मान दरवाजा खोल दिया।
इर्विन बाहर निकलकर बोली—“आइए मिस्टर अलफांसे, मैं आपको अपने डैडी से मिलाऊं।”
“ओह नो, फिलहाल मैं चलता हूं।”
“ऐसा कैसे हो सकता है?” कहती हुई इर्विन ने स्वयं अगला दरवाजा खोल दिया—“मैं आपको चाय पिए बिना नहीं जाने दूंगी।”
“फिर कभी सही, इस वक्त मैं जल्दी में हूं।” अलफांसे ने कहा, परन्तु उसका वाक्य पूरा होने तक इर्विन लगभग जबरदस्ती हाथ पकड़कर उसे कार से बाहर निकाल चुकी थी और फिर लगभग खींचती हुई ही वह अलफांसे को कोठी के अन्दर ले गई।
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हॉल में मौजूद एक शानदार सोफे पर उसने अलफांसे को बैठाया, एक नौकर से नाश्ता आदि लाने को कहा और अपने डैडी को पुकारती हुई किसी भीतरी कमरे में चली गई—दस मिनट बाद वह एक चालीस वर्षीय गोरे-चिट्टे बलिष्ठ और आकर्षक व्यक्ति के साथ लौटी। अलफांसे जानता था कि इसी व्यक्ति का नाम गार्डनर स्टेनले है—उसे देखते ही अलफांसे सम्मान दर्शाने के लिए सोफे से उठ खड़ा हुआ। इर्विन ने कहा—“डैडी, ये मिस्टर अलफांसे हैं।”
अलफांसे ने हाथ आगे बढ़ा दिया—गार्डनर बड़ी गर्मजोशी से हाथ मिलाता हुआ बोला—“तुम्हारा शुक्रिया अदा करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं मिस्टर अलफांसे।”
अलफांसे समझ गया कि इर्विन ने अपने डैडी को सब कुछ बता दिया है, इसलिए बोला—“इसमें शुक्रिया की कोई बात नहीं है मिस्टर गार्डनर, वह तो मेरा फर्ज था।”
“इर्विन ने बोगान का नाम लिया है—लंदन में आजकल इस नाम की गूंज है और यह नाम हमने भी सुना है—हम अनुमान लगा सकते हैं कि उसने इर्विन को किडनैप करने की कोशिश क्यों की।”
“क्यों?”
“उसे छोड़ो, ह्म समझ गए हैं कि बोगान किस चक्कर में है—शायद वह जानता है कि हमारी बेटी हमारी एकमात्र कमजोरी है, खैर—अब उसे इस काबिल नहीं छोड़ा जाएगा कि वह इर्विन पर दुबारा हाथ डाल सके—फिर भी तुम सतर्क रहना मिस्टर अलफांसे—मुमकिन है कि वह तुमसे बदला लेने की कोशिश करे!”
“ऐसे दस-बीस बोगान हमेशा मेरी जेब में पड़े रहते हैं।”
मिस्टर गार्डनर ठहाका लगाकर हंस पड़े।
‘टी पार्टी’ समाप्त होने तक उनमें इसी किस्म की बातें होती रहीं—तत्पश्चात अलफांसे ने उनसे विदा ली—इर्विन उसे छोड़ने रॉल्स तक आई, इर्विन ने उसका बायां हाथ अपने हाथों में ले लिया—कोमल स्पर्श का अहसास होते ही अलफांसे के समूचे जिस्म में झुरझुरी-सी दौड़ गई।
इर्विन उसकी आंखों में आंखें डाले एकटक, प्यार से उसे, देख रही थी। अलफांसे के होंठों पर बड़ी प्यारी मुस्कान उभरी।
इर्विन ने धीमें से उसका हाथ दबाकर पूछा—“आप ‘एलिजाबेथ’ के रूम नम्बर सेवन्टी-वन में ठहरे हैं?”
“हूं!”
“कल शाम सात बजे मैं वहां आऊंगी।” यह वाक्य इर्विन ने कुछ ऐसे भाव से कहा था कि अलफांसे न तो इनकार ही कर सका और न ही ये कह सका कि वह इन्तजार करेगा। उसे विदा करते वक्त इर्विन ने बोगान की तरफ से सतर्क रहने के लिए भी कहा था, बड़ी ही आत्मीयता के साथ।
‘एलिजाबेथ’ की तरफ लौटते हुए अलफांसे की आंखों के सामने इर्विन का सौन्दर्य, उसकी हीरे जैसी नीली आंखें, उसमें अपने लिए लबालब भरा प्यार घूम रहा था और कानों में गूंज रहे थे उसके अन्तिम शब्द—अपने हाथ पर उसे अब भी इर्विन की कोमल हथेलियों का स्पर्श महसूस हो रहा था।
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कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
Masoom
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Re: Hindi novel अलफांसे की शादी

Post by Masoom »

“आई लव यू अलफांसे—आई लव यू!” अगली रात करीब नौ बजे डायनिंग टेबल पर बैठी इर्विन ने जब ये चन्द शब्द कहे तो अलफांसे के दिल में एक संगीत-सा गूंज उठा—मस्तिष्क की नसों में उथल-पुथल होने लगी—इर्विन की बात के जवाब में एकाएक ही वह कुछ कह न सका—स्वयं को सामान्य दर्शाने के लिए उसने ‘एलिजाबेथ’ के डायनिंग हॉल में इधर-उधर देखा।
अपने में व्यस्त बहुत–से जोड़े डिनर ले रहे थे।
‘कैण्डिल लाइट डिनर’ यानि प्रत्येक मेज पर एक मोमबत्ती टिमटिमा रही थी—वैसी ही एक मोमबत्ती इर्विन और अलफांसे के बीच टेबल पर रखे एक स्टैण्ड पर भी मौजूद थी।
“क्या सोचने लगे मिस्टर अलफांसे?”
उसने चौंककर इर्विन की तरफ देखा।
मोमबत्ती की लौ के करीब इर्विन का खूबसूरत चेहरा दमक रहा था, इस वक्त वह कल दिन की अपेक्षा कहीं ज्यादा सुन्दर नजर आ रही थी, बोला—“कुछ नहीं!”
“कुछ तो जरूर सोच रहे हैं आप?”
“सिर्फ यही कि तुम्हारी बात का क्या जवाब दूं?”
“क्या आप मुझसे प्यार नहीं करते?”
अलफांसे ने कहा—“यदि मैं ऐसा कहूं तो वह झूठ बोलना होगा।”
“गुड! इसका मतलब आप भी मुझसे प्यार करते हैं?”
एक मिनट चुप रहा अलफांसे, मानो अपने दिमाग में बिखरे विचारों को समेट रहा हो, बोला—“तुमने मेरे बारे में बहुत कुछ पढ़ा और सुना है इर्विन—क्या तुमने यह भी पढ़ा या सुना है कि अलफांसे ने किसी लड़की में दिलचस्पी ली?”
“नहीं...!”
“तो फिर तुमने कैसे सोच लिया कि अलफांसे तुममें दिलचस्पी ले सकता है?”
“यह जरूरी तो नहीं कि जिसने कभी किसी लड़की में दिलचस्पी न ली हो, वह कभी किसी को प्यार ही न कर सके—प्यार जब होता है तो वह किसी को सोचने-समझने का मौका नहीं देता।”
“इन्हीं शब्दों को मैं यूं कहता हूं कि प्यार अच्छे-खासे विवेकशील व्यक्ति को मूर्ख बना देता है।”
“क्या मतलब?”
“वैसा ही कुछ तुम्हारे साथ भी हो रहा है, तुम अच्छी तरह जानती हो कि मैं कौन हूं—क्या हूं और फिर भी कह रही हो कि तुम मुझसे प्यार करती हो—यह मूर्खता नहीं तो और क्या है?”
“कम-से-कम मैं तुममें ऐसी कोई कमी महसूस नहीं करती, जो मुझे तुमसे प्यार करने से रोके।”
“क्या तुम जानती हो इर्विन कि मैंने कभी किसी लड़की में दिलचस्पी क्यों नहीं ली?”
“बता दो।”
“मैं एक मुजरिम हूं, ऐसा जिसके हजारों दुश्मन हैं-पता नहीं किस क्षण किधर से एक गोली आए और मेरे प्राण पखेरू उड़ा दे—ऐसी अवस्था में किसी को अपना बना ही कैसे सकता हूं—मैं नहीं चाहता कि मेरी लाश पर कोई एक भी आँसू गिराए।”
“वादा करती हूं कि ऐसा होने पर इर्विन की आंखों से कोई आंसू नहीं गिरेगा।”
“इ...इर्वि!” अलफांसे के कंठ से एक चीख–सी निकल गई।
“अब तो आप मुझे स्वीकार करेंगे न?”
“उफ्फ!” अलफांसे मानो किसी जाल में उलझ गया हो, बोला—
“तुम समझती क्यों नहीं इर्वि—मैं बहुत बदनाम आदमी हूं—अन्तर्राष्ट्रीय अपराधी—कोई भी शरीफ पिता अपनी बेटी का मुझसे ऐसा सम्बन्ध स्वीकार नहीं कर सकता—और फिर मिस्टर गार्डनर तो यूं भी इंग्लैण्ड के एक बहुत ही सम्मानित नागरिक हैं, उच्चाधिकारी हैं, वो तो किसी भी हालत में इस सम्बन्ध को स्वीकर नहीं करेंगे।”
“वह मुझसे बहुत प्यार करते हैं, मेरी जिद के आगे उन्हें झुकना ही होगा।”
“तुम्हारी इस जिद के आगे वह हरगिज नहीं झुकेंगे।”
“उन्हें झुकना होगा अलफांसे—वह जानते हैं कि उनकी बेटी बहुत जिद्दी है और यह भी कि मैं बालिग हूं—बिना उनकी सहमति के भी चर्च में हमारी शादी हो सकती है।”
“बिना उनकी सहमति के मैं शादी नहीं कर सकूंगा।”
“क्यों?” इर्विन चौंकी।
“मैंने अपनी जिन्दगी का ज्यादातर हिस्सा भारत में व्यतीत किया है, ज्यादातर वहीं मेरे हमदर्द और दोस्त हैं, मुझ पर भारतीय संस्कृति की छाप है और वहां के युवक-युवती बड़ों के आशीर्वाद के बिना शादी नहीं करते।”
“ओह!” इर्विन के मस्तक पर चिंता की लकीरें उभर आईं।
अलफांसे उत्सुक भाव से उसे देखता रहा, कुछ सोचने के बाद अगले ही पल इर्विन पूरी दृढ़ता से बोली—“यदि ऐसा है तो मैं वादा करती हूं अलफांसे, किसी भी तरह डैडी को इस शादी के लिए तैयार करके रहूंगी।”
अलफांसे ने इतना ही कहा—“शायद सफल नहीं होगी इर्वि!”
इर्विन के चेहरे पर जिद के-से भाव उभर आए।
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