Incest स्पेशल करवाचौथ

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00.sarkar.00
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ

Post by 00.sarkar.00 »

👌👌👌👌👌 (^^^-1$i7) 😋 😡
badlraj
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ

Post by badlraj »

मस्त अपडेट है मित्र । पढ़ कर मजा आ गया ।
आपकी कहानी लाजवाब है और आपने इसे अच्छे से describe भी किया । ऐसे ही अपडेट देते रहिये।

😠 😅 😋 😌 😤
premraja
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ

Post by premraja »

nice work
post (^@@^-1rs7) more
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josef
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ

Post by josef »

अनूप ने आज काफी दिनों के बाद बाहर की हवा में सांस ली और काफी अच्छा महसूस कर रहा था। उसके चेहरे पर एक पश्चाताप साफ तौर से झलक रहा था और खाना खाते हुए भी उसकी आंखो भर भर कर अा रही थी और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रहा था।

जैसे तैसे उसने खाना खाया और तब तक साहिल और रूबी भी खाना खा चुके थे। जैसे ही रूबी खाना खाकर उठी तो अनूप फिर से उसके पैरो में लेट गया और दोनो हाथ जोड़ते हुए रो पड़ा

" मैं तुम्हारा बहुत बड़ा गुनहगार हूं रूबी, पति का फर्ज होता हैं कि अपनी पति की रक्षा करे और बेटे को सही आचरण सिखाए। लेकिन मैं ना तो एक अच्छा पति बन पाया और ना ही एक अच्छा बाप।

अनूप की आंखो से निकल कर आंसू रूबी के पैरो को भिगोने लगे। आखिर कर रूबी भी एक औरत थी कोई पत्थर तो नहीं। उसका दिल पसीज गया और उसने अनूप को उठा कर सीधा खड़ा किया लेकिन फिर भी अनुप की नज़रे नीचे ही झुकी हुई थी। शायद उसके अंदर अपनी ही पत्नी से आंखे मिलाने की हिम्मत खत्म हो गई थी।

रूबी:" बस करो अनूप, मैंने तुम्हे माफ कर दिया। अब आगे से तुम ऐसी कोई गलती मत करना, मुझे उम्मीद हैं कि अब तुम मेरा और साहिल का साथ दोगे ताकि हम जीत सके।

अनूप ने पहली बार अपना चेहरा उपर उठाया और रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" रूबी मैं अब हर तरह से तुम्हारे और साहिल के साथ हूं, मैं अपना फ़र्ज़ पूरा करूंगा चाहे इसके लिए मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।

साहिल के अंदर भी भावनाए थी और वो जानता था कि उसके बाप को एक पूरी सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया हैं इसलिए कहीं ना कहीं उसके दिल में अपने बाप के लिए हमदर्दी थी लेकिन जैसा उसने रूबी के साथ किया खासतौर से नीरज के साथ सेक्स करने के लिए दबाव डाला इसके लिए वो उसे कभी माफ नहीं करेगा।

साहिल आगे आया और उसने अपना हाथ अनूप की तरफ बढ़ा दिया रूबी भी पीछे नहीं थी। तीनो के हाथ मिल चुके थे और मकसद सिर्फ इस जंग को जीतना।

रूबी बर्तन लेकर किचेन चली गई और साहिल ने एक एक करके अब तक हुई सारी बाते अनूप को बताना शुरू कर दिया कि किस तरह से वो अनूप बनकर नीरज के पास गया और प्रिया की कहानी और अंत में उसने ज्योति के बारे में भी बताया।

अनूप एक एक बात ध्यान से सुन और समझ रहा था। साहिल ने जितने अच्छे से उसे समझाया वो अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी।

अनूप:" जहां तक मैं दुबे को जानता हूं वो बुरा आदमी नहीं हो सकता। मुझे तो लगता हैं कि पूरी कंपनी में एक वहीं आदमी हैं जिस पर मैं आंख मीच कर भरोसा कर सकता हूं।

साहिल:" ठीक हैं और रवि मिश्रा के बारे में क्या ख्याल हैं ?

अनूप:" रवि मिश्रा के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन जैसे प्रिया ने बताया हैं उससे शक तो पैदा होता हैं।

साहिल:' ठीक हैं हमे अब सबसे पहले प्रिया को बचाना होगा, अगर वो सच बोल रही है तो उसकी जान को खतरा होगा।

अनूप:" ठीक हैं लेकिन उसके लिए करना क्या होगा ?


साहिल:" सबसे पहले तो हमे नीरज का शक दूर करना होगा कि मैं अनूप बनकर घूम रहा था। उसके लिए आपको वहां जाना होगा और आपके साथ मैं भी जाऊंगा। लेकिन थोड़ी सी ही देर बाद मैं वहां से निकल जाऊंगा और पीछे के रास्ते से उसके घर में घुस जाऊंगा।

अनूप:" लेकिन बेटा ये काम बहुत ज्यादा खतरनाक हैं, तुम अभी नीरज को ठीक से नहीं जानते हो।
तुम्हारी जान को खतरा हैं।

साहिल:" अगर हमने कुछ नहीं किया तो वैसे भी कौन सा हमारी जान बच जाएगी।

अनूप:" ठीक हैं बेटा, कब करना हैं फिर ये काम ?

साहिल:" अभी थोड़ी देर बाद हम दोनों घर से साथ में जाएंगे ताकि अगर ज्योति भी नीरज के साथ हैं तो उसे भी पता चल जाएगा कि हम दोनों अलग हैं एक नहीं।

अनूप:" ठीक हैं मैं गाड़ी निकालता हू, तुम आओ जल्दी से बाहर।

इतना कहकर अनूप बाहर चला गया और साहिल ने किचेन में काम कर रही अपनी मा को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो रूबी ने पलट कर उसे देखा और बोली:"

" ओह तुम हो मैं तो डर ही गई थी कि कहीं अनूप तो नहीं हैं ?

साहिल:" अरे अनूप भी तो तुम्हारा पति ही है, उससे क्या डरना तुम्हे ?

रूबी एक झटके के साथ पलट गई और साहिल के होंठो पर उंगली रख कर बोली:"

" फालतू बात नहीं, अनूप कुछ नहीं लगता मेरा, अब तो मेरे सब कुछ तुम्हीं हो बस। बाहर क्यों निकाला उसे तुमने ?

साहिल रूबी जी की बात सुनकर खुश हुआ और उसके होंठ चूमकर बोला:"

" मम्मी उसका बाहर आना जरूरी था, एक तो हमे कोई साथी चाहिए था, दूसरा उसके और भी बहुत काम होंगे।

इतना कहकर साहिल ने रूबी को कुछ समझाया और बोला:"

" अच्छा मैं और अनूप नीरज के यहां जा रहे हैं, ताकि प्रिया का पता चल सके। अगर वो किसी मुसीबत में फंस गई तो दिक्कत हो जाएगी।

रूबी:" साहिल मत जाओ तुम, प्रिया कभी हमारा साथ नहीं से सकती।

साहिल:"मम्मी आप ये बात कैसे कह सकती हो ?

रूबी ने साहिल को कुछ समझाया और साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल को आज पहली बार एहसास हुआ कि उसकी मा किसी जासूस से कम नहीं। वो जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक।
साहिल खुश होते हुए बोला:"

"ओह मेरी रूबी तुम तो बहुत तेज निकली, तुमने एक ही पल ने हमारे सारे दुश्मनों की पोल खोल दी। सबके चेहरे बेनकाब हो गए।

रूबी अपने तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:'

" साहिल ये सब तो तेरी वजह से हो रहा हैं। तेरे साथ रह रह कर मैं भी थोड़ा बहुत कुछ सीख गई हूं।

इतना कहकर रूबी ने आगे बढ़कर साहिल के होंठ चूम लिए तो साहिल भी रूबी के होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद दोनो अलग हुए और साहिल बोला:"

" मम्मी एक बात बोली वैसे आपको ?

रूबी:" हान बेटा, बोलो ना

साहिल थोड़ा सा बाहर की तरफ आने लगा और किचेन के दरवाजे में आकर बोला:"

" आपके नीचे के होंठ उपर वालो से ज्यादा टेस्टी हैं।

रूबी साहिल की बात सुनकर शर्मा गई और बोली:"

" कितने बिगड़ गए हो तुम , आज रात को तुम्हे ठीक करती हूं, जल्दी वापिस आना तुम ।

इतना कहकर रूबी ने साहिल को एक बेहद कामुक स्माइल दी तो साहिल भी स्माइल करते हुए बोला

" क्या कल की तरह चॉकलेट खाने के लिए मिलेगी ?

रूबी:" हान चल अब जल्दी आना, मैं कोई चॉकलेट नहीं खिलाने वाली तुझे।

साहिल ने फिर से अपनी मा को बाय किया और बाहर की तरफ निकल गया।

अनूप और साहिल दोनो गाड़ी में बैठ गए और जल्दी ही गाड़ी नीरज के घर के बाहर खड़ी हुई थी। गेट खुला और गाड़ी घर के अंदर दाखिल हो गई। आने से पहले ही अनूप ने उसे कॉल करके बता दिया था कि उसके बेटे को उधर कुछ काम हैं इसलिए अा रहा हूं अपने बेटे के साथ।

नीरज बाहर ही खड़ा हुआ था। साहिल ने दिखावे के लिए उसके पैर छुए और बोला:"

" कैसे हैं अंकल आप ?

नीरज:" ठीक हूं बेटा, आज बहुत दिनों के बाद आए।

साहिल:" बस मैं अपनी पढ़ाई में लगा रहता हूं। इसलिए टाइम नहीं मिलता ।
josef
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ

Post by josef »

नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" अच्छा चलो पढ़ना भी चाहिए। अरे अनूप मेरे भाई आओ तुम तो गले लग जाओ।

अनूप को आज नीरज पर बहुत गुस्सा अा रहा था लेकिन फिर भी मौके को समझते हुए वो नीरज के गले लग गया।

साहिल:" अच्छा आप लोग बाते कीजिए, मुझे जाना होगा , कुछ काम हैं मुझे।

नीरज:" अरे रुको साहिल, मैं ड्राइवर को बोल देता हूं, वो तुम्हे छोड़ देगा।

साहिल:" नहीं उसकी जरूरत नहीं, मुझे तो बस पास में ही जाना हैं।

इतना कहकर साहिल निकल गया और नीरज बोला:"

" और बताओ अनूप टेंडर का काम कैसा चल रहा हैं ?

अनूप:" बस सब ठीक हैं आपकी दुआ से, लगता हैं कि इस बार बात बन सकती हैं।

नीरज पैग बना चुका था इसलिए अनूप की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

" अरे यार जब हम हैं तो क्या दिक्कत हैं तुम्हे ? लो पहले मूड बनाओ फिर बात करने में मजा आएगा।

शराब अनूप की कमजोरी बन गई थी इसलिए वो चाहकर भी मना नहीं कर पाया और पैग पीने लगा। दो घूंट अन्दर जाते ही अनूप को मजा आने लगा और बोला:*

" हान तो तुम क्या बोल रहे थे नीरज मेरे भाई , तुम मेरे भगवान हो यार।

नीरज:" अरे भाई तुम्हारा काम तो बन ही जाएगा लेकिन मेरे काम का क्या होगा ?

अनूप: हुक्म करो मेरे मालिक, क्या करना होगा मुझे ?

नीरज:" यार अनूप तुम तो जानते ही हो मुझे रूबी कितनी पसंद हैं, एक रात के लिए मना लो ना यार उसे तुम।

अनूप:" अरे यार अब तो उसकी मा भी मान जाएगी, पता हैं क्यों क्यों क्योंकि उसकी किस्मत खराब निकली, मैं नामर्द बन गया हूं और मेरा अब खड़ा नहीं होता।

इतना कहकर अनूप जोर जोर से हंसने लगा तभी उसकी आंखे गीली हो गई और बोला:*

" भाई मेरी जिंगड़ी बर्बाद हो गई, उधर रूबी वो विटामिन सिरप पीकर सेक्स के लिए पागल हो गई है। लगता तुम्हारा काम तो बन जाएगा लेकिन मैं अब कभी उसकी मखमली चूत का आनंद नहीं ले सकुंगा।

नीरज:" अरे यार तुम परेशान मत हो, मैं ना भाई, मेरे पास ऐसी गोली हैं कि नामर्द भी पूरा मर्द बन सकता हैं।

इतना सुनते ही अनूप नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई मुझे वो गोली दे दो, तुम्हे उसकी चूत तो क्या गांड़ भी दिलवा दूंगा मैं।

नीरज:" बहुत बढ़िया। ये हुई ना यारो वाली बात। आज तुम पहले गोली का कमाल देखो।

नीरज ने अपनी जेब से एक गोली निकाल कर अनूप की तरफ बढ़ा दी और अनूप उसे खा गया। देखते ही देखते अनूप के जिस्म में आग बढ़ने लगी। आंखे लाल होती चली गई और आज कई महीनों के बाद उसके लंड ने अंगड़ाई ली और देखते ही देखते तनकर खड़ा हो गया।

अनूप को लग रहा था मानो उसका पुनर्जन्म हो गया है। वो खुशी के मारे नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई तुमने मुझे फिर से मर्द बना दिया। तुम मेरे भगवान हो भाई।

नीरज:" नहीं अनूप ऐसा मत कहो, मैं सिर्फ तुम्हारा अच्छा दोस्त हूं, तुम्हे ये गोली लगातार एक महीने खानी होगी तभी जाकर तुम फिर से मर्द बन सकते हो। लेकिन इसके लिए तुम्हे मेरा एक काम करना होगा।

अनूप:" बोलो ना भाई मुझे क्या करना होगा ? जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए तो।

नीरज:" तुम्हे रूबी को बेहोश करके उसके नंगी की वीडियो बनानी होगी और मुझे देनी होगी।

अनूप पूरी तरह से नीरज का गुलाम हो गया था इसलिए बोला:"

" भाई कर दूंगा, ये तो बहुत आसान काम हैं मेरे लिए।

नीरज:" अच्छा ठीक हैं फिर तुम ये गोली लो जिससे वो बेहोश हो जाएगी। फिर आराम से तुम्हारा काम हो जाएगा।

अनूप ने हाथ आगे बढ़ाकर गोली को पकड़ लिया और बोला:"

" भाई अब देखना मैं तुम्हारे लिए क्या क्या करता हूं।

नीरज:" आओ तुम्हें एक और तोहफा देते है हम आज।

अनूप नीरज के पीछे पीछे चल पड़ा। घर के अंदर उसे एक कमरे में ले गया। अनूप ने देखा कि वहां एक कम उम्र करीब 19 साल की एक सुंदर सी लड़की बैठी हुई थी।

नीरज:" चंपा ये हमारे दोस्त हैं, आज इनकी सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

इतना कहकर नीरज ने अनूप को इशारा किया और बाहर की तरफ निकल गया। चम्पा ने अपने जिस्म पर से चादर हटाई तो अनूप का लंड उछल पड़ा। चम्पा बिल्कुल नंगी थी।

अनूप ने अपने कपड़े उतार फेंके और चंपा के उपर टूट पड़ा। देखते ही देखते उसका लंड चंपा की चूत में घुस गया और अनूप पूरी ताकत से उसे चोद रहा था और चंपा की दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी।

दूसरी तरफ साहिल बाहर निकला और पीछे की दीवार पर चढ़कर नीरज के घर में घुस गया। वो दबे पांव आगे बढ़ते हुए गैलरी में पहुंच गया और उसकी किस्मत अच्छी थी गैलरी में अच्छा खासा अंधेरा था। साहिल प्रिया को ढूंढना चाहता था कि कहीं वो सचमुच किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गई। वैसे आज जो उसे रूबी ने बताया था उससे एक बात साफ थी प्रिया झूठ बोल रही थी लेकिन फिर भी साहिल अपनी तरफ से पूरी तसल्ली कर लेना चाहता था। साहिल को पता था कि उसके बाप अनूप ने बाहर नीरज को अपनी बातो में उलझा रखा होगा इसलिए वो जानता था अभी अंदर ज्यादा खतरा नहीं होगा।

वहीं दूसरी तरफ नीरज ने कमरे में एक ऑटोमैटिक कैमरा लगा दिया था और सेक्स करते हुए अनूप की वीडियो रिकार्डिंग हो रही थी। साहिल गैलरी में धीरे धीरे बढ़ रहा था तो उसके कानों में किसी लड़की के सिसकने की आवाज पड़ी। साहिल समझ गया कि अंदर चुदाई चल रही है। उसे लगा कहीं ये प्रिया तो नहीं हो सकती इसलिए उसने धीरे से दीवार के सहारे चढ़कर अंदर देखा तो उसकी आंखे हैरत से फट गई।

अनूप उसका बाप एक कमसिन लड़की को चोद रहा था।उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अनूप चुदाई कैसे कर सकता है और उससे भी ज्यादा हैरानी इस बात की थी वो तो यहां मेरा साथ देने आया था।

तभी साहिल की नजर कमरे में लगे हुए कैमरे पर पड़ी तो उसकी समझ में थोड़ा कुछ अा गया कि ये जरूर अनूप फिर से नीरज के जाल में अा गया है। साहिल ने अपने मुंह पर कपड़ा लपेट लिया और अंदर घुस गया।

उसे देखते ही अनूप की गांड़ से धुवां निकलने लगा और साहिल ने सबसे पहले लड़की को बेहोश किया और फिर साहिल ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कैमरे के रोल को निकाल लिया।

साहिल को अनूप को लेकर बाहर अा गया और समझाया कि वो नीरज को फोन करके बताए कि उसे लड़की ने बहुत मजा दिया और अब मैं घर जाना चाहता हूं।
उसके बाद साहिल जिस रास्ते से आया था उसी से वापिस चला गया। बेचारा साहिल आया था प्रिया के बारे में पता करने लेकिन अपने बाप के फिर से लवडू बन जाने के चलते उसे वहां से निकल जाना ही बेहतर लगा।


साहिल बाहर सड़क पर खड़ा था और अंदर जाने का वेट कर रहा था। वहीं अनूप रंगे हाथों पकड़ा गया था और बुरी तरह से डर गया था लेकिन वो जानता था साहिल उसका अपना खून हैं इसलिए उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

अनूप ने नीरज को कॉल किया तो नीरज भी बाहर अा गया, उसने अभी अपने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल बांधा हुआ था और उसकी लाल हो रही आंखे साफ बता रही थी कि वो अंदर चुदाई में लगा हुआ था।

नीरज:" अरे रुको यार, यहीं रात रंगीन करो, अपनी नई मर्दानगी का मजा लो।

अनूप:" नहीं यार फिर कभी पूरी रात के लिए आऊंगा। आज तो जाना पड़ेगा लेकिन आज तुमने मेरे ऊपर सबसे बड़ा एहसान किया हैं। मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूं फिर एक रात क्या हैं लेकिन आज नही।


नीरज:" चलो कोई बात नहीं, आज नहीं तो फिर कभी, लेकिन मेरा वो काम हो जायेगा ना?

अनूप:" आज ही रात को कर दुगा, कल सुबह तक तुम्हे रूबी की नंगी की वीडियो मिल जाएगी। अच्छा मैं चलता हूं साहिल बाहर मेरा इंतजार कर रहा है।

इतना कहकर अनूप बाहर अा गया और साहिल उसे बाहर ही मिल गया। दोनो घर की तरफ चल पड़े। आपस में कोई बात नहीं, जहां अनूप के मन में डर था वहीं साहिल के दिल में आज अपने बाप के लिए एक नफरत पूरी तरह से भर गई थी।


रात करीब 11 बजे के आस पास दोनो घर पहुंच गए तो दो जोड़ी आंखे उन पर जमी हुई थी। एक तो शांता और दूसरी रूबी।

रूबी साफ़ साफ़ देख रही थी कि किस तरह से शांता दोनो को नफरत और गुस्से से देख रही थी।गाड़ी पार्क करने के बाद दोनो घर के अंदर घुस गए। साहिल , रूबी और अनूप तीनो कमरे में बैठे हुए थे और रूबी ये जानने के लिए बेचैन थी कि वो करके क्या आए हैं ?

साहिल उठा और उसने अनूप की जेब से एक छोटा सा ऑडियो रिकॉर्डर निकाला तो अनूप को लगा कि उसने ऑडियो रिकॉर्डर नहीं बल्कि यमराज देख किया हैं। साहिल ने टेबल पर रिकॉर्डर को रखा और अनूप का सारा जिस्म डर के मारे पसीने से भीग गया।
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