Adultery एक कायर भाई

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Rakeshsingh1999
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Adultery एक कायर भाई

Post by Rakeshsingh1999 »

मार्च का महीना था.... मैं अपनी रूपाली दीदी और उनकी छोटी सी बेटी मुन्नी के साथ उन के ससुराल से ऑटो में निकला.... 2 साल हो चुके थे मेरी दीदी की शादी  के तब तक.... मुन्नी तो उस वक्त सिर्फ 6 महीने की थी.... शादी के बाद पहली बार  मेरी रूपाली दीदी अपने मायके लौट रही थी... हम सब बेहद खुश थे... वैसे तो   जीजाजी  भी हमारे साथ आने वाले थे, पर उनके बिजनेस में कुछ प्रॉब्लम  आ गई अचानक इसी कारण उन्होंने अपना प्लान  कुछ दिनों के लिए टाल दिया था... दोपहर का समय था और मौसम भी बेहद खुशनुमा था.... बातों बातों में पता चला कि ऑटो वाला भी हमारे बगल के गांव का ही है... उसका नाम सुरेश है और वह तकरीबन 40 साल का होगा.. हम लोग बातचीत करते हुए चल  रहे थे... सुरेश की बातचीत  के अंदाज से मुझे लग रहा था कि वह बेहद अच्छा इंसान है.... मेरी रूपाली दीदी को  वह मालकिन  बोल के संबोधित कर रहा था...... और दीदी भी उसके साथ बड़े अच्छे से पेश आ रही थी.... वैसे भी मेरी दीदी का नेचर बहुत अच्छा है.... वह हमेशा दूसरे लोगों के साथ बहुत ही नम्रता और शालीनता के साथ  बात करती है...  जरा सा भी घमंड उनके व्यवहार में कभी नहीं दिखता है... एक बात मैं बता दूं आप लोग को कि बेहद खूबसूरत महिला है मेरी  रूपाली  दीदी.... उनकी खूबसूरती की चर्चा ना सिर्फ हमारे गांव बल्कि पूरे शहर में  थी.... उनकी शादी के पहले..... जब मेरी दीदी की शादी की बात चली तब तो सैकड़ों रिश्ते आए थे हमारे पास पर जहां पर मेरी मम्मी ने तय किया वही मेरी दीदी ने भी स्वीकार कर लिया... वैसे मेरे जीजू दिखने में कुछ खास हैंडसम नहीं है और उनकी उम्र भी तकरीबन 40 साल थी शादी के वक्त..... तब 26 साल की थी मेरी दीदी... 18 साल का था तब मैं.... मैं तो दीदी के साथ ही गया था शादी के बाद उन के ससुराल.... तकरीबन 2 महीने रहा था मैं उन दोनों के साथ... वहां पर जो कुछ भी हुआ था उसकी चर्चा मैं आप लोगों से बाद में करूंगा पर अभी तो हम ऑटो वाले के साथ थे..... और रास्ता भी बहुत लंबा था.. अचानक सुरेश ने कहा... बाबूजी एक काम करे क्या... वैसे तो हमें 4 घंटे लगेंगे गांव पहुंचने में... पर एक रास्ता है जहां से हम शॉर्टकट ले सकते हैं... फिर तो 2 घंटे में पहुंच जाएंगे अपने गांव....
 अरे नहीं सुरेश भाई जंगल का है वो रास्ता... बहुत डेंजर  हो सकता है उस  रास्ते में... उधर से जाना ठीक नहीं..... वैसे भी हमारे पास बहुत समय है.... मैंने सुरेश को जवाब दिया....
 ठीक है बाबू जी जैसी आपकी मर्जी..... पर मैं तो लगभग रोज ही उस रास्ते पर जाता हूं.... ऐसा कोई डेंजर तो नहीं है उधर... पर अब आपकी मर्जी नहीं है तो कोई बात नहीं... सुरेश ने कहा...
 कौन से रास्ते की बात कर रहे हो आप लोग.... रुपाली  दीदी ने पूछा... मालकिन यही माधोपुर से एक शॉर्टकट  का रास्ता है जो सीधे हमारे गांव पहुंचा देता है.... जंगल का रास्ता है .. पर आज तक तो कभी कुछ नहीं हुआ... सुरेश ने जवाब दिया....
 उसे लगा शायद मेरी रूपाली दीदी मान जाएगी..
 फिर ठीक है ना उधर से चलते हैं,  क्यों अंशुल.... वैसे भी हमारे सुरेश भैया है ना.... इनको तो सब पता होगा.... रूपाली दीदी ने कहा..
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Rakeshsingh1999
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Re: Adultery एक कायर भाई

Post by Rakeshsingh1999 »

नहीं  दीदी वह बहुत घना जंगल..... बोलते बोलते मेरी जुबान रुक गई क्योंकि दीदी  ने मुझे बीच में  रोक दिया था... अंशुल तुम टेंशन मत लो सुरेश भैया है ना हमारे साथ...  सुरेश भैया आप ही बोलो कुछ प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना.... रूपाली दीदी बोल  रही थी....
 नहीं मालकिन कोई प्रॉब्लम नहीं होगी... आप मुझ पर ट्रस्ट कीजिए.. 2 घंटे के अंदर आप लोगों को आपके घर नहीं  पहुंचा दिया तो मेरा नाम सुरेश नहीं.... उसने कहा.....
 तो ठीक है भैया, जंगल वाले रास्ते पर  पर ही चलेंगे हम लोग.... दीदी ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा....
 मेरी कुछ समझ में नहीं आया कि मैं क्या बोलूं.... ठीक है सुरेश भाई हम लोग शॉर्टकट वाले रास्ते से चलते हैं... मैंने सुरेश को कहा.... ठीक है बाबू जी जैसी आपकी मर्जी..... सुरेश ने कहा और अगले मोड़ पर  ऑटो जंगल वाले रास्ते की तरफ मोड़ दिया.... तकरीबन 1 घंटे तक सुरेश की ऑटो सुनसान जंगल वाले रास्ते पर चलती रही.... रास्ता बेहद खराब था.... सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे  होने के कारण उसकी ऑटो हिचकोले खा रही थी... मुन्नी सो चुकी थी और मेरी दीदी भी लगभग नींद की आगोश में आ गई थी पर मैं जगा हुआ था....
 अचानक उसकी ऑटो बंद हो गई.... सुरेश उसे स्टार्ट करने की कोशिश करने लगा.... पर वह बार बार विफल हो रहा था...
 क्या हुआ सुरेश भाई ऑटो स्टार्ट क्यों नहीं हो रही है...
 मैंने व्यतीत होते हुए सुरेश से पूछा.... मैं डर गया था क्योंकि हम बीच जंगल में थे... सुरेश ऑटो से बाहर निकल के उसका इंजन चेक करने लगा...
 बाबूजी लगता है कार्बोरेटर गर्म होने के कारण इंजन स्टार्ट नहीं हो रही हैै...
 अब क्या करें सुरेश भाई... मैं वाकई डर गया था....
 भरी दुपहरी के  बावजूद जंगल में अंधेरा जैसा लग रहा था...
 क्या हुआ सुरेश भैया हम लोग यहां के रुके हुए है.... दीदी जाग चुकी थी और ऑटो से बाहर निकल कर आ गई थी... मुन्नी को उन्होंने ऑटो  की सीट पर सुला दिया था...... सुरेश ने कुछ भी जवाब नहीं दिया बल्कि वह तो अपने ऑटो के इंजन को स्टार्ट करने में व्यस्त था.. जो बिल्कुल भी नहीं हो रहा था...
 दीदी मैंने कहा था ना कि इस रास्ते नहीं आते हैं...
 अब तो यहां हम किसी को हेल्प के लिए बुला नहीं सकते...क्या करें बताओ.... मैंने कहा.
 अंशुल तुम टेंशन मत लो सुरेश भैया कुछ ना कुछ करेंगे... भैया बताओ ना क्या प्रॉब्लम हो गई......  दीदी ने सुरेश से पूछा उसके पास जाकर.....
 मालकिन कार्बोरेटर गरम हो  गया है, इसको ठंडे पानी की जरूरत है अभी स्टार्ट होने के लिए.... सुरेश ने कहा....
 पर भैया यहां पर ठंडा पानी कहां मिलेगा इस  जंगल में..
 दीदी की आवाज में भी परेशानी झलक रही थी.... मालकिन यहां से थोड़ी दूर पर एक हैंडपंप है.... वहां पर पानी मिल सकता है... मेरे पास दो तीन बोतल है..... मैं ले कर आता हूं वहां से पानी... सुरेश ने कहा....
 मेरी रूपाली  दीदी बेहद डरी हुई थी..... आप  लोग यहीं पर  रुको... मैं पानी लेकर आता हूं... बस मुझे अपनी बोतल दे दो..... मैंने सुरेश को कहा...
 सुरेश ने मुझे दो बोतल थमाई, और मुझे  अच्छे से बताया कि वह हैंडपंप किस तरफ है...... मैं दौड़ता हुआ उस हैंडपंप  पर पहुंचा.... उसने बिल्कुल सही बताया था... दो बोतल पानी भरने के बाद जल्दी जल्दी मैं वापस भागने लगा.... दौड़ता हुआ जब मैं वापस ऑटो, दीदी, 
 सुरेश और मुन्नी के  पास पहुंचा तो मेरी फट के दो से चार हो गई...
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Rakeshsingh1999
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Re: Adultery एक कायर भाई

Post by Rakeshsingh1999 »

मेरी रूपाली दीदी को दो  तगड़े  मर्दों ने  घेर रखा था.... ऑटो वाला सुरेश भी उनके पास ही खड़ा था....
 कौन हो तुम लोग ...छोड़ दो मेरी दीदी को वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा.... मैंने  गुस्से में चिल्लाते हुए  कहा और उनकी तरफ बढ़ने लगा.. सब लोग मेरी तरफ पलट के देखने लगे... मुझे उन दोनों को पहचानने में देर नहीं लगी.... दोनों हमारे ही गांव के मशहूर गुंडे थे.... असलम और जुनैद.... उन दोनों पर ना जाने कितने पुलिस केस थे... आजकल दोनों एक मर्डर केस में फरार थे.... उनको पहचानते ही मेरी हालत बुरी तरह खराब हो गई... मैं बेहद भयभीत हो गया.... मेरी रूपाली  दीदी की हालत और भी खराब थी... तेरी बहन का  लोड़ा ....तू भी साथ में है... हमें तो लगा  तेरी दीदी अकेली है... क्यों बे सुरेश  गांडू तू  इसे क्यों ले लिया है यहां पर... असलम   सुरेश से पूछ रहा था पर मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुरा रहा था.... मैं क्या करता ...बाबूजी तो साथ में ही थे... इनको कहीं रास्ते में तो छोड़ नहीं सकता था... सुरेश ने नजरे झुकाते हुए कहा....
 मुझे समझ में आ गया कि सुरेश  ने हम लोग यहां इस मुसीबत में  फसाया है.... मुझे दीदी पर भी गुस्सा आने लगा कि क्यों उन्होंने इस हरामजादे की बात मानी... पर अब पछताने से क्या फायदा... हमें इस मुसीबत से बाहर निकलना था....
  मेरे रूपाली दीदी डर के मारे थरथर कांप रही थी... उनके माथे पे पसीना चमक रहा था... उनके  गुलाबी होंठ   थरथर आ रहे थे कुछ बोलने के लिए, पर उनकी आवाज नहीं निकल रही थी...
 वाह सुरेश तूने तो आज हमारी मुराद पूरी कर दी...  इसकी माल बहना को चोदने का  सपना तो हम लोग न जाने कितने दिनों से देख रहे थे... साला इसके नाम अपने लोड़े का पानी न जाने कितनी बार  निकाला होगा  मैंने.... असलम बोला कभी मेरी तरफ तो कभी मेरी दीदी की तरफ  देखते हुए...... मेरे बदन में तो मानो काटो तो खून नहीं.. क्या मस्त माल लग रही है बहन की लोड़ी यार...  रूपाली रांड... साली का  बदन तो कितना  गदरआ गया है असलम भाई.... जुनैद मेरी दीदी को गंदी निगाहों से देखता हुआ बोल रहा था...
 उसने मेरी दीदी के बारे में रांड शब्द का इस्तेमाल किया था... दीदी की निगाहें शर्म के मारे झुक गई...

हाय रे मेरी शर्मिली  छमिया .... जी तो चाहता है बस तुझे अभी  यहीं पर पटक के ....... बोलते बोलते जुनैद के मुंह से लार  टपकने  लगी...
 साला इसके आगे तो फिल्मों की हीरोइन भी कुछ नहीं... साली की   चूंचियां  देख यार..... असलम ने अपनी बात भी खत्म नहीं की थी उसके पहले ही  जुनैद ने मेरी दीदी की  गुलाबी साड़ी का आंचल उनके सीने से हटा  दीया... मेरा तन बदन गुस्से से जलने लगा पर मैं कुछ भी करने की  हालत में नहीं था... मैं गुस्से से जुनैद की तरफ उसे मारने के लिए  आगे बढ़ा.... पर बीच में ही असलम ने मुझे  दबोच लिया...  उसके तगड़े बदन के आगे मैं बेबस हो गया... उसने मेरा कॉलर पकड़ कर दो तीन थप्पड़ मारे, फिर मेरे पेट में  घुसा जड़ दिया.... मुझे दिन में तारे दिखाई देने लगे....  रूपाली दीदी रोने चिल्लाने लगी थी..... प्लीज आप लोग मेरे भाई को मत मारो..... आप लोगों को जो भी चाहिए मैं देने को तैयार हूं... हमारे पास कुछ ज्वैलरी है.... और ₹12000  कैश है.... आप यह सब कुछ ले लो... और प्लीज हमें जाने दो  अब यहां से..... मेरे भाई को छोड़   दो प्लीज मैं आपके  आगे हाथ जोड़ती रही  हूं.... मेरी दीदी ने पूरी तरह लाचार होते हुए कहा... उनकी आंखों में आंसू भर आए थे मेरी पिटाई देख के.. मेरी भोली हसीन  रंडी.. तुझे समझ नहीं आ रहा है कि हम तुझे यहां क्यों लाए.... जुनैद मेरी दीदी को देखता होगा कामुक निगाहों से अपनी जुबान पर अपनी जीभ को  घुमा रहा था.... मैं थोड़ा बहुत संभल के खड़ा हो गया.... दीदी  के सीने पर अभी भी उनका आंचल नहीं था.... गुलाबी रंग की चोली में, जो कि स्लीवलेस और बैकलेस  भी थी... उनके दोनों पर्वत उनकी डरी हुई सांसो के साथ ऊपर नीचे हो  रहे थे.... दीदी की चोली वाकई में बहुत तंग थी... उनकी दोनों बड़ी बड़ी  छातिया उनकी चोली को फाड़ के बाहर निकलने को बेताब हो  रहे थे... दीदी का मंगलसूत्र उनके क्लीवेज पर टिका हुआ था... मेरी रूपाली दीदी  दोनों बड़े बड़े  पर्वतों को अपने कठोर हाथों में दबोच कर जुनैद  उनको भोंपू की तरह  दबाने लगा..
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Re: Adultery एक कायर भाई

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दीदी का विरोध नाम मात्र का था.. उनके मुंह से  बस एक आह निकली.... दीदी की चुचियों को छोड़कर कमर से पकड़ा जुनैद ने उन्हें और अपने बदन से चिपका लिया... वैसे तो मेरी दीदी की लंबाई भी 5 फुट 7 इंच होगी और जुनैद के 6 फुट 2 इंच लंबे बदन के आगे दीदी बिल्कुल बच्ची लग रही थी..... मेरी रूपाली  दीदी की सुर्ख गुलाबी होंठ जो लिपस्टिक के कारण बिल्कुल लाल लग रहे थे, उन पर जुनैद ने अपना अंगूठा रख दिया और फिरआने लगा... दीदी की आंखें बंद हो गई थी.....
 बहन चोद ऊपर के होंठ  इतने गर्म है तो नीचे के होठों और कितने गरम  होंग मेरे रूपाली जान..... जुनैद ने बड़ी कामुकता के साथ कहा..मेरी तो समझ में नहीं आया कि वह नीचे  के  किन होठों की बात कर रहा था.... पर असलम और साथ ही साथ  सुरेश भी मुस्कुराने लगा था  जुनैद की बात सुनकर.... असलम मेरी रूपाली दीदी के पीछे आया.... दीदी के गांड के दोनों भागों को अपने हाथों में दबोच कर वह   मसल  रहा था... मेरी दीदी की  गोरी नंगी पीठ और गर्दन को  वह चूमने और चाटने लगा था.... असलम  का लोड़ा जिसने उसके पजामे के अंदर तंबू बना रखा था, मेरी दीदी की गांड  के  दरार के बीच में फंसा हुआ था उनकी  साड़ी के ऊपर से...
 मेरी दीदी के मुंह से कुछ आवाज निकलती इसके पहले ही  जुनैद ने  उनके सुर्ख गुलाबी होठों को अपने खुर्दरे मर्दाना होठों के बीच दबोच लिया और चूसने लगा...
 मेरी रूपाली दीदी उन दोनों के मर्दाना जिस्म के बीच  सैंडविच बन गई थी...... जुनैद मेरी दीदी के दोनों चूचियों को अपने हाथों में जकड़ कर उनके होठों का रस पी रहा था और पीछे से असलम मेरी दीदी की गांड को दबोच के उनकी पीठ और गर्दन को चाट रहा था.... ऑटो वाला सुरेश  दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध हो गया था... यहां तक कि वह भी अपने  पैंट के ऊपर से अपने लिंग को मसल रहा था.... मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं क्या करूं... मेरी दीदी फस चुकी थी गुंडों के बीच और मैं बेचारा भाई..... वह दोनों मेरी दीदी के नाजुक अंगों के साथ खेल रहे थे और मेरी दीदी का विरोध भी हमारी मजबूरी में दफन हो चुका था.... भरी दुपहरी में बीच सड़क पर यह खेल चल रहा था... यहां बीच सड़क पर सब करना ठीक नहीं है साहब जी.. आप लोग इनको अपने अड्डे पर ले जाओ और जी भर के ऐश करो.... यहां  सड़क पर हमें किसी ने देख लिया  यह सब कुछ करते हुए तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी आपके लिए भी, हमारे लिए भी.... सुरेश ने कहा वह भी थोड़ा बहुत डरा हुआ था...
 सुरेश की बात सुनकर असलम ने मेरी दीदी को छोड़ दिया पर  जुनैद अभी भी मेरी दीदी की छातियों को बुरी तरह  मसल रहा था.... उसने मेरी दीदी के होठों को अपने होठों से आजाद किया और बोला.... तू सही कह रहा है सुरेश..... हम अपनी महबूबा को यहां नहीं  चोदेंगे .... इसे तो हम अपने अड्डे पर ले जाकर   पटक पटक के  पलेंगे ठोकेंगे.... पर मैं  अपनी इस रंडी के भाई का क्या करूं... यह बहन का लौड़ा सारा मजा खराब कर देगा... देख जुनैद हम तो इसकी रूपाली बहना को खूब  ठोकेंगे, पर हम  इस बहन के लोड़े को यहां से जाने नहीं दे सकते.... क्योंकि अगर यह मादरजात यहां से गया तो फिर हमारी पुलिस में कंप्लेंट कर देगा और इसके पीछे पीछे पुलिस यहां तक पहुंच जाएगी... इस भोसड़ी वाले  को अपने साथ लेकर चलते हैं.. इसकी दीदी   वहां पर  हमारे लोड़े पर बैठेगी और  यह मादरजात  देखेगा.... असलम ने बड़े कठोर तरीके से मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखते हुए कहा..
 बहुत सही आईडिया है असलम भाई... और कोई रास्ता भी नहीं है... इस गांडू को तो यहां छोड़ नहीं सकते... जुनैद ने कहा...
 साहब जी मैं क्या करूं..... सुरेश ऑटो वाले ने पूछा..
 तू एक काम कर तीन चार बोतल दारु का इंतजाम कर हमारे लिए..... बोलते हुए असलम ने सुरेश को कुछ पैसे दिए...
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Re: Adultery एक कायर भाई

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असलम ने बंदूक निकाली और मेरी कनपटी पर सटा दिया... बहन के लोड़े जरा भी नाटक  किया तो तेरा भेजा उड़ा दूंगा मादरजात... चुपचाप अपनी भांजी को गोद में ले ले और हमारे साथ चल... असलम ने  निर्दयता के साथ कहा.
 मैंने भी वही किया जो उसने मुझे कहा था... मुन्नी तब भी सो  रही थी.. मैंने उसे अपनी गोद में ले लिया.... असलम ने सुरेश को इशारा किया और  दारु का इंतजाम करने के लिए निकल पड़ा सुरेश... जुनैद मेरी रूपाली दीदी को पकड़ के जंगल के अंदर एक अजीबोगरीब रास्ते पर ले जाने लगा... मैं  असलम के साथ उनके पीछे-पीछे चलने लगा..
 मेरी आंखों में आंसू थे पर मैं भी  दीदी की तरह  कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं था... हम लोग कुछ देर चुप चाप उस रास्ते पर चलते  रहे..
 तेरी रूपाली दीदी  फिल्म की हीरोइन से भी ज्यादा मस्त हो गई है रे... बहन चोद पटाखा लग रही है... शादी के पहले भी  तेरी दीदी ने पूरे गांव के लोड़े पर बिजली गिरा रखी थी... असलम  बेहद कामुक निगाहों से मेरी दीदी को पीछे से देखते हुए बोल रहा था.... मैं पूरी तरह लाचार और  चुप हो गया था...
 हाय रे क्या तरबूज से  गांड है तेरी दीदी की.... उफ्फ यह पतली कमर.... देख तो सही... क्या मस्ती हो रही है तेरी दीदी की गांड.. हाय रे कितना मटक रही है यार इसकी  गांड.... जी चाहता  है कि यहीं पर  इस की गांड मार  लो... असलम पैंट के ऊपर से अपने लोड़े पर हाथ फेर रहा था... ना चाहते हुए भी मेरी नजर  मेरी दीदी पर पड़ी.... और मैंने नजरें झुका ली.... लगभग नंगी थी मेरी दीदी की पीठ...... गोरी चिट्टी मखमली.... वस्त्र के नाम पर दीदी की पीठ पर उनकी तंग चोली के दो धागे बंधे हुए थे जो उनकी  बड़ी-बड़ी चुचियों को चोली के अंदर ही रहने में सहायता  कर रहे थे... दीदी जब अपनी पतली कमर लचका  कर आगे बढ़ रही थी जब उनकी  तरबूज  जैसी  नितंबों के दोनों  भाग ऊपर नीचे हो रहे थे, जो आपस में रगड़ खा रहे थे...... जुनेद आज इस साली कुतिया रंडी को चोदने का  हमारा सपना पूरा हो जाएगा... कितने दिनों से छिनाल के नाम पर अपना लौड़ा  हिला रहे थे.... असलम ने जुनैद को संबोधित करते हुए थोड़ी तेज आवाज में  कहा...
 हां भाई आज तो  इसे  हचक  के चोदेंगे...   और इसका भाई भी देखेगा... मेरी रूपाली जान तो जब से जवान हो गई तभी से  मैं अपना लौड़ा हाथ में लेकर रोज सपने देखता हूं इस छिनाल के... जुनैद ने कहा और दीदी की कमर  थाम लेने से पहले उनकी  गांड पर एक बार हाथ फिराया और मांसल हिस्से को मसल दिया... 
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