Incest लंड के कारनामे - फॅमिली सागा

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josef
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Re: Incest लंड के कारनामे - फॅमिली सागा

Post by josef »

पूजा के लिए ये बहुत था, वो बेड पर लेटी हुई मचलने लगी, और अपने एक हाथ से मुझे और दुसरे से ऋतू को धक्का देने लगी. पर ऋतू ने उसकी दोनों टांगो को इस तरह से जकड रखा था की वो छुड़ा ही नहीं पायी और मैं तो उसके चेहरे पर बैठा था और मेरे वजन को हटा पाना उसके बस का नहीं था, वो सिस्कार उठी,उसके शरीर में तरंगें उठने लगी और फिर उसे ऐसा लगा की पुरे शरीर में करंट लग गया है वो अकड़ गयी और उसकी चूत हवा में उठ गयी, और वो झड़ने लगी, उसकी चूत में से रस दनादन बहकर बाहर आने लगा , ऋतू ने उसे फिर भी नहीं छोड़ा और उसके उठते हुए चूतडों के साथ वो भी उठ गयी और रसपान जारी रखा, ऋतू ने पीछे से एक हाथ आगे करके मेरी गांड में ऊँगली डाल दी, मेरे लिए ये काफी था, मेरा भी लंड अपना रस छोड़ने लगा, और पूजा ने भी कोई गलती नहीं की और मेरा सारा रस पी गयी, जब सब कुछ शांत हो गया तो मैं उसके ऊपर से हट गया, ऋतू ने भी उसकी चूत से अपना मुंह हटा लिया और खड़ी हो गयी, उसका पूरा चेहरा पूजा के रस से भीगा हुआ था, पूजा का चेहरा भी लाल सुर्ख हुआ पड़ा था, पर उसकी आँखों में एक अलग ही चमक थी.
"वाउ ...ये तो बहुत ही मजेदार था, मुझे तो काफी अच्छा लगा" मैंने कहा.
"मुझे तो ये विश्वास ही नहीं हो रहा है की हमने ये सब किया"...पूजा ने खुश होते हुए कहा.
"it was wonderfull " मैंने कहा और आगे बढकर पूजा के होंठों को चूम लिया.
मेरे चूमते ही पूजा ने अपने हाथ मेरी गर्दन के चारों तरफ लपेट दिए और मुझे फ्रेंच किस करने लगी, उसके अधीर होठों ने मेरे होंठ पकड़ लिए और चूसने लगी, वो काफी गरम थे, उसकी जीभ मेरे मुंह के अन्दर जाकर डांस करने लगी. उसके कठोर चुचे मेरे नंगे सीने से टकरा कर चूर-२ हो गए, मेरा एक हाथ अपने आप उनपर चला गया, वो थोडा पीछे हुई और हम दोनों बेड पर गिर पड़े और उसका नाजुक सा शरीर मेरे अन्दर मचलने लगा.
ये सब देखकर ऋतू आगे आई और हमें अलग करते हुए कहा..."चलो चलो..बहुत हो गया, आज के लिए इतना ही काफी है, भैया तुम अपने रूम में जाओ अब"
मैंने अनमने मन से अपने कपडे पहने और अपने रूम में आ गया और छेद से देखने लगा, ऋतू ने एक छलांग लगाकर अपना चेहरा पूजा की चूत पर टिका दिया था और अपनी चूत उसके चेहरे पर, और फिर दोनों 69 की पोज़ीशन में एक दुसरे को चूसने लगी, मैंने भी अपना लंड निकालकर हिलाना शुरू कर दिया और सोचने लगा, काश मैं भी वहीँ पर होता. जल्दी ही सभी झड गए और सोने चले गए.
*****
अगली सुबह जब मैं उठा तो मैंने भाग कर अपनी आँख छेद पर लगा दी, मैंने देखा की वो दोनों उठ चुकी हैं और दोनों के मुंह एक दुसरे की चूत में चिपके हुए हैं . मैं अपने रूम से निकला और चुपके से उनके रूम में दाखिल हो गया, ऋतू का चेहरा दरवाजे की तरफ था और वो पूजा के ऊपर लेती हुई थी, पूजा का चेहरा ऋतू की मांसल जांघों के बीच पिस रहा था, ऋतू बड़ी बेरहमी से अपनी चूत पूजा के मुंह पर रगड़ रही थी,पूजा भी उसकी चूत चाटने में और अपनी चटवाने में बिज़ी थी.
मैं थोडा आगे आया और बेड के पास आकर खड़ा हो गया, ऋतू को मेरे आने का आभास हो गया और उसने चेहरा उठाकर मुझे देखा और मुस्कुरा दी, मैंने भी मुस्कुराते हुए अपना पायजामा नीचे गिरा दिया और अपना खड़ा हुआ लंड उसे दिखाया, मैं अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपना मुंह पूजा की चूत पर टिका दिया, ऋतू अपने एक हाथ से पूजा की क्लिट मसल रही थी और मैं पूजा की रसीली चूत को साफ़ करने में लग गया, अपनी चूत पर हुए अलग तरह के अटैक से पूजा सिहर उठी और उसने भी ऋतू की चूत पर दोगुने जोश से हमला बोल दिया, और फिर दोनों झड़ने लगी, मैंने अपने मुंह पर पूजा के रस का सैलाब महसूस किया और उसे पीने में जुट गया, पूजा भी ऋतू के रस से नहा चुकी थी और अपने मुंह से उसकी चूत को चाटने में लगी हुई थी. ऋतू झड कर साइड में हो गयी पर मैंने पूजा की चूत को नहीं छोड़ा, पूजा ने नोट किया की ऋतू तो उसके ऊपर से उतर चुकी है फिर भी उसकी चूत पर किसी का मुंह लगा हुआ है, वो झटके से उठी और मुझे देखकर उछल ही पड़ी,..."अरे...तुम....तुम्म कब आये., ये क्या कर रहे हो ?"
"नाश्ता !!" मैंने कहा.
"चलो इसका लंड चूसते हैं" ऋतू ने पूजा की तरफ देखकर कहा और मेरे सामने आकर बैठ गयी और अपना मुंह खोलकर मेरे फड़कते हुए लंड को अन्दर ले लिया और उसे चूसने और चाटने लगी .
josef
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Re: Incest लंड के कारनामे - फॅमिली सागा

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पूजा बड़ी हैरानी से ये सब देख रही थी, उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था की ऋतू अपने सगे भाई का लंड इतने मजे से अन्दर ले रही है, वो अपना मुंह फाड़े ये सब अनहोनी होते देख रही थी.
"अरे देख क्या रही हो, इधर आओ और मेरी मदद करो" ऋतू ने मेरे लंड के सिरे पर अपनी जीभ फिराते हुए कहा.
पूजा थोड़ी हिचकिचाई पर मेरे लम्बे लंड को देखकर उसके मुंह में भी पानी आ गया और वो भी नंगी उठ कर ऋतू के साथ ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ गयी और दोनों ने एक साथ मेरे लंड को सताना शुरू कर दिया, दोनो बारी-२ से मेरे पप्पू को अपने मुंह में लेकर लोलीपॉप की तरह चूस रही थी, फिर उन्होंने ने दोनों तरफ से मेरे लंड के चारो तरफ अपने रसीले होंठ फिराने शुरू कर दिए.
उनके गीले होंठो के बीच मेरा लंड पिस कर रह गया, वो दोनों उसे mouth organ की तरह बजा रहे थे, और मेरे लंड को अपने मुंह में रखकर दोनों ने फ्रेंच किस करना शुरू कर दिया, मेरी तो टांगे ही कांपने लगी, जिस तरह का ट्रीटमेंट वो दोनों मेरे पप्पू को दे रहे थे वो उसे सेहन नहीं हुआ और उसने अपना गर्म लावा उगलना शुरू कर दिया, दोनो में होड़ लग गयी की कौन ज्यादा से ज्यादा मेरा रस पीता है और इस तरह मेरी एक-२ बूंद निचोड़ ली कमीनियों ने..मेरा लंड मुरझाकर उनके होंठों से निकल कर बाहर आ गया, पर फिर भी दोनों ने अपनी किस नहीं तोड़ी, वो शायद एक दुसरे के मुंह में मेरा रस ढूंड रहे थे.
"मैं चलता हूँ.." मैंने धीरे से कहा और अपना पायजामा ऊपर करके बाहर निकल गया, वो दोनों अभी भी एक दुसरे में बिज़ी थी.
नीचे नाश्ते की मेज़ पर टेबल पर दोनों बच्चो की तरह बिहेव कर रही थी, बात-२ पर हंस रही थी पर कुछ भी ऐसा आभास नहीं दे रही थी की हम सबके बीच रात को और सुबह में क्या-२ हुआ. मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था, की जैसा हमने सोचा था सब वैसा ही हुआ बल्कि उससे भी अच्छा हुआ क्योंकि पैसो के साथ - साथ पूजा ने उसका लंड भी चूसा और अपनी चूत भी चुस्वायी..मुझे आज अपने आप पर गर्व हो रहा था.
शाम को मैं और ऋतू अपने कमरे में बैठ कर आगे के बारे में बातें कर रहे थे की कैसे ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाए जाएँ, मैंने ऋतू से कहा की मैं अपने दोस्तों को तुम्हारा और पूजा का शो दिखाने के ज्यादा पैसे चार्ज कर सकता हूँ, या फिर दूसरा आप्शन ये है की ऋतू अपनी चूत मेरे दोस्तों से चटवा ले.
ऋतू ने कहा की क्यों न वो अपनी दूसरी सहेलियों को भी मेरा हस्तमैथुन करता हुआ शो दिखाए या फिर मैं उसकी सहेलियों की चूत चाटूं..
"मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है" मैंने कहा.
"या फिर मुझे लगता है की हमें दोनों काम करने चाहियें, हमें तो पैसो से मतलब है न, फिर जहाँ से मर्जी आयें...है न." ऋतू बोली
"ह्म्म्म हाँ.." मैंने सोचते हुए कहा.
"पर क्या पूजा इन सबके लिए राजी होगी..?". मैंने ऋतू से पूछा.
"अगर तुम उसकी चूत फ्री में चाट कर झाड दो तो जरूर राजी हो जाएगी..हा हा " ऋतू ने हँसते हुए कहा.
रात को डिन्नर के टाइम पापा ने बताया की इस बार वो दोनों हमें भी अपने साथ जंगल कैंप पर ले जायेंगे..क्योंकि पिछले साल भी कुछ लोग अपने बच्चों को लेकर आये थे तो वो भी अपने बच्चों को अपने साथ लेकर जाना चाहते हैं.
साथ ही उन्होंने बताया की उनका छोटा भाई अजय और उनकी पत्नी आरती अपनी बेटी नेहा को भी साथ ला रहे हैं.चाची के बारे में सुनकर मैं खुश हो गया, हम काफी समय से उनसे नहीं मिले थे, वो काफी आकर्षक थी, खासकर उनकी चूचियां, बड़ी-२ और उठी हुई. नेहा लगभग 15 -16 साल की थी, उसे भी काफी समय से नहीं देखा था. मजा आएगा, मैंने मन ही मन सोचा.
"अरे वाह ...क्या सच में आप हम दोनों को अपने साथ लेकर चलोगे..." ऋतू ने ख़ुशी के मारे उछलते हुए कहा.
"हाँ हाँ बिलकुल..." ऋतू के पापा संदीप ने अपनी पत्नी पूर्णिमा की तरफ देखते हुए कहा.
"ओह्ह पापा यू अरे ग्रेट..."मैंने उठ कर पापा के गले लग गया, ऋतू भी उठी और हम दोनों से लिपट गयी मेरा हाथ सीधा ऋतू की गांड से टकराया और मैं उसे दबाने लगा, मम्मी भी आकर हमारे साथ बीच में घुस गयी अब मेरे दूसरी तरफ मम्मी थी और मेरा हाथ सीधा उनकी नंगी कमर पर था, उन्होंने साडी पहन रखी थी, मेरे पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी अपनी माँ की नंगी कमर को पकड़ने मात्र से...
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josef
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Re: Incest लंड के कारनामे - फॅमिली सागा

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अगले दिन ऋतू को स्कूल छोड़ने जाते समय मैंने उससे आगे के लिए बात की, हम सोच रहे थे की जाने से पहले कैसे ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाए जाएँ, हम दोनों ने निष्कर्ष निकाला की हम अपने दोस्तों से बात करेंगे और देखेंगे की क्या हो सकता है.
शाम को मैंने ऋतू को बताया की मैंने सन्नी और विकास से बात कर ली है और वो ऋतू और पूजा को एक साथ नंगा देखने के लिए 2500 देने को तैयार हैं यानी एक शो के पांच हजार रूपए. और साथ ही साथ ये भी कहा है की अगर वो ऋतू की चूत भी चाटना चाहते हैं तो उसके पांच हजार रूपए लगेंगे..उन्होंने पहली बात तो झट से मान ली पर 5000 का नाम सुनकर बोले की ये तो बहुत ज्यादा है, वो फिर कभी कर लेंगे अभी तो सिर्फ दो नंगी लड़कियों को नंगा देखना चाहते हैं.
ऋतू बोली की उसने भी एक-दो लड़कियों से बात की है पर किसी ने अभी तक पक्का नहीं किया है.
इसलिए हमने तय किया की अगले दिन दोपहर को स्कूल से आने के बाद हम ये शो करेंगे, मम्मी पापा के आने से पहले.
ये सब बातें करते -२ हम दोनों काफी उत्तेजित हो चुके थे, मैंने उसकी स्कर्ट को उठाया और उसे डायनिंग टेबल के ऊपर झुकाकर उसकी कच्छी उतार दी और अपना मुंह उसकी रस टपकाती चूत पर टिका दिया, वो मचल पड़ी और उसके मुंह से सिसकारी फुट पड़ी.
आआआआआआआआआआआआआह .म्म्म्मम्म्म्मम्म chhhhhhhhhhhhhhhhhaaaaaaaaaaaaatooooooooo जूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊर सीईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआआआआआआआआआआअह ..
मेरी लम्बी जीभ उसकी चूत कुरेदने में लग गयी, मैंने हाथ ऊपर करके उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और और झटके से उसके कंधो से शर्ट के साथ - २ उसकी ब्रा के स्ट्रेप भी उतार दिए, उसके गोरे मुम्मे बाहर उचल पड़े और वो आगे की तरफ झुक कर टेबल पर आधी लेट गयी, टेबल का ठंडा कांच उसके मुम्मो को मसल रहा था और उसके शरीर में सिहरन दौड़ा रहा था, उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी की मैं सारा रस पी ही नहीं पा रहा था, वो बहकर जांघो से होता हुआ नीचे तक जा रहा था, मैंने उसका रस टांगो के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया उसकी टाँगे रस से भीगकर लसीली हो चुकी थी फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी टाँगे चाटना शुरू कर दिया तो वो पागल ही हो गयी, उसे गुदगुदी भी हो रही थी, उसने पलटकर मेरी तरफ मुंह किया और मेरा सर पकड़कर जोर से चीख मरने लगी...
यीईईईईईईईईईईईईई क्याआआआआआआआआआआआ...........कर रहे हूऊऊऊऊऊऊऊओ ........
मैंने टाँगे चाटते हुए उसका पैर उठाकर अपने चेहरे के सामने किया और उसकी पैर की छोटी-२ उँगलियों को अपने मुंह में लेकर चुबलाने लगा, वो उत्तेजना के मारे दोहरी हो गयी और उसने उसी पैर को मेरे सीने पर दबाव देते हुए मुझे नीचे जमीन पर लिटा दिया और उछालकर मेरे मुंह पर बैठ गयी, और दूसरी तरफ झुककर मेरे लंड को आजाद किया और चूसने लगी, मेरे लिए अब सहन करना मुश्किल हो रहा था, मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया, वो समझ गयी और अपने होंठ मेरे मुंह में देते हुए अपनी चूत मेरे लंड पर टिका दी, हम दोनों के मुंह से gooonnnnnnnnnnn gooooonnnnnnnn की आवाज निकली और मैंने नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए, जल्दी ही मैं झड़ने के कगार पर आ गया और मैंने अपना चुम्बन तोडा,,वो फिर पहली जैसे अवस्था में आ गयी और अपनी गीली चूत मेरे मुंह में डालते हुए मेरा रसीला और अपने ही रस में डूबा लंड चूसने और चाटने लगी, मेरे लंड ने जल्दी ही फायरिंग करनी शुरू कर दी.
माआआआआऐन्न्न aaaaaaaaaaaaaaaaayyyyyyyyyyyyyyyyaaaaaaaaaaaa आआआआआआआह ...
और वो सब कुछ निगलती चली गयी, मेरा मुंह भी उसके काम रस से लबालब भर गया और हम गहरी साँसे लेते हुए वोंही आधे नंगे लेटे रहे..
तभी मैंने मम्मी की कार की आवाज सुनी और हमने जल्दी से अपने कपडे समेटे और ऊपर की तरफ भाग लिए, बेल की आवाज सुनकर मैं सिर्फ अपनी शोर्ट्स जल्दी से पहन कर नीचे आया और दरवाजा खोला, मैंने ऊपर कुछ नहीं पहन रखा था, मम्मी ने मेरा गठीला शरीर देखा और बोली ऐसे क्यों घूम रहे हो तो मैंने कहा अपने रूम में एक्सर्साईज़ कर रहा था उन्होंने ऋतू के बारे में पूछा तो मैंने कहा शायद वो अपने रूम में पढाई कर रही है, और फिर भाग कर ऊपर अपने कमरे में आ गया, छेद में से झांककर देखा तो ऋतू कपडे चेंज कर रही थी नीचे जाने के लिए.
*****

अगली दोपहर मैं, सन्नी और विकास ३ बजे घर आ गए, थोड़ी ही देर में हमने ऋतू और पूजा को भी घर में दाखिल होते देखा, हम पहले ही अपने कमरे में छुप गए थे, और छेद से देख रहे थे, उन दोनों ने आते ही अपने कपडे उतारना शुरू कर दिया और २ मिनट में ही नंगी खड़ी हो गयी. सन्नी और विकास बारी-२ से देख रहे थे की कैसे वो दोनों नंगी होने के बाद फ्रेंच किस कर रही हैं, एक दुसरे के चुचे दबा रहीं हैं, वो दोनों तो पूजा का नशीला शरीर देखकर बिफर ही गए..उन्होंने ऐसी "ब्लैक ब्यूटी" नहीं देखी थी, जिसके दूध इतने बड़े और गांड इतनी चोडी हो और साथ ही बला की खुबसूरत भी हो..ऋतू की चमकती त्वचा के सामने वैसे तो पूजा कुछ भी नहीं थी पर हर किसी का अपना टेस्ट है..
वो दोनों अब 69 की अवस्था में आ चुकी थी और एक दुसरे की रसमलाई चाटने में लगी हुई थी..
"अरे देख यार, कैसे साली ये दोनों एक दुसरे की चूत चाट रही है...भेंन चोद...मेरा मन कर रहा है की दोनों रंडियों को गली में लेजाकर चोदुं और पूरी दुनिया इनकी चुदाई देखे.." सन्नी ने ऋतू को देखते हुए कहा.
मैं अपनी बहन के बारे में ये सब सोचकर गुस्से होने के बजाये ये सब होने के बारे में सोचकर अपने ख्याल बुनने लगा.
मैंने धीरे से सन्नी के कान में कहा "तुम चाहो तो इसकी चूत तुम भी चाट सकते हो" मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए गर्म लोहे पर चोट मारी.
"इस बात की क्या गारंटी है की वो तुम्हारी बात मान जाएगी..." सन्नी ने कुछ सोचते हुए कहा
"अगर मैं नहीं कर पाया तो तुम मुझे 5000 रूपए मत देना." मैंने कहा
"और दूसरी वाली के बारे में क्या ख्याल है...क्या वो भी चूसने देगी" अब विकास बोला, उसे काला माल ज्यादा पसंद आ रहा था.
josef
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"उसके बारे में मैं ये कह सकता हूँ की उससे मैं अपना लंड चुसवा सकता हूँ, अगत तुम उसे मेरा लंड चूसते हुए देखना चाहते हो तो तुम्हे 2000 रूपए देने होंगे, अगर मैंने ये कर दिया और फिर तुम्हारा मूड चेंज हो जाए तो तुम मेरी बहन की चूत चाट सकते हो और टोटल 5000 रूपए दे सकते हो," मैंने एक नया पैकेज उन्हें दिया.
"ठीक है, मुझे मंजूर है, और अगर तुम ये सब ना कर पाए तो तुम्हे इसके दुगने पैसे हमें देने होंगे." विकास ने कहा.
"मुझे मंजूर है" मैंने खुश होते हुए कहा.
"कल दोपहर को मैं तुम्हे ये सब होते हुए दिखा दूंगा." मैंने उन दोनों से कहा.
तब तक तुसरे रूम में रस का सैलाब आ चूका था और दोनों ने बिना कोई वक़्त गवाएं सारा पानी चाट कर सफा कर दिया और फिर दोनों कपडे पहन कर पड़ने के लिए बैठ गयीं.
उसी रात मैं होले से ऋतू के कमरे मैं घुस गया और उसकी रजाई में जाकर लेट गया, वो मेरा ही इन्तजार कर रही थी....पूरी नंगी.
मैंने अपने शोर्ट्स उतारा और वो मेरा लंड चूसने में लग गयी, मैंने उसे बताना शुरू किया की हमारी क्या-२ बातें हुई और मैं ये सब कैसे करने वाला हूँ, और कैसे मेरे दोस्त उसकी चूत को चूसेंगे,...वो मेरी बात सुन रही थी और मेरा लंड चूसती जा रही थी, मेरे दोस्तों द्वारा अपनी चूत चाटने की बात सुनकर उसकी चूसने की स्पीड बढ गयी और वो दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़कर अन्दर बाहर करने लगी मैंने अपना गाढ़ा वीर्य उसके दहकते हुए मुंह में झोंक दिया. और वो सारा रस पी गयी.
इसके बाद मैं वापिस अपने रूम में आकर लेट गया.
*****

अगले दिन, सभी कुछ वैसे ही हुआ, हम तीनो उन दोनों का इन्तजार कर रहे थे वो कल की तरह आयीं और आते ही शुरू हो गयी, मैंने अपने दोस्तों से कहा की वो छेद से देखते रहें और मैं धीरे से अपने कमरे से निकलकर दुसरे रूम में आ गया.
उन्होंने देखा की मैं रूम में पहुंचकर नंगा हो गया हूँ और मेरा लंड खड़ा हुआ है, मैं धीरे से आगे आया और बेड पर 69 की अवस्था में लेती हुई ऋतू और पूजा के पास आकर खड़ा हो गया. ऋतू ऊपर थी और पूजा नीचे.
मैंने एक हाथ बढाकर ऋतू को पूजा की चूत से हटा दिया और अपना लंड लेटी हुई पूजा के खुले हुए मुंह में डाल दिया. वो पहले तो चोंक गयी पर फिर उसने मेरा लंड जोर शोर से चुसना शुरू कर दिया, ऋतू अभी भी पूजा की चूत चूसने में लगी हुई थी.
मैंने छेद की तरफ मुंह करके उन दोनों को भी इशारा किया की वो इस रूम में आ जाएँ.
जब वो दोनों रूम में आये तो ऋतू दरवाजे के पीछे खड़ी हुई नंगी ही उनका वेट कर रही थी, उसने दोनों को चुपके से दीवार के सहारे सटा दिया और बिना कोई आवाज करे अपने पीछे आने को कहा.
वो दोनों आगे आये और बेड पर नंगी लेटी हुई पूजा की तरफ देखने लगे, उसकी गुलाबी रंग की चूत काली टांगो के बीच चमक रही थी, और आँखें बंद करे वो मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी उसकी दोनों पहाड़ियां और उनपर चमकते दो मोती क़यामत ढा रहे थे.
विकास की नजरें तो पूजा के शरीर से हट ही नहीं रही थी, सन्नी ऋतू के नंगे शरीर का आँखों से बलात्कार करने में लगा हुआ था.
josef
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Re: Incest लंड के कारनामे - फॅमिली सागा

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ऋतू की चूत भी अपने को चुस्वाने के लिए मचल रही थी, उसने पूजा और अपनी चूत की तरफ इशारा करके दोनों को अपनी चोइस लेने को कहा, विकास बिना वक़्त गवाएं पूजा की चूत को चाटने लगा, और अपनी लम्बी जीभ से उसे कुरेदने लगा.
जब ऋतू ने ये देखा तो वो धीरे से बेड पर पूजा की बगल में लेट गयी और हवा में अपनी टांगें उठा कर अपने हाथों से परों को पकड़ लिया और उसकी चूत खुल कर सामने आ गयी, सन्नी के लिए ये निमंत्रण बहुत था वो भी लपक कर अपने मुंह से ऋतू की चूत पर पिल पड़ा.
पुरे कमरे में तरह -२ की आवाजें गूंज रही थी...आआआआआआआह mmmmmmmssssssssssssss चाआआआआआआआआआआआआतो sssssssssssss चाआआअतो मेरी चूऊऊऊऊऊउत .........ऋतू बोली........

ऋतू की आवाज सुनकर पूजा ने नोट किया की ऋतू तो बेड पर लेटी अपनी चूत चुसवा रही है फिर भी उसकी चूत कोई चाट रहा है और उसके भाई का लंड तो उसके मुंह में है और वो खड़ा है...वो थोडा उठी और उसने परिस्थितियों का अवलोकन किया...फिर सब समझ कर उसने सब कुछ भगवान् भरोसे छोड़ दिया और मेरा लंड और जोर से चूसने में लग गयी..
मैं देख रहा था की कैसे विकास उसकी चूत को खाने में लगा हुआ है वो थोडा नीचे हुआ और अपने पेनी जीभ पूजा की गांड के छेद पर भी फिराने लगा, वो मेरा लंड मुंह में लिए मचल उठी..
दूसरी तरफ, ऋतू की चूत पर नया मुंह लगने की वजह से वो कुछ ज्यादा ही गरम हो चुकी थी और उसने अपने पैरों से सन्नी की गर्दन के चरों तरफ फंदा बना डाला था, और अपनी चूत उससे चुस्वाने में लगी हुई थी..उसने मेरी तरफ देखा और मेरी तरफ अपने होंठ गोल करके एक फ्लाईंग किस किया.
मैं अपने चारों तरफ उत्तेजना का नंगा नाच देखकर झड़ने के करीब पहुँच गया और मेरा लंड फूलकर और लम्बा हो गया , मैं अब पूजा के कोमल चेहरे को बड़ी बेरहमी से चोदने लगा.
जब मेरा वीर्य निकला तो वो सारा ऐसे पी गयी जैसे बच्चा कोल्ड्ड्रिंक पीता है. वो कुतिया आखरी बूंद भी निचोड़ कर ले गयी मेरे लंड से.
"तुम दोनों अब अपनी जगह बदल लो" मैंने सन्नी और विकास को कहा.
पूजा ने उठने की कोशिश की पर मैंने उसे वापिस लिटा दिया और कहा की घबराने की कोई बात नहीं है, ये सब किसी को पता नहीं चलेगा, तुम बस एन्जॉय करो...और मैंने उसके कान में कहा (तुम्हे इसके पैसे भी नहीं देने होंगे).
वो कुछ कहना चाहती थी पर तभी सन्नी, जो अब उठकर उसकी टांगो के बीच पहुँच चूका था, ने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी और वो सब कुछ भूलकर फिर से चूत चुस्वाने में मस्त हो गयी.
विकास ने भी अपना मुंह मेरी बहन की चूत में दे मारा और उसे काफी तेजी से चाटने लगा....
दोनों की चीखें गूंज रही थी कमरे में.
aaaaaaaaaaaaaaaaaahhhhhh आआआआआआआआआअ........ cccccccchhhhhhhhaaaaaaatttoooooo aaaaaaaassssssssssssssss ....mmmmmmmmm जीभ सीईईईईईईईई........ चाआआआआआअतो .......और तेज........और तेज......... आआआआआअह आआआआआह आआआआआआआआआअह..... मैं तो गयीईईईईईईईईईईईईईई .......और ऋतू झड़ने लगी, विकास ने सारा रस पी लिया.
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