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Adultery गंदी गंदी कहानियाँ

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Masoom
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Re: Adultery गंदी गंदी कहानियाँ

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Re: Adultery गंदी गंदी कहानियाँ

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उस दिन की प्रेमलीला के बाद ज़ब अमन, सुरेश, सोनाली और नंदिनी जब अपने अपने कमरों में लौटे तो उन्हें पता नहीं था की आने वाला एक हफ्ता अब पूरा सूखा सूखा बीतेगा. क्यूंकि दूसरे दिन सुबह ही बदकिस्मती से मामा जी के घर में और भी कुछ रिश्तेदार आ गये... वो होते हैं ना, दूर के चाचा मौसा और ना जाने क्या क्या और कौन कौन. खैर तो बात ये थी की इन बेचारे भाई बहन जोड़ो की मुसीबत हो गई. पहले जिस तरह अमन और सुरेश रात को सोनाली और नंदिनी के कमरे में धड़ल्ले से चले जाते थें और रात बिता कर सुबह या फिर आधी रात तक चुपके से वापस अपने कमरे में आ जाते थें... वो तो अब होने से रहा. घर में इतने मेहमान हो गये थें की हर वक़्त कोई ना कोई जागता घूमता रहता था. और ये सब तब हुआ था जब इन सगे भाई बहनों में प्यार पनपना बस शुरू ही हुआ था. उससे भी बुरा ये हुआ था की जब से नंदिनी के Periods ख़त्म हुए थें, वो बेचारी चुदवाने को मरे जा रही थी. वहीँ दूसरी ओर उसकी चूत मारने के लिए ना सिर्फ उसका फूफेरा भाई अमन बाट जोह रहा था बल्कि अब तो उसका अपना सगा भाई सुरेश भी कतार में था. अब तो बस ये चारों भाई बहन राह देख रहें थें की कब ये अनचाहे मेहमान घर छोड़ कर जाये और उनकी गर्मी की बाकि बची छुट्टीयाँ बर्बाद होने से बच जाये !

नो सेक्स का आज 10वा दिन था. सुबह के दस बजे थें और अमन अपने रूम में सो रहा था.

" भैया उठो ! भैया... ".

नींद उचट गई तो आँखे खुलते ही अमन ने बिस्तर के पास अपनी बहन सोनाली को उसे जगाते हुए पाया. अपनी बहन को देखते ही उसने परेशान सा मुँह बनाया और फिर से अपनी आँखे मुंद कर सोने की कोशिश करने लगा.

" उठो ना भैया... आपको कुछ दिखाना है ! ". सोनाली ने अबकी बार अपने भाई को झकझोरना शुरू किया.

" What यार ? ". अमन ने जबरदस्ती अपनी आँखे खोली तो अपनी बहन को एक सुंदर सी गहरे लाल रंग की साड़ी में देखकर समझ गया की उसकी बहन उसे क्या दिखाने आई थी. " Wow... अच्छी साड़ी है... अब जाओ. ". अमन ने ब्यंगात्मक स्वर में कहा.

सोनाली को पता था की उसका भाई ऐसे नहीं मानने वाला. उसने इस बार बिना कुछ कहे अपनी पूरी ताकत लगाकर अमन का भारी शरीर खींच कर उसे उठा दिया और लगभग उसे बिस्तर से घसीटते हुए नीचे ज़मीन पर उतार दिया.

" क्या है ये सब यार ??? ". अमन झल्लाया.

" भैया आओ ना मेरे साथ... प्लीज् ! ". सोनाली अपने भाई का हाथ पकड़ कर उसे कमरे से बाहर ले गई.

बेमन से अपनी बहन के साथ चलते चलते अमन को पता नहीं था की वो उसे वहीं पास के नीचे फ्लोर के सिंगल कॉमन बाथरूम तक ले जाएगी.

" अब देखो... फ्री का शो... ". बाथरूम के पास पहुँच कर सोनाली रुक गई. बाथरूम का दरवाजा 6 इंच भर का खुला हुआ था.

दरवाजे के उसी फांक से अमन ने बाथरूम के अंदर का नज़ारा देखा तो उसके होश उड़ गये, नींद से भारी अधखुली आँखे फ़ैल कर बड़ी हो गई. अंदर का दृश्य ही कुछ ऐसा था ! बाथरूम फ्लोर पर नंदिनी बिल्कुल नंगी अपनी टांगे खोले बैठी पेशाब कर रही थी और सामने नंगा खड़ा उसका सगा भाई सुरेश उसे देखकर मूठ मार रहा था !!!

" Fuck यार !!! ये लोग पागल हो गये हैं क्या ??? ". अमन ने अपनी बहन की ओर देखते हुए कहा, उसकी आँखों में आश्चर्य और डर दोनों थें. " दिन के वक़्त ऐसे खुले आम... यार इनकी वजह से हम दोनों भी पकड़े जायेंगे ! "

" इतना डरते क्यूं हो भैया ? ". सोनाली ने हँसते हुए कहा. " ऐसे प्यार करोगे नंदिनी से... और मुझसे भी ??? ".

" Are You Mad सोनाली... रोको उन्हें ! ". कहते हुए अमन खुद ही उन्हें टोकने के लिए आगे बढ़ा तो सोनाली ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया.

" भैया Relax... घर खाली है !!! ".

अमन ने अपनी बहन को सवालिया नज़रों से देखा तो सोनाली ने कहना शुरू किया.

" घर के सारे लोग पास के ही एक गांव गये हैं... नंदिनी के लिए लड़का देखने. इसलिए तो इतने सारे रिश्तेदार आये हुए थें... ".

सोनाली को लगा की अमन खुश होगा ये सुनकर की घर अभी पूरी तरह से खाली है, पर अमन की तो जैसे दिल की धड़कन ही रुक गई हो.

" नंदिनी की शादी के लिए ??? ".

अमन का चौंकना जायज़ था क्यूंकि वो नंदिनी से बेहद प्यार करता था.

" अरे ऐसा कुछ भी नहीं है भैया... आप क्यूं फ़िक्र करते हो ? ". अपने भाई की मनःस्थिति समझते ही सोनाली ने उसे पुरे आत्मविश्वास से भरे लहजे में दिलासा दिया. " नंदिनी बता रही थी की ये नौटंकी तो दो तीन साल से चल रही है... लड़के देखना वगैरह. आप अभी Relax रहो भैया वो कम से कम और चार पांच साल तो ऐसे ही मैनेज कर ही लेगी ! ".

" सच ??? Are You Sure... ". अमन को अपनी बहन की कही एक एक बात पर यकीन था, उसकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा, पर उसने अपने चेहरे के भाव छुपा लिए.

" हाँ बाबा... सच्ची ! ".

" और घर में कोई नहीं है... बस हम लोग ही अकेले ??? ".

" Yes भैया... नंदिनी बोल रही थी की सभी रात तक लौट आयेंगे. तभी देखो ना दोनों मौका मिलते ही बाथरूम में ही शुरू हो गये ! ".

अमन अब एकदम से सहज़ हो चुका था और फिर वो और उसकी बहन दोनों चुपके चुपके बाथरूम में झाँकने लगें.

अंदर बाथरूम में ज़मीन पर बैठी नंदिनी अपनी गर्दन ऊपर किये अपने भैया की आँखों में एकटक देखते हुए पेशाब कर रही थी. अभी बेचारी ठीक से मूत भी नहीं पाई थी की अचानक उसके भाई ने उसे अपने हाथों में थाम कर उठाया और अपने सामने खड़ा कर लिया, फिर उसे अपनी बाहों में दबोचे बेतहाशा चूमने लगा. नंदिनी के टांगों के बीच से पेशाब निकलती रही, जो की उसकी जाँघों को भिगोते हुए नीचे उसके खुद के और सुरेश के पैरों पर गिरते हुए ज़मीन पर फैलने लगी.

" वैसे भैया... नंदिनी की शादी ना होने से आपको इतना खुश होने की ज़रूरत नहीं. लगता है अब उसे आपसे ज़्यादा अपना सगा भाई पसंद आने लगा है !!! ". सोनाली ने अपने भाई को चिढ़ाते हुए कहा.

उधर सुरेश और नंदिनी होंठ से होंठ सटाये अब स्मूच करने लगे थें. सुरेश ने अपना एक हाथ अपनी बहन के पेट से होते हुए नीचे सरका कर उसकी गदराई जाँघों के बीच डाल दिया. नंदिनी का मूतना बंद हो गया. अमन और सोनाली समझ गये की सुरेश ने अपनी बहन की चूत में ऊँगली पेल दी होगी !!!

" अगर ऐसा हुआ तो तुम भी तो सुरेश को खो दोगी बहना प्यारी ! ". अमन ने अपनी बहन को जवाब देते हुए कहा. " पर Don't Worry... फिर मैं तुमसे शादी कर लूंगा ! ".

" धत्त भैया... कुछ भी बोलते हो आप ! ". सोनाली लजा गई.

" छोड़ो... उन्हें डिस्टर्ब नहीं करते हैं ! ". कहते हुए अमन ने लपक कर अपनी बहन को गोद में उठा लिया.

" भैया छोड़ो... गिर जाउंगी ! ". सोनाली हँसते हुए नीचे उतरने की कोशिश करने लगी.

अमन उसे अपनी गोद में उठाये हुए ही अपने कमरे की ओर वापस चल दिया. " वैसे साड़ी में जंच रही हो... बताया नहीं आज अचानक साड़ी पहनने का इरादा कैसे बनाया ??? मेरे लिए है क्या... ".

" चलो बताती हूँ भैया... ".......................
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कमरे में आकर अमन ने अपनी बहन को नीचे उतारा और खुद पलंग के किनारे बैठ कर उसे अपने सामने खड़ा करके अपनी बाहों में भर लिया.



" सुबह सुबह इतनी अच्छी महक रही हो... कौन सा परफ्यूम लगाया है ? आखिर माजरा क्या है ? ". अमन ने अपनी बहन की गांड़ मुलायम साड़ी के ऊपर ऊपर से सहलाते हुए उसके पेट और कमर को सूंघते हुए पूछा.

" Guess करो भैया... क्या आपको पता है की लड़कियाँ सबसे ज़्यादा साज सिंगार कब करती हैं ? ". सोनाली ने शरारती अंदाज़ में पूछा और धीरे धीरे अपनी साड़ी खोलने लगी.

" शादी के दिन... ". अमन ने अपनी बहन की नाभी सूंघते हुए कहा.

सोनाली हल्के से मुस्कुराई, उसकी मुस्कुराहट में एक इशारा था की अमन का जवाब गलत है.

अमन ने अपनी बहन की कमर में खोसी हुई साड़ी खींच कर निकाली और उसे साड़ी खोलने में मदद करने लगा. साड़ी खोल कर सोनाली ने वहीं बिस्तर पर फेंक दिया. अब वो अपने भाई के सामने साड़ी की मैचिंग कलर के लाल ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी थी. अमन ने उसकी गांड़ पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा और उसकी जाँघों के बीच अपना मुँह घुसा कर उसकी पेटीकोट के ऊपर से ही उसकी चूत सूंघने लगा.



" मममममममम... एकदम ताज़ी मछली की सुगंध है ! ". अमन ने एक लम्बी गहरी सांस ली तो उसकी नाक में उसकी बहन के योनि की तेज़ गंध समा गई.

" मछली ??? धत्त... ". सोनाली अपनी चूत की महक का मछली की महक से तुलना करने पर बुरी तरह से झेंप गई और उसने अपने भाई के गाल पर प्यार से एक थपकी लगाई. फिर उसने अपनी ब्लाउज के सामने के दो हुक खोल कर अपनी एक चूची बाहर निकाल ली और बोली. " हर वक़्त चूत चूत नहीं करते... कभी कभी दूध भी पी लेना चाहिए... सेहत के लिए अच्छा होता है ! ".

" हाँ... लेकिन माँ का दूध... सगी बहन का नहीं !!! ". अमन ने हँसते हुए कहा और उसके पेटीकोट से अपना चेहरा हटा कर उसके निप्पल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

इतने दिनों बाद अपनी बहन का संग फिर से मिला था अमन को, उसका मन उसकी चूत की ओर ही भटक रहा था, बस अपनी बहन का दिल रखने के लिए उसने थोड़ी देर उसका दूध पिया और फिर उसका निप्पल अपने मुँह से निकाल कर वापस उसकी पेटीकोट की ओर झुका तो इस बार सोनाली ने उसका चेहरा अपने दोनों हांथो में पकड़ कर उसे रोक लिया.

" लड़कियाँ जब Periods में होती हैं तो उन्हें सजना संवरना अच्छा लगता है ... ". कुछ देर पहले पूछे गये अपने खुद के सवाल का जवाब देते हुए सोनाली ने अचानक कहा और अपने भाई की आँखों में देखने लगी.

अब समझ में आया अमन को की सोनाली आज इतना परफ्यूम वगैरह लगा कर सजी धजी क्यूं है... उसकी बहन आज रजस्वला थी !!!

" मुझे महीना होने पर साड़ी पहनना अच्छा लगता है भैया... और खूब सेंट वगैरह लगाना भी ! ". सोनाली ने अपने भाई के बालों में ऊँगलीयाँ फेरते हुए कहा.

अमन को समझ नहीं आ रहा था की ऐसी सिचुएशन में क्या कहे, सो वो चुप रहा.

" Sorry भैया... I Know की हमें इतने दिनों बाद फिर से मिलने का ऐसा सुनहरा मौका मिला है और मेरी ... ". कहते कहते सोनाली चुप हो गई.

" It 's Alright यार... ". अमन ने कहा और अपनी बहन की चूत को उसके पेटीकोट के ऊपर से चूम लिया. " आज पहला दिन है क्या ??? ".

" हाँ भैया... ". अपनी चूत चूमते भाई के गाल सहलाते हुए सोनाली ने कहा और फिर उसका चेहरा अपने हाथ से ऊपर उठाते हुए बोली. " निराश मत हो भैया... मेरी दूसरी छेद बिल्कुल फिट एंड फाइन है !!! ".

सोनाली ने अपनी पेटीकोट का नाड़ा खोल कर थोड़ा सा ढीला किया तो पेटीकोट सरसरा कर उसकी कमर से नीचे सरक कर उसके कदमो में गिर पड़ा.

" लो भैया... बूर देवी के दर्शन कर लो ! ". सोनाली ने अपनी उंगलियों से अपनी गाढ़े ब्लैक कलर की Lace पैंटी का Elastic सामने की ओर अपनी कमर से करीब एक दो इंच फैलाते हुए कहा. अमन ने पैंटी के अंदर झाँक कर अपनी बहन की चूत के दर्शन किये पर उतने से फांक से कुछ भी ठीक तरह से नहीं दिखा.

" कैची है भैया... ले आओ ! ". सोनाली ने अपनी पैंटी वापस एडजस्ट करते हुए कहा तो अमन उठ खड़ा हुआ, उसे समझ नहीं आया की उसकी बहन भला कैची का क्या करने वाली है.

Drawer से अपनी दाढ़ी काटने वाली कैची लेकर अमन वापस आया तो उसकी बहन ने अपनी गांड़ उसकी ओर बढ़ा दी.

" मेरी पैंटी में छेद करो भैया... गांड़ वाली जगह पर ! " सोनाली ने कहा.

अमन अपनी बहन की मंसा भाप गया, वो पैंटी के ऊपर ऊपर अपनी बहन की गांड़ का छेद टटोलने लगा, छेद मिलते ही छेद वाली जगह पर पैंटी में उसने कैची से करीब दो इंच का एक छोटा सा राउंड होल काट दिया, फिर अंदर ऊँगली डाल कर चेक किया, पैंटी का होल एकदम परफेक्ट जगह पे हुआ था जहाँ उसकी बहन की गांड़ का छेद था !
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अमन ने अपनी बहन के गाल को चूमा और अपना बारमुडा पैंट खोल दिया, उसका लण्ड ठनक कर बाहर निकल आया. उसने नीचे झुक कर अपनी बहन की गांड़ को उसकी पैंटी के ऊपर से चूमा और फिर पैंटी के होल से उसने गांड़ के छेद को सूंघा, उसकी बहन की गांड़ उसकी चूत से कम सुगंधित नहीं थी !

अमन ने पैंटी के होल के अंदर थूक दिया तो सोनाली भड़क उठी.

" भैया छी... मुझे थूकना वूकना पसंद नहीं... ".

" बस थोड़ा सा बहना बेबी... गांड़ का छेद चूत जैसा लचीला नहीं होता, बिना अच्छी तरह से गीला किये जबरदस्ती करूँगा तो फट जायेगा ! " अमन ने अपनी बहन को समझाया.

सोनाली चुप हो गई, उसे अपने भाई की बात सही लगी, और कोई चारा भी तो नहीं था उसके पास. अमन ने अब अपने खड़े लण्ड पर भी थूका और फिर थूक को पूरे लण्ड पर मलने लगा. सोनाली सामने पलंग पर अपने हाथों से सहारा लिए अपनी गांड़ पीछे किये खड़ी हो गई. अब अमन अपनी बहन के पीछे था, उसने अपने लण्ड को उसके भरे पुरे चूतड़ पर तीन चार बार पटका, और फिर लण्ड का सुपाड़ा उसकी पैंटी के होल में डाल दिया.

" संभाल कर चोदना भैया... ध्यान रहे की मेरी नैपकिन चूत से खिसक ना जाये !!! ". सोनाली ने पीछे मुड़ कर अपने भाई को देखते हुए चिंतित स्वर में कहा तो अमन ने आगे बढ़ कर उसे चूम लिया.
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उधर बाथरूम के अंदर सुरेश और नंदिनी एक दूसरे से नंगे लिपटे खड़े थें, सुरेश अपनी बहन की चूत में अपनी चारों उंगलियाँ घुसा कर अंदर बाहर अंदर बाहर कर रहा था. उसने पहले एक उंगली डाली थी, फिर दूसरी, फिर तीसरी, और फिर यही करते करते अब अपनी चारों उंगलियों से उसे चोदने लगा था. नंदिनी झड़ने के करीब थी, उसने अपने भाई को कस कर पकड़ लिया और उसके चौड़े सीने में अपना चेहरा छुपा कर अतिउत्तेजना के कारण रोने लगी. उसके पुरे बदन में झुनझुनी सी दौड़ गई और उसकी चूत से सफ़ेद गाढ़ा फेना निकलने लगा.

हर लड़की अलग तरीके से झड़ती है, सुरेश को आज पता चला, उसकी फूफेरी बहन सोनाली जहाँ झड़ते वक़्त ढेर सारा पानी छोड़ती है जैसे की मानो पेशाब कर रही हो, वहीं उसकी सगी बहन नंदिनी का वैसा पानी नहीं निकलता है, बल्कि कम परिमाण में गाढ़ा माल गिरता है !

नंदिनी की चूत से करीब दो चम्मच भर फेना निकला था, अपनी उंगलीयों में लगे चिपचिपे लस्सेदार बूर - मलाई को सुरेश ने अपनी बहन की गांड़ पर पोत कर साफ किया और बचा खुचा माल अपने अंडकोष पर मल लिया.

नंदिनी अपने भाई से लिपटी करीब दस मिनट तक रोती रही, उसका पूरा शरीर कांप रहा था. सुरेश उसके बाल और पीठ सहलाते हुए उसके शांत होने की प्रतीक्षा करने लगा. दस मिनट के बाद नंदिनी ने अपना चेहरा उसके सीने से निकाल कर अपना मुँह ऊपर करके उसकी आँखों में देखा तो सुरेश ने देखा की उसकी बहन के गाल आंसुओ से पूरी तरह भींग कर चमक रहें थें. उसने बड़े दुलार से अपने हाथ से अपनी बहन के गाल पोछे और उसे चूम लिया.

अब सुरेश ने अपनी बहन को बाथरूम की दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया और उसके सामने अपने घुटनो पर बैठ गया. अपने भाई का इरादा समझते ही नंदिनी ने अपनी टांगें खोल कर फैला दी. आज सुरेश को पहली बार अपनी सगी बहन की योनि का नज़ारा करने का सौभाग्य मिल रहा था, गौरतलब है की पिछली बार उसकी बहन रजस्वला थी तो उसने अपनी पैंटी नहीं उतारने दी थी, जबकि उसी रात अमन ने अपनी सगी बहन सोनाली को मन भर कर भोगा था. खैर, देर आये दुरुस्त आये ! नंदिनी की चूत की हालत खस्ता थी, उसकी चूत का छेद फट कर करीब तीन इंच तक खुल गया था, चूत का दाना और अंदर का नरम गुलाबी द्वार साफ दिख रहा था. ये सब अमन का किया धरा था, ठीक वैसे ही जैसे सुरेश ने अमन की बहन सोनाली की चूत फाड़ दी थी. नतीजा ये हुआ था की बाद में ना ही अमन को अपनी बहन सोनाली की कुंवारी योनि देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और ना ही सुरेश को अपनी बहन नंदिनी की. अब किसे पता था की एक दूसरे की बहन के पीछे पड़े पड़े अचानक इन कमीनो को एक दिन अपनी अपनी सगी बहन से ही इश्क़ हो जायेगा !!!

ऐसी बुरी तरह से फटे चुदे बूर सुरेश ने पोर्न फिल्मों में खूब देखे थें, खासकर गैंगबैंग वाले सीन्स में, जहाँ बीस तीस मर्द मिलकर एक अकेली लड़की को पेल पेल कर उसकी बूर का भर्ता बना डालते हैं. पर नंदिनी उसकी अपनी सगी बहन थी, और उसकी बहन सिर्फ एक चूत नहीं थी, हाड़ मांस की बनी एक लड़की थी जिसके दिल में भावनाएं थीं, सुरेश अपनी बहन से प्यार करता था, ना की सिर्फ और सिर्फ उसकी चूत से ! सुरेश ने आगे बढ़कर अपनी बहन की चूत के खुले फांक से अपनी नाक सटा दी और गंध सूंघने लगा, पेशाब और चूत रस से मिश्रित कस्तूरी सुगंध इस बात का दावा कर रही थी की चूत का स्वाद उसकी गंध से कही ज़्यादा मादक होगा ! सुरेश अपना मुँह जितना खोल सकता था उतना खोल कर उसने अपनी बहन के मोटे चूत को पूरी तरह से अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर ज़ोर की पच - पच की आवाज़ करते हुए चूसने लगा, जैसे की मानो वो उसकी चूची से दूध पी रहा हो !!!

मन भर कर पाँच मिनट तक अपनी बहन की योनि का रसास्वादन करने के बाद सुरेश जब उसकी जाँघों के बीच से अपना मुँह निकाल कर उठा तो नंदिनी ने देखा की उसका लण्ड तन कर उसके पेट से सट गया है और उसके सुपाड़े से पानी जैसा पतला पतला सा कुछ निकल कर चू रहा है. नंदिनी शर्म से लाल हुई मरी जा रही थी, अब उसका सगा भाई उसे चोदेगा ! सुरेश ने अपनी बहन की एक टांग अपने हाथ में उठा कर अपने कमर से लपेट लिया, नंदिनी उसी अवस्था में अपनी दूसरी टांग पर खड़ी रही, सुरेश ने अपना पेट थोड़ा नीचे झुका कर अपना लण्ड सही पोजीशन में रख कर उसकी खुली चूत में ठेल दिया !

इधर कमरे में अमन अपनी बहन सोनाली का स्टैंडिंग डॉगी स्टाइल में पीछे से गांड़ मार रहा था, सोनाली का पेटीकोट अभी भी उसके पैरों से लिपटा ज़मीन पर फैला पड़ा था. सोनाली को तो यकीन ही नहीं हो रहा था की उसकी टाईट गांड़ में उसके भाई का पुरे का पूरा लौड़ा घुस भी पायेगा, सारा कमाल अमन की थूक का था ! समागम के आनंद में गोते लगाती सोनाली अपनी लड़कियों वाली प्रॉब्लम भूल कर अपने गोल चूतड़ हिला हिला कर चुदवा रही थी. बस बीच बीच में जब उसका भाई अपनी पेलन - स्पीड हद से ज़्यादा बढ़ा देता तो वो बड़बड़ाने लगती.



" आआहहहह भैया धीरे... उफ्फ्फ... मेरी पैंटी सरक रही है... मममममम्म आराम से भैया... हाय मेरी पैड... क्या कर रहे हो भैया... खुल गई मेरी पैंटी हाय... ओह मम्मी !!! "

अपनी बहन की विनती और गुहार का अमन पर कोई असर नहीं हो रहा था. यहाँ तक की सोनाली की कसी हुई गांड़ में लगातार घर्षण की वजह से उसके लण्ड का सुपाड़ा तक छिल गया था, पर वासना दर्द पर हावी रहा और उसके धक्को में कोई मंदी नहीं आई. लण्ड के बिना रुके अंदर बाहर होते रहने से पैंटी में कैची से किया हुआ होल फट कर अब इतना बड़ा हो गया था की सोनाली की गोरी गांड़ साफ दिखाई देने लगी थी. अमन के अंडकोष में वीर्य के बुलबुले उबाल मारने लगे थें, इतनी टाईट गांड़ में बेचारा और कितनी देर टिकता ! उसने अपनी बहन के गुदेदार कूल्हो से चिपकी पैंटी के दोनों किनारे अपने दोनों हाथों की मुठ्ठीयों में कस कर पकड़े और जल्दी जल्दी अपनी कमर हिलाने लगा. लण्ड का अंत करीब था, धक्के मारते मारते उत्तेजना के मारे अमन ने अपनी बहन की पैंटी कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से खींच दी, पैंटी में गांड़ वाला होल पहले से ही फट कर बड़ा हुआ पड़ा था, सो अचानक पैंटी पीछे की ओर फट कर गांड़ से अलग हो गई. ठीक उसी वक़्त लण्ड गांड़ के अंदर वीर्य की उल्टी करने लगा !!!
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