उस दिन की प्रेमलीला के बाद ज़ब अमन, सुरेश, सोनाली और नंदिनी जब अपने अपने कमरों में लौटे तो उन्हें पता नहीं था की आने वाला एक हफ्ता अब पूरा सूखा सूखा बीतेगा. क्यूंकि दूसरे दिन सुबह ही बदकिस्मती से मामा जी के घर में और भी कुछ रिश्तेदार आ गये... वो होते हैं ना, दूर के चाचा मौसा और ना जाने क्या क्या और कौन कौन. खैर तो बात ये थी की इन बेचारे भाई बहन जोड़ो की मुसीबत हो गई. पहले जिस तरह अमन और सुरेश रात को सोनाली और नंदिनी के कमरे में धड़ल्ले से चले जाते थें और रात बिता कर सुबह या फिर आधी रात तक चुपके से वापस अपने कमरे में आ जाते थें... वो तो अब होने से रहा. घर में इतने मेहमान हो गये थें की हर वक़्त कोई ना कोई जागता घूमता रहता था. और ये सब तब हुआ था जब इन सगे भाई बहनों में प्यार पनपना बस शुरू ही हुआ था. उससे भी बुरा ये हुआ था की जब से नंदिनी के Periods ख़त्म हुए थें, वो बेचारी चुदवाने को मरे जा रही थी. वहीँ दूसरी ओर उसकी चूत मारने के लिए ना सिर्फ उसका फूफेरा भाई अमन बाट जोह रहा था बल्कि अब तो उसका अपना सगा भाई सुरेश भी कतार में था. अब तो बस ये चारों भाई बहन राह देख रहें थें की कब ये अनचाहे मेहमान घर छोड़ कर जाये और उनकी गर्मी की बाकि बची छुट्टीयाँ बर्बाद होने से बच जाये !
नो सेक्स का आज 10वा दिन था. सुबह के दस बजे थें और अमन अपने रूम में सो रहा था.
" भैया उठो ! भैया... ".
नींद उचट गई तो आँखे खुलते ही अमन ने बिस्तर के पास अपनी बहन सोनाली को उसे जगाते हुए पाया. अपनी बहन को देखते ही उसने परेशान सा मुँह बनाया और फिर से अपनी आँखे मुंद कर सोने की कोशिश करने लगा.
" उठो ना भैया... आपको कुछ दिखाना है ! ". सोनाली ने अबकी बार अपने भाई को झकझोरना शुरू किया.
" What यार ? ". अमन ने जबरदस्ती अपनी आँखे खोली तो अपनी बहन को एक सुंदर सी गहरे लाल रंग की साड़ी में देखकर समझ गया की उसकी बहन उसे क्या दिखाने आई थी. " Wow... अच्छी साड़ी है... अब जाओ. ". अमन ने ब्यंगात्मक स्वर में कहा.
सोनाली को पता था की उसका भाई ऐसे नहीं मानने वाला. उसने इस बार बिना कुछ कहे अपनी पूरी ताकत लगाकर अमन का भारी शरीर खींच कर उसे उठा दिया और लगभग उसे बिस्तर से घसीटते हुए नीचे ज़मीन पर उतार दिया.
" क्या है ये सब यार ??? ". अमन झल्लाया.
" भैया आओ ना मेरे साथ... प्लीज् ! ". सोनाली अपने भाई का हाथ पकड़ कर उसे कमरे से बाहर ले गई.
बेमन से अपनी बहन के साथ चलते चलते अमन को पता नहीं था की वो उसे वहीं पास के नीचे फ्लोर के सिंगल कॉमन बाथरूम तक ले जाएगी.
" अब देखो... फ्री का शो... ". बाथरूम के पास पहुँच कर सोनाली रुक गई. बाथरूम का दरवाजा 6 इंच भर का खुला हुआ था.
दरवाजे के उसी फांक से अमन ने बाथरूम के अंदर का नज़ारा देखा तो उसके होश उड़ गये, नींद से भारी अधखुली आँखे फ़ैल कर बड़ी हो गई. अंदर का दृश्य ही कुछ ऐसा था ! बाथरूम फ्लोर पर नंदिनी बिल्कुल नंगी अपनी टांगे खोले बैठी पेशाब कर रही थी और सामने नंगा खड़ा उसका सगा भाई सुरेश उसे देखकर मूठ मार रहा था !!!
" Fuck यार !!! ये लोग पागल हो गये हैं क्या ??? ". अमन ने अपनी बहन की ओर देखते हुए कहा, उसकी आँखों में आश्चर्य और डर दोनों थें. " दिन के वक़्त ऐसे खुले आम... यार इनकी वजह से हम दोनों भी पकड़े जायेंगे ! "
" इतना डरते क्यूं हो भैया ? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ऐसे प्यार करोगे नंदिनी से... और मुझसे भी ??? ".
" Are You Mad सोनाली... रोको उन्हें ! ". कहते हुए अमन खुद ही उन्हें टोकने के लिए आगे बढ़ा तो सोनाली ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया.
" भैया Relax... घर खाली है !!! ".
अमन ने अपनी बहन को सवालिया नज़रों से देखा तो सोनाली ने कहना शुरू किया.
" घर के सारे लोग पास के ही एक गांव गये हैं... नंदिनी के लिए लड़का देखने. इसलिए तो इतने सारे रिश्तेदार आये हुए थें... ".
सोनाली को लगा की अमन खुश होगा ये सुनकर की घर अभी पूरी तरह से खाली है, पर अमन की तो जैसे दिल की धड़कन ही रुक गई हो.
" नंदिनी की शादी के लिए ??? ".
अमन का चौंकना जायज़ था क्यूंकि वो नंदिनी से बेहद प्यार करता था.
" अरे ऐसा कुछ भी नहीं है भैया... आप क्यूं फ़िक्र करते हो ? ". अपने भाई की मनःस्थिति समझते ही सोनाली ने उसे पुरे आत्मविश्वास से भरे लहजे में दिलासा दिया. " नंदिनी बता रही थी की ये नौटंकी तो दो तीन साल से चल रही है... लड़के देखना वगैरह. आप अभी Relax रहो भैया वो कम से कम और चार पांच साल तो ऐसे ही मैनेज कर ही लेगी ! ".
" सच ??? Are You Sure... ". अमन को अपनी बहन की कही एक एक बात पर यकीन था, उसकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा, पर उसने अपने चेहरे के भाव छुपा लिए.
" हाँ बाबा... सच्ची ! ".
" और घर में कोई नहीं है... बस हम लोग ही अकेले ??? ".
" Yes भैया... नंदिनी बोल रही थी की सभी रात तक लौट आयेंगे. तभी देखो ना दोनों मौका मिलते ही बाथरूम में ही शुरू हो गये ! ".
अमन अब एकदम से सहज़ हो चुका था और फिर वो और उसकी बहन दोनों चुपके चुपके बाथरूम में झाँकने लगें.
अंदर बाथरूम में ज़मीन पर बैठी नंदिनी अपनी गर्दन ऊपर किये अपने भैया की आँखों में एकटक देखते हुए पेशाब कर रही थी. अभी बेचारी ठीक से मूत भी नहीं पाई थी की अचानक उसके भाई ने उसे अपने हाथों में थाम कर उठाया और अपने सामने खड़ा कर लिया, फिर उसे अपनी बाहों में दबोचे बेतहाशा चूमने लगा. नंदिनी के टांगों के बीच से पेशाब निकलती रही, जो की उसकी जाँघों को भिगोते हुए नीचे उसके खुद के और सुरेश के पैरों पर गिरते हुए ज़मीन पर फैलने लगी.
" वैसे भैया... नंदिनी की शादी ना होने से आपको इतना खुश होने की ज़रूरत नहीं. लगता है अब उसे आपसे ज़्यादा अपना सगा भाई पसंद आने लगा है !!! ". सोनाली ने अपने भाई को चिढ़ाते हुए कहा.
उधर सुरेश और नंदिनी होंठ से होंठ सटाये अब स्मूच करने लगे थें. सुरेश ने अपना एक हाथ अपनी बहन के पेट से होते हुए नीचे सरका कर उसकी गदराई जाँघों के बीच डाल दिया. नंदिनी का मूतना बंद हो गया. अमन और सोनाली समझ गये की सुरेश ने अपनी बहन की चूत में ऊँगली पेल दी होगी !!!
" अगर ऐसा हुआ तो तुम भी तो सुरेश को खो दोगी बहना प्यारी ! ". अमन ने अपनी बहन को जवाब देते हुए कहा. " पर Don't Worry... फिर मैं तुमसे शादी कर लूंगा ! ".
" धत्त भैया... कुछ भी बोलते हो आप ! ". सोनाली लजा गई.
" छोड़ो... उन्हें डिस्टर्ब नहीं करते हैं ! ". कहते हुए अमन ने लपक कर अपनी बहन को गोद में उठा लिया.
" भैया छोड़ो... गिर जाउंगी ! ". सोनाली हँसते हुए नीचे उतरने की कोशिश करने लगी.
अमन उसे अपनी गोद में उठाये हुए ही अपने कमरे की ओर वापस चल दिया. " वैसे साड़ी में जंच रही हो... बताया नहीं आज अचानक साड़ी पहनने का इरादा कैसे बनाया ??? मेरे लिए है क्या... ".
" चलो बताती हूँ भैया... ".......................