धांय-धांय !
थोड़ी देर बाद ही बराबर वाली गली में दो तेज धमाके हुए ।
साथ ही किसी के हलक फाड़कर चिल्लाने की आवाज भी आधे से ज्यादा कनॉट प्लेस में गूंजी ।
मोटरसाइकिल पर सवार दोनों पुलिसकर्मी चौंके ।
तुरन्त उनकी बुलेट सड़क पार ‘यू’ का आकार बनाती हुई तेजी से उसी गली में जा घुसी ।
लेकिन राज सोता रहा ।
उसके इतने नजदीक गोलियां चलीं । कोई हलक फाड़कर चिल्लाया- मोटरसाइकिल धड़धड़ाती हुई गली में घुसी । इतनी हाय-तौबा मची, परन्तु राज के कान पर जूं तक न रेंगी । उसकी नींद तो तब टूटी, जब आफत बिल्कुल उसके सिर पर आकर खड़ी हो गयी ।
ऑटो रिक्शा को भूकम्प की तरह लरजते देख उसने चौंककर आंखें खोली ।
उसने हड़बड़ाकर पीछे देखा ।
ऑटो रिक्शा की यात्री सीट पर उस समय एक काले रंग का कद्दावर-सा आदमी बैठा बुरी तरह हाँफ रहा था । उसने अपने शरीर पर नीले रंग की प्लास्टिक की बरसाती पहन रखी थी, सिर पर प्लास्टिक का ही फेल्ट हैट था ।
कद्दावर आदमी के हाथ में एक काले रंग का ब्रीफकेस भी था, जिसे वो अपनी जान से भी ज्यादा संभालकर सीने से चिपटाये हुए था ।
“क...कौन हो तुम ?”
“जल्दी ऑटो भगा ।” उस आदमी ने लम्बे-लम्बे सांस लेते हुए कहा ।
वह बेहद खौफजदा था ।
“ल...लेकिन... ।”
“सुना नहीं ।” वह आदमी चिंघाड़ उठा और उसने बरसाती की जेब से रिवॉल्वर निकालकर एकदम राज की तरफ तान दी- “जल्दी ऑटो स्टार्ट कर, वरना एक ही गोली में तेरी खोपड़ी के परखच्चे उड़ जायेंगे ।”
राज के होश फना हो गये ।
पलक झपकते ही उसका सारा नशा हिरन हो चुका था । फिर उसके हाथ बड़ी तेजी से चले, उसने ऑटो स्टार्ट की और गियर बदला ।
फौरन ऑटो रिक्शा सड़क पर बिजली जैसी रफ़्तार से भागने लगी ।
☐☐☐
Thriller हादसे की एक रात
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Re: Thriller हादसे की एक रात
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Thriller हादसे की एक रात
राज ऑटो रिक्शा चला जरूर रहा था, लेकिन उसके दिल-दिमाग में नगाड़े बज रहे थे, ढ़ेरों नगाड़े ।
चेहरे पर आतंक-ही-आतंक था ।
तभी राज को अपने पीछे किसी वाहन की घरघराहट सुनाई दी- उसने उत्सुकतापूर्वक शीशे में देखा ।
फौरन राज के छक्के छूट गये । उसके मुँह से चीख-सी खारिज हुई- “प...पुलिस !”
“पुलिस ।” कद्दावर आदमी भी हड़बड़ाया ।
“हाँ, पीछे पुलिस लगी है ।”
“क्या बकवास कर रहा है ।” वह चीखा और फिर उसने एकदम झटके से पीछे मुड़कर देखा ।
अगले क्षण वो सन्न रह गया ।
ऐसा लगा, जैसे किसी ने मिक्सी में डालकर उसके चेहरे का सारा खून निचोड़ लिया हो ।
वाकई एक बुलेट मोटरसाइकिल उनके पीछे दौड़ी चली आ रही थी, जिस पर फ्लाइंग स्क्वॉयड दस्ते के वही दोनों पुलिसकर्मी सवार थे ।
वह बार-बार विसल बजाकर ऑटो रिक्शा रोकने का आदेश भी दे रहे थे ।
अजनबी ने जल्दी से अपने चेहरे का पसीना साफ किया ।
“ऑटो की स्पीड और बढ़ा ।” फिर वह बोला ।
“ल...लेकिन... ।”
“बहस मत कर ।” अजनबी दहाड़ा- “यह बहस का वक्त नहीं है । इस समय मेरी जान पर बनी है ।”
“ल...लेकिन अगर मैंने ऑटो रिक्शा न रोकी, तो पुलिस मेरी बाद में ऐसी-तैसी कर देगी साहब ।”
“पुलिस तो तेरी बाद में ऐसी तैसी करेगी ।” अजनबी ने फौरन रिवॉल्वर राज की कनपटी पर रख दी- “लेकिन उससे पहले मैं तेरी अभी, इसी वक्त ऐसी तैसी फेर दूंगा । रिवॉल्वर का घोड़ा दबेगा और तू ऊपर होगा, हमेशा के लिये ऊपर ।”
अजनबी ने रिवॉल्वर का सैफ्टी-कैच हटाया, तो राज के प्राण हलक में आ फंसे ।
“न...नहीं ।” राज की आवाज कंपकंपायी- “न...नहीं ।”
“तो फिर स्पीड बढ़ा ।”
“बढ़ाता हूँ- अ...अभी बढ़ाता हूँ ।”
उसके बाद राज ने सचमुच ऑटो की स्पीड बढ़ा दी ।
फौरन ऑटो बुलेट को पछाड़कर सडक पर भागी ।
चेहरे पर आतंक-ही-आतंक था ।
तभी राज को अपने पीछे किसी वाहन की घरघराहट सुनाई दी- उसने उत्सुकतापूर्वक शीशे में देखा ।
फौरन राज के छक्के छूट गये । उसके मुँह से चीख-सी खारिज हुई- “प...पुलिस !”
“पुलिस ।” कद्दावर आदमी भी हड़बड़ाया ।
“हाँ, पीछे पुलिस लगी है ।”
“क्या बकवास कर रहा है ।” वह चीखा और फिर उसने एकदम झटके से पीछे मुड़कर देखा ।
अगले क्षण वो सन्न रह गया ।
ऐसा लगा, जैसे किसी ने मिक्सी में डालकर उसके चेहरे का सारा खून निचोड़ लिया हो ।
वाकई एक बुलेट मोटरसाइकिल उनके पीछे दौड़ी चली आ रही थी, जिस पर फ्लाइंग स्क्वॉयड दस्ते के वही दोनों पुलिसकर्मी सवार थे ।
वह बार-बार विसल बजाकर ऑटो रिक्शा रोकने का आदेश भी दे रहे थे ।
अजनबी ने जल्दी से अपने चेहरे का पसीना साफ किया ।
“ऑटो की स्पीड और बढ़ा ।” फिर वह बोला ।
“ल...लेकिन... ।”
“बहस मत कर ।” अजनबी दहाड़ा- “यह बहस का वक्त नहीं है । इस समय मेरी जान पर बनी है ।”
“ल...लेकिन अगर मैंने ऑटो रिक्शा न रोकी, तो पुलिस मेरी बाद में ऐसी-तैसी कर देगी साहब ।”
“पुलिस तो तेरी बाद में ऐसी तैसी करेगी ।” अजनबी ने फौरन रिवॉल्वर राज की कनपटी पर रख दी- “लेकिन उससे पहले मैं तेरी अभी, इसी वक्त ऐसी तैसी फेर दूंगा । रिवॉल्वर का घोड़ा दबेगा और तू ऊपर होगा, हमेशा के लिये ऊपर ।”
अजनबी ने रिवॉल्वर का सैफ्टी-कैच हटाया, तो राज के प्राण हलक में आ फंसे ।
“न...नहीं ।” राज की आवाज कंपकंपायी- “न...नहीं ।”
“तो फिर स्पीड बढ़ा ।”
“बढ़ाता हूँ- अ...अभी बढ़ाता हूँ ।”
उसके बाद राज ने सचमुच ऑटो की स्पीड बढ़ा दी ।
फौरन ऑटो बुलेट को पछाड़कर सडक पर भागी ।
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Re: Thriller हादसे की एक रात
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Re: Thriller हादसे की एक रात
Fantastic update bro keep posting
Waiting for the next update
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मेरी नशीली चितवन Running.....मेरी कामुकता का सफ़र Running.....गहरी साजिश Running.....काली घटा/ गुलशन नन्दा ..... तब से अब तक और आगे .....Chudasi (चुदासी ) ....पनौती (थ्रिलर) .....आशा (सामाजिक उपन्यास)complete .....लज़्ज़त का एहसास (मिसेस नादिरा ) चुदने को बेताब पड़ोसन .....आशा...(एक ड्रीमलेडी ).....Tu Hi Tu
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Re: Thriller हादसे की एक रात
“बढ़ाता हूँ- अ...अभी बढ़ाता हूँ ।”
उसके बाद राज ने सचमुच ऑटो की स्पीड बढ़ा दी ।
फौरन ऑटो बुलेट को पछाड़कर सडक पर भागी ।
“अ...आह...आह ।”
यही वो पल था, जब उस अजनबी के मुँह से पहली बार कराह निकली ।
राज ने पीछे मुड़कर देखा, उस समय वह अजनबी अपना सीना भींचे किसी दर्द को दबाने की कोशिश कर रहा था ।
राज ने स्पीड और तेज कर दी ।
एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर होने के नाते उसे यूं तो सभी रास्तों की जानकारी बड़े अच्छे ढंग से थी, लेकिन कहाँ बुलेट और कहाँ उसकी ऑटो ?
खरगोश और कछुए जैसी उस दौड़ में जो बात राज के लिये सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हुई, वह था कनॉट प्लेस में बिछा सड़कों का जाल ।
राज अपनी ऑटो रिक्शा को स्टेट्समैन तथा सुपर बाजार की पेंचदार गलियों में घुमाता हुआ जल्द ही फ्लाइंग स्क्वॉयड की मोटरसाइकिल को धोखा देने में कामयाब हो गया ।
☐☐☐
दस मिनट बाद ही ऑटो रिक्शा दरियागंज के इलाके में दौड़ रही थी ।
“श...शाबाश !” अजनबी उसकी सफलता से खुश हुआ- “श...शाबास ।”
राज ने फिर पीछे मुड़कर देखा ।
अजनबी अब सीट पर अधलेटा-सा हो गया था और उसने अपना सिर पीछे टिका लिया था ।
राज को उसकी हालत ठीक न दिखाई दी ।
जरूर वह कोई खतरनाक अपराधी था ।
“एक सवाल पूछूं ?” राज थोड़ी हिम्मत करके बोला ।
“प...पूछो ।”
“तुम्हारे पीछे पुलिस क्यों लगी थी ?”
“प...पुलिस !”
“हाँ ।”
“त..तुम अभी यह बात नहीं समझोगे ।” अजनबी पुनः पीड़ा से कराहता हुआ बोला- “य...यह एक लम्बी कहानी है ।”
“तुम कराह क्यों रहे हो ?”
“म...मुझे गोली लगी है ।”
“गोली ।”
बम सा फट गया राज के दिमाग में, उसके कण्ठ से चीख-सी खारिज हुई ।
हाथ ऑटो रिक्शा के हैंडल पर बुरी तरह कांपें, जिसके कारण पूरी ऑटो को भूकम्प जैसा झटका लगा ।
“ल...लेकिन किसने मारी तुम्हें गोली- प...पुलिस ने ?”
अजनबी कुछ न बोला ।
ऑटो रिक्शा अभी भी तूफानी गति से सड़क पर दौड़ी जा रही थी ।
“त...तुम्हें जाना कहाँ है ?”
अजनबी फिर चुप ।
वह कराहता हुआ सीट पर कुछ और पसर गया ।
“जवाब क्यों नहीं देते ?”
“त...तुम कहाँ रहते हो ?”
“म...मैं !” राज सकपकाया- “ल...लेकिन तुम्हें इससे क्या मतलब है ?”
उसके बाद राज ने सचमुच ऑटो की स्पीड बढ़ा दी ।
फौरन ऑटो बुलेट को पछाड़कर सडक पर भागी ।
“अ...आह...आह ।”
यही वो पल था, जब उस अजनबी के मुँह से पहली बार कराह निकली ।
राज ने पीछे मुड़कर देखा, उस समय वह अजनबी अपना सीना भींचे किसी दर्द को दबाने की कोशिश कर रहा था ।
राज ने स्पीड और तेज कर दी ।
एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर होने के नाते उसे यूं तो सभी रास्तों की जानकारी बड़े अच्छे ढंग से थी, लेकिन कहाँ बुलेट और कहाँ उसकी ऑटो ?
खरगोश और कछुए जैसी उस दौड़ में जो बात राज के लिये सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हुई, वह था कनॉट प्लेस में बिछा सड़कों का जाल ।
राज अपनी ऑटो रिक्शा को स्टेट्समैन तथा सुपर बाजार की पेंचदार गलियों में घुमाता हुआ जल्द ही फ्लाइंग स्क्वॉयड की मोटरसाइकिल को धोखा देने में कामयाब हो गया ।
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दस मिनट बाद ही ऑटो रिक्शा दरियागंज के इलाके में दौड़ रही थी ।
“श...शाबाश !” अजनबी उसकी सफलता से खुश हुआ- “श...शाबास ।”
राज ने फिर पीछे मुड़कर देखा ।
अजनबी अब सीट पर अधलेटा-सा हो गया था और उसने अपना सिर पीछे टिका लिया था ।
राज को उसकी हालत ठीक न दिखाई दी ।
जरूर वह कोई खतरनाक अपराधी था ।
“एक सवाल पूछूं ?” राज थोड़ी हिम्मत करके बोला ।
“प...पूछो ।”
“तुम्हारे पीछे पुलिस क्यों लगी थी ?”
“प...पुलिस !”
“हाँ ।”
“त..तुम अभी यह बात नहीं समझोगे ।” अजनबी पुनः पीड़ा से कराहता हुआ बोला- “य...यह एक लम्बी कहानी है ।”
“तुम कराह क्यों रहे हो ?”
“म...मुझे गोली लगी है ।”
“गोली ।”
बम सा फट गया राज के दिमाग में, उसके कण्ठ से चीख-सी खारिज हुई ।
हाथ ऑटो रिक्शा के हैंडल पर बुरी तरह कांपें, जिसके कारण पूरी ऑटो को भूकम्प जैसा झटका लगा ।
“ल...लेकिन किसने मारी तुम्हें गोली- प...पुलिस ने ?”
अजनबी कुछ न बोला ।
ऑटो रिक्शा अभी भी तूफानी गति से सड़क पर दौड़ी जा रही थी ।
“त...तुम्हें जाना कहाँ है ?”
अजनबी फिर चुप ।
वह कराहता हुआ सीट पर कुछ और पसर गया ।
“जवाब क्यों नहीं देते ?”
“त...तुम कहाँ रहते हो ?”
“म...मैं !” राज सकपकाया- “ल...लेकिन तुम्हें इससे क्या मतलब है ?”
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)