Thriller stori-एक खून और
केन ब्रेन्डन ने दरवाजा खोला और अपने घर की लॉबी में दाखिल हुआ।
“हाय हनी, मैं आ गया।”—उसने ऊँची आवाज में कहा—“कहाँ हो तुम?”
“किचन में....और कहाँ होऊँगी?”—पत्नी ने पूछा— “आज तुम जल्दी आ गए?”
वो अपने घर के सजे-संवरे रसोईघर के दरवाजे पर पहुँचा जहाँ भीतर उसकी पत्नी उनका रात का खाना तैयार कर रही थी।
केन ब्रेन्डन ने दरवाजे पर खड़े होकर अपनी बीवी को बड़े गौर से देखा।
उनकी शादी को चार साल गुजर चुके थे लेकिन इन गुजरे चार सालों ने बेट्टी, उसकी बीवी, के प्रति उसकी चाहत में कोई कमी नहीं आने दी थी। इकहरे बदन, सुनहरे बालों वाली बेट्टी अपनी सुन्दरता के मुकाबले कई गुना ज्यादा आकर्षक थी। बेट्टी एक कुशल गृहिणी, एक सुघड़ घरवाली तो थी ही, लेकिन साथ ही उसकी असली काबिलियत इस बात से भी जाहिर होती थी कि वह जिस काबिलियत से घर संभालती थी, उतनी ही कामयाबी से डॉक्टर हेन्ज के क्लीनिक में रिसेप्शन भी हैंडल कर लेती थी।
और डॉक्टर हेन्ज—जो पैरेडाईज सिटी के सबसे काबिल और मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ थे—के क्लीनिक में रिसेप्शनिस्ट होने के लिए कुशल होना बेहद जरूरी था।
और बेट्टी ऐसी ही थी।
कुशल, काबिल, समर्थ।
उसकी इसी काबिलियत का सदका था कि डॉक्टर हैन्ज के यहाँ काम करते उसका साप्ताहिक वेतन उसके पति—केन ब्रेन्डन—से पचास डॉलर ज्यादा था।
और यह बात केन ब्रेन्डन को खलती थी लेकिन फिर इसी वजह से वो दोनों बढ़िया मजे से अपने दिन भी तो बिता रहे थे। इतने बढ़िया दिन कि उनके पास—दोनों के लिए अलग-अलग—दो कारें थीं, शहर के एक बढ़िया इज्जतदार इलाके में अपना खुद का बंगला था और आगे भविष्य के लिए बचत भी हो जाया करती थी।
केन ब्रेन्डन खुद पैरेडाईज इंश्योरेन्स कार्पोरेशन में बतौर हेड सेल्समेन नौकरी करता था। इस मद में उसकी तनख्वाह भी कोई कम न थी और फिर अपनी बीवी से ज्यादा कमाने के चक्कर में वो अक्सर ड्यूटी आवर्स के बाद भी काम किया करता था। उधर बेट्टी सुबह पौने दस से शाम छः बजे तक की ही नौकरी बजाती थी।
यह सारा सिलसिला उनके लिए बढ़िया था। अपनी नौकरी में बेट्टी चूँकि सीमित और तय घन्टे ही काम किया करती थी सो उसके लिए यूँ अपने घर की देखभाल करने और अपने पति के वक्त-बेवक्त आने जाने वाले शिड्यूल के हिसाब से खाना वगैरह बनाने के लिए वक्त निकालना आसान था। ऊपर से बेट्टी को कुकिंग का बड़ा चाव था और अपने इस शौक को पूरा करने के लिए वह लगभग हर शाम किसी कुकरी बुक की मदद से कोई नया लज्जतदार व्यंजन बनाती थी।
दिन बढ़िया गुजर रहे थे।
दोनों पति-पत्नी कमाऊ थे जिनका अपना खुद का घर था, भविष्य के लिए अच्छी भली बचत कर ले रहे थे और सबसे बड़ी बात—
दोनों एक दूसरे को चाहते थे।
केन ब्रेन्डन ने बड़ी चाहत से बेट्टी की ओर देखा।
“मेरे नजदीक आने की कोशिश भी मत करना केन।”—बेट्टी ने केन की आँखों में चमक का मतलब समझते हुए कहा, अपनी चार साला शादीशुदा जिन्दगी के तजुर्बे की बिना पर वो इस चमक का मतलब बखूबी समझती थी—“मैं एक बड़ी खास डिश बना रही हूँ और तुम फिलहाल गलत वक्त पर आए हो।”
“वक्त—और वो भी इस काम के लिए कभी गलत नहीं होता।” केन ने धूर्ततापूर्वक मुस्कुराते हुए कहा—“अब ये सब छोड़ो—हम दो काम करते हैं।”
“क्या?”—बेट्टी ने पूछा।
“पहला तो ये कि चलकर जरा चैक करते हैं कि हमारा बैडरूम अभी भी अपनी जगह पर मौजूद है या नहीं....और दूसरा ये कि मैं तुम्हें आज एक बेहतरीन डिनर के लिए बाहर किसी बढ़िया से रेस्त्रां में लेकर चलता हूँ।”—कहकर वो खाना पकाती बेट्टी की ओर बढ़ा।
बेट्टी ने फौरन उसे पीछे धकेला।
“ओह केन—बस भी करो।”—वह बोली—“बैडरूम अपनी जगह मौजूद है और उसने कहीं नहीं जाना और रही तुम्हारी दूसरी बात तो जान लो कि हम कहीं नहीं जा रहे। मैं आज सी फूड बना रही हूँ और ऐसा कोई रेस्त्रां नहीं जो मुझसे ज्यादा अच्छा, ज्यादा बढ़िया सी फूड बना सके।”
“सी फूड।”—केन पीछे हटता हुआ बोला—“आज तो मजा आ जाएगा।”—फिर उसने फ्रिज में से जिन और मार्टिनी की बोतलें कब्जाते हुए कहा—“जब तक तुम अपना सी फूड बनाकर तैयार करो, आओ, तब तक कम से कम हम एक ड्रिंक तो ले ही सकते हैं। आओ—मैं तुम्हें एक खबर भी सुनाना चाहता हूँ।”
“बस हो गया—पाँच मिनट—सिर्फ पाँच मिनट।”—बेट्टी ने कहा।
केन दो बोतलों को उनकी गर्दन से थामे लाऊँज में आ गया जहाँ उसने दो ड्रिंक बनाए, एक सिगरेट सुलगाया और एक कुर्सी पर पसर कर बड़ी बेसब्री से बेट्टी का इंतजार करने लगा।
दस मिनट बाद बेट्टी ने जब वहाँ कदम रखा, तब तक केन अपना एक ड्रिंक खत्म कर चुका था।
बेट्टी उसके बराबर में आकर बैठ गई और उसने अपना ड्रिंक उठाया।
“अब बताओ—क्या खबर सुनानी थी?”
“मुझे प्रमोशन मिला है।”—केन ने मुस्कुराकर कहा—“आज दोपहर बाद स्टर्नवुड ने जब मुझे अपने ऑफिस में बुलाया तो मैं तो हैरत में पड़ गया था। मुझे लगा कि शायद मुझे नौकरी से जवाब दिया जाने वाला है....वैसे भी तुम उस स्टर्नवुड से तो वाकिफ हो ही—ये उस का स्थापित तरीका है कि वह जब किसी को नौकरी से निकालता है, तभी उसे यूँ इसी तरह अपने ऑफिस में तलब करता है। खैर—जब मैंने उसके बुलावे पर उसके ऑफिस में कदम रखा तब उसने मुझे बताया कि कंपनी का एक दफ्तर अब 'सीकाम्ब’ में खोला जा रहा है और वो मुझे वहाँ उसका इंचार्ज बनाना चाहता है। उसे उम्मीद है कि मैं वहाँ कंपनी के कारोबार को बढ़ा सकता हूँ। तुम जानती ही हो कि स्टर्नवुड को बहस पसंद नहीं सो मैंने उसकी बात से इंकार नहीं किया और यूँ अब, इस प्रमोशन के बाद, मैं सीकाम्ब स्थित कंपनी नए दफ्तर का इंचार्ज बना दिया गया हूँ।”
“सीकाम्ब”—बेट्टी ने उसे घूरते हुए कहा—“वो तो काले लोगों का इलाका है।”
“वहाँ बहुत से गोरे भी हैं....दरअसल वो एक मजदूर तबके के लोगों की बस्ती है।”
“वहाँ तुम किस किस्म का इंश्योरेन्स करोगे?”
“वैल—स्टर्नवुड का ख्याल है....”—केन ने सिर हिलाते हुए कहा—“कि वहाँ के उस तबके के लोगों को उनके बच्चों की भलाई के लिए कई किस्म की सेफगार्ड पॉलिसी बेची जा सकती हैं। इनमें प्रीमियम भी कम होगा और बच्चों को हर तरह की सुरक्षा की गारंटी ऑफर की जाएगी। स्टर्नवुड का अंदाजा है कि हम वहाँ सीकाम्ब में पंद्रह हजार पॉलिसियाँ बेच सकते हैं और अगर ऐसा हो सका तो कुल मिलाकर हमें काफी मुनाफा होगा।”
“अब तक अमीर और उस किस्म के ऊँचे तबके के लोगों से डीलिंग करते रहने के बाद क्या यह सब करना तुम्हें अच्छा लगेगा?”
“मजबूरी है—और फिर यही तो चुनौती है।”
“हम्म....चलो ठीक है, लेकिन तुम्हारी तनख्वाह में कितना इजाफा हुआ?”
“तनख्वाह तो वही रहेगी लेकिन जितना बिजनेस मैं वहाँ से दूँगा, उस पर पंद्रह पर्सेन्ट का कमीशन अलग से मिलेगा और अगर स्टर्नवुड का अंदाजा सही है तो मुझे कमीशन के तौर पर एक मोटी रकम हासिल होगी।”
“कितनी मोटी रकम?”
“अब यह तो मेरी मेहनत, मेरी जांमारी के ऊपर है।”
बेट्टी ने एक लंबी सांस छोड़ी।
“तो कब से शुरू कर रहे हो?”—कुछ क्षणों के बाद उसने पूछा।
“कल से....ऑफिस तैयार है।”—केन ने कहा—“इस पूरे सिलसिले में बस एक ही दिक्कत है।”
बेट्टी ने उसे गौर से देखा।
“कैसी दिक्कत?”—उसने पूछा।
“वो स्टर्नवुड की लड़की भी मेरे साथ ही काम करेगी क्योंकि स्टर्नवुड को लगता है कि इंश्योरेन्स के मामलों पर इसकी भी उतनी ही पकड़ है जितनी कि खुद मेरी। इस तरह वो बैक ऑफिस को हैन्डल कर लेगी और मैं बाहर भाग-दौड़ का काम करूँगा....वैसे मुझे मेहनत से कोई परहेज नहीं लेकिन स्टर्नवुड की लड़की के साथ काम करने का मतलब है—हर वक्त की भागदौड़, हर वक्त का काम....।”
“वह लड़की देखने में कैसी है केन?”—बेट्टी ने उसकी बात को नजरअंदाज करते हुए पूछा।
“पता नहीं। अभी कल उससे मुलाकात होनी बाकी है।”
बेट्टी ने कुछ पल कुछ न कहा।
“क्या हुआ?”—केन ने पूछा।
“कुछ नहीं....”—बेट्टी बोली—“आओ....चलो खाना खाते हैं।”
दोनों डायनिंग टेबल पर आ गए जहाँ बेट्टी ने डिनर का वो सारा इंतजाम किया हुआ था।
और कुछ मिनटों बाद जब दोनों खाना खा रहे थे तो बेट्टी ने कहा—“मेरे ख्याल से वह लड़की दिखने में यकीनन खूबसूरत होगी।”
केन ने बेट्टी के चेहरे पर निगाह डाली तो पाया कि वहाँ परेशानी और नाखुशी के मिले-जुले भाव थे।
“अगर वो अपने बाप पर गई होगी तो बकवास ही होगी।” केन ने कहा—“वैसे तुम्हें उसकी इतनी फिक्र क्यों है?”
“कुछ नहीं”—बेट्टी मुस्कुराई—“मैं तो बस ऐसे ही....।”
“मैं बताता हूँ कि तुम्हें क्या फिक्र है....।”—केन ने कहा—“लेकिन यकीन करो मामला कुछ और है। स्टर्नवुड की लड़की वहाँ सीकाम्ब पर सिर्फ और सिर्फ अपने बाप की मुझ पर निगाह रखती जासूस ही होगी। अगर मैं या मेरा काम उसे पसंद नहीं आया तो जाहिर तौर पर मैं मुसीबत में पड़ जाऊँगा क्योंकि स्टर्नवुड इतना बड़ा कमीना है कि अपनी बेटी के कहने भर से वो मुझे खड़े पैर नौकरी से जवाब दे देगा।”
“ओह डार्लिंग—तुम यकीनन कामयाब होओगे।”—बेट्टी ने उसका हाथ थपथपाते हुए कहा और पूछा—“खाना पसंद आया?”
“इतना बढ़िया सी-फूड मैंने कभी नहीं खाया।”—केन ने मुस्कुराते हुए कहा।
दोनों ने खाना समाप्त किया।
“तो तुम कुछ कह रहे थे....।”—बेट्टी ने उससे मुस्कुराते हुए कहा—“तुम शायद बैडरूम चैक करना चाहते थे कि वो अपनी जगह मौजूद है भी या नहीं?”
केन ने फौरन उस बात का मतलब समझा।
“बर्तन नहीं धोने क्या?” केन ने मुस्कुराते हुए पूछा।
“ओह—भाड़ में गए बर्तन।”—बेट्टी ने जवाब दिया।
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